hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
नये पड़ोसी पार्ट--1
में राज और मेरी पत्नी प्रीति मुंबई सहेर के सुबुर्ब मलाड में रहते हैं. ये कहानी करीब आज से छः महीने पहले शुरू हुई जब हमारे बगल के फ्लॅट में नये पड़ोसी रहने के लिए आए.
हमारे नए पड़ोसी मिस्टर. प्रशांत एक कन्सल्टेंट हैं, और उनकी पत्नी बबिता जो एक घरेलू महिला थी. वैसे तो मुंबई इतना बिज़ी सहेर है की यहाँ किसी को किसी के लिए फ़ुर्सत ही नही है. नए पड़ोसी होने के नाते हमारी जान पहचान बढ़ी और हम दो परिवार काफ़ी घुल मिल गये थे.
में और मेरी पत्नी प्रीति के विचार एक समान थे. हम दोनो ओपन सेक्स में विश्वास रखते थे. शादी के पहले ही हम दोनो सेक्स का मज़ा ले चुके थे. हम दोनो अपनी पुरानी सेक्स घटनाओं के बारे में अक्सर एक दूसरे को बताते रहते थे. चुदाई के किस्से सुनाते या सुनते वक़्त प्रीति इतनी उत्तेजित हो जाती कि उसकी चूत की प्यास मिटाना कभी मुश्किल हो जाता था.
मेने और प्रीति ने इस शनिवार प्रशांत और बबिता को अपने यहाँ खाने की दावत दी. दोनो राज़ी हो गये. प्रशांत एक शानदार व्यक्तित्व का मालिक था, 6.2 हाइट, कसरती बदन. बबिता भी काफ़ी सुन्दर थी, गोल चेहरा, लंबी टाँगे और खास तौर पर उसकी नीली आँखें. पता नही उसकी आँखों मे क्या आकर्षण था कि जी करता हर वक़्त उसकी आँखों में इंसान झाकता रहे.
शनिवार की शाम ठीक 7.00 बजे प्रशांत और बबिता हमारे घर पहुँचे. प्रशांत ने शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहन रखी थी, जिससे उसका कसरती बदन सॉफ झलक रहा था. बबिता ने कॉटन का टॉप और जीन्स पहेन रखी थी. उसकी कोटन के टॉप से झलकते उसके निपल साफ बता रहे थे कि उसने ब्रा नही पहन रखी है. जीन्स भी इतनी टाइट थी कि उसके चूतड़ की गोलाइया किसी को भी दीवाना कर सकती थी. उसे इस सेक्सी पोज़ में देख मेरे लंड में सुरसूराहट होने लग गयी थी.
मेने देखा कि प्रीति प्रशांत की ओर आकर्षित हो रही है. वो अपने अधखुले ब्लाउस से प्रशांत को अपने चुचियों के दर्शन करा रही थी. आज प्रीति अपनी टाइट जीन्स और लो कट टॉप में कुछ ज़्यादा ही सुन्दर दिख रही थी. वहीं बबिता भी मेरे साथ ऐसे बिहेव कर रही थी जैसे हम कई बरसों पुराने दोस्त हों.
हम चारों आपस में ऐसे बात कर रहे थे कि कोई देख के कह नही सकता था कि हमारी जान पहचान चंद दिनो पुरानी है. पहले शराब का दौर चला और फिर खाना खाने के बाद हम सब ड्रॉयिंग रूम में बैठे थे.
मेने स्टेरीयो पर एक री-मिक्स की कसेट लगा दी. बबिता ने खड़ी हो प्रशांत को डॅन्स करने के लिए कहा, किंतु उसने उसे मना कर दिया शय्याद उसे नशा हो गया था, मगर उसने बबिता को मेरे साथ डॅन्स करने को कहा. बबिता ने मुझे खींच कर खड़ा कर दिया.
हम दोनो गाने की धुन पर एक दूसरे के साथ नाच रहे थे. बबिता ने अपने दोनो हाथ मेरी गर्दन पर रख मुझसे सात ते हुए नाच रही थी. उसके बदन की गर्मी मुझे मदहोश कर रही थी. मेने भी अपने दोनो हाथ उसकी कमर पे रख उसे अपने और करीब खींच लिया.
उसके बदन की गर्माहट और बदन से उठती खुश्बू ने मुझे मजबूर कर दिया और मैने कस्के के उसे अपनी छाती से चिपका लिया. मेरा लंड उसकी चूत पे ठोकर मार रहा था. तभी मुझे ख़याल आया कि मेरी बीवी और उसका पति भी इसी कमरे में हैं, मेने गर्दन घुमा के देखा तो पाया कि प्रीति प्रशांत को खींच कर डॅन्स के लिए खड़ा कर चुकी है.
शायद मेरी बीवी की सुंदरता और खुलेपन ने प्रशांत को डॅन्स करने पे मजबूर कर दिया था, इसीलिए वो प्रीति को मना नही कर पाया. दोनो एक दूसरे को बाहों में ले हमारे पास ही डॅन्स कर रहे थे. नाचते नाचते प्रीति ने लाइट धीमी कर दी. कमरे में बहोत ही हल्की रोशनी थी. हम चारों कामुकता की आग में जल रहे थे.
बबिता मुझसे और चिपकती मेरे कानो में बोली, "अछा है थोड़ा अंधेरा हो गया." मेने उसे और कस के अपनी बाहों में ले अपने होठ उसके होठों पे रख दिए. उसने भी सहयोग देते हुए अपना मूह खोल दिया और जीभ मेरे मुँह में डाल दी. हम दोनो एक दूसरे की जीभ चुभलने लगे.
में राज और मेरी पत्नी प्रीति मुंबई सहेर के सुबुर्ब मलाड में रहते हैं. ये कहानी करीब आज से छः महीने पहले शुरू हुई जब हमारे बगल के फ्लॅट में नये पड़ोसी रहने के लिए आए.
हमारे नए पड़ोसी मिस्टर. प्रशांत एक कन्सल्टेंट हैं, और उनकी पत्नी बबिता जो एक घरेलू महिला थी. वैसे तो मुंबई इतना बिज़ी सहेर है की यहाँ किसी को किसी के लिए फ़ुर्सत ही नही है. नए पड़ोसी होने के नाते हमारी जान पहचान बढ़ी और हम दो परिवार काफ़ी घुल मिल गये थे.
में और मेरी पत्नी प्रीति के विचार एक समान थे. हम दोनो ओपन सेक्स में विश्वास रखते थे. शादी के पहले ही हम दोनो सेक्स का मज़ा ले चुके थे. हम दोनो अपनी पुरानी सेक्स घटनाओं के बारे में अक्सर एक दूसरे को बताते रहते थे. चुदाई के किस्से सुनाते या सुनते वक़्त प्रीति इतनी उत्तेजित हो जाती कि उसकी चूत की प्यास मिटाना कभी मुश्किल हो जाता था.
मेने और प्रीति ने इस शनिवार प्रशांत और बबिता को अपने यहाँ खाने की दावत दी. दोनो राज़ी हो गये. प्रशांत एक शानदार व्यक्तित्व का मालिक था, 6.2 हाइट, कसरती बदन. बबिता भी काफ़ी सुन्दर थी, गोल चेहरा, लंबी टाँगे और खास तौर पर उसकी नीली आँखें. पता नही उसकी आँखों मे क्या आकर्षण था कि जी करता हर वक़्त उसकी आँखों में इंसान झाकता रहे.
शनिवार की शाम ठीक 7.00 बजे प्रशांत और बबिता हमारे घर पहुँचे. प्रशांत ने शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहन रखी थी, जिससे उसका कसरती बदन सॉफ झलक रहा था. बबिता ने कॉटन का टॉप और जीन्स पहेन रखी थी. उसकी कोटन के टॉप से झलकते उसके निपल साफ बता रहे थे कि उसने ब्रा नही पहन रखी है. जीन्स भी इतनी टाइट थी कि उसके चूतड़ की गोलाइया किसी को भी दीवाना कर सकती थी. उसे इस सेक्सी पोज़ में देख मेरे लंड में सुरसूराहट होने लग गयी थी.
मेने देखा कि प्रीति प्रशांत की ओर आकर्षित हो रही है. वो अपने अधखुले ब्लाउस से प्रशांत को अपने चुचियों के दर्शन करा रही थी. आज प्रीति अपनी टाइट जीन्स और लो कट टॉप में कुछ ज़्यादा ही सुन्दर दिख रही थी. वहीं बबिता भी मेरे साथ ऐसे बिहेव कर रही थी जैसे हम कई बरसों पुराने दोस्त हों.
हम चारों आपस में ऐसे बात कर रहे थे कि कोई देख के कह नही सकता था कि हमारी जान पहचान चंद दिनो पुरानी है. पहले शराब का दौर चला और फिर खाना खाने के बाद हम सब ड्रॉयिंग रूम में बैठे थे.
मेने स्टेरीयो पर एक री-मिक्स की कसेट लगा दी. बबिता ने खड़ी हो प्रशांत को डॅन्स करने के लिए कहा, किंतु उसने उसे मना कर दिया शय्याद उसे नशा हो गया था, मगर उसने बबिता को मेरे साथ डॅन्स करने को कहा. बबिता ने मुझे खींच कर खड़ा कर दिया.
हम दोनो गाने की धुन पर एक दूसरे के साथ नाच रहे थे. बबिता ने अपने दोनो हाथ मेरी गर्दन पर रख मुझसे सात ते हुए नाच रही थी. उसके बदन की गर्मी मुझे मदहोश कर रही थी. मेने भी अपने दोनो हाथ उसकी कमर पे रख उसे अपने और करीब खींच लिया.
उसके बदन की गर्माहट और बदन से उठती खुश्बू ने मुझे मजबूर कर दिया और मैने कस्के के उसे अपनी छाती से चिपका लिया. मेरा लंड उसकी चूत पे ठोकर मार रहा था. तभी मुझे ख़याल आया कि मेरी बीवी और उसका पति भी इसी कमरे में हैं, मेने गर्दन घुमा के देखा तो पाया कि प्रीति प्रशांत को खींच कर डॅन्स के लिए खड़ा कर चुकी है.
शायद मेरी बीवी की सुंदरता और खुलेपन ने प्रशांत को डॅन्स करने पे मजबूर कर दिया था, इसीलिए वो प्रीति को मना नही कर पाया. दोनो एक दूसरे को बाहों में ले हमारे पास ही डॅन्स कर रहे थे. नाचते नाचते प्रीति ने लाइट धीमी कर दी. कमरे में बहोत ही हल्की रोशनी थी. हम चारों कामुकता की आग में जल रहे थे.
बबिता मुझसे और चिपकती मेरे कानो में बोली, "अछा है थोड़ा अंधेरा हो गया." मेने उसे और कस के अपनी बाहों में ले अपने होठ उसके होठों पे रख दिए. उसने भी सहयोग देते हुए अपना मूह खोल दिया और जीभ मेरे मुँह में डाल दी. हम दोनो एक दूसरे की जीभ चुभलने लगे.