hotaks444
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बबिता अब घुटनो को बल बैठ कर मेरी पॅंट के बटन खोलने लगी. बटन खुलते ही मेरा लंड फुन्कर मार बाहर निकल आया. बबिता बड़े प्यार से उसे अपने मुँह मे ले चूसने लगी. वो इतने प्यार से चूस रही थी जैसे वो मेरे लंड को अपनी गंद के लिए तय्यार कर रही हो.
मेने अपनी जिंदगी में कभी किसी औरत की गांद नही मारी थी. मेने कई बार प्रीति को इसके लिए कहा पर हर बार उसने सॉफ मना कर दिया. एक बार मेरे काफ़ी ज़िद करने पर वो तय्यार हो गयी. पर मेरी किस्मत जैसे ही मेने अपना लंड उसकी गंद मे घुसाया वो दर्द के मारे इतनी ज़ोर की चीखी, के घबरा कर मेने अपना लंड बाहर निकाल लिया. उसके बाद मेने दुबारा कभी इस बात की हिम्मत नही की.
मगर आज लग रहा था कि मेरी बरसों की मुराद पूरी होने वाला है. मेने बिना समय बिताई अपने कपड़े उतार दिए और नंगा हो गया और बबिता से कहा, "बैठो अब तुम मेरे लंड को अपनी गंद के लिए तय्यार करो?"
वो खड़ी हो गयी और मेरे लंड को पकड़ मुझे बाथरूम की तरफ घसीटने लगी, "राज तुम्हारे पास कोई क्रीम है."
बाथरूम में पहुँच कर मेने स्टॅंड पर से वॅसलीन की शीशी उठा उसे दे दी. मेने सब तय्यारी कल शाम को ही कर ली थी. बबिता मुस्कुराते हुए शीशी मे से थोड़ी क्रीम ले मेरे लंड पर मसल्ने लगी. मेरे लंड मसल्ते हुए वो मेरे सामने खड़ी बड़ी कामुक मुस्कान के साथ मुझे देखे जा रही थी.
बबिता शायद समझ चुकी थी कि मेने अपनी ज़िंदगी मे कभी किसी की गांद नही मारी है. उसने हंसते हुए मुझे बताया कि गांद मरवाने में उसे बहोत मज़ा आता है. उसने बताया कि प्रशांत भी अक्सर उसकी गंद मारते रहता है.
जब मेरा लंड क्रीम से पूरा चिकना हो चुक्का था तो उसने क्रीम की शीशी मुझे पकड़ा कर घूम कर खड़ी हो गयी. शीशे के नीचे लगे शेल्फ को पकड़ वो नीचे झुक गयी और अपनी गांद मेरे सामने कर दी.
बबिता ने शीशे में से मेरी और देखते हुए अपने टाँगो को थोड़ा फैला दिया जिससे उसकी चूत और खुल गयी. बबिता मेरी ओर देखते हुए बोली, "राज अब इस क्रीम को मेरी गान्ड पर अछी तरह चुपद कर मेरी गंद को भी चिकना कर दो?"
मेने थोड़ी सी क्रीम अपनी उंगलियों पे ली और उसके गंद पे मलने लगा. जैसे ही मेरी उंगलियों ने उसके गंद को छुआ वो एक मादक सिसकारी लेते हुए अपने सिर को अपने हाथों पे रख दिया, "राज अब तुम अपनी एक उंगली मेरी गंद मे डाल दो और उसे गोल गोल घूमाओ."
में अपनी एक उंगली उसकी गंद मे डाल गोल गोल घुमाने लगा. थोड़ी देर बाद उसने कहा, "अब तुम थोड़ी और क्रीम अपनी उंगली पे ले अपनी दो उंगलिया मेरी गंद मे डाल अंदर बाहर करने लागो."
उसने जैसा कहा मेने वैसा ही किया. मुझे बहोत मज़ा आ रहा था, एक किसी की बीवी की गांद मरने का मौका उप्पर से वो ही मुझे सीखा रही थी कि गंद कैसे मारी जाती है. काश प्रशांत ये सब देख पता कि कैसे मेरी दो उंगलियाँ उसकी बीवी की गंद मे अंदर बाहर हो रही थी.
मेने अपनी जिंदगी में कभी किसी औरत की गांद नही मारी थी. मेने कई बार प्रीति को इसके लिए कहा पर हर बार उसने सॉफ मना कर दिया. एक बार मेरे काफ़ी ज़िद करने पर वो तय्यार हो गयी. पर मेरी किस्मत जैसे ही मेने अपना लंड उसकी गंद मे घुसाया वो दर्द के मारे इतनी ज़ोर की चीखी, के घबरा कर मेने अपना लंड बाहर निकाल लिया. उसके बाद मेने दुबारा कभी इस बात की हिम्मत नही की.
मगर आज लग रहा था कि मेरी बरसों की मुराद पूरी होने वाला है. मेने बिना समय बिताई अपने कपड़े उतार दिए और नंगा हो गया और बबिता से कहा, "बैठो अब तुम मेरे लंड को अपनी गंद के लिए तय्यार करो?"
वो खड़ी हो गयी और मेरे लंड को पकड़ मुझे बाथरूम की तरफ घसीटने लगी, "राज तुम्हारे पास कोई क्रीम है."
बाथरूम में पहुँच कर मेने स्टॅंड पर से वॅसलीन की शीशी उठा उसे दे दी. मेने सब तय्यारी कल शाम को ही कर ली थी. बबिता मुस्कुराते हुए शीशी मे से थोड़ी क्रीम ले मेरे लंड पर मसल्ने लगी. मेरे लंड मसल्ते हुए वो मेरे सामने खड़ी बड़ी कामुक मुस्कान के साथ मुझे देखे जा रही थी.
बबिता शायद समझ चुकी थी कि मेने अपनी ज़िंदगी मे कभी किसी की गांद नही मारी है. उसने हंसते हुए मुझे बताया कि गांद मरवाने में उसे बहोत मज़ा आता है. उसने बताया कि प्रशांत भी अक्सर उसकी गंद मारते रहता है.
जब मेरा लंड क्रीम से पूरा चिकना हो चुक्का था तो उसने क्रीम की शीशी मुझे पकड़ा कर घूम कर खड़ी हो गयी. शीशे के नीचे लगे शेल्फ को पकड़ वो नीचे झुक गयी और अपनी गांद मेरे सामने कर दी.
बबिता ने शीशे में से मेरी और देखते हुए अपने टाँगो को थोड़ा फैला दिया जिससे उसकी चूत और खुल गयी. बबिता मेरी ओर देखते हुए बोली, "राज अब इस क्रीम को मेरी गान्ड पर अछी तरह चुपद कर मेरी गंद को भी चिकना कर दो?"
मेने थोड़ी सी क्रीम अपनी उंगलियों पे ली और उसके गंद पे मलने लगा. जैसे ही मेरी उंगलियों ने उसके गंद को छुआ वो एक मादक सिसकारी लेते हुए अपने सिर को अपने हाथों पे रख दिया, "राज अब तुम अपनी एक उंगली मेरी गंद मे डाल दो और उसे गोल गोल घूमाओ."
में अपनी एक उंगली उसकी गंद मे डाल गोल गोल घुमाने लगा. थोड़ी देर बाद उसने कहा, "अब तुम थोड़ी और क्रीम अपनी उंगली पे ले अपनी दो उंगलिया मेरी गंद मे डाल अंदर बाहर करने लागो."
उसने जैसा कहा मेने वैसा ही किया. मुझे बहोत मज़ा आ रहा था, एक किसी की बीवी की गांद मरने का मौका उप्पर से वो ही मुझे सीखा रही थी कि गंद कैसे मारी जाती है. काश प्रशांत ये सब देख पता कि कैसे मेरी दो उंगलियाँ उसकी बीवी की गंद मे अंदर बाहर हो रही थी.