Porn Hindi Kahani नये पड़ोसी - Page 3 - SexBaba
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Porn Hindi Kahani नये पड़ोसी

प्रशांत ने हम दोनो को अलग किया और मेरी बीवी को चूमते हुए उसे बिस्तर के पास ले गया. फिर उसने प्रीति से पूछा, "क्या तुम गंद मुझसे मरवाना पसंद करोगी?" प्रीति पहले तो उसकी तरफ देखी फिर मेरी तरफ. उसके पास को जवाब नही था कारण अगर वो ना कहती तो हम शर्त हर जाते. में भी थोड़ी देर पहले उसकी बीवी की गंद मार चुका था इसलिए मेरे पास भी ना करने की कोई वजह नही थी. में सिर्फ़ वहाँ पर खड़ा अपनी बीवी की गंद मारते देख सकता था.

प्रशांत ने प्रीति के होठों को चूस्ते हुए उसके रेड टॉप के बटन खोल उसके टॉप को उतर दिया. अब वो अपने एक हाथ से उसकी चुचि को दबा रहा था और दूसरे हाथ से उसकी निपल को भींच रहा था. प्रीति के मुँह से सिसकारी फुट रही थी, "हा दबाओ नो पर धिर्र्र्र्रररे हाया आईसीईई ही ओह अहह"

प्रीति की चुचियों को मसल्ते हुए प्रशांत ने अपने हाथ उसकी जीन्स पे ले जाकर बटन खोलने लगा. बबिता आगे बढ़ कर उनके पास नीचे बैठ गयी और प्रीति की जीन्स को नीचे का उतारने लगी. दोनो ने मिलकर मेरी बीवी को पूरा नंगा कर दिया.

प्रीति पूरी तरह नंगी खड़ी थी. उसकी चूत में घुसा डिल्डो साफ नज़र आ रहा था. प्रशांत और बबिता ने मिलकर उसे बेड की किनारे पर झुका दिया. बबिता अब उसके सामने आकर बिस्तर पर बैठ गयी और प्रीति की चुचियों को चूसने लगी. थोड़ी देर चूसने के बाद वो बिस्तर पर इस तरह से लेट गयी की प्रीति का मुँह ठीक उसकी चूत पे था. बबिता ने प्रीति के सिर को पकड़ उसे अपनी चूत पे दबा दिया.

प्रीति अब बिस्तर के किनारे पर झुकी बबिता की चूत चूस रही थी. इस तरह झुकने से उसकी गांद हवा में और उपर को उठ गयी थी. पीछे से उसकी चूत में फँसा डिल्डो तो दिख ही रहा था साथ ही उसकी गंद का छेद भी दिखाई दे रहा था. हम सब जानते थे कि अब प्रशांत अपना लंड उसकी गंद मे घुसाएगा, पर उसके मन में तो कुछ और ही था.

प्रशांत मेरी तरफ मुस्कुरा के देख रहा था, "राज आज शाम को मेरी बीवी ने तुम्हे सीखा ही दिया होगा कि एक अछी गांद को चुदाई के लिए कैसे तय्यार किया जाता है. बाथरूम मे जाओ और क्रीम ले आओ और बताओ कि तुमने क्या सीखा." फिर उसने मिनी की तरफ देखकर कहा, "तुम मेरे लंड को तयार करोगी?"

बिना कुछ कहे में बाथरूम मे जाकर वही क्रीम ले आया जो में बबिता पे इस्टामाल की थी. मिनी मेरे पास आई और मुझे थोड़ी क्रीम उसके हाथों पे देने को कहा. कैसी शर्त थी की में अपने हाथों से अपनी बीवी की गंद को किसी दूसरे मर्द के लंड के लिए तैय्यार करूँ. पर में शर्त हारना नही चाहता था सो में क्रीम लिए प्रीति के पास आ गया.

मेने खूब सारी क्रीम अपनी उंगलियों मे ली और उसे प्रीति की गंद के चारों तक मलने लगा. फिर में अपनी एक उंगली उसकी गंद में डाल दी, "ओह मर गयी." प्रीति के मुँह से हल्की सी चीख निकल गयी. प्रीति अब भी बबिता की चूत को चाते जा रही थी.
 
मेने थोड़ी और क्रीम अपनी उंगली में ली और दो उंगलिया उसकी गंद में डाल दी. अब में अपनी उंगलियों को उसकी गंद में चारों तरफ गोल गोल घुमा रहा था. प्रशांत मेरे पास खड़ा मेरी सभी हरकत को देख रहा था और उसके पैरों में बैठी मिनी उसके लंड को क्रीम से चिकना कर रही थी.

अब मेरी उंगलियाँ आसनी से प्रीति की गंद में अंदर तक जा रही थी. जब में उंगली घुमाता तो उसकी चूत में फँसे डिल्डो का अहसास होता मुझे. में और अंदर तक क्रीम को मलने लगा. प्रीति को भी शायद मज़ा आने लगा था. वो जोरों से बबिता की चूत चूस्ते हुए अपने टाँगे और फैला दी जिससे में और आसानी से उसकी गंद में उंगली कर सकूँ.

मिनी भी अब तक आक्ची तरह से प्रशांत के लंड को क्रीम से चिकना कर चुकी थी. प्रशांत अपनी जगह से हिला और मुझे साइड में कर दिया. अब उसका लुंक क्रीम से चिकना था. उसका तना हुआ लंड एक हथियार की तरह चमक रहा था. जैसे ही प्रशांत ने अपना लंड प्रीति की गंद पे रखा वो सिसक कर और जोरों से बबिता की चूत को चूसने लगी. वो उसकी चूत को ऐसे चूस रही थी की जैसे वो इस कला में बरसों से माहिर हो.

मिनी और अविनाश भी पास में आकर खड़े हो गये. वो भी किसी कुँवारी गांद की चुदाई देखना चाहते थे. मुझे अंदर से शर्म आ रही थी कि अपनी गंद में सबसे पहले मारू उसके बजाय मेने ही अपनी बीवी की गंद को दूसरे मर्द के लंड के लिए तय्यार किया था.

प्रशांत ने प्रीति के कुल्हों को पकड़ उसके गंद के छेद को और फैला दिया. प्रशांत के दोनो हाथ प्रीति के कुल्हों को पकड़े हुए थे. मिनी ने आगे बढ़ कर प्रशांत के लंड को ठीक प्रीति की गंद के छेद पर रख दिया और प्रशांत अब अपने लंड को अंदर घुसाने लगा. मिनी अभी भी उसके लंड को पकड़े हुए थी. इतनी सारी क्रीम लगने से उसका लंड और प्रीति की गंद पूरी तरह चिकनी हो गयी थी जिससे प्रशांत के लंड का सूपड़ा उसकी गंद में आसानी से घुस गया.

मिनी ने अपना हाथ उसके लंड पर से हटा लिया. अब जबकि सूपड़ा घुस चुका था प्रशांत धीरे धीरे अपने लंड को और अंदर तक घुसाने लगा. उसके हर धक्के के साथ प्रीति की सिसकार गूँजती, "ओह अहह थोड़ाआ धीरी दर्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड हो रहाआआआआअ है." थोड़ी देर में उसका पूरा लंड प्रीति की गांद में घुस चुका था. अब उसकी गांद कुँवारी नही रही थी.

प्रीति अब भी बबिता की चूत चूसे जा रही थी. जब प्रशांत का पूरा लंड उसकी गांद मे घुस गया तो ज़ोर की सिसकारी निकली, "ओह ह्बीयेयेयेयान." प्रशांत प्रीति की गंद की दीवारों को रौन्द्ता हुआ जड़ तक समा गया था.

प्रशांत ने मिनी और मेरा धन्यवाद दिया कि हम दोनो ने प्रीति की गंद मारने उसकी सहायता की. कैसा उसका लंड उसकी गांद में अंदर तक घुसा हुआ है और कैसे उसकी गांद उसके लंड को भिंचे हुए है. उसने बताया कि उसे प्रीति की चूत में फँसे डिल्डो का भी अहसास हो रहा है और ये उत्तेजना उसके लंड से लेकर उसकी गोलियों तक जा रही थी. प्रशांत जान बुझ कर ये सब बातें बता कर मुझे चिढ़ा रहा था. "हरामी साला" मेरे मुँह से गाली निकली.

लेकिन अब तक में अपना लंड अपनी पॅंट मे से निकाल सहला रहा था. सब जानते थे कि मेरी बीवी की गंद की चुदाई ने मुझे भी उत्तेजित कर दिया था. पर जो होने वाला था उसके आगे ये कुछ भी नही था. मिनी अब उन से दूर जा कर खड़ी हो गयी. प्रशांत का लंड प्रीति की गंद मे अंदर बाहर हो रहा था. प्रशांत अपने लंड करीब 3" इंच बाहर खींचता और अपने 8" इंच के लंड को पूरा जड़ तक पेल देता.
 
प्रशांत जानबूझ कर धीरे धीरे धक्के लगा रहा था. पर समय के साथ उसकी रफ़्तार तेज हो रही थी. अब वो 5" इंच लंड को बाहर निकालता और पूरा पेल देता. थोड़ी देर में वो अपने लंड का सूपड़ा सिर्फ़ अंदर रहने देता और एक झटके पूरा लंड प्रीति की गंद में डाल देता. प्रीति की गंद पूरी तरह खुल गयी और हर झटके को वो अपने कुल्हों को पीछे कर ले रही थी, "हाआआआअ डाल दो पूरा लंड मेयीयीयियी गाआअंड मे ओह ःआआआआआआआण और जूऊऊर से ःआआआआआआआण चोदो फद्दद्ड दो मईएरर्र्र्र्ररी गंद को."

प्रीति मियाँ बीवी के बीच सॅंडविच बनी हुई थी. नीचे से बबिता अपनी चूत को उपर उठा उसके मुँह मे भर देती और पीछे से प्रशांत उसके कुल्हों को पकड़ ज़ोर से लंड पेल देता. जैसे ही उसका लंड अंदर तक जाता प्रीति का मुँह बबिता की चूत पे और ज़ोर से दब जाता. प्रशांत उसकी गंद भी मार रहा था और उसकी चूत में फँसे डिल्डो को और अंदर की ओर घुसा देता.

अब अविनाश भी इस खेल में शामिल होना चाहता था. उसने भी अपने कपड़े उतार दिए और अपने लंड को सहलाने लगा. अपने लंड को सहलाते हुए वो बबिता के चेहरे के पास आ गया. अविनाश अपने लंड को उसके मुँह के पास कर उसके होठों पर रगड़ने लगा. बबिता ने अपने हाथ से उसका लंड पकड़ अपने मुँह में ले लिया. अब उसका दोनो छेद पूरी तरह भरे हुए थे. वो जोरो से अविनाश के लंड को चूसने लगी.

अब में और मिनी ही बचे थे. मिनी ने भी अपने कपड़े उतार दिए. में भी कपड़े उतार पूरा नंगा हो अपने लंड को सहला रहा था. मिनी मेरे पास आ कर मेरे नंगे बदन से सॅट गयी और सहलाने लगी. हम भूके कुत्तों की तरह एक दूसरे के बदन को नोच रहे थे मसल रहे थे, पर हम अपनी नज़रें बिस्तर से नही हटा पा रहे थे जहाँ एक का पति एक की पत्नी से अपना लंड चूस्वा रहा था और मेरी बीवी एक की बीवी की चूत चूस रही थी और उसके पति से अपनी गंद मरवा रही थी.

अचानक प्रीति ने अपना मुँह बबिता की चूत से उपर उठाया और ज़ोर से चीख पड़ी, "ओह ये नही हो सकता". में सोच मे पड़ गया कि अचानक उसे क्या हुआ, क्या उसका पानी छूटने वाला है या उसकी गांद दर्द कर रही है. "हे भगवान प्ल्स ऐसा मत करो." वो फिर बोली और उसकी आँखों मे आँसू आ गये.

तब प्रशांत ने उसके चीखने की वजह बताई, "राज डरो मत यार उसके डिल्डो की बॅटरी ख़त्म हो गयी है. बेचारी." अब मेरी समझ मे आया कि जब उसका पानी छूटने वाला था तब ही डिल्डो की बॅटरी ख़त्म हो गयी. और कितना चलती 5 घंटे सो तो वो उसे अपनी चूत मे डाले घूम रही थी.

प्रीति फिर अपने उत्तेजना के अंतिम कगार से वंचित रह गयी. प्रशांत उसकी गांद मे ज़ोर के धक्के मारते हुए बोला, "प्रीति डार्लिंग चिंता मत करो, में वादा करता हूँ आज तुम्हे चुदाई को वो आनंद आएगा कि तुम्हारी चूत खुले बाँध की तरह पानी फैंकेगी." प्रीति ने अपना चेहरा उठा और प्रशांत की ओर देखा. उसकी समझ मे नही आ रहा था कि और क्या उसके दिमाग़ मे है.

हमने देखा कि अपनी चूत की प्यास बुझाने के लिए प्रीति खुद अपने बंद हुए डिल्डो को पकड़ अंदर बाहर करने लगी, पर प्रशांत ने उसका हाथ हाथ हटा दिया. अब प्रशांत ने प्रीति को उसकी छातियों से पकड़ा और पीछे की ओर हो गया. थोड़ी देर इस तरह होने के बाद उसने अपनी टाँगे सीधी की और पीठ के बल लेट गया. अब वो ज़मीन पर लेटा था और प्रीति उसके उपर उसका लंड अपनी गंद मे लिए लेटी थी. प्रीति ने अब अपनी टाँगे फैला दी जिससे प्रशांत का लंड उसकी गांद मे घुसा हुआ दिख रहा था और साथ ही चूत मे फँसा डिल्डो भी.

क्रमशः...............
 
नए पड़ोसी पार्ट--6

गतान्क से आगे.........

बबिता अब अविनाश के लंड को अपने मुँह से बाहर निकाल अपने हाथो से उसे मसल रही थी. पर वो खुद छूटने की कगार पर थी सो वो खड़ी हो गयी और प्रीति के चेहरे पर अपनी दोनो टाँगे चौड़ी कर अपनी चूत उसके मुँह पर रख दी, "जो तुमने शुरू किया है उसे तुम्हे ही ख़त्म करना पड़ेगा. मेरी चूत जोरो से चूसो और मेरा पानी छुड़ा दो."

प्रीति अपनी जीभ का तीकोण बना उसे चोद रही थी. बबिता और थोड़ा झुकते हुए अपनी चूत को और दबा देती. उसका चेहरा पीछे की और था और उसके बाल प्रशांत के पेट को छू रहे थे. "ःआआआआआआआआआण चूऊऊऊओसे ओह अहह ह्बीयेयेयान जूऊर्रर्र्र्र्र्र्ररर सीईईईईई हूऊऊओ" कहकर बबिता की चूत ने प्रीति के मुँह मे पानी छोड़ दिया. प्रीति गटक गटक कर उसका पानी पी रही थी. जब एक एक बूँद उसकी चूत से छूट चुकी थी तो वो निढाल हो बिस्तर पर गिर गयी.

प्रशांत अभी तक उसी तरह अपना लंड प्रीति की गंद मे घुसाए लेटा था. फिर उसने अपनी आखरी चाल चली, "अविनाश मेरा तो पानी अब छूटने वाला है ऐसा द्रिश्य देख कर. क्यों नही तुम अपना लंड इसकी चूत मे डाल देते हो."

अब मेरे और अविनाश के समझ मे आया कि प्रशांत क्या चाहता था. अविनाश उछल कर प्रीति की टाँगो के बीच आ गया. उसने अपना हाथ प्रीति की चूत मे फँसे डिल्डो पर रखा. पर उसे बाहर निकालने की बजाय वो उसे अंदर बाहर करने लगा.

थोड़ी देर बाद अविनाश ने अपने लंड को प्रीति की चूत के मुँह पे लगा धीरे धीरे अंदर करने लगा और साथ ही डिल्डो को बाहर खींचने लगा. जितना उसका लंड अंदर जाता उतना ही वो डिल्डो को बाहर खींच लेता. मेने देखा कि डिल्डो पूरी तरह से प्रीति की चूत के पानी से लसा हुआ था और चमक रहा था. जब अविनाश का पूरा लंड उसकी चूत मे घुस गया तो उसने डिल्डो बाहर निकाल कर मेरे हाथ मे पकड़ा दिया.
 
मुझे विश्वास नही हो रहा था जो डिल्डो मेरी बीवी की चूत में पिछले 5 घंटे से घुसा हुआ था वही अब उसके पानी से लासा हुआ मेरे हाथ में है. मेने बिना हिचकिचाते हुए उसे अपने मुँह मे ले चाटने लगा. मुझे उसकी चूत के पानी का स्वाद सही में अछा लग रहा था. जब मेने उसे चाट कर साफ कर दिया तो उसे बिस्तर पर रख दिया.

मिनी अब तक मेरे लंड को पकड़े हुए थी. उसने मेरी तरफ़ देखा और घुटनो बल बैठ कर मेरे लंड को अपने मुँह में ले चूसने लगी. वो एक हाथ से मेरा लंड पकड़ चूस रही थी और दूसरे हाथ की उंगलियों से अपनी चूत को चोद रही थी. पर उसकी नज़रें प्रशांत और इनलोगो पर गढ़ी थी जहाँ मेरी बीवी की दोहरी चुदाई हो रही थी.

मेने अपना ध्यान मिनी से हटाया और फिर प्रीति पर केंद्रित कर दिया. मेने देखा की अविनाश आधा खड़ा हो अपने लंड को प्रीति के मुँह मे दे धक्के मार रहा था. प्रीति भी पूरी ज़ोर से उसे चूस रही थी. जब उसका लंड पूरी तरह से तन गया तो उसने प्रीति के थूक से लसे अपने लंड को ले प्रीति की टाँगे के बीच आ गया.

प्रीति अपनी टाँगे थोड़ी और चौड़ी कर पीछे को पसर गयी. अविनाश एक हाथ से अपने लंड को पकड़ प्रीति की चूत पे रगड़ने लगा. अब मेरे बीवी की दो लंड से चुदाई होने वाली थी. एक उसकी गंद में और दूसरा उसकी चूत मे.

अविनाश ने प्रीति की एक टांग को जाँघो से पकड़ा और अपनी कोहनी पे रख दी. इससे प्रीति की चूत और खुल गयी. थोड़ी देर अपने लंड को रगड़ने के बाद उसने एक ही धक्के मे अपना लंड उसकी चूत मे पेल दिया. अब वो धक्के लगा उसकी चूत को चोद रहा था.

प्रीति प्रशांत के छाती पर लेटी अपनी जिंदगी की सबसे भयंकर चुदाई का आनंद ले रही थी. उसका चेहरा इधर उधर हो रहा था और साथ ही उसके मुँह से सिसकारियाँ फुट रही थी.

में अंदाज़ा लगाने की कोशिश कर रहा था कि जब एक लंड चूत की जड़ों तक पहुँचता है और दूसरी तरफ दूसरा लंड गंद की जड़ों तक पहुँचता है तो शरीर में दोनो लंड के संगम का आनंद कैसा रहता होगा. प्रीति इसी संगम का आनंद उठा रही थी, "में तुम दोनो के लंड को अपने मे महसूस कर रही हूँ, अवी ज़ोर से चोदो मुझे हाआअँ और ज़ोर से रूको मत बस चोद्ते जाओ."

प्रशांत ने एक ज़ोर की हुंकार भरी और अपने कूल्हे उपर को उठा दिया. अविनाश भी प्रीति के कुल्हों को पकड़ अपने लंड को अंदर तक पेल दिया. में समझ गया कि दोनो छूटने के कगार पर है. प्रीति का भी समय नज़दीक आता जा रहा था, "हाआआआआआअँ और ज़ोर सीईईईई ओह उईईईईईईईईईईई."

मेरे खुद को अपने को रोकना मुश्किल हो रहा था. मिनी इतनी ज़ोर से मेरे लंड को चूस रही थी और साथ ही अपने दाँतों का भी इस्तेमाल कर रही थी. पर मिनी की आँखें अपने पति के लंड पे जमी तो जो मेरी बीवी की चूत मे एक पिस्टन की तरह अंदर बाहर हो रहा था.

और फिर वो हुआ जिसका सबका इंतेज़ार था, प्रीति ज़ोर से चीखी "ओह ःआआआआआआआण ओह हेयययययययययी ." कहकर उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. उसका शरीर इस तरह अकड़ रहा था कि क्या बताउ. इतने में प्रशांत के लंड ने भी उसकी गांद मे अपना वीर्य उगल दिया.
 
अविनाश ने प्रीति की दोनो चुचियों को ज़ोर से मसला और उसके लंड ने उसकी चूत मे बौछार कर दी. में कल्पना कर रहा था कि प्रीति की चूत और गांद वीर्य से भरी कैसी होगी कि मेरा भी शरीर भी आकड़ा और मेने अपना वीर्य मिनी के मुँह मे उगल दिया.

मिनी ने मेरे लंड को अपने मुँह से निकाला और बेड पर डिल्डो को उठा अपनी चूत के अंदर बाहर करने लगी. थोड़ी देर में उसकी चूत ने भी पानी छोड़ दिया. कसम से ऐसी सामूहिक चुदाई की कल्पना नही की थी मेने.

मुझे इस बात की ख़ुसी थी कि हम शर्त जीत ना सके तो क्या पर हारे भी नही थे. अब देखते है छुट्टियों पे क्या गुल खिलते है.

दा एंड
 
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