hotaks444
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मैं बोला- अरे यहाँ पर तो नाल भी जा सकती है.. दिखा.. मैं वहाँ पर मालिश कर देता हूँ.. तेरा दर्द कम हो जाएगा।
मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और मालिश के बहाने से उसकी कमर और पेट पर हाथ फिराने लगा। धीरे-धीरे दोनों दवाइयों ने भी काम करना शुरू कर दिया था।
दर्द कम होने लगा और व चुदास की खुमारी बढ़ने लगी, मेरे हाथों का स्पर्श उसे पागल कर रहा था।
उसकी कल रात की देखी ब्लू-फिल्म.. अभी की मर्डर फिल्म के सीन.. मेरे हाथों का स्पर्श और दवाई.. इन सबका असर उसे एक साथ होने लगा था।
उसने अपनी आँखें बंद कर लीं।
मैंने कहा- मीनू कैसा लग रहा है.. अब तुम्हारा दर्द कैसा है?
उसने कहा- भइया, दर्द तो कम है, बहुत अच्छा लग रहा है, ऐसे ही करते रहिए बस..
मैंने उसे और सहलाना शुरू किया। मेरे हाथ धीरे-धीरे ऊपर की ओर सरक रहे थे, मेरी उंगलियां उसके चीकुओं पर बार-बार छू रही थी.. जिससे वो कड़क होकर संतरे जैसे हो गए थे।
उसकी सांसें फूलने लगी।
मैं बोला- मीनू तुम्हें मजा आ रहा है ना?
वो बोलीं- हाँ.. भइया करते रहो बस।
वो अब गरम हो चुकी थी। मैंने उसके मम्मों को सहलाना शुरू कर दिया और सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत सहलाने लगा।
अब वो मना करने के हालत में थी ही नहीं.. उसने अपने पैर फैला दिए फिर एकदम से मुझे कस कर पकड़ लिया।
मैंने झटपट उसके सारे कपड़े उतार दिए। मैं पहली बार किसी कुँवारी लड़की को नंगी देख रहा था। उसके जिस्म से एक अलग ही खुशबू आ रही थी।
उसकी चूत पर हल्के सुनहरे बाल थे। चूत की फांकें बिल्कुल गुलाबी थीं.. जो आपस में चिपकी हुई थीं।
मैंने अपनी उंगली हल्के से बुर के अन्दर डाली तो वो कराहने लगी। मेरा भी बुरा हाल था.. खुद नंगा होकर उसकी चूत चाटने लगा।
वो बिन पानी की मछली की तरह फड़फड़ाने लगी। उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया। मैंने उसके हाथ पर अपना लण्ड पकड़ा दिया।
इतने दिन ब्लू-फिल्में देखने के बाद वो सब जान चुकी थी, उसने उसे मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया।
हम दोनों बहुत गर्म हो चुके थे। अब देरी करना सही नहीं था।
मैंने कहा- मीनू.. मजा आ रहा है कि नहीं और मजा लेना चाहती हो।
वो बोली- बहुत मजा आ रहा है.. और पूरा मजा लेना चाहती हूँ भइया।
मैंने कहा- देख मजा तो बहुत आएगा पर पहले थोड़ा सा दर्द होगा.. तुम्हें सहन करना होगा.. फिर तो मजे ही मजे हैं।
वो बोली- ठीक है.. मैं सहन कर लूँगी.. पर अब मुझसे नहीं रहा जाता.. मुझे कुछ हो रहा है। आपको जो भी करना है जल्दी से करो.. नहीं तो मैं पागल हो जाऊँगी।
मैंने उसकी चूत व अपने लण्ड पर खूब तेल लगाया और उसकी टाँगें फैलाकर कमर के नीचे एक तौलिया रखा फिर उसके ऊपर लेट गया। उसके होंठों से अपने होंठों को चिपका कर लण्ड का दबाव चूत पर बढ़ाना शुरू किया।
उसकी चूत बहुत टाइट थी.. इसलिए लण्ड बार-बार फिसल रहा था। उसने ही मेरा लण्ड चूत के मुँह पर लगाया और अन्दर डालने को बोला।
मैंने एक जोर का धक्का लगाया तो आधा लण्ड चूत में फंस गया।
वो दर्द से चिल्लाने लगी और मुझे अपने ऊपर से हटाने की नाकाम कोशिश करने लगी।
वो बोली- आहहह.. मर गई.. बहुत दर्द हो रहा है.. मुझे नहीं लेने है मजे.. बाहर निकालो इसे.. तुमने तो मुझे मार ही डाला.. मेरी चूत फट गई है.. सहन नहीं हो रहा है मुझसे.. आहहह.. आहहह..
मैंने कहा- बेबी.. बस हो गया.. अब दर्द नहीं होगा.. बस थोड़ा सा और सहन कर लो.. फिर बहुत मजा आएगा।
दर्द से उसकी आखों में आंसू आ गए। मैंने उसे कस कर पकड़ लिया, मैंने उसकी चूचियां मसलनी शुरू कर दीं और उसे किस करता रहा।
[size=large]जब दर्द थोड़ा कम हुआ तो एक तेज धक्का मार कर मैंने अपना पूरा लण्ड उसकी चूत में ठोक दिया।
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वो बेहोश सी हो गई.. एक बार तो मैं डर सा गया। मैंने लण्ड बाहर निकाला तो देखा उसकी चूत से खून की लकीर सी बहने लगी थी। उसकी सील टूट चुकी थी। मेरा लण्ड भी उसके खून में सना हुआ था। मैंने उसे पानी पिलाया और उसके होंठ व चूचियों से खेलने लगा।
ये दवाई का ही असर था कि इतने दर्द के बावजूद वह चुदवाने को तैयार हो गई। एक बार फिर मैंने उसकी चूत में लण्ड डाला और हल्के-हल्के धक्के लगाने लगा।
चूत बहुत टाइट थी.. इसलिए उसे अब भी दर्द हो रहा था। मैंने स्पीड बढ़ाई तो वो फिर कराहने लगी।
‘आहह.. आहहहह.. नहीं भइया.. नहीं दर्द हो रहा है.. ओहहह.. ओहहह.. सीईई.. आइइइइ!’
मैं अनसुना करते हुए लगातार लौड़े की ठोकरें चूत में मारता रहा.. धीरे-धीरे उसे मजा आने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी।
चूत वास्तव में बहुत ही ज्यादा टाइट थी इसलिए मजा भी दुगना आ रहा था, पहली बार किसी कुँवारी चूत चोद रहा था इससे और जोश बढ़ गया।
‘आहहह.. आहह.. तेज भईया.. औरर तेज.. चोदद दो मुझे.. ओह औररर तेज.. बहुत मजा आ रहा है.. आह.. आह..’
अब नजारा बदल चुका था।
मैंने रफ्तार पकड़ ली और कमरे में उसकी आवाजें गूजने लगीं, मैं कुँवारी चूत चोदने लगा।
थोड़ी ही देर में मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में भर दिया।
कुछ देर उसके ऊपर ही चढ़े रहने के बाद जब मैंने लण्ड बाहर निकाला तो मेरे वीर्य के साथ खून भी उसकी चूत से बाहर आ रहा था।
तौलिया खून से लाल हो गया और उसकी गुलाबी चूत फूल गई थी। मैंने आज उसे कली से फूल बना दिया था।
मैंने उसे उठाया.. उसकी हालत खराब थी। उससे उठा भी नहीं जा रहा था। हम दोनों नंगे ही बाथरूम गए। मैंने उसकी चूत खूब साफ कर धोई और फिर साथ में नहाए और उसके बाद फिर उसकी दो बार और चुदाई की.. उसकी चूत को वीर्य से भर दिया।
गोली के असर के कारण वो चुद तो गई.. पर उसकी हालत बहुत खराब थी। मैंने उसे दर्द की गोली और गर्भ निरोधक गोली दी और आराम करने को कहा।
मैंने कहा- मीनू.. कहो कैसी रही मेरे साथ तुम्हारी चुदाई.. मजा आया ना तुम्हें?
वो बोली- तुमने तो मेरी हालत खराब कर दी.. मेरी चूत की क्या सूरत बना दी है तुमने.. ये फूल गई है.. पहले तो दर्द बहुत हुआ.. पर बाद में मजा बहुत आया।
मैं बोला- जानेमन.. वो कुछ देर में ठीक हो जाएगी। अब तुम्हारी सील खुल चुकी है.. आगे से तुम्हें दर्द नहीं होगा.. बस चूत चुदवाने में मजा ही मजा मिलेगा।
वो बोली- भइया अगर आज का पापा को पता चल गया तो वो मुझे मार ही डालेंगे। मुझ से तो चला भी नहीं जा रहा है।
[size=large]मैं बोला- तुम पापा को बताना कि सुबह तुम सीढ़ियों से फिसल गई थीं और तुम्हारी पैर में मोच आ गई थी। इसलिए चला नहीं जा रहा है.. किसी को कुछ पता नहीं चलेगा।
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मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और मालिश के बहाने से उसकी कमर और पेट पर हाथ फिराने लगा। धीरे-धीरे दोनों दवाइयों ने भी काम करना शुरू कर दिया था।
दर्द कम होने लगा और व चुदास की खुमारी बढ़ने लगी, मेरे हाथों का स्पर्श उसे पागल कर रहा था।
उसकी कल रात की देखी ब्लू-फिल्म.. अभी की मर्डर फिल्म के सीन.. मेरे हाथों का स्पर्श और दवाई.. इन सबका असर उसे एक साथ होने लगा था।
उसने अपनी आँखें बंद कर लीं।
मैंने कहा- मीनू कैसा लग रहा है.. अब तुम्हारा दर्द कैसा है?
उसने कहा- भइया, दर्द तो कम है, बहुत अच्छा लग रहा है, ऐसे ही करते रहिए बस..
मैंने उसे और सहलाना शुरू किया। मेरे हाथ धीरे-धीरे ऊपर की ओर सरक रहे थे, मेरी उंगलियां उसके चीकुओं पर बार-बार छू रही थी.. जिससे वो कड़क होकर संतरे जैसे हो गए थे।
उसकी सांसें फूलने लगी।
मैं बोला- मीनू तुम्हें मजा आ रहा है ना?
वो बोलीं- हाँ.. भइया करते रहो बस।
वो अब गरम हो चुकी थी। मैंने उसके मम्मों को सहलाना शुरू कर दिया और सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत सहलाने लगा।
अब वो मना करने के हालत में थी ही नहीं.. उसने अपने पैर फैला दिए फिर एकदम से मुझे कस कर पकड़ लिया।
मैंने झटपट उसके सारे कपड़े उतार दिए। मैं पहली बार किसी कुँवारी लड़की को नंगी देख रहा था। उसके जिस्म से एक अलग ही खुशबू आ रही थी।
उसकी चूत पर हल्के सुनहरे बाल थे। चूत की फांकें बिल्कुल गुलाबी थीं.. जो आपस में चिपकी हुई थीं।
मैंने अपनी उंगली हल्के से बुर के अन्दर डाली तो वो कराहने लगी। मेरा भी बुरा हाल था.. खुद नंगा होकर उसकी चूत चाटने लगा।
वो बिन पानी की मछली की तरह फड़फड़ाने लगी। उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया। मैंने उसके हाथ पर अपना लण्ड पकड़ा दिया।
इतने दिन ब्लू-फिल्में देखने के बाद वो सब जान चुकी थी, उसने उसे मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया।
हम दोनों बहुत गर्म हो चुके थे। अब देरी करना सही नहीं था।
मैंने कहा- मीनू.. मजा आ रहा है कि नहीं और मजा लेना चाहती हो।
वो बोली- बहुत मजा आ रहा है.. और पूरा मजा लेना चाहती हूँ भइया।
मैंने कहा- देख मजा तो बहुत आएगा पर पहले थोड़ा सा दर्द होगा.. तुम्हें सहन करना होगा.. फिर तो मजे ही मजे हैं।
वो बोली- ठीक है.. मैं सहन कर लूँगी.. पर अब मुझसे नहीं रहा जाता.. मुझे कुछ हो रहा है। आपको जो भी करना है जल्दी से करो.. नहीं तो मैं पागल हो जाऊँगी।
मैंने उसकी चूत व अपने लण्ड पर खूब तेल लगाया और उसकी टाँगें फैलाकर कमर के नीचे एक तौलिया रखा फिर उसके ऊपर लेट गया। उसके होंठों से अपने होंठों को चिपका कर लण्ड का दबाव चूत पर बढ़ाना शुरू किया।
उसकी चूत बहुत टाइट थी.. इसलिए लण्ड बार-बार फिसल रहा था। उसने ही मेरा लण्ड चूत के मुँह पर लगाया और अन्दर डालने को बोला।
मैंने एक जोर का धक्का लगाया तो आधा लण्ड चूत में फंस गया।
वो दर्द से चिल्लाने लगी और मुझे अपने ऊपर से हटाने की नाकाम कोशिश करने लगी।
वो बोली- आहहह.. मर गई.. बहुत दर्द हो रहा है.. मुझे नहीं लेने है मजे.. बाहर निकालो इसे.. तुमने तो मुझे मार ही डाला.. मेरी चूत फट गई है.. सहन नहीं हो रहा है मुझसे.. आहहह.. आहहह..
मैंने कहा- बेबी.. बस हो गया.. अब दर्द नहीं होगा.. बस थोड़ा सा और सहन कर लो.. फिर बहुत मजा आएगा।
दर्द से उसकी आखों में आंसू आ गए। मैंने उसे कस कर पकड़ लिया, मैंने उसकी चूचियां मसलनी शुरू कर दीं और उसे किस करता रहा।
[size=large]जब दर्द थोड़ा कम हुआ तो एक तेज धक्का मार कर मैंने अपना पूरा लण्ड उसकी चूत में ठोक दिया।
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वो बेहोश सी हो गई.. एक बार तो मैं डर सा गया। मैंने लण्ड बाहर निकाला तो देखा उसकी चूत से खून की लकीर सी बहने लगी थी। उसकी सील टूट चुकी थी। मेरा लण्ड भी उसके खून में सना हुआ था। मैंने उसे पानी पिलाया और उसके होंठ व चूचियों से खेलने लगा।
ये दवाई का ही असर था कि इतने दर्द के बावजूद वह चुदवाने को तैयार हो गई। एक बार फिर मैंने उसकी चूत में लण्ड डाला और हल्के-हल्के धक्के लगाने लगा।
चूत बहुत टाइट थी.. इसलिए उसे अब भी दर्द हो रहा था। मैंने स्पीड बढ़ाई तो वो फिर कराहने लगी।
‘आहह.. आहहहह.. नहीं भइया.. नहीं दर्द हो रहा है.. ओहहह.. ओहहह.. सीईई.. आइइइइ!’
मैं अनसुना करते हुए लगातार लौड़े की ठोकरें चूत में मारता रहा.. धीरे-धीरे उसे मजा आने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी।
चूत वास्तव में बहुत ही ज्यादा टाइट थी इसलिए मजा भी दुगना आ रहा था, पहली बार किसी कुँवारी चूत चोद रहा था इससे और जोश बढ़ गया।
‘आहहह.. आहह.. तेज भईया.. औरर तेज.. चोदद दो मुझे.. ओह औररर तेज.. बहुत मजा आ रहा है.. आह.. आह..’
अब नजारा बदल चुका था।
मैंने रफ्तार पकड़ ली और कमरे में उसकी आवाजें गूजने लगीं, मैं कुँवारी चूत चोदने लगा।
थोड़ी ही देर में मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में भर दिया।
कुछ देर उसके ऊपर ही चढ़े रहने के बाद जब मैंने लण्ड बाहर निकाला तो मेरे वीर्य के साथ खून भी उसकी चूत से बाहर आ रहा था।
तौलिया खून से लाल हो गया और उसकी गुलाबी चूत फूल गई थी। मैंने आज उसे कली से फूल बना दिया था।
मैंने उसे उठाया.. उसकी हालत खराब थी। उससे उठा भी नहीं जा रहा था। हम दोनों नंगे ही बाथरूम गए। मैंने उसकी चूत खूब साफ कर धोई और फिर साथ में नहाए और उसके बाद फिर उसकी दो बार और चुदाई की.. उसकी चूत को वीर्य से भर दिया।
गोली के असर के कारण वो चुद तो गई.. पर उसकी हालत बहुत खराब थी। मैंने उसे दर्द की गोली और गर्भ निरोधक गोली दी और आराम करने को कहा।
मैंने कहा- मीनू.. कहो कैसी रही मेरे साथ तुम्हारी चुदाई.. मजा आया ना तुम्हें?
वो बोली- तुमने तो मेरी हालत खराब कर दी.. मेरी चूत की क्या सूरत बना दी है तुमने.. ये फूल गई है.. पहले तो दर्द बहुत हुआ.. पर बाद में मजा बहुत आया।
मैं बोला- जानेमन.. वो कुछ देर में ठीक हो जाएगी। अब तुम्हारी सील खुल चुकी है.. आगे से तुम्हें दर्द नहीं होगा.. बस चूत चुदवाने में मजा ही मजा मिलेगा।
वो बोली- भइया अगर आज का पापा को पता चल गया तो वो मुझे मार ही डालेंगे। मुझ से तो चला भी नहीं जा रहा है।
[size=large]मैं बोला- तुम पापा को बताना कि सुबह तुम सीढ़ियों से फिसल गई थीं और तुम्हारी पैर में मोच आ गई थी। इसलिए चला नहीं जा रहा है.. किसी को कुछ पता नहीं चलेगा।
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