hotaks444
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अब मारिया को काफी सस्पेंस था कि आखिर यह महिला कौन थी ?? क्या उसको वाकई मेजर राज ने भेजा है या यह कोई चक्कर है ??? और जो लिफाफा उसने मारिया की ब्रा में डाल दिया है उस पर क्या संदेश लिखा होगा ???अब मारिया जल्दी जल्दी इन महिलाओं से मिलकर फ्री हुई और फैजल को वापस हवेली चलने को कहा। हवेली में जाते ही मारिया को अब अपने कमरे में जाने की जल्दी थी, लेकिन इससे पहले वह कमरे में जाती, सामने से जन्नत आती दिखाई दी, उसने आते ही अपने बाबा फैजल के हाथ चूमे और फैजल ने उसके सिर पर प्यार दिया फिर उसने मारिया को देखा और ध्यान से देखते हुए बोली, बाबा जानी ये बीबीजी हैं ना ???
फैजल ने कहा हां बेटा यही बीबीजी हैं आपकी। यह सुनते ही जन्नत आगे बढ़ी और मारिया से लिपट गई मारिया ने भी उसको प्यार किया। फिर जन्नत मारिया को खींचती अपने कमरे में ले जाने लगी। फैजल भी उसके साथ कमरे में प्रवेश हो गया .. जन्नत 15 साल की बच्ची थी मगर उसका शरीर कमाल का था। उभरे हुए सीने के उभार से वो कम से कम 18 साल की जवान औरत लगती थी और उसके बाहर निकले हुए चूतड़ किसी भी पुरुष को चोदने का निमंत्रण देने के लिए पर्याप्त थे। मारिया दिल ही दिल में जन्नत के नसवानी हुश्न की सराहना करने के लिए मजबूर हो गई मगर फैजल के सामने वह उसको कुछ कह नहीं सकती थी। जन्नत से कुछ देर बातें करने के बाद फैजल ने जन्नत को कहा कि बीबी जी को बाकी की हवेली दिखा दूँ तुम अपनी अम्मा के कमरे में जाओ
यह सुनकर मारिया ने जन्नत को प्यार किया और उसके कमरे से बाहर निकल आई जबकि फैजल अब मारिया को लिए एक गलियारे से होता हुआ सीढ़ियों पर चढ़ने लगा, मारिया भी उसके पीछे पीछे सीढ़ियों चढ़ती गई, यहां ज्यादा लोग मौजूद नहीं थे बस एक दो नौकर चाकर ही थे जो अपना सिर झुका अपने कामों में व्यस्त थे। यहाँ फैजल ने मारिया को टेरेंस भी दिखाया जहां बंदूक धारी हाथ में बंदूक लिए खड़े थे और इसके अलावा विभिन्न कमरे भी दिखाए और उनके बारे में बताया कि किन लोगों के लिए कौन सा कमरा आरक्षित है। यहाँ एक बड़ा पुस्तकालय भी था जिसमे विभिन्न किताबें और उपन्यास मौजूद थे और एक बड़ा हॉल भी था जिसमें जालियों से नीचे वाला हॉल कक्ष दिखता था जिसमें लोकाटी ने लोगों से मुलाकात की थी जिसको फैजल ने अतिथि ग्रह बताया था। आसपास कोई व्यक्ति न होने की वजह से फैजल अब काफी रिलैक्स था और मारिया से काफी फ्री होकर बात कर रहा था। इस दौरान मारिया ने महसूस किया कि फैजल अपनी नज़रें मारिया के बड़े मम्मों पर गढ़ा देता था और जब मारिया ने फैजल की तरफ देखती तो वो अपनी नज़रें हटा लेता। मारिया ने महसूस किया था कि उसकी टाइट फिटिंग वाली कमीज में उसका फिगर बहुत कयामत ढा रहा था और फैजल को बार बार मजबूर कर रहा था कि वह अपनी नज़रों को मारिया के मम्मों से चकाचौंध करे। मगर मारिया ने फैजल को इस बात से नहीं रोका, बल्कि अब वह जानबूझकर फैजल को अवसर दे रही थी कि वह मारिया के मम्मों को देख सके उसके साथ मारिया फैजल से आगे जाकर अपनी पीठ फैजल की ओर करके एक रेक का सहारा लेकर झुककर भी खड़ी हो गई और टेबल पर पड़ी किताब को उलट पलट कर देखने लगी। इस स्थिति में मारिया के बड़े बड़े नितंब फैजल के लंड को खड़ा होने पर मजबूर कर रहे थे और फैजल की नजरें मारिया की टाइट कमीज से दिखने वाली मारिया के चूतड़ों के बीच की लाइन पर थीं। वह मन ही मन अपने पिता की किस्मत पर रश्क कर रहा था जिसकी किस्मत में इतनी गर्म और सेक्सी लड़की आई थी जबकि फैजल को या तो अपनी 35 वर्षीय पत्नी के शरीर से काम चलाना पड़ता था या फिर जाहिल महिलाओं से काम चलाता था वह कोई इतनी सुंदर नहीं थीं। जबकि उसके पिता को इस उम्र में इतनी हसीन और सेक्सी लड़की मिल गई थी।
मारिया कुछ देर इसी तरह अपनी गाण्ड दिखाने के बाद सीधी खड़ी हुई और फिर से फैजल से बातें करने लगी और हवेली के विभिन्न स्थान देखने लगी इस दौरान वह फैजल के और करीब हो गई थी और कभी कभी दोनों के शरीर आपस में टकराते तो मारिया को एहसास होता कि फैजल का शरीर काफी गर्म है। जबकि फैजल भी मन ही मन सोचता कि इतना गर्म और मुलायम शरीर अगर चोदने को मिल जाए तो मज़ा आ जाए
पूरी हवेली देख लेने के बाद मारिया ने फैजल को कहा कि वह उसे वापस उसके कमरे में छोड़ आए। तो फैजल न चाहते हुए भी मारिया को उसके कमरे तक छोड़ आया। कमरे में जाते ही मारिया ने दरवाजा बंद कर लिया और फैजल अपना सा मुंह लेकर वापस अपने कमरे में चला गया। मगर वह खुश था कि उसने कुछ देर ही सही मगर इतनी सेक्सी लड़की के शरीर के उभार देख लिए। फैजल के जाते ही मारिया ने कमरे की जाँच की, उसके अलावा कमरे में और कोई नहीं था। अब मारिया ने अपनी कमीज में हाथ डाल कर अपनी ब्रा से कागज का वह लिफाफा निकाला और उसे खोला तो उसमें से 2 प्लास्टिक की छोटी थैलियां निकली और एक छोटी सी पर्ची थी। मारिया ने वह पर्ची खोलकर पढ़ना शुरू किया तो उसमें केवल इतना लिखा था "दोनों सरकार पा शक्तिशाली बनना चाहते हैं, दोनों को शासक के खिलाफ करो
उसके बाद मारिया ने वह छोटी थैलियाँ देखी तो उनमें से एक पर जहर लिखा था जबकि दूसरी में बेहोशी की दवा लिखा था। मारिया समझ गई कि यह जहर मारिया के लिए भेजा गया है कि अगर वह किसी मुश्किल में फंसे तो इन अत्याचारियों का अत्याचार सहन करने की बजाय जहर खा ले। जबकि बेहोशी की दवा उसकी जरूरत के लिए थी कि अगर हवेली में किसी को बेहोश करना हो तो यह दवा मारिया काम आ सके। जबकि दूसरा संदेश भी मारिया समझ गई थी दोनों को दर्शाता लोकाटी के दोनों बेटे थे और मेजर राज ने मारिया को बताया था कि ये दोनों ही किसी न किसी तरह लोकाटी की बजाय स्वशासन प्राप्त करना चाहते हैं और अगर उन्हें लोकाटी के खिलाफ कर दिया जाय तो मेजर राज अपना कोई खेल चला सकता है। मारिया काफी देर कमरे में बैठी रही और सोचती रही कि आखिर कैसे दोनों को उनके पिता के खिलाफ किया जा सकता है और कैसे उन्हें यह आश्वासन दिया जा सकता है कि उन्हें सरकार मिल सकती है।
काफी देर सोचने के बाद मारिया के मन में केवल एक ही बात आई कि हर आदमी औरत के शरीर का प्यासा है, और आज मारिया ने देख भी लिया था कि फैजल जो जाहिरा तौर मारिया की ओर आँख उठा कर नहीं देखता था, अवसर मिलने पर उसकी नज़रें मारिया के मम्मों पर थी जो कमीज में छिपे हुए थे। कमीज में छिपे हुए मम्मों पर फैजल इस तरह मरा जा रहा था तो जब वह उसके मम्मों को अपने सामने देख लेगा तो उसका क्या हाल होगा। मारिया ने अब पूरा प्लान बना लिया था कि उसे क्या करना है। और अब वह अपने प्लान को अमलीजामा पहनाने के लिए आवश्यक कदम उठा रही थी
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साना जावेद ने कमरे के की होल में चाबी घुमाई और हेंडल घुमा कर दरवाजा अंदर धकेला तो दरवाजा खुलता चला गया। साना जावेद ने मेजर राज को अंदर आने का इशारा किया और जैसे ही राज ने अंदर प्रवेश किया साना जावेद ने कमरा पीछे से बंद कर दिया और कुंडी लगाकर रकी ओर बढ़ी। राज के पास जाकर साना जावेद रुक गई और बोली- हाँ अब बताओ कर्नल इरफ़ान ने तुम्हें यहाँ क्यों भेजा है? और तुम कौन हो ??? इस पर मेजर राज ने कहा कि मेरा नाम फ़िरोज़ है और मैं पाकिस्तानी सेना में कैप्टन के पद पर हूँ। और कर्नल इरफ़ान की टीम में बहुत महत्वपूर्ण सेवा में हूँ। कर्नल साहब पिछले काफी दिनों से एक भारतीयमेजर जो इस समय पाकिस्तान में मौजूद है उसको पकड़ने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन अब अचानक उनको इंडिया जाना पड़ गया है और वह अपना मेजर राज को पकड़ने का मिशन अधूरा छोड़ गए हैं क्योंकि इंडिया में कुछ ज़्यादा जरूरी काम हैं। और आप को भी कल रात ही इंडिया जाना है तो कर्नल साहब ने विशेष रूप से निर्देश दिया है कि मैं आपके साथ ही इंडिया जाऊंगा।
इस पर साना जावेद ने कहा मगर तुम मेरे साथ कैसे जा सकते हो? मेरी तो सारी तैयारी पूरी है और हमारी फ्लाइट भी फुल है। इस पर मेजर राज ने साना जावेद को कहा मैम आपके साथ आपका एक मेकअप मेन फ़िरोज़ भी जा रहा है। आज रात फ़िरोज़ को अंडर ग्राउंड कर दूंगा और खुद फ़िरोज़ बनकर उसी वीजा और पासपोर्ट पर आपके साथ जाऊंगा
इस पर साना जावेद ने कहा मगर मुझे तो कर्नल इरफ़ान ने ऐसी कोई बात नहीं बताई। कैप्टन ने कहा इसीलिए तो उन्होंने मुझे आपके पास भेजा है, उन्हें अचानक ही इंडिया जाना पड़ गया है, पहले उन्होंने अपना मिशन अगले सप्ताह तक पूरा करना था लेकिन अब उन्होंने अचानक ही फैसला किया है कि मिशन पूरा करने का सही समय आ गया है अब ज़्यादा देर नहीं की जा सकती, इसके साथ साथ आप अपनी फिल्म की एक प्रति भी मुझे देंगी, मैं वह फिल्म खुद भी देखूंगा और आपके साथ इंडिया जाने के बाद आपकी फिल्म जल्दी रिलीज करवाने का काम भी मैं ही कर दूँगा जैसे ही आपकी फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज होगी उसी रात कर्नल इरफ़ान इंडिया पर अपना आखिरी वार करेंगे और उसे एक प्रांत से वंचित कर देंगे।
साना जावेद संदिग्ध नजरों से कैप्टन को देख रही थी जैसे उसे उसकी बातों पर विश्वास न हो। कैप्टन ने इस बात को महसूस कर लिया था, कप्तान ने कहा मैम हमारे पास ज्यादा समय नहीं है, कल किसी भी तरह हमें इंडिया जाना है, कर्नल इरफ़ान आपको वहीं मिलेंगे, अगर आप चाहें तो सेना मुख्यालय से कर्नल इरफ़ान के बारे में पता कर सकते हैं कि वह पाकिस्तान में हैं या इंडिया मे . मगर उससे पहले अपनी पहचान अवश्य करवाईएगा अन्यथा सेना मुख्यालय से आपको कभी कोई जानकारी नहीं मिलेंगी। मेजर राज की बातों को देख अब साना जावेद को विश्वास हो चला था कि यह सच कह रहा है। मगर फिर साना जावेद ने हैरान होते हुए पूछा कि अगर इतनी ही आपातकालीन स्थिति है और तुम्हें कर्नल इरफ़ान ने मेरे पास भेजा है तो तुम वहाँ ऐनी जाफ़री के साथ क्या कर रहे थे ???
साना जावेद की यह बात सुनकर मेजर राज मुस्कुराया और बोला आपको काफ़ी देर से ढूंढने की कोशिश कर रहा था, लेकिन आप नहीं मिल रही थीं, तो नीचे हॉल में ऐनी जी से मुलाकात हो गई, तो आपको तो पता ही है कि, एक तो वह खुद बहुत सेक्सी हैं ऊपर से उनकी ड्रेसिंग ऐसी होती है कि कोई भी पुरुष उनकी ओर खिंचा चला जाता है।बातों बातों में ही उनके अतीत के बारे में भी बात हुई, आपको तो पता ही होगा कि लॉलीवुड से पहले वह कैसी वाहियात फिल्में करती थीं, तो उन्हें जब पता चला कि मैं पाकिस्तानी सेना में हूँ तो उनके अंदर वही पॉर्न स्टार जाग उठी और उन्होंने सोचा कि आज किसी आर्मी वाले के साथ भी सेक्स का मज़ा लिया जाए, तभी किसी ने मुझे बताया कि साना जावेद कुछ देर पहले ऊपर वाली मंजिल पर थीं तभी ऐनी जाफ़री जी मुझे लेकर ऊपर आ गई और बोलीं कि आप बाथरूम में होगी, में बाथरूम तक आपको ढूंढने आया था, मगर आगे ऐनी जी के इरादे कुछ और थे, अब आप तो जानती ही हैं कि अगर कोई महिला खुद ही निश्चय कर ले किसी आदमी से सेक्स करने का तो वो पल आदमी के लिए कितना मुश्किल होता है इनकार कर नही सकता है, और अगर औरत भी ऐनी जाफ़री जी जैसी हो तो तो असंभव है इनकार
कैप्टन की यह बात सुनकर साना जावेद ने बुरा सा मुँह बनाया और बोली- अब ऐसी कोई बात नहीं उस मोटी में। खैर अब बताओ आगे का क्या कार्यक्रम है ???
मेजर राज ने कहा कार्यक्रम वही है कि आप मुझे अपनी फिल्म की कॉपी देंगी, मैं इस फिल्म को देखूँगा और उसके अनुसार कुछ योजना बनाउन्गा और इस फिल्म की कॉपी इंडिया के कुछ नेताओं तक भी आज रात ही पहुंचा दूंगा, और कल शाम को मैं आपके साथ इंडिया जाऊंगा और वहां एयरपोर्ट पर ही हमारी कर्नल इरफ़ान के साथ बैठक होगी। और आगे की योजना हमें कर्नल साहब वहीं बताएंगे।यह सुनकर साना जावेद ने एक लम्बी सी साँस ली ..... और कुछ देर खामोश रही जैसे कुछ सोच रही हो ... इस दौरान कुछ सेकंड के लिए कैप्टन ने महसूस किया कि साना जावेद की नजरें मेजर राज की पैंट पर हैं जहां वो कुछ ढूंढने की कोशिश कर रही थी, मगर फिर तुरंत ही उसने अपनी नज़रें हटा लीं . फिर साना जावेद ने कहा कि यहां तो मेरे पास फिल्म नहीं है, वह मेरे घर पर है, वहीं चलकर तुम्हें फिल्म दे सकती हूँ। मेजर राज ने कहा कि चलें फिर वहीं चलते हैं। इस पर साना जावेद ने कहा नहीं अभी नहीं जा सकती, अब यहाँ मेरा प्रदर्शन है और पुरस्कार भी मिलना है, यहां से करीब रात के 2 बजे फ्री होउंगी, उसके बाद वैसे तो मुझे फवाद के साथ जाना था मगर वह कार्यक्रम में कैंसिल कर सकती हूँ और 2 बजे के बाद घर चलकर तुम्हें फिल्म दिखा सकती हूँ
मेजर राज ने कहा ठीक है 2 बजे यहां से खाली होकर आप अपने घर चली जाएं। मैं आपको 2 बजे के बाद आपके घर पर ही मिलूँगा। साना जावेद ने कहा, यहां से इकट्ठे जाएंगे हम ??? मेजर राज ने कहा नहीं आप अलग जाएंगी और मैं अलग ही वहाँ पहुँचूँगा, बस यह ध्यान रखें कि मीडिया वालों से बच कर जाना है आपने, कहीं ऐसा न हो कि आप को एक आर्मी कैप्टन के साथ देखकर मीडिया बात फैला दे और इंडिया में भी हमारी योजना की भनक पड़ जाए।साना जावेद ने कहा चलो ठीक है तुम मेरे घर का पता लिख लो ... यह सुनकर मेजर राज हंसने लगा और बोला मेडम आप एक आर्मी कैप्टन के सामने खड़ी हैं, तो चिंता न करें मैं पूरे समय घर पर ही मिलूंगा आपको।साना जावेद ने कहा अब तो मैं जाऊं वापस नीचे ???
मेजर राज ने कहा, हां जी आप चलें, कुछ देर में भी नीचे ही रुकुंगा, उसके बाद में यहां से चला जाऊंगा कुछ जरूरी काम करने हैं और फिर रात को आपके घर पर ही मुलाकात होगी
यह कह कर मेजर राज कमरे से निकल गया और वापस बाथरूम की ओर गया, लेकिन अब की बार वो महिलाओं के बाथरूम की बजाय जेंट्सऊ बाथरूम में ही गया जबकि साना जावेद फिर से वह कमरा बंद करके नीचे हॉल में चली गई जहां इस समय रेशमा खुद के गाए गाने पर परफॉर्म कर रही थी। साना जावेद फिर से जा फवाद ख़ान के साथ बैठ गई और बोली सॉरी डार्लिंग, ज़्यादा देर तो नहीं हुई मुझे? फवाद ख़ान ने कहा कहाँ चली गई थी तुम और वह व्यक्ति कौन था, साना जावेद ने किसी ना किसी तरह उसे टाल दिया और फिर से शो एंजाय करने लगी जबकि फवाद ख़ान भी साना जावेद से अन्य विषयों पर बातें करने लगा
शो खत्म होने के बाद फवाद ख़ान ने साना जावेद को लांग ड्राइव ऑफर की मगर साना जावेद ने तबीयत का झूठा बहाना बनाकर फवाद को टाल दिया और खुद अपनी कार में घर पहुंच गई। घर पहुंची तो रात के 2 बजकर 25 मिनट हो चुके थे। साना जावेद ने घर जाकर कमरे की रोशनी ऑन कीं और इंटरकॉम पर अपने मेकअप मेन फ़िरोज़ को अपने कमरे में आने के लिए कहा ताकि वह उसको आवश्यक निर्देश दे सके। थोड़ी देर बाद दरवाजा खुला तो फ़िरोज़ अंदर आया। साना जावेद ने फ़िरोज़ को कहा कि आप ने जो इंडिया जाने की तैयारी कर रखी थी उसको ऐसे ही छोड़ दो, तुम अब इंडिया नहीं जा रहे हो, कल तुम्हें अंडर ग्राउंड कर दिया जाएगा और तुम्हारी जगह कोई और इंडिया जाएगा।
यह सुनकर फ़िरोज़ बोला मैम ऐसी बातें हर किसी को बताने की नहीं होतीं, यह आर्मी के सीक्रेट हैं, बात फ़िरोज़ के बारे में ही है लेकिन फ़िरोज़ को भी इस बात का पता नहीं लगना चाहिए ?? यह कह कर फ़िरोज़ हंसने लगा .. साना जावेद हैरान होकर उसे देखने लगी, फिर उसे ख्याल आया कि यह आवाज फ़िरोज़ की नहीं बल्कि यह तो कैप्टन फ़िरोज़ की आवाज है जो उसको होटल में मिला था। साना जावेद ने फटी फटी आँखों से फ़िरोज़ को देखा तो वह हंसने लगा और बोला अरे साना जावेद जी में केप्टन फ़िरोज़ हूं, आपके फ़िरोज़ को मैं कब का ठिकाने लगा चुका। देखिए कैसा हुलिया अपनाया है आप भी नहीं पहचान सकीं कि फ़िरोज़ नहीं बल्कि केप्टन फ़िरोज़ हूँ।यह कह कर मेजर राज ने एक और ठहाका लगाया और साना जावेद के पास आकर बोला क्यों साना जावेद जी, कैसी लगी मेरी एक्टिंग ???
साना जावेद ने प्रशंसा भरी नज़रों से मेजर राज को देखा और बोली में भी संदेह में न पड़ती अगर तुम ये बातें नहीं करते फ़िरोज़ के मुंह से आर्मी का सुनकर हैरान हुई वरना मुझे तो पता ही नहीं लगता। साना जावेद की बात के जवाब में मेजर राज ने पाकिस्तान का नारा लगाया और बोला जब तक हम जैसे अधिकारी मौजूद हैंहमारी धरती को कोई विश्वासघाती नुकसान नही पहुँचा सकता है, यह कहते हुए मेजर राज के लहजे में एक विश्वास था क्योंकि वास्तव में तो वह मेजर राज था और वह पाकिस्तान के लिए नहीं बल्कि अपने देश इंडिया के लिए ये शब्द बोल रहा था। अब मेजर राज ने साना जावेद को कहा मैम मुझे अपनी फिल्म की एक कॉपी दें, रात पहले ही बहुत हो गई है मुझे वह फिल्म देखनी भी है
फैजल ने कहा हां बेटा यही बीबीजी हैं आपकी। यह सुनते ही जन्नत आगे बढ़ी और मारिया से लिपट गई मारिया ने भी उसको प्यार किया। फिर जन्नत मारिया को खींचती अपने कमरे में ले जाने लगी। फैजल भी उसके साथ कमरे में प्रवेश हो गया .. जन्नत 15 साल की बच्ची थी मगर उसका शरीर कमाल का था। उभरे हुए सीने के उभार से वो कम से कम 18 साल की जवान औरत लगती थी और उसके बाहर निकले हुए चूतड़ किसी भी पुरुष को चोदने का निमंत्रण देने के लिए पर्याप्त थे। मारिया दिल ही दिल में जन्नत के नसवानी हुश्न की सराहना करने के लिए मजबूर हो गई मगर फैजल के सामने वह उसको कुछ कह नहीं सकती थी। जन्नत से कुछ देर बातें करने के बाद फैजल ने जन्नत को कहा कि बीबी जी को बाकी की हवेली दिखा दूँ तुम अपनी अम्मा के कमरे में जाओ
यह सुनकर मारिया ने जन्नत को प्यार किया और उसके कमरे से बाहर निकल आई जबकि फैजल अब मारिया को लिए एक गलियारे से होता हुआ सीढ़ियों पर चढ़ने लगा, मारिया भी उसके पीछे पीछे सीढ़ियों चढ़ती गई, यहां ज्यादा लोग मौजूद नहीं थे बस एक दो नौकर चाकर ही थे जो अपना सिर झुका अपने कामों में व्यस्त थे। यहाँ फैजल ने मारिया को टेरेंस भी दिखाया जहां बंदूक धारी हाथ में बंदूक लिए खड़े थे और इसके अलावा विभिन्न कमरे भी दिखाए और उनके बारे में बताया कि किन लोगों के लिए कौन सा कमरा आरक्षित है। यहाँ एक बड़ा पुस्तकालय भी था जिसमे विभिन्न किताबें और उपन्यास मौजूद थे और एक बड़ा हॉल भी था जिसमें जालियों से नीचे वाला हॉल कक्ष दिखता था जिसमें लोकाटी ने लोगों से मुलाकात की थी जिसको फैजल ने अतिथि ग्रह बताया था। आसपास कोई व्यक्ति न होने की वजह से फैजल अब काफी रिलैक्स था और मारिया से काफी फ्री होकर बात कर रहा था। इस दौरान मारिया ने महसूस किया कि फैजल अपनी नज़रें मारिया के बड़े मम्मों पर गढ़ा देता था और जब मारिया ने फैजल की तरफ देखती तो वो अपनी नज़रें हटा लेता। मारिया ने महसूस किया था कि उसकी टाइट फिटिंग वाली कमीज में उसका फिगर बहुत कयामत ढा रहा था और फैजल को बार बार मजबूर कर रहा था कि वह अपनी नज़रों को मारिया के मम्मों से चकाचौंध करे। मगर मारिया ने फैजल को इस बात से नहीं रोका, बल्कि अब वह जानबूझकर फैजल को अवसर दे रही थी कि वह मारिया के मम्मों को देख सके उसके साथ मारिया फैजल से आगे जाकर अपनी पीठ फैजल की ओर करके एक रेक का सहारा लेकर झुककर भी खड़ी हो गई और टेबल पर पड़ी किताब को उलट पलट कर देखने लगी। इस स्थिति में मारिया के बड़े बड़े नितंब फैजल के लंड को खड़ा होने पर मजबूर कर रहे थे और फैजल की नजरें मारिया की टाइट कमीज से दिखने वाली मारिया के चूतड़ों के बीच की लाइन पर थीं। वह मन ही मन अपने पिता की किस्मत पर रश्क कर रहा था जिसकी किस्मत में इतनी गर्म और सेक्सी लड़की आई थी जबकि फैजल को या तो अपनी 35 वर्षीय पत्नी के शरीर से काम चलाना पड़ता था या फिर जाहिल महिलाओं से काम चलाता था वह कोई इतनी सुंदर नहीं थीं। जबकि उसके पिता को इस उम्र में इतनी हसीन और सेक्सी लड़की मिल गई थी।
मारिया कुछ देर इसी तरह अपनी गाण्ड दिखाने के बाद सीधी खड़ी हुई और फिर से फैजल से बातें करने लगी और हवेली के विभिन्न स्थान देखने लगी इस दौरान वह फैजल के और करीब हो गई थी और कभी कभी दोनों के शरीर आपस में टकराते तो मारिया को एहसास होता कि फैजल का शरीर काफी गर्म है। जबकि फैजल भी मन ही मन सोचता कि इतना गर्म और मुलायम शरीर अगर चोदने को मिल जाए तो मज़ा आ जाए
पूरी हवेली देख लेने के बाद मारिया ने फैजल को कहा कि वह उसे वापस उसके कमरे में छोड़ आए। तो फैजल न चाहते हुए भी मारिया को उसके कमरे तक छोड़ आया। कमरे में जाते ही मारिया ने दरवाजा बंद कर लिया और फैजल अपना सा मुंह लेकर वापस अपने कमरे में चला गया। मगर वह खुश था कि उसने कुछ देर ही सही मगर इतनी सेक्सी लड़की के शरीर के उभार देख लिए। फैजल के जाते ही मारिया ने कमरे की जाँच की, उसके अलावा कमरे में और कोई नहीं था। अब मारिया ने अपनी कमीज में हाथ डाल कर अपनी ब्रा से कागज का वह लिफाफा निकाला और उसे खोला तो उसमें से 2 प्लास्टिक की छोटी थैलियां निकली और एक छोटी सी पर्ची थी। मारिया ने वह पर्ची खोलकर पढ़ना शुरू किया तो उसमें केवल इतना लिखा था "दोनों सरकार पा शक्तिशाली बनना चाहते हैं, दोनों को शासक के खिलाफ करो
उसके बाद मारिया ने वह छोटी थैलियाँ देखी तो उनमें से एक पर जहर लिखा था जबकि दूसरी में बेहोशी की दवा लिखा था। मारिया समझ गई कि यह जहर मारिया के लिए भेजा गया है कि अगर वह किसी मुश्किल में फंसे तो इन अत्याचारियों का अत्याचार सहन करने की बजाय जहर खा ले। जबकि बेहोशी की दवा उसकी जरूरत के लिए थी कि अगर हवेली में किसी को बेहोश करना हो तो यह दवा मारिया काम आ सके। जबकि दूसरा संदेश भी मारिया समझ गई थी दोनों को दर्शाता लोकाटी के दोनों बेटे थे और मेजर राज ने मारिया को बताया था कि ये दोनों ही किसी न किसी तरह लोकाटी की बजाय स्वशासन प्राप्त करना चाहते हैं और अगर उन्हें लोकाटी के खिलाफ कर दिया जाय तो मेजर राज अपना कोई खेल चला सकता है। मारिया काफी देर कमरे में बैठी रही और सोचती रही कि आखिर कैसे दोनों को उनके पिता के खिलाफ किया जा सकता है और कैसे उन्हें यह आश्वासन दिया जा सकता है कि उन्हें सरकार मिल सकती है।
काफी देर सोचने के बाद मारिया के मन में केवल एक ही बात आई कि हर आदमी औरत के शरीर का प्यासा है, और आज मारिया ने देख भी लिया था कि फैजल जो जाहिरा तौर मारिया की ओर आँख उठा कर नहीं देखता था, अवसर मिलने पर उसकी नज़रें मारिया के मम्मों पर थी जो कमीज में छिपे हुए थे। कमीज में छिपे हुए मम्मों पर फैजल इस तरह मरा जा रहा था तो जब वह उसके मम्मों को अपने सामने देख लेगा तो उसका क्या हाल होगा। मारिया ने अब पूरा प्लान बना लिया था कि उसे क्या करना है। और अब वह अपने प्लान को अमलीजामा पहनाने के लिए आवश्यक कदम उठा रही थी
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साना जावेद ने कमरे के की होल में चाबी घुमाई और हेंडल घुमा कर दरवाजा अंदर धकेला तो दरवाजा खुलता चला गया। साना जावेद ने मेजर राज को अंदर आने का इशारा किया और जैसे ही राज ने अंदर प्रवेश किया साना जावेद ने कमरा पीछे से बंद कर दिया और कुंडी लगाकर रकी ओर बढ़ी। राज के पास जाकर साना जावेद रुक गई और बोली- हाँ अब बताओ कर्नल इरफ़ान ने तुम्हें यहाँ क्यों भेजा है? और तुम कौन हो ??? इस पर मेजर राज ने कहा कि मेरा नाम फ़िरोज़ है और मैं पाकिस्तानी सेना में कैप्टन के पद पर हूँ। और कर्नल इरफ़ान की टीम में बहुत महत्वपूर्ण सेवा में हूँ। कर्नल साहब पिछले काफी दिनों से एक भारतीयमेजर जो इस समय पाकिस्तान में मौजूद है उसको पकड़ने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन अब अचानक उनको इंडिया जाना पड़ गया है और वह अपना मेजर राज को पकड़ने का मिशन अधूरा छोड़ गए हैं क्योंकि इंडिया में कुछ ज़्यादा जरूरी काम हैं। और आप को भी कल रात ही इंडिया जाना है तो कर्नल साहब ने विशेष रूप से निर्देश दिया है कि मैं आपके साथ ही इंडिया जाऊंगा।
इस पर साना जावेद ने कहा मगर तुम मेरे साथ कैसे जा सकते हो? मेरी तो सारी तैयारी पूरी है और हमारी फ्लाइट भी फुल है। इस पर मेजर राज ने साना जावेद को कहा मैम आपके साथ आपका एक मेकअप मेन फ़िरोज़ भी जा रहा है। आज रात फ़िरोज़ को अंडर ग्राउंड कर दूंगा और खुद फ़िरोज़ बनकर उसी वीजा और पासपोर्ट पर आपके साथ जाऊंगा
इस पर साना जावेद ने कहा मगर मुझे तो कर्नल इरफ़ान ने ऐसी कोई बात नहीं बताई। कैप्टन ने कहा इसीलिए तो उन्होंने मुझे आपके पास भेजा है, उन्हें अचानक ही इंडिया जाना पड़ गया है, पहले उन्होंने अपना मिशन अगले सप्ताह तक पूरा करना था लेकिन अब उन्होंने अचानक ही फैसला किया है कि मिशन पूरा करने का सही समय आ गया है अब ज़्यादा देर नहीं की जा सकती, इसके साथ साथ आप अपनी फिल्म की एक प्रति भी मुझे देंगी, मैं वह फिल्म खुद भी देखूंगा और आपके साथ इंडिया जाने के बाद आपकी फिल्म जल्दी रिलीज करवाने का काम भी मैं ही कर दूँगा जैसे ही आपकी फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज होगी उसी रात कर्नल इरफ़ान इंडिया पर अपना आखिरी वार करेंगे और उसे एक प्रांत से वंचित कर देंगे।
साना जावेद संदिग्ध नजरों से कैप्टन को देख रही थी जैसे उसे उसकी बातों पर विश्वास न हो। कैप्टन ने इस बात को महसूस कर लिया था, कप्तान ने कहा मैम हमारे पास ज्यादा समय नहीं है, कल किसी भी तरह हमें इंडिया जाना है, कर्नल इरफ़ान आपको वहीं मिलेंगे, अगर आप चाहें तो सेना मुख्यालय से कर्नल इरफ़ान के बारे में पता कर सकते हैं कि वह पाकिस्तान में हैं या इंडिया मे . मगर उससे पहले अपनी पहचान अवश्य करवाईएगा अन्यथा सेना मुख्यालय से आपको कभी कोई जानकारी नहीं मिलेंगी। मेजर राज की बातों को देख अब साना जावेद को विश्वास हो चला था कि यह सच कह रहा है। मगर फिर साना जावेद ने हैरान होते हुए पूछा कि अगर इतनी ही आपातकालीन स्थिति है और तुम्हें कर्नल इरफ़ान ने मेरे पास भेजा है तो तुम वहाँ ऐनी जाफ़री के साथ क्या कर रहे थे ???
साना जावेद की यह बात सुनकर मेजर राज मुस्कुराया और बोला आपको काफ़ी देर से ढूंढने की कोशिश कर रहा था, लेकिन आप नहीं मिल रही थीं, तो नीचे हॉल में ऐनी जी से मुलाकात हो गई, तो आपको तो पता ही है कि, एक तो वह खुद बहुत सेक्सी हैं ऊपर से उनकी ड्रेसिंग ऐसी होती है कि कोई भी पुरुष उनकी ओर खिंचा चला जाता है।बातों बातों में ही उनके अतीत के बारे में भी बात हुई, आपको तो पता ही होगा कि लॉलीवुड से पहले वह कैसी वाहियात फिल्में करती थीं, तो उन्हें जब पता चला कि मैं पाकिस्तानी सेना में हूँ तो उनके अंदर वही पॉर्न स्टार जाग उठी और उन्होंने सोचा कि आज किसी आर्मी वाले के साथ भी सेक्स का मज़ा लिया जाए, तभी किसी ने मुझे बताया कि साना जावेद कुछ देर पहले ऊपर वाली मंजिल पर थीं तभी ऐनी जाफ़री जी मुझे लेकर ऊपर आ गई और बोलीं कि आप बाथरूम में होगी, में बाथरूम तक आपको ढूंढने आया था, मगर आगे ऐनी जी के इरादे कुछ और थे, अब आप तो जानती ही हैं कि अगर कोई महिला खुद ही निश्चय कर ले किसी आदमी से सेक्स करने का तो वो पल आदमी के लिए कितना मुश्किल होता है इनकार कर नही सकता है, और अगर औरत भी ऐनी जाफ़री जी जैसी हो तो तो असंभव है इनकार
कैप्टन की यह बात सुनकर साना जावेद ने बुरा सा मुँह बनाया और बोली- अब ऐसी कोई बात नहीं उस मोटी में। खैर अब बताओ आगे का क्या कार्यक्रम है ???
मेजर राज ने कहा कार्यक्रम वही है कि आप मुझे अपनी फिल्म की कॉपी देंगी, मैं इस फिल्म को देखूँगा और उसके अनुसार कुछ योजना बनाउन्गा और इस फिल्म की कॉपी इंडिया के कुछ नेताओं तक भी आज रात ही पहुंचा दूंगा, और कल शाम को मैं आपके साथ इंडिया जाऊंगा और वहां एयरपोर्ट पर ही हमारी कर्नल इरफ़ान के साथ बैठक होगी। और आगे की योजना हमें कर्नल साहब वहीं बताएंगे।यह सुनकर साना जावेद ने एक लम्बी सी साँस ली ..... और कुछ देर खामोश रही जैसे कुछ सोच रही हो ... इस दौरान कुछ सेकंड के लिए कैप्टन ने महसूस किया कि साना जावेद की नजरें मेजर राज की पैंट पर हैं जहां वो कुछ ढूंढने की कोशिश कर रही थी, मगर फिर तुरंत ही उसने अपनी नज़रें हटा लीं . फिर साना जावेद ने कहा कि यहां तो मेरे पास फिल्म नहीं है, वह मेरे घर पर है, वहीं चलकर तुम्हें फिल्म दे सकती हूँ। मेजर राज ने कहा कि चलें फिर वहीं चलते हैं। इस पर साना जावेद ने कहा नहीं अभी नहीं जा सकती, अब यहाँ मेरा प्रदर्शन है और पुरस्कार भी मिलना है, यहां से करीब रात के 2 बजे फ्री होउंगी, उसके बाद वैसे तो मुझे फवाद के साथ जाना था मगर वह कार्यक्रम में कैंसिल कर सकती हूँ और 2 बजे के बाद घर चलकर तुम्हें फिल्म दिखा सकती हूँ
मेजर राज ने कहा ठीक है 2 बजे यहां से खाली होकर आप अपने घर चली जाएं। मैं आपको 2 बजे के बाद आपके घर पर ही मिलूँगा। साना जावेद ने कहा, यहां से इकट्ठे जाएंगे हम ??? मेजर राज ने कहा नहीं आप अलग जाएंगी और मैं अलग ही वहाँ पहुँचूँगा, बस यह ध्यान रखें कि मीडिया वालों से बच कर जाना है आपने, कहीं ऐसा न हो कि आप को एक आर्मी कैप्टन के साथ देखकर मीडिया बात फैला दे और इंडिया में भी हमारी योजना की भनक पड़ जाए।साना जावेद ने कहा चलो ठीक है तुम मेरे घर का पता लिख लो ... यह सुनकर मेजर राज हंसने लगा और बोला मेडम आप एक आर्मी कैप्टन के सामने खड़ी हैं, तो चिंता न करें मैं पूरे समय घर पर ही मिलूंगा आपको।साना जावेद ने कहा अब तो मैं जाऊं वापस नीचे ???
मेजर राज ने कहा, हां जी आप चलें, कुछ देर में भी नीचे ही रुकुंगा, उसके बाद में यहां से चला जाऊंगा कुछ जरूरी काम करने हैं और फिर रात को आपके घर पर ही मुलाकात होगी
यह कह कर मेजर राज कमरे से निकल गया और वापस बाथरूम की ओर गया, लेकिन अब की बार वो महिलाओं के बाथरूम की बजाय जेंट्सऊ बाथरूम में ही गया जबकि साना जावेद फिर से वह कमरा बंद करके नीचे हॉल में चली गई जहां इस समय रेशमा खुद के गाए गाने पर परफॉर्म कर रही थी। साना जावेद फिर से जा फवाद ख़ान के साथ बैठ गई और बोली सॉरी डार्लिंग, ज़्यादा देर तो नहीं हुई मुझे? फवाद ख़ान ने कहा कहाँ चली गई थी तुम और वह व्यक्ति कौन था, साना जावेद ने किसी ना किसी तरह उसे टाल दिया और फिर से शो एंजाय करने लगी जबकि फवाद ख़ान भी साना जावेद से अन्य विषयों पर बातें करने लगा
शो खत्म होने के बाद फवाद ख़ान ने साना जावेद को लांग ड्राइव ऑफर की मगर साना जावेद ने तबीयत का झूठा बहाना बनाकर फवाद को टाल दिया और खुद अपनी कार में घर पहुंच गई। घर पहुंची तो रात के 2 बजकर 25 मिनट हो चुके थे। साना जावेद ने घर जाकर कमरे की रोशनी ऑन कीं और इंटरकॉम पर अपने मेकअप मेन फ़िरोज़ को अपने कमरे में आने के लिए कहा ताकि वह उसको आवश्यक निर्देश दे सके। थोड़ी देर बाद दरवाजा खुला तो फ़िरोज़ अंदर आया। साना जावेद ने फ़िरोज़ को कहा कि आप ने जो इंडिया जाने की तैयारी कर रखी थी उसको ऐसे ही छोड़ दो, तुम अब इंडिया नहीं जा रहे हो, कल तुम्हें अंडर ग्राउंड कर दिया जाएगा और तुम्हारी जगह कोई और इंडिया जाएगा।
यह सुनकर फ़िरोज़ बोला मैम ऐसी बातें हर किसी को बताने की नहीं होतीं, यह आर्मी के सीक्रेट हैं, बात फ़िरोज़ के बारे में ही है लेकिन फ़िरोज़ को भी इस बात का पता नहीं लगना चाहिए ?? यह कह कर फ़िरोज़ हंसने लगा .. साना जावेद हैरान होकर उसे देखने लगी, फिर उसे ख्याल आया कि यह आवाज फ़िरोज़ की नहीं बल्कि यह तो कैप्टन फ़िरोज़ की आवाज है जो उसको होटल में मिला था। साना जावेद ने फटी फटी आँखों से फ़िरोज़ को देखा तो वह हंसने लगा और बोला अरे साना जावेद जी में केप्टन फ़िरोज़ हूं, आपके फ़िरोज़ को मैं कब का ठिकाने लगा चुका। देखिए कैसा हुलिया अपनाया है आप भी नहीं पहचान सकीं कि फ़िरोज़ नहीं बल्कि केप्टन फ़िरोज़ हूँ।यह कह कर मेजर राज ने एक और ठहाका लगाया और साना जावेद के पास आकर बोला क्यों साना जावेद जी, कैसी लगी मेरी एक्टिंग ???
साना जावेद ने प्रशंसा भरी नज़रों से मेजर राज को देखा और बोली में भी संदेह में न पड़ती अगर तुम ये बातें नहीं करते फ़िरोज़ के मुंह से आर्मी का सुनकर हैरान हुई वरना मुझे तो पता ही नहीं लगता। साना जावेद की बात के जवाब में मेजर राज ने पाकिस्तान का नारा लगाया और बोला जब तक हम जैसे अधिकारी मौजूद हैंहमारी धरती को कोई विश्वासघाती नुकसान नही पहुँचा सकता है, यह कहते हुए मेजर राज के लहजे में एक विश्वास था क्योंकि वास्तव में तो वह मेजर राज था और वह पाकिस्तान के लिए नहीं बल्कि अपने देश इंडिया के लिए ये शब्द बोल रहा था। अब मेजर राज ने साना जावेद को कहा मैम मुझे अपनी फिल्म की एक कॉपी दें, रात पहले ही बहुत हो गई है मुझे वह फिल्म देखनी भी है