hotaks444
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रजनी ने फिर से झुक कर जया की दूसरी चूची को मुँह में भर कर चूसना शुरू कर दिया और सोनू ने अपना लण्ड बाहर निकाल कर एक बार फिर से जया की चूत के छेद पर टिका दिया।
“हाँ बेटी बहुत मोटा लौड़ा है रे तेरे इसस्स्स्स्सस्स नौकर का… मेरी चूत का भी भोसड़ा बना दियाआ.. साला एक नंबर का चोदू है..बहन का लौड़ा.. ओह आह्ह.. धीरेए हरामखोर.. मुझ बुढ़िया पर तरस खा..।”
सोनू ने जया की चूत में अपने मूसल जैसे लण्ड को अन्दर-बाहर करते हुए कहा- चुप साली इतनी कसी हुई चूत है तेरी.. और तू अपने आप को बुड्डी कह रही हाय.. आज तो सारी रात तेरी इस चूत में लण्ड पेल-पेल कर इसका भोसड़ा बनाऊँगा।
जया भी मस्ती में अपनी गाण्ड को ऊपर की तरफ उछाल रही थी और सोनू पीछे से धक्के लगाते हुए अपने हाथ की दो उँगलियों को रजनी की चूत में अन्दर-बाहर कर रहा था.. दोनों किसी रांड की तरह मस्ती में सिसया रही थीं।
पूरा कमरा उन तीनों के मादक और कामुक सिसकारियों से गूँज रहा था। जया ने अपनी दोनों बाँहों को रजनी की पीठ पर कसा हुआ था।
सोनू कभी रजनी की चूत में लण्ड डाल कर पेजया और कभी जया की में पेजया। जया कुछ देर बाद झड़ कर ढेर हो गई। वो उठ कर रजनी के बगल में लेट गई। सोनू ने रजनी को पीठ के बल लेटा कर उसकी टाँगों को उठा कर अपने कंधों पर रख लिया।
जया ने झुक कर रजनी के होंठों पर अपने होंठों पर रख दिया और उसके होंठों को चूसते हुए.. एक हाथ नीचे ले जाकर उसकी चूत के भगनासे को मसलने लगी।
जया के इस तरह करने से रजनी एकदम मस्त हो गई।
“आह.. डाल ना बहनचोद मेरी फुद्दी में लौड़ा आह…।”
सोनू ने अपना लौड़ा रजनी की चूत के छेद पर टिका कर अपनी गाण्ड को नीचे तरफ दाबना चालू कर दिया। सोनू का लण्ड अगले ही पल कामरस बहा रही रजनी की चूत की गहराईयों में समा गया।
रजनी- आह.. भर दे.. मेरीई चूत को अपने बीज़ से.. उइईए ओह.. मेरी कोख भर दे.. साले हरामी ओह..।
ये सुनते ही सोनू ने अपने लण्ड को पूरी रफ़्तार से रजनी की चूत की अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया, जया उसकी चूत के दाने को मसलते हुए सोनू के मोटे लण्ड को अपनी बेटी की चूत में अन्दर-बाहर होता देख रही थी।
“हाँ.. चोद साले.. फाड़ दे.. इस छिनाल की चूत को ओह बड़ा मोटा केला है रे तेरा… मेरी बेटी कितनी खुशकिस्मत है…।”
रजनी- हाँ.. माँ..आहह.. दिल करता है.. पूरी रात इसका लण्ड अपनी चूत में लेकर लेटी रहूँ… ओह्ह फाड़ दे रे मेरी चूत.. हरामी ओह आह्ह.. आह्ह… और ज़ोर से चोद.. लगा ठोकर.. ना… साले ओह्ह… बस मेरा पानी छूटने वाला है.. ओह और अन्दर तक डाल..ल्ल्ल्ल..।
रजनी ने अपनी टाँगों को सोनू के कंधों पर रख कर ऊपर उठा रखा था.. जिससे सोनू का लौड़ा जड़ तक आसानी से उसकी चूत की गहराईयों में उतर कर उसकी बच्चेदानी से टकरा रहा था। रजनी झड़ने के बेहद करीब थी, उसका पूरा बदन अकड़ने लगा और उसका बदन झटके खाते हुए झड़ने लगा।
चूत की दीवारों ने लण्ड को अपनी गिरफ्त में कसना शुरू कर दिया और सोनू के लण्ड ने गरम खौजया हुआ लावा निकाल कर रजनी की चूत की दीवारों को सराबोर करने लगा।
रजनी की चूत का मुँह बिल्कुल ऊपर की तरफ था और वो अपनी चूत की दीवारों से सोनू के लण्ड का पानी बह कर अपने बच्चेदानी की तरफ जाता हुआ महसूस कर रही थी। उसके होंठों पर संतुष्टि से भरी मुस्कान फ़ैल गई।
उसी स्थिति में तीनों थक कर सो गए।
“हाँ बेटी बहुत मोटा लौड़ा है रे तेरे इसस्स्स्स्सस्स नौकर का… मेरी चूत का भी भोसड़ा बना दियाआ.. साला एक नंबर का चोदू है..बहन का लौड़ा.. ओह आह्ह.. धीरेए हरामखोर.. मुझ बुढ़िया पर तरस खा..।”
सोनू ने जया की चूत में अपने मूसल जैसे लण्ड को अन्दर-बाहर करते हुए कहा- चुप साली इतनी कसी हुई चूत है तेरी.. और तू अपने आप को बुड्डी कह रही हाय.. आज तो सारी रात तेरी इस चूत में लण्ड पेल-पेल कर इसका भोसड़ा बनाऊँगा।
जया भी मस्ती में अपनी गाण्ड को ऊपर की तरफ उछाल रही थी और सोनू पीछे से धक्के लगाते हुए अपने हाथ की दो उँगलियों को रजनी की चूत में अन्दर-बाहर कर रहा था.. दोनों किसी रांड की तरह मस्ती में सिसया रही थीं।
पूरा कमरा उन तीनों के मादक और कामुक सिसकारियों से गूँज रहा था। जया ने अपनी दोनों बाँहों को रजनी की पीठ पर कसा हुआ था।
सोनू कभी रजनी की चूत में लण्ड डाल कर पेजया और कभी जया की में पेजया। जया कुछ देर बाद झड़ कर ढेर हो गई। वो उठ कर रजनी के बगल में लेट गई। सोनू ने रजनी को पीठ के बल लेटा कर उसकी टाँगों को उठा कर अपने कंधों पर रख लिया।
जया ने झुक कर रजनी के होंठों पर अपने होंठों पर रख दिया और उसके होंठों को चूसते हुए.. एक हाथ नीचे ले जाकर उसकी चूत के भगनासे को मसलने लगी।
जया के इस तरह करने से रजनी एकदम मस्त हो गई।
“आह.. डाल ना बहनचोद मेरी फुद्दी में लौड़ा आह…।”
सोनू ने अपना लौड़ा रजनी की चूत के छेद पर टिका कर अपनी गाण्ड को नीचे तरफ दाबना चालू कर दिया। सोनू का लण्ड अगले ही पल कामरस बहा रही रजनी की चूत की गहराईयों में समा गया।
रजनी- आह.. भर दे.. मेरीई चूत को अपने बीज़ से.. उइईए ओह.. मेरी कोख भर दे.. साले हरामी ओह..।
ये सुनते ही सोनू ने अपने लण्ड को पूरी रफ़्तार से रजनी की चूत की अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया, जया उसकी चूत के दाने को मसलते हुए सोनू के मोटे लण्ड को अपनी बेटी की चूत में अन्दर-बाहर होता देख रही थी।
“हाँ.. चोद साले.. फाड़ दे.. इस छिनाल की चूत को ओह बड़ा मोटा केला है रे तेरा… मेरी बेटी कितनी खुशकिस्मत है…।”
रजनी- हाँ.. माँ..आहह.. दिल करता है.. पूरी रात इसका लण्ड अपनी चूत में लेकर लेटी रहूँ… ओह्ह फाड़ दे रे मेरी चूत.. हरामी ओह आह्ह.. आह्ह… और ज़ोर से चोद.. लगा ठोकर.. ना… साले ओह्ह… बस मेरा पानी छूटने वाला है.. ओह और अन्दर तक डाल..ल्ल्ल्ल..।
रजनी ने अपनी टाँगों को सोनू के कंधों पर रख कर ऊपर उठा रखा था.. जिससे सोनू का लौड़ा जड़ तक आसानी से उसकी चूत की गहराईयों में उतर कर उसकी बच्चेदानी से टकरा रहा था। रजनी झड़ने के बेहद करीब थी, उसका पूरा बदन अकड़ने लगा और उसका बदन झटके खाते हुए झड़ने लगा।
चूत की दीवारों ने लण्ड को अपनी गिरफ्त में कसना शुरू कर दिया और सोनू के लण्ड ने गरम खौजया हुआ लावा निकाल कर रजनी की चूत की दीवारों को सराबोर करने लगा।
रजनी की चूत का मुँह बिल्कुल ऊपर की तरफ था और वो अपनी चूत की दीवारों से सोनू के लण्ड का पानी बह कर अपने बच्चेदानी की तरफ जाता हुआ महसूस कर रही थी। उसके होंठों पर संतुष्टि से भरी मुस्कान फ़ैल गई।
उसी स्थिति में तीनों थक कर सो गए।