hotaks444
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दीपा अब अपने आप पर काबू रख नहीं पा रही थी। उसके हाथ अब सोनू के कन्धों पर आ चुके थे उसके गाल और कान दोनों लाल सुर्ख होकर दहकने लगे। सोनू ने अपनी बाँहों को दीपा के कमर के इर्द-गिर्द कस कर उसे अपने से चिपका लिया। दीपा के एड़ियाँ ऊपर को उठ गईं, जो कि दीपा की एक और बड़ी ग़लती थी। भले ही दीपा पर वासना हावी होने लगी थी.. पर उसके मन का एक कोना अब भी उससे ये सब करने के लिए रोक रहा था, पर अगले ही पल नीचे सोनू का तना हुआ लण्ड सीधा दीपा की चूत पर सलवार के ऊपर से जा लगा। दीपा का पूरा बदन ऐसे काँप गया, जैसे उसने बिजली के नंगे तारों को छू लिया हो…।
उसने सोनू के कंधों को पीछे की ओर धकेला और अपने होंठों को सोनू के होंठों से अलग कर दिया।
दीपा की साँसें उखड़ी हुई थीं और वो बहुत मुश्किल से अपने आँखों को खोल कर सोनू की तरफ देख रही थी.. जैसे आँखों से कह रही हो कि उसे छोड़ दो। पर सोनू का तना हुआ लण्ड जैसे अपने इरादे से पीछे हटने वाला नहीं था। उसे तो उस पतली सी सलवार के नीचे कुँवारी की चूत की सुगंध आ गई थी।
सोनू का लण्ड बुरी तरह फुंफकारते हुए झटके खा रहा था.. जैसे ही सोनू का लण्ड फनफनाते हुए झटका खा कर दीपा की चूत की ऊपर रगड़ ख़ाता.. दीपा बिन जल मछली के तरह तड़प उठती। सोनू जानता था कि अब दीपा उसे नहीं रोक पाएगी। सोनू ने झट से अपने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर अपने पजामे को खोल कर जाँघों तक सरका दिया।
दीपा शरम के मारे नीचे नहीं देख पा रही थी, पर अब उसकी हालत हर पल और खराब होती जा रही थी। सोनू ने अब फिर से अपने लण्ड को पकड़ कर दीपा की चूत की फांकों पर सलवार के ऊपर से टिका दिया।
“आह सोनूऊऊ..”
दीपा अपनी चूत पर सोनू के मोटे सुपारे की गरमी को महसूस करते हुए.. सिसक उठी।
उसने सोनू के कंधों को पीछे की ओर धकेला और अपने होंठों को सोनू के होंठों से अलग कर दिया।
दीपा की साँसें उखड़ी हुई थीं और वो बहुत मुश्किल से अपने आँखों को खोल कर सोनू की तरफ देख रही थी.. जैसे आँखों से कह रही हो कि उसे छोड़ दो। पर सोनू का तना हुआ लण्ड जैसे अपने इरादे से पीछे हटने वाला नहीं था। उसे तो उस पतली सी सलवार के नीचे कुँवारी की चूत की सुगंध आ गई थी।
सोनू का लण्ड बुरी तरह फुंफकारते हुए झटके खा रहा था.. जैसे ही सोनू का लण्ड फनफनाते हुए झटका खा कर दीपा की चूत की ऊपर रगड़ ख़ाता.. दीपा बिन जल मछली के तरह तड़प उठती। सोनू जानता था कि अब दीपा उसे नहीं रोक पाएगी। सोनू ने झट से अपने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर अपने पजामे को खोल कर जाँघों तक सरका दिया।
दीपा शरम के मारे नीचे नहीं देख पा रही थी, पर अब उसकी हालत हर पल और खराब होती जा रही थी। सोनू ने अब फिर से अपने लण्ड को पकड़ कर दीपा की चूत की फांकों पर सलवार के ऊपर से टिका दिया।
“आह सोनूऊऊ..”
दीपा अपनी चूत पर सोनू के मोटे सुपारे की गरमी को महसूस करते हुए.. सिसक उठी।