hotaks444
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गुरुजी के आश्रम में रश्मि के जलवे
मेरा नाम रश्मि सिंह है. मैं यूपी के एक छोटे से शहर सीतापुर में रहती हूँ. जब मैं 24 बरस की थी तो मेरी शादी अनिल के साथ हुई . अनिल की सीतापुर में ही अपनी दुकान है. शादी के बाद शुरू में सब कुछ अच्छा रहा और मैं भी खुश थी. अनिल मेरा अच्छे से ख्याल रखता था और मेरी सेक्स लाइफ भी सही चल रही थी.
शादी के दो साल बाद हमने बच्चा पैदा करने का फ़ैसला किया. लेकिन एक साल तक बिना किसी प्रोटेक्शन के संभोग करने के बाद भी मैं गर्भवती नही हो पाई. मेरे सास ससुर भी चिंतित थे की बहू को बच्चा क्यूँ नही हो रहा है. मैं बहुत परेशान हो गयी की मेरे साथ ऐसा क्यूँ हो रहा है. मेरे पीरियड्स टाइम पर आते थे. शारीरिक रूप से भी मैं भरे पूरे बदन वाली थी.
तब मैं 26 बरस की थी , गोरा रंग , कद 5’3” , सुन्दर नाक नक्श और गदराया हुआ मेरा बदन था. कॉलेज के दिनों से ही मेरा बदन निखर गया था, मेरी बड़ी चूचियाँ और सुडौल नितंब लड़कों को आकर्षित करते थे.
मैं शर्मीले स्वाभाव की थी और कपड़े भी सलवार सूट या साड़ी ब्लाउज ही पहनती थी. जिनसे बदन ढका रहता था. छोटे शहर में रहने की वजह से मॉडर्न ड्रेसेस मैंने कभी नही पहनी. लेकिन फिर भी मैंने ख्याल किया था की मर्दों की निगाहें मुझ पर रहती हैं. शायद मेरे गदराये बदन की वजह से ऐसा होता हो.
अनिल ने मुझे बहुत सारे डॉक्टर्स को दिखाया. मेरे शर्मीले स्वाभाव की वजह से लेडी डॉक्टर्स के सामने कपड़े उतारने में भी मुझे शरम आती थी. लेडी डॉक्टर चेक करने के लिए जब मेरी चूचियों, निपल या चूत को छूती थी तो मैं एकदम से गीली हो जाती थी. और मुझे बहुत शरम आती थी.
सभी डॉक्टर्स ने कई तरह की दवाइयाँ दी , मेरे लैब टेस्ट करवाए पर कुछ फायदा नही हुआ.
फिर अनिल मुझे देल्ही ले गया लेकिन मैंने साफ कह दिया की मैं सिर्फ़ लेडी डॉक्टर को ही दिखाऊँगी. लेकिन वहाँ से भी कुछ फायदा नही हुआ.
मेरी सासूजी ने मुझे आयुर्वेदिक , होम्योपैथिक डॉक्टर्स को दिखाया, उनकी भी दवाइयाँ मैंने ली , लेकिन कुछ फायदा नही हुआ.
अब अनिल और मेरे संबंधों में भी खटास आने लगी थी. अनिल के साथ सेक्स करने में भी अब कोई मज़ा नही रह गया था , ऐसा लगता था जैसे बच्चा प्राप्त करने के लिए हम ज़बरदस्ती ये काम कर रहे हों. सेक्स का आनंद उठाने की बजाय यही चिंता लगी रहती थी की अबकी बार मुझे गर्भ ठहरेगा या नही.
ऐसे ही दिन निकलते गये और एक और साल गुजर गया. अब मैं 28 बरस की हो गयी थी. संतान ना होने से मैं उदास रहने लगी थी. घर का माहौल भी निराशा से भरा हो गया था.
एक दिन अनिल ने मुझे बताया की जयपुर में एक मेल गयेनोकोलॉजिस्ट है जो इनफर्टिलिटी केसेस का एक्सपर्ट है , चलो उसके पास तुम्हें दिखा लाता हूँ. लेकिन मेल डॉक्टर को दिखाने को मैं राज़ी नही थी. किसी मर्द के सामने कपड़े उतारने में कौन औरत नही शरमाएगी. अनिल मुझसे बहुत नाराज़ हो गया और अड़ गया की उसी डॉक्टर को दिखाएँगे. अब तुम ज़्यादा नखरे मत करो.
अगले दिन मेरी पड़ोसन मधु हमारे घर आई और मेरी सासूजी से बोली,” ऑन्टी जी , आपने रश्मि को बहुत सारे डॉक्टर्स को दिखा दिया लेकिन कोई फायदा नही हुआ. रश्मि बता रही थी की वो देल्ही भी दिखा लाई है. आयुर्वेदिक , होम्योपैथिक सब ट्रीटमेंट कर लिए फिर भी उसको संतान नही हुई. बेचारी आजकल बहुत उदास सी रहने लगी है. आप रश्मि को श्यामपुर में गुरुजी के आश्रम दिखा लाइए. मेरी एक रिश्तेदार थी जिसके शादी के 7 साल बाद भी बच्चा नही हुआ था. गुरुजी के आश्रम जाकर उसे संतान प्राप्त हुई. रश्मि की शादी को तो अभी 4 साल ही हुए हैं. मुझे यकीन है की गुरुजी की कृपा से रश्मि को ज़रूर संतान प्राप्त होगी. गुरुजी बहुत चमत्कारी हैं.”
मधु की बात से मेरी सासूजी के मन में उम्मीद की किरण जागी. मैंने भी सोचा की सब कुछ करके देख लिया तो आश्रम जाकर भी देख लेती हूँ.
मेरी सासूजी ने अनिल को भी राज़ी कर लिया.
“ देखो अनिल, मधु ठीक कह रही है. रश्मि के इतने टेस्ट वगैरह करवाए और सबका रिज़ल्ट नॉर्मल था. कहीं कोई गड़बड़ी नही है तब भी बच्चा नही हो रहा है. अब और ज़्यादा समय बर्बाद नही करते हैं. मधु कह रही थी की ये गुरुजी बहुत चमत्कारी हैं और मधु की रिश्तेदार का भी उन्ही की कृपा से बच्चा हुआ.”
उस समय मैं मधु के आने से खुश हुई थी की अब जयपुर जाकर मेल डॉक्टर को नही दिखाना पड़ेगा , पर मुझे क्या पता था की गुरुजी के आश्रम में मेरे साथ क्या होने वाला है.
इलाज़ के नाम पर जो मेरा शोषण उस आश्रम में हुआ , उसको याद करके आज भी मुझे शरम आती है. इतनी चालाकी से उन लोगों ने मेरा शोषण किया . उस समय मेरे मन में संतान प्राप्त करने की इतनी तीव्र इच्छा थी की मैं उन लोगों के हाथ का खिलौना बन गयी .
जब भी मैं उन दिनों के बारे में सोचती हूँ तो मुझे हैरानी होती है की इतनी शर्मीली हाउसवाइफ होने के बावजूद कैसे मैंने उन लोगो को अपने बदन से छेड़छाड़ करने दी और कैसे एक रंडी की तरह आश्रम के मर्दों ने मेरा फायदा उठाया.
मेरा नाम रश्मि सिंह है. मैं यूपी के एक छोटे से शहर सीतापुर में रहती हूँ. जब मैं 24 बरस की थी तो मेरी शादी अनिल के साथ हुई . अनिल की सीतापुर में ही अपनी दुकान है. शादी के बाद शुरू में सब कुछ अच्छा रहा और मैं भी खुश थी. अनिल मेरा अच्छे से ख्याल रखता था और मेरी सेक्स लाइफ भी सही चल रही थी.
शादी के दो साल बाद हमने बच्चा पैदा करने का फ़ैसला किया. लेकिन एक साल तक बिना किसी प्रोटेक्शन के संभोग करने के बाद भी मैं गर्भवती नही हो पाई. मेरे सास ससुर भी चिंतित थे की बहू को बच्चा क्यूँ नही हो रहा है. मैं बहुत परेशान हो गयी की मेरे साथ ऐसा क्यूँ हो रहा है. मेरे पीरियड्स टाइम पर आते थे. शारीरिक रूप से भी मैं भरे पूरे बदन वाली थी.
तब मैं 26 बरस की थी , गोरा रंग , कद 5’3” , सुन्दर नाक नक्श और गदराया हुआ मेरा बदन था. कॉलेज के दिनों से ही मेरा बदन निखर गया था, मेरी बड़ी चूचियाँ और सुडौल नितंब लड़कों को आकर्षित करते थे.
मैं शर्मीले स्वाभाव की थी और कपड़े भी सलवार सूट या साड़ी ब्लाउज ही पहनती थी. जिनसे बदन ढका रहता था. छोटे शहर में रहने की वजह से मॉडर्न ड्रेसेस मैंने कभी नही पहनी. लेकिन फिर भी मैंने ख्याल किया था की मर्दों की निगाहें मुझ पर रहती हैं. शायद मेरे गदराये बदन की वजह से ऐसा होता हो.
अनिल ने मुझे बहुत सारे डॉक्टर्स को दिखाया. मेरे शर्मीले स्वाभाव की वजह से लेडी डॉक्टर्स के सामने कपड़े उतारने में भी मुझे शरम आती थी. लेडी डॉक्टर चेक करने के लिए जब मेरी चूचियों, निपल या चूत को छूती थी तो मैं एकदम से गीली हो जाती थी. और मुझे बहुत शरम आती थी.
सभी डॉक्टर्स ने कई तरह की दवाइयाँ दी , मेरे लैब टेस्ट करवाए पर कुछ फायदा नही हुआ.
फिर अनिल मुझे देल्ही ले गया लेकिन मैंने साफ कह दिया की मैं सिर्फ़ लेडी डॉक्टर को ही दिखाऊँगी. लेकिन वहाँ से भी कुछ फायदा नही हुआ.
मेरी सासूजी ने मुझे आयुर्वेदिक , होम्योपैथिक डॉक्टर्स को दिखाया, उनकी भी दवाइयाँ मैंने ली , लेकिन कुछ फायदा नही हुआ.
अब अनिल और मेरे संबंधों में भी खटास आने लगी थी. अनिल के साथ सेक्स करने में भी अब कोई मज़ा नही रह गया था , ऐसा लगता था जैसे बच्चा प्राप्त करने के लिए हम ज़बरदस्ती ये काम कर रहे हों. सेक्स का आनंद उठाने की बजाय यही चिंता लगी रहती थी की अबकी बार मुझे गर्भ ठहरेगा या नही.
ऐसे ही दिन निकलते गये और एक और साल गुजर गया. अब मैं 28 बरस की हो गयी थी. संतान ना होने से मैं उदास रहने लगी थी. घर का माहौल भी निराशा से भरा हो गया था.
एक दिन अनिल ने मुझे बताया की जयपुर में एक मेल गयेनोकोलॉजिस्ट है जो इनफर्टिलिटी केसेस का एक्सपर्ट है , चलो उसके पास तुम्हें दिखा लाता हूँ. लेकिन मेल डॉक्टर को दिखाने को मैं राज़ी नही थी. किसी मर्द के सामने कपड़े उतारने में कौन औरत नही शरमाएगी. अनिल मुझसे बहुत नाराज़ हो गया और अड़ गया की उसी डॉक्टर को दिखाएँगे. अब तुम ज़्यादा नखरे मत करो.
अगले दिन मेरी पड़ोसन मधु हमारे घर आई और मेरी सासूजी से बोली,” ऑन्टी जी , आपने रश्मि को बहुत सारे डॉक्टर्स को दिखा दिया लेकिन कोई फायदा नही हुआ. रश्मि बता रही थी की वो देल्ही भी दिखा लाई है. आयुर्वेदिक , होम्योपैथिक सब ट्रीटमेंट कर लिए फिर भी उसको संतान नही हुई. बेचारी आजकल बहुत उदास सी रहने लगी है. आप रश्मि को श्यामपुर में गुरुजी के आश्रम दिखा लाइए. मेरी एक रिश्तेदार थी जिसके शादी के 7 साल बाद भी बच्चा नही हुआ था. गुरुजी के आश्रम जाकर उसे संतान प्राप्त हुई. रश्मि की शादी को तो अभी 4 साल ही हुए हैं. मुझे यकीन है की गुरुजी की कृपा से रश्मि को ज़रूर संतान प्राप्त होगी. गुरुजी बहुत चमत्कारी हैं.”
मधु की बात से मेरी सासूजी के मन में उम्मीद की किरण जागी. मैंने भी सोचा की सब कुछ करके देख लिया तो आश्रम जाकर भी देख लेती हूँ.
मेरी सासूजी ने अनिल को भी राज़ी कर लिया.
“ देखो अनिल, मधु ठीक कह रही है. रश्मि के इतने टेस्ट वगैरह करवाए और सबका रिज़ल्ट नॉर्मल था. कहीं कोई गड़बड़ी नही है तब भी बच्चा नही हो रहा है. अब और ज़्यादा समय बर्बाद नही करते हैं. मधु कह रही थी की ये गुरुजी बहुत चमत्कारी हैं और मधु की रिश्तेदार का भी उन्ही की कृपा से बच्चा हुआ.”
उस समय मैं मधु के आने से खुश हुई थी की अब जयपुर जाकर मेल डॉक्टर को नही दिखाना पड़ेगा , पर मुझे क्या पता था की गुरुजी के आश्रम में मेरे साथ क्या होने वाला है.
इलाज़ के नाम पर जो मेरा शोषण उस आश्रम में हुआ , उसको याद करके आज भी मुझे शरम आती है. इतनी चालाकी से उन लोगों ने मेरा शोषण किया . उस समय मेरे मन में संतान प्राप्त करने की इतनी तीव्र इच्छा थी की मैं उन लोगों के हाथ का खिलौना बन गयी .
जब भी मैं उन दिनों के बारे में सोचती हूँ तो मुझे हैरानी होती है की इतनी शर्मीली हाउसवाइफ होने के बावजूद कैसे मैंने उन लोगो को अपने बदन से छेड़छाड़ करने दी और कैसे एक रंडी की तरह आश्रम के मर्दों ने मेरा फायदा उठाया.