hotaks444
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मम्मी का पूरा शरीर थरथरा उठा....थोड़ी देर तक चूत चूसने के बाद पापा असली काम पर आ गए, उन्होंने अपने बाकी के बचे खुचे कपडे उतार फेंके और एक ही झटके में मम्मी की चूत के अंदर अपना लंड पेलकर उसे चोदने लगे ।उसके रसीले और थरथराते हुए चूतड़ अपनी जांघ पर महसूस करते हुए पापा कि मस्ती कि कोई सीमा ही नहीं रही पापा का लंड अंदर - बाहर होता जा रहा था और अचानक मम्मी को अपने अंदर एक गुबार बनता हुआ महसूस होने लगा और अगले ही पल वो गुबार फूट गया और वो बिलबिलाती हुई सी झड़ने लगी ..
''अययययीईईईईईई अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्हह्हह्हह्हह ''
सही कहु तो दुबारा पापा मम्मी के देखी गयी इस चुदाई ने मेरे मन में अजीब सा एहसास भर दिया था, हालाँकि मेरी उम्र ज्यादा नही थी लेकिन में उम्र के जिस मोड़ पर थी उसमे किसी चुदाई को देखना, अश्लील शब्दों का सुनना हमेशा मेरी चूत को तर करने के लिए काफी था।
अब तो हॉल ये हो गया था की जब भी में अकेले भी बैठती और पापा मम्मी की चुदाई के दृश्यों के बारे में सोच भी लेती तो ऑर्गैस्म प्राप्त कर लेती। मेरी चूत चूत रस छोड़ देती और में निढाल सी हो जाती। मेरी समझ में नही आ रहा था की अपनी इस हालत का में क्या करू। कई बार लगता की अब तो कोई भी आ जाये, मुझे अपनी बाँहो में समेत ले और अपना लंड मेरी चूत में घुसा दे, मेरी चूत को फाड़ के रख दे, इसके परखचे उड़ा दे, मेरी चूत में अपना रस इस तरह भर दे की वो कभी खाली ही ना हो।
*****
एक दिन हमें पुरे परिवार के साथ पापा के एक मित्र के बेटे की शादी में पड़ा, मम्मी ने हमसे कहा की इस अवसर पर में कोई उनका लहँगा चुन्नी पहन लू जो की राजस्थानी ड्रेस होती हे। उनके अनुसार कभी शादी वगेरा में इस तरह पारम्परिक ड्रेस पहनना अच्छा लगता हे।
मेने लहंगा चुन्नी पहन लिया और अंदर जौकी कि ही मैचिंग ब्रा और पेंटी पहनी थी लेकिन मुझे उसमे एक बड़ी अजीब सी बात यही दिख रही थी की उसमे मेरा ब्लॉउज एकदम से सामने आ रहा था और मेरे दोनों बूब्स के उभार बिलकुल सामने उभर कर आ रहे थे। क्यू की मुझे बार बार लहंगा और चुन्नी को सम्भालना पड़ रहा था तो में बहुत थक भी गयी थी और परेशान भी हो चुकी थी।
में घर पहुंची तो बहुत थक गयी थी और रात भी हो चुकी थी,सर में दर्द था और चक्कर भी आ रहे थे ! मैंने सोचा कि दवा खा कर थोड़ी देर लेटती हूँ, फिर नाईट ड्रेस पहन लुंगी! बिस्तर पर लेटते ही कब नींद आ गई, पता नहीं चला ! करीब पांच बजे सुबह नींद खुली तो कुछ अजीब सा लगा, चुन्नी पूरी उठी हुई थी, लहंगे के साथ ! पैंटी में बहुत गीलापन था ! ब्रा के हुक अंदर से खुले थे और निप्पल के पास पूरा गीला था ! मैंने जल्दी से कपड़े ठीक किये और बाथरूम भागी ! पैंटी उतारते ही मैं चौंक गयी,क्योकि पैंटी उलटी थी ! मैंने ज़िन्दगी में कभी उलटी पैंटी नही पहनी थी, और मुझे पूरा विस्वास था कि कल भी मैंने सीधी पहनी थी! ब्लाउज उतारा तो देखा कि ब्रा का सिर्फ एक हुक लगा है वो भी गलत जगह ! इसका मतलब था कि किसी ने मेरी ब्लाउज और ब्रा खोली, पैंटी उतारी और वापस पहना दिया! मेरी चिकनी चूत पर भी एक चमक थी, जैसे किसी ने उसको रगड़ रगड़ के साफ़ किया हो! मेरे तो होश उड़ गए कि कौन हो सकता है। पापा, भैया या कोई और मर्द, घर में ये तीन ही तो हे, ताज़्ज़ुब इस बात का था कि मुझे पता नहीं चला !किसी तरह इस टेंशन में मैं तैयार होकर नीचे उतरी, ज़िन्दगी में पहली बार मेरे साथ ऐसा हुआ था! किसी से कुछ पूछना या बोलना मेरे लिए असंभव था !
बदन में अजीब सी सनसनाहट हो रही थी! चूत बहुत ज्यादा कोमल लग रही थी! पैंटी के साथ हलकी सी रगड़ भी सनसनाहट दे रही थी !मेरे लिए ये नया अनुभव था! कौन है वो जिसने मेरे अंगों से खेला है! लड़की होने के नाते ये तो में समझ गयी थी की मेरे साथ सेक्स नहीं हुआ है, पर बाहर से किसी ने जी भर के चूमा चाटा है! मेरा किसी भी काम में मन नहीं लग रहा था! मैं इतनी बेहोश कैसे हो सकती हूँ कि मुझे पता नहीं चला!
दिन भर ये ही मेरे दिमाग में उथल पुथल चलती रही, मम्मी ने मुझे भी परेशान देखा तो उन्हें लगा की में रात को शादी की थकान के कारन थकी हुई हु तो उन्होंने कहा कि मैं जा के आराम कर लूँ !मैंने कह दिया कि अब मैं रूम में जा रही हूँ सोने के लिए ! ऊपर रूम में आकर मैंने कपड़े बदलने कि सोची, नाईट ड्रेस पहना और दवा खाकर सोने चली गई! नाईट ड्रेस के साथ मैं ब्रा और पैंटी नहीं पहनती थी! दिमाग में कल कि बातें चल रही थी! मैंने सोच लिया था कि अगर आज ऐसा कुछ हुआ तो मैं जरूर पकड़ लुंगी।
शाम के ७ बजते बजते मुझे गहरी नींद आ गई !देर रात मुझे अहसास हुआ कि कोई मेरे चूत को जीभ से चाट रहा है ! मैं डर के मारे आँख नहीं खोल पाई !मेरी नाईट ड्रेस ऊपर गर्दन तक उठे हुए थे, अजनबी के दोनों हाथ मेरे चूची को सहला रहे थे ! कमरे में हलकी रौशनी तो थी, पर आँखें खोल कर देखने का साहस मुझमे नहीं था! चूत चाटने वाला बड़े आराम से चूत का कोना कोना जीभ से साफ़ कर रहा था, कोई जल्दी नहीं लग रही थी ! पूरा बदन सनसना रहा था! कि अचानक .,,,अचानक मेरे पूरे बदन में एक तनाव सा आया, और लगा जैसे मेरी चूत से फौवारा छूटा है ! उसके बाद मेरे कमर के नीचे का हिस्सा बिलकुल ही ढीला पर गया ! शायद अज़नबी को कुछ शक हुआ की मैं जाग रही हूँ ! थोड़ी देर के लिए सब कुछ शांत हो गया ! मैं समझी की चलो बला टली ! मैं चुप चाप लेटी रही ! मैं यह चाहती थी की अजनबी को लगे कि मुझे कुछ पता नहीं चला कि मेरे साथ क्या हुआ ! मैं किसी आहट का इंतज़ार कर रही थी कि उसके जाते जाते मैं उसे देख पाउ और कम से कम ये जान तो लूँ कि ये कौन है ! कुछ समय ऐसे ही बीत गया ! मैं चाहती थी कि जल्दी से मैं नाईटी को नीचे करू, क्यूकि नंगे बदन मुझे बड़ा अजीब लग रहा था ! मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि कभी मेरे साथ ऐसा हो सकता है!
मुझे भी सेक्स के बारे ज्यादा पता नहीं था, जीभ से चूत को चाटा जाता है, ये तो बिलकुल मेरी समझ के बाहर था ! मुझे बस एक ही बात अच्छी लगी थी कि मेरी चूत ने उसे बहुत पसंद किया था और पहली बार मुझे पूरा संतोष लग रहा था !
''अययययीईईईईईई अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्हह्हह्हह्हह ''
सही कहु तो दुबारा पापा मम्मी के देखी गयी इस चुदाई ने मेरे मन में अजीब सा एहसास भर दिया था, हालाँकि मेरी उम्र ज्यादा नही थी लेकिन में उम्र के जिस मोड़ पर थी उसमे किसी चुदाई को देखना, अश्लील शब्दों का सुनना हमेशा मेरी चूत को तर करने के लिए काफी था।
अब तो हॉल ये हो गया था की जब भी में अकेले भी बैठती और पापा मम्मी की चुदाई के दृश्यों के बारे में सोच भी लेती तो ऑर्गैस्म प्राप्त कर लेती। मेरी चूत चूत रस छोड़ देती और में निढाल सी हो जाती। मेरी समझ में नही आ रहा था की अपनी इस हालत का में क्या करू। कई बार लगता की अब तो कोई भी आ जाये, मुझे अपनी बाँहो में समेत ले और अपना लंड मेरी चूत में घुसा दे, मेरी चूत को फाड़ के रख दे, इसके परखचे उड़ा दे, मेरी चूत में अपना रस इस तरह भर दे की वो कभी खाली ही ना हो।
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एक दिन हमें पुरे परिवार के साथ पापा के एक मित्र के बेटे की शादी में पड़ा, मम्मी ने हमसे कहा की इस अवसर पर में कोई उनका लहँगा चुन्नी पहन लू जो की राजस्थानी ड्रेस होती हे। उनके अनुसार कभी शादी वगेरा में इस तरह पारम्परिक ड्रेस पहनना अच्छा लगता हे।
मेने लहंगा चुन्नी पहन लिया और अंदर जौकी कि ही मैचिंग ब्रा और पेंटी पहनी थी लेकिन मुझे उसमे एक बड़ी अजीब सी बात यही दिख रही थी की उसमे मेरा ब्लॉउज एकदम से सामने आ रहा था और मेरे दोनों बूब्स के उभार बिलकुल सामने उभर कर आ रहे थे। क्यू की मुझे बार बार लहंगा और चुन्नी को सम्भालना पड़ रहा था तो में बहुत थक भी गयी थी और परेशान भी हो चुकी थी।
में घर पहुंची तो बहुत थक गयी थी और रात भी हो चुकी थी,सर में दर्द था और चक्कर भी आ रहे थे ! मैंने सोचा कि दवा खा कर थोड़ी देर लेटती हूँ, फिर नाईट ड्रेस पहन लुंगी! बिस्तर पर लेटते ही कब नींद आ गई, पता नहीं चला ! करीब पांच बजे सुबह नींद खुली तो कुछ अजीब सा लगा, चुन्नी पूरी उठी हुई थी, लहंगे के साथ ! पैंटी में बहुत गीलापन था ! ब्रा के हुक अंदर से खुले थे और निप्पल के पास पूरा गीला था ! मैंने जल्दी से कपड़े ठीक किये और बाथरूम भागी ! पैंटी उतारते ही मैं चौंक गयी,क्योकि पैंटी उलटी थी ! मैंने ज़िन्दगी में कभी उलटी पैंटी नही पहनी थी, और मुझे पूरा विस्वास था कि कल भी मैंने सीधी पहनी थी! ब्लाउज उतारा तो देखा कि ब्रा का सिर्फ एक हुक लगा है वो भी गलत जगह ! इसका मतलब था कि किसी ने मेरी ब्लाउज और ब्रा खोली, पैंटी उतारी और वापस पहना दिया! मेरी चिकनी चूत पर भी एक चमक थी, जैसे किसी ने उसको रगड़ रगड़ के साफ़ किया हो! मेरे तो होश उड़ गए कि कौन हो सकता है। पापा, भैया या कोई और मर्द, घर में ये तीन ही तो हे, ताज़्ज़ुब इस बात का था कि मुझे पता नहीं चला !किसी तरह इस टेंशन में मैं तैयार होकर नीचे उतरी, ज़िन्दगी में पहली बार मेरे साथ ऐसा हुआ था! किसी से कुछ पूछना या बोलना मेरे लिए असंभव था !
बदन में अजीब सी सनसनाहट हो रही थी! चूत बहुत ज्यादा कोमल लग रही थी! पैंटी के साथ हलकी सी रगड़ भी सनसनाहट दे रही थी !मेरे लिए ये नया अनुभव था! कौन है वो जिसने मेरे अंगों से खेला है! लड़की होने के नाते ये तो में समझ गयी थी की मेरे साथ सेक्स नहीं हुआ है, पर बाहर से किसी ने जी भर के चूमा चाटा है! मेरा किसी भी काम में मन नहीं लग रहा था! मैं इतनी बेहोश कैसे हो सकती हूँ कि मुझे पता नहीं चला!
दिन भर ये ही मेरे दिमाग में उथल पुथल चलती रही, मम्मी ने मुझे भी परेशान देखा तो उन्हें लगा की में रात को शादी की थकान के कारन थकी हुई हु तो उन्होंने कहा कि मैं जा के आराम कर लूँ !मैंने कह दिया कि अब मैं रूम में जा रही हूँ सोने के लिए ! ऊपर रूम में आकर मैंने कपड़े बदलने कि सोची, नाईट ड्रेस पहना और दवा खाकर सोने चली गई! नाईट ड्रेस के साथ मैं ब्रा और पैंटी नहीं पहनती थी! दिमाग में कल कि बातें चल रही थी! मैंने सोच लिया था कि अगर आज ऐसा कुछ हुआ तो मैं जरूर पकड़ लुंगी।
शाम के ७ बजते बजते मुझे गहरी नींद आ गई !देर रात मुझे अहसास हुआ कि कोई मेरे चूत को जीभ से चाट रहा है ! मैं डर के मारे आँख नहीं खोल पाई !मेरी नाईट ड्रेस ऊपर गर्दन तक उठे हुए थे, अजनबी के दोनों हाथ मेरे चूची को सहला रहे थे ! कमरे में हलकी रौशनी तो थी, पर आँखें खोल कर देखने का साहस मुझमे नहीं था! चूत चाटने वाला बड़े आराम से चूत का कोना कोना जीभ से साफ़ कर रहा था, कोई जल्दी नहीं लग रही थी ! पूरा बदन सनसना रहा था! कि अचानक .,,,अचानक मेरे पूरे बदन में एक तनाव सा आया, और लगा जैसे मेरी चूत से फौवारा छूटा है ! उसके बाद मेरे कमर के नीचे का हिस्सा बिलकुल ही ढीला पर गया ! शायद अज़नबी को कुछ शक हुआ की मैं जाग रही हूँ ! थोड़ी देर के लिए सब कुछ शांत हो गया ! मैं समझी की चलो बला टली ! मैं चुप चाप लेटी रही ! मैं यह चाहती थी की अजनबी को लगे कि मुझे कुछ पता नहीं चला कि मेरे साथ क्या हुआ ! मैं किसी आहट का इंतज़ार कर रही थी कि उसके जाते जाते मैं उसे देख पाउ और कम से कम ये जान तो लूँ कि ये कौन है ! कुछ समय ऐसे ही बीत गया ! मैं चाहती थी कि जल्दी से मैं नाईटी को नीचे करू, क्यूकि नंगे बदन मुझे बड़ा अजीब लग रहा था ! मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि कभी मेरे साथ ऐसा हो सकता है!
मुझे भी सेक्स के बारे ज्यादा पता नहीं था, जीभ से चूत को चाटा जाता है, ये तो बिलकुल मेरी समझ के बाहर था ! मुझे बस एक ही बात अच्छी लगी थी कि मेरी चूत ने उसे बहुत पसंद किया था और पहली बार मुझे पूरा संतोष लग रहा था !