hotaks444
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मैडम ने पर्स से निरोध का पैकेट निकला और मेरे लंड पर लगा दिया, मैडम ने थोडा सा थूक अपनी चूत पर लगाया और टाँगे फैला ली उनकी ट्रिम बालो से झांकती चूत मेरे लंड को आमंत्रण दे रही थी , मैंने अपने लंड को चूत से भिड़ाया और पहले ही झटके में मेरा लंड चूत म, नहीं भोसड़े में घुसता चला गया मैडम की चूत बहुत ही खुली खुली सी थी पर अपने को मिल रही थी वो ही बहुत था मैंने उनकी जांघो पर अपने हाथ रखे और करदी कार्यवाही शुरू
मैडम की ताल से ताल मिलाते हुए मैंने चुदाई शुरू की मैडम एक नंबर की चुदासी औरत थी और चुदाई के हर लटके झटके में माहिर थी , मैं उनको चोदते चोदते उनकी चूची के काले निप्पल को अपने दांतों में दबा के शरारत करने लगा तो मेरी इस हरकत से मैडम को अपने जवान होने का अहसास होने लगा , मैडम के गले से स्वर फूटने लगे, वो नीचे से अपनी गांड को उठा उठा कर पटक रही थी मजा आ रहा था , उनकी निपल्स उत्तेजना के कारण ऊपर को तन गए थे मैडम और मैं लगातार एक दुसरे को तौलते जा रहे थे जैसे ही मैंने तेज तेज धक्का मारता मैडम भी अपने चुतड उठा उठा कर मजे ले रही है
अब मैंने चूची से मुह हटाया और उनके लिप्स की तरफ हो गया मैडम ने अपनी टांगो को ऊपर की तरफ उठा लिया लापा लापा ठप्प ठप्प करते हुए मेरी गोलिया उनके चुतड से टकरा रहा था मधुर ध्वनी के साथ मैडम की हर सांस मेरे मुह में जाकर कही खो रही थी, मैडम की सांस और मेरी सांस एक साथ चुदाई के संगीत पर थिरक रही थी उनकी चूत की चिकनी घाटी में लंड महाराज विध्वंस मचाये हुए थे, मैडम की आहे जल्दी ही पुरे कमरे में गूँज रही थी , मैं अब बेड से नीचे उतर गया और मैडम को किनारे पर खीच लिया और रख लिया दोनों टांगो को कन्धो पर नब्बे डिग्री का कौन बनाते हुए
मैडम तो मस्ती से दोहरी ही हो गयी थी इस पोज में मैडम ने अपनी आँखों को कर लिया बंद और अपने बोबो को खुद दबाते हुए चुदने लगी मैं अब दांत भींचे धडा धड उनको चोदने लगा अगले कुछ मिनट तक मैं बस तेज तेज उनको चोद्ता रहा मैडम की हिलती छातीया उनकी मनोदशा को बयान कर रही थी मैं अब झड़ने वाला था तो मैं अब उनके ऊपर लेट गया और जल्दी जल्दी धक्के मारने लगा करीब ५ मिनट बाद मैंने मैडम को अपनी बाहों में कस के दबा लिया और झड़ने लगा मेरा सारा वीर्य निरोध में इक्कठा होने लगा थोड़ी देर बाद मैं शान्ति के ऊपर से उतरा और बगल में लेट गया .
मैडम उठी और बाथरूम में चली गयी मैंने भी अपने कपडे पहन लिए मैडम ने उसके बाद चाय बनायीं और मुझे बढ़िया सा नाश्ता करवाया , शाम होने वाली थी तो अब हम लोगो को तैयारिया करनी थी मैडम ने मुझे बता दिया था की डिजिटल कैमरा को बिना फ़्लैश के कैसे यूज़ करते है
मैडम- पर तुम छुपोगे कहा पर
मैं- वाही सोच रहा हूँ
मैडम- परदे के पीछे
मैं- ना
वो- तो मैं सोचने दो
मैडम रसोई में बिजी हो गयी मैं गहन सोच में डूब गया की कैसे होगा क्या , बस यही पहला और आखिरी मौका था , मैंने ऊपर वाले से दुआ मांगी की सब सही निपट गया तो ग्यारह रूपये का प्रसाद चढाऊंगा , टाइम साला परीक्षा लेने पे आतुर हो गया पर मैंने भी सोच लिया था की चाहे कुछ भी हो शान्ति मैडम जब अपना जलवा दिखाएगी तो चाचा जैसा ठरकी जल्दी ही पिघल जाएगा ,
मैडम ने खाना लगा दिया था मैंने वाही पे खाया और फिर करीब घंटे भर बाद चाचा भी आ गए, मैं अलमारी के पीछे छुप गया, चाचा अन्दर आये तो उनके हाथ में दो पैकेट थे, उन्होंने वो शान्ति को दिए और अन्दर आ गए मैडम ने उन्हें सोफे पे बिठाया और थोडा पानी वाणी दिया मैडम भी फिर उनके पास ही बैठ गयी और उनकी बाते शुरू हो गयी
मैडम- सर मेरा काम हो तो जाये गा ना
चाचा- देखिये, भाभीजी काम बड़ा मुश्किल है वैसे भी आप दुसरे स्टेट की है तो यहाँ का मूल निवास ऐसे तो बन नहीं सकता ना
मैडम- तो फिर मेरे लिए मुश्किल होगी, आप दोपहर में तो बोल रहे थे की काम हो जायेगा
चाचा- मैंने कहा मुश्किल है , नामुमकिन नहीं
मैडम- तो कर दीजिये ना
चाचा- भाभीजी, आप को पता तो है ही की ऐसे पेचीदा कामो के लिए थोडा बहुत एडजस्ट करना तो पड़ता है ना
मैडम- वो तो मैं आपको बता ही चुकी हूँ नाऔर मैडम ने उनकी और कातिल स्माइल फेकी
चाचा मुस्कुराया , मैडम सरक कर चाचा के पास बैठ गयी और अपने आँचल को थोडा सा सरका दिया चाचा की नजर उन पर पड़ी तो आँखे लाल होने लगी, मैडम अपने होंठो पर जीभ फेरते हुए बोली- तो क्या एडजस्ट करना चाहोगे क्लर्क बाबु
चाचा- आपको तो पता ही है मुझे क्या चाहिए
चाचा ने मैडम का हाथ अपने हाथ में लेकर दबा दिया मैडम थोडा सा और सरक गयी उनकी टाँगे आपस में रगड़ने लगी, मैडम मादक अंगड़ाई लेते हुए, मेरा काम जल्दी ही करना होगा और उन्होंने चाचा के लंड को पेंट के ऊपर से ही सहला दिया शान्ति बड़ी मस्त अदाकारी कर रही थी , चाचा ने मैडम के बोबो को मसल दिया तो मैडम अदा दिखाते हुए बोली- ऐसे क्यों करते हो, प्यार करने की चीज़ है प्यार कीजिए आराम से
चाचा मैडम को किस करने ही वाले थे की मैडम उठ कर रसोई में चली गयी और फिर थोड़ी देर में शराब की बोतल जो चाचा लाया था वो कुछ स्नैक और बरफ ले आई , चाचा सोच रहा होगा की आज तो ऐसे ही बिना बात के चूत का जुगाड़ हो गया पर उसको ये पता नहीं था की उसकी गांड टूटने का पक्का जुगाड़ कर रहा था मैं , मैडम ने गिलास में बरफ डाली और थोड़ी सी शराब पर चाचा ने पटियाला पेग ही बनवाया और दो पेग गटक गया फटाफट से और फिर मैडम को बिठा लिया अपनी गोदी में
मैडम- आह क्या करते हो आप
चाचा- भाभी जी, अभी कहा कुछ किया मैंने
चाचा ने मैडम के गाल चूमने शुरू किया शान्ति भी चुदक्कड औरत थी उसको तो बस लंड से मतलब था मैं सोचने लगा की ये साली बहक गयी तो प्लान की माँ चुद जाएगी , पर चाचा को मैडम के रूप-रंग में घोटना भी बेहद जरुरी था चाचा ने मैडम के ब्लाउज और ब्रा को उतार दिया था और बोबो के मसलते हुए बोला- “वह,भाभी जी वाह क्या मस्त करारी चूचिया है आपकी, मैं तो अभी से दीवाना हो गया हूँ आपका ”
मैडम- सब आप के लिए ही है जी भर कर लीजिये मजा आपकी खिदमत में हूँ मैं तो
चाचा खुश हो गया , उसने मैडम को अपनी गोदी में लिटा सा लिया था और मैडम के बोबो को चूमने लगा मैडम मचलने लगी, उनकी नजर मुझ पर पड़ी तो मैंने इशारा किया की इसको अऔर पिलाओ थोड़ी और कपडे उतारो , मैडम झट से उठी और बोतल को उठाते हुए बोली- पहले इसे तो ख़तम कर लो फिर जी भर के मुझे प्यार करना
चाचा- भाभीजी, इसमें वो नशा कहा जो आप में है, चाचा ने बोतल को सीधा ही अपने मुह में लगया और गतागत कुछ घूँट खीच गया , नशे और वासना से उनकी आँखे लाल होने लगी थी, मैं सोचने लगा की घर पे इनको देख कर कोई सोच भी नहीं सकता की ये इंसान इतना गिरा हुआ है
चाचा ने कुछ दारु मैडम के ऊपर टपका दी और उसको चाटने लगा , मैडम को घिन्न सी आने लगी थी पर वो करवा रही थी मैंने मन ही मन उनका बहुत धन्यावाद किया और कैमरा निकाल लिया चाचा मैडम के बोबे चूस रहे थे मैंने दो चार फोटो उतार लिए काफ़ी देर तक वो बोबो को निचोड़ता रहा मैडम भी धीरे धीरे से गरम होने लगी थी वो चाचा की बाहों में मचलने लगी उनके बोबे फूलने लगे थे फिर चाचा ने मैडम की साड़ी को हटा दिया मैडम के शरीर पर बस एक छोटी सी कच्छी थी, गुलाबी रंग की जिसने बस नाम मात्र के हिस्से को ही ढक रखा था चाचा ने मैडम की चूत को मुट्टी में भर के मसला तो मैडम कामुकता से मचलने लगी कमरे का वातावरण बहुत गरम हो गया था , खुद मेरा लंड मचल रहा था
चाचा ने धीरे से अपनी ऊँगली कच्छी में सरका दी और मैडम की चूत से खेलने लगा मैडम पर भी पूरी मस्ती चढ़ चुकी थी,मैडम ने अपनी बाहे चाचा के गले में डाल दी और उनको किस करने लगी साथ ही साथ उन्होंने चाचा की शर्ट भी खोल दी चाचा ने अपनी पेंट जल्दी से उतार दी दोनों नंगे हो गए थे चाचा का लंड तन के उनकी जांघो के मध्य में झूल रहा था, थोड़ी देर किस करने के बाद मैडम ने अपनी चालाकी दिखाई और दारू की बोतल उठा कर बोली- आज मैं आपको ऐसे पिलाऊंगी की आप हमेशा याद करेंगे की किसके साथ समय बिताया था
उन्होंने खुद पे शराब उदेलनी शुरू कर दी चाचा उनके बदन से नीचे टपकती बूंदों को चाटने लगे हूँस्न और शराब जब मिल जाये तो फिर इंसान कहा खुद पर काबू रख पता है मैडम अब सोफे पर बैठ गयी और अपने पेट पर शराब टपकाने लगी चाचा उनकी नाभि को चूसने लगे, बोतल इसी कशमकश ने आधी से थोड़ी ज्यादा हो गयी थी ऊपर से नीट चल रही थी तो नशा जल्दी ही उन्हें अपनी गिरफ्त में लेने वाला था और हुआ भी ऐसा ही ऊपर से मैडम ने गजब कर दिया वो चाचा का लंड चूसने लगी चाचा तो वासना में बह ही गया था उस समय में वो मैडम के मुह में लंड को आगे पीछे करने लगा वो एंगल एक दम सही था मैं तस्वीरे खीचने लगा फटाफट से
मैंने मैडम को इशारे से कहा की पोज़ दे कुछ तो मैडम ने लंड को मुह में से बहार निकाला और उनको किस करने लगी अब बनी ना बात, उसके बाद वो उनकी गोद में चढ़ गयी चाचा ने गोदी में उठा कर ही चुदाई शुरू की मैडम उनके लंड पर झूलने लगी , दोनों पूरी मस्ती में डूब चुके थे चाचा पूरी तरह नशे में उनको चोद रहे थे बडबडा रहे थे कुछ आधी अधूरी बाते , नसे से बोझिल वो मैडम पे चढ़े हुए थे, कबी मैडम को ऊपर ले कभी नीचे और मैडम भी हर बार ऐसा एंगल बना रही थी की जिसमे वो साफ़ साफ चोदते हुए दिखे, पर मैडम के शरीर की भी हदे थी जब मस्ती चढ़ी उनके सर पर तो वो सब कुछ भूल कर चुदने लगी अब उनको भी क्या कह सकता था मैं उनको तो हमेशा लंड की जरुरत रहती थी
तो दोस्तों करीब पन्द्रह बीस मिनट तक दोनों ने घमासान चुदाई मचाई, दोनों चोदु थे तो चुदाई धांसू होनी थी थी फिर चाचा मैडम पे पसर गए मैं अब अलमारी की आड़ में अच्छे से चुप गया , मैडम सोफे पर ही पड़ी थी चाचा उठे और एक पेग बनाया और पीने लगे,
मैडम- इतनी मत पियो, कही पीने के चक्कर में मुझे भूल ही जाओ
तो चाचा बोले- इसका नशा तेरे आगे कुछ नहीं बस दो पेग में अभी इसको ख़तम कर देता हूँ, दारू के साथ चूत मारने में बड़ा मजा आता है मुझे और मोका भी कम मिलता है तो आज अपने जी की करूँगा चाचा ने जल्दी ही बोतल को बिठा दिया और मैडम पर टूट पड़े, पूरी रात उन्होंने मैडम को दबा के बजाय डाला, मैडम तो मजे में ही उडती रही पूरी रात और मैंने अपना काम कर लिया सुबह करीब पांच बजे चाचा सो गया मैडम मेरे पास आई और बोली- काम हो गया ना
मैं- हां बहुत तस्वीरे हो गयी है पर अभी एक काम और करो आप , वो क्या
मैं- वो सोया पड़ा है अब आप पोस दो कुछ बेह्त्ररिन फोटू तो अभी लूँगा तो मैडम भी बिस्तर पर चढ़ गयी और किसी मस्त हेरोइन की तरह अदाए दिखने लगी, अपना काम हो गया था
मैं- ठीक है अब मैं चलता हूँ, और अब इनको मुह मत लगाना
वो- कभी कभी तो मिल सकती हूँ
मैं- देखो वो आपका रिस्क होगा , मैं न पडूंगा उसमे
मैंने कहा – कैमरा बाद में दे दूंगा ,
वो- जब भी मर्ज़ी हो दे देना
मैं उनके घर से निकल आया , अब करना भी तो क्या था उधर
बहार आके मैंने एक दूकान पे सुबह सुबह ही चाय मट्ठी का नास्ता किया और कॉलेज की तरफ निकल गया अब सुबह सुबह का टाइम था आँखे नींद की वजह से झुलस रही थी पर मेरे लिए एक समस्या और थी की फोटो धुल्वायेंगे कहा , किसी स्टूडियो में या लैब में तो करवा न सकू क्योंकि अश्लील माल था इसमें , सोच विचार में बहुत टाइम निकल गया ये नयी समसया था , दोपहर में मैंने नीनू को सारी बात बता दी तो वो बहुत हैरान हुई और बोली- देखो , तुम ये जो भी कर रहे हो उसका अंजाम तो सोचो तो सही
मैडम की ताल से ताल मिलाते हुए मैंने चुदाई शुरू की मैडम एक नंबर की चुदासी औरत थी और चुदाई के हर लटके झटके में माहिर थी , मैं उनको चोदते चोदते उनकी चूची के काले निप्पल को अपने दांतों में दबा के शरारत करने लगा तो मेरी इस हरकत से मैडम को अपने जवान होने का अहसास होने लगा , मैडम के गले से स्वर फूटने लगे, वो नीचे से अपनी गांड को उठा उठा कर पटक रही थी मजा आ रहा था , उनकी निपल्स उत्तेजना के कारण ऊपर को तन गए थे मैडम और मैं लगातार एक दुसरे को तौलते जा रहे थे जैसे ही मैंने तेज तेज धक्का मारता मैडम भी अपने चुतड उठा उठा कर मजे ले रही है
अब मैंने चूची से मुह हटाया और उनके लिप्स की तरफ हो गया मैडम ने अपनी टांगो को ऊपर की तरफ उठा लिया लापा लापा ठप्प ठप्प करते हुए मेरी गोलिया उनके चुतड से टकरा रहा था मधुर ध्वनी के साथ मैडम की हर सांस मेरे मुह में जाकर कही खो रही थी, मैडम की सांस और मेरी सांस एक साथ चुदाई के संगीत पर थिरक रही थी उनकी चूत की चिकनी घाटी में लंड महाराज विध्वंस मचाये हुए थे, मैडम की आहे जल्दी ही पुरे कमरे में गूँज रही थी , मैं अब बेड से नीचे उतर गया और मैडम को किनारे पर खीच लिया और रख लिया दोनों टांगो को कन्धो पर नब्बे डिग्री का कौन बनाते हुए
मैडम तो मस्ती से दोहरी ही हो गयी थी इस पोज में मैडम ने अपनी आँखों को कर लिया बंद और अपने बोबो को खुद दबाते हुए चुदने लगी मैं अब दांत भींचे धडा धड उनको चोदने लगा अगले कुछ मिनट तक मैं बस तेज तेज उनको चोद्ता रहा मैडम की हिलती छातीया उनकी मनोदशा को बयान कर रही थी मैं अब झड़ने वाला था तो मैं अब उनके ऊपर लेट गया और जल्दी जल्दी धक्के मारने लगा करीब ५ मिनट बाद मैंने मैडम को अपनी बाहों में कस के दबा लिया और झड़ने लगा मेरा सारा वीर्य निरोध में इक्कठा होने लगा थोड़ी देर बाद मैं शान्ति के ऊपर से उतरा और बगल में लेट गया .
मैडम उठी और बाथरूम में चली गयी मैंने भी अपने कपडे पहन लिए मैडम ने उसके बाद चाय बनायीं और मुझे बढ़िया सा नाश्ता करवाया , शाम होने वाली थी तो अब हम लोगो को तैयारिया करनी थी मैडम ने मुझे बता दिया था की डिजिटल कैमरा को बिना फ़्लैश के कैसे यूज़ करते है
मैडम- पर तुम छुपोगे कहा पर
मैं- वाही सोच रहा हूँ
मैडम- परदे के पीछे
मैं- ना
वो- तो मैं सोचने दो
मैडम रसोई में बिजी हो गयी मैं गहन सोच में डूब गया की कैसे होगा क्या , बस यही पहला और आखिरी मौका था , मैंने ऊपर वाले से दुआ मांगी की सब सही निपट गया तो ग्यारह रूपये का प्रसाद चढाऊंगा , टाइम साला परीक्षा लेने पे आतुर हो गया पर मैंने भी सोच लिया था की चाहे कुछ भी हो शान्ति मैडम जब अपना जलवा दिखाएगी तो चाचा जैसा ठरकी जल्दी ही पिघल जाएगा ,
मैडम ने खाना लगा दिया था मैंने वाही पे खाया और फिर करीब घंटे भर बाद चाचा भी आ गए, मैं अलमारी के पीछे छुप गया, चाचा अन्दर आये तो उनके हाथ में दो पैकेट थे, उन्होंने वो शान्ति को दिए और अन्दर आ गए मैडम ने उन्हें सोफे पे बिठाया और थोडा पानी वाणी दिया मैडम भी फिर उनके पास ही बैठ गयी और उनकी बाते शुरू हो गयी
मैडम- सर मेरा काम हो तो जाये गा ना
चाचा- देखिये, भाभीजी काम बड़ा मुश्किल है वैसे भी आप दुसरे स्टेट की है तो यहाँ का मूल निवास ऐसे तो बन नहीं सकता ना
मैडम- तो फिर मेरे लिए मुश्किल होगी, आप दोपहर में तो बोल रहे थे की काम हो जायेगा
चाचा- मैंने कहा मुश्किल है , नामुमकिन नहीं
मैडम- तो कर दीजिये ना
चाचा- भाभीजी, आप को पता तो है ही की ऐसे पेचीदा कामो के लिए थोडा बहुत एडजस्ट करना तो पड़ता है ना
मैडम- वो तो मैं आपको बता ही चुकी हूँ नाऔर मैडम ने उनकी और कातिल स्माइल फेकी
चाचा मुस्कुराया , मैडम सरक कर चाचा के पास बैठ गयी और अपने आँचल को थोडा सा सरका दिया चाचा की नजर उन पर पड़ी तो आँखे लाल होने लगी, मैडम अपने होंठो पर जीभ फेरते हुए बोली- तो क्या एडजस्ट करना चाहोगे क्लर्क बाबु
चाचा- आपको तो पता ही है मुझे क्या चाहिए
चाचा ने मैडम का हाथ अपने हाथ में लेकर दबा दिया मैडम थोडा सा और सरक गयी उनकी टाँगे आपस में रगड़ने लगी, मैडम मादक अंगड़ाई लेते हुए, मेरा काम जल्दी ही करना होगा और उन्होंने चाचा के लंड को पेंट के ऊपर से ही सहला दिया शान्ति बड़ी मस्त अदाकारी कर रही थी , चाचा ने मैडम के बोबो को मसल दिया तो मैडम अदा दिखाते हुए बोली- ऐसे क्यों करते हो, प्यार करने की चीज़ है प्यार कीजिए आराम से
चाचा मैडम को किस करने ही वाले थे की मैडम उठ कर रसोई में चली गयी और फिर थोड़ी देर में शराब की बोतल जो चाचा लाया था वो कुछ स्नैक और बरफ ले आई , चाचा सोच रहा होगा की आज तो ऐसे ही बिना बात के चूत का जुगाड़ हो गया पर उसको ये पता नहीं था की उसकी गांड टूटने का पक्का जुगाड़ कर रहा था मैं , मैडम ने गिलास में बरफ डाली और थोड़ी सी शराब पर चाचा ने पटियाला पेग ही बनवाया और दो पेग गटक गया फटाफट से और फिर मैडम को बिठा लिया अपनी गोदी में
मैडम- आह क्या करते हो आप
चाचा- भाभी जी, अभी कहा कुछ किया मैंने
चाचा ने मैडम के गाल चूमने शुरू किया शान्ति भी चुदक्कड औरत थी उसको तो बस लंड से मतलब था मैं सोचने लगा की ये साली बहक गयी तो प्लान की माँ चुद जाएगी , पर चाचा को मैडम के रूप-रंग में घोटना भी बेहद जरुरी था चाचा ने मैडम के ब्लाउज और ब्रा को उतार दिया था और बोबो के मसलते हुए बोला- “वह,भाभी जी वाह क्या मस्त करारी चूचिया है आपकी, मैं तो अभी से दीवाना हो गया हूँ आपका ”
मैडम- सब आप के लिए ही है जी भर कर लीजिये मजा आपकी खिदमत में हूँ मैं तो
चाचा खुश हो गया , उसने मैडम को अपनी गोदी में लिटा सा लिया था और मैडम के बोबो को चूमने लगा मैडम मचलने लगी, उनकी नजर मुझ पर पड़ी तो मैंने इशारा किया की इसको अऔर पिलाओ थोड़ी और कपडे उतारो , मैडम झट से उठी और बोतल को उठाते हुए बोली- पहले इसे तो ख़तम कर लो फिर जी भर के मुझे प्यार करना
चाचा- भाभीजी, इसमें वो नशा कहा जो आप में है, चाचा ने बोतल को सीधा ही अपने मुह में लगया और गतागत कुछ घूँट खीच गया , नशे और वासना से उनकी आँखे लाल होने लगी थी, मैं सोचने लगा की घर पे इनको देख कर कोई सोच भी नहीं सकता की ये इंसान इतना गिरा हुआ है
चाचा ने कुछ दारु मैडम के ऊपर टपका दी और उसको चाटने लगा , मैडम को घिन्न सी आने लगी थी पर वो करवा रही थी मैंने मन ही मन उनका बहुत धन्यावाद किया और कैमरा निकाल लिया चाचा मैडम के बोबे चूस रहे थे मैंने दो चार फोटो उतार लिए काफ़ी देर तक वो बोबो को निचोड़ता रहा मैडम भी धीरे धीरे से गरम होने लगी थी वो चाचा की बाहों में मचलने लगी उनके बोबे फूलने लगे थे फिर चाचा ने मैडम की साड़ी को हटा दिया मैडम के शरीर पर बस एक छोटी सी कच्छी थी, गुलाबी रंग की जिसने बस नाम मात्र के हिस्से को ही ढक रखा था चाचा ने मैडम की चूत को मुट्टी में भर के मसला तो मैडम कामुकता से मचलने लगी कमरे का वातावरण बहुत गरम हो गया था , खुद मेरा लंड मचल रहा था
चाचा ने धीरे से अपनी ऊँगली कच्छी में सरका दी और मैडम की चूत से खेलने लगा मैडम पर भी पूरी मस्ती चढ़ चुकी थी,मैडम ने अपनी बाहे चाचा के गले में डाल दी और उनको किस करने लगी साथ ही साथ उन्होंने चाचा की शर्ट भी खोल दी चाचा ने अपनी पेंट जल्दी से उतार दी दोनों नंगे हो गए थे चाचा का लंड तन के उनकी जांघो के मध्य में झूल रहा था, थोड़ी देर किस करने के बाद मैडम ने अपनी चालाकी दिखाई और दारू की बोतल उठा कर बोली- आज मैं आपको ऐसे पिलाऊंगी की आप हमेशा याद करेंगे की किसके साथ समय बिताया था
उन्होंने खुद पे शराब उदेलनी शुरू कर दी चाचा उनके बदन से नीचे टपकती बूंदों को चाटने लगे हूँस्न और शराब जब मिल जाये तो फिर इंसान कहा खुद पर काबू रख पता है मैडम अब सोफे पर बैठ गयी और अपने पेट पर शराब टपकाने लगी चाचा उनकी नाभि को चूसने लगे, बोतल इसी कशमकश ने आधी से थोड़ी ज्यादा हो गयी थी ऊपर से नीट चल रही थी तो नशा जल्दी ही उन्हें अपनी गिरफ्त में लेने वाला था और हुआ भी ऐसा ही ऊपर से मैडम ने गजब कर दिया वो चाचा का लंड चूसने लगी चाचा तो वासना में बह ही गया था उस समय में वो मैडम के मुह में लंड को आगे पीछे करने लगा वो एंगल एक दम सही था मैं तस्वीरे खीचने लगा फटाफट से
मैंने मैडम को इशारे से कहा की पोज़ दे कुछ तो मैडम ने लंड को मुह में से बहार निकाला और उनको किस करने लगी अब बनी ना बात, उसके बाद वो उनकी गोद में चढ़ गयी चाचा ने गोदी में उठा कर ही चुदाई शुरू की मैडम उनके लंड पर झूलने लगी , दोनों पूरी मस्ती में डूब चुके थे चाचा पूरी तरह नशे में उनको चोद रहे थे बडबडा रहे थे कुछ आधी अधूरी बाते , नसे से बोझिल वो मैडम पे चढ़े हुए थे, कबी मैडम को ऊपर ले कभी नीचे और मैडम भी हर बार ऐसा एंगल बना रही थी की जिसमे वो साफ़ साफ चोदते हुए दिखे, पर मैडम के शरीर की भी हदे थी जब मस्ती चढ़ी उनके सर पर तो वो सब कुछ भूल कर चुदने लगी अब उनको भी क्या कह सकता था मैं उनको तो हमेशा लंड की जरुरत रहती थी
तो दोस्तों करीब पन्द्रह बीस मिनट तक दोनों ने घमासान चुदाई मचाई, दोनों चोदु थे तो चुदाई धांसू होनी थी थी फिर चाचा मैडम पे पसर गए मैं अब अलमारी की आड़ में अच्छे से चुप गया , मैडम सोफे पर ही पड़ी थी चाचा उठे और एक पेग बनाया और पीने लगे,
मैडम- इतनी मत पियो, कही पीने के चक्कर में मुझे भूल ही जाओ
तो चाचा बोले- इसका नशा तेरे आगे कुछ नहीं बस दो पेग में अभी इसको ख़तम कर देता हूँ, दारू के साथ चूत मारने में बड़ा मजा आता है मुझे और मोका भी कम मिलता है तो आज अपने जी की करूँगा चाचा ने जल्दी ही बोतल को बिठा दिया और मैडम पर टूट पड़े, पूरी रात उन्होंने मैडम को दबा के बजाय डाला, मैडम तो मजे में ही उडती रही पूरी रात और मैंने अपना काम कर लिया सुबह करीब पांच बजे चाचा सो गया मैडम मेरे पास आई और बोली- काम हो गया ना
मैं- हां बहुत तस्वीरे हो गयी है पर अभी एक काम और करो आप , वो क्या
मैं- वो सोया पड़ा है अब आप पोस दो कुछ बेह्त्ररिन फोटू तो अभी लूँगा तो मैडम भी बिस्तर पर चढ़ गयी और किसी मस्त हेरोइन की तरह अदाए दिखने लगी, अपना काम हो गया था
मैं- ठीक है अब मैं चलता हूँ, और अब इनको मुह मत लगाना
वो- कभी कभी तो मिल सकती हूँ
मैं- देखो वो आपका रिस्क होगा , मैं न पडूंगा उसमे
मैंने कहा – कैमरा बाद में दे दूंगा ,
वो- जब भी मर्ज़ी हो दे देना
मैं उनके घर से निकल आया , अब करना भी तो क्या था उधर
बहार आके मैंने एक दूकान पे सुबह सुबह ही चाय मट्ठी का नास्ता किया और कॉलेज की तरफ निकल गया अब सुबह सुबह का टाइम था आँखे नींद की वजह से झुलस रही थी पर मेरे लिए एक समस्या और थी की फोटो धुल्वायेंगे कहा , किसी स्टूडियो में या लैब में तो करवा न सकू क्योंकि अश्लील माल था इसमें , सोच विचार में बहुत टाइम निकल गया ये नयी समसया था , दोपहर में मैंने नीनू को सारी बात बता दी तो वो बहुत हैरान हुई और बोली- देखो , तुम ये जो भी कर रहे हो उसका अंजाम तो सोचो तो सही