hotaks444
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बात एक रात की--106
गतान्क से आगे.................
जब रोहित मोहित के घर पहुँचा वो बेड पर सर पकड़ कर बैठा था. रोहित को देख कर मोहित ने कहा, “जिसका डर था वही बात हुई…कमिने ने मेरी पूजा को उठा लिया.”
“कैसे पता चला तुम्हे ये?” रोहित ने पूछा.
मोहित ने वो काग़ज़ रोहित की तरफ बढ़ा दिया, “जब मैं घर में घुसा तो दरवाजे के पास पड़ा था ये.”
रोहित ने वो काग़ज़ पढ़ा तो उसके चेहरे पर भी चिंता की लकीरें उभर आई.
“मोहित गुजर चुका हूँ इस सब से मैं. लेकिन ऐसे सर पकड़ कर बैठने से फ़ायडा नही होगा. जितना मैं उसे जान पाया हूँ, अभी वो उसको कुछ नही करेगा. सेकेंड लेटर का वेट करते हैं.”
“मैं मर जाऊगा यार अगर मेरी पूजा को कुछ हुआ तो. मेरी जिंदगी है वो.”
“कुछ नही होने देंगे हम उसे तुम हॉंसला रखो. अभी वक्त है हमारे पास. उसने मुझे रीमा की शादी में बुलाया है. इसका मतलब वो वहाँ आएगा. बहुत अच्छा मौका है मोहित उसे पकड़ने का. वो हाथ आ गया तो पूजा भी मिल जाएगी. चलो वक्त यू मूह लटका कर बैठने का नही है. हमें उसे सबक सिखाना है. वो हर बार अपनी बेहूदा गेम खेल कर नही निकल सकता.
“तो क्या मैं भी तुम्हारे साथ रीमा की शादी में चलूं.”
“हां बिल्कुल…तेरे बिना बात कैसे बनेगी यार…चल उठ.”
“पर उसने दूसरे लेटर का वेट करने को बोला है. मैं कैसे जा सकता हूँ.”
“यहाँ किसी और को छोड़ देते हैं. रुक एक मिनिट मैं भोलू को बोलता हूँ कि वो यहाँ रुक जाए. वो लेटर डालने वाले पर नज़र भी रखेगा.” रोहित ने कहा.
“हां ये ठीक रहेगा?”
“चल फिर अपनी पिस्टल उठा आज हमें साइको का शिकार करना है.”
रोहित ने फोन करके भोलू को मोहित के घर बुला लिया और उसे वही छोड़ कर रीमा की शादी में शामिल होने के लिए निकल दिए.
“राज शर्मा को भी सतर्क कर दूं इस बारे में” रोहित ने कहा.
“हां बिल्कुल”
रोहित ने राज शर्मा को फोन मिलाया. रिंगटोन जाती रही पर राज शर्मा ने फोन नही उठाया. फिर उसने पद्मिनी का फोन ट्राइ किया. पद्मिनी ने भी फोन नही उठाया.
“बिज़ी होंगे दोनो शायद किसी काम में.” रोहित ने कहा.
“हां नया नया प्यार हुआ है दोनो को. बिज़ी तो रहेंगे ही.”
रोहित के पास पद्मिनी के घर पर तैनात एक कॉन्स्टेबल का नंबर था उसने वो ट्राइ किया.
“राज से बात कर्वाओ मेरी.”
“सर वो तो यहाँ नही हैं. कोई 2 घंटे पहले मेडम को लेकर निकले थे अभी तक लौटे नही.”
“ये लड़का भी ना” रोहित ने इरिटेशन में कहा.
“क्या हुआ?”
“पद्मिनी को लेकर गया हुआ है राज शर्मा कही. शायद कही घूम रहे होंगे दोनो. इतना बड़ा ख़तरा मोल लेने की क्या ज़रूरत है. क्या थोड़ा वेट नही कर सकते दोनो.”
“कल दोनो की बहुत लड़ाई हुई थी…किसी बात पर. पद्मिनी नाराज़ हो गयी थी राज शर्मा से. शायद उसे मना-ने के लिए कही घुमाने ले गया होगा.”
“वो तो ठीक है घूमते-घूमते साइको मिल गया तो. हर वक्त नज़र रखता है वो हम लोगो पर. पूरी प्लॅनिंग से काम करता है. मैने समझाया भी था उसे पर मेरी कोई सुने तब ना.” रोहित ने कहा.
“रोहित एक बात सुनो.” मोहित ने कहा.
“हां बोलो.”
“हम भेष बदल कर जायें वहाँ तो ज़्यादा अच्छा है. क्या कहते हो.”
“हां आइडिया बुरा नही है…लेकिन टाइम कम है हमारे पास.”
“मैं एक ऐसे व्यक्ति को जानता हूँ जो मिंटो में हमारा हुलिया बदल देगा.”
“चल फिर देर किस बात की है….”
रोहित और मोहित नकली दाढ़ी मूछ लगा कर पहुँचे शादी में.
“तुम्हे क्या लगता है साइको क्या करने की सोच रहा है यहाँ.” रोहित ने कहा.
“भाई बुरा मत मान-ना पर मेरा पूरा ध्यान पूजा पर लगा हुआ है. बहुत कोशिस कर रहा हूँ पर….”
“देख मोहित हम पूजा के लिए ही आए हैं यहाँ. अगर यू खोए रहोगे तो कुछ भी नही कर पाओगे अपनी पूजा के लिए. अपना पूरा ध्यान यहाँ रखो.”
“वो तो ठीक है यार…मेरी जान किस हाल में होगी सोच कर ही रूह काँप रही है मेरी. वो बहुत डरती है रोहित. बहुत डरती है वो. नही सह पाएगी इतना कुछ…नही सह पाएगी.” मोहित बहुत एमोशनल हो रहा था. ये सावभाविक भी था.
“सब समझ रहा हूँ भाई…तू ऐसे करेगा तो मेरी भी हिम्मत जवाब दे जाएगी. संभाल खुद को. वो इंतेज़ार कर रही होगी तेरा कि तू कुछ करेगा.”
“मुझे पता है तभी तो एमोशनल हो रहा हूँ. अगर कुछ कर नही पाया तो मेरा प्यार उस साइको के आगे हार जाएगा.”
“ऐसा कुछ नही होगा. उम्मीद का दामन आख़िर तक नही छोड़ना चाहिए. वक्त चाहे कितना भी बुरा आ जाए हमें उम्मीद रखनी चाहिए. वक्त कब करवट लेगा हम कह नही सकते.”
“सॉरी यार. बहुत ज़्यादा एमोशनल हूँ पूजा के लिए मैं. इसलिए ऐसी बाते कर रहा हूँ. अब ठीक हूँ. चल देखते हैं क्या करने वाला है ये साइको. इस से पहले की वो अपनी ग़मे में कामयाब हो हमें उसे पकड़ना होगा.”
“ये हुई ना बात.”
“अभी तो यहाँ शांति लग रही है. हमें हर व्यक्ति पर कड़ी नज़र रखनी होगी.”
“मुझे एक बात समझ में नही आई. यहाँ मेरे लिए क्या ख़ास करेगा वो.”
“तेरी मेडम आ रही है ना यहाँ…”
“बस यार सुभ सुभ बोल. बड़ी मुस्किल से बची थी पिछली बार वो साइको के जाल से.”
“देखा नही होता ना बर्दास्त. अब पता चला कि क्या बीत रही है मेरे दिल पर.”
“वो पहले से समझा हुआ हूँ….एक मिनिट.”
“क्या हुआ?”
“मेडम से मिल कर आता हूँ.”
“अरे वो तुम्हे नही पहचानेगी?”
“देखा जाएगा तू यही रुक.”
रोहित शालिनी की तरफ बढ़ा. वो पिंक सारी में थी और एक दूसरी लेडी से बात कर रही थी.
शालिनी के पास आकर रोहित ने कहा, “एक्सक्यूस मी मेडम, आपसे ज़रूरी बात करनी है.”
“डू आइ नो यू?”
“शायद.” रोहित ने कहा.
“गेट लॉस्ट फ्रॉम हियर. तुम्हे पता नही मैं कौन हूँ और क्या कर सकती हूँ.” शालिनी को लगा कि उसे छेड़ा जा रहा है.
“ए एस पी साहिबा हैं आप और मुझे जैल में डाल सकती हैं. लेकिन फिर भी जोखिम लेने को तैयार हूँ. प्लीज़ थोडा सा इधर आकर मेरी बात सुन लीजिए.” रोहित थोड़ी आवाज़ बदल कर बोल रहा था इसलिए शालिनी उसे पहचान नही पाई. लेकिन वो उसके साथ एक कोने में आ गयी.
“हां बोलो क्या बात है.”
“अपने दिल की बात बोल क्यों नही देती आप उसे.”
“एक्सक्यूस मी….क्या बकवास है ये.”
“रोहित को बोल देना चाहिए आपको सब कुछ.”
“आइ हटे हिम. कैसे कहु उसे ये कड़वा सच.”
“क्या कहा आपको नफ़रत है रोहित से.” रोहित अब अपनी आवाज़ में बोल पड़ा.
“जी हां बहुत ज़्यादा नफ़रत है. आपको क्यों तकलीफ़ हो रही है इस बात से.”
“ही हेट्स यू टू.” रोहित कह कर चल दिया.
“रोहित रूको”
“तो आपने मुझे पहचान लिया.”
“तुम्हारी आँखो से तुम्हे भीड़ में भी पहचान सकती हूँ.”
“मेडम साइको यहाँ कोई गेम खेलने वाला है. उसने मुझे यहाँ बुलाया है. मेरे दोस्त मोहित की गर्ल फ्रेंड को अगवा कर लिया है उसने. वो वापिस आ गया है और अब लगता है बहुत कुछ करने के मूड में है. आप यहाँ से चली जाओ.”
“वैसे मैं कुछ ही देर में जाने वाली थी पर अब तो बिल्कुल नही जाऊगी मैं कही.”
“मेडम आप यहाँ रहेंगी तो मेरा ध्यान आप पर रहेगा.”
“तुम्हे छोड़ कर नही जाऊगी रोहित. मुझे लाइयबिलिटी मत समझो तुम. ए एस पी हूँ मैं ऐसे रिस्क लेना मेरी ड्यूटी है.”
“हां आप ए एस पी हैं और मैं इनस्पेक्टर जो सस्पेंड हो चुका है. मेरी बात क्यों मानेगी आप.”
“कैसी बात करते हो रोहित. वो सब अपनी जगह है और तुम्हारा मेरा रिश्ता अपनी जगह है.”
“मेरा और आपका रिश्ता? बस थोड़ा सा और आगे बढ़िए और बोल दीजिए आज अपने दिल की बात.”
“चलो-चलो अपना रास्ता देखो.”
“मेडम प्लीज़ यहाँ से चली जाओ…मुझे कुछ अजीब होने की आशंका हो रही है. उसने मुझे यहाँ बुलाया है. हो सकता है वो मुझे परेशान करने के लिए आपको टारगेट करे. मुझे डर लग रहा है.”
“क्यों डरते हो मेरे लिए.”
“पता है आपको.”
“तुम मुझे तो कहते रहते हो कि बोल दो…बोल दो. खुद तो तुमने अब तक नही कहा कुछ.”
“मेरी औकात ही क्या है आपके सामने. कही ठुकरा ना दिया जाऊ… डरता हूँ इस बात से”
“इसमे औकात की बात कहाँ से आ गयी. जाओ तुम मुझे तुमसे कोई बात नही करनी.”
“सॉरी मेडम.”
“सॉरी की कोई ज़रूरत नही है. तुम जाओ यहाँ से.”
“ठीक है मैं जाता हूँ. आप अपना ख्याल रखना. मुझे साइको को ढूँढना है. इस से पहले की वो कुछ करे मुझे उसे पकड़ना है.”
रोहित कह कर चल दिया.
क्रमशः..........................
गतान्क से आगे.................
जब रोहित मोहित के घर पहुँचा वो बेड पर सर पकड़ कर बैठा था. रोहित को देख कर मोहित ने कहा, “जिसका डर था वही बात हुई…कमिने ने मेरी पूजा को उठा लिया.”
“कैसे पता चला तुम्हे ये?” रोहित ने पूछा.
मोहित ने वो काग़ज़ रोहित की तरफ बढ़ा दिया, “जब मैं घर में घुसा तो दरवाजे के पास पड़ा था ये.”
रोहित ने वो काग़ज़ पढ़ा तो उसके चेहरे पर भी चिंता की लकीरें उभर आई.
“मोहित गुजर चुका हूँ इस सब से मैं. लेकिन ऐसे सर पकड़ कर बैठने से फ़ायडा नही होगा. जितना मैं उसे जान पाया हूँ, अभी वो उसको कुछ नही करेगा. सेकेंड लेटर का वेट करते हैं.”
“मैं मर जाऊगा यार अगर मेरी पूजा को कुछ हुआ तो. मेरी जिंदगी है वो.”
“कुछ नही होने देंगे हम उसे तुम हॉंसला रखो. अभी वक्त है हमारे पास. उसने मुझे रीमा की शादी में बुलाया है. इसका मतलब वो वहाँ आएगा. बहुत अच्छा मौका है मोहित उसे पकड़ने का. वो हाथ आ गया तो पूजा भी मिल जाएगी. चलो वक्त यू मूह लटका कर बैठने का नही है. हमें उसे सबक सिखाना है. वो हर बार अपनी बेहूदा गेम खेल कर नही निकल सकता.
“तो क्या मैं भी तुम्हारे साथ रीमा की शादी में चलूं.”
“हां बिल्कुल…तेरे बिना बात कैसे बनेगी यार…चल उठ.”
“पर उसने दूसरे लेटर का वेट करने को बोला है. मैं कैसे जा सकता हूँ.”
“यहाँ किसी और को छोड़ देते हैं. रुक एक मिनिट मैं भोलू को बोलता हूँ कि वो यहाँ रुक जाए. वो लेटर डालने वाले पर नज़र भी रखेगा.” रोहित ने कहा.
“हां ये ठीक रहेगा?”
“चल फिर अपनी पिस्टल उठा आज हमें साइको का शिकार करना है.”
रोहित ने फोन करके भोलू को मोहित के घर बुला लिया और उसे वही छोड़ कर रीमा की शादी में शामिल होने के लिए निकल दिए.
“राज शर्मा को भी सतर्क कर दूं इस बारे में” रोहित ने कहा.
“हां बिल्कुल”
रोहित ने राज शर्मा को फोन मिलाया. रिंगटोन जाती रही पर राज शर्मा ने फोन नही उठाया. फिर उसने पद्मिनी का फोन ट्राइ किया. पद्मिनी ने भी फोन नही उठाया.
“बिज़ी होंगे दोनो शायद किसी काम में.” रोहित ने कहा.
“हां नया नया प्यार हुआ है दोनो को. बिज़ी तो रहेंगे ही.”
रोहित के पास पद्मिनी के घर पर तैनात एक कॉन्स्टेबल का नंबर था उसने वो ट्राइ किया.
“राज से बात कर्वाओ मेरी.”
“सर वो तो यहाँ नही हैं. कोई 2 घंटे पहले मेडम को लेकर निकले थे अभी तक लौटे नही.”
“ये लड़का भी ना” रोहित ने इरिटेशन में कहा.
“क्या हुआ?”
“पद्मिनी को लेकर गया हुआ है राज शर्मा कही. शायद कही घूम रहे होंगे दोनो. इतना बड़ा ख़तरा मोल लेने की क्या ज़रूरत है. क्या थोड़ा वेट नही कर सकते दोनो.”
“कल दोनो की बहुत लड़ाई हुई थी…किसी बात पर. पद्मिनी नाराज़ हो गयी थी राज शर्मा से. शायद उसे मना-ने के लिए कही घुमाने ले गया होगा.”
“वो तो ठीक है घूमते-घूमते साइको मिल गया तो. हर वक्त नज़र रखता है वो हम लोगो पर. पूरी प्लॅनिंग से काम करता है. मैने समझाया भी था उसे पर मेरी कोई सुने तब ना.” रोहित ने कहा.
“रोहित एक बात सुनो.” मोहित ने कहा.
“हां बोलो.”
“हम भेष बदल कर जायें वहाँ तो ज़्यादा अच्छा है. क्या कहते हो.”
“हां आइडिया बुरा नही है…लेकिन टाइम कम है हमारे पास.”
“मैं एक ऐसे व्यक्ति को जानता हूँ जो मिंटो में हमारा हुलिया बदल देगा.”
“चल फिर देर किस बात की है….”
रोहित और मोहित नकली दाढ़ी मूछ लगा कर पहुँचे शादी में.
“तुम्हे क्या लगता है साइको क्या करने की सोच रहा है यहाँ.” रोहित ने कहा.
“भाई बुरा मत मान-ना पर मेरा पूरा ध्यान पूजा पर लगा हुआ है. बहुत कोशिस कर रहा हूँ पर….”
“देख मोहित हम पूजा के लिए ही आए हैं यहाँ. अगर यू खोए रहोगे तो कुछ भी नही कर पाओगे अपनी पूजा के लिए. अपना पूरा ध्यान यहाँ रखो.”
“वो तो ठीक है यार…मेरी जान किस हाल में होगी सोच कर ही रूह काँप रही है मेरी. वो बहुत डरती है रोहित. बहुत डरती है वो. नही सह पाएगी इतना कुछ…नही सह पाएगी.” मोहित बहुत एमोशनल हो रहा था. ये सावभाविक भी था.
“सब समझ रहा हूँ भाई…तू ऐसे करेगा तो मेरी भी हिम्मत जवाब दे जाएगी. संभाल खुद को. वो इंतेज़ार कर रही होगी तेरा कि तू कुछ करेगा.”
“मुझे पता है तभी तो एमोशनल हो रहा हूँ. अगर कुछ कर नही पाया तो मेरा प्यार उस साइको के आगे हार जाएगा.”
“ऐसा कुछ नही होगा. उम्मीद का दामन आख़िर तक नही छोड़ना चाहिए. वक्त चाहे कितना भी बुरा आ जाए हमें उम्मीद रखनी चाहिए. वक्त कब करवट लेगा हम कह नही सकते.”
“सॉरी यार. बहुत ज़्यादा एमोशनल हूँ पूजा के लिए मैं. इसलिए ऐसी बाते कर रहा हूँ. अब ठीक हूँ. चल देखते हैं क्या करने वाला है ये साइको. इस से पहले की वो अपनी ग़मे में कामयाब हो हमें उसे पकड़ना होगा.”
“ये हुई ना बात.”
“अभी तो यहाँ शांति लग रही है. हमें हर व्यक्ति पर कड़ी नज़र रखनी होगी.”
“मुझे एक बात समझ में नही आई. यहाँ मेरे लिए क्या ख़ास करेगा वो.”
“तेरी मेडम आ रही है ना यहाँ…”
“बस यार सुभ सुभ बोल. बड़ी मुस्किल से बची थी पिछली बार वो साइको के जाल से.”
“देखा नही होता ना बर्दास्त. अब पता चला कि क्या बीत रही है मेरे दिल पर.”
“वो पहले से समझा हुआ हूँ….एक मिनिट.”
“क्या हुआ?”
“मेडम से मिल कर आता हूँ.”
“अरे वो तुम्हे नही पहचानेगी?”
“देखा जाएगा तू यही रुक.”
रोहित शालिनी की तरफ बढ़ा. वो पिंक सारी में थी और एक दूसरी लेडी से बात कर रही थी.
शालिनी के पास आकर रोहित ने कहा, “एक्सक्यूस मी मेडम, आपसे ज़रूरी बात करनी है.”
“डू आइ नो यू?”
“शायद.” रोहित ने कहा.
“गेट लॉस्ट फ्रॉम हियर. तुम्हे पता नही मैं कौन हूँ और क्या कर सकती हूँ.” शालिनी को लगा कि उसे छेड़ा जा रहा है.
“ए एस पी साहिबा हैं आप और मुझे जैल में डाल सकती हैं. लेकिन फिर भी जोखिम लेने को तैयार हूँ. प्लीज़ थोडा सा इधर आकर मेरी बात सुन लीजिए.” रोहित थोड़ी आवाज़ बदल कर बोल रहा था इसलिए शालिनी उसे पहचान नही पाई. लेकिन वो उसके साथ एक कोने में आ गयी.
“हां बोलो क्या बात है.”
“अपने दिल की बात बोल क्यों नही देती आप उसे.”
“एक्सक्यूस मी….क्या बकवास है ये.”
“रोहित को बोल देना चाहिए आपको सब कुछ.”
“आइ हटे हिम. कैसे कहु उसे ये कड़वा सच.”
“क्या कहा आपको नफ़रत है रोहित से.” रोहित अब अपनी आवाज़ में बोल पड़ा.
“जी हां बहुत ज़्यादा नफ़रत है. आपको क्यों तकलीफ़ हो रही है इस बात से.”
“ही हेट्स यू टू.” रोहित कह कर चल दिया.
“रोहित रूको”
“तो आपने मुझे पहचान लिया.”
“तुम्हारी आँखो से तुम्हे भीड़ में भी पहचान सकती हूँ.”
“मेडम साइको यहाँ कोई गेम खेलने वाला है. उसने मुझे यहाँ बुलाया है. मेरे दोस्त मोहित की गर्ल फ्रेंड को अगवा कर लिया है उसने. वो वापिस आ गया है और अब लगता है बहुत कुछ करने के मूड में है. आप यहाँ से चली जाओ.”
“वैसे मैं कुछ ही देर में जाने वाली थी पर अब तो बिल्कुल नही जाऊगी मैं कही.”
“मेडम आप यहाँ रहेंगी तो मेरा ध्यान आप पर रहेगा.”
“तुम्हे छोड़ कर नही जाऊगी रोहित. मुझे लाइयबिलिटी मत समझो तुम. ए एस पी हूँ मैं ऐसे रिस्क लेना मेरी ड्यूटी है.”
“हां आप ए एस पी हैं और मैं इनस्पेक्टर जो सस्पेंड हो चुका है. मेरी बात क्यों मानेगी आप.”
“कैसी बात करते हो रोहित. वो सब अपनी जगह है और तुम्हारा मेरा रिश्ता अपनी जगह है.”
“मेरा और आपका रिश्ता? बस थोड़ा सा और आगे बढ़िए और बोल दीजिए आज अपने दिल की बात.”
“चलो-चलो अपना रास्ता देखो.”
“मेडम प्लीज़ यहाँ से चली जाओ…मुझे कुछ अजीब होने की आशंका हो रही है. उसने मुझे यहाँ बुलाया है. हो सकता है वो मुझे परेशान करने के लिए आपको टारगेट करे. मुझे डर लग रहा है.”
“क्यों डरते हो मेरे लिए.”
“पता है आपको.”
“तुम मुझे तो कहते रहते हो कि बोल दो…बोल दो. खुद तो तुमने अब तक नही कहा कुछ.”
“मेरी औकात ही क्या है आपके सामने. कही ठुकरा ना दिया जाऊ… डरता हूँ इस बात से”
“इसमे औकात की बात कहाँ से आ गयी. जाओ तुम मुझे तुमसे कोई बात नही करनी.”
“सॉरी मेडम.”
“सॉरी की कोई ज़रूरत नही है. तुम जाओ यहाँ से.”
“ठीक है मैं जाता हूँ. आप अपना ख्याल रखना. मुझे साइको को ढूँढना है. इस से पहले की वो कुछ करे मुझे उसे पकड़ना है.”
रोहित कह कर चल दिया.
क्रमशः..........................