hotaks444
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आँखे जब खुली तो अजीब से हालात थे ये वो कमरा नहीं था जहाँ मैं और पूजा थे ये कोई और जगह थी हलकी सी रौशनी थी मैंने खुद को एक कुर्सी पे बंधे पाया और ताज्जुब की बात बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था उठने की कोशिश की पर उठ ना पाया सर भारी सा हो रहा था
ये तो अजीब समस्या हुई जल्दी ही मैं समझ गया था कि मामला तो गड़बड़ है पूजा ने मारली थी हमारी वो भी बुरी तरह से पर अब किया क्या जाए यहाँ से निकलना बहुत जरुरी था खेल शुरू हो गया था पर निकलू कैसे पूरा जायजा लिया पर कोई दिखा नहीं रस्सी भी मजबूत बंधी थी खींचा तानी में हाथ और छिल गया
चूतिया कट गया था वो भी बड़ा वाला मैं सोचने लगा की कैसे अब निपटा जाए वैसे ऐसा लग नहीं रहा था कि मेरे अलावा और कोई भी है वहां पे कई देर सोचा की ये मीठी गोली किसने चूसा दी पूजा को मुझसे खुंदक तो थी पर ये पक्का था कि इसमें कोई और भी मिला हुआ है
पर कोई दिख ही न रहा था यहाँ पर सब कुछ शांत पड़ा हुआ था तक़रीबन दो घंटे बाद किसी के आने की आहट हुई तो मैं चौकन्ना हो गया ये पूजा ही थी वो आकार पास पड़ी कुर्सी पे बैठ गयी
मैं- पूजा ये सब क्या है और हम लोग यहाँ कैसे आये
पूजा-बात बहुत करते हो तुम अब तक तुम्हे समझ जाना चाहिए था कि अपहरण हो गया है तुम्हारा
मुझे हंसी आ गयी- मैं पर क्यों मेरे पास तो ऐसी कोई धन माया भी नहीं ना मैं सेठ साहूकार
पूजा-बस्ती के कागज़ कहाँ है
मैं-ओह तो अब समझा वैसे तुम्हारी जगह ये सवाल किसी और को पूछना चाहिए था
वो-पहले मुझ से तो बात कर लो
मैं- कागजात को भूल जा तू
वो- देखो सीधे से कागजात दे दो वार्ना हम बहुत कुछ कर सकते है तुम यहाँ कैद हो और अगर एक घंटे के अंदर तुमने कागजात न दिए तो तुम्हारी जान पिस्ता के साथ कुछ भी हो सकता है
मैं-जुबान को लगाम दे पूजा
वो-दुखती रग पे हाथ रखा तो तड़प उठा सोच जब पिस्ता की चीखें सुनेगा तो क्या हाल होगा तेरा
मैं-कितने में बिकी,
वो- तू क्या जानेगा मेरी कीमत
मैं-सही कहा तेरी जैसी रांड की क्या कीमत होगी
पूजा को गुस्सा आ गया उसने एक लात मारी मेरे पेट में बड़ी जोर से लगी
वो-डॉक्यूमेंट कहा है
मैं-तेरी गांड में है
पूजा को और गुस्सा आया एक मुक्का पड़ा मुह पर इस बार मुझे अपनी फ़िक्र नहीं थी पर पिस्ता की परवाह थी और मैं ये भी जानता था कि ये लोग कुछ भी कर सकते है पर कागजात भी तो नहीं दे सकता था
कुछ देर एक शांति छाई रही फिर मैंने कहा - एक फ़ोन करना है
वो-ना
मैं-फिर डॉक्यूमेंट कैसे दूंगा
वो-तुम बस बता दो मैं अपने आप मंगवा लुंगी
मैं- डॉक्यूमेंट चाहिए तो फ़ोन करने दे
पूजा-देख मेरे पास टाइम नहीं है तेरी बकवास सुनने का लगता है तुझे हकीकत समझाँनी पड़ेगी उसने फ़ोन मिलाया और मेरे कान पे लगा दिया अगले ही पल मैंने पिस्ता की चीख सुनी
मेरी आँखों में लहू उतरने लगा गुस्से से नथुने फूलने लगे , अगर पिस्ता को कुछ भी हुआ तो ध्यान रखना उसका हर एक ज़ख्म का हिसाब तुझे देना होगा
वो- बोल तुझे क्या चाहिए तेरी रांड या फिर वो कागज़ सोच ले और जल्दी बता
मैं- गाज़ी से मिलना है मुझे अभी
वो-इतनी भी क्या जल्दी मौत के दीदार करने की चिंता मत कर मरने से पहले तू जरूर मिलेगा पर लगता है
तुझे पिस्ता की कोई परवाह नहीं है
मैं-ठीक है कागजात तुम्हे मिल जायेंगे
वो-जल्दी पता बता
मैं- कागजात अभी मिल जायेंगे पर तुझे एक काम करना होगा
वो-क्या
मैं-एक बार देनी होगी तेरी मारने में मजा आया बहुत तो फिर से दिल कर रहा है
वो-क्या समझा है तुझे क्या लगता है इस बहाने से मैं तुझे खोल दूंगी
मैं- मत खोल बस ऐसे में मेरी गोद में चढ़के चुद लेना अब फैसला तेरा है रही बात पिस्ता की तो कल मरती आज मरे मुझे क्या और अगर तू सोचे की उसको मार पीट के डाक्यूमेंट्स ले लेगी तो तुझे पता ही है
पूजा- ठीक है पर इस हाथ ले इस हाथ दे
मैं- ठीक है तो मेरे साथ चल
वो-तुझे आज़ाद करने का रिस्क मैं नहीं ले सकती
मैं-रिस्क कैसा पिस्ता तुम्हारी कैद में है ही तुम्हे भी पता है मुझे तो झुकना पड़ेगा ही अब सारे फैसले तुम्हारे है चाहे जो चुन लो
वो- ठीक है पर चलने से पहले मैं यही करुँगी तुम्हारी कैद की हालत में ही वो क्या हैं ना जबसे तुमसे करवाया है साला चैन ही नहीं मिल रहा हैं अब मैंने जाना की मेरी दोनों भाभिया तुम्हारी दीवानी क्यों हैं
मैं – ठीक है जैसी तुम्हारी मर्ज़ी
पूजा ने अपने कपडे उतारे उसका मस्ताना बदन मेरी आँखों के आगे घुमने लगा पर इस समय मेरा दिमाग सेक्स से ज्यादा कहीं और घूम रहा था मैं कुछ भी करके इस कैद से आज़ाद होना चाहता था क्योंकि अब मुझे वो करना था जिसे करने मैं यहां आया था पूजा अपने होंठो को काटते हुए मेरे लंड की तरफ देख रही थी जो उसकी नशीली गांड को देख कर खड़ा होने लगा था इठलाती हुए वो मेरे पास आई उसने मेरे गाल पे हलके से चूमा उसकी महकती साँसे किसी को भी मदहोश कर सकती थी जल्दी ही पूजा अपने घुटनों के बल फर्श पर बैठी हुई थी और मेरे लंड से खेल रही थी
ये तो अजीब समस्या हुई जल्दी ही मैं समझ गया था कि मामला तो गड़बड़ है पूजा ने मारली थी हमारी वो भी बुरी तरह से पर अब किया क्या जाए यहाँ से निकलना बहुत जरुरी था खेल शुरू हो गया था पर निकलू कैसे पूरा जायजा लिया पर कोई दिखा नहीं रस्सी भी मजबूत बंधी थी खींचा तानी में हाथ और छिल गया
चूतिया कट गया था वो भी बड़ा वाला मैं सोचने लगा की कैसे अब निपटा जाए वैसे ऐसा लग नहीं रहा था कि मेरे अलावा और कोई भी है वहां पे कई देर सोचा की ये मीठी गोली किसने चूसा दी पूजा को मुझसे खुंदक तो थी पर ये पक्का था कि इसमें कोई और भी मिला हुआ है
पर कोई दिख ही न रहा था यहाँ पर सब कुछ शांत पड़ा हुआ था तक़रीबन दो घंटे बाद किसी के आने की आहट हुई तो मैं चौकन्ना हो गया ये पूजा ही थी वो आकार पास पड़ी कुर्सी पे बैठ गयी
मैं- पूजा ये सब क्या है और हम लोग यहाँ कैसे आये
पूजा-बात बहुत करते हो तुम अब तक तुम्हे समझ जाना चाहिए था कि अपहरण हो गया है तुम्हारा
मुझे हंसी आ गयी- मैं पर क्यों मेरे पास तो ऐसी कोई धन माया भी नहीं ना मैं सेठ साहूकार
पूजा-बस्ती के कागज़ कहाँ है
मैं-ओह तो अब समझा वैसे तुम्हारी जगह ये सवाल किसी और को पूछना चाहिए था
वो-पहले मुझ से तो बात कर लो
मैं- कागजात को भूल जा तू
वो- देखो सीधे से कागजात दे दो वार्ना हम बहुत कुछ कर सकते है तुम यहाँ कैद हो और अगर एक घंटे के अंदर तुमने कागजात न दिए तो तुम्हारी जान पिस्ता के साथ कुछ भी हो सकता है
मैं-जुबान को लगाम दे पूजा
वो-दुखती रग पे हाथ रखा तो तड़प उठा सोच जब पिस्ता की चीखें सुनेगा तो क्या हाल होगा तेरा
मैं-कितने में बिकी,
वो- तू क्या जानेगा मेरी कीमत
मैं-सही कहा तेरी जैसी रांड की क्या कीमत होगी
पूजा को गुस्सा आ गया उसने एक लात मारी मेरे पेट में बड़ी जोर से लगी
वो-डॉक्यूमेंट कहा है
मैं-तेरी गांड में है
पूजा को और गुस्सा आया एक मुक्का पड़ा मुह पर इस बार मुझे अपनी फ़िक्र नहीं थी पर पिस्ता की परवाह थी और मैं ये भी जानता था कि ये लोग कुछ भी कर सकते है पर कागजात भी तो नहीं दे सकता था
कुछ देर एक शांति छाई रही फिर मैंने कहा - एक फ़ोन करना है
वो-ना
मैं-फिर डॉक्यूमेंट कैसे दूंगा
वो-तुम बस बता दो मैं अपने आप मंगवा लुंगी
मैं- डॉक्यूमेंट चाहिए तो फ़ोन करने दे
पूजा-देख मेरे पास टाइम नहीं है तेरी बकवास सुनने का लगता है तुझे हकीकत समझाँनी पड़ेगी उसने फ़ोन मिलाया और मेरे कान पे लगा दिया अगले ही पल मैंने पिस्ता की चीख सुनी
मेरी आँखों में लहू उतरने लगा गुस्से से नथुने फूलने लगे , अगर पिस्ता को कुछ भी हुआ तो ध्यान रखना उसका हर एक ज़ख्म का हिसाब तुझे देना होगा
वो- बोल तुझे क्या चाहिए तेरी रांड या फिर वो कागज़ सोच ले और जल्दी बता
मैं- गाज़ी से मिलना है मुझे अभी
वो-इतनी भी क्या जल्दी मौत के दीदार करने की चिंता मत कर मरने से पहले तू जरूर मिलेगा पर लगता है
तुझे पिस्ता की कोई परवाह नहीं है
मैं-ठीक है कागजात तुम्हे मिल जायेंगे
वो-जल्दी पता बता
मैं- कागजात अभी मिल जायेंगे पर तुझे एक काम करना होगा
वो-क्या
मैं-एक बार देनी होगी तेरी मारने में मजा आया बहुत तो फिर से दिल कर रहा है
वो-क्या समझा है तुझे क्या लगता है इस बहाने से मैं तुझे खोल दूंगी
मैं- मत खोल बस ऐसे में मेरी गोद में चढ़के चुद लेना अब फैसला तेरा है रही बात पिस्ता की तो कल मरती आज मरे मुझे क्या और अगर तू सोचे की उसको मार पीट के डाक्यूमेंट्स ले लेगी तो तुझे पता ही है
पूजा- ठीक है पर इस हाथ ले इस हाथ दे
मैं- ठीक है तो मेरे साथ चल
वो-तुझे आज़ाद करने का रिस्क मैं नहीं ले सकती
मैं-रिस्क कैसा पिस्ता तुम्हारी कैद में है ही तुम्हे भी पता है मुझे तो झुकना पड़ेगा ही अब सारे फैसले तुम्हारे है चाहे जो चुन लो
वो- ठीक है पर चलने से पहले मैं यही करुँगी तुम्हारी कैद की हालत में ही वो क्या हैं ना जबसे तुमसे करवाया है साला चैन ही नहीं मिल रहा हैं अब मैंने जाना की मेरी दोनों भाभिया तुम्हारी दीवानी क्यों हैं
मैं – ठीक है जैसी तुम्हारी मर्ज़ी
पूजा ने अपने कपडे उतारे उसका मस्ताना बदन मेरी आँखों के आगे घुमने लगा पर इस समय मेरा दिमाग सेक्स से ज्यादा कहीं और घूम रहा था मैं कुछ भी करके इस कैद से आज़ाद होना चाहता था क्योंकि अब मुझे वो करना था जिसे करने मैं यहां आया था पूजा अपने होंठो को काटते हुए मेरे लंड की तरफ देख रही थी जो उसकी नशीली गांड को देख कर खड़ा होने लगा था इठलाती हुए वो मेरे पास आई उसने मेरे गाल पे हलके से चूमा उसकी महकती साँसे किसी को भी मदहोश कर सकती थी जल्दी ही पूजा अपने घुटनों के बल फर्श पर बैठी हुई थी और मेरे लंड से खेल रही थी