hotaks444
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संगीता- कुकछ शरमाने का नाटक करते हुए कहने लागो पर भैया आपके सामने मैं कैसे अपनी जीन्स उतारू
राज- अरे पागल है जो अपने भैया के सामने शर्मा रही है अभी एक दो साल पहले तक तो मैं तुझे कई बार पूरी नंगी करके नहला देता था, याद नही है क्या तुझे, अब थोड़ी बड़ी क्या हो गई अपने भैया से ही शर्मा रही है
चल जल्दी से जीन्स उतार कर दे दे,
संगीता- मेरी बाते सुन कर एक दम लाल हो गई थी और फिर अपनी जींस उसने जैसे ही नीचे की हाय क्या बताऊ उसकी गुदाज गोरी गोरी मोटी मोटी जंघे और उसके उपर काली पॅंटी मे कसी उसकी मस्त फूली हुई चूत देख कर तो मैं पागल हो गया, मैं तो संगीता को एक जवान लोंड़िया समझ रहा था लेकिन जब मैने उसकी गुदाज नंगी मोटी मोटी जंघे देखी तो मुझे एहसास हुआ कि संगीता तो भरी पूरी औरत नज़र आ रही थी, रुक्मणी के नंगे बदन से कम नही था संगीता का बदन और चिकनी इतनी ज़्यादा थी की उसकी मासल उठी जवानी देख कर ही मूह मे पानी आ गया था,
संगीता ने अपनी जीन्स उतार कर मुझे दे दी और अपनी छ्होटी सी टीशर्ट जो कि उसकी नाभि के उपर से थी को खींच कर अपनी चूत ढकने की कोशिश करने लगी, मैं उसकी चैन को अपने दन्तो से खिचने की कोशिश करता हुआ संगीता की गुदाज जवानी को अपनी आँखो से पी रहा था, तभी मैने संगीता की चोर नज़रो को पकड़ लिया जो कि मेरे पेंट मे उस जगह बड़े गौर से देख रही थी जहा मेरा लंड पूरी तरह तना हुआ तंबू बनाए था,
मैं संगीता की पॅंटी मे कसी मोटी गंद को मटकते हुए देखना चाहता था और मैने संगीता से कहा
राज- गुड़िया ज़रा इधर उधर देख कोई पत्थर पड़ा हो तो लेकर आ इसे पत्थर से ठोक कर सीधा करना पड़ेगा,
संगीता- इधर उधर देखने लगी और फिर उसे कुच्छ दूर एक छ्होटा सा पत्थर नज़र आया और वह अपनी गंद मतकाते हुए उस ओर जाने लगी, मैं उसके भारी चूतादो की मदमस्त थिरकन देख कर अपने लंड को मसल्ने लगा और फिर संगीता जैसे ही उस पत्थर को उठाने के लिए झुकी उसकी गुदाज गंद का उभार देख कर मैं पागल हो गया और फिर संगीता सीधी हुई तो उसकी पॅंटी उसकी गंद की दरार मे फस गई और संगीता ने उसे निकालने की कोशिश नही की और अपनी मोटी गंद मतकाते हुए मेरे पास आ गई, मैने उसके हाथ से पत्थर लेकर चैन पर हल्के से मारा और फिर उसकी चैन लगाने की कोशिश करने लगा,
तभी संगीता एक दम से चहक कर मुझसे कहने लगी
संगीता- भैया वो देखो कितना पका हुआ आम लगा है देखो कितना नीचे है भैया प्लीज़ इस आम को तोड़ लो ना
मैने भी उस आम को देखा जो मेरी हाइट से थोड़ा उपर था मैं जीन्स छ्चोड़ कर खड़ा हो गया और उचक कर उस आम को तोड़ने की कोशिश करने लगा लेकिन वह थोड़ा उपर था और मेरे हाथ से बस दो बीते की दूरी पर था
राज- संगीता ऐसे नही बनेगा तू एक काम कर इधर आ मैं तुझे गोद मे उठाता हू और तू आम तोड़ लेना
राज- अरे पागल है जो अपने भैया के सामने शर्मा रही है अभी एक दो साल पहले तक तो मैं तुझे कई बार पूरी नंगी करके नहला देता था, याद नही है क्या तुझे, अब थोड़ी बड़ी क्या हो गई अपने भैया से ही शर्मा रही है
चल जल्दी से जीन्स उतार कर दे दे,
संगीता- मेरी बाते सुन कर एक दम लाल हो गई थी और फिर अपनी जींस उसने जैसे ही नीचे की हाय क्या बताऊ उसकी गुदाज गोरी गोरी मोटी मोटी जंघे और उसके उपर काली पॅंटी मे कसी उसकी मस्त फूली हुई चूत देख कर तो मैं पागल हो गया, मैं तो संगीता को एक जवान लोंड़िया समझ रहा था लेकिन जब मैने उसकी गुदाज नंगी मोटी मोटी जंघे देखी तो मुझे एहसास हुआ कि संगीता तो भरी पूरी औरत नज़र आ रही थी, रुक्मणी के नंगे बदन से कम नही था संगीता का बदन और चिकनी इतनी ज़्यादा थी की उसकी मासल उठी जवानी देख कर ही मूह मे पानी आ गया था,
संगीता ने अपनी जीन्स उतार कर मुझे दे दी और अपनी छ्होटी सी टीशर्ट जो कि उसकी नाभि के उपर से थी को खींच कर अपनी चूत ढकने की कोशिश करने लगी, मैं उसकी चैन को अपने दन्तो से खिचने की कोशिश करता हुआ संगीता की गुदाज जवानी को अपनी आँखो से पी रहा था, तभी मैने संगीता की चोर नज़रो को पकड़ लिया जो कि मेरे पेंट मे उस जगह बड़े गौर से देख रही थी जहा मेरा लंड पूरी तरह तना हुआ तंबू बनाए था,
मैं संगीता की पॅंटी मे कसी मोटी गंद को मटकते हुए देखना चाहता था और मैने संगीता से कहा
राज- गुड़िया ज़रा इधर उधर देख कोई पत्थर पड़ा हो तो लेकर आ इसे पत्थर से ठोक कर सीधा करना पड़ेगा,
संगीता- इधर उधर देखने लगी और फिर उसे कुच्छ दूर एक छ्होटा सा पत्थर नज़र आया और वह अपनी गंद मतकाते हुए उस ओर जाने लगी, मैं उसके भारी चूतादो की मदमस्त थिरकन देख कर अपने लंड को मसल्ने लगा और फिर संगीता जैसे ही उस पत्थर को उठाने के लिए झुकी उसकी गुदाज गंद का उभार देख कर मैं पागल हो गया और फिर संगीता सीधी हुई तो उसकी पॅंटी उसकी गंद की दरार मे फस गई और संगीता ने उसे निकालने की कोशिश नही की और अपनी मोटी गंद मतकाते हुए मेरे पास आ गई, मैने उसके हाथ से पत्थर लेकर चैन पर हल्के से मारा और फिर उसकी चैन लगाने की कोशिश करने लगा,
तभी संगीता एक दम से चहक कर मुझसे कहने लगी
संगीता- भैया वो देखो कितना पका हुआ आम लगा है देखो कितना नीचे है भैया प्लीज़ इस आम को तोड़ लो ना
मैने भी उस आम को देखा जो मेरी हाइट से थोड़ा उपर था मैं जीन्स छ्चोड़ कर खड़ा हो गया और उचक कर उस आम को तोड़ने की कोशिश करने लगा लेकिन वह थोड़ा उपर था और मेरे हाथ से बस दो बीते की दूरी पर था
राज- संगीता ऐसे नही बनेगा तू एक काम कर इधर आ मैं तुझे गोद मे उठाता हू और तू आम तोड़ लेना