hotaks444
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मुझे उनकी बातो से बड़ा मज़ा आया मेरी रूचि उनके प्रति बढ़ गई और मैने उनसे पूंच्छा,
मे- यार रामू ये चिलम पीने मे क्या मज़ा आता होगा इसके बजाय तो एक दो क्वाटर मार लिया करो,
हरिया अपने लंड को सहलाते हुए कहता है, बाबू जी एक बार पी कर देखो आपको हम मस्त ना कर दे तो कहना,
मैने कहा अच्छा ऐसी बात है मैने उनके हाथ से चिलम ले कर पीना शुरू कर दिया
वाकई मे उसका नशा मदहोश कर देने वाला था, मैं अपनी मस्ती मे मस्त था और वह दोनो भी नशे मे
मस्त हो रहे थे,
मैने पूंच्छा रामू इस गाँव मे औरते नज़र नही आती यहाँ कम औरते है क्या,
रामू- अरे नही साहेब बहुत औरते है गाँव मे तो,
हरिया- अरे साहेब दो औरते तो रामू के यहाँ ही है,
मैने हस्ते हुए पुंच्छा क्यो रामू कौन-कौन है तुम्हारे घर मे,
रामू- साहेब घर मे तो मा है दो बहन है
हरिया- बड़ी वाली अभी ब्याह कर ससुराल गई है पर छ्होटी है यहाँ,
मैं उनकी बातो से अंदर ही अंदर मस्त हो रहा था, 25 साल की उमर हो चुकी थी और अभी कुँवारा था इस लिए भी
जोश मे जल्दी ही आ जाता था,
वो दोनो आपस मे बाते कर रहे थे उन्हे शायद ऐसा लगा जैसे ये साहेब कोई अपने ही हो और वह बे धड़क
अपने घर के लोगो की बाते बड़े ओपन तरीके से करने लगे थे,
रामू- साहेब-साहेब ये हरिया काका के यहाँ भी दो औरते है
मैने कहा अच्छा हरिया काका के यहाँ कौन-कौन है
रामू- अरे इनकी बीबी, इनकी दो बेटियाँ,
मैने कहा अच्छा आप ही लोग खेतो मे काम करते हो या घर की औरते भी करती है,
हरिया- अब साहेब बिना औरतो के तो काम हो नही सकता ना,
उस दिन हरिया और रामू से मिलने के बाद मुझे बड़ा ही अच्छा लगा और अगले दिन मैं सुबह ही आ गया मैने काम
शुरू करवाने के बाद उसी पेड़ की ओर चल दिया जहा हमेशा बैठता था, तभी मुझे सामने से रामू आता हुआ
दिखाई दिया, मैं मन ही मन खुस हो गया,
मैने रामू के पास आते ही उससे कहा, आओ रामू क्या हाल है तुम्हारे,
रामू- बैठते हुए बस साहेब आज कोई काम नही था खेत मे तो सोचा आपके पास चल कर बैठता हू,
मैने कहा अच्छा किया रामू जो तुम आ गये, मैं भी पूरा दिन अकेला बोर हो जाता हू,
तभी रामू ने मेरे बगल मे रखी राज शर्मा की किताब उठा कर देखी और कहने लगा साहेब यह तो चुदाई की
कहानियो वाली किताब है ना,
मैने कहा हाँ लेकिन क्या तुम ऐसी किताबे पहले पढ़ चुके हो,
रामू- हाँ साहेब मैं पहले एक दो बार पढ़ा हू, बहुत मज़ा आता है साहेब,
मैं समझ गया कि रामू रोमांटिक बातो से जल्दी औकात मे आ जाता है,
फिर मैने कहा रामू यह किताब जो भी लिखता है वह परिवारिक रिश्तो पर ही क्यो लिखता है जब कि यह सब तो झूठ
लगता है,
रामू- अरे नही साहेब कुछ झूठ नही रहता है, आप ही बताओ जब कही आग लगेगी तो ही धुआ उठेगा ना
मे- वो तो ठीक है रामू पर मैने तो ऐसे किस्से बस किताबो मे ही पढ़े है,
रामू- मुस्कुराते हुए आप फिकर ना करो बाबू जी अब आप हमारे गाँव मे आ गये हो ना अब आप ऐसे किस्से रोज
सुनोगे,
मे- क्यो क्या तुम्हारे गाँव मे ऐसे किस्से सुनने को मिलते रहते है
रामू- मुस्कुराते हुए अरे साहेब एक दो घूँट मारने पर बात करने का मज़ा नही आता है किसी दिन एक पाव केवल
हमे ही पिलवा दो तब हम दोनो की महफ़िल जमेगी, फिर मैं आपको विस्तार से बताउन्गा कि कैसे हम लोग मज़े मारते
है,
उस दिन मुझे लगा यह रामू और हरिया जितना नज़र आते है वह बहुत थोड़ा है और अगर उसे सब कुछ जानना है
और मस्ती मारना है तो रामू के संग बैठक जमानी ही पड़ेगी.....
अगले दिन मैं रामू के साथ बैठ कर बाते करने लगा और
मैने मोका देखते हुए पुंच्छा रामू अभी तक तुमने किस-किस को चोद लिया है,
रामू- मुस्कुराते हुए मेरे क्वाटर को देख कर साहेब हमारे लिए नही है क्या, मैने हस्ते हुए रामू को उठा
कर दे दी और फिर मैने कहा हाँ तो रामू तुम क्या बता रहे थे,
रामू- यही साहेब कि हमने तो बहुत चूत ठोकी है, हम तो ठोंक-ठोंक के मस्त हो जाते है,
मैने उसकी बातो को सुन कर अपनी बोतल उसको थमा दी, उसने फिर एक घूँट मारा और फिर खुद ही कहने लगा
साहेब मैने सबसे ज़्यादा तो अपनी बहन रमिया को चोदा है, मैं रामू के मूह से ये बात सुनते ही मस्त हो गया
और फिर दो पॅलो बाद ही मेरे लंड को ऐसा झटका लगा कि क्या बताऊ पानी छूटते हुए बचा,
पहली बात तो यह जान
कर हैरानी हुई कि रामू अपनी बहन को चोद्ता है और दूसरी बात फिर मुझे एक दम से मेरी अपनी बहन संगीता
याद आ गई, संगीता मुझसे दो साल छ्होटी है वह 23 की और मैं 25 का हू,
मैने पुंच्छा रामू तुम क्या अपनी बहन को रोज चोद्ते हो,
रामू- हाँ साहेब वह तो दिन भर हमारे साथ खेत पर ही रहती है ना, दिन भर उसको नंगी करके पकड़े रहते है
अपनी झुपदिया मे बहुत मज़ा आता है साहेब, बहुत प्यार से चुदवाती है हमसे, उसकी बात सुन कर मेरा लंड
पूरा तन चुका था, मैने पुंच्छा कितने साल की है तुम्हारी बहन तो बोला 17 साल की,
रामू- क्या बताऊ साहेब गाँव मे तो ऐसे ही मज़े रहते है,
मे- रामू रमिया के अलावा और किसको चोदा है तुमने
रामू- साहेब उसके बाद तो हमने सबसे ज़्यादा अपनी बहन निम्मो को चोदा है बहुत मस्त माल है साहेब,
मे- तुमसे बड़ी है ना निम्मो
रामू- हाँ साहेब अब तो उसकी शादी हो गई अभी ससुराल मे है पर आएगी कुच्छ दिनो मे,
मे- क्या बहुत मस्त दिखती है निम्मो
रामू- हाँ साहेब बहुत जोरदार दिखती है मस्त चुदाई की थी उसकी हमने इन्ही खेतो के बीच,
रामू- अच्छा साहेब आपके घर मे कौन-कौन है, मैने उसे बताया कि मेरी एक 45 साल की तंदुरुस्त मा है और
एक 23 साल की गदराई हुई बहन है और मैं हू हम तीन लोग,
रामू- तो साहेब आपकी मा की हालत भी मेरी मा की तरह ही है,
मैने कहा हाँ रामू पर क्या करे,
रामू- साहेब आपने कभी किसी को चोदा है,
क्रमशः........
मे- यार रामू ये चिलम पीने मे क्या मज़ा आता होगा इसके बजाय तो एक दो क्वाटर मार लिया करो,
हरिया अपने लंड को सहलाते हुए कहता है, बाबू जी एक बार पी कर देखो आपको हम मस्त ना कर दे तो कहना,
मैने कहा अच्छा ऐसी बात है मैने उनके हाथ से चिलम ले कर पीना शुरू कर दिया
वाकई मे उसका नशा मदहोश कर देने वाला था, मैं अपनी मस्ती मे मस्त था और वह दोनो भी नशे मे
मस्त हो रहे थे,
मैने पूंच्छा रामू इस गाँव मे औरते नज़र नही आती यहाँ कम औरते है क्या,
रामू- अरे नही साहेब बहुत औरते है गाँव मे तो,
हरिया- अरे साहेब दो औरते तो रामू के यहाँ ही है,
मैने हस्ते हुए पुंच्छा क्यो रामू कौन-कौन है तुम्हारे घर मे,
रामू- साहेब घर मे तो मा है दो बहन है
हरिया- बड़ी वाली अभी ब्याह कर ससुराल गई है पर छ्होटी है यहाँ,
मैं उनकी बातो से अंदर ही अंदर मस्त हो रहा था, 25 साल की उमर हो चुकी थी और अभी कुँवारा था इस लिए भी
जोश मे जल्दी ही आ जाता था,
वो दोनो आपस मे बाते कर रहे थे उन्हे शायद ऐसा लगा जैसे ये साहेब कोई अपने ही हो और वह बे धड़क
अपने घर के लोगो की बाते बड़े ओपन तरीके से करने लगे थे,
रामू- साहेब-साहेब ये हरिया काका के यहाँ भी दो औरते है
मैने कहा अच्छा हरिया काका के यहाँ कौन-कौन है
रामू- अरे इनकी बीबी, इनकी दो बेटियाँ,
मैने कहा अच्छा आप ही लोग खेतो मे काम करते हो या घर की औरते भी करती है,
हरिया- अब साहेब बिना औरतो के तो काम हो नही सकता ना,
उस दिन हरिया और रामू से मिलने के बाद मुझे बड़ा ही अच्छा लगा और अगले दिन मैं सुबह ही आ गया मैने काम
शुरू करवाने के बाद उसी पेड़ की ओर चल दिया जहा हमेशा बैठता था, तभी मुझे सामने से रामू आता हुआ
दिखाई दिया, मैं मन ही मन खुस हो गया,
मैने रामू के पास आते ही उससे कहा, आओ रामू क्या हाल है तुम्हारे,
रामू- बैठते हुए बस साहेब आज कोई काम नही था खेत मे तो सोचा आपके पास चल कर बैठता हू,
मैने कहा अच्छा किया रामू जो तुम आ गये, मैं भी पूरा दिन अकेला बोर हो जाता हू,
तभी रामू ने मेरे बगल मे रखी राज शर्मा की किताब उठा कर देखी और कहने लगा साहेब यह तो चुदाई की
कहानियो वाली किताब है ना,
मैने कहा हाँ लेकिन क्या तुम ऐसी किताबे पहले पढ़ चुके हो,
रामू- हाँ साहेब मैं पहले एक दो बार पढ़ा हू, बहुत मज़ा आता है साहेब,
मैं समझ गया कि रामू रोमांटिक बातो से जल्दी औकात मे आ जाता है,
फिर मैने कहा रामू यह किताब जो भी लिखता है वह परिवारिक रिश्तो पर ही क्यो लिखता है जब कि यह सब तो झूठ
लगता है,
रामू- अरे नही साहेब कुछ झूठ नही रहता है, आप ही बताओ जब कही आग लगेगी तो ही धुआ उठेगा ना
मे- वो तो ठीक है रामू पर मैने तो ऐसे किस्से बस किताबो मे ही पढ़े है,
रामू- मुस्कुराते हुए आप फिकर ना करो बाबू जी अब आप हमारे गाँव मे आ गये हो ना अब आप ऐसे किस्से रोज
सुनोगे,
मे- क्यो क्या तुम्हारे गाँव मे ऐसे किस्से सुनने को मिलते रहते है
रामू- मुस्कुराते हुए अरे साहेब एक दो घूँट मारने पर बात करने का मज़ा नही आता है किसी दिन एक पाव केवल
हमे ही पिलवा दो तब हम दोनो की महफ़िल जमेगी, फिर मैं आपको विस्तार से बताउन्गा कि कैसे हम लोग मज़े मारते
है,
उस दिन मुझे लगा यह रामू और हरिया जितना नज़र आते है वह बहुत थोड़ा है और अगर उसे सब कुछ जानना है
और मस्ती मारना है तो रामू के संग बैठक जमानी ही पड़ेगी.....
अगले दिन मैं रामू के साथ बैठ कर बाते करने लगा और
मैने मोका देखते हुए पुंच्छा रामू अभी तक तुमने किस-किस को चोद लिया है,
रामू- मुस्कुराते हुए मेरे क्वाटर को देख कर साहेब हमारे लिए नही है क्या, मैने हस्ते हुए रामू को उठा
कर दे दी और फिर मैने कहा हाँ तो रामू तुम क्या बता रहे थे,
रामू- यही साहेब कि हमने तो बहुत चूत ठोकी है, हम तो ठोंक-ठोंक के मस्त हो जाते है,
मैने उसकी बातो को सुन कर अपनी बोतल उसको थमा दी, उसने फिर एक घूँट मारा और फिर खुद ही कहने लगा
साहेब मैने सबसे ज़्यादा तो अपनी बहन रमिया को चोदा है, मैं रामू के मूह से ये बात सुनते ही मस्त हो गया
और फिर दो पॅलो बाद ही मेरे लंड को ऐसा झटका लगा कि क्या बताऊ पानी छूटते हुए बचा,
पहली बात तो यह जान
कर हैरानी हुई कि रामू अपनी बहन को चोद्ता है और दूसरी बात फिर मुझे एक दम से मेरी अपनी बहन संगीता
याद आ गई, संगीता मुझसे दो साल छ्होटी है वह 23 की और मैं 25 का हू,
मैने पुंच्छा रामू तुम क्या अपनी बहन को रोज चोद्ते हो,
रामू- हाँ साहेब वह तो दिन भर हमारे साथ खेत पर ही रहती है ना, दिन भर उसको नंगी करके पकड़े रहते है
अपनी झुपदिया मे बहुत मज़ा आता है साहेब, बहुत प्यार से चुदवाती है हमसे, उसकी बात सुन कर मेरा लंड
पूरा तन चुका था, मैने पुंच्छा कितने साल की है तुम्हारी बहन तो बोला 17 साल की,
रामू- क्या बताऊ साहेब गाँव मे तो ऐसे ही मज़े रहते है,
मे- रामू रमिया के अलावा और किसको चोदा है तुमने
रामू- साहेब उसके बाद तो हमने सबसे ज़्यादा अपनी बहन निम्मो को चोदा है बहुत मस्त माल है साहेब,
मे- तुमसे बड़ी है ना निम्मो
रामू- हाँ साहेब अब तो उसकी शादी हो गई अभी ससुराल मे है पर आएगी कुच्छ दिनो मे,
मे- क्या बहुत मस्त दिखती है निम्मो
रामू- हाँ साहेब बहुत जोरदार दिखती है मस्त चुदाई की थी उसकी हमने इन्ही खेतो के बीच,
रामू- अच्छा साहेब आपके घर मे कौन-कौन है, मैने उसे बताया कि मेरी एक 45 साल की तंदुरुस्त मा है और
एक 23 साल की गदराई हुई बहन है और मैं हू हम तीन लोग,
रामू- तो साहेब आपकी मा की हालत भी मेरी मा की तरह ही है,
मैने कहा हाँ रामू पर क्या करे,
रामू- साहेब आपने कभी किसी को चोदा है,
क्रमशः........