Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास - Page 4 - SexBaba
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Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास

राज- अब जाओ रुक्मणी और भीतर के कमरे मे अपनी बेटी चंदा को ले जाओ और जैसी क्रिया मैने बताई है उसकी तैयारी करो हम इस बालक को शुद्ध करके अंदर भेजते है, रुक्मणी के अंदर जाते ही रामू ने रमिया को कहा तू जाकर वहाँ बैठ मैं बाबा जी से तेरे बारे मे भी कुछ पुच्छ लू कही तुझे कोई समस्या तो नही है,

रामू की बात सुन कर रमिया मुस्कुराते हुए सामने जाकर बैठ गई, मैने जब रमिया को देखा तो मुझे लोंड़िया बड़ी चुदासी नज़र आ रही थी,

रामू- हाँ बाबूजी अब बोलिए क्या करना है

राज- रामू तेरा काम हो गया है तू जाकर दोनो मा बेटी को तबीयत से सारी दोपहर चोदना और थोड़ा रमिया को समझा देना कि बाबा जी जैसा कहे वैसे ही करना, शाम को 6 बजे तक जितना चाहे चोद लेना पर ध्यान रहे शुरुआत चंदा को चोदने से करना और दोनो मिलकर पहले चंदा को खूब चूसना चाटना ताकि रुक्मणी को कोई असर ना हो, और रुक्मणी से यह ना कहना कि तुझे हरिया ने यहाँ भेजा है,

रामू- मैं सब समझ गया साहेब जी लेकिन हरिया काका अब इधर आएगा तो नही

राज- नही वह रात से पहले नही आएगा तू आराम से मस्ती मार अब सुन रुक्मणी को मेरे पास भेज और तू जाकर कमरे मे ज़मीन पर चोदने के लिए बढ़िया सा बिस्तेर लगा दे,

रामू अंदर जाकर रुक्मणी को मेरे पास भेजता है

रुक्मणी- हाथ जोड़ कर जी बाबा जी आपने बुलाया

राज- देखो बेटी यह सब के पहले तुम सभी को शुद्ध होना पड़ेगा और रामू तुम सभी को जल से शुद्ध करके मेरे पास बारी-बारी से भेजेगा और फिर मैं जल के बाद तेल से तुम सभी के बदन को पवित्र करूँगा लेकिन पहले तुम और चंदा दोनो मिल कर रमिया को पूरी नंगी करके उसे पानी से अच्छी तरह से नहला कर पूरी नंगी ही मेरे पास भेज दो, तब रुक्मणी रमिया को लेकर सामने आँगन मे जहाँ रुक्मणी और चंदा रोज खुल्ले मे बैठ कर नहाती थी वहाँ बैठा कर रमिया का घाघरा और चोली उतार कर अलग कर देती है मैं रमिया को नंगी देखते ही उत्तेजित हो गया और उसकी कमसिन उठी हुई जवानी और मोटे-मोटे ठोस दूध को देख कर मेरे मूह मे पानी आ गया,

क्रमशः........
 
गन्ने की मिठास--21

गतान्क से आगे......................

रुक्मणी रमिया की मोटी-मोटी जाँघो और चूत पर अच्छे से साबुन लगा कर उसे नहला रही थी और चंदा रमिया के मोटे-मोटे दूध को अपने नाज़ुक हाथो से सहला रही थी, रमिया वही बैठी हुई मेरी ओर देख रही थी और मैं अपनी धोती मे खड़े लंड को सहला रहा था,

तभी सामने से रामू आ जाता है और वह आँगन की ओर देखने लगता है और मुस्कुराता हुआ मेरे करीब आकर कहता है बाबू जी आपको तो मज़ा आ जाएगा रमिया के दूध खूब कसे हुए है और उसकी चूत जब आप चतोगे तो आपको मस्त कर देगी खूब अपनी जंघे फैला-फैला कर चुदवाती है वह,

राज- रामू अब तुम जाकर चंदा को पूरी नंगी करके रुक्मणी के साथ उसे भी खूब रगड़-रगड़ कर नहला दो और रमिया को मेरे पास भेज दो

रामू जल्दी से आँगन मे गया और उसने रुक्मणी से कहा अब चंदा को भी नंगी करके नहलाना है और साथ मे तुम भी पूरी नंगी हो जाओ और रमिया तू जा बाबा जी तुझे बुला रहे है और जो पुच्छे उन्हे सब सही -सही बताना और जैसा कहे वैसा करना नही तो बहुत समस्या आ जाएगी समझी

रमिया- आप चिंता ना करो भैया मैं समझ गई और फिर रमिया मेरी ओर नंगी ही चल कर आने लगी मैने पहली बार इतने करीब से किसी लोंड़िया को पूरी नंगी देखा था मेरा लंड बुरी तरह फंफना रहा था, रमिया जैसे ही मेरे पास आकर खड़ी हुई, मैने उससे कहा बेटी जाकर कटोरी मे तेल लेकर आओ और फिर रमिया तेल लाने के लिए जैसे ही पलटी उसकी गुदाज मोटी गंद देख कर मुझे मज़ा आ गया बहुत ही गोरी और उठी हुई गंद थी उसकी,

उधर रामू ने रुक्मणी की साडी उतार दी और फिर ब्लौज और पेटिकोट भी उतार दिया और रुक्मणी पूरी नंगी हो गई, रुक्मणी ने चंदा को भी पूरा नंगा कर दिया, चंदा थोड़ी रमिया से छ्होटी थी लेकिन उसके मोटे-मोटे दूध रमिया के बराबर ही नज़र आ रहे थे और उसकी गंद भी रमिया की गंद के बराबर नज़र आ रही थी लगता था जैसे हरिया ने खूब अपनी बेटी के बोबे मसले होंगे और खूब उसकी गुदाज गंद को दबोचा होगा तभी तो दोनो लोंदियों के बदन की चर्बी अब बढ़ती हुई नज़र आ रही थी,

उधर रुक्मणी जब नंगी हुई तो मुझे फिर से मेरी मम्मी रति की याद आ गई रुक्मणी की गंद का फैलाव देख कर मैं कल्पना करने लगा कि मेरी मम्मी रति की गंद तो रुक्मणी की गंद से भी ज़्यादा चौड़ी नज़र आती है जब मम्मी नंगी होती होगी तो उसकी भारी गंद कितनी खूबसूरत लगती होगी, जहाँ मैने अपनी मम्मी के नंगे बदन के बारे मे सोचा मेरा लंड झटके देने लगा, रुक्मणी का गुदाज उभरा हुआ पेट और गहरी नाभि मुझे बार-बार मम्मी की याद दिला रही थी,

और मैं मन ही मन मे सोच रहा था कि कैसे भी करके मम्मी और संगीता को पूरी नंगी ज़रूर देखूँगा,

तभी रमिया मेरे पास तेल की कटोरी ले कर आ गई और मैने उससे कहा अब तुम मेरी तरफ पीठ करके बैठ जाओ और मैं तुम्हे तेल से पवित्र करता हू और फिर क्या था

रमिया मेरे सामने पीठ करके बैठ गई और मैने कटोरी से तेल लेकर जब अपना हाथ आगे ले जाकर रमिया के मोटे-मोटे दूध को अपने हाथो मे भर कर दबोचा तो मेरी हालत खराब हो गई उसके दूध खूब कठोर थे और मैं सोचने लगा जब रमिया के दूध जो कपड़े के उपर से छ्होटे दिखते है इतने गुदाज और कठोर है तो मेरी बहन संगीता के मोटे-मोटे बोबे तो उसके कपड़े के उपर से भी कितने मोटे-मोटे नज़र आते है जब संगीता के मोटे-मोटे दूध मैं अपने हाथो मे भर कर मसलूंगा तब कितना मज़ा आएगा,

उधर रामू बड़े प्यार से एक हाथ से चंदा के बोबे पर साबुन लगा रहा था और दूसरे हाथ से रुक्मणी की मोटी गंद के नीचे हाथ लेजाकार उसकी गंद और चूत मे साबुन लगा रहा था और खूब मसल रहा था, दोनो रंडिया भी मस्ती मे नज़र आ रही थी और रुक्मणी भी चंदा के एक बोबे को मसल कर दबा रही थी और चंदा अपनी मा की चूत मे साबुन लगा रही थी तीनो एक दूसरे के सामने मूतने वाले अंदाज मे नंगे बैठे थे रामू का लोडा ही बस धोती मे क़ैद था ,

कुछ देर बाद जब रामू उन दोनो रंडियो को नहला चुका तब उसने वही से मेरी ओर देखा तब मैने उसे तेल की कटोरी ले जाने को कहा और रामू से कह दिया कि तुम वही सामने दोनो के बदन पर खूब अच्छे से तेल लगाओ लेकिन ध्यान रहे शरीर का कोई भी हिस्सा बचना नही चाहिए,

रामू ने दोनो के पिछे जाकर पहले उनकी पीठ पर तेल डाल कर मसलना शुरू कर दिया और मैं सामने का मस्त नज़ारा देखता हुआ रमिया के मोटे-मोटे बोबे खूब कस-कस कर मसल रहा था,

रमिया- आह सी सी

राज- क्या हुआ बेटी क्या दर्द हो रहा है

रमिया- आह नही बाबा जी बहुत अच्छा लग रहा है,

राज- तुम्हारा भाई रामू इन्हे दिन भर खेतो मे खूब दबाता है ना

रमिया- हाँ बाबा जी भैया मुझे खेतो मे पूरी नंगी करके ही रखते है और दिन भर मुझे चोद्ते है,
 
राज- तुम्हारा भाई रात को तुम्हारी मम्मी को भी चोद्ता है ना

मेरी बात सुन कर रमिया ने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चिकनी चूत पर रख दिया और मैने उसकी मस्त भोसड़ी को अपने हाथो मे भर कर दबोच लिया,

रमिया- हाँ बाबा जी भैया सोचते है मैं सो जाती हू और मा भी मुझे एक दो बार हिला कर देख लेती है लेकिन जब मैं नही उठती हू तब भैया उठ कर मम्मी का घाघरा और चोली उतार कर उन्हे पूरी नंगी कर देते है,

राज- फिर क्या करता है तुम्हारा भाई तुम्हारी मम्मी के साथ,

रमिया- बाबा जी रामू भैया फिर मम्मी को नंगी करके उन्हे झुका देते है और उनकी गंद के पीछे जाकर अपनी जीभ निकाल कर मम्मी की गंद और चूत के छेद को कम से कम आधे घंटे तक चूस्ते और चाटते है

राज- तुमने देखी है अपनी मम्मी की चूत और गंद, कैसी लगती है सुधिया की चूत और गंद

रमिया- अरे बाबा जी आप तो मेरी मा का नाम भी जानते हो, बाबा जी मेरी मा की चूत मेरी चूत से बहुत बड़ी है और उसकी चूत का छेद भी बहुत बड़ा है और गंद तो बहुत ही मोटी है रुक्मणी चाची से डबल है मेरी मा की गंद,

सामने रामू बड़े ही जोश मे दोनो मा बेटियो के पूरे बदन मे तेल लगा चुका था और दोनो रंडियो का बदन पूरी तरह तेल मे चमकाने लगा था आज तो मेरा दिन बहुत अच्छा था तीन-तीन रंडिया एक साथ नंगी देखने को मिल रही थी, मैं बिल्कुल जल्दी नही करना चाहता था और रुक्मणी को तो मैं अपने प्लॅनिंग के हिसाब से आज पूरी रात नंगी करके चोदना चाहता था,

मैने रमिया की चूत मे एक उंगली पूरी डाल कर उसके तेल मे भीगे मोटे अमरूदो को कस कर दबाते हुए कहा बेटी तुम दिखने मे तो बहुत शांत लगती हो लेकिन तुमसे बात करने पर लग रहा है जैसे तुम बहुत चंचल और नटखट हो, क्या तुमने रामू के अलावा भी किसी से अपनी चूत मरवाई है.

रमिया- नही बाबा जी हमे तो रामू भैया से चुदना ही अच्छा लगता है पर जब रामू भैया अपने मोटे लंड से मा के चूतादो को खूब नंगी करके थोन्क्ते है तब मुझे उनकी ठुकाई की ठप-ठप की आवाज़ से बहुत मज़ा आता है ऐसा लगता है कि रामू भैया मम्मी की मोटी गंद मे खूब ज़ोर-ज़ोर से अपने लंड को मारे,

आप नही जानते बाबा जी कभी-कभी तो मा नंगी खड़ी होकर रामू भैया के मूह मे मूतने लगती है और रामू भैया मा की पूरी चूत को अपने मूह मे भर कर उनका मूत चाटने लगते है तब मा खड़ी-खड़ी ऐसे अपनी चूत रामू भैया के मूह पर मारती है कि उसकी गंद को मटकती देख कर मेरा भी पानी निकल आता है,

रमिया की बात सुन कर मेरा लोडा एक दम से मेरी धोती से बाहर झाँकने लगता है और मैं अपने लंड के टोपे को सहलाते हुए रमिया को उठा कर अपनी ओर घुमा लेता हू और उसके नंगे बदन को खूब कस कर अपने सीने से दबा लेता हू, रमिया अपनी जंघे चौड़ी करके किसी बंदरिया की तरह मेरी छाती से चिपक जाती है,

जब रामू ने मेरी ओर देखा तो मैने उसे इशारे से दोनो को आराम से कमरे मे लाकर चोदने को कहा तब रामू ने दोनो रंडियो को कमरे मे चलने को कहा दोनो मा बेटी पूरी नंगी जब मेरे सामने से गुज़री तो उनका तेल से लथपथ बदन देख कर मेरा पानी छूटते-छूटते रह गया,

रामू और रुक्मणी ने चंदा को लेटा दिया और रामू ने अपना लंड निकाल कर चंदा के मूह मे दे दिया और चंदा उसे बड़े प्यार से चाटने लगी इधर रुक्मणी ने चंदा की जाँघो को खूब फैला दिया और उसकी चूत को चूसने लगी, अंदर का दरवाजा खुला था जहाँ से सीधे रमिया और मुझे अंदर का सारा नज़ारा दिखाई दे रहा था, मैने धीरे से रमिया से कहा बेटी तुम भी लंड चूसना चाहती हो ना
 
रमिया- हाँ बाबा जी

राज- ठीक है तो आज हम तुम्हे अपना लंड चूसाएगे बोलो चुसोगी

मेरा इतना कहना था कि रमिया ने मेरा लंड पकड़ कर बाहर निकाल लिया और जैसे ही मेरे खड़े मोटे लंड को देखा तो उसकी आँखे खुली की खुली रह गई,

राज- क्या देख रही हो बेटी

रमिया- बाबा जी आपका लंड तो बहुत बड़ा और मोटा है आपका लंड तो भैया से भी दोगुना नज़र आ रहा है

राज- बेटी तुम्हारे जैसी जवान लोंदियो को ऐसे ही मोटे लंड से ज़्यादा मज़ा आता है, क्या तुम नही चाहती कि तुम्हारी गंद और चूत का छेद तुम्हारी मा सुधिया जैसा हो जाए,

मेरा इतना कहना था कि रमिया ने मेरे लंड के टोपे को अपनी जीभ निकाल कर चाटना शुरू कर दिया और मैं झुक कर उसके मोटे-मोटे बोबे को खूब कस कस कर मसल्ने लगा,

रमिया को अपना लंड चूसा-चूसा कर रामू ने एक दम उसे एक्सपर्ट बना दिया था और वह बड़े ही मस्त तरीके से मेरा लंड चूस रही थी, उधर रामू एक हाथ से चंदा के बोबे मसल रहा था और दूसरे हाथ से रुक्मणी चाची की मस्त चिकनी चूत को बड़े प्यार से सहला रहा था, रुक्मणी भी पूरी मस्ती मे चंदा की रसीली चूत चाट रही थी, चंदा रामू के लंड को अपने हाथो मे भर-भर कर दबोच रही थी,

रुक्मणी- रामू चंदा की चूत का छेद कितना बड़ा लग रहा है जैसे यह रोज चुदवाती हो

रामू- अरे नही चाची आज कल की लोंदियो की चूत का गुलाबी छेद जल्दी ही उनकी उमर के साथ बढ़ने लगता है रमिया की चूत का छेद तो चंदा की चूत से भी बड़ा नज़र आता है लगभग तुम्हारी चूत के जैसा दिखने लगा है,

रुक्मणी- मुस्कुराते हुए और अपनी मा सुधिया के भोस्डे के बारे मे क्या ख्याल है तेरा,

रामू- चाची की चूत मे उंगली पेल कर उसे चूमता हुआ हे चाची क्यो मा की मस्तानी छूट की याद दिलाती हो चलो मेरा मोटा लंड एक बार तुम चूस कर अपनी बेटी की गुलाबी चूत मे लगाओ और तुम चंदा के मूह के पास आकर बैठ जाओ और अपनी जंघे फैला लो ताकि मैं तुम्हारी बेटी को चोद्ते हुए उसकी मा की रसीली फूली हुई बुर को चूस सकु और फिर रामू ने अपने लंड को रुक्मणी के मूह मे दे दिया और रुक्मणी ने उसे अच्छे से चूसना शुरू कर दिया

रमिया लगातार मेरे लंड को खूब दबोचे जा रही थी और मैने अपने दोनो हाथो से उसके मोटे-मोटे दूध दबा-दबा कर लाल कर दिए थे उसका गुलाबी निप्पल बहुत कड़ा हो गया था और उसे मैं अपने होंठो से खूब दबा-दबा कर चूस रहा था, फिर मैने रमिया की दोनो जाँघो को खूब फैला दिया और सच आज पहली बार किसी जवान लोंड़िया की चिकनी चूत देख रहा था मैने उसकी चूत की फांको को फैला कर उसके गुलाबी रस से भीगे छेद को चाटने लगा और रमिया ओह बाबा जी सी आह बहुत अच्छा लग रहा है और चतो आह आह करने लगी,

उधर रुक्मणी ने रामू के लंड को पूरा गीला कर दिया और फिर उसे अपनी बेटी चंदा की मस्तानी चूत से लगा कर रामू की ओर इशारा किया और रामू ने सटाक से एक करारा धक्का चंदा की चूत मे मार दिया और चंदा आसानी से रामू के लंड को पूरा अंदर उतार गई और रामू उसकी चूत मे चढ़-चढ़ कर उसे चोदने लगा चंदा सिसकिया लेती हुई अपनी मा के बोबे से खेलने लगी और रामू चंदा के उपर लेट गया और अपने मूह को रुक्मणी चाची की चूत से सटा कर उसकी बुर चाटते हुए चंदा को खूब कस कस कर ठोकने लगा,

मुझे रमिया की चूत का रस पागल किए जा रहा था मैं जितनी बार रमिया की चूत का रस चूस्ता उसकी चूत और भी रस छ्चोड़ने लगती, रमिया मेरे सर को अपनी चूत मे दबाती हुई कह रही थी, ओह बाबा जी आप तो रामू भैया से भी अच्छा चूस्ते हो, ओह बाबा जी खा जाओ मेरी चूत को फाड़ दो बाबा जी आह आह सी ओह मा मर गई

क्रमशः........
 
गन्ने की मिठास--22

गतान्क से आगे......................

रामू रुक्मणी की चूत को खूब फैला कर चाट रहा था और इसकी वजह से उसके लंड मे बहुत तनाव आ रहा था और वह चंदा को खूब रगड़-रगड़ कर चोद रहा था, चंदा ठुकवाने मे एक्सपर्ट थी इसलिए अब वह अपनी गंद उछाल-उछाल कर रामू के लंड पर बहुत तेज़ी से मार रही थी और रामू भी उसके जोरदार धक्को का जवाब खूब हुमच-हुमच कर दे रहा था, तभी रामू ने अपना लंड बाहर निकाल कर खुद नीचे लेट गया और चंदा को अपने लंड पर बैठा लिया और फिर रुक्मणी चाची को अपनी चूत अपने मूह पर रख कर बैठने को कहा रुक्मणी ने अपनी दोनो जाँघो को रामू के आजू बाजू करके उसके मूह पर अपनी चूत खोल कर बैठ गई,

अब चंदा रामू के लंड पर तबीयत से कूदने लगी और इधर रुक्मणी अपनी फूली चूत को रामू को चूसाने लगी, दोनो मा बेटियाँ घोड़ी की तरह मस्ता रही थी और अपनी-अपनी चूत से रामू को रगड़ रही थी पूरे कमरे मे उन रंडियो की चूत की मादक गंध फैल गई थी,

मैं रमिया की गुलाबी चूत को बड़े प्यार से अपने होंठो मे दबा कर खिचता और उसके दाने को चूस्ते हुए सोच रहा था कि जब रमिया की चूत इतनी खूबसूरत है जब कि वह गाँव की लोंड़िया है तो फिर मेरी खुद की बहन संगीता तो रमिया से काफ़ी बड़ी हो गई है और उसका बदन भी खूब भरा हुआ है तो फिर उसकी चूत कितनी मस्त होगी और फिर मेरी मम्मी रति की चूत कितनी बड़ी और फूली होगी पता नही मम्मी और संगीता अपनी चूत के बाल साफ करती होगी या नही, वैसे मम्मी मेकप तो बहुत करती है और अपने होंठो पर लिपस्टिक लगाना कभी नही भूलती है ज़रूर मम्मी का मन भी खूब चुदवाने का होता होगा,

उधर चंदा ओह रामू भैया बड़ा मस्त लंड है तुम्हारा और रामू के लंड पर कूदते हुए रामू के मूह के उपर अपनी चूत फैलाए बैठी अपनी मम्मी की पीठ से चिपक जाती है और उसका पानी छूट जाता है तभी रामू चाची की चूत के खड़े दाने को खूब कस कर पकड़ लेता है और उसका भी पानी चंदा की चूत मे छूट जाता है

रुक्मणी आह आह करती हुई अपनी चूत को लगातार रगड़ रही थी और चंदा हाफते हुए एक और लुढ़क जाती है तभी रुक्मणी रामू के लंड के उपर से उठ कर उल्टी होकर घूम कर रामू के मूह पर अपनी गंद झुका कर लगा देती है और रामू का रस से भीगा लंड अपने मूह मे भर कर उसे चूसने लगती है, रामू का लंड जैसे ही चाची के मूह मे जाता है रामू चाची की गंद और चूत के छेद को खूब फैला कर चूसने और चाटने लगता है,

रमिया से अब रहा नही जा रहा था और वह बार-बार अपनी चूत उठा कर मेरे मूह पर मार रही थी कभी-कभी तो वह पूरी ताक़त से अपनी चूत मेरे मूह पर रगड़ने लग जाती थी मैने देर करना ठीक नही समझा और रमिया को खड़ी करके उसे आँगन की तरफ ले गया, मैं आज रमिया की चूत मे अपना मोटा लंड इतना ज़ोर से पेलना चाहता था कि रमिया भी हमेशा मेरे मोटे तगड़े लंड को याद करे,

मैने रमिया को घोड़ी बना कर झुका दिया और उसकी गंद को खूब अच्छे से उपर की ओर उभार दिया फिर मैने अपने मोटे लंड पर तेल लगा कर उसे खूब चिकना कर दिया और पिछे से रमिया की चूत मे अपना लंड लगा कर उसकी मोटी-मोटी गंद को खूब कस कर दबोच लिया और ऐसा जोरदार धक्का उसकी चूत मे मारा कि रमिया ज़ोर से चिल्ला उठी,

ओह बाबा जी मर गई रे आ उसके चेहरे पर दर्द उभर आया और उसकी आवाज़ सुन कर सभी का ध्यान इस ओर हो गया हालाकी रामू अब चाची के उपर चढ़ कर चोद रहा था लेकिन चंदा वह आवाज़ सुन कर उठ कर बाहर आकर हमे देखने लगी चंदा ने जैसे ही देखा कि मेरा आधे से ज़्यादा लंड रमिया की चूत मे फसा है मैने चंदा को देखते हुए दूसरा जोरदार धक्का रमिया की चूत मे ऐसा मारा कि मेरा पूरा लंड रमिया की चूत को खोलता हुआ जड़ तक समा कर उसकी मस्तानी बुर मे फिट हो गया और रमिया आह सी सी ओह बाबा जी बहुत बड़ा है आपका मैं मर जाउन्गि आह आह ओह.

मैं अब रमिया की चूत को धीरे-धीरे चोदते हुए उसकी मोटी गंद को फैला-फैला कर सहला रहा था तभी चंदा जो बड़े गौर से मेरे मोटे तगड़े लंड को रमिया की लाल नज़र आ रही चूत मे आते जाते देख रही थी, कहने लगी बाबा जी हमे भी रमिया दीदी की तरह ऐसे ही ज़ोर से चोदेगे क्या,
 
मैने रमिया की चूत ठोकते हुए कहा क्यो तुम्हे रामू से मज़ा नही आया क्या

चंदा- बाबा जी आया तो है पर जितना तेज आप चोद्ते है उतना तेज तो मेरे बापू भी नही चोद्ते है और ना रामू भैया, देखो ना आपके इतना तेज चोदने से रमिया दीदी को कितना अच्छा लग रहा है,

रमिया- आह सी सी बाबा जी चंदा ठीक कह रही है आह सी ऐसे ही ज़ोर से ठोकिए आप बहुत मस्त चुदाई करते है

मैने रमिया की बात सुन कर उसकी चूत को खूब कस-कस कर ठोकने लगा और रमिया खूब सीसीयाने लगी

ओह बाबाजी बहुत मोटा और डंडे जैसा तना हुआ है आपका लंड, सच बाबा जी आपका लोडा तो मेरी मा सुधिया के भोस्डे के लायक है और मारिए आज फाड़ दीजिए मेरी चूत,

रमिया की बुर बिल्कुल रसीली हो गई थी और जहाँ मैने एक करारा धक्का उसकी चूत की जड़ मे मारा रमिया एक दम से मुझसे कस कर चिपक गई और उसकी चूत मेरे लंड को दबोचे हुए पानी छ्चोड़ने लगी, मैं अभी झाड़ नही पाया था और रमिया सुस्त पड़ गई तभी चंदा ने मेरे लंड को रमिया की चूत से बाहर खींच कर अपने मूह मे भर कर चूसने लगी,

चंदा-बाबा जी आपका तो मेरे बापू से भी ज़्यादा मोटा और तगड़ा है इसे पिछे से मेरी चूत मे डाल कर खूब कस-कस कर चोद दीजिए और फिर चंदा अपनी मोटी गंद उठा कर किसी कुतिया की तरह झुक कर अपनी गंद हिलाने लगी उसका गुलाबी भोसड़ा देख कर मैने उसकी चूत मे अपना लंड लगा कर अच्छे से रगड़ने लगा और फिर उसकी चूत मे लंड लगा कर एक तगड़ा धक्का मार दिया और मेरा लंड कच्छ से चंदा की चूत को फाड़ता हुआ आधे से ज़्यादा अंदर उतर गया और चंदा ने अपनी मोटी गंद और उपर उठा कर उल्टा मेरे लंड पर धकेलते हुए ओह बाबा जी बहुत मस्त लंड है आपका चोदो बाबा जी खूब कस कर चोदो,

मैं चंदा की चूत ठोकते हुए सोचने लगा जब यह ज़रा सी लोंड़िया इतने मस्त तरीके से अपनी चूत मे मेरा तगड़ा लंड लेकर मरवा रही है तो मेरी बहन संगीता कितने प्यार से अपने भैया का लंड लेगी, मैं सोच रहा था कि मेरा लंड वाकई बहुत मोटा और लंबा है,

उधर रामू चाची की मोटी गंद के नीचे हाथ डाल कर उसे उपर उठाए हुए उसकी चूत मे सतसट लंड पेल रहा था और रुक्मणी अपनी मोटी जाँघो को रामू की कमर मे लपेटे खूब मस्त तरीके से चुद रही थी उपर से रामू धक्का मारता तब रुक्मणी नीचे से अपनी गंद उठा कर रामू के लंड पर अपनी चूत का धक्का मार देती,

मैने चंदा को लगभग गोद मे उठा कर अपने लंड पर बैठा लिया चंदा मेरे सीने से चिपकी हुई थी और मैं उसकी चूत चोद रहा था तभी चंदा मेरे उपर चढ़ि-चढ़ि ही मूतने लगी और उसकी चूत ने पानी छ्चोड़ दिया मेरा पानी फिर भी नही निकला तब चंदा नीचे उतर आई और फिर रमिया और चंदा दोनो मेरे लंड को पागलो की तरह चूमने और चाटने लगी दोनो मेरे लंड को एक दूसरे के मूह से छुड़ा कर चूसने की कोशिश कर रही थी दोनो की रसीली जीभ से मेरे लंड मे खूब मस्ती आने लगी और फिर मैने एक दम से पानी छ्चोड़ना शुरू किया तो दोनो मेरे वीर्य को चूस-चूस कर चाटने लगी और मेरे लंड को पूरा चाट-चाट कर साफ कर दिया,

उधर रामू भी चाची की चूत मे पानी छ्चोड़ चुका था और चाची के नंगे बदन पर लेटा हुआ साँसे ले रहा था, कुच्छ देर बाद रामू अपनी धोती पहन कर बाहर आ गया और फिर चाची और चंदा और रमिया ने भी अपने -अपने कपड़े पहन लिए, शाम के 4 बज चुके थे और चाची ने हमारे लिए नीबू का शरबत बनाया और शरबत पीने के बाद रामू और रमिया मुझसे विदा लेकर अपने घर की ओर चल दिए,

शाम को करीब 6 बजे हरिया वापस आ गया और फिर घर के आँगन मे खाट डाल कर मुझे बैठने को कहा और फिर हरिया अपनी चिलम बनाने लगा,
 
हरिया- बाबू जी आज तो आपने जब से हमे कहा है कि कल तुम्हे सुधिया चोदने को मिल जाएगी तब से क्या बताए बहुत लंड खड़ा हो रहा है, सच बाबू जी बड़ा ही मस्त माल है, काश रामू की जगह मैं सुधिया का बेटा होता तो दिन रात उसे नंगी ही अपने साथ रखता,

राज- हरिया एक बात तो है जिन औरतो की जंघे खूब मोटी होती है पेट खूब उभरा हुआ रहता है और गंद काफ़ी फैली और मोटी होती है वह औरते चोदने मे बड़ा मज़ा देती है,

हरिया- बाबू जी जब आप अपने से बड़ी उमर की औरत को चोदोगे तब और भी मज़ा आएगा, आज बाबूजी हम आपके लिए मस्त चिलम बना रहे है खूब मस्त नशा देती है,

हरिया के साथ मैने उसकी चिलम का कश इसलिए ले लिया कि आज हरिया की चिलम पीकर उसी की बीबी को चोदने का मोका मिल रहा था और रुक्मणी का बदन भी काफ़ी भरा हुआ था और गोरी भी बहुत थी मेरा लंड उसकी मोटी गंद देख कर खड़ा हो चुका था, हम लोगो ने चिलम ख़तम की अब कुच्छ अंधेरा होने चला था और हरिया ने रुक्मणी को बुलाया और कहा कि बाबा जी का पूरा ख्याल रखना और उनके लिए बढ़िया खाने की व्यवस्था करना मैं चंदा को लेकर आज खेतो मे ही सोउँगा,

उसके बाद हरिया चंदा के साथ खेतो की ओर चल देता है और मैं नशे मे मस्त होकर घर के काम मे लगी रुक्मणी को देख कर अपना लंड मसल रहा था, मुझे रुक्मणी चाल चलन से बहुत ही चालू और बिंदास नज़र आ रही थी जबकि मैं जब सुधिया से मिला था तो वह काफ़ी शर्मा रही थी,

रुक्मणी ने जब अपना काम समाप्त कर लिया तब वह मेरे पेरो के पास ज़मीन पर हाथ जोड़ कर बैठ गई और कहने लगी बाबा जी आप कहे तो आपके लिए खाना निकालु

राज- बेटी हम भोजन 10 बजे के बाद ही करेगे

रुक्मणी- बाबा जी अब हमारे घर मे सुख शांति रहेगी ना

राज- मैने रुक्मणी के गोरे-गोरे भरे हुए गालो को सहलाते हुए कहा बेटी तू चिंता मत कर चल अब घर के अंदर चल और मैं तुझे सभी विधि बता देता हू फिर उस हिसाब से तुझे पवित्र करके तेरी सभी समस्याओ से निजात दिलाता हू,

रुक्मणी अंदर आ गई और मैं भी अंदर आ गया रुक्मणी ने दरवाजा लगा लिया और मुझे बैठने को कहा और फिर मेरे सामने खड़ी होकर कहने लगी हाँ बाबा जी अब बताइए क्या करना है मुझे,

राज- बेटी सबसे पहले तुम्हे पूरी नंगी होकर स्नान करना होगा लेकिन ध्यान रहे स्नान करने के बाद बदन पोच्छना नही सीधे नंगी ही मेरे सामने आना होगा फिर मैं तुम्हारे बदन को अपने शुद्ध वस्त्रा से पोंच्छूंगा, रुक्मणी का चेहरा मेरी बाते सुन कर लाल हो चुका था और वह एक टक मुझे गौर से देखने लगी,
 
राज- क्या हुआ बेटी कुछ दिक्कत है क्या

रुक्मणी नही बाबा जी मैं अभी स्नान करके आती हू और फिर रुक्मणी आँगन मे मेरे सामने अपनी साडी उतारने लगी और फिर वह पेटिकोट और ब्लौज मे आ गई उसकी उठी हुई गंद और गोरा-गोरा मसल पेट देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और रुक्मणी बड़े मस्त तरीके से अपने ब्लौज के बटन खोल कर उतारने लगी, रुक्मणी ने जैसे ही ब्लौज खोला उसके मोटे-मोटे दूध खुल कर बाहर आ गये फिर रुक्मणी ने अपने पेटिकोट का नाडा खोल कर जैसे ही पेटिकोट को छ्चोड़ा रुक्मणी पूरी नंगी मेरे सामने झुक कर अपने नंगे बदन पर पानी डाल कर नहाने लगी मैं तो उस भरे बदन की गोरी जवान औरत का नंगा रूप इतने करीब से देख कर पागल हो गया, मेरा लंड इतना ज़ोर से खड़ा था कि लग रहा था कि लंड की नशे फट जाएगी,

नहाने के बाद रुक्मणी पूरी नंगी खड़ी मेरी ओर देखने लगी जैसे पुच्छ रही हो कि अब क्या करना है मैने उसे इशारे से मेरे पास बुलाया और कहा कि देखो रुक्मणी अब मैं तुम्हारे पूरे बदन पर तेल लगा कर तुम्हे पवित्र करूँगा, क्या तुम इसके लिए तैयार हो

रुक्मणी- जी बाबा जी

राज - ठीक है एक आसान लो और उस पर बैठ जाओ और फिर रुक्मणी एक आसान ले कर अपनी दोनो मोटी जंघे फैला कर बैठ गई, रुक्मणी के चेहरे को देख कर लग रहा था कि वह खूब अंदर ही अंदर मस्ती से भर चुकी है,

मैने जब उसकी दोनो जाँघो पर तेल लगा कर उसकी मोटी मोटी जाँघो को मसलना शुरू किया तो रुक्मणी के मूह से सिसकी निकल गई,

राज- क्या हुआ रुक्मणी तुम आँखे बंद करके क्यो बैठी हो

रुक्मणी- बाबा जी आपके सहलाने से मुझे बहुत अच्छा लग रहा है

राज- बेटी हम तो तुम्हे अपनी बेटी समझ कर तुम्हे पवित्र कर रहे है, और फिर मैने खूब सारा तेल रुक्मणी के दोनो मोटे मोटे दूध पर डाल कर उसके दूध को खूब कस कस कर दबोचते हुए सहलाने लगा,

रुक्मणी- आह बाबा जी इस तरह तो कोई बेटा अपनी मा को भी पवित्र करेगा तो उसकी मा गरम हो जाएगी,

मैं रुक्मणी के दूध पेट और मोटी जाँघो पर तेल लगाने के बाद जैसे ही रुक्मणी की और देखा रुक्मणी ने मेरी ओर मुस्कुरा कर देखते हुए अपनी मोटी जाँघो को पूरी तरह खोल दिया और मैं रुक्मणी की पाव रोटी की तरह फुल्ली हुई चिकनी गुदाज चूत देख कर मस्त हो गया,

रुक्मणी- मुस्कुराते हुए क्या देख रहे है बाबा जी लगाइए ना तेल, मैने रुक्मणी की बात सुन कर जल्दी से उसकी फूली चूत को अपने हाथो से भर कर दबोच लिया,

रुकमनि- आह बाबा जी यह क्या कर रहे है आप तो मेरी चूत मे तेल लगाने के बजाय उसे दबोच दबोच कर मसल रहे है,

राज- बेटी तुम्हारी चूत को अंदर तक तेल लगा कर पवित्र करना होगा क्यो कि तुमने पराए मर्दो का लंड इसमे डलवा-डलवा कर इसे अशुद्ध कर दिया है तुम अपनी पीठ मेरे सीने से लगा कर अपनी जाँघो को थोड़ा फैला कर बैठ जाओ ता कि मैं तुम्हारे सीने पर और पीठ पर भी तेल लगा दू,

क्रमशः........
 
गन्ने की मिठास--23

गतान्क से आगे......................

रुक्मणी मेरी बात सुन कर घूम कर मेरे सीने से बिल्कुल अपनी पीठ सटा कर बैठ गई उसकी मोटी गंद से मेरा लंड भिड़ गया और मैने उसके आगे हाथ ले जाकर उसके दूध को खूब कस-कस कर दबाना शुरू कर दिया,

राज- रुक्मणी

रुक्मणी- आह जी बाबा जी

राज- तुमने लगता है पराए मर्दो से अपने बदन को खूब दब्वाया है

रुक्मणी- क्या करू बाबा जी इसमे मेरी ग़लती नही है मेरा आदमी हरिया बहुत चुड़क्कड़ है जिसके भी औरत को उसका मन चोदने का होता है वह मुझे आगे करके उसे चोद लेता है,

राज- मतलब बेटी

रुक्मणी- अपनी जाँघो को फैला कर मेरे हाथ को पकड़ कर अपनी चूत मे रख लेती है और कहती है बाबा जी ज़रा यहाँ तेल लगाओ फिर मैं आपको मेरी बात का मतलब बताती हू

मैने रुक्मणी की चूत की फांको को दोनो हाथो से अच्छे से फैला लिया और उसकी चूत को खूब सहलाने लगा,

रुक्मणी- बाबा जी एक बार मेरा बड़ा भाई अपनी बीबी के साथ हमारे यहाँ आया, उसकी बीबी बहुत मस्त माल थी कोई भी मर्द उसकी मोटी गंद और दूध देख ले तो उसका लंड खड़ा हो जाए, हरिया की तो लार टपकने लगी थी हरिया मुझसे कहने लगा एक बार तेरी भाभी की दिलवा दे बहुत मस्त माल है,

मैने कहा मैं कैसे दिलवा दू तब हरिया मुझसे कहने लगा अपने भैया का लंड अपनी चूत मे लेगी बड़ा मोटा लंड है उसका मेरे लंड से डबल है तुझे रात भर नंगी करके चोदेगा सच तू मस्त हो जाएगी,

हरिया बहुत चालाक है वह औरत की कमज़ोरी जानता था इसलिए ऐसी बाते वह मेरी चूत का दाना सहलाते हुए कह रहा था, मैने कहा मैं नही जानती जो तुम्हारा मन कहे वह करो,

राज- फिर क्या हुआ बेटी

रुक्मणी- फिर क्या था बाबा जी हरिया ने मेरे भैया को बाहर खाट पर बैठा कर चिलम पिलाना शुरू कर दिया, मैं और मेरी भाभी वही घर के अंदर थी मेरा दिल किया कि जाकर सुनू तो सही दोनो क्या बात कर रहे है और फिर मैं चुपके से भाभी से काम का बहाना करके दीवार के पिछे छुप कर उनकी बाते सुनने लगी,

हरिया ने भैया को चिलम पिला कर नशे मे धुत्त कर दिया था,

भैया- और बताओ जमाई बाबू कैसा चल रहा है सब,

हरिया- अरे क्या बताऊ साले साहब जब से शादी हुई है तुम्हारी बहन बहुत परेशान करती है, सच साले साहेब बहुत चुदासी है तुम्हारी बहन खूब मोटा लंड चाहिए उसे अपनी चूत मे, उसकी गंद देखी है कैसे चुदवा चुदवा के मोटी हो गई है,

भैया- अरे वह तो हर औरत चुदवाती है पर इसमे नया क्या है,

हरिया- अरे तुम नही जानते उसे रोज लंड चाहिए और कभी कभी तो चुदते समय तुम्हारे लंड की बाते करने लगती है,

भैया- क्या कहती है मेरे बारे मे

हरिया- कहती है भैया का लंड बहुत मोटा है एक बार तुम्हे उसने मुतते हुए देखा था तब से तुम्हारे लंड को लेने के लिए बहुत तड़पति है, हरिया की बाते सुन कर भैया का लंड खड़ा हो गया था और वह मसल्ने लगे थे,

हरिया- मुस्कुराते हुए क्या हुआ अपनी बहन को चोदने का मन कर रहा है ना

भैया- अब तुम ऐसी बाते करोगे तो लंड तो खड़ा होगा ना

हरिया- आज चोदोगे अपनी बहन को

भैया- पर रुक्मणी क्या मान जाएगी

हरिया- पहले कहो तो चोदोगे क्या

भैया- हाँ चोदने का मन तो बहुत हो रहा है, भैया की बात सुन कर मेरी चूत से पानी आ गया तभी हरिया ने मुझे आवाज़ दी और मैं एक दम से संभाल कर उसके पास पहुच गई,

हरिया ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपनी गोद मे बैठा लिया और मेरे मोटे-मोटे दूध मेरे भैया के सामने मसल्ने लगा,

रुक्मणी- अरे छ्चोड़ो यह क्या कर रहे हो भैया बैठे है तुम्हे शरम नही आती

हरिया- अरे मेरी रानी तेरा भैया भी तो तेरे मोटे-मोटे दूध मसलना चाहता है आ अच्छे से खाट पर चढ़ कर बैठ जा, फिर हरिया ने मुझे खाट पर बैठा कर मेरी साडी उपर कर दी और भैया को जैसे ही मेरी मोटी जंघे नज़र आई उनसे नही रहा गया और उन्होने भी मेरी जाँघो को अपने हाथो मे भर कर दबोच लिया, भाभी तो पहले से ही चुड़क्कड़ थी उसने भैया के कहने पर हरिया से अपनी चूत मरवाई और भैया ने उस रात मुझे पूरी नंगी करके खूब कस कस कर चोदा,

रुक्मणी की बाते सुन कर मेरा लंड उसकी गंद से सटने लगा और अचानक रुक्मणी ने अपना हाथ पिछे लाकर मेरे लोहे जैसे तने लंड को अपने हाथो मे भर कर दबोच लिया,
 
रुक्मणी- वाह बाबा जी कितना मस्त हथियार छुपा रखा है आपने अब मुझसे नही रहा जाता बाबा जी जबसे मैने आपका मोटा लंड रमिया की चूत मे आते हुए देखा था तब से आपसे चुदने के लिए मरी जा रही हू,

राज- बेटी अब सिर्फ़ तुम्हारी मोटी गंद मे तेल लगाना बाकी बचा है,

रुक्मणी- बाबा जी पहले मेरी चूत को खूब अच्छे से ठोंक दो फिर तो सारी रात पड़ी है आराम से मेरी गंद मे तेल लगा कर रात भर मेरी गंद मारना,

राज- अच्छा बेटी अब तुम पीठ के बल लेट जाओ और फिर रुक्मणी जब पीठ के बल लेट गई तब उसने अपनी जाँघो को उपर उठा कर मोड़ लिया और उसकी रसीली चूत मेरे सामने आ गई मैने अपनी जीभ से रुक्मणी की गुलाबी फूली हुई चूत को चाटना शुरू कर दिया और रुक्मणी तड़पने लगी,

रुक्मणी- ओह बाबा जी खूब चुसू खूब चतो मेरी चूत को आह आह ओह बाबा जी आपका लंड बड़ा मस्त है आज मेरी चूत फाड़ देना बाबा जी,

मैने रुक्मणी की चूत के छेद से बहते रस को चूस चूस कर चाटना शुरू कर दिया और एक हाथ मे तेल लेकर उसकी गंद मे तेल लगाने लगा, पहले एक उंगली से उसकी गंद सहलाने लगा फिर दो उंगलिया उसकी मोटी गंद मे डाल कर जब उसकी चूत मैने तबीयत से चूसना शुरू किया तो रुक्मणी पागलो की तरह बड़बड़ाने लगी

मैने देखा रुक्मणी अब पानी-पानी हो चुकी थी बस फिर मैने अपने मोटे लंड को रुक्मणी की चूत से लगा कर कस कर एक धक्का मारा और रुक्मणी ओह बाबा जी करके ऐथ गई तभी मैने उसकी गुदाज जाँघो को पकड़ कर एक और धक्का मार दिया और मेरा लंड जड़ तक रुक्मणी की चूत मे घुस गया, मैं रुक्मणी की चूत को खूब कस-कस कर चोदने लगा और रुक्मणी अपनी गंद उठा उठा कर कहने लगी ओह बाबा जी खूब चोदो कस कस कर चोदो आह आह बहुत मज़ा आ रहा है,

कितना अच्छा चोद्ते हो आप आपका लंड जो औरत एक बार ले लेगी वह मस्त हो जाएगी आपका लंड तो बड़ी बड़ी घोड़ियो के लायक है बाबा जी और मारिए खूब कस कर मारिए फाड़ दो आह आह सी सी ,

मैं पूरी ताक़त से रुक्मणी को चोद रहा था और वह सीसीया रही थी मैं रुक्मणी के उपर लंड फसाए लेट गया और उसके मोटे-मोटे दूध को खूब दबा दबा कर पीने लगा और रुक्मणी अपनी चूत को खूब ज़ोर से मेरे लंड से दबाने लगी, मैं पूरी ताक़त से खूब कस कस कर उसे चोद रहा था और तभी उसकी चूत ने ढेर सारा पानी छ्चोड़ दिया और रुक्मणी मेरे बदन से कस कर चिपक गई,

कुच्छ देर हम दोनो साँसे लेते रहे उसके बाद रुक्मणी मेरी तरफ पीठ कर के लेट गई और मैं उसके पीछे से उसकी मोटी मुलायम गंद के छेद को तेल भर-भर कर चिकना बनाने लगा,

रुक्मणी- बाबा जी बहुत मोटा लंड है आपका मेरी गंद तो फाड़ कर रख देगा,

राज- बेटी ऐसे मोटे लंड से ही गंद मरवाने मे ज़्यादा मज़ा आता है,

रुक्मणी- बाबा जी मुझे आपका लंड चूसना है

राज- चूसो ना बेटी तुम मेरा लंड जितना चाहे चूस लो फिर मैं आज तुम्हारी मोटी गंद की सारी खुजली दूर कर देता हू, उसके बाद रुक्मणी मेरे लंड को खूब दबोच दबोच कर चूसने लगी और मैं उसकी गुदा मे दो उंगलिया डाल-डाल कर उसे मुलायम करने लगा,

रुक्मणी की गंद को मैने सहला सहला कर खूब मुलायम बना दिया और फिर मैने अपने मोटे लंड को धीरे से रुक्मणी की गंद से सताया तो रुक्मणी ने अपनी गंद मेरी ओर उठा कर अपने हाथो से अपनी गंद को खूब फैला कर मुझे अपनी गंद का छेद दिखाते हुए, लो बाबा जी अब पेलो अपना मूसल मेरी गंद मे, मैने अपने लंड का धक्का धीरे से रुक्मणी की कमर पकड़ कर उसकी गंद मे मार दिया और रुक्मणी ओह बाबा जी करके सीसीया पड़ी मेरे लंड का टोपा उसकी गुदा मे धस चुका था और मैं रुक्मणी के बोबे मसल्ते हुए दूसरे हाथ से उसकी कमर और मोटी गंद सहला रहा था,
 
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