desiaks
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अब दर्द इतना बढ़ चुका था कि राज बहुत तेजी से चिल्लाता है।
राज: मम्मीsssssssssssssss
राज मम्मी चिल्लाते हुए घुटने मोड़ कर बैड पर लेट जाता है।
नीचे राज की मम्मी सरिता राज के पाप गिरधारी से इधर-उधर की बातें कर रही थी कि अचानक से राज की चीख सुनाई पड़ती है।
राज की ये चीख सुनकर कोई भी कह सकता था कि लड़का वाकई में भयंकर दर्द से गुजरा होगा तभी ऐसी चीख निकली है।
राज की चीख सुनकर गिरधारी और सरिता दोनो दौड़ते हुए राज के कमरे में घुसते है।
जैसे ही गिरधारी और सरिता राज के कमरे में घुसते है वो नीली रोशनी जो राज के बैग से निकल रही थी अब बन्द हो गयी थी। लेकिन राज अभी भी दर्द में तड़प रहा था।
राज को ऐसे दर्द में तड़पता देख कर राज की मम्मी सरिता राज को दुलारते हुए उसे पूछती है कि क्या हुआ। लेकिन राज आंखें बंद करके रोये जा रहा था।
गिरधारी राज की मम्मी के कंधों को पकड़ कर उसे भी संभाले जा रहा था।
तभी सरिता की नज़र राज के हाथों पर जाती है। राज के हाथ पेंट के ऊपर से अपने लन्ड को पकड़े हुए थे।
सरिता एक बार तो सकते में आ जाती है फिर कुछ सोच कर मुस्कुराने लगती है।
सरिता: ओह! तो ये बात है।
गिरधारी: क्या हुआ????
सरिता : आपके लाडले ने चैन में फसा लिया होगा तभी तो इतना....
(सरिता इतना बोलकर मुह पर हाथ लगा कर हँसने लगी)
तभी राज अपनी पेंट से हाथ हटा कर बेहोश हो जाता है।
अचानक से राज को बेहोश होते ही सरिता और गिरधारी दौनो बुरी तरह से डर जाते है।
गिरधारी: अरे यार तुम डॉक्टर हो तुम देखो ना क्या हुआ है राज को
लेकिन सरिता तो जैसे बुरी तरह से डर गई थी। आखिर माँ है ना। एक माँ के सामने जब उसका 10 वीं में पढ़ने वाला बच्चा दर्द से कराहता हुआ बेहोश हो जाये तो उस पर क्या गुजरती है ये कोई भी शब्दों में नही बात सकता।
गिरधारी सरिता के कुछ भी ना कर पाने से परेशान हो जाता है। गिरधारी तुरंत राज को गौद मैं बिठा कर गाड़ी नीचे गाड़ी में ले जाता है। पीछे पीछे सरिता भी दौड़ी दौड़ी चली जाती है।
गिरधारी राज को पास ही के एक हॉस्पिटल में ले जाता है। जहां पर शाम के समय ज्यादातर डॉक्टर चाय के लिए कैंटीन की और जा चुके थे। तभी किसी वार्ड से एक लेडी डॉक्टर निकलती है।
वो जैसे ही बाहर निकलती है बाहर सरिता को देखती है।
(डॉक्टर का नाम है प्रिया)
डॉक्टर प्रिया: हे सरिता मेम आप यहां ?
सरिता उस डॉक्टर को पहचान ने की कोशिश करती है लेकिन नही पहचान पाती
तभी बीच में गिरधारी
गिरधारी: डॉक्टर प्लीज आप मेरे बच्चे को देखिए ये अचानक से बेहोश हो गया।
डॉक्टर: हुआ क्या है इसको, कोई चोट वगैरा?
सरिता : नहीं नहीं ऐसा कुछ नही हुआ ये ऊपर कमरे से अचानक से चिल्लाया और जब हम पहुंचे तो ये थोड़ी ही देर में बेहोश हो गया।
डॉक्टर: ठीक है मैं देखती हूँ इतना बोलकर प्रिया स्टाफ से बोलकर राज को तुरंत इमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट करवा देती है।
ये इमरजेंसी वार्ड एक बन्द कमरा था। डॉक्टर प्रिया तुरंत मुह पर मास्क लगा कर 2 नर्स को लेकर रूम मैं चली जाती है।
डॉक्टर: रिमूव क्लोथ्स,
नर्स आपस में मिलकर राज के कपड़े उतारने लगती है।जैसे ही राज का शर्ट उतारती है तो देखती है कि राज का खास तौर पर सीने, पेट, हाथ, की मसल बुरी तरह से खींच रही हो।
दूसरी नर्स राज का पेंट उतारती है तो राज का लन्ड एक दम खड़ा था लेकिन अंडरवियर में था।
प्रिया राज के खड़े लन्ड को देख कर मुस्कुरा पड़ती है।
राज: मम्मीsssssssssssssss
राज मम्मी चिल्लाते हुए घुटने मोड़ कर बैड पर लेट जाता है।
नीचे राज की मम्मी सरिता राज के पाप गिरधारी से इधर-उधर की बातें कर रही थी कि अचानक से राज की चीख सुनाई पड़ती है।
राज की ये चीख सुनकर कोई भी कह सकता था कि लड़का वाकई में भयंकर दर्द से गुजरा होगा तभी ऐसी चीख निकली है।
राज की चीख सुनकर गिरधारी और सरिता दोनो दौड़ते हुए राज के कमरे में घुसते है।
जैसे ही गिरधारी और सरिता राज के कमरे में घुसते है वो नीली रोशनी जो राज के बैग से निकल रही थी अब बन्द हो गयी थी। लेकिन राज अभी भी दर्द में तड़प रहा था।
राज को ऐसे दर्द में तड़पता देख कर राज की मम्मी सरिता राज को दुलारते हुए उसे पूछती है कि क्या हुआ। लेकिन राज आंखें बंद करके रोये जा रहा था।
गिरधारी राज की मम्मी के कंधों को पकड़ कर उसे भी संभाले जा रहा था।
तभी सरिता की नज़र राज के हाथों पर जाती है। राज के हाथ पेंट के ऊपर से अपने लन्ड को पकड़े हुए थे।
सरिता एक बार तो सकते में आ जाती है फिर कुछ सोच कर मुस्कुराने लगती है।
सरिता: ओह! तो ये बात है।
गिरधारी: क्या हुआ????
सरिता : आपके लाडले ने चैन में फसा लिया होगा तभी तो इतना....
(सरिता इतना बोलकर मुह पर हाथ लगा कर हँसने लगी)
तभी राज अपनी पेंट से हाथ हटा कर बेहोश हो जाता है।
अचानक से राज को बेहोश होते ही सरिता और गिरधारी दौनो बुरी तरह से डर जाते है।
गिरधारी: अरे यार तुम डॉक्टर हो तुम देखो ना क्या हुआ है राज को
लेकिन सरिता तो जैसे बुरी तरह से डर गई थी। आखिर माँ है ना। एक माँ के सामने जब उसका 10 वीं में पढ़ने वाला बच्चा दर्द से कराहता हुआ बेहोश हो जाये तो उस पर क्या गुजरती है ये कोई भी शब्दों में नही बात सकता।
गिरधारी सरिता के कुछ भी ना कर पाने से परेशान हो जाता है। गिरधारी तुरंत राज को गौद मैं बिठा कर गाड़ी नीचे गाड़ी में ले जाता है। पीछे पीछे सरिता भी दौड़ी दौड़ी चली जाती है।
गिरधारी राज को पास ही के एक हॉस्पिटल में ले जाता है। जहां पर शाम के समय ज्यादातर डॉक्टर चाय के लिए कैंटीन की और जा चुके थे। तभी किसी वार्ड से एक लेडी डॉक्टर निकलती है।
वो जैसे ही बाहर निकलती है बाहर सरिता को देखती है।
(डॉक्टर का नाम है प्रिया)
डॉक्टर प्रिया: हे सरिता मेम आप यहां ?
सरिता उस डॉक्टर को पहचान ने की कोशिश करती है लेकिन नही पहचान पाती
तभी बीच में गिरधारी
गिरधारी: डॉक्टर प्लीज आप मेरे बच्चे को देखिए ये अचानक से बेहोश हो गया।
डॉक्टर: हुआ क्या है इसको, कोई चोट वगैरा?
सरिता : नहीं नहीं ऐसा कुछ नही हुआ ये ऊपर कमरे से अचानक से चिल्लाया और जब हम पहुंचे तो ये थोड़ी ही देर में बेहोश हो गया।
डॉक्टर: ठीक है मैं देखती हूँ इतना बोलकर प्रिया स्टाफ से बोलकर राज को तुरंत इमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट करवा देती है।
ये इमरजेंसी वार्ड एक बन्द कमरा था। डॉक्टर प्रिया तुरंत मुह पर मास्क लगा कर 2 नर्स को लेकर रूम मैं चली जाती है।
डॉक्टर: रिमूव क्लोथ्स,
नर्स आपस में मिलकर राज के कपड़े उतारने लगती है।जैसे ही राज का शर्ट उतारती है तो देखती है कि राज का खास तौर पर सीने, पेट, हाथ, की मसल बुरी तरह से खींच रही हो।
दूसरी नर्स राज का पेंट उतारती है तो राज का लन्ड एक दम खड़ा था लेकिन अंडरवियर में था।
प्रिया राज के खड़े लन्ड को देख कर मुस्कुरा पड़ती है।