desiaks
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राज अपनी आंखें बंद किये खड़ा था । राज ने चंचल से कहा।
राज: अब तुम्हे जो करना है जल्दी करो ताकि में यहां से दफा हो जाऊं।
चंचल: ( राज पर नाराज होते हुए) तुम्हे मालूम है राज तुम्हे कम से कम मुझसे तमीज से बात करनी चाहिए। अब इसकी सज़ा तो तुम्हे ज़रूर मिलेगी। प्रिया ज़रा कैंटीन से चॉक्लेट कप केक ले आना।
प्रिया तुरंत चंचल की बात सुनकर वहां से चली जाती है।
चंचल तुरंत इंचटेप निकाल कर राज के लन्ड का नाप लेती है जो कि बिना कड़ा भी 9 इंच के करीब था।
प्रीति राज को एक फोटो दिखाती है और बोलती है....
प्रीति: देखो राज ये है प्रिया के भाई का लन्ड।
उस फ़ोटो को देखते ही राज को हंसी आ जाती है।
राज: इसे लन्ड नही बच्चों की नूनी बोलते है।
राज की इस बात पर चंचल और प्रीति दोनो हँसने लग जाती है।
चंचल: ( राज के लन्ड को सहलाते हुए ) राज हमसे दोस्ती करोगे? तेरे जैसे हथियार के लिए चुतों की लाइन लग जायेगी।
राज: नहीं
चंचल: सोच लो! चलो ठीक है हम दोएत तो बन ही सकतें है। वैसे भी में ये सब नही करना चाहती थी। लेकिन मैंने प्रिया से प्रॉमिस किया था इसलिए करना पड़ा। में हमेशा अपनी कही सारी बातें पूरी करती हूं।
राज: लेकिन मैं तुमसे दोस्ती क्यों करूँ?
चंचल: अगर किसी मतलब से दोस्त बनना है तो मत ही बनो और अगर दोस्त बनना है तो मैं हाथ बढ़ा रही हूँ।
राज को चंचल की ये बात पसंद आ जाती है। अब राज भी चंचल और प्रीति के सामने सहज महसूस कर रहा था। राज ने तुरंत हाथ आगे बढ़ा कर हाथ मिला लिया।
चंचल: राज़ प्लीज मुझे आखिरी बार माफ कर देना क्योंकि मैंने तुम्हें अभी एक सज़ा के लिए बोला था ना। वो मैं प्रिया से किये गए एक वादे को पूरा करने के लिए करूँगी। आई होप तुम समझ सकते हो।
राज: कोई ना जो करना है करो। फिर मेरी भी तो बारी आएगी ना।
चंचल : हाँ और उसमें मैं और प्रीति तुम्हारी खूब मदद करेंगे। वो भी बिना कोई सवाल किए।
प्रीति: हाँ बिल्कुल
राज कुछ सोच कर मुस्कुराता है फिर....
राज: पक्का वादा!
चंचल और प्रीति एक साथ बोलती है
पक्का वादा।
राज: अब तुम्हे जो करना है जल्दी करो ताकि में यहां से दफा हो जाऊं।
चंचल: ( राज पर नाराज होते हुए) तुम्हे मालूम है राज तुम्हे कम से कम मुझसे तमीज से बात करनी चाहिए। अब इसकी सज़ा तो तुम्हे ज़रूर मिलेगी। प्रिया ज़रा कैंटीन से चॉक्लेट कप केक ले आना।
प्रिया तुरंत चंचल की बात सुनकर वहां से चली जाती है।
चंचल तुरंत इंचटेप निकाल कर राज के लन्ड का नाप लेती है जो कि बिना कड़ा भी 9 इंच के करीब था।
प्रीति राज को एक फोटो दिखाती है और बोलती है....
प्रीति: देखो राज ये है प्रिया के भाई का लन्ड।
उस फ़ोटो को देखते ही राज को हंसी आ जाती है।
राज: इसे लन्ड नही बच्चों की नूनी बोलते है।
राज की इस बात पर चंचल और प्रीति दोनो हँसने लग जाती है।
चंचल: ( राज के लन्ड को सहलाते हुए ) राज हमसे दोस्ती करोगे? तेरे जैसे हथियार के लिए चुतों की लाइन लग जायेगी।
राज: नहीं
चंचल: सोच लो! चलो ठीक है हम दोएत तो बन ही सकतें है। वैसे भी में ये सब नही करना चाहती थी। लेकिन मैंने प्रिया से प्रॉमिस किया था इसलिए करना पड़ा। में हमेशा अपनी कही सारी बातें पूरी करती हूं।
राज: लेकिन मैं तुमसे दोस्ती क्यों करूँ?
चंचल: अगर किसी मतलब से दोस्त बनना है तो मत ही बनो और अगर दोस्त बनना है तो मैं हाथ बढ़ा रही हूँ।
राज को चंचल की ये बात पसंद आ जाती है। अब राज भी चंचल और प्रीति के सामने सहज महसूस कर रहा था। राज ने तुरंत हाथ आगे बढ़ा कर हाथ मिला लिया।
चंचल: राज़ प्लीज मुझे आखिरी बार माफ कर देना क्योंकि मैंने तुम्हें अभी एक सज़ा के लिए बोला था ना। वो मैं प्रिया से किये गए एक वादे को पूरा करने के लिए करूँगी। आई होप तुम समझ सकते हो।
राज: कोई ना जो करना है करो। फिर मेरी भी तो बारी आएगी ना।
चंचल : हाँ और उसमें मैं और प्रीति तुम्हारी खूब मदद करेंगे। वो भी बिना कोई सवाल किए।
प्रीति: हाँ बिल्कुल
राज कुछ सोच कर मुस्कुराता है फिर....
राज: पक्का वादा!
चंचल और प्रीति एक साथ बोलती है
पक्का वादा।