hotaks444
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मैं और महक गुलनाज़ दीदी के पास गई तो वो मुझे गले लगाती हुई बोली.
गुलनाज़-मेरी स्वीतू ये मैं क्या सुन रही हूँ.
मे-क्या सुन रही हो दीदी आप.
गुलनाज़-यही कि आपकी शादी भी मेरे साथ ही हो रही है.
मे-आईला ये किसने कहा आपको ना बाबा ना मैं अभी शादी नही करवाने वाली.
मैने नाटक करते हुए कहा.
भाभी भी हमारे पास आ चुकी थी और उन्होने मेरा कान पकड़ते हुए कहा.
करू-मेरी चालबाज़ हसीना क्यूँ नाटक कर रही है सॉफ-2 क्यूँ नही कहती कि शादी की बात सुनकर लड्डू फुट रहे हैं दिल में.
मे-हां भाभी लड्डू तो फुट रहे हैं मगर दिल में नही कही और फुट रहे हैं.
मैने अपनी योनि की तरफ उंगली करते हुए कहा.
करू-बेशरम तू कब सुधरेगी.
भाभी मेरे सर पर थप्पड़ मारकर कहते हुए निकल गई.
मैने भी गुलनाज़ दीदी को गले लगाते हुए कहा.
मे-अच्छा दीदी अब मुझे अपने बाकी दोस्तों को फोन करके ये खुशख़बरी देनी है मैं चलती हूँ.
गुलनाज़-ओके स्वीतू.
मैं जब वहाँ से जाने लगी तो गुलनाज़ दीदी का मोबाइल रिंग करने लगा.
मैने इशारे से दीदी को पूछा कि किसका है तो वो मुझे जाने के लिए इशारा करने लगी. मैं समझ गई कि ज़रूर जीजू का फोन है. मैं दीदी के पास गई और उनके हाथ से फोन लेते हुए कहा.
मे-मैं जीजू से बात करूँगी.
दीदी ने मुझे मोबाइल पकड़ा दिया और मैने कहा.
मे-हेलो जी कॉन बात कर रहा है.
जीजू-जी आप कॉन बात कर रही हैं.
मे-अरे मुझे नही पहचाना मैं आपकी साली हूँ.
जीजू-ओह तो आप है रीत.
मे-अरे आपको मेरा नाम कैसे मालूम.
जीजू-अरे यार तेरी दीदी ने पिछले 1 महीने से पका रखा है मुझे ये बता-2 कर कि रीत ऐसी है रीत वैसी है.
मे-अच्छा और क्या बताया दीदी ने आपको.
जीजू-यही कि रीत बहुत सुंदर है, नटखट है और पता नही क्या-2. अब तो दिल कर रहा है आपसे मिला जाए.
मे-सबर करो जी थोड़ा कल मिलने ही वाले है हम.
जीजू-वो तो है. आपको देखने के लिए मरा जा रहा हूँ मैं तो.
मे-ऐसा क्यूँ जी.
जीजू-आप साली हो हमारी वो भी एकलौती.
मे-ये तो है. अच्छा जीजू आप दीदी से बात करो मैं चलती हूँ.
जीजू-ओके स्वीतू.
मे-'स्वीतू' ये भी दीदी ने बताया क्या.
जीजू-यस आपका निक नेम स्वीतू, रीतू, नाउ और पता नही कितने ही.
मे-वैसे जीजू आपका निक नेम क्या है.
जीजू-अपनी दीदी से ही पूछ लेना.
मे-क्यूँ आपको शरम आती है बताने में.
जीजू-अरे शरमाये हमारे दुश्मन साली से क्या शरमाना.
मे-तो बताओ ना मिस्टर. समीर केपर उर्फ मेरे जीजू.
जीजू-मेरा निक नेम है सम.
मे-ओह सम. वाह बहुत अच्छा नाम है जीजू.
जीजू-थॅंक यू साली साहिबा.
मे-ओके जीजू बाइ.
जीजू-बाइ स्वीतू.
मैने फोन दीदी को दिया और महक को लेकर अपने रूम में आ गई. रूम में आकर मैने महक को कहा.
मे-मिक्कुि यार अपने फरन्डज़ को भी बताना है. ऐसा कर जल्दी से मुझे अपने दोस्तों को नाम बता मैं सब को फोन करती हूँ.
फिर मिक्कुक मुझे एक के बाद एक नाम बताती रही और मैं फोन कर-कर के सबको बताती रही और इन्विटेशन देती रही. हम दोनो को रात के 1 बज गये फोन करते-2. इन्विटेशन से फ्री होकर मैने करण को कॉल की और उधर से करण की आवाज़ आई.
गुलनाज़-मेरी स्वीतू ये मैं क्या सुन रही हूँ.
मे-क्या सुन रही हो दीदी आप.
गुलनाज़-यही कि आपकी शादी भी मेरे साथ ही हो रही है.
मे-आईला ये किसने कहा आपको ना बाबा ना मैं अभी शादी नही करवाने वाली.
मैने नाटक करते हुए कहा.
भाभी भी हमारे पास आ चुकी थी और उन्होने मेरा कान पकड़ते हुए कहा.
करू-मेरी चालबाज़ हसीना क्यूँ नाटक कर रही है सॉफ-2 क्यूँ नही कहती कि शादी की बात सुनकर लड्डू फुट रहे हैं दिल में.
मे-हां भाभी लड्डू तो फुट रहे हैं मगर दिल में नही कही और फुट रहे हैं.
मैने अपनी योनि की तरफ उंगली करते हुए कहा.
करू-बेशरम तू कब सुधरेगी.
भाभी मेरे सर पर थप्पड़ मारकर कहते हुए निकल गई.
मैने भी गुलनाज़ दीदी को गले लगाते हुए कहा.
मे-अच्छा दीदी अब मुझे अपने बाकी दोस्तों को फोन करके ये खुशख़बरी देनी है मैं चलती हूँ.
गुलनाज़-ओके स्वीतू.
मैं जब वहाँ से जाने लगी तो गुलनाज़ दीदी का मोबाइल रिंग करने लगा.
मैने इशारे से दीदी को पूछा कि किसका है तो वो मुझे जाने के लिए इशारा करने लगी. मैं समझ गई कि ज़रूर जीजू का फोन है. मैं दीदी के पास गई और उनके हाथ से फोन लेते हुए कहा.
मे-मैं जीजू से बात करूँगी.
दीदी ने मुझे मोबाइल पकड़ा दिया और मैने कहा.
मे-हेलो जी कॉन बात कर रहा है.
जीजू-जी आप कॉन बात कर रही हैं.
मे-अरे मुझे नही पहचाना मैं आपकी साली हूँ.
जीजू-ओह तो आप है रीत.
मे-अरे आपको मेरा नाम कैसे मालूम.
जीजू-अरे यार तेरी दीदी ने पिछले 1 महीने से पका रखा है मुझे ये बता-2 कर कि रीत ऐसी है रीत वैसी है.
मे-अच्छा और क्या बताया दीदी ने आपको.
जीजू-यही कि रीत बहुत सुंदर है, नटखट है और पता नही क्या-2. अब तो दिल कर रहा है आपसे मिला जाए.
मे-सबर करो जी थोड़ा कल मिलने ही वाले है हम.
जीजू-वो तो है. आपको देखने के लिए मरा जा रहा हूँ मैं तो.
मे-ऐसा क्यूँ जी.
जीजू-आप साली हो हमारी वो भी एकलौती.
मे-ये तो है. अच्छा जीजू आप दीदी से बात करो मैं चलती हूँ.
जीजू-ओके स्वीतू.
मे-'स्वीतू' ये भी दीदी ने बताया क्या.
जीजू-यस आपका निक नेम स्वीतू, रीतू, नाउ और पता नही कितने ही.
मे-वैसे जीजू आपका निक नेम क्या है.
जीजू-अपनी दीदी से ही पूछ लेना.
मे-क्यूँ आपको शरम आती है बताने में.
जीजू-अरे शरमाये हमारे दुश्मन साली से क्या शरमाना.
मे-तो बताओ ना मिस्टर. समीर केपर उर्फ मेरे जीजू.
जीजू-मेरा निक नेम है सम.
मे-ओह सम. वाह बहुत अच्छा नाम है जीजू.
जीजू-थॅंक यू साली साहिबा.
मे-ओके जीजू बाइ.
जीजू-बाइ स्वीतू.
मैने फोन दीदी को दिया और महक को लेकर अपने रूम में आ गई. रूम में आकर मैने महक को कहा.
मे-मिक्कुि यार अपने फरन्डज़ को भी बताना है. ऐसा कर जल्दी से मुझे अपने दोस्तों को नाम बता मैं सब को फोन करती हूँ.
फिर मिक्कुक मुझे एक के बाद एक नाम बताती रही और मैं फोन कर-कर के सबको बताती रही और इन्विटेशन देती रही. हम दोनो को रात के 1 बज गये फोन करते-2. इन्विटेशन से फ्री होकर मैने करण को कॉल की और उधर से करण की आवाज़ आई.