vasna story मेरी बहु की मस्त जवानी - SexBaba
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vasna story मेरी बहु की मस्त जवानी

hotaks444

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Nov 15, 2016
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रा नाम मोहन देसाई है, मेरी उम्र ५२ साल है और मेरा जयपुर में कपडे का कारोबार है। मेरी पत्नी मुझे ८ साल पहले छोड़ के चलि गई और मैंने अकेले अपने बच्चों का पालन पोषण किया, मेरे दो लड़के हैं सतेन्द्र और मनिष। सतेंद्र ३० साल का है और अपने परिवार
के साथ हैदराबाद में रहता है। छोटा बेटा इंजीनियर है, मैंने २ साल पहले उसकी शादी करा दी।

शादी के बाद नई बहु मेरे घर आयी, बहु का नाम सरोज है और वो देखने में बहुत ही आकर्षक है। शादी के बाद पास पड़ोस के लड़के तो जैसे उसे देखने के लिये व्याकुल रहते थे। हो भी क्यों न, लम्बा कद, गोरा रंग और भरा हुवा बदन। सरोज के उम्र २३ साल है उसके बूब्स बहुत आकर्षक है उसकी हिप्स काफी बडी है, मोहल्ले के सारे लड़के उसकी हिप्स पे मरते थे। उसका फिगर ३४-३०-३८ है।, सरोज भी दिल खोल अपनी जवानी मोहल्ले के लड़कों पे लुभाती थी। 

मनीष अक्सर काम के सिलसिले में बाहर रहता, घर में मैं और बहु आपस में बातें करते और इस तरह से हम दोनों एक घर में दिन बीता रहे थे। 

मैन रोज सुबह पड़ोस के शमशेर सिंह के साथ मॉर्निंग वाक पे जाता था। शमशेर मुझसे ८-९ साल छोटा था वो अक्सर पार्क में जवान खूबसूरत लड़कियों की जवानी निहारता और साथ-साथ मुझे भी दीखाता। मैं भी चोर नज़रों से जवान लड़कियों के खुले अंगो को घूर लिया करता था। जब भी शमशेर कोई अच्छी लड़की देखता उसके बारे में मुझसे गन्दी-गन्दी बातें करता, वाइफ के जाने के बाद मुझे भी ऐसे बातें करना अच्छी लगती थी। 

एक दिन रोज़ के तरह पार्क में - 

शमशेर - देसाई जी, आपका बेटा कहाँ है आज कल? काफी दिनों से देखा नही।

मैन - पुणे में है, अगले महीने के १६ तारीख को आयेगा

शमशेर - बहु क्यों नहीं जाती मनीष के साथ कुछ झगड़ा तो नहीं?

मैन - नहीं नही। मनीष अभी पुणे में घर खरीद रहा है, बस 5-6 महिने में दोनों चले जाएंगे

षमषेर - बेचारी सरोज, शादी का आनन्द भी नहीं उठाया होगा अभी तक (मुस्कुराते हुऐ) 

मै और शमशेर वाक पूरा करने के बाद घर आते है, और मैं शमशेर को डाइनिंग हॉल में बिठा के बहु को आवाज लगाता हूँ।।।।

बहू।। 

सरोज - जी बाबूजी।

मैं- शमशेर जी आये हैं थोड़े पराठे तो खिला दो इन्हे अपने हाथो के।

बहु डार्क पर्पल कलर के साड़ी पहने हुवे डाइनिंग हॉल में आती है, मैंने देखा शमशेर की आंखे सरोज से हट नहीं रही। सरोज जब वापस जा रही होती है तब उसके बडे बड़े हिप्स देख के शमशेर से रहा नहीं जाता, और वो अपना लंड सहलाते हुए मुझसे कहता है। देसाई जी क्या बहु लाए है आप, ऐसा बॉडी स्ट्रक्चर तो मैंने अभी तक किसी लडकी का नहीं देखा मैंने भी सहमति से अपना सर हिला दिया, मुझे ऐसा करता देख शमशेर को और साहस मिली और वो बोला। देसाई जी साड़ी में सरोज के हिप्स बहुत अच्छे दिख रहे है।। मैंने कुछ नहीं कहा। शमशेर थोड़ी देर बाद अपने घर चला जाता है।
 
अगले दिन मैंने देखा सुबह ६ बजे शमशेर मेरे घर के बाहर आवाज लगा रहा है। मैं उठ के दरवाजा खोला। थोड़ी देर बाद हमदोनों वाक पे चल दिए।। रास्ते में 
उसने मुझे बताया के वो बीति रात कैसे सरोज को याद कर मुठ मारा। मुझे ऐतराज़ करता न देख वो और खुल के बेशरमी से सरोज के अंगों के बारे में बात करने लगा।
मुझे उसकी बातें सुन कर कुछ अजीब सा महसूस हुआ मैं घर आया और बहु को आवज़ दिया।

मै - बहु।।। बहु।।

सरोज -जी बाबूजी।




आज सरोज मुझे बाकी दिनों से ज्यादा अच्छी लग रही थी।। उसने एक रेड कलर का शर्ट कुर्ता और सलवार पहनी हुई थी। उसके कुरते के साइड से कभी मुझे उसकी गोरी कमर तो कभी उसकी पेट नज़र आ रहा था और रेड सलवार में उसकी मोती-मोटी जांघो को देख मेरा लंड खड़ा होने लगा था।




मै - बेटा तुम अभी तक सो रही थी?

सरोज - वो पापा आज आप वाक के लिए जल्दी चले गए थे।।

मै- सोफ़े पे बैठ तकिये से अपना टेंट छुपाते हुए।। अच्छा आज वो कम्बख्त शमशेर जल्दी आ गया था। खैर तू नहा के पूजा कर ले मैं तबतक यहीं आराम करता हूँ।

सरोज - ओके बाबूजी।
 
थोड़ी देर बाद सरोज एक वाइट टाइट टी-शर्ट और ब्लैक लेग्गिंग पहनी हुई कमरे में दाखिल हुई। वो अपने बाल पे टॉवल लपेटी थी। गीले बालों के वजह से
उसकी टीशर्ट ट्रांसपेरेंट हो गई थे और मुझे उसकी ब्रा स्ट्राप साफ़-साफ़ नज़र आने लगी थी। 

बलैक लेग्गिंग में उसकी मांसल थाइस को देख के मेरा लंड खड़ा हो गया, मैंने धीरे से साइड में राखी ब्लैंकेट से अपने आप को कमर तक ढ़क लिया। 



डाईनिंग हाल से होते हुवे सरोज किचन की ओर बढ़ी और नाश्ता तैयार करने लगी।

मै सोफे पे बैठा उसके गांड को घूरता रहा न जाने कब मैं अपना लंड ब्लैंकेट के अंदर बाहर निकाल लिया और मुठ मारने लगा। उसके टाइट बूब्स के गोलाई और थाइस मुझे पागल बना रही थी। और फिर वो हुआ जिसका मुझे डर था, मेरे बहुत कोशिश करने के बावजूद मेरे लंड से पानी फव्वारे की तरह बाहर निकल आया।

मुझे एहसास हुआ के एक्सकिटमेंट के वजह से आज लंड से ज्यादा पानी निकल आया और ब्लैंकेट पे भी बड़े बड़े स्पॉट लग गए है। मैंने हाथों से रब करना चाहा लेकिन दो बड़े बड़े गीले स्पॉट साफ़ नज़र आ रहे थे। मैं ब्लैंकेट फोल्ड करके बाथरूम के तरफ बढ़ गया,मास्टरबैंग का इतना अच्छा एहसास मुझे पहले कभी नहीं हुआ वो भी अपनी बहु को टाइट कपडो में देख कर।

दोपहर को मैं अपने कमरे में लेता था, तभी बहु कमरे में आयी और मुझे लंच के लिए डाइनिंग हॉल में बुलाने लगी। 

सरोज - बाबूजी लंच रेडी है
मैन - बहु, मेरा खाने का मनननहीं हो रहा है तुम खा लो मैं शाम को कुछ खा लूंगा।।
सरोज - बाबुजी भूख तो मुझे भी नहीं लग रही, नाश्ता काफी कर ली आज
मैन - देखो बहु तुम्हे डाइटिंग करने की जरुरत नहीं है, तुम खा लो।। ऐसा करो लंच यहीं ले के आ जाओ 
सरोज - डाइटिंग तो करना है बाबूजी, मोटी हो गई हू।
मैन - कौन केहता है तुम मोटी हो गई हो, तुम परफेक्ट हो बाह
सरोज - (अपने कमर पे दोनों हाथ रखते हुऐ।।) बाबूजी मेरी कमर शादी से पहले २६ थे और अब ३० हो गई है। और आप कहते हैं की मैं मोटी नहीं हुई?
मैन - (उसके गदराये कमर को देखते हुए।।) नहीं बेटी तुम्हारी कमर अच्छी है। तुम बिलकुल मोटी नहीं हो मोटी तो वो होती हैं जिनका कोई शेप नहीं होता।।और पेट बाहर के तरफ निकला होता है।
सरोज - (मुस्कुराते हुए अपनी टी-शर्ट को थोड़ा ऊपर उठाती है। और उसकी डीप गोरी नाभी मुझे नज़र आने लगती है।।) पापा मैं डाइटिंग करुँगी देखो मेरा पेट कुछ दिनों में बाहर आ जाएग।
मैन - (बहु के पास बढ़कर और उसकी नावेल को देखते हुए।) बहु तुम्हारी कमर की शेप अच्छी है और तुम्हारी नावेल भी। तुम्हे डाइटिंग की कोई जरुरत नहीं है।। हाँ अगर तुम चाहो तो मेरे साथ रोज मॉर्निंग वाक पे चल सकती हो।
सरोज - नहीं बाबूजी मैं ज्यादा चलती हूँ तो थक जाती हू।
मैन - है क्यों? अब ये मत केहना के तुम्हारी थाइस मोटी हैं इस्लिये।।
सरोज (शर्माते हुये अपनी टी-शर्ट नीचे करती है।। मेरी बात का कोई जवाब नहीं देती।।) तभी डोरबेल्ल बजती है और सरोज मेन डोर के तरफ भगति है।
मै भी कमरे से बहार निकल के आता हूं, शायद दूधवाला है। 
सरोज - (दूध वाले को डांटते हुए। तुम सुबह क्यों नहीं आते ये कोई टाइम है आने का? )
 
मैन ये सोच के उतावला था की दूधवाला टाइट टी-शर्ट में मेरी बहु के बूब्स को देख रहा है, और मैं बहु के मांसल हिप्स को देख रहा हू। मेरी बहु एक साथ दो लोगों को अपनी जवानी दिखा रही है। मैंने तो सुबह मास्टरबैंग किया था और एक बार फिर मेरा लंड मुझे मजबूर कर रहा था। 

मैन सोचने लगा शायद दूधवाला भी जब घर जायेगा अपने लंड को हाथों में लिए मेरी बहु के बारे में गन्दा सोच के रगडता होगा।। 
न जाने अबतक कितने मरद इसकी जवानी को देख अपने लंड से पानी निकालें होंगे। पिछले दो दिन में मैं और शमशेर मास्टरबैंग कर चुके थे न जाने और कौन कौन दूधवाला, शायद न्यूज़पेपर वाला भी या फिर माली, पड़ोस के गुप्ता जी न जाने कौन कौन 
ये सब सोच के मेरा लंड अपनी चरम सीमा पे था। 

मै अब रोजाना दिन में रात में कई बार बहु के बारे में सोच के मास्टरबैंग करने लगा।। कभी कभी वो मेरे सामने होती और मैं दरवाजे के पीछे छूप के उसे देखते हुए मास्टरबैंग करता।। मेरे बेडशीट पे कई स्पॉट पड़ गए थे। शायद बहु ने कभी नोटिस किया हो या फिर नहीं भी।।।
 
अब किसी बहाने से उसे छूने की कोशिश करता।। कामयाब भी हआ एक दोपहर मैं जब वो डाइनिंग हाल में सोफ़े पे कुछ पढ़ते पढ़ते सो गई तो मैंने उसकी खुली हुई नाभि देखि और मुझसे रहा नहीं गया।।
मैन बहु को नींद से जगाने के बहाने उसके पेट पे हाथ फेरा फिर उसकी सॉफ्ट डीप नावेल को भी।। और जब उसकी नींद टूटी तो मैं झट्ट से अपना हाथ उसके हाथ पे रख के उठाने लगा।। वो उठ के बाथरूम चलि गई। 

ओ दिन मैं उसकी नावेल के बारे में सोच के ४-५ बार मास्टरबैंग किया।। अब मैं उसे पना चाहता था। उसके बूब्स को मसलना चाहता था, उसकी थाइस को रब करना चाहता था, उसकी जूसी चुत को चाटना चाहता था उसे ख्यालों में तो कई बार चोद चूका था लेकिन हकीकत में शायद अभी देरी थी।

दूसरे दिन सुबह मैंने बहु को मॉर्निंग वाक पे चलने के लिए राज़ी कर लिया। बहु अपने कमरे में गई और मैं बाहर इंतज़ार करता रहा, थोड़ी देर बाद वो एक पिंक कलर के टाइट टीशर्ट और ट्रैक पैंट में सामने आयी। टीशर्ट थोड़ी छोटी होने की वजह से उसकी नावेल मुझे नज़र आ रही थी और टाइट-थिन पैंट में उसकी मांसल थाइस और उसके जांघो के बीच में उसकी भरी-भरी चूत। 



थोडी देर इंतज़ार के बाद शमशेर ने दरवाजे पे नॉक दिया और फिर हम तीनो वाक के लिए निकल पड़े।। शमशेर तो बहु के हिप्स का दिवाना था, इस्लिये वो सरोज के दो कदम पीछे चल रहा था।। ताकि वो बहु की मटकती गांड का लुफ्त उठा सके। मैंने साफ़-साफ़ शमशेर को अपना लंड एडजस्ट करते हुए देखा, मेरे भी लण्ड में थोड़ी इरेक्शन थी लेकिन मैं अपनी टाइट अंडरवियर के अंदर इरेक्शन छुपाने में कामयाब रहा। 




धूप बहुत तेज़ थी और हम करीब १ घंटे बाद घर आ गए

घर पहुचते ही सरोज बेड पे लेट गई।

सरोज - ओह पापा। बहुत थक गई मैं, कितना धूप था बाहर मैं तो काली हो जाऊंगी।

सरोज बिस्तर पे लेटे हुए बोल रही थी, मैंने पीछे मुड के देखा तो उसकी टीशर्ट काफी ऊपर थी और उसकी नावेल खुली थी। मैं बहु के पास बैठ गया और वो लेटी रही। बहु को मैंने कभी इतने खुलते हुए कभी नहीं देखा था, मैं उसके करीब बैठा था और वो अपनी नावेल खोले मेरे बगल में बेशर्म हो के लेटी रही। 

मै - हाँ बहु आज पता नहीं क्यों धूप बहुत तेज़ थी, तुम तो हांफ रही हो।। 

सरोज - मुझे इसकी आदत नहीं है पापा, मेरी साँस फुल रही है, देखिये कितना हांफ रही हू। ( सरोज ने करवट लेते हुए अपने गाल से पसीना पोंछते हुए कहा। ) 

सरोज - पूरा अंदर तक भींग गई हूँ मैं ये देखिये मेरा पेट कितना गरम है।।

मैने बिना देरी किये अपनी हथेली से उसकी पेट को छूने लगा। और फिर उसकी नर्म मुलायम नावेल को छुआ।। 

मै - हाँ बहु।। तुम तो बहुत गरम हो गई हो।। (मैंने जान बूझ के डबल मीनिंग में बात की। ) 

फिर बात करते करते मैंने अपना हाथ उसकी जांघो पे रखा और धीरे धीरे सहलाने लगा, उसकी तरफ से कोई ऑब्जेक्शन न देख मैंने अब अपना हाथ उसकी इनर थाइस पे रख दिया और सहलाने लगा। अपनी जवान बहु के मांसल थाइस मैंने पहली बार छुआ।। मैंने शायद ही किस्सी लड़की के इतनी मांसल थाइस देखि हो।। और मैं अपनी ही बहु के थाइस सहला रहा था।
 
उसकी गरम चूत बस २-३ इंच के दूरि पे थी और थोड़ा ऊपर उसके ट्रैक पैंट की ड़ोरी बाहर निकली थी। मन हुआ की वो झुक के अपने दांतो से उसकी ड़ोर को खोल दुं, लेकिन नहि।।।। मेरे अंदर इतनी हिम्मत नहीं थी मेरे लंड को तो जैसे सारे दिन खड़े होने की सजा मिल गई हो। अब बहु बिस्तर से उठ के बैठ गई और मैंने अपना हाँथ हटा लिया। मैं उठा और फ्रिज खोल के पानी की बोतल निकालने लगा। बहु अपने कमरे में चलि गई, करीब आधे घंटे बाद मैं बहु के कमरे में गया। बहु नहाने गई थी उसकी ब्लैक ब्रा और ब्लू पैंटी वहीँ बिस्तर पे पड़ी थी। मैं उसकी पैंटी उठा कर देखने लगा। 

पैंटी में थोडा सा दाग था शायद पसीने या फिर उसकी चूत का जुस। मैं उसकी पैंटी को सूँघने लगा।। एक अजीब से एक्साइट करने वाली स्मेल थी। मैंने पैंटी को लेफ्ट हैंड में लिए जीभ से उसकी चूत वाली जगह को चाटने लगा और राइट हैंड में अपना लंड पकड़ के हिलाने लगा। बस कुछ ही देर में मेरे लंड से पानी निकल फर्श और हाथ पे गिर गया। फिर मैंने अपना लंड उसकी पैंटी से पोंछ उसे वहीँ छोड़ कमरे से बाहर निकल गया।।।

बहु ने नहाने के बाद साड़ी पहनी थी वो भी पहली बार उसने साड़ी को अपने नावेल से करीब ३ इंच नीचे बांधे थी न जाने क्योँ, शायद २ दिन पहले जब मैंने उसकी नावेल की तारीफ की थी इसलिए। 




बहु मुझे अपनी नावेल बड़ी ही बेशरमी से पूरे दिन दिखाती रहि।। किचन में काम करते वक़्त जब उसने पल्लू कमर में बांधा तो उसकी कमर और पेट का हिस्सा पूरा पूरा खुल गया और वो अधनंगे बदन मेरे सामने बड़े ही बेशरमी से आती जाती रहि।। 



रात को मैं और मेरी बहु उसके कमरे में बैठ के बातें कर रहे थे।। क़रीब १० बजे बहु ने डिनर के लिए पुछा मैंने उससे कहा की वो डिनर इसी कमरे में लेती आए। फिर हमदोनो बिस्तर पे बैठे के डिनर किये।। डिनर के बाद बहु किचन में बर्तन साफ़ करने चलि गई और मैं वहीँ बहु के कमरे में सो गया।। 

सूबह के क़रीब ५ बजे मेरी नींद खुली कमरे में हलकी हलकी रौशनी थी मैंने देखा बहु मेरे बगल में मेरी ओर पीठ किये सोयी है। मुझे याद आया की रात को डिनर करने के बाद मैं यहीं सो गया, और बहु शायद बाद में मेरे बगल में सो गई। मैंने नोटिस किया बहु एक वाइट कलर के टी-शर्ट पेहने हुए है और बेड के बगल में एक चेयर पे बहु की साड़ी, पेटीकोट, ब्लाउज और सबसे ऊपर ब्लैक कलर की ब्रा पड़ी थी।
 
मैं धीरे से बहु के पीठ पे हाथ फेरा तो मुझे उसकी पीठ नंगी महसूस हुई, बहु ने ब्रा नहीं पहनी थी मुझे ये सोच के बहुत एक्साईटमेंट हुआ की मैं बहु के बैडरूम में हूँ और बहु बिना ब्रा के मेरे बगल में लेटी है, मैं अपना लंड बहार निकाल के मुठ मारने लगा और मैंने अपने लंड का पानी उसके बेड पे निकाल दिया।

करीब १ घंटे बाद बहु कमरे में चाय ले के आयी, वो मेरे सामने थिन टी-शर्ट में झुकि हुई थे और बिना ब्रा की उसके बूब्स के निप्पल के इम्प्रैशन साफ़ नज़र आ रहे थे। 

सरोज- पापा उठिये आप मॉर्निंग वाक पे नहीं जाएंगे।। ? (बहु अपने दोनों हाथ उठा के अपने बाल बाँधते हुवे बोली।। हाथ उठाने से उसके बूब्स बड़े लग रहे थे और निप्पल भी साफ़ नज़र आ रहा थे।।)

मै- हाँ बहु चलो मैं चेंज कर लेता हूँ।

सरोज -बाबू जी आप अकेले चले जाईये मैंने कल का ट्रैक सूट वाश के लिए डाल दिया है।।

मै - तो क्या हुवा बहु, तुम यही टी-शर्ट और स्कर्ट पहन के चलो, पार्क में तो और भी लड़कियां ऐसे आती है।। (मैंने उसके बूब्स के तरफ घूरते हुए कहा)

सरोज - ठीक है बाबू जी आप चलिये मैं ब्रा पहन के आती हू।।

बहु के मुह से ब्रा पहनने की बात सुन के मेरा लंड खड़ा हो गया, बहु ने कितनी बेशरमी से मुझसे ब्रा पहनने की बात कह डालि।। 
थोड़ी देर बाद मैंने देखा के सरोज बेड पे कुछ देख रही है।।

मैन - क्या हुआ बहु?

सरोज - बाबू जी देखिये न।।। यहाँ बेड पे कुछ गिरा है।।(बहु ऊँगली से बेड पे गिरि मेरे लंड के पानी को छु रही थी।) 

मै - (मेरी बहु मेरे मुट्ठ को हाथ से छु रही थी।) मुझे लगता है बहु वो कल रात जो हमने पराठे खाये थे उसी का घी गिर गया होगा।।

मै मन में सोच रहा था की काश बहु मेरे मूठ को घी समझ के चाट लेती।।

सरोज - (बिस्तर ठीक करने के बाद।।) चलिये बाबू जी

मै - हाँ बहु जरा एक गिलास पानी ला देना।। ( मेरा लंड खड़ा था और मैं इस खड़े लंड के साथ नहीं जा सकता था इसलिए मैंने उससे बहाने से पानी लाने भेज दिया)

सरोज - ये लिजीये बाबू जी

मैन - थैंक यू बहु।।। (मेरे इरेक्शन अब कम हो गया था।)

मै और बहु मॉर्निंग वाक के लिए चले गये।।

उस दिन शाम को फिर से हमदोनो बहु के कमरे में बैठ के बातें कर रहे थे।। डिनर करने के बाद जैसे ही मैं अपने कमरे में जाने के लिए उठा।। 

सरोज - पापा कहाँ जा रहे हैं?

मैन - बहु नींद आ रही है, देर हो गई बात करते-करते सुबह उठना भी है।।

सरोज - बाबूजी, यहीं सो जाइये न।।। मैं भी तो चलूँगी आपके साथ वाक पे कल।। 

बहु ने मुझे अपने साथ सोने के लिए बोल के मेरी मुराद पूरी कर दि।। अपनी सेक्सी बहु के साथ बेड पे सोने का मौका मैं कैसे छोड़ सकता था। मैं झट्ट से हाँ कह दिया और वापस बेड पे बैठ गया।।
 
मुझे आज नींद नहीं आ रही थी, मैं अपनी सेक्सी बहु का वेट कर रहा था। कुछ देर बाद बहु कमरे में आयी और लाइट ऑफ कर दिया, अब कमरे में बहुत कम लाइट थी। बहु ने सोचा की मैं सो गया हूं, उसने पास आकर मुझे देखा फिर बेड के पास अपनी साड़ी उतारने लगी। मैं अँधेरे में हल्का सा आँख खोले उसकी गोरी बदन को देख रहा था।। फिर उसने अपना ब्लाउज खोला और पीछे हाथ करके अपनी ब्रा भी उतार दी। उसकी पीठ पीछे से पूरी नंगी हो गई। 



उसने अब एक टी-शर्ट डाल लिया। और फिर से मेरी तरफ मुड के देखी। अगले पल झट्ट से अपनी पेटीकोट की डोरी खोल दिया और एक झटके में उसकी पेटीकोट जमीन पे गिर गई। अब उसकी मांसल गोरी जांघें मेरे सामने थी, पेटीकोट उतार कर वो एक स्कर्ट पहन मेरे बगल में लेट गई।। मैं अपना हाथ अपने अंडरवियर के अंदर डाल अपने लंड को धीरे धीरे मसल रहा था।। मुझे आज साड़ी रात नींद नहीं आनी थी।। अपनी बहु के नंगी पीठ और नंगी जाँघ देखने के बाद नींद आती भी कैसे?।
 
मैं और बहु एक बिस्तर पे क़रीब ६ इंच के दूरी पे थे, मैं सीधा लेटा ऊपर फैन को देख रहा था। तभी बहु मेरी ओर करवट ली और उसके बड़े बूब्स मेरे एल्बो से टकराने लगे। मैं अपना हाथ सीधा किया और अब बहु के बूब्स मेरी हथेली को दबा रहे थे।। मैंने हलके हाथ से बहु के बूब्स दबाने लगा।। इतनी सॉफ्ट बूब्स वो भी बिना ब्रा के।। मक्खन से मुलायम उसके बूब्स को थोड़ी देर दबाने के बाद मैंने अपना लेफ्ट हैंड उसकी गरम चूत पे रख दिया। 




मै बहु के ओर क़रीब गया, बहु के दोनों हाथ ऊपर थे, मैं धीरे से उसके ऊपर गया और अपना चेहरा उसके बूब्स पे रख दिया। मेरे लेफ्ट हैंड अभी भी उसकी चूत को सहला रहे थे तभी शायद बहु की नींद खुली और उसने मेरा हाथ अपनी चूत से हटा दिया और फिर मेरा चेहरा भी अपने बूब्स से दूर कर दिया। मैं थोड़ा डर गया, कहीं बहु बुरा न मान जाए। इसलिए दूबारा कोशिश नहीं किया। 

मैने एक हाथ से अपना लंड बाहर निकाला और बहु के चुचि देख कर रब करने लगा। एक बार फिर मेरे लंड का पानी बिस्तर पे बहु के पेट के पास गिर गया। 




सूबह होने में अब ज्यादा देर नहीं थी, और मुझे नींद आ गई। सुबह बहु मेरा हाथ जोर जोर से हिला के उठाने लगी।। 

सरोज - बाबूजी।।। बाबूजी।।

मैन - क्या हुआ बहु।। ?

सरोज - यहाँ देखिये न बाबू जी कुछ गिला सा लग रहा है।। और चिपचिपा सा भी।। क्या है ये? 

मैन - अरे बहु लगता है कल रात डिनर करते वक़्त फिर से कुछ गिर गया बिस्तर पे।।

सरोज - (अपने हाथ से मेरे मूठ को छूते हुए बहु बोली।। ) ये देखिये ये कुछ सफ़ेद रंग का चिपचिपा सा है।। 

मै - (मैं मन में सोच रहा था। बहु इतना नादान तो नहीं हो सकती।। कहीं ये जानबूझ के अनजान तो नहीं बन रही। ? लेकिन बहु ऐसा क्यों करेगी? )

सरोज - (सरोज ने मेरे मूठ को स्मेल किया और फिर अपनी ऊँगली पे लगी मेरे मुट्ठ को चाट्ने लगी।। ) पप।। ये कुछ नमकीन सा टेस्ट है।। मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा की ये क्या गिर गया कल रात? 

मैन - नहीं बहु कुछ घी या मक्खन गिर गया होगा।। थोड़ा सा और चाट के देखो पता चल जाएगा।

सरोज - (सेक्सी तरीके से स्मेल करते हुवे और अपना मुह खोल मेरा मूठ चाट्ने लगी।।)।। उम्मम्मम बाबूजी।।जो भी है ये तो अच्छा टेस्ट लग रहा है।। 

मै - (बहु के इस हरकत पे मैं सोचने लगा की शायद बहु को सब पता है और वो बेवजह अन्जान बनने की कोशिश कर रही है।। बहु को ऐसे मेरा मूठ चाटते देख मेरा लंड खड़ा हो गया। दिल में तो ख़याल आया के अपना लंड खोल के बहु के मुह में दे दूँ, और उसकी मुह में अपना पानी छोड़ दूँ )

बहु मेरे मूठ को बहुत ही बेशरमी से चाट रही थी। थोड़ी देर बाद बहु बाथरूम जा के फ्रेश हो आयी और मैं भी बिस्तर से बाहर आ गया।

डायनिंग हॉल में बहु चाय लायी।। हमेशा की तरह आज भी बहु ने साड़ी काफी नीचे पहनी थी और मुझे अपना नवेल दिखा रही थी।
 
बहु चाय के सिप लेते हुए मेरे बगल में बैठ गई।

सरोज - बाबूजी।। आज मुझे कुछ शॉपिंग करनी है क्या आप चलेंगे?

मै - हाँ बहु क्या-२ चाहिए बोलो मैं पेपर पे लिखता हूँ 

सरोज - ओके बाबूजी।। ये लिजीये पेन और पेपर

मै- बोलो बहु।।

सरोज - मेरे पास एक ही ट्रैक सूट है तो एक एक्स्ट्रा ट्रैक सुट, शूज, हेयर डॉयेर्, बँगलेस

मै- हाँ ठीक है और बोलो बहु

सरोज - ब्लैक कलर लेग्गिंग, छोटा टॉवेल, ब्रा और पैंटी

सरोज - और हाँ भूल गइ एक शेवर भी

मैन - बेटी तुम शेवर यूज करती हो? तुम हेयर रिमूवल क्रीम क्यों नहीं यूज करती?

सरोज - नहीं बाबूजी उसके लिए नहि, मुझे तो हेयर रिमूवल की जरुरत ही नहीं पडती

मै - क्यों? तुम पैरों के बाल नहीं साफ़ करती?

सरोज - बाबूजी, बाल होंगे तब तो करुँगी न।। मेरे पैर पे तो बाल बहुत कम आते है।। (बहु ने थोड़ा सा साड़ी ऊपर उठाते हुए अपने पैर दिखाए।।)

सरोज - और मेरी थाइस पे तो बिलकुल बाल नहीं है।। मेरी थाइस एकदम चिकनी और सॉफ्ट है। साड़ी अगर नहीं पहनी होती तो मैं आपको अपनी थाइस दिखाती।। बिलकुल चिकनी है।। मैं बहुत लकी हूँ जो मेरे थाइस पे बाल नहीं है।

बहु के मुह से अपनी थाइस दिखाने की बात सुन कर मेरे लंड में तूफान भर गया।। ये मेरी बहु को कुछ दिनों से क्या हो गया है।।? इतनी बेशरमी से बातें करती है।। मेरी बहु तो जैसे एक नयी दुल्हन से अब रंडी बन गई हो।। अब मैं जब बहु के बारे में सोच के मास्टरबैट करता तो इमेजिन करता के वो मेरे सामने पड़ोसियों के लंड चूस रही है। सोफ़े पे लेते वो एक रंडी की तरह शमशेर का लंड मुह में ले रही है और मैं नीचे बैठ बहु के चूत चाट रहा हूं।। 

ये सब इमेजिन करने से मेरे लंड से पानी 5 मिनट में आ जाता था और मुझे बहुत सन्तुष्टि मिलती ।।
 
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