hotaks444
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रात अंधियारे में छोटे से दिए की लालिमा में मोंगरा का नंगा शरीर चमक रहा था,बाल बिखरे हुए थे,और बलवीर का नंगा देह उसके शरीर के बाजू में पड़ा था,अभी बलवीर का मुह मोंगरा के स्तन से दूध पी रहा था,और मोंगरा उसके बालो को सहलाते हुए किसी ख्वाब में खोई हुई थी..
“उसने मेरी बुआ को मार डाला बलबीर ,और मैं कुछ भी नही कर सकी,उसने बुआ को मेरे कारण मारा ..”
बलवीर चहरा उठा कर उसकी ओर देखता है,मोंगरा के आंखों में आंसू नही थे लेकिन आंखे कही खोई हुई जरूर थी ,
“मैं अजय के बांहो में थी और उसने …”
“मैंने पहले ही कहा था की इस इंस्पेक्टर के चक्कर में मत पड़ो लेकिन तुम तो मेरी बात सुनती ही नही,क्या मैं तुम्हे प्यार नही करता,क्या बाकी के गिरोह के लोग तुम्हे प्यार नही करते...और अगर जिस्म में भूख है तो बोलो ये बलवीर तुम्हारे जिस्म को निचोड़ कर रख देगा,तुम्हारी हर प्यास को बुझा देगा “
बलवीर बोलते हुए उत्तेजित हो गया था,उसकी आवाज कांप रही थी,गुस्सा उसके चहरे पर साफ साफ झलक रहा था,लेकिन मोंगरा के होठो में उसके बात को सुनकर बस मुस्कान आयी ,और उसने बलवीर के कड़े लिंग को अपने नरम हाथो में ले लिया जो की किसी हल्के गर्म लोहे की रॉड की तरह मजबूत और गर्म था,
मोंगरा ने बलवीर के कमर को हल्के से धक्का दिया बलवीर ने इशारा समझा और अपने कमर को मोंगरा के कमर के ऊपर ले आया,मोंगरा ने उसके उस रॉड की तरह तने हुए लिंग को अपने हाथो से पकड़ कर अपनी योनि में रगड़ा जो की अभी पूरी तरह से गीली तो नही थी लेकिन लिंग के आभस से थोड़ी गीली हो गई थी ,इशारा समझ बलवीर ने भी हल्के से अपनी कमर को मोंगरा के कमर पर टिकाया और लिंग उसकी योनि की गहराई मे धसता चला गया…
मोंगरा की आंखे बंद हो चुकी थी और उसके हाथ बलवीर के बालो को जकड़ चुके थे ,बलवीर हल्केहल्के ही सही लेकिन ताकतवर धक्के दे रहा था,
“आह आह मैं ठाकुर को नही छोडूंगी बलवीर नही छोडूंगी ..आह आह ,तुम मेरे साथ हो ना मेरे बच्चे ..”
“हा हा हा मरते दम तक तुम्हारे साथ हु ,आह “
बलवीर की कमर तेज होने लगी थी,और मोंगरा के आंखों से आंसू की बूंदे टपकने लगी,बलवीर किसी जानवर की तरह पूरी ताकत लगा कर मोंगरा के योनि पर प्रहार किये जा रहा था,उसका विशाल शरीर मोंगरा को मसल रहा था,और मोंगरा के पूरे शरीर के अपने अंदर समाया हुआ था,
“आह उस मादरचोद अजय को भी जान से मार दूंगा तुम्हे छूने की हिम्मत कैसे की उसने आह आह “
बलवीर अब उत्तेजना के शिखर पर पहुच चुका था,
मोंगरा के आंखों में तो आंसू थे लेकिन होठो में बलवीर की बात सुनकर मुस्कुराहट आ गई ,उसने बलवीर के बालो को जोरो से खिंचा और और उसके मुह को अपने छातियों से लगा ली ,बलवीर पूरी शिद्दत से उसके वक्षो को अपने मुह में भरकर अपने दांतो को गाड़ने लगा …
दर्द और मजे में मोंगरा चीखे जा रही थी और उत्तेजना के शैलाब में बलवीर और मोंगरा एक साथ ही ढेर हो गए,बलवीर का गाढ़ा गाढ़ा वीर्य अब मोंगरा के योनि से बह कर बाहर निकल रहा था,बलवीर मुर्दों की तरह मोंगरा के ऊपर लेट गया था ,और मोंगरा भी लाश सी अपनी सांसों को सम्हाल रही थी ……...
“उसने मेरी बुआ को मार डाला बलबीर ,और मैं कुछ भी नही कर सकी,उसने बुआ को मेरे कारण मारा ..”
बलवीर चहरा उठा कर उसकी ओर देखता है,मोंगरा के आंखों में आंसू नही थे लेकिन आंखे कही खोई हुई जरूर थी ,
“मैं अजय के बांहो में थी और उसने …”
“मैंने पहले ही कहा था की इस इंस्पेक्टर के चक्कर में मत पड़ो लेकिन तुम तो मेरी बात सुनती ही नही,क्या मैं तुम्हे प्यार नही करता,क्या बाकी के गिरोह के लोग तुम्हे प्यार नही करते...और अगर जिस्म में भूख है तो बोलो ये बलवीर तुम्हारे जिस्म को निचोड़ कर रख देगा,तुम्हारी हर प्यास को बुझा देगा “
बलवीर बोलते हुए उत्तेजित हो गया था,उसकी आवाज कांप रही थी,गुस्सा उसके चहरे पर साफ साफ झलक रहा था,लेकिन मोंगरा के होठो में उसके बात को सुनकर बस मुस्कान आयी ,और उसने बलवीर के कड़े लिंग को अपने नरम हाथो में ले लिया जो की किसी हल्के गर्म लोहे की रॉड की तरह मजबूत और गर्म था,
मोंगरा ने बलवीर के कमर को हल्के से धक्का दिया बलवीर ने इशारा समझा और अपने कमर को मोंगरा के कमर के ऊपर ले आया,मोंगरा ने उसके उस रॉड की तरह तने हुए लिंग को अपने हाथो से पकड़ कर अपनी योनि में रगड़ा जो की अभी पूरी तरह से गीली तो नही थी लेकिन लिंग के आभस से थोड़ी गीली हो गई थी ,इशारा समझ बलवीर ने भी हल्के से अपनी कमर को मोंगरा के कमर पर टिकाया और लिंग उसकी योनि की गहराई मे धसता चला गया…
मोंगरा की आंखे बंद हो चुकी थी और उसके हाथ बलवीर के बालो को जकड़ चुके थे ,बलवीर हल्केहल्के ही सही लेकिन ताकतवर धक्के दे रहा था,
“आह आह मैं ठाकुर को नही छोडूंगी बलवीर नही छोडूंगी ..आह आह ,तुम मेरे साथ हो ना मेरे बच्चे ..”
“हा हा हा मरते दम तक तुम्हारे साथ हु ,आह “
बलवीर की कमर तेज होने लगी थी,और मोंगरा के आंखों से आंसू की बूंदे टपकने लगी,बलवीर किसी जानवर की तरह पूरी ताकत लगा कर मोंगरा के योनि पर प्रहार किये जा रहा था,उसका विशाल शरीर मोंगरा को मसल रहा था,और मोंगरा के पूरे शरीर के अपने अंदर समाया हुआ था,
“आह उस मादरचोद अजय को भी जान से मार दूंगा तुम्हे छूने की हिम्मत कैसे की उसने आह आह “
बलवीर अब उत्तेजना के शिखर पर पहुच चुका था,
मोंगरा के आंखों में तो आंसू थे लेकिन होठो में बलवीर की बात सुनकर मुस्कुराहट आ गई ,उसने बलवीर के बालो को जोरो से खिंचा और और उसके मुह को अपने छातियों से लगा ली ,बलवीर पूरी शिद्दत से उसके वक्षो को अपने मुह में भरकर अपने दांतो को गाड़ने लगा …
दर्द और मजे में मोंगरा चीखे जा रही थी और उत्तेजना के शैलाब में बलवीर और मोंगरा एक साथ ही ढेर हो गए,बलवीर का गाढ़ा गाढ़ा वीर्य अब मोंगरा के योनि से बह कर बाहर निकल रहा था,बलवीर मुर्दों की तरह मोंगरा के ऊपर लेट गया था ,और मोंगरा भी लाश सी अपनी सांसों को सम्हाल रही थी ……...