hotaks444
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मेरे पति और मेरी ननद
हैलो.. मेरा नाम अनीता है। मैं २६ साल की एक शादीशुदा औरत। गोरा रंग और खूबसूरत नाक नक्श। कोई भी एक बार मुझे देख लेता तो बस मुझे पाने के लिये तड़प उठता था। मेरा फिगर, ३६-२८-३८, बहुत सैक्सी है। मेरी शादी को कोई 8-9 महीने हुए हैं। जब भी मैं कहीं बाहर जाती हूँ तो सभी मर्द मुझे कामुक नज़रों से देखते हैं। मुझे भी ये बहुत पसंद है कि सभी मर्द मुझे देखें मेरे पति का नाम चेतन है.. वो मेरे ऑफिस में मेरे साथ ही काम करते थे.. लेकिन शादी के बाद मैंने जॉब छोड़ दी और घर पर ही रहने लगी हूँ।
चेतन कोई बहुत ज्यादा अमीर आदमी नहीं हैं। उसकी फैमिली शहर के पास ही एक गाँव में रहती है.. उधर थोड़ी सी ज़मीन है.. जिस पर उसके घर वाले अपना गुज़र-बसर करते हैं। गाँव में उसके बाप.. माँ.. बहन और एक छोटा भाई रहते हैं। उसका छोटा भाई अपनी बाप के साथ जमीनों पर ही होता है। गाँव के स्कूल में ही बहन पढ़ रही थी.. वो बहुत ही प्यारी लड़की है.. डॉली.. यानि वो मेरी ननद हुई।
मैं अपने पति चेतन के साथ शहर में ही रहती हूँ। हमने एक छोटा सा मकान किराए पर लिया हुआ है.. इसमें एक बेडरूम मय अटैच बाथरूम.. छोटा सा टीवी लाउंज और एक रसोई है।
घर के अगले हिस्से में एक छोटी सी बैठक है.. जिसका एक दरवाज़ा घर से बाहर खुलता है.. और दूसरा टीवी लाउंज है.. घर के पिछले हिस्से में एक छोटा सा बरामदा है। बस.. तक़रीबन 3 कमरे का घर है.. ऊपर की छत बिल्कुल खाली है।
मेन गेट के अन्दर थोड़ी सी जगह गैराज के तौर पर जहाँ पर चेतन अपनी बाइक खड़ी करता है।
मैं और चेतन अपनी शादी से बहुत खुश हैं और बड़ी ही अच्छी जिंदगी गुज़र रही थी। अगरचे.. चेतन का बैक ग्राउंड गाँव का था.. लेकिन फिर भी शुरू से शहर में रहने की वजह से वो काफ़ी हद तक शहरी ही हो गया था। रहन-सहन.. ड्रेसिंग वगैरह सब शहरियों की तरह ही थी.. और वो काफ़ी ओपन माइंडेड भी था।
घर पर हमेशा वो मुझसे फरमाइश करता के मैं मॉडर्न किस्म के कपड़े ही पहनूं.. इसलिए घर पर मैं अक्सर टाइट लैंगिंग्स और टॉप्स.. स्लीव लैस शर्ट्स और हर किस्म की वेस्टर्न ड्रेसस पहन लेती थी।
मैं अक्सर जब भी बाहर जाती.. तब भी मेरी ड्रेसिंग काफ़ी मॉड ही होती थी।
मैं अक्सर जीन्स और टी-शर्ट पहनती थी या सलवार कमीज़ पहनती तो.. वो भी फैशन के मुताबिक़ ही एकदम चुस्त और मॉडर्न ही होती थी।
घर से बाहर भी वो मुझे अक्सर लेगिंग पहना कर ले जाता था.. घर आ जाता तो मुझसे सिर्फ़ ब्रेजियर और लेगिंग में ही रहने की फरमाइश करता था..
चेतन मेरे हुस्न और मेरे जिस्म का दीवाना था। हमेशा मेरी गोरे रंग और खूबसूरत जिस्म की तारीफ करता था।
जब भी मौका मिलता.. वो मेरी चूचियों को मसल देता था.. और मेरे खुले गले में हाथ डाल कर मेरी चूचियों को सहलाता रहता था।
अपने पति को खुश करने और उसे लुभाने के लिए मैं भी हमेशा डीप और लो नेक की कमीजें सिलवाती थी.. जिसमें से मेरी चूचियों भी नजर आती थीं और मम्मों का क्लीवेज तो हर वक़्त ही ओपन होता था।
दिन में जब भी मौका मिलता.. हम लोग सेक्स करते थे.. बल्कि सच बात तो यह है कि मैं शादी से पहले ही अपना कुँवारापन चेतन पर लुटा चुकी थी।
जी हाँ.. चेतन ही मेरी पहली और आखिरी मुहब्बत था और यह चेतन की मुहब्बत ही थी.. जो के मुझे शादी से पहले ही उसके बिस्तर तक उसकी बाँहों में ले आई थी।
शादी के 8-9 महीने बाद भी जब हमारी सेक्स जिंदगी और हवस से भरी हुई ज़िंदगी पूरे सिरे पर थी.. तो एकदम इसमें एक ब्रेक सी लग गई और एक टकराव सा आ गया।
इसकी वजह यह थी कि मेरी ननद डॉली… ने स्कूल का आखिरी इम्तिहान पास कर लिया था और उसने कॉलेज में एडमिशन लेने का शौक़ ज़ाहिर किया.. तो मेरे ससुर जी ने पहले तो इन्कार कर दिया.. लेकिन जब उसके चहेते बड़े भाई चेतन ने भी अपने बाप से बात की.. तो मेरे ससुर जी ने हामी भर ली कि अगर चेतन उसकी जिम्मेदारी उठा सकता है.. तो ठीक है।
अब दिक्कत यह थी कि गाँव में कोई कॉलेज नहीं था और उसे शहर में आना था। जब डॉली ने कॉलेज में एडमिशन लिया.. तो वो गाँव से शहर में आ गई। अब ज़ाहिर है कि उसे हमारे साथ ही रहना था तो डॉली शहर में हमारे साथ उस छोटे से मकान में ही शिफ्ट हो गई।
डॉली की आने से और हमारे साथ रहने से मुझे और तो कोई दिक्कत नहीं थी.. लेकिन सिर्फ़ एक मसला था कि हमारी सेक्स जिंदगी थोड़ी बंदिशों वाली हो जाने थी।
अब हमें जो भी करना हो.. तो अपने कमरे में ही करना था। वैसे डॉली बहुत ही अच्छे नेचर की लड़की थी.. अभी क़रीब 19 साल की ही थी.. बहुत ही सुंदर और खूबसूरत लड़की थी। बिल्कुल दूध की तरह गोरा रंग.. और मक्खन की तरह से नरम-नरम जिस्म था उसका..
हैलो.. मेरा नाम अनीता है। मैं २६ साल की एक शादीशुदा औरत। गोरा रंग और खूबसूरत नाक नक्श। कोई भी एक बार मुझे देख लेता तो बस मुझे पाने के लिये तड़प उठता था। मेरा फिगर, ३६-२८-३८, बहुत सैक्सी है। मेरी शादी को कोई 8-9 महीने हुए हैं। जब भी मैं कहीं बाहर जाती हूँ तो सभी मर्द मुझे कामुक नज़रों से देखते हैं। मुझे भी ये बहुत पसंद है कि सभी मर्द मुझे देखें मेरे पति का नाम चेतन है.. वो मेरे ऑफिस में मेरे साथ ही काम करते थे.. लेकिन शादी के बाद मैंने जॉब छोड़ दी और घर पर ही रहने लगी हूँ।
चेतन कोई बहुत ज्यादा अमीर आदमी नहीं हैं। उसकी फैमिली शहर के पास ही एक गाँव में रहती है.. उधर थोड़ी सी ज़मीन है.. जिस पर उसके घर वाले अपना गुज़र-बसर करते हैं। गाँव में उसके बाप.. माँ.. बहन और एक छोटा भाई रहते हैं। उसका छोटा भाई अपनी बाप के साथ जमीनों पर ही होता है। गाँव के स्कूल में ही बहन पढ़ रही थी.. वो बहुत ही प्यारी लड़की है.. डॉली.. यानि वो मेरी ननद हुई।
मैं अपने पति चेतन के साथ शहर में ही रहती हूँ। हमने एक छोटा सा मकान किराए पर लिया हुआ है.. इसमें एक बेडरूम मय अटैच बाथरूम.. छोटा सा टीवी लाउंज और एक रसोई है।
घर के अगले हिस्से में एक छोटी सी बैठक है.. जिसका एक दरवाज़ा घर से बाहर खुलता है.. और दूसरा टीवी लाउंज है.. घर के पिछले हिस्से में एक छोटा सा बरामदा है। बस.. तक़रीबन 3 कमरे का घर है.. ऊपर की छत बिल्कुल खाली है।
मेन गेट के अन्दर थोड़ी सी जगह गैराज के तौर पर जहाँ पर चेतन अपनी बाइक खड़ी करता है।
मैं और चेतन अपनी शादी से बहुत खुश हैं और बड़ी ही अच्छी जिंदगी गुज़र रही थी। अगरचे.. चेतन का बैक ग्राउंड गाँव का था.. लेकिन फिर भी शुरू से शहर में रहने की वजह से वो काफ़ी हद तक शहरी ही हो गया था। रहन-सहन.. ड्रेसिंग वगैरह सब शहरियों की तरह ही थी.. और वो काफ़ी ओपन माइंडेड भी था।
घर पर हमेशा वो मुझसे फरमाइश करता के मैं मॉडर्न किस्म के कपड़े ही पहनूं.. इसलिए घर पर मैं अक्सर टाइट लैंगिंग्स और टॉप्स.. स्लीव लैस शर्ट्स और हर किस्म की वेस्टर्न ड्रेसस पहन लेती थी।
मैं अक्सर जब भी बाहर जाती.. तब भी मेरी ड्रेसिंग काफ़ी मॉड ही होती थी।
मैं अक्सर जीन्स और टी-शर्ट पहनती थी या सलवार कमीज़ पहनती तो.. वो भी फैशन के मुताबिक़ ही एकदम चुस्त और मॉडर्न ही होती थी।
घर से बाहर भी वो मुझे अक्सर लेगिंग पहना कर ले जाता था.. घर आ जाता तो मुझसे सिर्फ़ ब्रेजियर और लेगिंग में ही रहने की फरमाइश करता था..
चेतन मेरे हुस्न और मेरे जिस्म का दीवाना था। हमेशा मेरी गोरे रंग और खूबसूरत जिस्म की तारीफ करता था।
जब भी मौका मिलता.. वो मेरी चूचियों को मसल देता था.. और मेरे खुले गले में हाथ डाल कर मेरी चूचियों को सहलाता रहता था।
अपने पति को खुश करने और उसे लुभाने के लिए मैं भी हमेशा डीप और लो नेक की कमीजें सिलवाती थी.. जिसमें से मेरी चूचियों भी नजर आती थीं और मम्मों का क्लीवेज तो हर वक़्त ही ओपन होता था।
दिन में जब भी मौका मिलता.. हम लोग सेक्स करते थे.. बल्कि सच बात तो यह है कि मैं शादी से पहले ही अपना कुँवारापन चेतन पर लुटा चुकी थी।
जी हाँ.. चेतन ही मेरी पहली और आखिरी मुहब्बत था और यह चेतन की मुहब्बत ही थी.. जो के मुझे शादी से पहले ही उसके बिस्तर तक उसकी बाँहों में ले आई थी।
शादी के 8-9 महीने बाद भी जब हमारी सेक्स जिंदगी और हवस से भरी हुई ज़िंदगी पूरे सिरे पर थी.. तो एकदम इसमें एक ब्रेक सी लग गई और एक टकराव सा आ गया।
इसकी वजह यह थी कि मेरी ननद डॉली… ने स्कूल का आखिरी इम्तिहान पास कर लिया था और उसने कॉलेज में एडमिशन लेने का शौक़ ज़ाहिर किया.. तो मेरे ससुर जी ने पहले तो इन्कार कर दिया.. लेकिन जब उसके चहेते बड़े भाई चेतन ने भी अपने बाप से बात की.. तो मेरे ससुर जी ने हामी भर ली कि अगर चेतन उसकी जिम्मेदारी उठा सकता है.. तो ठीक है।
अब दिक्कत यह थी कि गाँव में कोई कॉलेज नहीं था और उसे शहर में आना था। जब डॉली ने कॉलेज में एडमिशन लिया.. तो वो गाँव से शहर में आ गई। अब ज़ाहिर है कि उसे हमारे साथ ही रहना था तो डॉली शहर में हमारे साथ उस छोटे से मकान में ही शिफ्ट हो गई।
डॉली की आने से और हमारे साथ रहने से मुझे और तो कोई दिक्कत नहीं थी.. लेकिन सिर्फ़ एक मसला था कि हमारी सेक्स जिंदगी थोड़ी बंदिशों वाली हो जाने थी।
अब हमें जो भी करना हो.. तो अपने कमरे में ही करना था। वैसे डॉली बहुत ही अच्छे नेचर की लड़की थी.. अभी क़रीब 19 साल की ही थी.. बहुत ही सुंदर और खूबसूरत लड़की थी। बिल्कुल दूध की तरह गोरा रंग.. और मक्खन की तरह से नरम-नरम जिस्म था उसका..