hotaks444
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मैं उसे उसके कमरे में ले गई और उसे पैन्ट चेंज करके उसे दिया हुआ चेतन का बरमूडा पहनने को कहा। कल रात की बात से मुझे यक़ीन था कि वो ज़रूर पहन कर आएगी.. क्योंकि उसे भी अपने भाई के छूने से आख़िर मज़ा जो आ रहा था।
मैंने अपने कमरे में आकर चेतन के सामने ही खड़े होकर अपनी पैन्ट उतारी और फिर एक बरमूडा पहन लिया। अब मेरा ऊपरी और नीचे का जिस्म दोनों ही बहुत ज्यादा नंगा नज़र आ रहा था।
मैं खामोशी से जाकर चेतन के पास बैठ गई और उससे बातें करने लगी।
चेतन बोला- डार्लिंग आज तुम इस ड्रेस में बहुत ही हॉट लग रही हो।
मैं मुस्कराई और बोली- हॉट तो तुम्हारी बहन भी लग रही है.. लेकिन कहीं उसे ना कह देना ऐसा.. शरमिंदा हो जाएगी। पहले ही बड़ी मुश्किल से मैंने उसे पेंडू माहौल से आज़ाद किया है।
चेतन भी हँसने लगा.. इतने में शरमाती हुई डॉली कमरे में आ गई.. जहाँ उसका अपना सगा भाई उसकी आमद का मुंतजिर था।
डॉली कमरे में दाखिल हुई तो अभी मैंने लाइट बंद नहीं की थी.. ट्यूब लाइट की सफ़ेद रोशनी में डॉली का खूबसूरत चिकना जिस्म चमक रहा था, उसके गोरे-गोरे कंधे और छाती के ऊपर खुले मम्मे बहुत प्यारे लग रहे थे। नीचे उसके गोरे-गोरे बालों से बिल्कुल पाक-साफ़ टाँगें.. घुटनों से नीचे बिल्कुल नंगी थीं।
अपने भाई के बरमूडा में जैसे ही वो अन्दर दाखिल हुई.. तो चेतन की नजरें उसी के जिस्म पर थीं।
आज मेरे ज़हन में एक और ख्याल आया था। आज मैंने चेतन से कहा- वो बिस्तर पर हम दोनों के बीच में लेटेगा और हम दोनों तुम्हारे बगल में लेटेंगी।
चेतन और डॉली दोनों ही मेरी इस बात को सुन कर हैरान हुए लेकिन चेतन तो फ़ौरन ही बिस्तर पर दरम्यान में होकर लेट गया। मैं उसकी एक तरफ लेट गई और फिर ज़ाहिर है कि डॉली को चेतन के दूसरी तरफ बिस्तर पर लेटना पड़ा।
कुछ मिनटों तक सीधे लेटने के बाद मैंने करवट ली और चेतन के ऊपर अपना बाज़ू डाल कर उसे खुद से चिपकाती हुए लेट गई।
मैंने अपनी एक टाँग भी चेतन के ऊपर उसकी टाँगों पर रख दी। डॉली भी सीधे ही लेटी हुई थी.. और यह सब देख रही थी।
मैं आहिस्ता-आहिस्ता चेतन के गालों पर डॉली की तरफ से हाथ फेर रही थी और कभी उसकी नंगे कन्धों पर हाथ फेरने लगती।
मैं डॉली को भी और चेतन को भी यही शो कर रही थी कि जैसे मैं उस वक़्त बहुत ज्यादा चुदासी हो रही हूँ।
हालांकि असल में मैं चेतन को गरम कर रही थी।
मैं अपनी जाँघों के नीचे चेतन के लंड को आहिस्ता आहिस्ता सहला भी रही थी।
कमरे में काफ़ी अँधेरा हो गया था.. हस्ब ए मामूल और कुछ नज़र नहीं आता था। जब तक कि बहुत ज्यादा गौर ना किया जाए।
मैं अपना हाथ चेतन की छाती पर ले आई और आहिस्ता आहिस्ता उसकी छाती को सहलाने लगी।
मेरा हाथ सरकता हुआ चेतन की छाती से नीचे उसके पेट पर आ गया और फिर मैं और भी नीचे जाने लगी.. तो चेतन मेरी तरफ मुँह करके आहिस्ता से बोला- डार्लिंग डॉली है.. इधर देख लेगी वो..
मैं अपना हाथ उसकी बरमूडा में पुश करके अन्दर दाखिल करते हुई बोली- नहीं.. अँधेरा है.. उसे कुछ नहीं दिख रहा है।
चेतन चुप हो गया.. और मैंने हाथ अन्दर डाल कर उसके लण्ड को अपने हाथ में ले लिया। उसका लंड आहिस्ता-आहिस्ता खड़ा हो रहा था और मैंने उसे सहलाते हुए आहिस्ता-आहिस्ता मुकम्मल तौर पर खड़ा कर दिया। साथ-साथ मैं उसकी गर्दन को भी चूम रही थी और अपनी चूचियों को उसकी बाज़ू पर रगड़ रही थी.. जो कि मैंने अपनी ड्रेस को नीचे करते हुए बाहर निकाल ली हुई थीं।
अब मेरा नंगी चूची चेतन की बाज़ू से रगड़ रही थीं और उसका लंड भी मेरे हाथ में था।
चेतन की हालत उत्तेजना से बुरी हो रही थी और उसके शॉर्ट्स की अन्दर खड़ा हुआ लंड और उस पर हरकत करता हुआ हाथ.. उसकी बहन को साफ़ नज़र आ रहा था।
दूसरा.. मैं जो उसकी गर्दन पर किस कर रही थी.. वो भी मैं जानबूझ कर आवाज़ पैदा करती हुए कर रही थी.. ताकि उसकी आवाज़ भी उसकी बहन को सुनाई दे सके।
कुछ देर तक ऐसी ही चूमने के बाद मैंने चेतन का बाज़ू पकड़ कर उसे अपनी तरफ को कर लिया।
अब चेतन का चेहरा मेरी तरफ था और मैंने उसके गले में अपनी बाँहें डालीं और उसके ऊपर अपनी नंगी टाँग रखते हुए उससे चिपक गई।
मेरी जाँघों के खुल जाने से चेतन का अकड़ा हुआ लंड सीधा मेरी चूत से टकरा रहा था।
मैंने भी एक हाथ से उसे पकड़ा और उसे अपनी चूत पर रगड़ने लगी। जब फिर भी मेरी तसल्ली ना हुई तो मैंने चेतन के शॉर्ट्स को थोड़ा सा नीचे को करके उसका लंड बाहर निकाल लिया और उसे अपनी चूत पर रगड़ने लगी।
चेतन भी मुझे अपनी बाहों में भर कर अपने साथ चिपकाते हुए मेरा कान में आहिस्ता से बोला- तुमको आज क्या हो गया है डार्लिंग?
लेकिन मैं मस्ती में अपनी आँखें बंद किए बस उसके लण्ड से अपनी चूत को रगड़ती जा रही थी।
कुछ देर के बाद मैंने चेतन को छोड़ा और आहिस्ता से बोली- सॉरी डार्लिंग..
और फिर थोड़ा पीछे हट कर लेट गई।
यह चेतन के खड़े लण्ड पर धोखा जैसा हुआ।
चेतन सीधा हुआ तो फ़ौरन ही डॉली ने दूसरी तरफ करवट ले ली.. मैं समझ गई कि वो सब कुछ बड़े मजे से देख रही थी।
अब कमरे में बिल्कुल खामोशी और अँधेरा था। हम तीनों ही आँखें बंद किए हुए लेटे थे.. और सब ही एक-दूसरे के सोने का इन्तजार कर रहे थे।
क़रीब एक घंटे तक जब बिस्तर पर बिल्कुल कोई हरकत ना हुई तो अचानक ही चेतन ने डॉली की तरफ करवट ले ली। डॉली अभी भी दूसरी तरफ मुँह करके लेटी हुई थी और उसकी खूबसूरत उठी हुई गाण्ड.. उसके भाई के लण्ड के ठीक सामने थी.. बल्कि यूँ कहें कि उसके भाई के लंड के बिल्कुल सामने चुदने को तैयार दिख रही थी।
उस छोटे से जालीदार ड्रेस में डॉली की खूबसूरत कमर चेतन की नज़रों के सामने बिल्कुल नंगी हो रही थी। उसकी ब्रेजियर की स्ट्रेप्स और बेल्ट और हुक्स साफ़-साफ़ दिख रहे थे।
उसकी गोरी-गोरी चिकनी कमर कमरे के अन्दर मौजूद हल्की सी रोशनी में चमक रही थी।
कुछ देर में चेतन का हाथ सरकता हुआ डॉली की कमर के पास पहुँचा और उसने धीरे-धीरे अपने हाथ की बैक से डॉली की कमर को सहलाना शुरू कर दिया।
उसके हाथ की बैक साइड.. अपनी बहन की नंगी कमर पर ऊपर-नीचे सरक़ रही थी और वो अपनी बहन की नंगी और गोरी कमर के चिकनेपन को महसूस कर रहा था।
थोड़ी देर के बाद चेतन ने अपना हाथ को सीधा किया और उसे आहिस्ता से डॉली की कमर के नंगे हिस्से पर रख दिया।
जब डॉली ने कोई हरकत नहीं की तो चेतन ने हौले-हौले डॉली की नंगी कमर को सहलाना शुरू कर दिया।
चेतन का हाथ अपनी बहन की बिल्कुल बाहर को निकली हुई ब्रेजियर की तनियों पर गया। वो डॉली की ब्रा की तनियों को आहिस्ता-आहिस्ता छूने लगा और उस पर अपनी उंगली को फेरना शुरू कर दिया।
डॉली की कमर पर से शुरू करके अपनी उंगली को कन्धों पर चिपकी हुई ब्रा की स्ट्रेप के ऊपर फिराता हुआ नीचे को लाने लगा और फिर उसकी उंगली डॉली की ब्रा की हुक वाली पट्टी पर आ गई।
अब चेतन ने अपनी बहन की ब्लैक ब्रेजियर की हुक पर अपनी उंगली फेरनी शुरू कर दी.. जिसने ब्रा की दोनों सिरों को मिलाकर डॉली की खूबसूरत चूचियों को जकड़ कर रखा हुआ था। उस पट्टी के सहारे ही डॉली के मस्त मम्मे सधे और बंधे हुए थे।
कुछ देर तक तो चेतन डॉली की ब्रा की स्ट्रेप्स पर हाथ फिराता रहा और कभी उसकी नंगी गोरी कमर पर ऊपर- नीचे और उसके कन्धों पर अपना हाथ फेरता रहा।
फिर उसने अपना हाथ आगे ले जाते हुए अपनी बहन की चूची पर अपना हाथ ढीला सा रख दिया।
आहिस्ता-आहिस्ता उसका हाथ बंद होने लगा और उसकी मुठ्ठी में डॉली की चूची समा गई।
अब चेतन अपनी बहन की चूची को आहिस्ता-आहिस्ता सहलाने लगा।
इस पोजीशन में चेतन डॉली के और भी क़रीब चला गया हुआ था। अब उसने आहिस्ता से अपने होंठ अपनी बहन की नंगी कमर पर रखे और अपनी बहन की नंगी चिकनी कमर को एक बार चूम लिया।
ज़ाहिर है कि सिर्फ़ एक बार किस करने से उसकी तसल्ली होने वाली नहीं थी। अब तो जैसे वो पागल ही हो गया.. उसने बार-बार अपनी बहन की नंगी कमर और नंगे कन्धों पर किस करना और उन्हें चूमना शुरू कर दिया।
मैंने अपने कमरे में आकर चेतन के सामने ही खड़े होकर अपनी पैन्ट उतारी और फिर एक बरमूडा पहन लिया। अब मेरा ऊपरी और नीचे का जिस्म दोनों ही बहुत ज्यादा नंगा नज़र आ रहा था।
मैं खामोशी से जाकर चेतन के पास बैठ गई और उससे बातें करने लगी।
चेतन बोला- डार्लिंग आज तुम इस ड्रेस में बहुत ही हॉट लग रही हो।
मैं मुस्कराई और बोली- हॉट तो तुम्हारी बहन भी लग रही है.. लेकिन कहीं उसे ना कह देना ऐसा.. शरमिंदा हो जाएगी। पहले ही बड़ी मुश्किल से मैंने उसे पेंडू माहौल से आज़ाद किया है।
चेतन भी हँसने लगा.. इतने में शरमाती हुई डॉली कमरे में आ गई.. जहाँ उसका अपना सगा भाई उसकी आमद का मुंतजिर था।
डॉली कमरे में दाखिल हुई तो अभी मैंने लाइट बंद नहीं की थी.. ट्यूब लाइट की सफ़ेद रोशनी में डॉली का खूबसूरत चिकना जिस्म चमक रहा था, उसके गोरे-गोरे कंधे और छाती के ऊपर खुले मम्मे बहुत प्यारे लग रहे थे। नीचे उसके गोरे-गोरे बालों से बिल्कुल पाक-साफ़ टाँगें.. घुटनों से नीचे बिल्कुल नंगी थीं।
अपने भाई के बरमूडा में जैसे ही वो अन्दर दाखिल हुई.. तो चेतन की नजरें उसी के जिस्म पर थीं।
आज मेरे ज़हन में एक और ख्याल आया था। आज मैंने चेतन से कहा- वो बिस्तर पर हम दोनों के बीच में लेटेगा और हम दोनों तुम्हारे बगल में लेटेंगी।
चेतन और डॉली दोनों ही मेरी इस बात को सुन कर हैरान हुए लेकिन चेतन तो फ़ौरन ही बिस्तर पर दरम्यान में होकर लेट गया। मैं उसकी एक तरफ लेट गई और फिर ज़ाहिर है कि डॉली को चेतन के दूसरी तरफ बिस्तर पर लेटना पड़ा।
कुछ मिनटों तक सीधे लेटने के बाद मैंने करवट ली और चेतन के ऊपर अपना बाज़ू डाल कर उसे खुद से चिपकाती हुए लेट गई।
मैंने अपनी एक टाँग भी चेतन के ऊपर उसकी टाँगों पर रख दी। डॉली भी सीधे ही लेटी हुई थी.. और यह सब देख रही थी।
मैं आहिस्ता-आहिस्ता चेतन के गालों पर डॉली की तरफ से हाथ फेर रही थी और कभी उसकी नंगे कन्धों पर हाथ फेरने लगती।
मैं डॉली को भी और चेतन को भी यही शो कर रही थी कि जैसे मैं उस वक़्त बहुत ज्यादा चुदासी हो रही हूँ।
हालांकि असल में मैं चेतन को गरम कर रही थी।
मैं अपनी जाँघों के नीचे चेतन के लंड को आहिस्ता आहिस्ता सहला भी रही थी।
कमरे में काफ़ी अँधेरा हो गया था.. हस्ब ए मामूल और कुछ नज़र नहीं आता था। जब तक कि बहुत ज्यादा गौर ना किया जाए।
मैं अपना हाथ चेतन की छाती पर ले आई और आहिस्ता आहिस्ता उसकी छाती को सहलाने लगी।
मेरा हाथ सरकता हुआ चेतन की छाती से नीचे उसके पेट पर आ गया और फिर मैं और भी नीचे जाने लगी.. तो चेतन मेरी तरफ मुँह करके आहिस्ता से बोला- डार्लिंग डॉली है.. इधर देख लेगी वो..
मैं अपना हाथ उसकी बरमूडा में पुश करके अन्दर दाखिल करते हुई बोली- नहीं.. अँधेरा है.. उसे कुछ नहीं दिख रहा है।
चेतन चुप हो गया.. और मैंने हाथ अन्दर डाल कर उसके लण्ड को अपने हाथ में ले लिया। उसका लंड आहिस्ता-आहिस्ता खड़ा हो रहा था और मैंने उसे सहलाते हुए आहिस्ता-आहिस्ता मुकम्मल तौर पर खड़ा कर दिया। साथ-साथ मैं उसकी गर्दन को भी चूम रही थी और अपनी चूचियों को उसकी बाज़ू पर रगड़ रही थी.. जो कि मैंने अपनी ड्रेस को नीचे करते हुए बाहर निकाल ली हुई थीं।
अब मेरा नंगी चूची चेतन की बाज़ू से रगड़ रही थीं और उसका लंड भी मेरे हाथ में था।
चेतन की हालत उत्तेजना से बुरी हो रही थी और उसके शॉर्ट्स की अन्दर खड़ा हुआ लंड और उस पर हरकत करता हुआ हाथ.. उसकी बहन को साफ़ नज़र आ रहा था।
दूसरा.. मैं जो उसकी गर्दन पर किस कर रही थी.. वो भी मैं जानबूझ कर आवाज़ पैदा करती हुए कर रही थी.. ताकि उसकी आवाज़ भी उसकी बहन को सुनाई दे सके।
कुछ देर तक ऐसी ही चूमने के बाद मैंने चेतन का बाज़ू पकड़ कर उसे अपनी तरफ को कर लिया।
अब चेतन का चेहरा मेरी तरफ था और मैंने उसके गले में अपनी बाँहें डालीं और उसके ऊपर अपनी नंगी टाँग रखते हुए उससे चिपक गई।
मेरी जाँघों के खुल जाने से चेतन का अकड़ा हुआ लंड सीधा मेरी चूत से टकरा रहा था।
मैंने भी एक हाथ से उसे पकड़ा और उसे अपनी चूत पर रगड़ने लगी। जब फिर भी मेरी तसल्ली ना हुई तो मैंने चेतन के शॉर्ट्स को थोड़ा सा नीचे को करके उसका लंड बाहर निकाल लिया और उसे अपनी चूत पर रगड़ने लगी।
चेतन भी मुझे अपनी बाहों में भर कर अपने साथ चिपकाते हुए मेरा कान में आहिस्ता से बोला- तुमको आज क्या हो गया है डार्लिंग?
लेकिन मैं मस्ती में अपनी आँखें बंद किए बस उसके लण्ड से अपनी चूत को रगड़ती जा रही थी।
कुछ देर के बाद मैंने चेतन को छोड़ा और आहिस्ता से बोली- सॉरी डार्लिंग..
और फिर थोड़ा पीछे हट कर लेट गई।
यह चेतन के खड़े लण्ड पर धोखा जैसा हुआ।
चेतन सीधा हुआ तो फ़ौरन ही डॉली ने दूसरी तरफ करवट ले ली.. मैं समझ गई कि वो सब कुछ बड़े मजे से देख रही थी।
अब कमरे में बिल्कुल खामोशी और अँधेरा था। हम तीनों ही आँखें बंद किए हुए लेटे थे.. और सब ही एक-दूसरे के सोने का इन्तजार कर रहे थे।
क़रीब एक घंटे तक जब बिस्तर पर बिल्कुल कोई हरकत ना हुई तो अचानक ही चेतन ने डॉली की तरफ करवट ले ली। डॉली अभी भी दूसरी तरफ मुँह करके लेटी हुई थी और उसकी खूबसूरत उठी हुई गाण्ड.. उसके भाई के लण्ड के ठीक सामने थी.. बल्कि यूँ कहें कि उसके भाई के लंड के बिल्कुल सामने चुदने को तैयार दिख रही थी।
उस छोटे से जालीदार ड्रेस में डॉली की खूबसूरत कमर चेतन की नज़रों के सामने बिल्कुल नंगी हो रही थी। उसकी ब्रेजियर की स्ट्रेप्स और बेल्ट और हुक्स साफ़-साफ़ दिख रहे थे।
उसकी गोरी-गोरी चिकनी कमर कमरे के अन्दर मौजूद हल्की सी रोशनी में चमक रही थी।
कुछ देर में चेतन का हाथ सरकता हुआ डॉली की कमर के पास पहुँचा और उसने धीरे-धीरे अपने हाथ की बैक से डॉली की कमर को सहलाना शुरू कर दिया।
उसके हाथ की बैक साइड.. अपनी बहन की नंगी कमर पर ऊपर-नीचे सरक़ रही थी और वो अपनी बहन की नंगी और गोरी कमर के चिकनेपन को महसूस कर रहा था।
थोड़ी देर के बाद चेतन ने अपना हाथ को सीधा किया और उसे आहिस्ता से डॉली की कमर के नंगे हिस्से पर रख दिया।
जब डॉली ने कोई हरकत नहीं की तो चेतन ने हौले-हौले डॉली की नंगी कमर को सहलाना शुरू कर दिया।
चेतन का हाथ अपनी बहन की बिल्कुल बाहर को निकली हुई ब्रेजियर की तनियों पर गया। वो डॉली की ब्रा की तनियों को आहिस्ता-आहिस्ता छूने लगा और उस पर अपनी उंगली को फेरना शुरू कर दिया।
डॉली की कमर पर से शुरू करके अपनी उंगली को कन्धों पर चिपकी हुई ब्रा की स्ट्रेप के ऊपर फिराता हुआ नीचे को लाने लगा और फिर उसकी उंगली डॉली की ब्रा की हुक वाली पट्टी पर आ गई।
अब चेतन ने अपनी बहन की ब्लैक ब्रेजियर की हुक पर अपनी उंगली फेरनी शुरू कर दी.. जिसने ब्रा की दोनों सिरों को मिलाकर डॉली की खूबसूरत चूचियों को जकड़ कर रखा हुआ था। उस पट्टी के सहारे ही डॉली के मस्त मम्मे सधे और बंधे हुए थे।
कुछ देर तक तो चेतन डॉली की ब्रा की स्ट्रेप्स पर हाथ फिराता रहा और कभी उसकी नंगी गोरी कमर पर ऊपर- नीचे और उसके कन्धों पर अपना हाथ फेरता रहा।
फिर उसने अपना हाथ आगे ले जाते हुए अपनी बहन की चूची पर अपना हाथ ढीला सा रख दिया।
आहिस्ता-आहिस्ता उसका हाथ बंद होने लगा और उसकी मुठ्ठी में डॉली की चूची समा गई।
अब चेतन अपनी बहन की चूची को आहिस्ता-आहिस्ता सहलाने लगा।
इस पोजीशन में चेतन डॉली के और भी क़रीब चला गया हुआ था। अब उसने आहिस्ता से अपने होंठ अपनी बहन की नंगी कमर पर रखे और अपनी बहन की नंगी चिकनी कमर को एक बार चूम लिया।
ज़ाहिर है कि सिर्फ़ एक बार किस करने से उसकी तसल्ली होने वाली नहीं थी। अब तो जैसे वो पागल ही हो गया.. उसने बार-बार अपनी बहन की नंगी कमर और नंगे कन्धों पर किस करना और उन्हें चूमना शुरू कर दिया।