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मनीष: अरे मैम थोडा तो पल्लू नीचे करो. कुछ दिखा ही नहीं.
दिव्या: नहीं मनीष अब और नहीं.
मनीष अपना लंड कैमरे के एकदम पास ले जाता है.
मनीष: देखो न मैम आपके लिए कैसा तड़प रहा है. बेचारे को थोडा तो देखने दो.
दिव्या अपना पल्लू धीरे धीरे नीचे करने लगती है.
मनीष: शरमाओ मत मैम. पल्लू और गिरा दो. और थोडा नीचे करो न. उफ़ आपके मम्मे तो मेरी उम्मीद से भी बड़े हैं.
लेकिन दिव्या एक लिमिट से ज्यादा अपने मम्मे मनीष को नहीं दिखाती. मनीष का लंड और बेचैन हो जाता है.
मनीष: रुक क्यों गयी मैम. पूरा दिखा दो न.
दिव्या: सब कुछ तो दिखा दिया मनीष. अब और नहीं. पता नहीं क्यों मैं हर बार तुम्हारी बातों में आ जाती हूँ.
मनीष: सब कहाँ मैम. निप्पल तो देखने दो न एक बार. आपको तो मजा आता है मुझे तडपाने में.
दिव्या अपना पल्लू हटा तो देती है लेकिन निप्पल हाथ से ढक लेती है.
मनीष: ये क्या बात हुई मैम. प्लीज हाथ भी हटाओ न.
दिव्या: नहीं ये मुझसे नहीं होगा.
मनीष: उफ़ मैम. कितने रसीले आम है आपके. क्यों तडपा रही हो. मैं कौन सा इन्हें चूसने आ जाऊंगा. प्लीज हटा लो न हाथ.
दिव्या: मनीष इतना तो कर दिया तुम्हारे कहने पर अब और नहीं. मुझे शर्म आती है.
मनीष: अरे शर्माना कैसा. मैंने तो आपकी चूत तक देखी है तो मम्मे दिखाने में कैसी शर्म. अब हटा भी लो अपना हाथ.
दिव्या: नहीं मनीष अब और नहीं.
मनीष अपना लंड कैमरे के एकदम पास ले जाता है.
मनीष: देखो न मैम आपके लिए कैसा तड़प रहा है. बेचारे को थोडा तो देखने दो.
दिव्या अपना पल्लू धीरे धीरे नीचे करने लगती है.

मनीष: शरमाओ मत मैम. पल्लू और गिरा दो. और थोडा नीचे करो न. उफ़ आपके मम्मे तो मेरी उम्मीद से भी बड़े हैं.
लेकिन दिव्या एक लिमिट से ज्यादा अपने मम्मे मनीष को नहीं दिखाती. मनीष का लंड और बेचैन हो जाता है.

मनीष: रुक क्यों गयी मैम. पूरा दिखा दो न.
दिव्या: सब कुछ तो दिखा दिया मनीष. अब और नहीं. पता नहीं क्यों मैं हर बार तुम्हारी बातों में आ जाती हूँ.
मनीष: सब कहाँ मैम. निप्पल तो देखने दो न एक बार. आपको तो मजा आता है मुझे तडपाने में.
दिव्या अपना पल्लू हटा तो देती है लेकिन निप्पल हाथ से ढक लेती है.

मनीष: ये क्या बात हुई मैम. प्लीज हाथ भी हटाओ न.
दिव्या: नहीं ये मुझसे नहीं होगा.
मनीष: उफ़ मैम. कितने रसीले आम है आपके. क्यों तडपा रही हो. मैं कौन सा इन्हें चूसने आ जाऊंगा. प्लीज हटा लो न हाथ.
दिव्या: मनीष इतना तो कर दिया तुम्हारे कहने पर अब और नहीं. मुझे शर्म आती है.
मनीष: अरे शर्माना कैसा. मैंने तो आपकी चूत तक देखी है तो मम्मे दिखाने में कैसी शर्म. अब हटा भी लो अपना हाथ.