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सुबह राजेश के उठने से पहले वह उसके लिए चाय बना कर लेकर आती है, राजेश भी उसे गुड मॉर्निंग विश कर उसे अपनी जांघों पर बैठा लेता है।
राजेश: अब जल्दी तैयार हो जाओ जान।
दिव्या तैयार होने में काफी समय लेती है पर जब वह तैयार होकर आती है तो उसे देख राजेश देखता ही रह जाता है, दिव्या किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी।
राजेश: जान मन तो कर रहा है कि अभी यही शुरू हो जाऊं। तुम्हें ऐसे देख तो छोड़ने का मन ही नहीं हो रहा।
दिव्या: ज्यादा बदमाशी मत करो, चुपचाप बताओ चलना कहाँ है।
राजेश: हाँ हाँ, चलो तो सही।
राजेश दिव्या को लेकर बाहर आता है और अपनी कार में उसे बैठाकर कर्नल के फार्म हाउस की ओर निकल पड़ता है, पूरे रास्ते में वो दिव्या को बार-बार छेड़ने का कोई मौका नहीं छोड़ता, कभी उसकी जाँघों में हाथ रखता है तो कभी उसके मम्मों को छेड़ने की कोशिश करता है। दिव्या भी इस सब में काफी मजा लेती है, कुछ देर में शहर से दूर वो एक बहुत ही खूबसूरत लोकेशन पर पहुंच जाते हैं। फार्म हाउस देख दिव्या भी काफी खुश हो जाती है। खासकर उसका स्विमिंग पूल देख वो काफी खुश थी।
दिव्या: वाओ राजेश ये तो बहुत अच्छी जगह है पर यहाँ कोई और क्यों नहीं है।
राजेश: क्योंकि यहाँ सिर्फ हम लोग हैं।
फार्म हाउस का चौकीदार आकर दोनों का सामान उठाकर एक कमरे में ले जाता है जो पहले से ही सजा हुआ था। जैसे ही दिव्या और राजेश उस कमरे में घुसते हैं, उनके ऊपर गुलाब के फूलों की बारिश होने लगती है। कमरे की डेकोरेशन देख दिव्या राजेश के गले से लग जाती है
दिव्या: तुम नहीं जानते, ये मेरी बेस्ट एनिवर्सरी होने वाली है, मुझे नहीं लगता था कि तुम इतने रोमांटिक भी हो सकते हो।
राजेश: अब जल्दी तैयार हो जाओ जान।
दिव्या तैयार होने में काफी समय लेती है पर जब वह तैयार होकर आती है तो उसे देख राजेश देखता ही रह जाता है, दिव्या किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी।

राजेश: जान मन तो कर रहा है कि अभी यही शुरू हो जाऊं। तुम्हें ऐसे देख तो छोड़ने का मन ही नहीं हो रहा।
दिव्या: ज्यादा बदमाशी मत करो, चुपचाप बताओ चलना कहाँ है।
राजेश: हाँ हाँ, चलो तो सही।
राजेश दिव्या को लेकर बाहर आता है और अपनी कार में उसे बैठाकर कर्नल के फार्म हाउस की ओर निकल पड़ता है, पूरे रास्ते में वो दिव्या को बार-बार छेड़ने का कोई मौका नहीं छोड़ता, कभी उसकी जाँघों में हाथ रखता है तो कभी उसके मम्मों को छेड़ने की कोशिश करता है। दिव्या भी इस सब में काफी मजा लेती है, कुछ देर में शहर से दूर वो एक बहुत ही खूबसूरत लोकेशन पर पहुंच जाते हैं। फार्म हाउस देख दिव्या भी काफी खुश हो जाती है। खासकर उसका स्विमिंग पूल देख वो काफी खुश थी।
दिव्या: वाओ राजेश ये तो बहुत अच्छी जगह है पर यहाँ कोई और क्यों नहीं है।
राजेश: क्योंकि यहाँ सिर्फ हम लोग हैं।
फार्म हाउस का चौकीदार आकर दोनों का सामान उठाकर एक कमरे में ले जाता है जो पहले से ही सजा हुआ था। जैसे ही दिव्या और राजेश उस कमरे में घुसते हैं, उनके ऊपर गुलाब के फूलों की बारिश होने लगती है। कमरे की डेकोरेशन देख दिव्या राजेश के गले से लग जाती है
दिव्या: तुम नहीं जानते, ये मेरी बेस्ट एनिवर्सरी होने वाली है, मुझे नहीं लगता था कि तुम इतने रोमांटिक भी हो सकते हो।