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- Dec 5, 2013
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मनीष पूजा को गले लगा लेता है और उसको सॉरी बोलता है. पूजा मन ही मन सोचती है की अब सलमान उसका पीछा नहीं छोड़ने वाला.
मनीष: मैं तुमको जिस हाल में छोड़ गया था तुम्हारी जगह कोई और भी होता तो शायद यही करता तो गलती मेरी भी है. आज जो हुआ उसे भूल जाओ. मेरे प्यार में इस बात से कोई फर्क नहीं आयेगा. चलो तुम तैयार हो जाओ तो मैं तुम्हे घर छोड़ दूं.
पूजा थोड़ी देर में रेडी हो जाती है और मनीष उसको घर छोड़ कर वापस सलमान के पास आ जाता है.
मनीष: यार तुमने तो ऐसे रगड़ दिया बेचारी को की किसी को भी शक हो जाये. कुछ ज्यादा नहीं कर दिया तुमने.
सलमान: तू टेंशन न ले. साली पूरी रांड है. संभाल लेगी. तू भी चोदता ही है न.
मनीष: हाँ चोदता तो हूँ लेकिन...
सलमान: अरे छोड़ न. ले दिव्या मैम का नंबर ले. 9999xxxxxx. खुश? लेकिन इस नंबर का करेगा क्या?
मनीष: यार ये तो मैंने सोचा ही नहीं.
सलमान: हा हा हा. सोचा भी नहीं और पूजा को मुझसे चुदवा भी दिया. कोई नहीं. मुझे सोचने दे कुछ आईडिया. करवाता हूँ तेरी सेटिंग. चल जा मुझे अब पीने दे. थका दिया है तेरी पूजा ने आज मुझे.
मनीष भी घर चला जाता है और रात भर दिव्या के ख्वाब देखता रहता है. अगले दिन दिव्या एक बहुत ही सुन्दर साड़ी में स्कूल आती है.
हालाँकि साड़ी में उसका बदन ज्यादा नहीं दिख रहा होता लेकिन फिर भी उसके उभरे हुए मम्मे और भारी गांड देख कर मनीष का बुरा हाल हो जाता है. वो क्लास में बस दिव्या को ही देख रहा है. तभी वो देखता है की दिव्या के ब्लाउज का एक हुक पीछे से टूटा हुआ है.
दरअसल शादी के बाद दिव्या की चून्चिया काफी बड़ी हो गयी है लेकिन आज वो अपना पुराना ब्लाउज पहन कर आ गयी थी. ब्लाउज टाइट हो रहा था फिर भी उसने जबरदस्ती हुक लगा लिये थे. उसे अंदाजा नहीं था की हुक टूट जाएगा. मनीष हँसते हुए पूजा को बताता है की मैम के ब्लाउज का हुक टूटा है.
क्लास ख़तम होने के बाद सब बच्चे घर के लिए निकल जाते हैं लेकिन पूजा से रहा नहीं जाता और वो दिव्या के पास जाकर कहती है.
पूजा: एक्सक्यूस मी मैम.
दिव्या: क्या हुआ पूजा? तुम घर नहीं जा रहीं.
पूजा: वो मैम एक्चुअली आपके ब्लाउज का हुक टूट गया है. साड़ी का पल्ला होने से क्लास में तो किसी ने नहीं देखा लेकिन...
दिव्या: ओह्हो. ब्लाउज थोडा कस गया है लेकिन देर हो रही थी तो मैं यही पहन कर आ गयी. आज तो मैं स्कूटी से आई हूँ. कहीं रस्ते में कोई और हुक न टूट जाए.
पूजा: आप टॉयलेट में चलिए. मैं एडजस्ट कर देती हूँ.
दिव्या पूजा को लेकर टीचर टॉयलेट में चली जाती है लेकिन दोनों के पास कोई सेफ्टी पिन नहीं थी और ब्लाउज काफी टाइट था तो कोई फायदा नहीं होता और इसी चक्कर में दुसरा हुक भी टूट जाता है और ब्लाउज काफी खुल जाता है. अब दिव्या घबरा जाती है.
दिव्या: अरे पूजा ये क्या किया? अब मैं घर कैसे जाऊंगी?
पूजा: सॉरी मैम लेकिन ये अपने आप ही टूट गया. आप एक काम करो की ब्लाउज उतार कर मुझे दे दो. मैं स्कूल के सामने वाले टेलर से हुक लगवा लाती हूँ. तब तक आप यही वेट करो.
दिव्या: बिना ब्लाउज के?
पूजा: अरे मैम. अब तो छुट्टी हो गयी है तो सारे टीचर्स तो घर चले गए होंगे तो यहाँ कौन आयेगा. मैं 15 मिनट में आ जाऊंगी.
दिव्या को भी कोई रास्ता समझ नहीं आता तो वो अपना ब्लाउज उतार कर पूजा को दे देती है. पूजा जैसे ही टॉयलेट से बाहर आती है उसे सामने सलमान दिख जाता है.
सलमान: अरे रांड तू घर नहीं गयी और ये टीचर्स के बाथरूम में क्या कर रही थी.
पूजा: ओफ्फो. मैं दिव्या मैम का ब्लाउज ठीक करवाने ले जा रही हूँ. बहुत टाइट था तो इसके हुक टूट गए हैं. बेचारी अन्दर वेट कर रही हैं.
सलमान: अच्छा! एक काम कर. ये ब्लाउज मुझे दे दे और तू जा. तेरी बस जाने ही वाली है. मैं इसके हुक लगवा कर मैम को दे देता हूँ.
पूजा: लेकिन?
सलमान (पूजा से ब्लाउज ले लेता है): लेकिन वेकिन न कर. तेरी बस छूट जाएगी. तू जा. मैं इसे ठीक करवा के मैम को दे देता हूँ. अब अपनी रांड के लिए इतना तो करना ही पड़ेगा.
पूजा: ठीक है. मैं जा रही हूँ लेकिन ये जल्दी से मैम को दे देना. बेचारी काफी परेशान हैं.
सलमान जाकर ब्लाउज के हुक तो लगवा देता है लेकिन दर्जी से कहता है की सारे हुक थोड़े और टाइट कर दे. दर्जी ऐसा ही करता है और सलमान ब्लाउज लेकर वापस आ जाता है और गार्ड रूम में बैठ जाता है.
उधर दिव्या की हालत ख़राब है. उसके पास पूजा का नंबर भी नहीं था की वो उसे फोन ही कर लेती. इधर 15-20 मिनट में सब बस निकल जाती हैं और स्कूल खाली हो जाता है तब सलमान दिव्या का ब्लाउज लेकर टीचर्स के बाथरूम की तरफ चल देता है. सलमान बाथरूम का दरवाजा खटखटाता है तो दिव्या को लगता है की पूजा आ गयी.
मनीष: मैं तुमको जिस हाल में छोड़ गया था तुम्हारी जगह कोई और भी होता तो शायद यही करता तो गलती मेरी भी है. आज जो हुआ उसे भूल जाओ. मेरे प्यार में इस बात से कोई फर्क नहीं आयेगा. चलो तुम तैयार हो जाओ तो मैं तुम्हे घर छोड़ दूं.
पूजा थोड़ी देर में रेडी हो जाती है और मनीष उसको घर छोड़ कर वापस सलमान के पास आ जाता है.
मनीष: यार तुमने तो ऐसे रगड़ दिया बेचारी को की किसी को भी शक हो जाये. कुछ ज्यादा नहीं कर दिया तुमने.
सलमान: तू टेंशन न ले. साली पूरी रांड है. संभाल लेगी. तू भी चोदता ही है न.
मनीष: हाँ चोदता तो हूँ लेकिन...
सलमान: अरे छोड़ न. ले दिव्या मैम का नंबर ले. 9999xxxxxx. खुश? लेकिन इस नंबर का करेगा क्या?
मनीष: यार ये तो मैंने सोचा ही नहीं.
सलमान: हा हा हा. सोचा भी नहीं और पूजा को मुझसे चुदवा भी दिया. कोई नहीं. मुझे सोचने दे कुछ आईडिया. करवाता हूँ तेरी सेटिंग. चल जा मुझे अब पीने दे. थका दिया है तेरी पूजा ने आज मुझे.
मनीष भी घर चला जाता है और रात भर दिव्या के ख्वाब देखता रहता है. अगले दिन दिव्या एक बहुत ही सुन्दर साड़ी में स्कूल आती है.

हालाँकि साड़ी में उसका बदन ज्यादा नहीं दिख रहा होता लेकिन फिर भी उसके उभरे हुए मम्मे और भारी गांड देख कर मनीष का बुरा हाल हो जाता है. वो क्लास में बस दिव्या को ही देख रहा है. तभी वो देखता है की दिव्या के ब्लाउज का एक हुक पीछे से टूटा हुआ है.
दरअसल शादी के बाद दिव्या की चून्चिया काफी बड़ी हो गयी है लेकिन आज वो अपना पुराना ब्लाउज पहन कर आ गयी थी. ब्लाउज टाइट हो रहा था फिर भी उसने जबरदस्ती हुक लगा लिये थे. उसे अंदाजा नहीं था की हुक टूट जाएगा. मनीष हँसते हुए पूजा को बताता है की मैम के ब्लाउज का हुक टूटा है.
क्लास ख़तम होने के बाद सब बच्चे घर के लिए निकल जाते हैं लेकिन पूजा से रहा नहीं जाता और वो दिव्या के पास जाकर कहती है.
पूजा: एक्सक्यूस मी मैम.
दिव्या: क्या हुआ पूजा? तुम घर नहीं जा रहीं.
पूजा: वो मैम एक्चुअली आपके ब्लाउज का हुक टूट गया है. साड़ी का पल्ला होने से क्लास में तो किसी ने नहीं देखा लेकिन...
दिव्या: ओह्हो. ब्लाउज थोडा कस गया है लेकिन देर हो रही थी तो मैं यही पहन कर आ गयी. आज तो मैं स्कूटी से आई हूँ. कहीं रस्ते में कोई और हुक न टूट जाए.
पूजा: आप टॉयलेट में चलिए. मैं एडजस्ट कर देती हूँ.
दिव्या पूजा को लेकर टीचर टॉयलेट में चली जाती है लेकिन दोनों के पास कोई सेफ्टी पिन नहीं थी और ब्लाउज काफी टाइट था तो कोई फायदा नहीं होता और इसी चक्कर में दुसरा हुक भी टूट जाता है और ब्लाउज काफी खुल जाता है. अब दिव्या घबरा जाती है.
दिव्या: अरे पूजा ये क्या किया? अब मैं घर कैसे जाऊंगी?
पूजा: सॉरी मैम लेकिन ये अपने आप ही टूट गया. आप एक काम करो की ब्लाउज उतार कर मुझे दे दो. मैं स्कूल के सामने वाले टेलर से हुक लगवा लाती हूँ. तब तक आप यही वेट करो.
दिव्या: बिना ब्लाउज के?
पूजा: अरे मैम. अब तो छुट्टी हो गयी है तो सारे टीचर्स तो घर चले गए होंगे तो यहाँ कौन आयेगा. मैं 15 मिनट में आ जाऊंगी.
दिव्या को भी कोई रास्ता समझ नहीं आता तो वो अपना ब्लाउज उतार कर पूजा को दे देती है. पूजा जैसे ही टॉयलेट से बाहर आती है उसे सामने सलमान दिख जाता है.
सलमान: अरे रांड तू घर नहीं गयी और ये टीचर्स के बाथरूम में क्या कर रही थी.
पूजा: ओफ्फो. मैं दिव्या मैम का ब्लाउज ठीक करवाने ले जा रही हूँ. बहुत टाइट था तो इसके हुक टूट गए हैं. बेचारी अन्दर वेट कर रही हैं.
सलमान: अच्छा! एक काम कर. ये ब्लाउज मुझे दे दे और तू जा. तेरी बस जाने ही वाली है. मैं इसके हुक लगवा कर मैम को दे देता हूँ.
पूजा: लेकिन?
सलमान (पूजा से ब्लाउज ले लेता है): लेकिन वेकिन न कर. तेरी बस छूट जाएगी. तू जा. मैं इसे ठीक करवा के मैम को दे देता हूँ. अब अपनी रांड के लिए इतना तो करना ही पड़ेगा.
पूजा: ठीक है. मैं जा रही हूँ लेकिन ये जल्दी से मैम को दे देना. बेचारी काफी परेशान हैं.
सलमान जाकर ब्लाउज के हुक तो लगवा देता है लेकिन दर्जी से कहता है की सारे हुक थोड़े और टाइट कर दे. दर्जी ऐसा ही करता है और सलमान ब्लाउज लेकर वापस आ जाता है और गार्ड रूम में बैठ जाता है.
उधर दिव्या की हालत ख़राब है. उसके पास पूजा का नंबर भी नहीं था की वो उसे फोन ही कर लेती. इधर 15-20 मिनट में सब बस निकल जाती हैं और स्कूल खाली हो जाता है तब सलमान दिव्या का ब्लाउज लेकर टीचर्स के बाथरूम की तरफ चल देता है. सलमान बाथरूम का दरवाजा खटखटाता है तो दिव्या को लगता है की पूजा आ गयी.