Antarvasna Story दिव्या का सफ़र - Page 7 - SexBaba
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Antarvasna Story दिव्या का सफ़र

लेकिन आज मनीष ने उसको कोई मेसेज नहीं किया. वो बार बार फोन देखती है लेकिन कोई मेसेज नहीं है. फिर वो मनीष को मेसेज लिखती है लेकिन भेजती नहीं. उसे लगता है की ये सही नहीं होगा. फिर वो लैपटॉप खोलती है और चेक करती है की मनीष ऑनलाइन है या नहीं.

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उधर मनीष पहले से ही दिव्या का इंतज़ार कर रहा था. उसको ये भी अंदाजा था की दिव्या नाराज़ हो सकती है. दिव्या को ऑनलाइन देखते ही मनीष मेसेज कर देता है.

मनीष: मुझे पता था की आज आप ऑनलाइन जरूर आएँगी लेकिन इतनी जल्दी आयेंगी मैंने नहीं सोचा था.

दिव्या: मैं सिर्फ ये कहने आई हूँ की आज के बाद मैं तुमसे कभी बात नहीं करूंगी और तुम भी मुझसे बात करने की कोशिश मत करना.

मनीष: ऐसा क्या हो गया मैम.

दिव्या: तुमको नहीं पता की क्या हुआ. तुमने अपना प्रॉमिस तोडा है और फिर से मेरे साथ बदतमीजी की है.

मनीष: मैम मैंने जान बूझ कर कुछ नहीं किया. वो तो रास्ता बहुत ख़राब था इसीलिए टच हुआ वरना मैं तो गैप बनाकर बैठा था.

दिव्या: सिर्फ टच होने की बात नहीं है. तुमने जैसे बस में मेरा फायदा उठाया था वही हरकत तुमने आज भी की है.

मनीष: नहीं मैम, ये तो आप गलत कह रही हैं. आपको तो पता है की आपको देखकर, आवाज सुनकर या सिर्फ आपके बारे सोचकर ही मेरा खड़ा हो जाता है तो आपके साथ बैठने पर तो लंड खड़ा होना ही था. मैं पूरी कोशिश कर रहा था की आपको टच न हो लेकिन अगर आपको फील हो रहा था तो आप तभी बता देतीं तो मैं कुछ और करता.
 
दिव्या: क्या बताती तुमको. मैं कोई तुम्हारी तरह बेशरम नहीं हूँ.

मनीष: अरे मैम जो अभी बता रही हैं आप वही तब बता देतीं.

दिव्या: क्यों तुम अपने आप कण्ट्रोल नहीं कर सकते क्या?

मनीष: मैम मैं तो पूरा कण्ट्रोल में था वरना मेरा मन तो था की आपके मिल्की बूब्स को एक बार फील करके देखूं.

दिव्या: अगर तुमने ऐसा किया होता न तो देखते तुम्हारा क्या हाल करती.

मनीष: अरे मैम आपने तो अभी भी मुझको बेहाल ही किया हुआ है.

दिव्या: ये मजाक की बात नहीं है. तुम ऐसे कुछ भी मत बोला करो समझे.

मनीष: मैम मैं तो आपको अपना क्लोज फ्रेंड मानता हूँ इसीलिए आपसे सब बात शेयर कर देता हूँ लेकिन आप मुझसे हर बात छुपाती भी है और नाराज़ भी होती है.

दिव्या: क्या छुपाया मैंने?

मनीष: अच्छा तो बताइए की जब मेरा लंड आपसे टच हुआ तो आप गरम हो गयी थीं न.

दिव्या: ऐसा कुछ नहीं है समझे.

मनीष: मैम आप तो अभी भी गरम हो गयी हैं मेरे लंड के बारे में सोचकर. आप अपनी निप्पल छूकर देखिये की वो हार्ड है या नहीं. और झूठ मत बोलना वरना मैं कसम दे दूंगा.

दिव्या: बस ज्यादा शरारत नहीं और ये सब मत पुछा करो मुझसे.
 
दिव्या को लगा की उसको मनीष से चैट करने में मजा आता है और फिर उसने सोचा की इसमें बुराई ही क्या है. तब तक मनीष ने कैमरा शेयर करने की रिक्वेस्ट भेज दी और अपना कैमरा भी ऑन करके ऐसे सेट किया की उसका लंड का टोपा दिव्या को नज़र आ जाये. दिव्या ने अपना कैमरा भी ऑन कर दिया और उसकी नज़र मनीष के लंड पर पड़ी. उसको लगा की शायद मनीष का लंड गलती से दिख रहा है लेकिन उसने मनीष को टोका नहीं और उसका ध्यान मनीष के लंड पर ही टिक गया. इधर मनीष भी दिव्या के क्लीवेज में डूब गया.

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मनीष: जब भी आपका बदन देखता हूँ मैम बदन में एक करंट सा दौड़ जाता है. आपने बूब्स का साइज़ तो बता दिया था लेकिन बाकी फिगर नहीं बताया कभी. आपकी गांड और कमर का क्या साइज़ है.

दिव्या: तुम इतनी गन्दी भाषा बोलने लगते हो की कुछ बात करने का मन ही नहीं करता.

मनीष: मत बताइए मैं किसी दिन खुद ही नाप लूँगा. अच्छा आपके हस्बैंड क्यों नहीं आये अभी तक. अब तो आपका करवा चौथ का व्रत आने वाला है. फिर कहीं घुमाने भी तो ले जायेंगे वो अपनी जान को.

दिव्या: वो शायद कल शाम तक आयेगे.

मनीष: अरे मैम क्या अपने पति से भी ऐसे ही शर्माती हो जैसे मुझसे शर्माती हो. तभी वो आपके पास नहीं आते.

दिव्या: उनसे क्यों शर्माऊँगी मैं?

मनीष: लगता तो ऐसा ही है मैम. अच्छा कभी आपने उन्हें उनके ऊपर बैठ कर चोदा है?

दिव्या: पागल हो क्या?

मनीष: आप भी न मैम. अरे इसमें पागल होने की क्या बात है. मुझे लगा ही था की आप सिर्फ मिशनरी पोजीशन में ही करती होंगी.
 
दिव्या: सब शरीफ शादीशुदा औरतें ऐसे ही करती है वरना उनके पति क्या सोचेंगे.

मनीष: उफ़ किस ज़माने में पड़ी हो आप मैम. अरे औरत अगर अपने पति के साथ सेक्स के मजे नहीं लेगी तो किसके साथ लेगी. मैम शादीशुदा आदमी को अपनी बीवी बाहरवालों के सामने तो शरीफ अच्छी लगती है लेकिन बिस्तर पर उसको वही बीवी पसंद होती है जो रांड की तरह चुदे.

दिव्या: क्या बकवास कर रहे हो. कितने शादीशुदा लोगों को जानते हो तुम.

मनीष: सच कह रहा हूँ मैम. क्या आपको नहीं पसंद की कोई आपके बदन से खेले तो यही आपके पति भी चाहते होंगे न. कब तक एक ही पोजीशन में अपने हस्बैंड को बोर करोगी मैम. थोडा एक्सपेरिमेंट करो सेक्स लाइफ में.

दिव्या: मुझे ये सब नहीं आता.

मनीष: इसमें आने वाली क्या बात है. आपको बस एक हलकी सी कोशिश करनी है और वैसे भी आप तो 100% सोने की बेबी डॉल हो. बच्चे, बूढ़े और जवान, सबका लंड खड़ा कर देती हो. आपको क्या पता की आपको देख कर दूसरों की क्या हालत होती है. मेरा ही लंड देख लो की कैसे तड़प रहा है.

ये बोल कर मनीष पीछे खिसक जाता है और उसका पूरा लंड दिव्या की नजरों के सामने आ जाता है.

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दिव्या: अरे ये क्या कर रहे हो. तुमने बोला था की ऐसा कुछ नहीं करोगे.

मनीष: बोला तो था मैम लेकिन बात ऐसी आई की आपको दिखाना पड़ा और वैसे भी मैं यहाँ बैठ कर आपको चोद सकता हूँ क्या? बोलिए.

दिव्या: नहीं.

मनीष: तो क्या आपको अपने ऊपर भरोसा नहीं की मेरा लंड देख कर पिघल न जाओ? मेरी न बन जाओ?
 
दिव्या: ऐसा कभी नहीं हो सकता. मैं अपने पति के अलावा किसी की नहीं हो सकती.

मनीष: तो फिर लंड देख कर घबराती क्यों हो मैम. अगर आपको अपने ऊपर पूरा भरोसा है तो आज के बाद आप मुझे कभी लंड छिपाने के लिए मत कहना.

दिव्या कुछ नहीं कहती. वो मनीष को ये नहीं बताना चाहती की उसका अपने जिस्म पर काबू नहीं है और वो पराये मर्दों के लंड देख कर किस कदर गरम हो जाती है.

मनीष: वैसे मैम आपने तो कहा था की आप खुल कर बात करोगी और अब चुप हो गयीं. वैसे भी आप तो अपने पति से ही शर्माती हो. राजेश जी को अपना बनाने के लिए आपको थोडा एडवांस होना पड़ेगा. मैं जानता हूँ की आप तड़प रही हो और मैं आपको तड़पता नहीं देख पाता. अपनी प्यास बुझाने के लिए आपको ही कुछ करना पड़ेगा.

दिव्या: मुझे क्या करना पड़ेगा?

मनीष: आपका फिगर क्या है?

दिव्या: 38-30-37.

मनीष: वाओ मैम. आप तो अपनी गांड ही एक बार अपने पति को दिखा दो न तो उनका खड़े खड़े ही झड जाए.

दिव्या: ज्यादा बकवास न करो. जानती हूँ की शादी के बाद थोड़ी मोटी हो गयी हूँ और तुम्हे क्या लगता है की उन्होंने क्या देखा नहीं है.

मनीष: किस बेवक़ूफ़ ने आपसे कहा की आप मोटी हैं.

दिव्या: किसी को कहने की जरूरत नहीं. मैं जानती हूँ की मेरी कमर और छाती थोड़े भर गए हैं.

मनीष: यही बात तो आपको कमाल बनाती है मैम. स्पेशली आपकी कमर, एकदम मखमल है. एक बार खड़ी होकर मुझे अपनी कमर दिखानो न मैम.

दिव्या: क्यों?

मनीष: अरे कभी तो एक बार में मान जाया करो मैम. जल्दी से खड़ी हो जाओ.

ये बोल कर मनीष अपना लंड और तेज़ी से हिलाने लगता है और दिव्या उसकी बात मान कर खड़ी हो जाती है.

मनीष: मैम साड़ी का पल्लू हटा कर अपना पेट दिखाओ न.

दिव्या: पागल हो क्या? कुछ भी मत बोलो.

मनीष: अरे मैम स्कूटी पर तो आपने सहलाने भी दिया था और गांड पर लंड भी लगाने दिया था. अब क्यों शर्मा रही हो.

दिव्या: वो तुमने अपने आप किया था. मैंने नहीं बोला था तुमको करने को.

मनीष: तो अभी भी मैं ही बोल रहा हूँ. मैं खा थोड़ी जाऊँगा आपको. कामोन मैम. गांव की औरतों की तरह मत शर्माओ. कल तो बूब्स दिखा रही थी और आज पेट दिखाने में इतने नखरे कर रही हो. ये तो स्कूल में भी कई बार दिख जाता है. प्लीज मैम.

दिव्या मनीष के इसरार करने पर पल्लू ऊपर करके अपना पेट और नाभि मनीष को दिखा देती है.

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मनीष: बताओ आप अपने को मोटा कहती हो. अरे गजब का गदराया बदन है आपका. अब जरा पीछे घूम जाओ.
 
दिव्या बिना कुछ कहे पीछे घूम जाती है.

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मनीष: आह मैम आपको क्या पता की आप कितना करारा माल हो. उफ़ आपकी गांड के ऊपर बने डिंपल तो गजब ढा रहे हैं. एक बार अपना ब्लाउज उतार दीजिये न मैम.

दिव्या: बस हो गया तुम्हारा. चलो अब लॉगआउट करती हूँ.

मनीष: अरे अरे मैम रुकिए न. कल भी तो नाईटी में आपके बूब्स देखे थे. आज ब्रा में दिखा दीजिये न.

दिव्या: कल तो मैंने कपडे ही वैसे पहने थे लेकिन आज मैं कुछ नहीं उतारने वाली. अब बोलोगे तो बात नहीं करूंगी.

मनीष: ओहो मैम अच्छा एक बात बताइए की जब स्कूटी पर मैं आपके बदन से खेल रहा था तो क्या आपका मन नहीं किया मेरे लंड से खेलने का.

दिव्या: मैं अपने हस्बैंड के अलावा किसी के बारे में ऐसा नहीं सोचती.

मनीष: अच्छा तो कल के बारे में आपने क्या सोचा?

दिव्या: क्या सोचा मतलब?

मनीष: अरे जब आपके हस्बैंड आयेंगे तो कैसे चुदोगी उनसे. ऐसे ही दे दोगी या थोडा तडपा कर दोगी. आप चोदोगी उनके ऊपर बैठ कर उन्हें या नीचे लेट कर लंड लोगी अपने हस्बैंड का?

दिव्या: ये सब फालतू बात मत किया करो तुम मुझसे.

मनीष: अरे मैम जिसको आप फालतू बात बोल रही हो वही तो पति पत्नी के रिश्ते की सबसे इम्पोर्टेन्ट बात है. ये सब प्लान करना पड़ता है और आप...

दिव्या: अच्छा कल देखूँगी.

मनीष: अरे देखना क्या मैम. चलो मान लो की मैं आपका हस्बैंड हूँ. अब बोलो आप क्या करोगी मेरे साथ?
 
दिव्या सोचने लगती है की क्या बोले मगर मनीष दिव्या को सोचने का टाइम ही नही देता.

मनीष: आपके हस्बैंड आकर डोर बेल बजायेंगे तो आप क्या करोगी?

दिव्या: मैं भाग कर जाकर दरवाजा खोलूंगी.

मनीष: आपको देख कर मैं आपको एक गुलदस्ता दे देता हूँ जो आपके लिए लाया हूँ और आपको बाँहों में भर कर अन्दर ले आता हूँ.

दिव्या: मैं भी अपने हस्बैंड को बाँहों में ले लूंगी.

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मनीष: तुम्हारे बिना रहा नहीं जाता जान.

मनीष अब राजेश की जगह लेकर बोलने लगता है लेकिन दिव्या ऐतराज नहीं करती.

दिव्या: मैं भी कहाँ तुम्हारे बिना रह पाती हूँ इसीलिए तो कहती हूँ की मुझे अपने साथ ले चलो.

मनीष: हाँ मेरी जान तुम्हारे जैसी वाइफ को मैं कैसे छोड़ कर जाता हूँ मुझे ही पता है. पूरी कोशिश कर रहा हूँ की तुम्हे साथ ले जाऊं.

दिव्या: मैं आपके लिए पानी लाती हूँ.

मनीष: आपको जाता देख कर मैं आपको रोक लेता हूँ. आपके बैक से मेरा बदन टच होगा तो मेरा कड़क लंड आपके शरीर में चुभेगा.

दिव्या: आह्ह

मनीष: मैं आपको घुमा कर कर आपके होठ पर अपने होठ रख दूंगा और अपनी जीभ आपके मुंह में डाल दूंगा.

दिव्या: लेकिन मैं मुह नहीं खोलूंगी.

मनीष: तुम्हारा मन नहीं है की मैं किस करूं तुम्हे.

दिव्या: अभी फ़ास्ट नहीं खोला है मैंने.

मनीष: अरे चाँद तो कब का निकल आया तो फ़ास्ट क्यों नहीं खोला.

दिव्या: आप ही इतना लेट आये हैं. मैं क्या करूं?

मनीष: चलो पहले तुम्हारा फ़ास्ट खुलवा देते है. कितनी भूखी होगी मेरी जान. चलो छत पर चल कर चाँद देख कर पानी पी लो.

दिव्या: चलिए.

मनीष: छत पर ले जाकर मैं अपने हाथों से तुम्हे पानी पिलाऊँगा दिव्या फिर किस करूंगा.

दिव्या: नहीं छत पर नहीं. नीचे आने तक सब्र करना होगा.

मनीष: अब सब्र नहीं होता जान. जल्दी नीचे चलो न.

दिव्या: चलिए न.

मनीष: अब तो नीचे आ गए न. देखो न कैसे अकड गया है मेरा लंड तुम्हारी चूत के लिए. छूओ न इसे एक बार.

दिव्या: आज इतना प्यार आ रहा है. इतने दिन याद नहीं आई इसे मेरी.

मनीष: आज सारी कसर निकाल देगा ये. आज चूत के साथ ये तुम्हारी गांड में भी जायेगा.

दिव्या: स्टॉप इट मनीष. बस करो अब.

मनीष: क्या हुआ मैम?

दिव्या: तुम राजेश बन कर काफी कुछ कह गए हो. बस अब और नहीं.
 
मनीष: अरे अभी तो आपने अच्छे से रोल प्ले करना शुरू किया है. आप समझो की आप कल की रिहर्सल कर रही हो की जब आपके हस्बैंड आएंगे तब आप कैसे उन्हें रिझायेंगी. अब इसमें क्या दिक्कत है. थोड़ी देर और करिए फिर अगर आपको ख़राब लगे तो बंद कर दीजियेगा.

वैसे भी दिव्या को ये सब अच्छा लग रहा था क्योंकि राजेश कभी उससे ऐसी बात नहीं करता था. साथ ही मनीष चैट के बीच में उसे जैसी फोटोज भेज रहा था उनसे वो काफी गरम भी हो रही थी. दिव्या का मन चूत में ऊँगली करने का कर रहा था लेकिन वो अभी मनीष की तरह बेशर्म नहीं हुई थी लेकिन उसने लॉगआउट नहीं किया.

मनीष: बोलिए न मैम की जब आपके हस्बैंड आपके पीछे अपना लंड गडा कर आपका पेट मसलेंगे तो आप क्या करेंगी.

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दिव्या: उफ़ राजेश मैं भी काफी तड़प रही हूँ. तुम मेरी प्यास और मत बढाओ.

मनीष: आपकी ये बात सुन कर मैं आपके कन्धों पर चूम कर आपको अपनी तरफ घुमा लूँगा और अपना लंड आपकी चूत के ऊपर रगड दूंगा.

अब दिव्या से रहा नहीं जाता और वो कैमरा बंद करके अपनी चूत मसलने लगती है.

मनीष: अरे मैम ये कैमरा क्यों बंद कर दिया.

दिव्या: तुम्हारा तो ऑन है न.

मनीष: नहीं मैम आप भी ऑन करो न. मैं कोई आपको नंगा होने को तो नहीं बोल रहा.

दिव्या: अभी नहीं कर सकती.

मनीष: तो फिर माइक्रोफोन ऑन करो न मैम. कम से कम आपकी आवाज तो सुनु.

दिव्या मान जाती है और चैट को वौइस मोड में ले जाती है. अब वो दोनों बोल कर चैट करने लगते है.

मनीष: मैम कैमरा क्यों बंद किया बोलिए न.

दिव्या: ऐसे ही. आआह्ह्ह.
 
मनीष: उफ़ कितना शर्माती हो आप मुझसे. मुझे देखो रोज आपके सामने करता हूँ और आपने कैमरा ऑफ कर दिया और वो भी तब जब मैं आपको पहले करते देख चुका हूँ.

दिव्या: मैं ऐसा कुछ नहीं आःह्ह कर रही हूँ आओईइ.

मनीष: हा हा हा मैम. आपकी आवाज से सब पता चल रहा है. तभी तो मैंने वौइस चैट करने को बोला ताकि आपके हाथ फ्री हो जाए. तो बोलिए आपको कैसा लगा अपनी गांड पर मेरा लंड फील करके.

दिव्या: स्टुपिड. तुम्हारा नहीं राजेश का.

मनीष: मैं ही तो राजेश बना हूँ इस वक़्त तो दिव्या डार्लिंग बताओ न कैसा फील हुआ.

दिव्या: मुझे डार्लिंग क्यों बोल रहे हो.

मनीष: अरे बोला न की मैं राजेश हूँ अब मैं जो बोलूं आप समझना की राजेश बोल रहे है. अब बताओ की कल जब आपके हस्बैंड आपको पीछे से पकड़ेंगे तो उनका लंड आपको गांड पर फील होगा न. है या नहीं.

दिव्या: हममम हाँ फील होगा.

दिव्या की बात सुनकर मनीष की उत्तेजना और बढ़ जाती है और दिव्या भी अब दो उंगलिया अपनी चूत में डाल कर अन्दर बाहर करने लगती है.

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मनीष: तो बस अब इमेजिन करो और जवाब दो. लेकिन जान तुम भी तो कुछ करो न या सब मैं ही करूं. बोलो कल क्या कहोगी मुझसे.

दिव्या: आह्ह राजेश मैं तुम्हारे बिना बहुत तड़पती हूँ.

मनीष: मैं कल तुम्हारी सारी तड़प मिटा दूंगा मेरी जान. देखना कैसे मेरा लंड तुम्हारी चूत को रगड़ता है.
 
दिव्या की साँसे इतनी तेज़ हो गयी है की मनीष को भी साफ़ साफ़ सुनाई दे रही हैं. मनीष समझ जाता है की दिव्या मदमस्त हो गयी है.

मनीष: कल क्या करोगी जब मैं तुम्हारे होठों को चूमूंगा.

दिव्या: मैं भी तुम्हारे बालों में हाथ डाल कर तुम्हे एक लम्बा किस करूंगी.

मनीष को अच्छा लगता है की दिव्या ने जवाब दिया. ये नहीं कहा की तुम क्यों मुझे किस करोगे.

मनीष: फिर तो मैं अपनी जीभ तुम्हारे मुंह में डाल दूंगा जान.

दिव्या: मैं भी तुम्हारा पूरा साथ दूँगी.

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मनीष: फिर मैं तुम्हे गोद में उठाकर बेडरूम में ले जाऊँगा और तुम्हे बिस्तर पर लिटा कर तुम्हारे पूरे बदन को चूमूंगा तो क्या करोगी.

दिव्या: क्या करूंगी बस यही पूछूंगी की आःह्ह राजेश क्या कर रहे हो.

मनीष: अच्छा अब एक बात मानोगी मेरी.

दिव्या: हाँ बोलो.

मनीष: अपना ब्लाउज उतार दो.

दिव्या को लगा की कैमरा तो ऑफ है तो उसने ब्लाउज उतार दिया.

मनीष: उतारा मेरी जान.

दिव्या: हाँ उतार दिया.

मनीष: तो अब दिखाओ न.

दिव्या: नहीं कैमरा ऑन नहीं करूंगी.

मनीष: प्लीज् यार सोचो की अपने हस्बैंड को दिखा रही हो और वैसे भी ब्रा तो हैं न.
 
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