desiaks
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रोहित रीमा के पीठ सहलाता हुआ- कोई बात नहीं रीमा चुप हो जाओ, मैंने भी नूतन को एक बार दूर से देखा है नूतन एक जवान खूबसूरत लड़की है और मै शर्त लगाता हूँ उसके स्तन बाकि लडकियों से काफी बड़े होंगे |
रीमा -रोहित..........तुम ऐसा कैसे कह सकते हो ?
रोहित- अब जो सच्चाई है उसे कहने में क्या बुराई है |
शराब के नशे में धुत रीमा के शरीर में एक सिहरन सी दौड़ गयी जब उसे अहसास हुआ की पीठ पर से हाथ फेरते फेरते रोहित का एक हाथ उसकी कमर ने नीचे बेहद निजी वर्जित क्षेत्र में जाकर उसके उठे हुए चिकने गोलाकार गोरे मांसल चुतड पर जम गया है
और उसके बाद रोहित के हाथ ने चुतड पर दबाव बनाकर रीमा की कमर को अपनी तरफ ठेलने लगा |
रीमा ने अपना सर पीछे को हटाया और उसके आंसुओं सी भरी आँखों में एक दहशत सी भर गयी, जब उसे महसूस हुआ की, रोहित के लंड कड़ा होने लगा है,
उसके कोमल शरीर को उसका अहसास साफ साफ़ हो रहा था,उससे चिपकी होने की वजह से वो रोहित के पेंट के अन्दर के तनाव को अपनी नाजुक कमर के निचले हिस्से और केले के तने जैसी चिकनी नरम गुदाज जांघो और चुतड़ो पर महसूस कर रही थी |
रोहित खुद को संयत करता हुआ- कोई बात नहीं रीमा , सब ठीक है मै सब समझता है |
तभी अचानक रीमा को अहसास हुआ की रोहित उसके साथ पिता तुल्य व्यवहार करने की कोशिश कर रहा है, रीमा रोहित से दूर होना चाहती थी लेकिन रोहित ने अपनी सख्त बांहों से जकड रखा था | तभी रीमा को रोहित की नीयत का अहसास हुआ- छोड़ो मुझे रोहित, मुझे जाने दो प्लीज रोहित, मुझे जाने दो | रीमा भयभीत हो गयी, रोहित ने पहले भी कई बार उससे नजदीकियां बढ़ाने की कोशिश की लेकिन कभी इस हद तक नहीं गया | क्या रोहित को मेरे और प्रियम के बारे में पता चल है, इसलिए अपनी भड़ास निकालने आया है, मेरी असलियत का पता चलने के कारन ही अब ये भी मुझे बुरी तरह चोद डालना चाहता है | इसलिए मेरे मना करने के बावजूद रूक नहीं रहा है | यही सोचकर रीमा डर गयी | उसके दिमाग में हाहाकारी तरीके से बुरी तरह चोदने के सीन चलने लगे |
अब क्या होगा, क्या रोहित भी अपने बेटे ही तरह मुझे चोद डालेगा, क्या बाप बेटे दोनों के अपने लंड की प्यास मेरे छेदों में ही बुझाना चाहते है........ वो कंफ्यूज हो गयी, उसके दिमाग कुछ ठीक से सोच ही नहीं पा रहा है, वो बहुत परेशान हो गयी, इस हालत में भी उसकी चूत में हल्की सी वासना के उफान की सनसनाहट सी महसूस हो रही थी, इससे वो इंकार नहीं कर सकती थी, हर बीतते पल के साथ ये सनसनाहट बढती जा रही थी, क्योंकि रोहित अपने एक हाथ से रीमा के उठे हुए चिकने गोलाकार गोरे मांसल चुतड लगातार मसल रहा था और रीमा के शरीर को अपने ऊपर ठेल रहा था|
रीमा अपनी चिकनी नरम गुदाज जांघो और चूतडो के बीच रोहित के बढ़ते, कठोर होते लंड के तनाव को महसूस कर रही थी |
जैसे ही रोहित ने रीमा के ओठो को कसकर चूम लिया, रीमा के मुहँ से हल्की आह निकल गयी, रोहित सख्ती से रीमा के ओठ चूमने लगा और अपनी जीभ रीमा के मुहँ में डाल दी,
एक हाथ से रोहित ने कसकर रीमा को खुद से चिपकाये हुए था जबकि उसका एक हाथ रीमा के भारी गोल मांसल चुतड की लगातार मालिश कर रहा था| रोहित बार बार रीमा की कमर को धक्का लगाकर खुद पर ठेल देता जिससे रोहित का सख्त होकर तन चुके खड़े लंड का उभार रीमा की चिकनी नरम गुदाज जांघो पर पहले से ज्यादा जोर से महसूस होता |
रीमा का दिमाग रोहित को रोकना चाहता था, उसका विरोध करना चाहता था, उसे धकेल कर खुद से दूर करना चाहता था लेकिन उसका दिल उसके साथ नहीं था | पिछले कुछ महीनो से उसके अन्दर जो काम वासना उफान मार रही थी, हर बार की तरह इस बार उसने खुद को रोकने की बिलकुल कोशिश नहीं की | उसकी चेतना का विरोध कमजोर होता जा रहा था | उसे अपनी चूत के अन्दर एक लंड चाहिए था | उसे खून से भरा हुआ, फूला हुआ, गरम, लोहे की राड की सख्त हुए एक तगड़ा लंड अपनी चूत में चहिये था जो उसकी चूत की दीवारों में दहसत पैदा कर दे, अन्दर जाकर चूत का हर कोना चोद दे, जैसे पहले किसी ने उसकी चूत को चोदा न हो | उसे ऐसा लंड अभी चहिये था, भले ही क्यों न वो उसके देवर रोहित का ही हो | उसे अपनी चूत में एक लंड चहिये था और लंड की सबसे ज्यादा जरुरत उसे अभी थी | अपने दिमाग के सारे विरोध, अंतर्विरोध के बाद भी रीमा अपनी जगह से एक इंच भी न हिली, जब रोहित ने उसके कपडे उतारने शुरू कर दिए | रोहित ने उसका टॉप उसके कंधो के उपर से खीचकर उतार दिया | उसके गोरे गोरे सुडौल सामने की तरफ तने हुए ठोस स्तन नुमाया हो गए, जिसके ऊपर तनी हुए सख्त चुचियाँ पूरी तरह से नंगी हो गयी|
रीमा -रोहित..........तुम ऐसा कैसे कह सकते हो ?
रोहित- अब जो सच्चाई है उसे कहने में क्या बुराई है |
शराब के नशे में धुत रीमा के शरीर में एक सिहरन सी दौड़ गयी जब उसे अहसास हुआ की पीठ पर से हाथ फेरते फेरते रोहित का एक हाथ उसकी कमर ने नीचे बेहद निजी वर्जित क्षेत्र में जाकर उसके उठे हुए चिकने गोलाकार गोरे मांसल चुतड पर जम गया है
और उसके बाद रोहित के हाथ ने चुतड पर दबाव बनाकर रीमा की कमर को अपनी तरफ ठेलने लगा |
रीमा ने अपना सर पीछे को हटाया और उसके आंसुओं सी भरी आँखों में एक दहशत सी भर गयी, जब उसे महसूस हुआ की, रोहित के लंड कड़ा होने लगा है,
उसके कोमल शरीर को उसका अहसास साफ साफ़ हो रहा था,उससे चिपकी होने की वजह से वो रोहित के पेंट के अन्दर के तनाव को अपनी नाजुक कमर के निचले हिस्से और केले के तने जैसी चिकनी नरम गुदाज जांघो और चुतड़ो पर महसूस कर रही थी |
रोहित खुद को संयत करता हुआ- कोई बात नहीं रीमा , सब ठीक है मै सब समझता है |
तभी अचानक रीमा को अहसास हुआ की रोहित उसके साथ पिता तुल्य व्यवहार करने की कोशिश कर रहा है, रीमा रोहित से दूर होना चाहती थी लेकिन रोहित ने अपनी सख्त बांहों से जकड रखा था | तभी रीमा को रोहित की नीयत का अहसास हुआ- छोड़ो मुझे रोहित, मुझे जाने दो प्लीज रोहित, मुझे जाने दो | रीमा भयभीत हो गयी, रोहित ने पहले भी कई बार उससे नजदीकियां बढ़ाने की कोशिश की लेकिन कभी इस हद तक नहीं गया | क्या रोहित को मेरे और प्रियम के बारे में पता चल है, इसलिए अपनी भड़ास निकालने आया है, मेरी असलियत का पता चलने के कारन ही अब ये भी मुझे बुरी तरह चोद डालना चाहता है | इसलिए मेरे मना करने के बावजूद रूक नहीं रहा है | यही सोचकर रीमा डर गयी | उसके दिमाग में हाहाकारी तरीके से बुरी तरह चोदने के सीन चलने लगे |
अब क्या होगा, क्या रोहित भी अपने बेटे ही तरह मुझे चोद डालेगा, क्या बाप बेटे दोनों के अपने लंड की प्यास मेरे छेदों में ही बुझाना चाहते है........ वो कंफ्यूज हो गयी, उसके दिमाग कुछ ठीक से सोच ही नहीं पा रहा है, वो बहुत परेशान हो गयी, इस हालत में भी उसकी चूत में हल्की सी वासना के उफान की सनसनाहट सी महसूस हो रही थी, इससे वो इंकार नहीं कर सकती थी, हर बीतते पल के साथ ये सनसनाहट बढती जा रही थी, क्योंकि रोहित अपने एक हाथ से रीमा के उठे हुए चिकने गोलाकार गोरे मांसल चुतड लगातार मसल रहा था और रीमा के शरीर को अपने ऊपर ठेल रहा था|
रीमा अपनी चिकनी नरम गुदाज जांघो और चूतडो के बीच रोहित के बढ़ते, कठोर होते लंड के तनाव को महसूस कर रही थी |
जैसे ही रोहित ने रीमा के ओठो को कसकर चूम लिया, रीमा के मुहँ से हल्की आह निकल गयी, रोहित सख्ती से रीमा के ओठ चूमने लगा और अपनी जीभ रीमा के मुहँ में डाल दी,
एक हाथ से रोहित ने कसकर रीमा को खुद से चिपकाये हुए था जबकि उसका एक हाथ रीमा के भारी गोल मांसल चुतड की लगातार मालिश कर रहा था| रोहित बार बार रीमा की कमर को धक्का लगाकर खुद पर ठेल देता जिससे रोहित का सख्त होकर तन चुके खड़े लंड का उभार रीमा की चिकनी नरम गुदाज जांघो पर पहले से ज्यादा जोर से महसूस होता |
रीमा का दिमाग रोहित को रोकना चाहता था, उसका विरोध करना चाहता था, उसे धकेल कर खुद से दूर करना चाहता था लेकिन उसका दिल उसके साथ नहीं था | पिछले कुछ महीनो से उसके अन्दर जो काम वासना उफान मार रही थी, हर बार की तरह इस बार उसने खुद को रोकने की बिलकुल कोशिश नहीं की | उसकी चेतना का विरोध कमजोर होता जा रहा था | उसे अपनी चूत के अन्दर एक लंड चाहिए था | उसे खून से भरा हुआ, फूला हुआ, गरम, लोहे की राड की सख्त हुए एक तगड़ा लंड अपनी चूत में चहिये था जो उसकी चूत की दीवारों में दहसत पैदा कर दे, अन्दर जाकर चूत का हर कोना चोद दे, जैसे पहले किसी ने उसकी चूत को चोदा न हो | उसे ऐसा लंड अभी चहिये था, भले ही क्यों न वो उसके देवर रोहित का ही हो | उसे अपनी चूत में एक लंड चहिये था और लंड की सबसे ज्यादा जरुरत उसे अभी थी | अपने दिमाग के सारे विरोध, अंतर्विरोध के बाद भी रीमा अपनी जगह से एक इंच भी न हिली, जब रोहित ने उसके कपडे उतारने शुरू कर दिए | रोहित ने उसका टॉप उसके कंधो के उपर से खीचकर उतार दिया | उसके गोरे गोरे सुडौल सामने की तरफ तने हुए ठोस स्तन नुमाया हो गए, जिसके ऊपर तनी हुए सख्त चुचियाँ पूरी तरह से नंगी हो गयी|