desiaks
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इससे पहले वह लड़का के बढ़ता जग्गू ने खड़े होकर गान तान दी - भोसड़ी वालो कोई आगे बढ़ा तो यही लाशे बिछा दूंगा | यही तो वो चाहती है | आज पहले मै रीमा को चोदुंगा चाहे उसके लिए तुमारी लाश पर से ही क्यों न गुजरना पड़े | जग्गू के तेवर देखकर अब सच में दोनों लड़कों की फट के हाथ में आ गई | उन्हें लगा कही सच में ही न गोली मार दे | वो पीछे हट गए | रीमा की लग की उसकी सारी मेहनत बेकार हो गयी | अब तो सचमुच में रीमा की आँखों में आंसू आ गए | जग्गू के तेवर देख रीमा समझ गयी अब जग्गू से बचना मुश्किल ही नहीं नामुनकिन है | उसे पता था अगर जग्गू ने उसे चोद दिया तो तो जिंदगी भर अपनी आँखों में आंखे डाल कर सीना चौड़ा करके नहीं जी पायेगी | अब उसे समझ नहीं आ रहा था आखिर वो क्या करे, उसके अन्दर का दर्द, बेबसी पीड़ा आंसू बनकर बहने लगा था और उन्हें वो रोक पाने में पूरी तरह असमर्थ थी |
उसके चेहरे के आंसू देखकर जग्गू ने अट्टहास किया - क्यों निकल गयी सारी हेकड़ी रीमा मैडम | उस दिन मुझे जरा सी गलती क्या हुई थी आपने तो मेरी गांड का भर्ता बना दिया था | आज आप कितने भी घड़ियाली आंसू बहावो, कितन भी मेरे पांव पड़ो, मिन्नतें करो लेकिन आज तो मै तुमारे साथ वही करूंगा जो सोचकर आया हूँ | चुपचाप चुदवा लो नहीं तो तड़प तड़प कर चुदोगी |
रीमा का पीला निराश चेहरा देख जग्गू अपना लंड हिलाता हुआ - स्वागत नहीं करोगी मेरे लंड का |
रीमा को लगा अब सबकुछ जग्गू के हाथ में है, एक बार माफ़ी मांगना जिंदगी भर की जिल्लत ढोने से तो अच्छा हो है |
रीमा - जग्गू ठीक है मुझसे गलती हो गई मुझे इतना ज्यादा तुम पर अत्याचार नहीं करना चाहिए था लेकिन गलती हर इंसान से होती है गलती माफी तो की जा सकती है प्लीज मुझे माफ कर दो |
जग्गू हैरान सा होकर अट्टहास भरने लगा - साला कितनी मादरचोद चूत है तू साली कुतिया, जब कुछ नहीं सूझ रहा तो मुझे माफ़ी पर ज्ञान चोद रही है | मेरी डिक्शनरी से माफ़ी शब्द उसी दिन गायब हो गया था जब तू बेरहमी से मेरी गांड के चीथड़े उड़ा रही थी | तुझे लगता है तूने जो मेरे साथ किया उसके बाद मै तुझे माफ़ कर दूंगा | तू भोसड़ी वाली अब कितन भी रो, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता |
रीमा अब रुआंसी हो आई, रुंधे गले से रुआंसी होकर - प्लीज मुझे माफ कर दो और जग्गू प्लीज मुझे माफ कर दो मुझसे गलती हो गई आगे से ऐसा कुछ नहीं करूंगी और तुम्हारा लंड भी चूस दूंगी |
जग्गू को रीमा की पीड़ा से बहुत सुख मिल रहा था | उसका अट्टहास सुनकर रीमा समझ गयी अब बहुत देर हो चुकी है |
जग्गू रीमा के नंगे बदन के पास आ गया | उसके खूबसूरत बदन की गर्मी और गंध को सूंघ कर मदहोश होने लगा |
जग्गू - साला ऐसी मादक गंध निकलती है इस हरामन कुतिया के बदन से की पास आते ही मदहोशी सी छाने लगती है | आदमी इस गंध में डूबकर पागल सा हो जाये | ऐसी कौन सी गंध छोड़ती है चूत से की मुर्दे का लंड भी सीधा हो जाये |
इतना कहकर उसने रीमा के गोर मांसल चूतड़ पर एक जोरदार चमाट मारी | रीमा के मुहँ से चीख निकल गयी | जग्गू का पूरा का पूरा हाथ रीमा के चूतड़ पर छप गया |
रीमा जग्गू से गिडगिडाने लगी - पप्लीज जग्गू मै तेरा लंड चूस दूँगी | अगर तू चाहेगा तो हर हफ्ते चूस दिया करूंगी |
जग्गू - अब आई न चूत लंड के नीचे, साला चूत कितनी भी हरामी हो लंड से आगे थोड़े न जा पायेगी | अब समझ में आया न लंड की ताकत और औकात कितनी होती है | अब तेरी भलाई इसी में है चुपचाप चुदवा ले वर्ना चीखे निकाल कर चोदना भी मुझे आता है |
रीमा - देख जग्गू मै मानती हूँ मुझे गलती हुई है मुझे माफ़ कर दे | अगर तू मुझे चोदना ही चाहता है तो ठीक है चोद ले, लेकिन ऐसे खड़े खड़े कैसे तू मेरी चूत चोद पायेगा | मेरे हाथ खोल दे मै आराम से जमीं पर लेट जाऊँगी | फिर मुझे हचक हचक कर छोड़ लेना | तुझे भी बहुत मजा आएगा | इससे ज्यादा मै तेर लिए कुछ नहीं कर सकती |
अब तक उछाले मार रहा जग्गू का अहंकार रीमा के झुकाते ही कुछ नरम पड़ा |
लड़का भी बोल उठा - पता नहो बॉस आपकी मैडम से इतना फटती क्यों है मैडम सही तो कह रही है | साला हम तीन लोग है और ये अकेली , ऊपर से हमारे पास गन भी है ये क्या उखाड़ लेगी हमारा | लिटाओ इसकी जमीं पर उलटा पेट के बल फिर जब इसके गद्देदार चुताड़ो पर ठोकर मारोगे तो सीधे जन्नत की सैर करोगे |
जग्गू को लगा लड़का सही कह रहा है | साला ऐसे खड़े खड़े चोदने में मजा न आएगा | लेकिन जग्गू के अन्दर का डर अभी भी इसके लिए राजी नहीं था |
जग्गू - ठीक है इसे जमीं पर लिटा देना, लेकिन इसकी चूत का सुभारम्भ कर लेने दो एक बार, एक बार इसकी चूत में लंड घुसा दू, इसको चोदने की शुरुआत तो मै ऐसे खड़े खड़े ही करूंगा | फिर तुम लोग इसके हाथ खोलकर इसे जमीं पर लिटा देना |
लड़का बोलो - आप एक नंबर के फट्टू हो, आपकी फटती बहुत है इसी वजह से अब तक आप मैडम की चूत में लंड नहीं घुसा पाए हो | इतना फट्टू पण न होता आपके अन्दर तो अब तक रीमा मैडम की चूत में दो राउंड की चुदाई कर चुके होते और तीसरे चक्कर के लिए अपना लंड चुसवा रहे होते |
जग्गू को लड़के की बातो से जोश आ गया | जग्गू रीमा के सामने आ गया, उसके दोनों स्तनों को हाथो में भर लिया और बारी बारी से उसके स्तनाग्र को अपने मुहँ में भरकर चूसने लगा |
रीमा ने अपनी आंखे बंद कर ली | वो अपने अन्दर इस अपमान की पीड़ा को बर्दाश्त करने की हिम्मत जुटाने लगी | जिस सख्स की वो शक्ल नहीं देखन चाहती थी वो उसके स्तनों का पान कर रहा हिया उर कुछ देर में उसकी मखमली चूत में अपना लंड घुसेड़ने वाला है | ये सोचकर ही रीमा को अन्दर तक घिन आ गयी | रीमा को ये सब बहुत ही बुरा लग रहा था लेकिन अब वो कर भी क्या सकती थी | उसने स्तनों को मुहँ से चुसना जारी रखा और अपने दोनों हाथ रीमा के चुताड़ो पर जमा दिए | उसने अपने तने हुए खड़े लंड को रीमा की जांघो के बीच घुसेड़ दिया और उसके चुताड़ो को अपनी तरफ ठेल कर उसके बदन को अपने बदन से चिपकाने लगा | बार बार रीम एके चुताड़ो की पकड़ कर उसकी कमर को अपनी तरफ ठेलता, जिससे रीमा की जांघो में बीच फंसा उसका लंड रीमा के चूत के ओंठो की मालिश करता हुआ आगे पीछे हो रहा था | रीमा के लिए ये सब बर्दाश्त से बाहर था लेकिन रीमा कुछ भी नहीं कर सकती थी |
जग्गू - मजा आ रहा है रीमा मैडम, मेरा लंड आपके चूत के ओंठो की मसाज कर रहा है | कभी सोचा था आपने मै आपको इस तरह से चोदुंगा | मैने तो आपके नाम से न जाने कितनी बार मुठ मारी है |
रीमा - मै थक गयी हूँ ऐसे खड़े खड़े, मेरे पांव दुखने लगे है | ऐसे खड़े खड़े मुझे चोदकर तुझे क्या मिलेगा | आराम से लिटाकर चोद, औरत को लिटाकर चोदने का मजा ही कुछ और है | रीमा की आँखे आसुओं से गीली थी, फिर भी उसका मन हार मानने को तैयार नहीं था |
उसके चेहरे के आंसू देखकर जग्गू ने अट्टहास किया - क्यों निकल गयी सारी हेकड़ी रीमा मैडम | उस दिन मुझे जरा सी गलती क्या हुई थी आपने तो मेरी गांड का भर्ता बना दिया था | आज आप कितने भी घड़ियाली आंसू बहावो, कितन भी मेरे पांव पड़ो, मिन्नतें करो लेकिन आज तो मै तुमारे साथ वही करूंगा जो सोचकर आया हूँ | चुपचाप चुदवा लो नहीं तो तड़प तड़प कर चुदोगी |
रीमा का पीला निराश चेहरा देख जग्गू अपना लंड हिलाता हुआ - स्वागत नहीं करोगी मेरे लंड का |
रीमा को लगा अब सबकुछ जग्गू के हाथ में है, एक बार माफ़ी मांगना जिंदगी भर की जिल्लत ढोने से तो अच्छा हो है |
रीमा - जग्गू ठीक है मुझसे गलती हो गई मुझे इतना ज्यादा तुम पर अत्याचार नहीं करना चाहिए था लेकिन गलती हर इंसान से होती है गलती माफी तो की जा सकती है प्लीज मुझे माफ कर दो |
जग्गू हैरान सा होकर अट्टहास भरने लगा - साला कितनी मादरचोद चूत है तू साली कुतिया, जब कुछ नहीं सूझ रहा तो मुझे माफ़ी पर ज्ञान चोद रही है | मेरी डिक्शनरी से माफ़ी शब्द उसी दिन गायब हो गया था जब तू बेरहमी से मेरी गांड के चीथड़े उड़ा रही थी | तुझे लगता है तूने जो मेरे साथ किया उसके बाद मै तुझे माफ़ कर दूंगा | तू भोसड़ी वाली अब कितन भी रो, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता |
रीमा अब रुआंसी हो आई, रुंधे गले से रुआंसी होकर - प्लीज मुझे माफ कर दो और जग्गू प्लीज मुझे माफ कर दो मुझसे गलती हो गई आगे से ऐसा कुछ नहीं करूंगी और तुम्हारा लंड भी चूस दूंगी |
जग्गू को रीमा की पीड़ा से बहुत सुख मिल रहा था | उसका अट्टहास सुनकर रीमा समझ गयी अब बहुत देर हो चुकी है |
जग्गू रीमा के नंगे बदन के पास आ गया | उसके खूबसूरत बदन की गर्मी और गंध को सूंघ कर मदहोश होने लगा |
जग्गू - साला ऐसी मादक गंध निकलती है इस हरामन कुतिया के बदन से की पास आते ही मदहोशी सी छाने लगती है | आदमी इस गंध में डूबकर पागल सा हो जाये | ऐसी कौन सी गंध छोड़ती है चूत से की मुर्दे का लंड भी सीधा हो जाये |
इतना कहकर उसने रीमा के गोर मांसल चूतड़ पर एक जोरदार चमाट मारी | रीमा के मुहँ से चीख निकल गयी | जग्गू का पूरा का पूरा हाथ रीमा के चूतड़ पर छप गया |
रीमा जग्गू से गिडगिडाने लगी - पप्लीज जग्गू मै तेरा लंड चूस दूँगी | अगर तू चाहेगा तो हर हफ्ते चूस दिया करूंगी |
जग्गू - अब आई न चूत लंड के नीचे, साला चूत कितनी भी हरामी हो लंड से आगे थोड़े न जा पायेगी | अब समझ में आया न लंड की ताकत और औकात कितनी होती है | अब तेरी भलाई इसी में है चुपचाप चुदवा ले वर्ना चीखे निकाल कर चोदना भी मुझे आता है |
रीमा - देख जग्गू मै मानती हूँ मुझे गलती हुई है मुझे माफ़ कर दे | अगर तू मुझे चोदना ही चाहता है तो ठीक है चोद ले, लेकिन ऐसे खड़े खड़े कैसे तू मेरी चूत चोद पायेगा | मेरे हाथ खोल दे मै आराम से जमीं पर लेट जाऊँगी | फिर मुझे हचक हचक कर छोड़ लेना | तुझे भी बहुत मजा आएगा | इससे ज्यादा मै तेर लिए कुछ नहीं कर सकती |
अब तक उछाले मार रहा जग्गू का अहंकार रीमा के झुकाते ही कुछ नरम पड़ा |
लड़का भी बोल उठा - पता नहो बॉस आपकी मैडम से इतना फटती क्यों है मैडम सही तो कह रही है | साला हम तीन लोग है और ये अकेली , ऊपर से हमारे पास गन भी है ये क्या उखाड़ लेगी हमारा | लिटाओ इसकी जमीं पर उलटा पेट के बल फिर जब इसके गद्देदार चुताड़ो पर ठोकर मारोगे तो सीधे जन्नत की सैर करोगे |
जग्गू को लगा लड़का सही कह रहा है | साला ऐसे खड़े खड़े चोदने में मजा न आएगा | लेकिन जग्गू के अन्दर का डर अभी भी इसके लिए राजी नहीं था |
जग्गू - ठीक है इसे जमीं पर लिटा देना, लेकिन इसकी चूत का सुभारम्भ कर लेने दो एक बार, एक बार इसकी चूत में लंड घुसा दू, इसको चोदने की शुरुआत तो मै ऐसे खड़े खड़े ही करूंगा | फिर तुम लोग इसके हाथ खोलकर इसे जमीं पर लिटा देना |
लड़का बोलो - आप एक नंबर के फट्टू हो, आपकी फटती बहुत है इसी वजह से अब तक आप मैडम की चूत में लंड नहीं घुसा पाए हो | इतना फट्टू पण न होता आपके अन्दर तो अब तक रीमा मैडम की चूत में दो राउंड की चुदाई कर चुके होते और तीसरे चक्कर के लिए अपना लंड चुसवा रहे होते |
जग्गू को लड़के की बातो से जोश आ गया | जग्गू रीमा के सामने आ गया, उसके दोनों स्तनों को हाथो में भर लिया और बारी बारी से उसके स्तनाग्र को अपने मुहँ में भरकर चूसने लगा |
रीमा ने अपनी आंखे बंद कर ली | वो अपने अन्दर इस अपमान की पीड़ा को बर्दाश्त करने की हिम्मत जुटाने लगी | जिस सख्स की वो शक्ल नहीं देखन चाहती थी वो उसके स्तनों का पान कर रहा हिया उर कुछ देर में उसकी मखमली चूत में अपना लंड घुसेड़ने वाला है | ये सोचकर ही रीमा को अन्दर तक घिन आ गयी | रीमा को ये सब बहुत ही बुरा लग रहा था लेकिन अब वो कर भी क्या सकती थी | उसने स्तनों को मुहँ से चुसना जारी रखा और अपने दोनों हाथ रीमा के चुताड़ो पर जमा दिए | उसने अपने तने हुए खड़े लंड को रीमा की जांघो के बीच घुसेड़ दिया और उसके चुताड़ो को अपनी तरफ ठेल कर उसके बदन को अपने बदन से चिपकाने लगा | बार बार रीम एके चुताड़ो की पकड़ कर उसकी कमर को अपनी तरफ ठेलता, जिससे रीमा की जांघो में बीच फंसा उसका लंड रीमा के चूत के ओंठो की मालिश करता हुआ आगे पीछे हो रहा था | रीमा के लिए ये सब बर्दाश्त से बाहर था लेकिन रीमा कुछ भी नहीं कर सकती थी |
जग्गू - मजा आ रहा है रीमा मैडम, मेरा लंड आपके चूत के ओंठो की मसाज कर रहा है | कभी सोचा था आपने मै आपको इस तरह से चोदुंगा | मैने तो आपके नाम से न जाने कितनी बार मुठ मारी है |
रीमा - मै थक गयी हूँ ऐसे खड़े खड़े, मेरे पांव दुखने लगे है | ऐसे खड़े खड़े मुझे चोदकर तुझे क्या मिलेगा | आराम से लिटाकर चोद, औरत को लिटाकर चोदने का मजा ही कुछ और है | रीमा की आँखे आसुओं से गीली थी, फिर भी उसका मन हार मानने को तैयार नहीं था |