desiaks
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अपने बारे में सोचते सोचते मैं उन दोनों के बारे में भूल गयी जो वहा लगे पड़े थे। सैंड्रा अब दहाड़े मारते हुए चीख रही थी क्यों कि राहुल अब जानवरो की तरह उसे चोदते हुए उसको सबक सीखा रहा था। मेरा दिल दहल उठा उसका ये वहशी रूप देख कर। जोसफ का लंड जरूर जानवरो जैसा हैं पर उसने चुदाई इंसानो की तरह ही की थी।
शायद हर मर्द अपनी भड़ास औरतो की चूत पर ही निकालता हैं। ये राहुल क्या कभी मुझ पर भी इसी तरह जानवरो की तरह भड़ास निकालेगा। सैंड्रा को तो फिर भी जोसफ की आदत हैं वो सहन कर लेगी, पर मैं कैसे करुँगी। एक तरफ सैंड्रा की चीखें तो दूसरी राहुल के धक्को से ठाक ठाक की आवाजे तीव्र गति से ऊँची आवाजे। एक डरावना माहौल हो चूका था
मेरी चूत में किसी ने चींटिया छोड़ दी हो वैसा लगने लगा। ध्यान देने वाली बात थी सैंड्रा दर्द से चीख रही थी फिर भी राहुल को भड़काते हुए और जोर से करने को बोल रही थी। वो क्यों अपने पैरो पर पत्थर मार रही थी समझ नहीं आया, कुछ औरतो के अरमान बहुत ज्यादा ही जंगली होते हैं।
एक सामान्य आदमी इतनी देर में थक कर रुक जाता पर राहुल की गति में बिलकुल बदलाव नहीं आया। ऐ.सी. चालू होने के बावजूद राहुल के पसीना बहने लगा था। वो तो जैसे जिम में था और सैंड्रा कोई कसरत करने की मशीन थी। मैं अब राहुल की परफेक्ट शेप वाली गांड और जाँघे देख रही थी।
उसकी सारी मसल्स चोदने में लगी शक्ति से अकड़ कर फुल गयी थी। अब मेरी खुद की चुदने की इच्छा होने लगी थी, पिछली बार सैंड्रा को जोसफ के साथ करते देख मैंने अपने हाथों से अपना कर लिया था पर यहाँ तो मैं कही जा भी नहीं सकती थी सैंड्रा ने मना किया था।
थोडी देर इसी तरह चोदने के बाद राहुल ने सैंड्रा चोदना बंद कर उसी टेबल पर उल्टा लेटा दिया और उसके पाँव नीचे जमीन पर सीधे खड़े थे।
राहुल उसकी गांड के पीछे खड़ा हुआ और अपने एक हाथ से उसकी गांड को चौड़ा किया और दूसरे हाथ से अपना लंड पकड़ कर उसकी चूत में गुसा दिया , लंड ज्यादा बिना परेशानी के बड़ी आसानी से अंदर चला गया था और राहुल ने अगले ही क्षण वापिस निकाल दिया।
उसको कुछ सुझा और उसने अपना लंड सैंड्रा की गांड के छेद में घुसाने की कोशिश की। मगर लंड की टोपी से ज्यादा अंदर जा ही नहीं पाया।
सैंड्रा एकदम चीखी और पीछे डालने से उसको मना किया । मुझे याद आया पीछे का छेद तो उसने जैक के लिए सुरक्षित रखा हुआ हैं ताकि किसी मोटे लंड से जैक वाला छेद चौड़ा ना हो जाये।
वैसे भी राहुल का लंड अभी गुस्से से फूलकर कुछ ज्यादा ही मोटा लग रहा था, सैंड्रा का छेद उसे सहन नहीं कर पायेगा। राहुल जबरदस्ती उसके गांड के छेद को भेदने की कोशिश कर रहा था और सैंड्रा अपना हाथ पीछे ले जाकर उसको रोक रही थी। राहुल ने सैंड्रा की पतली कलाइयों को पकड़ा और उसकी कमर पर रख अपने एक हाथ से दबोच लिया।
राहुल ने अब फिर अपना पूरा जोर लगा अपना लंड सैंड्रा की चूत में घुसाना शुरू किया और वो थोड़ा थोड़ा अंदर जाने लगा, मगर अब सैंड्रा के चीखे सबसे तेज थी, वो दर्द की चीखे थी ये पक्का था। मुझे उस पर दया आने लगी, राहुल को उस पर ऐसा जुल्म नहीं करना चाहिए था, भले ही उसने हमारे साथ कुछ भी किया हो।
सैंड्रा अपने जाल में खुद फंस चुकी थी और तड़प रही थी। दूसरी तरफ राहुल दो इंच से ज्यादा अपना लंड उसकी गाड में नहीं डाल पा रहा था। वो जितना जोर लगाता सैंड्रा उतना चीखती। राहुल से अब और अंदर नहीं डाल पा रहा था तो उसने मेरी तरफ देखा और मदद मांगी ।
राहुल:”प्रतिमा, तुम इस छिनल की गांड पकड़ कर चौड़ी करो मैं इसमें और अंदर डालता हूँ। ”
मैं सैंड्रा की हालत देख बिलकुल नहीं हिली, इस पर राहुल मुझ पर चिल्लाया।
राहुल: “करो ना, इसने हमारे साथ क्या किया नहीं पता क्या।”
मैं सहम कर पूरा हिल गयी। मैंने आगे बढ़ कर अपने दोनों हाथ सैंड्रा की गांड के दोनों हिस्सों पर रखे। उसकी गांड मेमोरी फोम की तरह नाजुक और मुलायम थी।
मैंने दबा के उसके गांड के दोनों हिस्सों को एक दूसरे से दूर कर उसकी दरार को चौड़ा किया। बड़ी आसानी से उसकी दरार खुल गयी और मैंने उसकी गांड का गुलाबी छेद देखा जो पूरी तरह से राहुल के मोटे लंड से भर कर फंसा हुआ था।
मैं जैसी ही दरार खोली तो राहुल का लंड खिसकता हुए थोड़ा और अंदर गया और साथ ही सैंड्रा जोर से चीखी।
राहुल ने मुझे और जोर लगा के गांड चौड़ी करने को कहा और मैंने मन मार कर अपना जोर लगाया और साथ ही साथ राहुल ने भी और एकदम से उसका लंड एक इंच एक साथ अंदर घुस गया और पीछे से सैंड्रा की दहाड़।
मैं ऐसे ही पकड़े खड़ी रही और अब राहुल थोड़ा बहुत आगे पीछे हो धक्के मारने लगा। उसका लंड अटक अटक कर सैंड्रा की गांड चोदने लगा। सैंड्रा अब लगभग रोते हुए चीख रही थी।
थोड़ देर में ही राहुल का लंड अब सैंड्रा की गांड को गीला कर चूका था तो ज्यादा आराम से आगे पीछे हो चोदने लगा। जिससे सैंड्रा की चीखे थोड़ी कम हो गयी और मैंने उसकी गांड को छोड़ दिया। राहुल अब भी जोर जोर से सैंड्रा की गांड पर चोट मार रहा था जिससे ठाप ठाप ठाप की आवाज आने लगी। राहुल इस बीच हिंदी में उसको गालियां देते हुए गुस्सा निकाल रहा था।
स्साली सफ़ेद चुड़ैल, बड़ा शौक था मुझसे चुदाने का अब ले। आज तेरी ऐसी गांड फाड़ूंगा कि दस दिन तक चुदाना तो दूर चल भी नहीं पाएगी।
राहुल के मुँह से पहली बार ऐसी भाषा सुन मैं शर्मिंदा हो गयी। उससे मुझे ये सब उम्मीद नहीं थी। शायद वो अपने साथ मेरा भी बदला सैंड्रा से निकाल रहा था।
सैंड्रा: “आअह्ह, क्या बोल रहा हैं दूसरी भाषा में, अहहह, गाली दे रहा हैं !”
राहुल: “नहीं, तुम्हारे फिगर की तारीफ़ कर रहा हूँ। ”
सैंड्रा : “प्रतिमा, अब तुम कल देखो, मैं तुम्हारी क्या हालत करवाती हूँ जोसफ से। राहुल की वजह से मैं दस दिन लंगड़ा के चलूंगी तो तुम जोसफ की वजह से एक महीना लंगड़ा के चलोगी। तुम्ही ने मेरी गांड पकड़ कर चौड़ी की थी ना।”
मैं अब थर थर कांपने लगी, मुझे तो उस पर दया आ रही थी, पर राहुल की वजह से मैं खुद अब फंस चुकी थी। कल तो जोसफ मेरी जान ही निकाल देगा। सैंड्रा ने कभी जोसफ का जानवर अपनी गांड में नहीं लिया, वो अब मेरी गांड में डलवायेगी ! इसके लिए तो दुनिया का कोई भी जैल लुब्रीकेंट नहीं बना हैं।
राहुल: “उसके साथ कुछ मत करना, उसको मैंने ही करने को बोला हैं। तुम वादा करो कल इसे ज्यादा परेशान नहीं करोगी तो मैं तुम्हे अभी छोड़ देता हूँ। तुम्हे लंगड़ा के नहीं चलना पड़ेगा। ”
सैंड्रा: “ठीक हैं छोडो मुझे। ”
राहुल ने उसे छोड़ दिया। सैंड्रा अब खड़ी हो गयी। उसका लुका पीटा चेहरा बता रहा था उसकी क्या हालत हुई थी। मैंने उसको भोली शकल बनाते हुए सॉरी कहा।
सैंड्रा : “कोई बात नहीं, इसमें तुम्हारी गलती नहीं। आओ राहुल ।”
ये कहते हुए उसने राहुल को सोफे पर बैठाया, और खुद उसकी गोद में दोनों तरफ पाँव चौड़े कर बैठ गयी। और उसका लंड अपनी चूत में घुसा दिया। सोफे का सहारा ले उसने ऊपर नीचे जोर जोर से उछलते हुए राहुल को चोदना शुरू कर दिया। ये नजारा दर्दनाक नहीं था पर प्यारा था। दोनों की मजे के मारे आहें निकलने लगी।
उनकी वो क्रिया और आवाजे सुन मेरे पुरे बदन में जैसे नशा चढ़ने लगा। मुझसे कण्ट्रोल नहीं हो रहा था मेरी पैंटी काफी गीली हो चुकी थी। मैं बाथरूम में जाने लगी पर सैंड्रा ने देख रोक लिया।
सैंड्रा : “जब तक हमारा पूरा ना हो, तुम जा नहीं सकती। ”
मैं: “मुझे वाशरूम जाना हैं, अर्जेंट। ”
सैंड्रा : “मुझे पता हैं क्यों जाना हैं , शर्माओ मत , ये नेचुरल हैं। जो भी करना हैं यही कर लो। ”
उसकी बातें सुन मैं शरमा गयी। खड़ी हो तड़पती रही। उन लोगो ने चोदना जारी रखा।
आह्ह आह्ह ऊह्ह्ह ऊह्ह्ह उम्म आह्ह आह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह हम्म्म्म
राहुल के लंड पर फिसलती सैंड्रा की चूत का नजारा मैं देख देख कर अपने को रोक नहीं पा रही थी। राहुल से शर्म भी आ रही थी। मेरे सब्र का बांध अब टूटने लगा था।
शायद हर मर्द अपनी भड़ास औरतो की चूत पर ही निकालता हैं। ये राहुल क्या कभी मुझ पर भी इसी तरह जानवरो की तरह भड़ास निकालेगा। सैंड्रा को तो फिर भी जोसफ की आदत हैं वो सहन कर लेगी, पर मैं कैसे करुँगी। एक तरफ सैंड्रा की चीखें तो दूसरी राहुल के धक्को से ठाक ठाक की आवाजे तीव्र गति से ऊँची आवाजे। एक डरावना माहौल हो चूका था
मेरी चूत में किसी ने चींटिया छोड़ दी हो वैसा लगने लगा। ध्यान देने वाली बात थी सैंड्रा दर्द से चीख रही थी फिर भी राहुल को भड़काते हुए और जोर से करने को बोल रही थी। वो क्यों अपने पैरो पर पत्थर मार रही थी समझ नहीं आया, कुछ औरतो के अरमान बहुत ज्यादा ही जंगली होते हैं।
एक सामान्य आदमी इतनी देर में थक कर रुक जाता पर राहुल की गति में बिलकुल बदलाव नहीं आया। ऐ.सी. चालू होने के बावजूद राहुल के पसीना बहने लगा था। वो तो जैसे जिम में था और सैंड्रा कोई कसरत करने की मशीन थी। मैं अब राहुल की परफेक्ट शेप वाली गांड और जाँघे देख रही थी।
उसकी सारी मसल्स चोदने में लगी शक्ति से अकड़ कर फुल गयी थी। अब मेरी खुद की चुदने की इच्छा होने लगी थी, पिछली बार सैंड्रा को जोसफ के साथ करते देख मैंने अपने हाथों से अपना कर लिया था पर यहाँ तो मैं कही जा भी नहीं सकती थी सैंड्रा ने मना किया था।
थोडी देर इसी तरह चोदने के बाद राहुल ने सैंड्रा चोदना बंद कर उसी टेबल पर उल्टा लेटा दिया और उसके पाँव नीचे जमीन पर सीधे खड़े थे।
राहुल उसकी गांड के पीछे खड़ा हुआ और अपने एक हाथ से उसकी गांड को चौड़ा किया और दूसरे हाथ से अपना लंड पकड़ कर उसकी चूत में गुसा दिया , लंड ज्यादा बिना परेशानी के बड़ी आसानी से अंदर चला गया था और राहुल ने अगले ही क्षण वापिस निकाल दिया।
उसको कुछ सुझा और उसने अपना लंड सैंड्रा की गांड के छेद में घुसाने की कोशिश की। मगर लंड की टोपी से ज्यादा अंदर जा ही नहीं पाया।
सैंड्रा एकदम चीखी और पीछे डालने से उसको मना किया । मुझे याद आया पीछे का छेद तो उसने जैक के लिए सुरक्षित रखा हुआ हैं ताकि किसी मोटे लंड से जैक वाला छेद चौड़ा ना हो जाये।
वैसे भी राहुल का लंड अभी गुस्से से फूलकर कुछ ज्यादा ही मोटा लग रहा था, सैंड्रा का छेद उसे सहन नहीं कर पायेगा। राहुल जबरदस्ती उसके गांड के छेद को भेदने की कोशिश कर रहा था और सैंड्रा अपना हाथ पीछे ले जाकर उसको रोक रही थी। राहुल ने सैंड्रा की पतली कलाइयों को पकड़ा और उसकी कमर पर रख अपने एक हाथ से दबोच लिया।
राहुल ने अब फिर अपना पूरा जोर लगा अपना लंड सैंड्रा की चूत में घुसाना शुरू किया और वो थोड़ा थोड़ा अंदर जाने लगा, मगर अब सैंड्रा के चीखे सबसे तेज थी, वो दर्द की चीखे थी ये पक्का था। मुझे उस पर दया आने लगी, राहुल को उस पर ऐसा जुल्म नहीं करना चाहिए था, भले ही उसने हमारे साथ कुछ भी किया हो।
सैंड्रा अपने जाल में खुद फंस चुकी थी और तड़प रही थी। दूसरी तरफ राहुल दो इंच से ज्यादा अपना लंड उसकी गाड में नहीं डाल पा रहा था। वो जितना जोर लगाता सैंड्रा उतना चीखती। राहुल से अब और अंदर नहीं डाल पा रहा था तो उसने मेरी तरफ देखा और मदद मांगी ।
राहुल:”प्रतिमा, तुम इस छिनल की गांड पकड़ कर चौड़ी करो मैं इसमें और अंदर डालता हूँ। ”
मैं सैंड्रा की हालत देख बिलकुल नहीं हिली, इस पर राहुल मुझ पर चिल्लाया।
राहुल: “करो ना, इसने हमारे साथ क्या किया नहीं पता क्या।”
मैं सहम कर पूरा हिल गयी। मैंने आगे बढ़ कर अपने दोनों हाथ सैंड्रा की गांड के दोनों हिस्सों पर रखे। उसकी गांड मेमोरी फोम की तरह नाजुक और मुलायम थी।
मैंने दबा के उसके गांड के दोनों हिस्सों को एक दूसरे से दूर कर उसकी दरार को चौड़ा किया। बड़ी आसानी से उसकी दरार खुल गयी और मैंने उसकी गांड का गुलाबी छेद देखा जो पूरी तरह से राहुल के मोटे लंड से भर कर फंसा हुआ था।
मैं जैसी ही दरार खोली तो राहुल का लंड खिसकता हुए थोड़ा और अंदर गया और साथ ही सैंड्रा जोर से चीखी।
राहुल ने मुझे और जोर लगा के गांड चौड़ी करने को कहा और मैंने मन मार कर अपना जोर लगाया और साथ ही साथ राहुल ने भी और एकदम से उसका लंड एक इंच एक साथ अंदर घुस गया और पीछे से सैंड्रा की दहाड़।
मैं ऐसे ही पकड़े खड़ी रही और अब राहुल थोड़ा बहुत आगे पीछे हो धक्के मारने लगा। उसका लंड अटक अटक कर सैंड्रा की गांड चोदने लगा। सैंड्रा अब लगभग रोते हुए चीख रही थी।
थोड़ देर में ही राहुल का लंड अब सैंड्रा की गांड को गीला कर चूका था तो ज्यादा आराम से आगे पीछे हो चोदने लगा। जिससे सैंड्रा की चीखे थोड़ी कम हो गयी और मैंने उसकी गांड को छोड़ दिया। राहुल अब भी जोर जोर से सैंड्रा की गांड पर चोट मार रहा था जिससे ठाप ठाप ठाप की आवाज आने लगी। राहुल इस बीच हिंदी में उसको गालियां देते हुए गुस्सा निकाल रहा था।
स्साली सफ़ेद चुड़ैल, बड़ा शौक था मुझसे चुदाने का अब ले। आज तेरी ऐसी गांड फाड़ूंगा कि दस दिन तक चुदाना तो दूर चल भी नहीं पाएगी।
राहुल के मुँह से पहली बार ऐसी भाषा सुन मैं शर्मिंदा हो गयी। उससे मुझे ये सब उम्मीद नहीं थी। शायद वो अपने साथ मेरा भी बदला सैंड्रा से निकाल रहा था।
सैंड्रा: “आअह्ह, क्या बोल रहा हैं दूसरी भाषा में, अहहह, गाली दे रहा हैं !”
राहुल: “नहीं, तुम्हारे फिगर की तारीफ़ कर रहा हूँ। ”
सैंड्रा : “प्रतिमा, अब तुम कल देखो, मैं तुम्हारी क्या हालत करवाती हूँ जोसफ से। राहुल की वजह से मैं दस दिन लंगड़ा के चलूंगी तो तुम जोसफ की वजह से एक महीना लंगड़ा के चलोगी। तुम्ही ने मेरी गांड पकड़ कर चौड़ी की थी ना।”
मैं अब थर थर कांपने लगी, मुझे तो उस पर दया आ रही थी, पर राहुल की वजह से मैं खुद अब फंस चुकी थी। कल तो जोसफ मेरी जान ही निकाल देगा। सैंड्रा ने कभी जोसफ का जानवर अपनी गांड में नहीं लिया, वो अब मेरी गांड में डलवायेगी ! इसके लिए तो दुनिया का कोई भी जैल लुब्रीकेंट नहीं बना हैं।
राहुल: “उसके साथ कुछ मत करना, उसको मैंने ही करने को बोला हैं। तुम वादा करो कल इसे ज्यादा परेशान नहीं करोगी तो मैं तुम्हे अभी छोड़ देता हूँ। तुम्हे लंगड़ा के नहीं चलना पड़ेगा। ”
सैंड्रा: “ठीक हैं छोडो मुझे। ”
राहुल ने उसे छोड़ दिया। सैंड्रा अब खड़ी हो गयी। उसका लुका पीटा चेहरा बता रहा था उसकी क्या हालत हुई थी। मैंने उसको भोली शकल बनाते हुए सॉरी कहा।
सैंड्रा : “कोई बात नहीं, इसमें तुम्हारी गलती नहीं। आओ राहुल ।”
ये कहते हुए उसने राहुल को सोफे पर बैठाया, और खुद उसकी गोद में दोनों तरफ पाँव चौड़े कर बैठ गयी। और उसका लंड अपनी चूत में घुसा दिया। सोफे का सहारा ले उसने ऊपर नीचे जोर जोर से उछलते हुए राहुल को चोदना शुरू कर दिया। ये नजारा दर्दनाक नहीं था पर प्यारा था। दोनों की मजे के मारे आहें निकलने लगी।
उनकी वो क्रिया और आवाजे सुन मेरे पुरे बदन में जैसे नशा चढ़ने लगा। मुझसे कण्ट्रोल नहीं हो रहा था मेरी पैंटी काफी गीली हो चुकी थी। मैं बाथरूम में जाने लगी पर सैंड्रा ने देख रोक लिया।
सैंड्रा : “जब तक हमारा पूरा ना हो, तुम जा नहीं सकती। ”
मैं: “मुझे वाशरूम जाना हैं, अर्जेंट। ”
सैंड्रा : “मुझे पता हैं क्यों जाना हैं , शर्माओ मत , ये नेचुरल हैं। जो भी करना हैं यही कर लो। ”
उसकी बातें सुन मैं शरमा गयी। खड़ी हो तड़पती रही। उन लोगो ने चोदना जारी रखा।
आह्ह आह्ह ऊह्ह्ह ऊह्ह्ह उम्म आह्ह आह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह हम्म्म्म
राहुल के लंड पर फिसलती सैंड्रा की चूत का नजारा मैं देख देख कर अपने को रोक नहीं पा रही थी। राहुल से शर्म भी आ रही थी। मेरे सब्र का बांध अब टूटने लगा था।