desiaks
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अब वो अपना लंड मेरी गांड के अंदर बाहर कर चोदने लगा। उसने अपने दोनों हाथ मेरी गांड के उभारो पर रख दिए और चोदता रहा। उसने मेरी गांड पर हाथ से एक चटाका मारा। इस चुदाई के बीच उसके हाथ अब मेरी नंगी पतली कमर को पकड़े थे।
इसके बाद उसकी स्पीड अचानक तेज होती गयी गपक गपक गपक की आवाज आने लगी और इसके साथ ही मेरी हलकी सिसकिया आने लगी आह आह। थोड़ी देर इसी रफ़्तार से मुझे चोदता रहा और उसका पानी छूटने लगा और गप्पक गप्पक तेज आवाज होने लगी। उससे उसका नशा और चढ़ा और मेरी सिसकिया बढ़ने के साथ अब फुचुक फुचुक फुचुक की आवाज आने लगी और मेरी लगातार आह्ह आह्ह की आवाजे आती रही।
एक बार फिर उसकी स्पीड बढ़ी और मेरी आहहह आहहह की आवाज बिना रुके लगातार आती रही । इस मजे से मैं खुद अब पीछे धक्का मारने लगी थी । इतनी देर से कोहनियो के बल बैठे रहने के बाद अब मैं अब हथेलियों के बल आ कर थोड़ा उपर उठी और उसने मेरे गले को दोनों हाथों से पकड़ थोड़ा उठा लिया।
मैं अब 45 डिग्री के कोण पर थी और उसके झटके और गहरे हो गए और पानी के छिछलने की आवाजे आने लगी। बीच बीच में उसके झटको से मैं थोड़ा उछलने लगी थी। उसन गले से हाथ हटा फिर कमर पकड़ी ।
उसने पहले स्पीड धीमे की और फिर अचानक एक के बाद एक तेज झटके मारने लगा और मेरी आह आह लगातार चलती रही। उसने इस तरह लगातार बिना रुके तीस चालिस झटके मार दिए। उसके बाद फिर एक बार वो थोड़ा धीरे हुआ और मुझे गले से पकड़ा और धक्के मारने लगा।
वो कल की तरह जानवरो की तरह नहीं चोद रहा था। इससे मुझे दर्द नहीं हो रहा था। उसने पहले पानी बनाया और फिर ही झटके मारे थे। अब वो एक स्पीड में गछाक गछाक गछाक मारता रहा। धीरे धीरे स्पीड बढ़ी और फिर गहरे और धीमे झटके पड़ने लगे।
वो फिर रुक गया और मैं एक दम स्लो मोशन में आगे पीछे हुई। जिससे पानी की चपड़ चपड़ आवाज हुई और उसकी स्पीड बढ़ने के साथ गचड़ गचड़ पानी की आवाज तेज आवाज आने लगी। वो मेरी गांड पूरी हिलाते हुए हुए कम्पन करवा रहा था।
मुझे तो मजा आ रहा था पर उसने अपना लंड अब बाहर निकाल दिया। उसने मुझे आगे खिसकाया और मैं घुटनो के बल चल कर बिस्तर के बीच में आ गयी। वो भी अब बिस्तर पर चढ़ मेरे पीछे आ गया। घुटनो के बल खड़े होने से मेरी ड्रेस फिर से नीचे हो गयी थी। उसने मेरी ड्रेस को नीचे से पकड़ा और एक बार फिर कमर तक ऊपर कर दिया।
मैं अभी भी घुटनो के बल खड़ी थी और उसने ड्रेस उठाते हुए एक झटके में पूरी सर से बाहर निकाल दी। मैं अब सिर्फ ब्रा में खड़ी थी। हम दोनों एक मजेदार काम के बीच में थे तो उसको मना नहीं किया और उसने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और मेरे पकडे रहने के बावजूद उसको पूरा निकाल दिया। मैंने जल्दी से आगे झुक कर वापिस कोहनी के बल डॉगी बन बैठी और वो अब बिस्तर पर घुटनो के बल मेरे पीछे बैठा था ।
उसने एक हाथ मेरी कमर पर रखा और इसबार अपना लंड मेरी चूत और गांड के छेद के बीच आस पास घुमा कर मुझे तड़पा रहा था। उसने झटके से अपना लंड मेरी चूत के छेद में डाला और चूत में होते पहले के दर्द से मैं कोहनियो से अपने हथेलियो के बल आ गयी।
उसने जल्दी से मुझे एक बार फिर दोनों हाथ से गले से पकड़ थोड़ा ऊपर आगे से उठा दिया। उसके लंड के मेरे अंदर होते झटको से मैं कमजोर पड़ गयी और चाहते हुए भी उसको रोक नहीं पायी। उसने अब अपना लंड अंदर गोल गोल घुमा कर जैसे अंदर के पानी को मथने लगा और लस्सी बनाने लगा।
मुझे असीम आनद की प्राप्ति हुई और एक हल्का दर्द भी उठा और मेरी तेज आवाज में आहहहहहहहहहहह निकली जो आठ दस सेकण्ड्स लम्बी आह थी और मैंने अपना एक हाथ बिस्तर पर तीन चार बार पटक अपनी स्तिथि बताई। मैं आगे बढ़ उससे अलग हुई।
मैं: “मैंने तुम्हे आगे डालने की इजाजत नहीं दी थी। ”
राहुल: “सॉरी, मैं वो रोक नहीं पाया। अभी पूरा करने दो।”
मैं: “अब आगे के छेद में मत डालना, तो पूरा करने दूगी।”
राहुल: ” ठीक हैं, तुम ही कर लो। ”
वो अब नीचे लेट गया। मैं उसे अपनी चूत सामने से दिखाने में शरमा रही थी तो मैं उसकी तरफ पीठ करके उसके लंड पर बैठ गयी। मेरे पाँव घुटनो से मुड़ कर पीछे की तरफ थे।
मैंने उसका लंड अपनी गांड में डाला और हम दोनों को फिर चैन मिला। मैंने अपने हाथ पीछे ले जाकर उसके सीने पर रख सहारा लिया और अपने शरीर को ऊपर नीचे कर उसे चोदने लगी। उसके हाथ मेरी पतली कमर को पकडे हुए थे।
मेरी गांड से अब पच्च पच्च की आवाज आने लगी और हम दोनों आहें भरने लगे। असहनीय मजा होने पर मैंने अपने दोनों मम्में दबाये और फिर आसमान में सर उठाये उसको चोदती रही।
थोड़ी ही देर में वो चीखते हुए आहें भर झड़ गया। मैं जब उस पर से उठी तो मेरी गांड और जाँघे फड़फड़ा रही थी और उसका छोड़ा पानी मेरी गांड से झर रहा था।
इसके बाद उसकी स्पीड अचानक तेज होती गयी गपक गपक गपक की आवाज आने लगी और इसके साथ ही मेरी हलकी सिसकिया आने लगी आह आह। थोड़ी देर इसी रफ़्तार से मुझे चोदता रहा और उसका पानी छूटने लगा और गप्पक गप्पक तेज आवाज होने लगी। उससे उसका नशा और चढ़ा और मेरी सिसकिया बढ़ने के साथ अब फुचुक फुचुक फुचुक की आवाज आने लगी और मेरी लगातार आह्ह आह्ह की आवाजे आती रही।
एक बार फिर उसकी स्पीड बढ़ी और मेरी आहहह आहहह की आवाज बिना रुके लगातार आती रही । इस मजे से मैं खुद अब पीछे धक्का मारने लगी थी । इतनी देर से कोहनियो के बल बैठे रहने के बाद अब मैं अब हथेलियों के बल आ कर थोड़ा उपर उठी और उसने मेरे गले को दोनों हाथों से पकड़ थोड़ा उठा लिया।
मैं अब 45 डिग्री के कोण पर थी और उसके झटके और गहरे हो गए और पानी के छिछलने की आवाजे आने लगी। बीच बीच में उसके झटको से मैं थोड़ा उछलने लगी थी। उसन गले से हाथ हटा फिर कमर पकड़ी ।
उसने पहले स्पीड धीमे की और फिर अचानक एक के बाद एक तेज झटके मारने लगा और मेरी आह आह लगातार चलती रही। उसने इस तरह लगातार बिना रुके तीस चालिस झटके मार दिए। उसके बाद फिर एक बार वो थोड़ा धीरे हुआ और मुझे गले से पकड़ा और धक्के मारने लगा।
वो कल की तरह जानवरो की तरह नहीं चोद रहा था। इससे मुझे दर्द नहीं हो रहा था। उसने पहले पानी बनाया और फिर ही झटके मारे थे। अब वो एक स्पीड में गछाक गछाक गछाक मारता रहा। धीरे धीरे स्पीड बढ़ी और फिर गहरे और धीमे झटके पड़ने लगे।
वो फिर रुक गया और मैं एक दम स्लो मोशन में आगे पीछे हुई। जिससे पानी की चपड़ चपड़ आवाज हुई और उसकी स्पीड बढ़ने के साथ गचड़ गचड़ पानी की आवाज तेज आवाज आने लगी। वो मेरी गांड पूरी हिलाते हुए हुए कम्पन करवा रहा था।
मुझे तो मजा आ रहा था पर उसने अपना लंड अब बाहर निकाल दिया। उसने मुझे आगे खिसकाया और मैं घुटनो के बल चल कर बिस्तर के बीच में आ गयी। वो भी अब बिस्तर पर चढ़ मेरे पीछे आ गया। घुटनो के बल खड़े होने से मेरी ड्रेस फिर से नीचे हो गयी थी। उसने मेरी ड्रेस को नीचे से पकड़ा और एक बार फिर कमर तक ऊपर कर दिया।
मैं अभी भी घुटनो के बल खड़ी थी और उसने ड्रेस उठाते हुए एक झटके में पूरी सर से बाहर निकाल दी। मैं अब सिर्फ ब्रा में खड़ी थी। हम दोनों एक मजेदार काम के बीच में थे तो उसको मना नहीं किया और उसने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और मेरे पकडे रहने के बावजूद उसको पूरा निकाल दिया। मैंने जल्दी से आगे झुक कर वापिस कोहनी के बल डॉगी बन बैठी और वो अब बिस्तर पर घुटनो के बल मेरे पीछे बैठा था ।
उसने एक हाथ मेरी कमर पर रखा और इसबार अपना लंड मेरी चूत और गांड के छेद के बीच आस पास घुमा कर मुझे तड़पा रहा था। उसने झटके से अपना लंड मेरी चूत के छेद में डाला और चूत में होते पहले के दर्द से मैं कोहनियो से अपने हथेलियो के बल आ गयी।
उसने जल्दी से मुझे एक बार फिर दोनों हाथ से गले से पकड़ थोड़ा ऊपर आगे से उठा दिया। उसके लंड के मेरे अंदर होते झटको से मैं कमजोर पड़ गयी और चाहते हुए भी उसको रोक नहीं पायी। उसने अब अपना लंड अंदर गोल गोल घुमा कर जैसे अंदर के पानी को मथने लगा और लस्सी बनाने लगा।
मुझे असीम आनद की प्राप्ति हुई और एक हल्का दर्द भी उठा और मेरी तेज आवाज में आहहहहहहहहहहह निकली जो आठ दस सेकण्ड्स लम्बी आह थी और मैंने अपना एक हाथ बिस्तर पर तीन चार बार पटक अपनी स्तिथि बताई। मैं आगे बढ़ उससे अलग हुई।
मैं: “मैंने तुम्हे आगे डालने की इजाजत नहीं दी थी। ”
राहुल: “सॉरी, मैं वो रोक नहीं पाया। अभी पूरा करने दो।”
मैं: “अब आगे के छेद में मत डालना, तो पूरा करने दूगी।”
राहुल: ” ठीक हैं, तुम ही कर लो। ”
वो अब नीचे लेट गया। मैं उसे अपनी चूत सामने से दिखाने में शरमा रही थी तो मैं उसकी तरफ पीठ करके उसके लंड पर बैठ गयी। मेरे पाँव घुटनो से मुड़ कर पीछे की तरफ थे।
मैंने उसका लंड अपनी गांड में डाला और हम दोनों को फिर चैन मिला। मैंने अपने हाथ पीछे ले जाकर उसके सीने पर रख सहारा लिया और अपने शरीर को ऊपर नीचे कर उसे चोदने लगी। उसके हाथ मेरी पतली कमर को पकडे हुए थे।
मेरी गांड से अब पच्च पच्च की आवाज आने लगी और हम दोनों आहें भरने लगे। असहनीय मजा होने पर मैंने अपने दोनों मम्में दबाये और फिर आसमान में सर उठाये उसको चोदती रही।
थोड़ी ही देर में वो चीखते हुए आहें भर झड़ गया। मैं जब उस पर से उठी तो मेरी गांड और जाँघे फड़फड़ा रही थी और उसका छोड़ा पानी मेरी गांड से झर रहा था।