Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र - Page 22 - SexBaba
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Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र

मैं : “हां आह आह तुम्हारी ही हैं ये चूत उउउह जितनी मर्जी उतनी चोद दो। करलो पूरा करलो हां ये वाला कर लो हम्म्म आह्ह उह्ह ”
राहुल: “ओह प्रतिमा, ओह प्रतिमा, आअह्ह ऊहहुहुहु ऊहहुहुहु या या या फक यु फक यु आह आह आह हाथ खोलो मेरे… आह आह …मेरा पानी बाहर आ रहा हैं.. ऊहहु ऊहहु उउउउउउउउउ आअहाहा आअहाहा”
मैं: “उई माँ …निकाल दो पानी मेरी चूत में, हां उह माँ आईईई आअह्ह आअह्ह आअह्ह”
राहुल ने अपना सारा पानी मेरी चूत में खाली कर दिया और हम दोनों झड़ गए।
मैं उसके ऊपर से हटी और उसके हाथ खोल दिए। हम दोनों बाथरूम से साफ़ होकर वापिस आये। हम दोनों नंगे ही बिस्तर में घुस गए और एक दूसरे की तरफ मुँह कर आमने सामने लेट गए। एक बार वो मुझे मेरे होंठो पर चूमता तो एक बार मैं उसे चूमती। हम दोनों एक दूसरे की कमर में हाथ डाले एक दूसरे की तरफ देखते देखते सो गए।
अगली सुबह मेरी नींद खुली। मैं सीधी लेटी थी और और राहुल मेरी तरफ करवट लेकर लेटा था। उसका एक हाथ मेरे एक मम्मे के ऊपर था और उसकी दोनों टांगो के बीच मेरी एक जांघ फांसी हुई थी। मुझे उसकी बाहों में बहुत ही सुकून मिल रहा था। वो भी शायद उठ चूका था या शायद कोई सपना देख रहा था। उसका लंड एकदम कड़क था और मेरी जांघो को चुभ सा रहा था।
उसके हाथ की मेरे मम्मे पर पकड़ थोड़ी मजबूत हुई और वो मलने लगा। उसने भी अब आँख खोली और मुझे देख मुस्कुराने लगा। उसने अपनी ऊपर वाली टांग थोड़ी और उठा कर मेरी चूत पर ले आया और अपनी टांग से मेरी चूत रगड़ने लगा।
मैं: “क्या हो रहा हैं ये?”
राहुल: “मेरे लंड की गाड़ी को पार्किंग करनी हैं इसलिए तुम्हारी चूत को गराज की तरह तैयार कर रहा हूँ ”
मैं: “कल रात को ही तो पार्किंग की थी, पेट नहीं भरा”
राहुल: “पेट भर गया, अब तुम्हारी चूत को भरूंगा अपने पानी से”
ये कहत हुए वो मेरे ऊपर चढ़ गया और अपना लंड मेरी चूत में घुसाने लगा। मैंने उसको अपने से दूर किया।
मैं: “पहले मुझे बाथरूम जाकर तैयार होने दो, ज्यादा मजा आएगा। और तुम भी बाथरूम हो आओ”
मैं उठ करअटैच वाशरूम में गयी और पंद्रह मिनट बाद बाथरूम और माउथवाश कर आयी। बाहर आकर देखा वो अभी भी लेटा हुआ था।
मैंने उसको जबरदस्ती वाशरूम में भेजा। मैं अब बिस्तर पर आकर बैठ गयी। मेरा ध्यान मेरे मोबाइल पर गया। जोसफ का भेजा वीडियो अभी तक नहीं देखा था।
मैंने मोबाइल लिया और वो वीडियो देखना शुरू किया।
ये वीडियो राहुल के केबिन का था और उसमें सैंड्रा की भी आवाज थी। ये परसो का वीडियो था जब सैंड्रा और जोसफ डील साइन करें ऑफिस आये थे। वो सारी बातें सुन कर मैं सदमे में आ गयी। वो कुछ इस तरह था:
सैंड्रा: “तो आखिर प्रतिमा को चोद ही दिया तुमने”
राहुल: “थैंक यू, सब तुम्हारी वजह से मुमकिन हुआ। तुम वो गांड मारने की शर्त ना रखती तो प्रतिमा शायद ही मानती मेरे साथ चुदवाने के लिए”
सैंड्रा: “मैं तो उसी दिन करवा देती तुम्हारा मिलन पर उसने तुम्हारी जगह जोसफ को चुन लिया। इस जोसफ को मुफ्त में चुदाई मिल गयी”
राहुल: “तुमने मुझे उसके पुरे कपड़े क्यों नहीं खोलने दिए उस दिन। ”
सैंड्रा: “तुमको कितनी बार बोला मुझे भी कभी चोद दो, कभी हां नहीं बोलते तुम। उस दिन पहली बार तुम्हारा लंड देख के मेरी नीयत ख़राब हो गयी और प्रतिमा की जगह मैं खुद बीच में आ गयी अपनी चुदवाने के लिए । ”
राहुल: “तुमको फिर सजा मिली, गाँड़ फाड़ दी थी तुम्हारी मैंने। पर अभी तक प्रतिमा के बूब्स नहीं देख पाया हूँ”
सैंड्रा: “तो आज सुबह गांड मारते वक्त भी कुछ नहीं दिखाया उसने”
राहुल “नहीं, बहुत शर्मीली हैं। पर एक दिन उसको पूरा पाकर रहूँगा”
सैंड्रा: “तुम इसके पीछे इतना क्यों पड़े हो ”
राहुल: “बचपन से जिद्दी रहा हु, जो माँगा मिला हैं। प्रतिमा ने एक पार्टी में उसको चूमने से मुझे रोक दिया था। मेरे दिल पर लगी थी ये बात। उसी दिन सोच लिया था इसकी चुदाई करूँगा”
सैंड्रा: “बेचारी को बहुत पागल बनाया डील के नाम पर। डील को तो बॉब ने मंजूरी दे ही दी थी । तुम्हारी बॉब के साथ सेटिंग माननी पड़ेगी।”
राहुल “बेवकूफ तो बना दिया, पर.. ”
और वीडियो कट हो गया। मेरे होश फाख्ता हो गए। मुझे बिस्तर तक लाने की ये सब राहुल की चाल थी।
जिस पर इतना भरोसा किया उसने मुझे ही धोखा दिया था। अब मेरा अगला कदम क्या होगा मुझे सोचना था।
जोसफ द्वारा भेजा वीडियो देखने के बाद मैं ठगा सा महसूस कर रही थी। ये साफ़ हो गया कि राहुल ने मुझे बिस्तर तक लाने के लिये मुझे धोखा दिया था।
मैंने अपने कपडे पहनना शरू कर दिया। मुझे जल्दी से यहाँ से निकलना था। कपडे पहनते वक्त मैं सोच रही थी काश मैंने ये वीडियो कल रात को ही देख लिया होता तो राहुल मेरे जिस्म के साथ खिलवाड़ नहीं कर पाता।
उससे भी पहले मुझे अपना फ़ोन स्विच ऑफ नहीं करना था। वरना मैं इस पार्टी में आती ही नहीं। जोसफ ने तो मुझे बचाने की कोशिश की थी।
शायद उस दिन फार्म हाउस पर वो जो इशारे कर रहा था वो इसी साजिश की तरफ थे, मैं ही मुर्ख समझ नहीं पायी और उसको गलत समझती रही।
सच में दिखावे पर नहीं जाना चाहिए था। जोसफ भले ही खतरनाक दीखता हो पर उसका दिल साफ़ हैं, जबकि राहुल सुन्दर होते हुए भी दिल का काला हैं। मेरे जैक के साथ रिश्ते के बारे में जोसफ ने सैंड्रा को नहीं बताया होगा, ये भी सैंड्रा को राहुल ने ही बताया होगा अपनी साजिश को अंजाम देने के लिए।
 
मैंने कपड़े पहन लिए थे और मोबाइल वापिस पर्स में रख सैंडल पहन लिए। मैं जाने को तैयार थी और राहुल बाथरूम से बिना कपड़ो के बाहर निकला।

राहुल: “अरे कपड़े पहन लिए, अभी तो काम बाकी हैं डिअर”

मैंने अपना मोबाइल निकाल वीडियो चलाया और उसकी तरफ स्क्रीन कर दी।

मैं: “ये देखो, तुम्हारी काली करतूत रिकॉर्ड हैं।”

राहुल: “सॉरी प्रतिमा। मेरी बात सुनो, मैं समझाता हूँ तुम्हे”

मैं: “जितना सुनना था सुन लिया ”

राहुल: “पर ये पूरा सच नहीं हैं। मुझे पूरी बात बताने का मौका तो दो”

मैं अब बैडरूम से बाहर आ गयी और अपना मोबाइल वापिस पर्स में डाल दिया, वो मेरे पीछे पीछे आया और मुझे रोकने की कोशिश करने लगा। वो दौड़ कर मेरे आगे आया और बाहर जाने वाले दरवाजे को रोक कर खड़ा हो गया।

राहुल: “सिर्फ दो मिनट दो, मैं तुम्हे पूरी बात बताता हूँ, फिर तुम फैसला करना मैं गलत हु या नहीं”

मैं वापिस पीछे मुड़ी और हॉल के उस दरवाजे से बाहर निकली जो बालकनी में खुलता हैं। वो फिर मेरे पीछे पीछे आया रोकने को। मैं बालकनी में आकर उसके आगे बनी सीढ़ियों से नीचे गार्डन की तरफ उतरी। सीढ़िया उतरने के बाद उसने पीछे से आकर मेरा हाथ पकड़ लिया। मैंने उससे अपना हाथ छुड़ाया। उसने फिर मेरे कंधे से मेरा पर्स उतार लिया और अपने पीछे कर लिया।

राहुल: ‘पहले तुम मेरी बात पूरी सुनो फिर मैं तुमको पर्स दूंगा। फिर चाहे तो तुम चली जाना। आई रियली लव यु ”

वो बिना कपड़ो के वहां खड़ा था और मुझे शर्म आ रही थी कि इसके फार्म हाउस का केयरटेकर ये तमाशा देखेगा तो क्या सोचेगा। मैंने अपना पर्स लिए बिना ही वहां से जाने का सोच लिया और चल पड़ी। थोड़ा आगे आकर उसने एक बार फिर मेरा हाथ पकड़ लिया, मैं छुड़ाने का प्रयास करने लगी और वो मुझसे रुकने की गुजारिश करता रहा।

इस खींचातानी में मेरा हाथ दर्द करने लगा और मैं चीखी कि मुझे दर्द हो रहा हैं और उसने मुझे छोड़ दिया। मैं इसके लिए तैयार नहीं थी और पीछे की तरफ दम लगाने के कारण मैं तेजी से पीछे की तरफ गयी और लड़खड़ा कर पास में बने स्वीमिंग पूल में गिर गयी।
मेरा सर पानी के अंदर चला गया। मैं पूल के ज्यादा गहराई वाली जगह थी और मुझे इतना अच्छा तैरना नहीं आता खास तौर से जब मेरे पुरे कपड़े भीग गए हो और साड़ी पेटीकोट पहना था जो भीग कर मेरे शरीर से चिपक गए थे । मगर जल्द ही राहुल भी पूल में कूद पड़ा और मुझे पीछे से पकड़ कर खड़ा हो गया। उसने मुझे जमीन से थोड़ा ऊपर उठा रखा था।
 
वो मुझे ऐसे ही उठाये थोड़ा आगे लेकर आया जहा पूल का पानी थोड़ा कम गहरा था। उसने मुझे नीचे उतार पैर जमीन पर टिकाये और मेरी सलामती पूछने लगा।

उसने मुझे अभी भी पकड़े रखा था। मैंने उसको धक्का दिया और पूल की सीढ़ियों की तरफ भागी बाहर आने को। पर मेरी साड़ी खींची और मैं रुक गयी।

मैंने पलट कर देखा उसके हाथ में मेरी साड़ी का पल्लू था, शायद धक्का देते वक्त उसके हाथ में आ गया था। मैंने उसको साड़ी छोड़ने को बोला पर वो मुझे रुकने के लिए बोलने लगा और मेरी तरफ बढ़ा।

मैंने अपनी साड़ी जल्दी से पेटीकोट से अलग की और आगे बढ़ी। मेरी पूरी साड़ी पेटीकोट से अलग हो गयी और मैं पूल की सीढ़ी से ऊपर चढ़ गयी और पूल से बाहर आयी। मगर उसने पूल में खड़े खड़े ही मेरा एक पाँव पकड़ लिया और जाने नहीं दिया।
मैं वही बैठ गयी और अपना पाँव झटक कर छुड़ाने लगी पर उसने नहीं छोड़ा। मैंने मदद के लिए देखा, उसका केयरटेकर जहां रहता था वहा ताला लगा था, शायद उसने उसको कल रात को ही छुट्टी दे दी थी ताकि मेरे साथ रात गुजार पाए। अब सीढ़ी से चढ़ वो भी बाहर आ गया।

बाहर आते ही उसने मेरा पाँव छोड़ा और मुझे अपनी बात सुनाना चाहा पर मैं उठ कर फिर भागी अपने पर्स की तरफ। वो मेरे पीछे ही था।

अपने भीगे कपड़ो में मैं बहुत असहज महसूस कर रही थी। मैं जैसे ही अपने पर्स को उठाने के लिए झुकी उसने मुझे पीछे से पकड़ लिया। मैं वही औंधे मुँह गिर पड़ी और वो मेरे ऊपर। उसने मुझे सीधा किया और अपनी बात सुनानी चाही पर मैं उसपर चीखते हुए हटाती रही।

अपनी बात सुनाने के लिए उसे मुझे कमजोर करना बहुत जरुरी था और उसे मेरी कमजोरी अब तक पता चल गयी थी। उसने मेरा गीला पेटीकोट नीचे से थोड़ा ऊपर उठाया और अपना हाथ अंदर डाल मेरी पैंटी खींच कर बाहर निकालने लगा।
मैंने उसको रोकना चाहा पर कामयाब नहीं हुई और उसने मेरी पैंटी थोड़ी नीचे खिसका दी और अपनी एक ऊँगली मेरी चूत में घुसा दी।

अंदर ऊँगली जाते ही उसने ऊँगली को अंदर गोल गोल घुमा अंदर बाहर करने लगा। जैसे एक रोते हुए बच्चे के मुँह में निप्पल डाल उसको शांत करा देते हैं वैसे ही उसकी ऊँगली के मेरी चूत में हरकत होते ही मेरा चिल्लाना बंद हो गया और हलकी सिसकियाँ निकलने लगी।

उससे अच्छे से पता था मुझे नियंत्रण करने की चाबी कहा हैं और वो मेरी चाबी घुमा कर मुझे नशा दे रहा था । एक हाथ से मेरा कंधा दबाये उसका चेहरा मेरे चेहरे के पास था।

राहुल: “आई एम सॉरी इसके लिए पर मैं ऐसा नहीं करता तो तुम मेरी बात नहीं सुनती। अब सुनो ”

मेरे सर पर नशा चढ़ रहा था और मैं उसकी बात नहीं सुनना चाहती थी। मुझे कुछ नहीं सुझा और अपने होंठो से उसको होंठो को काटना चाहा पर उसके होंठ पर छूते ही उसने मुझे चूमना शुरू कर दिया। मैं कुछ ना कर पायी और नीचे चूत में होती हलचल के साथ ही मैं खुद भी उसको चूमने लगी। थोड़ी देर तक हम एक दूसरे को यु ही चूमते रहे फिर उसने मुझे कहना शुरू किया ।

राहुल: “मैं मानता हु की मैंने तुम्हे पाने के लिए गलत तरीका इस्तेमाल किया था पर मैं तुम्हे प्यार करता हु। पता नहीं जोसफ ने तुम्हे पूरा वीडियो भेजा या नहीं पर तुमने जो सुना वो आधा सच हैं ”

मैं: “अहह मुझे नहीं सुनना उम्म अहह अहह ”

उसने अपनी ऊँगली निकाल दी। किसी बैटरी से चलने वाले खिलौने की बैटरी निकाल दी हो वैसे मेरी सिसकियाँ शांत हो गयी पर उस हलके नशे में अभी भी पड़ी थी।

उसने मेरी पैंटी पूरी निकाल दी और आगे से पेटीकोट कमर तक ऊपर कर दिया। वो मेरे ऊपर चढ़ गया और अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया। पतली ऊँगली के बाद उसके मोटे लंड के मेरी चूत के अंदर जाते ही मेरा नशा और बढ़ गया।

इसके बाद उसने एक के बाद एक जोर के धक्के मारना शुरू कर दिया और मैं अपने हाथ दोनों तरफ फैलाये आहें भरने के अलावा कुछ नहीं कर पायी।

थोड़ी देर मुझे वही खुले में चोदते हुए वो अपनी सफाई दिए जा रहा था कि वो मुझे बहुत प्यार करता हैं और मैं उसकी गलती को पहली गलती मान उसे माफ़ कर दू।

मेरे पति ने तो सिर्फ मजे के लिए मुझे अपने दोस्तों को सौंप दिया था इसने तो मुझे दुसरो के हाथों में जाने से बचाया ही था । मुझे उसके प्यार पर कभी शक नहीं था और उसकी आँखों में सच्चाई दिख रही थी पर मैं उसके धोखे को कैसे भुला देती। तभी मेरे मोबाइल की घंटी सुनाई दी जो पर्स के अंदर से आ रही थी।

मैंने अपना हाथ पीछे बढ़ा कर पर्स को अपनी तरफ खिंचा और अंदर से मोबाइल निकाला।
 
मेरे पति ने तो सिर्फ मजे के लिए मुझे अपने दोस्तों को सौंप दिया था इसने तो मुझे दुसरो के हाथों में जाने से बचाया ही था । मुझे उसके प्यार पर कभी शक नहीं था और उसकी आँखों में सच्चाई दिख रही थी पर मैं उसके धोखे को कैसे भुला देती। तभी मेरे मोबाइल की घंटी सुनाई दी जो पर्स के अंदर से आ रही थी।
मैंने अपना हाथ पीछे बढ़ा कर पर्स को अपनी तरफ खिंचा और अंदर से मोबाइल निकाला।
अशोक का कॉल था, मुझे सुबह घर पहुंचना था और अभी मैं इस मुसीबत में फंसी थी। राहुल मेरे सीने से उठा और बिना अपना लंड बाहर निकाले मेरी टाँगे अपनी मुड़ी जांघो पर रख दी और बैठे बैठे ही बहुत धीमे धक्के मारता रहा ताकि मैं बात कर पाऊ।
अशोक किसी से मिलने जाने वाला था और मेरा इंतजार कर रहा था ताकि मैं बच्चे को संभाल सकू। मेरे कपड़े पुरे गीले हो चुके थे और इस तरह जा नहीं सकती थी तो मैंने उसको एक दो घंटे में आने का बोल कर बच्चे को माँजी के पास छोड़ने को बोल दिया। फिर मैंने फ़ोन रख दिया और उस पर चिल्लाने लगी ।
मैं: “तुम्हे सिर्फ मेरा जिस्म चाहिए था ना, तो ले लो, जो चाहिए ले लो”
ये कहते हुए मैंने अपने ब्लाउज के हुक खोल दिए और ब्लाउज को सामने से हटा कर ब्रा को उसके सामने कर दिया। अपने ब्रा को भी हटाने की कोशिश की पर पीठ पर हुक लगे होने से नहीं खिसका पायी। उसने अब तक मुझे धीमे धक्के मारने भी बंद कर दिये थे। मैंने अपने हाथ फिर जमीन पर फैला दिए।
मैं: “बोलो क्या चाहिए तुम्हे? लेलो कुछ नहीं कहूंगी। तुम इसी के भूखे हो, कर दो नंगा मुझे”
उसने मेरे कंधे पकड़ मुझे ऊपर उठाया और मेरा गीला ब्लाउज मेरे कंधे से निकाल पूरा बाहर कर दिया और हाथ पीछे ले जाकर मेरे ब्रा का हुक खोल दिया। मेरी तो रोने जैसी हालत थी। वो सच में मुझे नंगा कर रहा था। उसने मेरा ब्रा पूरा निकाल मुझे टॉपलेस कर दिया। मैं लगभग सुबकते हुए फिर लेट गयी।
उसने अब मेरे पेटीकोट का नाड़ा खोला और अपना लंड मेरी चूत से निकाल दिया। फिर उसने मेरा गीला पेटीकोट मेरी टांगो से निकाल मुझे पूरा नंगा कर दिया। वो उठ गया और मैं वही लेटी रही।वो वापिस पीछे की तरफ गया और पूल में हाथ डाल वहा तैर रही मेरी साड़ी अपने हाथों में समेट कर ले आया। वापिस आकर उसने मेरे बाकि के कपड़े उठाये।
राहुल: “मैं ड्रायर में डाल कर कपड़े सूखा देता हूँ, फिर तुम्हे घर छोड़ दूंगा”
ये कह कर वो वहा से घर के अंदर चला गया। मैं पूरी नंगी वहा लेटी की लेटी रह गयी। मैं उसको समझ ही नहीं पा रही थी। मेरा शरीर पाने के लिए उसने मुझे धोखा दिया और अभी उसके पास मौका था तो उसने कुछ नहीं किया। पता नहीं उसका असली रूप क्या हैं।

राहुल मेरे कपड़े निकाल मुझे वही बिना चोदे नंगा छोड़ अंदर चला गया। मैं वही पड़ी रही और दस मिनट बाद वो वापिस आया और मेरा हाथ पकड़ उठाने लगा पर मैंने उसका हाथ झटक दिया।
उसने जबरदस्ती मुझे उठाया और अपने कंधे पर लाद दिया। उसमे मुझे मेरी नंगी गांड से पकड़ रखा था और मेरा सर उसकी पीठ की तरफ लटका था, उसने अभी भी कपड़े नहीं पहने थे और मुझे उसकी गठीली गांड और मांसल जाँघे दिख रही थी।
राहुल: “सोना हैं तो अंदर सो जाना, मेरा केयरटेकर आधे एक घंटे में आने वाला होगा। ”
वो मुझे बैडरूम में ले आया और बिस्तर पर लेटा दिया। उसने मुझे थोड़ी देर इंतजार करने को कहा कि मेरे कपड़े ड्रायर में सुख रहे हैं। फिर वो मेरे पास वही बैठ कर मुझे मनाने लगा।
राहुल: “मेरी बात नहीं सुनोगी तो मुझे समझोगी कैसे”
मैं: “मुझे कुछ नहीं सुनना हैं”
राहुल: “मतलब तुम्हे सिर्फ वो वीडियो सच्चा लगा पर मेरी भावनाये सब झूठी लगी । अच्छा मेरी दो बातें सुनो और फिर उसका जवाब दो ”
मैं: “मुझे कोई जवाब नहीं देना और ना ही कुछ सुनना हैं”
राहुल: “मेरी बात सुनवाने के लिए मुझे फिर से वही करना पड़ेगा”
 
मैं: “हाथ भी मत लगाना मुझे अब, दूर रहो”
राहुल: “तो फिर मेरी बात सुनो, जैसे भी हो मैं तुम्हे अपनी बात सुनवा के रहूँगा। मुझ पर इल्जाम लगा हैं मैं अपना पक्ष रखूँगा। ”
मैंने उसको धक्का देकर बाहर जाने को बोला पर उसने मुझे पकड़ लिया और बिस्तर पर उल्टा लेटा दिया और वो एक बार फिर मेरे ऊपर चढ़ा हुआ था। मैं लगातार आवाज निकालते हुए उसकी आवाज को दबा रही थी। उसने मेरे दोनों हाथ बिस्तर पर दबा कर मेरे पुरे पुरे शरीर को अपने नीचे दबा रखा था।
उसका लंड मेरी गांड से छू रहा था और धीरे धीरे वो कड़क हो मुझे चुभ सा रहा था।
उसने मेरी टांगो के बीच जगह बनाई और मैं चिल्लाई और तब तक उसने अपना लंड मेरी चूत में डाल जोर जोर से धक्के मारना शुरू कर दिया।
उसके झटको से मेरा पूरा शरीर बिस्तर पर ऊपर नीचे हिल रहा था और मैं उस पर चिल्ला रही थी। थोड़ी ही देर में मेरा चिल्लाना धीरे धीरे कम होता गया और एक दम रुक गया।
फिर मेरे मुँह से सिर्फ सिसकियाँ निकल रही थी। उसने मुझे चोदते चोदते ही अपनी बात सुनाई।
राहुल: “भले ही मैंने तुम्हारी गांड धोखे से मारी थी पर हमारे बीच जो ऑफिस में हुआ वो तो तुम्हारी मर्जी से हुआ था या नहीं ? बोलो….अब कुछ क्यों नहीं बोलती ….. जवाब दो तुम भी मुझे चाहती हो”
मैं: “आअह्ह आह्ह हां वो मेरी मर्जी थी ”
राहुल: “कल रात को यहाँ रुकना तुम्हारी इच्छा से था, मैंने तो मजबूर नहीं किया था ना, बोलो?”
मैं: “हम्म्म अहहह हां मेरी मर्जी थी ”
राहुल: “मैंने तो तुम्हे जोसफ और जैक से बचाने की हमेशा कोशिश की हैं। मुझे अपनी रूही हर कीमत पर वापिस चाहिए थी, सारो कोशिशे कर ली, धोखा नहीं करता तो क्या करता, तुम्हारा दिल कैसे जीतता”
मैं: “जो प्यार करते हैं ..अहह.. झूठ नहीं बोलते, तुम कल रात .आह्ह.. मेरा फायदा उठाने से पहले मुझे सब सच बता सकते थे..आह्ह ..मुझे जोसफ से पता चला ”
राहुल: “मैं वैसे भी तुम्हे आज सुबह बताने वाला था। मुझे नहीं पता था जोसफ के पास ये वीडियो हैं। वरना मैं खुद पहले बता देता। आहहह आहहह आहहह ओह प्रतिमा, केन आई फक यू , अम्म्म हाहह आह्ह ”
मैं: “या या या उह्ह्ह उम्म्म हम्म्म हम्म्म ऊऊओह्ह्ह आआआ”
राहुल और मैं जोर से चीख निकालते और आहें भरते रहे, अंदर से फच्चाक फच्चाक की आवाजे आने लगी। मेरा तेजी से पानी छूटने लगा था और उसने अपनी पिचकारी मेरी चूत में छोड़ दी और फिर थोड़े हलके झटको के साथ बाकी की बची बुँदे भी मेरे अंदर डाल दी। हम दोनों बुरी तरह से हांफते हुए झड़ गए। और तेज तेज सांस लेते हुए हम वैसे ही बिस्तर पर पड़े रहे।
राहुल: “शायद ये हमारे बीच का आखिरी संबंध हो। पर फैसला तुम्हारे पास हैं। क्या तुमने कभी किसी को धोखा नहीं दिया”
मैं: “मैंने ऐसे कामो के लिए धोखा नहीं देती”
राहुल: “तो फिर नौकरी ज्वाइन करने के बाद जो तुम मेरा ध्यान अपने कपड़ो और उसमे से झाकते अंगो पर देखने पर मजबूर क्यों करती थी, वो क्या था ?”
अब झेंपने की बारी मेरी थी, उसको मेरी उस चाल के बारे में अब तक सब पता था। आग तो शायद मैंने ही लगाई थी। पर मेरी कोई बुरी नीयत नहीं थी कि किसी के इज्जत से खेलु।
मैं: “मैंने ऐसा कुछ नहीं किया हैं ”
राहुल: “मेरी नजरो में नजरे डाल कर बोलो”
मैं: “तुम मेरे ऊपर से हटो, तुमने अभी मेरे साथ जबरदस्ती की हैं ”
राहुल: “जबरदस्ती थी तो रोकने की बजाय आहें क्यों भर रही थी”
मैंने उसको अपने ऊपर से हटा दिया और भाग कर वाशरूम में चली गयी। मेरी एक चोरी भी पकड़ा गयी थी। पर उसके गुनाह के सामने मेरी गलती कुछ ही नहीं थी। मैं नहा धो कर साफ़ हो गयी। मेरे पास पहनने को कपड़े नहीं थे तो टॉवेल लपेट कर वाशरूम के दरवाजे से झाँका। राहुल वहां नहीं था पर बिस्तर पर मेरे सूखे हुए कपड़े पड़े थे।
मैं वाशरूम से बाहर आ गयी और बेडरूम का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। मैंने जल्दी से अपने सारे कपड़े पहन लिए और तैयार हो गयी।
मैं अब बैडरूम से बाहर आयी, हाल में राहुल तैयार बैठा था। मेरे आते ही वो खड़ा हो गया। उसके हाथ में मेरा पर्स था जो उसने दिया।
राहुल: “चलो मैं तुम्हे घर छोड़ देता हूँ”
हम दोनों कार में थे और मेरे घर की तरफ जा रहे थे।
 
मैं वाशरूम से बाहर आ गयी और बेडरूम का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। मैंने जल्दी से अपने सारे कपड़े पहन लिए और तैयार हो गयी।
मैं अब बैडरूम से बाहर आयी, हाल में राहुल तैयार बैठा था। मेरे आते ही वो खड़ा हो गया। उसके हाथ में मेरा पर्स था जो उसने दिया।
राहुल: “चलो मैं तुम्हे घर छोड़ देता हूँ”
हम दोनों कार में थे और मेरे घर की तरफ जा रहे थे।
राहुल: “अगर तुम्हे मेरी शिकायत करके सजा दिलवानी हैं तो दे दो। माफ़ करना हैं तो कर दो। सब तुम्हारी मर्जी हैं। पर मैं तुमसे प्यार करना नहीं छोडूंगा, तुम करो या न करो ”
मैंने उसको कुछ नहीं बोला और घर पर आ गयी। मुझे इस विषय पर गंभीरता से सोचने की जरुरत थी।
घर पर आने के बाद पूरा दिन में इसी विचार में खोयी रही कि मुझे अब आगे क्या करना हैं। क्या मैं राहुल को माफ़ कर उसे एक और मौका दू या उसे हमेशा के लिए छोड़ कोई दूसरी नौकरी ढूंढ लू या फिर घर पर बैठ जाऊ।
मैंने कड़ी मेहनत से ये मुकाम पाया था, क्या मैं इसे अपने हाथ से जाने दू। मैं उन लोगो को छोड़ दू जिन्होंने मुझे धोखा दिया था। मैंने आखिर फैसला कर लिया था। मैं अपनी नौकरी और पोजीशन नहीं छोडूंगी, ये मेरे खून और पसीने से अर्जित की हुई हैं। मगर मैं राहुल को दूसरा मौका नहीं दूंगी। मेरे उसके साथ संबंध सिर्फ एक बॉस और कर्मचारी के होंगे और कोई दिल का रिश्ता नहीं होगा।
उसने मुझे धोखा दिया मगर मैं उसे एक बार माफ़ भी कर करती हूँ क्यों कि वो आग मैंने ही उसमे लगाई थी। पर सैंड्रा, उसका तो मुझसे कोई लेना देना ही नहीं था, उसको मेरा फायदा क्यों उठवाने दिया दुसरो से।
मैंने जैक के साथ थोड़ा समय ही तो बिताया था इसके बदले मेरा दिल तोड़ने की क्या जरुरत थी। यहाँ तक कि उसने मुझसे जैक को भी छीन लिया था।
अगले दिन रविवार की छुट्टी थी, और कल की परेशानी अब भी मेरे सर पर थी। तभी मुझे जोसफ की याद आयी, जिसने मेरी मदद की और मुझे उस कड़वे सच से रूबरू करवाया। उसको एक धन्यवाद देना तो बनता था। जैसे ही पति थोड़ा इधर उधर हुए मैंने जोसफ को फ़ोन मिलाया और उसको वो वीडियो भेजने के लिए धन्यवाद कहा।
उसने मेरी सलामती पूछी कि मैं ठीक हु या नहीं, उसको ये तो नहीं कह सकती थी कि उसका मैसेज देर से पढ़ने के कारण मैं लूट चुकी थी उसको अफ़सोस होता पर उससे माफ़ी जरूर मांगी कि मैंने उसको गलत समझा।
मैं उसके इशारे पढ़ नहीं पायी कि वो मेरा शुभचिंतक हैं। उसने मुझे मेरा ध्यान रखने की सलाह दी। फ़ोन रखने से पहले उसने एक और बात कही।
जोसफ: “मुझे तुमसे एक फेवर चाहिए”
एक बार तो मैं डर गयी, ये क्या मांगने वाला हैं और चुप हो गयी।
जोसफ: “घबराओ मत, कुछ ऐसा वैसा नहीं मांग रहा। वैसे मैं अपने लिए नहीं मांग रहा। ये जैक के लिए हैं। जब से उसने तुम्हे और मुझे एक साथ वो सब करते हुए देखा हैं, उसका दिल टूट गया हैं। उसकी हालत देख कर मुझे पता चला वो तुमको बहुत प्यार करता हैं। सैंड्रा ने मुझे उसे सच्चाई बताने से मना किया हैं। मैं चाहता हु कि तुम उससे मिलो”
मैं: “किस मुँह से जाऊ उसके सामने, मैं भी उसको बहुत पसंद करती हूँ पर अब वो मुझे देख कैसे रियेक्ट करेगा पता नहीं। शायद वो मुझसे मिलना भी ना चाहे”
जोसफ: “नहीं, उसे अब भी यकीन नहीं हैं कि तुम ऐसा कर सकती हो। उसने मुझसे भी कई बार पूछा पर मैं बता नहीं सकता था। सैंड्रा को पता चल गया तो वो मेरा जीना हराम कर देगी। तुम जैक से मिलने जाओ और उसको सब सच बताओ, और सैंड्रा के सामने ही बताओ ताकि वो मुझ पर शक ना करे कि मैंने जैक को सच बताया”
 
मैं: “जैक मेरी बात का यकीन क्यों करेगा भला ! तुम्हे क्या लगता हैं”
जोसफ: “करेगा, जरूर करेगा। सच्चा प्यार इतना कच्चा नहीं होता हैं। तुम सुबह के समय जाना जब सैंड्रा होगी या फिर शाम को”
मैं:”ठीक हैं मैं कोशिश करुँगी”
वीकेंड ख़त्म हुआ और सोमवार के दिन अशोक के घर से ऑफिस जाते ही मैं तैयार हुई। मैंने अपनी स्लीवलेस बॉडीकॉन ड्रेस पहनी जो घुटनो के ऊपर तक ही थी। मैं ऑफिस नहीं गयी और सीधा जैक के गेस्ट हाउस पहुंची। ड्राइवर गाड़ी के साथ बाहर ही खड़ा था मतलब सैंड्रा वही थी।
दरवाजा जैक ने ही खोला था। उसने मुस्कुराते हुए मेरा स्वागत किया और फिर कुछ याद कर मुझसे कहा कि जोसफ तो बाहर गया हुआ हैं कुछ दिन के लिए काम से।
मैंने कहा कि मुझे पता हैं और मैं उसी से मिलने आयी हु। उसने मुझे अंदर लिया, सैंड्रा उस वक्त वाशरूम में थी। मैंने उसको सच बताना शुरू किया।
उस दिन जोसफ के साथ मैंने जो कुछ भी किया था वो सब मज़बूरी में सैंड्रा के कहने पर किया था ताकि वो मुझसे दूर हो जाये। मैं तो उसे अब भी चाहती हूँ। उसको मुझ पर यकीन हो भी गया, क्यों कि वो अपनी माँ की आदतों को अच्छे से पहचानता था। वो जैक की कुछ गर्लफ्रेंड को पहले भी भगा चुकी थी।
जैक: “तुम सिर्फ ये कहने के लिए ही आयी थी यहाँ”
मैं: “नहीं, मैं ये कहने भी आयी कि मैं तुम्हे और भी पसंद करने लगी हूँ। तुम्हारे जैसा सच्चा इंसान मिलना बहुत मुश्किल हैं। तुमने इतनी आसानी से मेरी बात पर विश्वास कर लिया”
जैक: “मुझे उसी दिन लग गया था जिस तरह तुम मुझसे नजरे चुरा रही थी। मुझे पता था तुम ऐसा कुछ नहीं कर सकती”
मैं: “मुझ पर भरोसा बनाये रखने के लिए थैंक्स”
जैक: “पता नहीं तुम मुँह पर यकीन करोगी या नहीं पर आई रियली लव यू। तुम्हे नहीं पता तुमने यहाँ आकर…”
वो आगे कुछ बोल ही नहीं पाया. उसकी वो नीली नीली खूबसूरत आँखें एकदम नम हो चुकी थी और प्यार से मेरी तरफ ही देख रहा था। उसकी हालत देख मेरी भी आँख से एक दो आंसू टपक पड़े।
मैंने उसको “आई लव यू टू ” बोला और उसको अपने गले से लगा लिया। इतने बड़े धोखे के बाद उसकी बाहों में बहुत सुकून मिल रहा था।

हमने एक दूसरे के होंठो पर चूमना शुरू कर दिया। इतने दिनों बाद उसके हलके गुलाबी पतले कोमल होंठो को चुम कर बहुत अच्छा लगा।
थोड़ी देर चूमने के बाद हम अलग हुए और वो कुछ बोलना चाह रहा था पर बोल नहीं पा रहा था।
मैं: “तुम कुछ कहना चाह रहे हो”
उसने अपने हाथो में मेरे हाथ ले लिए और बोला ।
जैक: “दो दिन बाद हम वापस जा रहे हैं। मैं तुम्हे बहुत मिस करूँगा”
मैं: “मैं भी मिस करुँगी”
हम दोनों एक बार फिर एक दूजे के होंठो को चूमने लगे। फिर उसने मुझे घुमा दिया और पीछे से चिपक गया। उसने मेरी ड्रेस को जांघो से ऊपर उठाया और मेरी जांघो पर हाथ मलने लगा।
उसका मुँह मेरे कंधो पर चुम रहा था। मेरी जांघो को छोड़ उसने अपना हाथ मेरी ड्रेस के ऊपर से ही मेरे मम्मो पर रख दबाना शुरू किया। उसने मेरे कानो से बाल हटाए और मेरी गर्दन और कान के पीछे चूमने लगा।
 
हम दोनों एक बार फिर एक दूजे के होंठो को चूमने लगे। फिर उसने मुझे घुमा दिया और पीछे से चिपक गया। उसने मेरी ड्रेस को जांघो से ऊपर उठाया और मेरी जांघो पर हाथ मलने लगा।
उसका मुँह मेरे कंधो पर चुम रहा था। मेरी जांघो को छोड़ उसने अपना हाथ मेरी ड्रेस के ऊपर से ही मेरे मम्मो पर रख दबाना शुरू किया। उसने मेरे कानो से बाल हटाए और मेरी गर्दन और कान के पीछे चूमने लगा।
इसी तरह चूमते हुए वो बारी बारी से कभी हाथ नीचे ले जाकर मेरी जांघो पर मलता तो कभी कपड़ो के ऊपर से ही मेरे मम्मे दबाता । इस तरह वो मुझे उत्तेजित कर रहा था। इस उत्तेजना से मेरी धीरे धीरे आह अहह सिसकीया निकलने लगी। उसने अपनी दो उंगलिया ली और मेरी चूत के ऊपर रगड़ने लगा और मैंने अपना मुँह पीछे मोड़ा और हम एक दूसरे को चूमने लगे।
उसने मेरी ड्रेस उठा कर मेरे सर के ऊपर से निकाल दी और मुझे सोफे पर बैठा दिया । अंदर से मेरा काला ब्रा और पैंटी दिखने लगी। वो सोफे पर मेरे पीठ पीछे बैठ गया और मेरे ब्रा के ऊपर से मेरे मम्मे दबाने लगा और मेरे कंधे पर चूमता रहा।
उसने पीछे से मेरी ब्रा का हुक खोल ब्रा पूरा निकाल कर मुझे टॉपलेस कर दिया । मेरा ब्रा हटते ही उसने पीछे से हाथ आगे लाते हुए मेरे मम्मो को मलना शुरू कर दिया और साथ ही साथ मेरी गर्दन की साइड और कंधे पर चूमता रहा।
वो अब मेरे सामने की तरफ आया और मेरे दोनों पाँव चौड़े कर दिए। उसने मेरी पैंटी को मेरी चूत के छेद के आगे से थोड़ा साइड में किया और मेरी चूत की दरार में अपनी जबान चलाते हुए चाटता और चूसता रहा।
मेरी लगातार आह आह की आवाज जारी थी और वो मेरी चूत चाटते चाटते थोड़ा आगे बढ़ जांघो पर तो कभी चूत और जांघो के बीच के एरिया में भी चूमता रहा। मैं अब और जोर से ओ आ हां ओ आ हां कर जैसे सैंड्रा को वाशरूम से बाहर बुलाने लगी। मैं चाहती थी कि वो देखे मैं उसके बेटे के साथ क्या कर रही हूँ।
जोसफ वैसे भी कुछ दिन के लिए बाहर गया हैं, उसके बिस्तर का साथी अभी जैक ही हैं और उसको भी मैं अपने वश में कर लुंगी तो वो बहुत तड़पेगी।
इधर जैक ने मेरी पैंटी मेरी टांगो से बाहर कर मुझे पूरा नंगा किया और उधर सैंड्रा बाहर आयी और उसने वहां का नजारा देखा। उसको अपनी आँखों पर यकीन नहीं हुआ। मगर वो अपने जवान बेटे को कैसे रोके, जो मेरे नशे में पागल हो चूका था।
सैंड्रा को देख जैक सोफे पर बैठ गया, पर मैंने बिना समय गवाए उसके पायजामे से उसका लंड बाहर निकाला। पहली बार मैंने उसका लंड देखा था, उसके लंड पर उसकी नसे ऐसा लग रहा था जैसे दूध की कटोरी में केसर के लच्छे पड़े हो। इतना गौरा लंड मैंने कभी देखा नहीं था और सोफे पर ही घोड़ी बन कर उसके लंड पर मुँह झुका दिया और उसका लंड चूसने लगी।
मैंने जोश जोश में कुछ ज्यादा ही अपने गले में उतार कर चूस रही थी और मेरे मुँह से उउहु उउहु की आवाज आ रही थी। मैं एक हाथ से उसका लंड पकड़े अपना मुँह ऊपर नीचे घिस रही थी । वो भी मजे में मेरी गांड को सहला रहा था। थोड़ी देर मैं उसके गोरे लंड को चूसती रही।
मैं सोफे पर घोड़ी बनी हुई थी और वो उठा और मेरे पीछे आया। उसने एक पाव नीचे ज़मीन पर रखा और दूसरा पाँव का पंजा सॉफे पर घुटनो के बल मोड़ कर रखा और पीछे से मेरी चूत में लंड डाल चोदना शुरू कर दिया। मैं सैंड्रा को जलाते हुए आह्ह आह्ह हम्म की झड़ी लगा दी।
जैक की उम्र भले ही ज्यादा नहीं थी पर उसने सैंड्रा और जोसफ से काफी कुछ सीख लिया था जो वो मेरे साथ प्रदशित कर रहा था। वो एक अनुभवी मर्द की तरह मुझे बहुत अच्छे से चौद रहा था।
 
उसने अपना एक हाथ मेरे कूल्हों पर रखा और दूसरा गाँड के छेद के ऊपर रख अपनी एक ऊँगली मेरी गांड के छेद में डाल दी। मैं दोनों छेद में चूदने से आह्ह आह्ह अम्म आह्ह आह्ह अम्म की लगातार आहें भरने लगी।
हम दोनों अब सोफे पर लेटे थे , मैं आगे और वो मेरे पीछे था। मेरी टाँगे सैंड्रा की तरफ थी, मैंने अपनी टांग ऊपर कर मोड़ पकड़ ली ताकि सैंड्रा को अच्छे से दिखा जला पाऊ।
जैक ने मेरी गांड पकड़ दरार को चौड़ा किया और मुझे तेज तेज चोदना शुरू किया। मैं अब बेतहाशा आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह उम्म करने लगी। मुझे खुद इतना मजा आ रहा था कि मुझसे अब कण्ट्रोल नहीं हो रहा था।
जैक अब सोफे पर सीधा बैठ गया और मुझे उसकी गोद में आने को कहा। मैं उसकी गोद में चढ़ कर उसके लंड पर बैठ गयी। मेरी पीठ उसकी तरफ थी और मैंने अपने पाँव मोड़ पीछे कर लिए थे। मेरे हाथ पीछे उसके सीने पर थे। नीचे से जैक ने अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया। मेरी चूत पूरी खुल चुकी थी उसका लंबा सा लंड मेरे काफी अंदर तक जा रहा था।
जैक ने अब मुझे मेरी मम्मो के साइड से कमर के बीच पकड़ लिया था और मुझे ऊपर नीचे कर रहा था। मैं भी ऊपर नीचे जोर लगा कर चूद रही थी।
थोड़ी देर में मैंने ऊपर नीचे होना बंद कर दिया तो जैक ने नीचे से धक्के मारना शुरू। उसके झटके नीचे से भी काफी जोर से पड़ रहे थे और मेरी चूत को छलनी कर रहे थे। मेरी हालत अब ख़राब होने लगी।
मैं अब चीखते हुए आहें भर रही थी आआआआआह आआआआआह। जैक ने मेरे बालो को चोटी की तरह पकड़ खिंच मेरा मुँह ऊपर छत की तरफ कर दिया और जोर जोर से झटके मारता रहा। मैं अपना मुँह खोले ऊपर छत की तरफ देखते हुए आहें भर रही थी। सीईई ओह्हो ओह्हो ओह्हो करते हुए अपना पानी छोड़ने लगी।
उधर जैक भी सिसकिया भर रहा था और जिस तरह से तेज धक्के मारता हुआ अचानक गहरे धीमे धक्के मार रहा था वो भी अपना पानी मेरी चूत में निकाल रहा था। थोड़ी देर बाद हम दो प्रेमी एक दूसरे के प्यार से सरोबार हो झड़ चुके थे ।
मैं उसके ऊपर से हटी और देखा उसका गोरा लंड सफ़ेद गाढ़े पानी से भरा हुआ था। सैंड्रा अभी भी ताके जा रही थी। मैं नीचे बैठी और उसकी तरफ नजरे कर मैंने जैक का लंड चूस कर साफ कर दिया।
मुझे वो गन्दगी चूसना अच्छा तो नहीं लगा पर उसको ये दिखाना मुझे जरुरी लगा कि अब जैक पूरा मेरा हो चूका हैं। मैंने अपने होंठ हाथों से पोंछते हुए सैंड्रा को घुरा। फिर जैक का हाथ पकड़ उसको वाशरूम में ले गयी। उसके साथ नहा ली और जब पंद्रह मिनट के बाद वापिस आयी तो सैंड्रा तैयार हो कर जा जाने वाली थी।
मुझे आज वैसे भी ऑफिस नहीं जाना था तो मैं शाम तक जैक के साथ घूमती रही। शाम होने से पहले मैं फिर उसके गेस्ट हाउस आ गयी और सैंड्रा का इंतजार करने लगी। शाम को मैं जैक का मूड फिर बनाने लगी और हम दोनों पुरे नंगे हो गए। जैसे ही सैंड्रा की कार बाहर आने की आवाज आयी मैं जैक को लेकर उसके बेडरूम में आयी और दुसरी बार चूदाई की तैयारी कर ली।
सैंड्रा के कमरे में आने तक मैं जैक पर चढ़ कर उसकी मस्त चुदाई कर रही थी। मैं जैक को तृप्त कर देना चाहती थी ताकि उसे रात को सैंड्रा की जरुरत ना पड़े। मैंने उससे दोपहर में ही वादा ले लिया कि वो अब से सैंड्रा को नहीं चोदेगा।
जैक एक भारतीय खूबसूरत औरत को चोद कर बहुत खुश था । मैं पहली बार एक गौरे लंड का स्वाद चख कर और सैंड्रा को जला कर खुश थी।
हालांकि होम करते मेरे हाथ भी जले थे। सैंड्रा को जलाने चक्कर में मैंने अपनी इज्जत जैक के हवाले कर दी। पर मैं वैसे भी उसको सब दे देती, उसको देखते ही मुझे प्यार हो गया था।
असल में वो जैक ही था जिसने मेरा साल भर का व्रत तोड़ने को मजबूर कर दिया था। और एक गलती के बाद मैं एक से बढ़ एक गलती करती गयी।
मैं: “मेरे पास जोसफ और सैंड्रा का सेक्स वीडियो हैं। मुझे नहीं पता तुम्हारे पापा को पता हैं या नहीं इस बारे में, पर सैंड्रा की पोल खोलना जरुरी हैं। ”
जैक: “जोसफ अच्छा इंसान हैं, वो इसमें फंस जाएगा”
मैं: “उसको भी सैंड्रा से आजादी मिलेगी। वो अभी सिर्फ सैंड्रा का गुलाम बना हुआ हैं। वैसे भी मुझे नहीं लगता बॉब कभी जोसफ को छोड़ेगा ”
मैंने उसको वो वीडियो भेज दिया।
अगले दिन मैं ऑफिस पहुंची। जब राहुल अपने केबिन में गया तो एक नजर मेरी सीट पर डाली और अंदर चला गया।
शायद उसे राहत मिली होगी मुझे ऑफिस में देख कर। सिर्फ एक बार मैं काम से अंदर गयी थी और उसको मैंने साफ़ बोल दिया था कि मेरे ऑफिस आने का मतलब ये नहीं कि मैंने उसे माफ़ कर दिया।
अब हमारे बीच सिर्फ व्यावसायिक संबंध ही रहेंगे। प्रमोशन के बाद मेरा काम का बोझ बढ़ गया हैं और अब उसे अपने लिए दूसरी सेक्रटरी ढूंढनी होगी।
उसकी पुरे दिन हिम्मत नहीं हुई मुझे अपने केबिन में बुलाने की; सिर्फ मेल और मैसेज ही मिल रहे थे।
कल जैक वापिस जाने वाला था और मैं उससे आखिरी बार मिलने गेस्ट हाउस पहुंची। और सैंड्रा की आँखों के सामने एक दूसरे को चूमा । सैंड्रा के चेहरे पर खीझ देख कर मुझे बहुत सुकून मिला । उससे विदा लेने से पहले हम दोनों एक दूजे से गले मिल बहुत रोये।
अगले दिन शाम को जोसफ का एक वीडियो मैसेज मिला, जिसको पढ़कर मैं भावुक हो गयी। उसका हिंदी अनुवाद भी नहीं करुँगी। कुछ चीजे ओरिजिनल ही अच्छी होती हैं।
Joseph: “Hi Pratima, I don’t know how to tell this. First I want to apologise, in our first meeting I made an awkward comment. That’s how I have been brought up and think towards girls. But when I observed you I realised what a woman should be.
You changed me. I never said this to any woman but I am telling you that I love you. I don’t know what you think about me but I can never forget you.
Whatever happened between us in guest house that day was forced one, but I will never forget that experience. That was the best love I ever made. Till the time you’ll receive this message I’ll be gone from your life forever.
I have your number and will keep looking at your profile picture and status messages you will change. I can’t call you or I don’t have courage to face you, because I will cry like a baby like am doing right now. If I cry like baby, then it won’t look good with this heavy body. Some love stories are tend to be short lived, mine is same.
Take care, Love You. Joseph”
*** (इस मेसेज का हिन्दी अनुवाद!) ***
जोसफ: हेल्लो प्रतिमा, मुझे नहीं पता मैं ये कैसे कहूँ। पहले तो मैं हमारी पहली मुलाकात के दोरान मेरे द्वारा तुम्हारे बारे में कही बातो के लिए माफ़ी चाहता हूँ। शायद औरतों के बारे में मेरी सोच ऐसी ही रही है। पर जब मैंने तुम्हे समझा तो जाना की सभी औरतें तुम्हारी तरह की ही होनी चाहिए!
सच में तुमने मुझे बदल दिया, मैंने आज तक ये किसी भी औरत से नहीं कहा पर तुमसे कह रहा हूँ की आई लव यू। मुझे नहीं पता तुम मेरे बारे में क्या सोचती हो, पर मैं तुम्हे कभी भी नहीं भूल पाउँगा।
उस दिन गेस्ट हाउस में हमारे बिच जो कुछ भी हुआ वो जबरदस्ती था, पर मैं उड़ दिन के अनुभव को कभी नही भूलूंगा। क्योकि वो मेरी जिदगी का सबसे बेहतर अनुभव था। जिस समय तम्हे ये मेसेज मिलेगा तब तक मैं तुम्हारी जिंदगी से बहुत दूर जा चूका होऊंगा।
मेरे पास तुम्हारा नंबर है, मैं हमेश तुम्हारी प्रोफाइल पिक और स्टेट्स देखता रहूँगा। मैं तुम्हे फ़ोन नहीं करूँगा, क्योकि मुझमे तुमसे बात करने और तुम्हारा सामना करने की हिम्मत नहीं है। क्योकि मुझे पता है मैं एक छोटे बच्चे की तरह रो पडूंगा जैसे की मैं अब रो रहा हूँ। अगर मैं रोऊंगा तो मेरे इस बड़े शरीर पर वो बिलकुल अच्छा नहीं लगेगा। कुछ प्यार की कहानियां यु ही छोटी होती है, जैसे की मेरी है!
अपना ख्याल रखना, लव यू! जोसफ!
***
 
मैंने उसको तुरंत जोसफ को फ़ोन करना चाहा पर नंबर स्विच ऑफ था और वो हमेशा के लिए मेरी ज़िन्दगी से चला गया था। उसको कुछ भी कहना होता हैं तो अपना स्टेटस मैसेज बदल लेती हूँ। मुझे पता हैं वो पढ़ रहा होगा पर मैं उसकी सुन नहीं सकती।
ऑफिस में राहुल को मैंने कई बार मुझे ताड़ते हुए पकड़ा हैं। हर बाहरी मीटिंग में वो मुझे जानबूझ कर शामिल करता हैं ताकि मेरे साथ कार में कुछ समय साथ बैठ पाए। शायद इस आस में कि किसी दिन मैं मान जाऊ। उसकी आँखों में वो तड़प हैं मुझे पाने की।
मैंने सोचा शायद एक दिन मैं उसे मौका दे दू, जब मेरे पति अशोक की तरफ से मेरे लिए सब दरवाजे बंद हो जायेगे।
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