desiaks
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अब शीतल की शरारत बढ़ गई। वो वसीम को छेड़ने के अंदाज में बोली- "कुछ करेंगी नहीं, बस इसमें किसी की कुछ पिक्चर है वहीं देख रही हैं..."
वसीम. "डलिट मत करना प्लीज.. में बहुत खास लम्हों के पिक्स हैं मेरे लिए। तुम भरोसा रखो की उन्हें कोई और कभी नहीं देख पाएगा..."
शीतल हँस दी, और बोली "डॉलट क्यों करेंगी? जब कोई इतने प्यार से खींच चाई है तो। जिसकी भी है लेकिन पिक्चर है त मस्त। कैसे किसकी पिक्म है ये? शायद आपकी किसी रंडी की लग रही है.. शीतल पहली बार खुद को इस तरह रंडी बोल रही थी और उसे खुद को इस तरह रंडी बोलने में मजा आ रहा हैं
वसीम शीतल की शरारत को समझते हुए माकुरा उठा, और कहा- "जिसकी भी है तुम बस डेलिट मत करना प्लीज... उसे स्विच आफ करके रख दो, मैं रात में आऊँगा तो ले लूँगा.."
शीतल- "वो तो रख दूँगी लेकिन रही है बहुत मस्त। आपको तो इसे बहुत चोदना चाहिए था."
बीम- "ही... अब चोद ही लूँगा प्लीज... उसे रख दो अच्छे से सम्हालकर। स्विच आफ कर दो उसे..."
शीतल मुश्कुराती हुई काल डिसकनेक्ट कर दी।
वसीम का मोबाइल उतना अच्छा नहीं था जिसमें अच्छी पिक आती हो। शीतल नंगी तो थी ही। वो अपने मोबाइल से पिक लेने के लिए उठी लेकिन वीर्य के सूख जाने में अभी वो अच्छी नहीं लग रही थी। घर साफ हो हो गया था। वो नहाने चली गई। जब नहाकर आई तो पूरे घर में घूम-घूमकर अपनी कई सारी पिक्स ली। फुल बाड़ी की, चूची मसलते हुए, न्यूड सेल्फी बहुत सारी।
उनमें से उसने 8-10 पिक्स को सेलेक्ट किया और वसीम के मोबाइल में बल-टूश्च में भेज दिया। फिर वो अपनी वो पिक जिसमें उसकी आँखें बंद थी और माथे और चेहरे पे वीर्य भरा हुआ था उसे वसीम के मोबाइल में बालपेपर में लगा दी। अपने मोबाइल की पिक्स को वो डेलिट कर दी। जो उसने वसीम के मोबाइल से लिया था उसे हाइड कर दी। फिर उसने वसीम के मोबाइल का स्विच-आफ कर दिया और गेस्ट के स्वागत में लग गई। वो एक अच्छी सी साड़ी पहनी थी अभी।
विकास अपने साथी और उसकी वाइफ के साथ ही आया था। वा लोग बातें कर रहे थे।
वसीम अपने टाइम में आया और शीतल के दरवाजा पे नाक किया। शीतल का सारा ध्यान टाइम और वसीम के आने पे ही था। वो उठकर गई और दरवाजा खोली। दरवाजा पे वसीम खड़ा था। शीतल ने उसे रुकने का इशारा की और मोबाइल का बेडरूम से लाकर वसीम के हाथ में दे दी।
वसीम ने पूछा- "पिक्स हटाई तो नहीं?"
शीतल बस एक शरारती मुश्कान मुश्कुरा दी और दरवाजा बंद करती हुई अंदर आ गई।
विकास को लग गया था की वसीम ही होगा फिर भी वो पूछा- "कौन था?"
शीतल नार्मली बोली- "वसीम चाचा थे..."
विकास ने फिर पूछा- "क्या बोल रहे थे?"
शीतल पहले तो चुप रही लेकिन फिर बोली- "कुछ नहीं, उनका मोबाइल यही रह गया था...'
विकास का मन हुआ की कुछ बोलें लेकिन फिर वो चुप रह गया और अपने मेहमानों से नार्मल बातें करने लगा।
वसीम को समझ में नहीं आया की क्या हुभा है? सीढ़ियां चढ़ते हुए उसने मोबाइल ओज किया। उसे बहुत अफसास था की उसका मोबाइल शीतल के यहाँ ही छूट गया था। जब वो दरवाजे पे लुंगी पहन रहा था तो उसने मोबाइल को सोफे पे रख दिया था और फिर भूल गया था।
वसीम को लग रहा था की कितनी सारी पिक्स थी रंडी की, अगर बिकास उसे सीधे चोदजें नहीं दिया तो ये पिक्स काम देगी और नहीं तो पिक्स मजेदार तो थी ही। मोबाइल औन होते ही वालपेपर में उसे शीतल का वीर्य से भरा हुआ चेहरा वाला पिक दिखा। वसीम खुश हो गया और उसका लण्ड टाइट हो गया। वो गैलरी में जाकर देखने लगा। सारी पिक्स थी। उसे एक अलग फोल्डर भी दिखा आपकी रंडी के नाम से। उसने उसे खोला तो शीतल की खुद की ली हई पिक्स थी। वसीम खुश हो गया। अब उसे पी तरह यकीन हा गया की अगर उसने अब तक शीतल को नहीं चोदा है तो अफसोस की कोई बात नहीं है। उसका प्लान बिल्कुल सही है और अब कुछ ही देर की बात है जब शीतल को आराम से बिना किसी डर के चोद सकेगा।
शीतल के गेस्ट चले गये। शीतल घर की साफ सफाई में लग गई। वो सोची की बेड पे जाकर विकास से बात करीगी। लेकिन जब तक वो बेड पे पहुँची विकास सो चुका था। सुबह उसे जल्दी जाना था। कल उसकी मीटिंग थी दूसरे शहर में। पति शहर से बाहर होगा ये सोचकर ही उसे लगा की कल सुबह में ही चुदवा लेंगी वसीम चाचा से। लेकिन इसके लिए विकास को वसीम चाचा को बोलना तो होगा ही, नहीं तो वो तो मुझे चोदने से रहा।
सुबह शीतल ने जाग कर नहाकर पूजा कर ली और विकास के लिए नाश्ता बनाने लगी। आज वो और पहले जागी थी। बिकास उठा और हड़बड़ी में तैयार होने लगा। शीतल को मौका ही नहीं मिल पा रहा था बात करने का। वैसे भी ये कोई सिपल बात नहीं थी। ठीक है विकास ने उस दिन ही कहा था फिर भी अपने पति से किसी और से चुदवाने की पमिशन लेना और उसे दूसरे आदमी को बोलना की आप मेरी बीवी को चोद लो, कोई मामूली बात नहीं थी।
वसीम. "डलिट मत करना प्लीज.. में बहुत खास लम्हों के पिक्स हैं मेरे लिए। तुम भरोसा रखो की उन्हें कोई और कभी नहीं देख पाएगा..."
शीतल हँस दी, और बोली "डॉलट क्यों करेंगी? जब कोई इतने प्यार से खींच चाई है तो। जिसकी भी है लेकिन पिक्चर है त मस्त। कैसे किसकी पिक्म है ये? शायद आपकी किसी रंडी की लग रही है.. शीतल पहली बार खुद को इस तरह रंडी बोल रही थी और उसे खुद को इस तरह रंडी बोलने में मजा आ रहा हैं
वसीम शीतल की शरारत को समझते हुए माकुरा उठा, और कहा- "जिसकी भी है तुम बस डेलिट मत करना प्लीज... उसे स्विच आफ करके रख दो, मैं रात में आऊँगा तो ले लूँगा.."
शीतल- "वो तो रख दूँगी लेकिन रही है बहुत मस्त। आपको तो इसे बहुत चोदना चाहिए था."
बीम- "ही... अब चोद ही लूँगा प्लीज... उसे रख दो अच्छे से सम्हालकर। स्विच आफ कर दो उसे..."
शीतल मुश्कुराती हुई काल डिसकनेक्ट कर दी।
वसीम का मोबाइल उतना अच्छा नहीं था जिसमें अच्छी पिक आती हो। शीतल नंगी तो थी ही। वो अपने मोबाइल से पिक लेने के लिए उठी लेकिन वीर्य के सूख जाने में अभी वो अच्छी नहीं लग रही थी। घर साफ हो हो गया था। वो नहाने चली गई। जब नहाकर आई तो पूरे घर में घूम-घूमकर अपनी कई सारी पिक्स ली। फुल बाड़ी की, चूची मसलते हुए, न्यूड सेल्फी बहुत सारी।
उनमें से उसने 8-10 पिक्स को सेलेक्ट किया और वसीम के मोबाइल में बल-टूश्च में भेज दिया। फिर वो अपनी वो पिक जिसमें उसकी आँखें बंद थी और माथे और चेहरे पे वीर्य भरा हुआ था उसे वसीम के मोबाइल में बालपेपर में लगा दी। अपने मोबाइल की पिक्स को वो डेलिट कर दी। जो उसने वसीम के मोबाइल से लिया था उसे हाइड कर दी। फिर उसने वसीम के मोबाइल का स्विच-आफ कर दिया और गेस्ट के स्वागत में लग गई। वो एक अच्छी सी साड़ी पहनी थी अभी।
विकास अपने साथी और उसकी वाइफ के साथ ही आया था। वा लोग बातें कर रहे थे।
वसीम अपने टाइम में आया और शीतल के दरवाजा पे नाक किया। शीतल का सारा ध्यान टाइम और वसीम के आने पे ही था। वो उठकर गई और दरवाजा खोली। दरवाजा पे वसीम खड़ा था। शीतल ने उसे रुकने का इशारा की और मोबाइल का बेडरूम से लाकर वसीम के हाथ में दे दी।
वसीम ने पूछा- "पिक्स हटाई तो नहीं?"
शीतल बस एक शरारती मुश्कान मुश्कुरा दी और दरवाजा बंद करती हुई अंदर आ गई।
विकास को लग गया था की वसीम ही होगा फिर भी वो पूछा- "कौन था?"
शीतल नार्मली बोली- "वसीम चाचा थे..."
विकास ने फिर पूछा- "क्या बोल रहे थे?"
शीतल पहले तो चुप रही लेकिन फिर बोली- "कुछ नहीं, उनका मोबाइल यही रह गया था...'
विकास का मन हुआ की कुछ बोलें लेकिन फिर वो चुप रह गया और अपने मेहमानों से नार्मल बातें करने लगा।
वसीम को समझ में नहीं आया की क्या हुभा है? सीढ़ियां चढ़ते हुए उसने मोबाइल ओज किया। उसे बहुत अफसास था की उसका मोबाइल शीतल के यहाँ ही छूट गया था। जब वो दरवाजे पे लुंगी पहन रहा था तो उसने मोबाइल को सोफे पे रख दिया था और फिर भूल गया था।
वसीम को लग रहा था की कितनी सारी पिक्स थी रंडी की, अगर बिकास उसे सीधे चोदजें नहीं दिया तो ये पिक्स काम देगी और नहीं तो पिक्स मजेदार तो थी ही। मोबाइल औन होते ही वालपेपर में उसे शीतल का वीर्य से भरा हुआ चेहरा वाला पिक दिखा। वसीम खुश हो गया और उसका लण्ड टाइट हो गया। वो गैलरी में जाकर देखने लगा। सारी पिक्स थी। उसे एक अलग फोल्डर भी दिखा आपकी रंडी के नाम से। उसने उसे खोला तो शीतल की खुद की ली हई पिक्स थी। वसीम खुश हो गया। अब उसे पी तरह यकीन हा गया की अगर उसने अब तक शीतल को नहीं चोदा है तो अफसोस की कोई बात नहीं है। उसका प्लान बिल्कुल सही है और अब कुछ ही देर की बात है जब शीतल को आराम से बिना किसी डर के चोद सकेगा।
शीतल के गेस्ट चले गये। शीतल घर की साफ सफाई में लग गई। वो सोची की बेड पे जाकर विकास से बात करीगी। लेकिन जब तक वो बेड पे पहुँची विकास सो चुका था। सुबह उसे जल्दी जाना था। कल उसकी मीटिंग थी दूसरे शहर में। पति शहर से बाहर होगा ये सोचकर ही उसे लगा की कल सुबह में ही चुदवा लेंगी वसीम चाचा से। लेकिन इसके लिए विकास को वसीम चाचा को बोलना तो होगा ही, नहीं तो वो तो मुझे चोदने से रहा।
सुबह शीतल ने जाग कर नहाकर पूजा कर ली और विकास के लिए नाश्ता बनाने लगी। आज वो और पहले जागी थी। बिकास उठा और हड़बड़ी में तैयार होने लगा। शीतल को मौका ही नहीं मिल पा रहा था बात करने का। वैसे भी ये कोई सिपल बात नहीं थी। ठीक है विकास ने उस दिन ही कहा था फिर भी अपने पति से किसी और से चुदवाने की पमिशन लेना और उसे दूसरे आदमी को बोलना की आप मेरी बीवी को चोद लो, कोई मामूली बात नहीं थी।