hotaks444
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[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]जब जब स्मृति अपनी नशीली आँखे उपर करके देखती तो कुशल और भी पागल हो जाता था. उसकी आँखे आज कुच्छ डिफरेंट ही लग रही थी.
सीने को अच्छे तरीके से किस करके वो नीचे लंड तक पहुँचती है, अब वो उसके शॉर्ट को उतारने के लिए उसे बेड से उठती है. कुशल तो जैसे रिमोट कंट्रोल से कंट्रोल हो रहा था. कुशल की आँखो मे देखते हुए स्मृति उसके शॉर्ट को उतारती है. इन सारे आक्षन्स से कुशल का एग्ज़ाइट्मेंट सातवे आसमर पर था और वो स्मृति के इस वाइल्ड रूप से इंप्रेस भी था.
कुशल का शॉर्ट उतारता है और उसका 8 इंच का मोटा लंड बाहर आ जाता है. स्मृति टाइम ना वेस्ट करते हुए अपने गीले और गुलाबी होंठ उसके लंड पर रख देती है.
“ आहह………….मेरी जाआअंन्न………मेरी रातो की राणिीईईईईईईई…………. आअज्जजज्ज्ज्ज चोद्द्द्द्द्द्द्द दूँगा तुझीए…….उफफफफफफफ्फ़….सेक्शययययययययययी…………………..और चूस……ऐसे ही चूस………………” कुशल आज उसके लंड चूसने के तरीके से भी इंप्रेस था. अपना पूरा मूँह खोल कर वो उसके लंड को चूस रही थी. चूस क्या रही थी लंड को मूँह के कोने कोने मे ले जा रही थी. इतना बड़ा लंड होने के बावजूद वो उसे अपने मूँह के पूरा अंदर ले जाना चाह रही थी.
कुशल के लिए एक अड्वेंचर था कि कैसे स्मृति आज उसके लंड को चूस रही थी. मूँह के साइड तक को जगह मे वो लंड को घुमा घुमा कर ले जा रही थी.
“ओह……….डार्लिंग……तू गजब है…….चूस…..ऐसे ही चूस…..आआहह” कुशल के हाथ अब स्मृति के बालो मे पहुँच गये थे और उसकी गर्दन को पकड़ पकड़ कर वो खुद ही आगे पीछे कर रहा था.
“उफफफफफफ्फ़…….कितनी सेक्सी है तू डार्लिंग…….म्*म्म्मह…..ऐसे हीईीईईई……………इतना……..मज़ा…..तो पूरी लाइफ मे नही आया…………………………….” कुशल का एग्ज़ाइट्मेंट बढ़ता ही जा रहा था.
स्मृति यहीं नही रुकी, उसके लंड को अच्छे से गीला करने के बाद वो उसकी बॉल्स तक पहुचि. स्मृति उसके लंड को उपर करके और उसकी बॉल्स को किस करने लगती है. क्या सीन था, इंडियन एन्वाइरन्मेंट मे ऐसे हर्डली ही नसीब होता है.
कुशल तो जैसे होश मे नही था, लंड के साथ उसकी गर्दन भी उपर आसमान की तरफ हो चुकी थी. स्मृति अब उसके बॉल्स को चूस रही थी
कुशल को वैसे ही प्रीति ने बहुत गरम कर दिया था और वो नही चाहता था कि स्मृति की कोई भी ख्वाहिश आज अधूरी रह जाए नही तो वो उसे खा जाएगी. इसीलिए उसे अहसास हो रहा था कि अगर और थोड़ी देर स्मृति ने उसकी बॉल्स चूसी तो उसका सारा माल निकल जाएगा.
“उफफफफफफ्फ़……ग्रेट……..यू आर आ रियल सकर………………….. आहह……..नाउ इट ईज़ माइ तुर्न…………..” कुशल धीरे से अपने लंड को स्मृति के मूँह से हटाने लगता है.
स्मृति अपने आप को सेट करते हुए खड़ी होती है और धीरे धीरे चल कर सामने वाले सोफे पर दोनो हाथ टिका कर डॉगी स्टाइल मे खड़ी हो जाती है. पीछे से एक हाथ ले जाते हुए वो एक फिंगर अपनी चूत मे घुसा देती है –“ लाइयन……….आआआ….चूस ईसीईए………….खा जा मेरी चूत को…….बहुत प्यार है ना तुझे इससे…………” स्मृति कुशल की तरफ गर्दन करते हुए कहती है.
कुशल वाकई मे आज इस रूप से अंजान था. स्मृति के रूप मे उसके घर मे एक सेक्सी स्लट रह रही थी. कुशल आगे बढ़ता है और घुटनो के बल उसकी गान्ड के पीछे बैठ जाता है, टाइम बिना वेस्ट करे वो अपने मूह को उसकी चूत पर रख देता है –
“आआहह………..लाइयन…………यू मदरफकर लिक्क माइ पूस्सयी…….चाट मेरी चूत को………….” स्मृति की इस सॉलिड आवाज़ से कुशल एक बार को दहल ही जाता है लेकिन उसकी पुसी को चाटना चालू रखता है. अपनी गान्ड को वो और भी ज़्यादा पीछे कर लेती है जिससे कि उसकी चूत और भी खुल कर कुशल के मूँह मे आ सके.
“ उफफफफफफफफफफ्फ़………..लाइयन………………..घुसा अपनी जीभ अंदर…………………..” कुशल पूरी ताक़त के साथ लगा हुआ था और उसकी चूत चाट रहा था. स्मृति भी अपनी कमर को धीरे धीरे हिला रही थी. उसकी चूत से निकलने वाला रस कुशल को और पागल कर रहा था.
स्मृति अपने हाथ को भी अपनी चूत पर ले जाती है और उपर के हिस्से को छेड़ने लगती है, पानी और भी ज़्यादा निकलने लगा था.
“म्*म्म्ममह……ग्रेट…………यू फकर………………….आहह…….” स्मृति अपनी गान्ड को और भी ज़्यादा हीला रही थी.
ऐसा बस कुच्छ मिनिट और लगा कि स्मृति और भी ज़्यादा वाइल्ड रूप मे आ गयी –
“ फक मी लाइयन……फक मी बस्टर्ड……..शो मी युवर पवर………आहह…….यू मदरफकर……………..फक मे………………मार मेरी चूत को……..फाड़ दे ईसीईई……………” स्मृति अब चुदने को तैयार थी.
चुदने से पहले एक बार फिर से स्मृति पीछे मुड़ती है और उसके लंड को चूसने लगती है. कुशल की हालत खराब थी, वो चोदने के लिए तैयार था लेकिन स्मृति की एक्सपेक्टेशन्स आज कुच्छ ज़्यादा ही थी.
जैसे वो लंड को चूस्ते हुए उपर देख रही थी तो कुशल और भी ज़्यादा एग्ज़ाइटेड हो रहा था. उसके लंड को अच्छे चूसने के बाद वो फिर से डॉगी स्टाइल मे आती है और कुशल को इन्वाइट करती है आ और कर दे मेरमेरा काम.
कुशल आगे बढ़ता है और अपना लंड उसकी चूत पे टिकाता है “ घुसा दे इसे पूरा…….पहुँचा दे इसे एंड तक…..फक मी हार्ड टुडे…….” स्मृति की ये बात सुन कर वो एक जोरदार धक्का लगाता है और 8 इंच का मोटा लंड स्रर्र्ररर से अंदर घुस जाता है.
“ लाइक तट……….आआअहह” स्मृति आज जैसे रुकने का नाम ही नही ले रही थी. लेकिन कुशल भी अपने अंदर की पवर को जगा रहा था.
कुशल ने तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए थे और उधर स्मृति भी अपनी चूत को हीला हीला कर धक्के लगवा रही थी. चूत मे लंड के घुसने वाला साउंड, और उन दोनो के बॉडी के टकराने वाला साउंड दोनो ही ही रूम का टेंपरेचर बढ़ा रहे थे.
“ आअहह…. फक मी…फक मी हार्ड……फक मी…………….खोल दे आज मेरी चूत को………….हार्ड…..हार्ड…….म्*म्म्ममह” स्मृति भी खूब उच्छल उच्छल कर धक्के लगा रही थी.
“आहह………….यू……माइ बिच…………….आइ विल फक यू………यू सो टेस्टी…………………” कुशल की भी आवाज़े निकालने लगी थी.
पूरा रूम फक्किंग साउंड से भर गया था. स्मृति अपने एक्सपीरियेन्स का पूरा फ़ायदा उठा रही थी और लंड को बार बार अंदर लेने मे सक्सेस्फुल हो रही थी.
स्मृति की चूत से निकलने वाला रस धीरे धीरे कुशल के बालो तक भी आ चुका था. गजब का घर्षण हो रहा था.
“ओूऊऊऊऊऊ……..लाइयन…….फाड़ दे मेरी चूत………………मार इसको……………..ग्रेट………..”स्मृति के चिल्लाने से ही पता लग रहा था कि वो आज कितनी मस्त हो चुकी थी.
कुशल भी पूरी ताक़त के साथ धक्के लगा रहा था. स्मृति की पूरी बॉडी काँप रही थी और कुशल उस पर अपने मोटे और तगड़े लंड से दबा दबा के धक्के लगा रहा था. बहुत ही गजब सीन चल रहा था.
“ लाइयन………….यू अमेज़िंग…………..और मार मेरी चूत को…….ग्रेट………आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह……आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्व्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह……यू आर माइ ड्रीम फकर………आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह…….आअहह…आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह” और स्मृति के हाथ सोफे पर कस जाते है. उसका रस निकल गया था.
कुशल को प्रीति वाला इन्सिडेंट याद आ गया और वो और तेज तेज धक्के लगाने लगा. कुच्छ ही सेकेंड्स मे वो अपना लंड बाहर निकालता है और उसकी पिचकारी से स्मृति की पूरी पीठ भर जाती है.
स्मृति के चेहरे का तेज देखते ही बनता था.
“थॅंक्स फॉर मेकिंग मी सॅटिस्फाइड….. लाइयन…….अब तुम जब चाहो वो कर सकते हो जो तुम्हारी ख्वाहिश है.” स्मृति का इशारा अपनी गान्ड की तरफ था. कुशल का अभी तो एंडिंग पॉइंट हुआ था और उसे थोड़ा टाइम चाहिए थे संभलने के लिए की तभी -
“कुशल……..कुशल….कुशल…..कुशल………” उपर से प्रीति की चिल्लाने की आवाज़ आती है. शायद वो जाग गयी थी.
दूसरी तरफ –
सिचुयेशन तो काफ़ी चेंज हो चुकी थी लेकिन वहीं से शुरू करते है जहाँ से छोड़ा था. जैसे की आप जानते है कि आराधना ने नयी ब्रा पैंटी पहन ली थी अपनी चुदाई के बाद और पंकज उसे घूरता है –
पंकज की निगाहे फिर से आग उगलने लगी थी और वैसे सीन भी कुच्छ ज़्यादा ही कामुक था "क्या अभी भी मन नही भरा जो ऐसे देख रहे है.???" आराधना अपनी पैंटी को पूरा उपर चढ़ाने के बाद और पंकज की तरफ देखते हुए बोलती है
पंकज का मूँह खुला का खुला था. उसने कभी आराधना को इतना सेक्सी नही देखा था, हाँ आइडिया लगता था कि वो सेक्सी है लेकिन आराधना के इन मोस्ट एरोटीक ब्रा आंड पैंटी ने पंकज के दिमाग़ की तारो को झकझोड़ दिया था.
जब आराधना ने पंकज से वो सवाल किया तो पंकज ने कोई जवाब नही दिया और मूँह खोल का ऐसे ही देखता रहा. पैंटी पूरा उपर चढ़ाने के बाद आराधना पंकज की तरफ बढ़ती है और एक चुटकी उसकी आँखो के सामने बजाते हुए स्माइल करती है.
“ डॅड…… यू ओके?” बहुत प्यारी स्माइल के साथ वो अपने डॅड को जागती हुई नींद से जागती है. पंकज हड़बड़ा जाता है.
“ओह्ह्ह…. यस… यस” और ये बोल कर वो अपना चेहरा दूसरी साइड कर लेता है. पंकज को अहसास हो गया था कि आराधना ने उसे पकड़ लिया है. पंकज अब धीरे धीरे रूम के कॉर्नर मे चल कर चेर पर बैठ जाता है, ये वोही चेर है जिस पर बैठ कर और आराधना को अपने उपर बिठा कर उसके जवान जवान यौवन के तारो को छेड़ दिया था.
पंकज अब आराधना के सामने बैठा था और काफ़ी सीरीयस लग रहा था. वो अपने सिगरेट बॉक्स को उठाता है और एक सिगरेट को बाहर निकाल कर अपने लाइटर से जलाता है. आराधना अब खुद जाकर अपने बेग से एक ट्रॅन्स्परेंट शिफ्फॉन टॉप निकालती है और उसे पहन ने लगती है.
“ डॅड…. . सीरीयस लग रहे हो…… सब ठीक तो है ना…….?” आराधना उस टॉप को पहनते हुए बोलती है. वो टॉप बिल्कुल ट्रॅन्स्परेंट था, और आराधना ने अंदर की ब्रा पैंटी उसमे क्लियर दिखाई दे रही थी. आराधना का ये बोल्ड अंदाज़ बिल्कुल नया था.
“ नही….. बस ऐसे ही……….” पंकज फिर से सीरीयस रहते हुए जवाब देता है. आराधना ये सुनकर धीरे धीरे उसके पास बढ़ती है. उसके पास पहुँच कर उसकी आँखो मे आँखे डालते हुए बोलती है –
“ क्या…..आप अपसेट है? बताओ ना कि क्या बात है…… क्या…आपको अच्छा नही लगा……?” आराधना थोड़ा हेज़िटेट हो होती है लेकिन फिर भी पंकज की आँखे मे देखते हुए बोल देती है.
पंकज खड़ा होता है और आराधना को हग करता है. “ऐसा कुच्छ नही है……. तुम्हारे साथ बिताए आज के पल से तो मैं अपनी जवानी के बेस्ट टाइम भी भूल गया हू…… अच्छा मेनटेन किया है तुमने अपने को….. काफ़ी टाइट हो…..” और ये बोलते हुए वो आराधना की गान्ड पर एक चिकोटी काट देता है.
“ ऊूउउ….” आराधना उसकी इस आक्टिविटी से चोंक जाती है क्यूंकी वो मेंटली प्रिपेर्ड नही थी इस सिचुयेशन के लिए लेकिन उसे अच्छा भी लगता है.
“ कसम से आप बड़े नॉटी रहे होंगे….अपनी जवानी मे……..” और ये बोलते हुए आराधना उसके कंधे पकड़ कर उसे फिर से चेर पर बिठा देती है.
“ जवानी मे तो हर कोई नॉटी होता है…. देखो आज तुम भी कितनी नॉटी रही….. तुम्हारी वाय्स तो तुम्हारी मोम से भी सेक्सी है……” पंकज थोड़े फन्नी वे मे आराधना से बोलता है.
“ डॅडी…… आप बहुत वो हो…..” और आराधना उसके सीने मे प्यार से दो मुक्के जमा देती है. और फिर उसी की गोद मे बैठ जाती है.
पंकज उसे अपने सीने से लगा . है. आराधना के ग्लोयिंग चीक्स बता रहे थे कि कैसे उसे लंड का इंजेक्षन लगा और कैसे उसकी बॉडी चेंज हो रही है.
“ डॅड… आपने ये क्यू बोला कि जवानी का बेस्ट टाइम भूल गया…. क्या आपको मोम प्यार नही करती थी…..” आराधना उसके सीने मे मूँह छुपाए बोलती है.
“ मोम की कौन बात कर रहा था…. जवानी तो शादी से कई साल पहले शुरू हो जाती है……..” पंकज उसे बिना झिझके ये बात बता देता है.
आराधना उसकी ये बात सुन कर चोंक जाती है और सीने से मूँह उठा कर उपर देखती है. “ ओह माइ गॉड….. तो इसका मतलब आप…..आप शादी से पहले भी………शादी से पहले भी कुच्छ कर चुके थे……..” आराधना को थोड़ी शरम तो आ रही थी ये बात पुच्छने मे लेकिन वो पुच्छ ही लेती है.
पंकज आराधना का एक हाथ पकड़ता है और उसकी चूत के सामने से ले जाते हुए अपने लंड पर रख देता है. “ पता है जब ये बड़ा होता है ना तो सोने नही देता…. शादी तक कहाँ इंतेज़ार होता है. अगर शरीफ बन कर इंतेज़ार भी करो तो सर मे दर्द रहता है और कहीं मन नही लगता. उपर वाले ने हमे बनाया ही इस तरीके से है की टाइम बाइ टाइम नीड्स बदलने लगती है… इसकी नीड तो तुम जानती ही हो…..” पंकज आराधना के हाथ को अपने लंड पर दबाते बोलता है.
आराधना के हाथ जैसे ही लंड पर पहुँचे उसको समझ आ गया कि वो फिर से तैयार होने वाला है. “ तो इस जनाब का अभी पेट नही भरा……” आराधना पंकज की गोद से खड़ी होती हुई और उसके लंड की तरफ देखते हुए बोलती है.
“ पेट ऐसे भर जाता तो बात ही क्या थी………” पंकज भी आराधना की तरफ देखते हुए रोमॅंटिक अंदाज़ मे बोलता है. आराधना ये बात देख कर समझ जाती है और वो स्माइल करके पंकज से दूर खड़ी हो जाती है.
“ तो आप रसिया रहे हो जवानी मे……. मोम से . पहले ही आप काम कर चुके थे….. लेकिन अगर मोम को पता चल जाता तो……” आराधना सिचुयेशन को कॉनवर्ट करने के लिए ऐसा बोलती है.
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सीने को अच्छे तरीके से किस करके वो नीचे लंड तक पहुँचती है, अब वो उसके शॉर्ट को उतारने के लिए उसे बेड से उठती है. कुशल तो जैसे रिमोट कंट्रोल से कंट्रोल हो रहा था. कुशल की आँखो मे देखते हुए स्मृति उसके शॉर्ट को उतारती है. इन सारे आक्षन्स से कुशल का एग्ज़ाइट्मेंट सातवे आसमर पर था और वो स्मृति के इस वाइल्ड रूप से इंप्रेस भी था.
कुशल का शॉर्ट उतारता है और उसका 8 इंच का मोटा लंड बाहर आ जाता है. स्मृति टाइम ना वेस्ट करते हुए अपने गीले और गुलाबी होंठ उसके लंड पर रख देती है.
“ आहह………….मेरी जाआअंन्न………मेरी रातो की राणिीईईईईईईई…………. आअज्जजज्ज्ज्ज चोद्द्द्द्द्द्द्द दूँगा तुझीए…….उफफफफफफफ्फ़….सेक्शययययययययययी…………………..और चूस……ऐसे ही चूस………………” कुशल आज उसके लंड चूसने के तरीके से भी इंप्रेस था. अपना पूरा मूँह खोल कर वो उसके लंड को चूस रही थी. चूस क्या रही थी लंड को मूँह के कोने कोने मे ले जा रही थी. इतना बड़ा लंड होने के बावजूद वो उसे अपने मूँह के पूरा अंदर ले जाना चाह रही थी.
कुशल के लिए एक अड्वेंचर था कि कैसे स्मृति आज उसके लंड को चूस रही थी. मूँह के साइड तक को जगह मे वो लंड को घुमा घुमा कर ले जा रही थी.
“ओह……….डार्लिंग……तू गजब है…….चूस…..ऐसे ही चूस…..आआहह” कुशल के हाथ अब स्मृति के बालो मे पहुँच गये थे और उसकी गर्दन को पकड़ पकड़ कर वो खुद ही आगे पीछे कर रहा था.
“उफफफफफफ्फ़…….कितनी सेक्सी है तू डार्लिंग…….म्*म्म्मह…..ऐसे हीईीईईई……………इतना……..मज़ा…..तो पूरी लाइफ मे नही आया…………………………….” कुशल का एग्ज़ाइट्मेंट बढ़ता ही जा रहा था.
स्मृति यहीं नही रुकी, उसके लंड को अच्छे से गीला करने के बाद वो उसकी बॉल्स तक पहुचि. स्मृति उसके लंड को उपर करके और उसकी बॉल्स को किस करने लगती है. क्या सीन था, इंडियन एन्वाइरन्मेंट मे ऐसे हर्डली ही नसीब होता है.
कुशल तो जैसे होश मे नही था, लंड के साथ उसकी गर्दन भी उपर आसमान की तरफ हो चुकी थी. स्मृति अब उसके बॉल्स को चूस रही थी
कुशल को वैसे ही प्रीति ने बहुत गरम कर दिया था और वो नही चाहता था कि स्मृति की कोई भी ख्वाहिश आज अधूरी रह जाए नही तो वो उसे खा जाएगी. इसीलिए उसे अहसास हो रहा था कि अगर और थोड़ी देर स्मृति ने उसकी बॉल्स चूसी तो उसका सारा माल निकल जाएगा.
“उफफफफफफ्फ़……ग्रेट……..यू आर आ रियल सकर………………….. आहह……..नाउ इट ईज़ माइ तुर्न…………..” कुशल धीरे से अपने लंड को स्मृति के मूँह से हटाने लगता है.
स्मृति अपने आप को सेट करते हुए खड़ी होती है और धीरे धीरे चल कर सामने वाले सोफे पर दोनो हाथ टिका कर डॉगी स्टाइल मे खड़ी हो जाती है. पीछे से एक हाथ ले जाते हुए वो एक फिंगर अपनी चूत मे घुसा देती है –“ लाइयन……….आआआ….चूस ईसीईए………….खा जा मेरी चूत को…….बहुत प्यार है ना तुझे इससे…………” स्मृति कुशल की तरफ गर्दन करते हुए कहती है.
कुशल वाकई मे आज इस रूप से अंजान था. स्मृति के रूप मे उसके घर मे एक सेक्सी स्लट रह रही थी. कुशल आगे बढ़ता है और घुटनो के बल उसकी गान्ड के पीछे बैठ जाता है, टाइम बिना वेस्ट करे वो अपने मूह को उसकी चूत पर रख देता है –
“आआहह………..लाइयन…………यू मदरफकर लिक्क माइ पूस्सयी…….चाट मेरी चूत को………….” स्मृति की इस सॉलिड आवाज़ से कुशल एक बार को दहल ही जाता है लेकिन उसकी पुसी को चाटना चालू रखता है. अपनी गान्ड को वो और भी ज़्यादा पीछे कर लेती है जिससे कि उसकी चूत और भी खुल कर कुशल के मूँह मे आ सके.
“ उफफफफफफफफफफ्फ़………..लाइयन………………..घुसा अपनी जीभ अंदर…………………..” कुशल पूरी ताक़त के साथ लगा हुआ था और उसकी चूत चाट रहा था. स्मृति भी अपनी कमर को धीरे धीरे हिला रही थी. उसकी चूत से निकलने वाला रस कुशल को और पागल कर रहा था.
स्मृति अपने हाथ को भी अपनी चूत पर ले जाती है और उपर के हिस्से को छेड़ने लगती है, पानी और भी ज़्यादा निकलने लगा था.
“म्*म्म्ममह……ग्रेट…………यू फकर………………….आहह…….” स्मृति अपनी गान्ड को और भी ज़्यादा हीला रही थी.
ऐसा बस कुच्छ मिनिट और लगा कि स्मृति और भी ज़्यादा वाइल्ड रूप मे आ गयी –
“ फक मी लाइयन……फक मी बस्टर्ड……..शो मी युवर पवर………आहह…….यू मदरफकर……………..फक मे………………मार मेरी चूत को……..फाड़ दे ईसीईई……………” स्मृति अब चुदने को तैयार थी.
चुदने से पहले एक बार फिर से स्मृति पीछे मुड़ती है और उसके लंड को चूसने लगती है. कुशल की हालत खराब थी, वो चोदने के लिए तैयार था लेकिन स्मृति की एक्सपेक्टेशन्स आज कुच्छ ज़्यादा ही थी.
जैसे वो लंड को चूस्ते हुए उपर देख रही थी तो कुशल और भी ज़्यादा एग्ज़ाइटेड हो रहा था. उसके लंड को अच्छे चूसने के बाद वो फिर से डॉगी स्टाइल मे आती है और कुशल को इन्वाइट करती है आ और कर दे मेरमेरा काम.
कुशल आगे बढ़ता है और अपना लंड उसकी चूत पे टिकाता है “ घुसा दे इसे पूरा…….पहुँचा दे इसे एंड तक…..फक मी हार्ड टुडे…….” स्मृति की ये बात सुन कर वो एक जोरदार धक्का लगाता है और 8 इंच का मोटा लंड स्रर्र्ररर से अंदर घुस जाता है.
“ लाइक तट……….आआअहह” स्मृति आज जैसे रुकने का नाम ही नही ले रही थी. लेकिन कुशल भी अपने अंदर की पवर को जगा रहा था.
कुशल ने तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए थे और उधर स्मृति भी अपनी चूत को हीला हीला कर धक्के लगवा रही थी. चूत मे लंड के घुसने वाला साउंड, और उन दोनो के बॉडी के टकराने वाला साउंड दोनो ही ही रूम का टेंपरेचर बढ़ा रहे थे.
“ आअहह…. फक मी…फक मी हार्ड……फक मी…………….खोल दे आज मेरी चूत को………….हार्ड…..हार्ड…….म्*म्म्ममह” स्मृति भी खूब उच्छल उच्छल कर धक्के लगा रही थी.
“आहह………….यू……माइ बिच…………….आइ विल फक यू………यू सो टेस्टी…………………” कुशल की भी आवाज़े निकालने लगी थी.
पूरा रूम फक्किंग साउंड से भर गया था. स्मृति अपने एक्सपीरियेन्स का पूरा फ़ायदा उठा रही थी और लंड को बार बार अंदर लेने मे सक्सेस्फुल हो रही थी.
स्मृति की चूत से निकलने वाला रस धीरे धीरे कुशल के बालो तक भी आ चुका था. गजब का घर्षण हो रहा था.
“ओूऊऊऊऊऊ……..लाइयन…….फाड़ दे मेरी चूत………………मार इसको……………..ग्रेट………..”स्मृति के चिल्लाने से ही पता लग रहा था कि वो आज कितनी मस्त हो चुकी थी.
कुशल भी पूरी ताक़त के साथ धक्के लगा रहा था. स्मृति की पूरी बॉडी काँप रही थी और कुशल उस पर अपने मोटे और तगड़े लंड से दबा दबा के धक्के लगा रहा था. बहुत ही गजब सीन चल रहा था.
“ लाइयन………….यू अमेज़िंग…………..और मार मेरी चूत को…….ग्रेट………आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह……आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्व्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह……यू आर माइ ड्रीम फकर………आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह…….आअहह…आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह” और स्मृति के हाथ सोफे पर कस जाते है. उसका रस निकल गया था.
कुशल को प्रीति वाला इन्सिडेंट याद आ गया और वो और तेज तेज धक्के लगाने लगा. कुच्छ ही सेकेंड्स मे वो अपना लंड बाहर निकालता है और उसकी पिचकारी से स्मृति की पूरी पीठ भर जाती है.
स्मृति के चेहरे का तेज देखते ही बनता था.
“थॅंक्स फॉर मेकिंग मी सॅटिस्फाइड….. लाइयन…….अब तुम जब चाहो वो कर सकते हो जो तुम्हारी ख्वाहिश है.” स्मृति का इशारा अपनी गान्ड की तरफ था. कुशल का अभी तो एंडिंग पॉइंट हुआ था और उसे थोड़ा टाइम चाहिए थे संभलने के लिए की तभी -
“कुशल……..कुशल….कुशल…..कुशल………” उपर से प्रीति की चिल्लाने की आवाज़ आती है. शायद वो जाग गयी थी.
दूसरी तरफ –
सिचुयेशन तो काफ़ी चेंज हो चुकी थी लेकिन वहीं से शुरू करते है जहाँ से छोड़ा था. जैसे की आप जानते है कि आराधना ने नयी ब्रा पैंटी पहन ली थी अपनी चुदाई के बाद और पंकज उसे घूरता है –
पंकज की निगाहे फिर से आग उगलने लगी थी और वैसे सीन भी कुच्छ ज़्यादा ही कामुक था "क्या अभी भी मन नही भरा जो ऐसे देख रहे है.???" आराधना अपनी पैंटी को पूरा उपर चढ़ाने के बाद और पंकज की तरफ देखते हुए बोलती है
पंकज का मूँह खुला का खुला था. उसने कभी आराधना को इतना सेक्सी नही देखा था, हाँ आइडिया लगता था कि वो सेक्सी है लेकिन आराधना के इन मोस्ट एरोटीक ब्रा आंड पैंटी ने पंकज के दिमाग़ की तारो को झकझोड़ दिया था.
जब आराधना ने पंकज से वो सवाल किया तो पंकज ने कोई जवाब नही दिया और मूँह खोल का ऐसे ही देखता रहा. पैंटी पूरा उपर चढ़ाने के बाद आराधना पंकज की तरफ बढ़ती है और एक चुटकी उसकी आँखो के सामने बजाते हुए स्माइल करती है.
“ डॅड…… यू ओके?” बहुत प्यारी स्माइल के साथ वो अपने डॅड को जागती हुई नींद से जागती है. पंकज हड़बड़ा जाता है.
“ओह्ह्ह…. यस… यस” और ये बोल कर वो अपना चेहरा दूसरी साइड कर लेता है. पंकज को अहसास हो गया था कि आराधना ने उसे पकड़ लिया है. पंकज अब धीरे धीरे रूम के कॉर्नर मे चल कर चेर पर बैठ जाता है, ये वोही चेर है जिस पर बैठ कर और आराधना को अपने उपर बिठा कर उसके जवान जवान यौवन के तारो को छेड़ दिया था.
पंकज अब आराधना के सामने बैठा था और काफ़ी सीरीयस लग रहा था. वो अपने सिगरेट बॉक्स को उठाता है और एक सिगरेट को बाहर निकाल कर अपने लाइटर से जलाता है. आराधना अब खुद जाकर अपने बेग से एक ट्रॅन्स्परेंट शिफ्फॉन टॉप निकालती है और उसे पहन ने लगती है.
“ डॅड…. . सीरीयस लग रहे हो…… सब ठीक तो है ना…….?” आराधना उस टॉप को पहनते हुए बोलती है. वो टॉप बिल्कुल ट्रॅन्स्परेंट था, और आराधना ने अंदर की ब्रा पैंटी उसमे क्लियर दिखाई दे रही थी. आराधना का ये बोल्ड अंदाज़ बिल्कुल नया था.
“ नही….. बस ऐसे ही……….” पंकज फिर से सीरीयस रहते हुए जवाब देता है. आराधना ये सुनकर धीरे धीरे उसके पास बढ़ती है. उसके पास पहुँच कर उसकी आँखो मे आँखे डालते हुए बोलती है –
“ क्या…..आप अपसेट है? बताओ ना कि क्या बात है…… क्या…आपको अच्छा नही लगा……?” आराधना थोड़ा हेज़िटेट हो होती है लेकिन फिर भी पंकज की आँखे मे देखते हुए बोल देती है.
पंकज खड़ा होता है और आराधना को हग करता है. “ऐसा कुच्छ नही है……. तुम्हारे साथ बिताए आज के पल से तो मैं अपनी जवानी के बेस्ट टाइम भी भूल गया हू…… अच्छा मेनटेन किया है तुमने अपने को….. काफ़ी टाइट हो…..” और ये बोलते हुए वो आराधना की गान्ड पर एक चिकोटी काट देता है.
“ ऊूउउ….” आराधना उसकी इस आक्टिविटी से चोंक जाती है क्यूंकी वो मेंटली प्रिपेर्ड नही थी इस सिचुयेशन के लिए लेकिन उसे अच्छा भी लगता है.
“ कसम से आप बड़े नॉटी रहे होंगे….अपनी जवानी मे……..” और ये बोलते हुए आराधना उसके कंधे पकड़ कर उसे फिर से चेर पर बिठा देती है.
“ जवानी मे तो हर कोई नॉटी होता है…. देखो आज तुम भी कितनी नॉटी रही….. तुम्हारी वाय्स तो तुम्हारी मोम से भी सेक्सी है……” पंकज थोड़े फन्नी वे मे आराधना से बोलता है.
“ डॅडी…… आप बहुत वो हो…..” और आराधना उसके सीने मे प्यार से दो मुक्के जमा देती है. और फिर उसी की गोद मे बैठ जाती है.
पंकज उसे अपने सीने से लगा . है. आराधना के ग्लोयिंग चीक्स बता रहे थे कि कैसे उसे लंड का इंजेक्षन लगा और कैसे उसकी बॉडी चेंज हो रही है.
“ डॅड… आपने ये क्यू बोला कि जवानी का बेस्ट टाइम भूल गया…. क्या आपको मोम प्यार नही करती थी…..” आराधना उसके सीने मे मूँह छुपाए बोलती है.
“ मोम की कौन बात कर रहा था…. जवानी तो शादी से कई साल पहले शुरू हो जाती है……..” पंकज उसे बिना झिझके ये बात बता देता है.
आराधना उसकी ये बात सुन कर चोंक जाती है और सीने से मूँह उठा कर उपर देखती है. “ ओह माइ गॉड….. तो इसका मतलब आप…..आप शादी से पहले भी………शादी से पहले भी कुच्छ कर चुके थे……..” आराधना को थोड़ी शरम तो आ रही थी ये बात पुच्छने मे लेकिन वो पुच्छ ही लेती है.
पंकज आराधना का एक हाथ पकड़ता है और उसकी चूत के सामने से ले जाते हुए अपने लंड पर रख देता है. “ पता है जब ये बड़ा होता है ना तो सोने नही देता…. शादी तक कहाँ इंतेज़ार होता है. अगर शरीफ बन कर इंतेज़ार भी करो तो सर मे दर्द रहता है और कहीं मन नही लगता. उपर वाले ने हमे बनाया ही इस तरीके से है की टाइम बाइ टाइम नीड्स बदलने लगती है… इसकी नीड तो तुम जानती ही हो…..” पंकज आराधना के हाथ को अपने लंड पर दबाते बोलता है.
आराधना के हाथ जैसे ही लंड पर पहुँचे उसको समझ आ गया कि वो फिर से तैयार होने वाला है. “ तो इस जनाब का अभी पेट नही भरा……” आराधना पंकज की गोद से खड़ी होती हुई और उसके लंड की तरफ देखते हुए बोलती है.
“ पेट ऐसे भर जाता तो बात ही क्या थी………” पंकज भी आराधना की तरफ देखते हुए रोमॅंटिक अंदाज़ मे बोलता है. आराधना ये बात देख कर समझ जाती है और वो स्माइल करके पंकज से दूर खड़ी हो जाती है.
“ तो आप रसिया रहे हो जवानी मे……. मोम से . पहले ही आप काम कर चुके थे….. लेकिन अगर मोम को पता चल जाता तो……” आराधना सिचुयेशन को कॉनवर्ट करने के लिए ऐसा बोलती है.
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