hotaks444
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[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]" कुशल प्रीति सही कह रही है..... अब दोनो उपर ही सोना...... वैसे भी मैं तुम्हे बताना ही भूल गयी कि मेरी बहन के बच्चे आ रहे है- नीतीश और रीमा. तो रीमा मेरे साथ रह लेगी और नीतीश कुशल के साथ सो जाया करेगा......." स्मृति सर्प्राइज़ देती है कुशल और प्रीति. ये बात सुनकर तो जैसे प्रीति और कुशल दोनो के पाँव तले से ज़मीन खिसक जाती है.
कुशल एक झटके से खड़ा हो जाता है " मोम आपने पहले तो कभी नही बताया...."
स्मृति ( स्माइल करते हुए)-" तो अब बता दिया ना..... उन्हे आज ईव्निंग आना है."
कुशल की तो आँखो मे जैसे ज्वाला आ जाती है. " साले की मा चोद कर ना भगाया तो नाम नही" कुशल अपने मन मे सोचता है.
कुच्छ सेकेंड्स के लिए तो वहाँ शांति हो गयी थी कि तभी स्मृति के फोन की बेल बजती है ट्रिंग ट्रिंग.... स्मृति फोन पिक करती है -
" हेलो सिस्टर......" ये फोन उसकी बहन का था
अदरसाइड - कैसी है?
स्मृति - मैं बिल्कुल बढ़िया... तू बता कैसी है.
अदरसाइड- मैं अच्छी हू... थॅंक यू.
स्मृति - और बता बच्चे कब तक आ रहे है?
अदरसाइड - यार यही बताने के लिए फोन किया है. रीमा के पीरियड्स हो गये है और वो ट्रॅवेल करने के मूड मे नही है. नीतीश तो तेरे यहाँ आने के लिए एग्ज़ाइटेड है लेकिन रीमा की वजह से वो भी अभी नही आ रहा है..."
स्मृति -" ओह्ह्ह शिट......." स्मृति का मूड ऑफ हो गया था क्यूंकी उसका ये प्लान तो फैल हो गया था.
अदरसाइड - टेन्षन ना ले, जैसे ही साइकल ख़तम होंगे वो वैसे ही आ जाएगी....
स्मृति - चल ठीक है. जब उन्हे बेहतर लगे तब आ जाएँ वो. चल फिर अपना ख्याल रख....
अदर साइड - चल ठीक है... तू भी अपना ख्याल रख बाइ....
फोन डिसकनेक्ट हो जाता है. और स्मृति के चेहरे पर परेशानी के भाव साफ दिखाई दे रहे थे.
" मोम क्या हुआ...?" कुशल जानते हुए भी सब कुच्छ पुछ्ता है.
" कुच्छ नही वो बच्चे अब नही आ रहे..." स्मृति अपने माथे पे हाथ रखते हुए बोलती है.
" ओह नो मोम.... ये तो एक बॅड न्यूज़ है. मैं तो एग्ज़ाइटेड था कि फ्रेंड्स आ रहे है...." कुशल भी नो 1 ड्रामा मेकर था. लेकिन वो मन ही मन ऐसे खुश था जैसे उपर वाले ने उसकी सुन ली हो.
प्रीति भी हॅपी थी क्यूंकी वो नही चाहती थी कि नीतीश कुशल के रूम मे आकर रहे.
स्मृति को समझ नही आ रहा था कि वो क्या करे. उसको पता था कि कुशल अब हर रात कुच्छ ना कुच्छ खुराफात करता रहेगा. वो जवानी को अच्छे तरीके से समझ सकती थी तो ये भी जानती थी कि कुशल को अगर चूत का रस मिल चुका है तो उसे लिए बिना वो नही मानेगा और अगर स्मृति ने स्मार्ट्ली माइंड यूज़ नही किया तो कुशल कुच्छ ग़लत कदम भी उठा सकता है.
खैर सभी लोग चाइ ख़तम करते है. और स्मृति फिर से किचन मे चली जाती है. कुशल को तो ऐसे लग रहा था कि जैसे आज एक और गोलडेन नाइट है. आज वो अच्छे से तैयारी करना चाहता था, वो अपने रूम की तरफ चलने लगता है. प्रीति तो कुशल के पीछे एक मॅगनेट की तरह घूम रही थी.
कुशल अभी कुच्छ सीढ़ियाँ ही चढ़ पाया था कि प्रीति भी धीरे उपर की तरफ चल देती है. स्मृति किचन से आराम से बाहर की तरफ देखती है और थोड़ा रिलॅक्स हो जाती है कि कुशल उपर जा रहा है.
कुशल अपने रूम मे पहुँच जाता है और आयिल की बॉटल लेकर बाथरूम मे पहुच जाता है. अपने दोनो हाथो पे वो आयिल गिरता है और अपने लंड की मालिश शुरू कर देता है. उसको तो अहसास था कि लंड के रियल पर्फॉर्मेन्स का टाइम अब आ चुका है. इस ख्याल से उसका लंड और भी विकराल होता जा रहा था. आयिल की मालिश से उसके लंड की नसे और भी क्लियर दिखाई दे रही थी. ऐसा लंड जिसे देख कर शायद कोई ही लड़की अपने आप को रोक पाए. कुशल अपने हाथ तेज़ी से चला रहा था कि तभी -
" कुशल...... कुशल......" इस आवाज़ से कुशल चोंक पड़ता है क्यूंकी उसने एक्सपेक्ट नही किया था प्रीति फिर से रूम मे आ जाएगी.
" क्या है, क्या काम है तुझे....." कुशल चिल्ला कर बोलता है. लेकिन फिर भी अपने लंड की मालिश चालू रखता है. प्रीति आवाज़ को क्लियर सुन सकती थी वो समझ गयी कि बाथरूम के अंदर कुच्छ तो चल रहा है-
" क्या सिमरन को याद करके कुच्छ कर रहा है क्या......" प्रीति बाथरूम के बाहर से ही बोलती है
" हाँ सपने मे उसकी चूत मार रहा हू..... तुझसे मतलब......" कुशल अंदर से ही रिप्लाइ करता है.
" हाए मर जाउ तेरे मर्दाना स्टाइल पे.... लेकिन टेस्ट अच्छा नही है तेरा.... सिमरन जैसी रंडी ही पसंद आई तुझे....." प्रीति उसके बेड पे बैठते हुए बोलती है
" साली प्रॉस्टिट्यूट तो होगी.... देखी नही क्या मस्त बॉडी है उसकी......." कुशल फिर से तीखा जवाब देता है.
" कुशल अगर मैं प्रॉस्टिट्यूट होती तो इस टाइम तेरे रूम मे ना होती. पता नही तुझमे कैसा प्राउड है ये. तुझे क्या हो गया है आख़िर...." प्रीति अन सीरीयस थी.
" तुझे क्या हो गया था तब तेरे से तेरी चूत की रिक्वेस्ट की थी मैने.... तब क्यू नखरे दिखा दिए तूने....." कुशल उसे जवाब देता है
" एक लड़की की लाइफ ऐसी ही होती है...... बहुत सोच समझ के डिसीजन लेना होता है........" प्रीति बोलते बोलते बाथरूम के गेट के करीब जाती है.
" गेट खोल ना प्लीज़......" प्रीति फिर से रिक्वेस्ट करती है.
झटककक.... एक झटके से गेट खुलता है और सामने कुशल अपने लंड को एक हाथ मे लेकर खड़ा होता है. क्या विशाल लंड था उसका......
" उफफफफफ्फ़............" प्रीति अपना चेहरा फिरा लेती है.
" मैने ऐसे तो गेट खोलने के लिए नही कहा था......" प्रीति अपने चेहरे को दूसरी साइड करे हुए बोलती है
कुशल बाथरूम के गेट से आगे बढ़ता है और प्रीति को एक झटके मे पकड़ कर अपने से चिपका लेता है... अब प्रीति का सीना कुशल की पीठ से चिपका हुआ था... और कुशल का खड़ा लंड प्रीति की गान्ड से टकरा रहा था.......
प्रीति के पाँव तो जैसे ज़मीन पर ही नही थे, पता नही अपने डॅड के जाने के बाद और आराधना के जाने के बाद उसके प्लान क्या थे लेकिन उसने एक्सपेक्ट नही किया था कि वो इतनी जल्दी कुशल की बाँहो मे होगी.
लेकिन वो शुवर नही थी कि आख़िर क्यूँ कुशल ने उसे अपनी बाँहो मे जाकड़ लिया है.
" कुशल छोड़ ना...... ये क्या कर रहा है....... अपना.... अपना अंडरवेर तो उपर कर ले........." प्रीति ने ऐसे ही कुशल की बाँहो मे रहते हुए ये ड्रामा किया.
" क्यूँ...... तुझे मेरा लंड पसंद नही.......?" कुशल ने फिर से प्रीति के नेक पे किस करते हुए कहा
" मुझे..... मुझे नही पता..... प्लीज़ छोड़ दे...... कोई आ जाएगा...... गेट भी खुला हुआ है......." प्रीति ने उसे हिंट दिया कि गेट को बंद कर लिया जाए
कुशल अपना एक हाथ आगे की तरफ ले जाता है जहाँ प्रीति के बूब्स थे. वो अपनी हथेली को प्रीति के राइट बूब्स पर रख देता है और उसे कस कर दबा देता है.
" आआईयईईईईईई......... कुशल तमीज़ से पेश नही आ सकता........" प्रीति ने भी एक्सपेक्ट नही किया था कि कुशल उसके साथ ऐसे पेश आ सकता है.
" प्रीति...... यू आर सो हॉट...." कुशल भी धीरे धीरे ऐसे पेश आ रहा था जैसे वो होश मे ही नही है.
" रियली.......?" प्रीति अपनी गान्ड को फिर से कुशल के लंड पे रगड़ते हुए बोलती है.
" प्रीति.......... आज कुच्छ..... ड्रामा नही होना चाहिए प्लीज़........ आज तो अपने इस दीवाने को खुश कर दे........ आआअहह....." कुशल की आँखे बंद हो चुकी थी.
" दीवाना........ और तू.......? कमाल है........." प्रीति को लग रहा था कि आज अचानक कुशल का बिहेवियर कैसे चेंज हो गया.
लेकिन कुशल ने उसकी सुने बिना प्रीति का चेहरा अपनी तरफ घुमाया और आवने तपते होंठ उसके होंठो पर रख दिए......... कुशल ने कुछ सेकेंड ही उसके लिप्स को किस किया होगा कि प्रीति भी उसे सपोर्ट करने लगती है. अभी भी प्रीति का जिस्म सामने की तरफ है लेकिन उसका चेहरा पीछे की तरफ घुमा हुआ है. बाथरूम मे ऐसी आवाज़े आ रही थी जैसे कोई किसी वॉटर रिवर मे पानी पी रहा हो. होंठो का जबरदस्त मंथन चल रहा था.
प्रीति ने किस करते करते ही अपना हाथ उसके लंड पर रख दिया था.
प्रीति होंठ ऐसे थे जैसे वाकई मे रस टपक रहा हो उनमे से. बहुत ही सॉफ्ट, क्रिस्पी आंड पिंक...... लाइट लिपस्टिक शेड से और ज़्यादा टेस्टी भी बन गये थे वो.
प्रीति ने अपने हाथ से कुशल के लंड की खाल को आगे पीछे करना शुरू कर दिया था. प्रीति फिर से बॅकग्राउंड मे जा रही थी जहाँ पहले भी उनके बीच ये सब हो चुका था. उसे याद आया कि पहले सब कुच्छ अधूरा रह गया था क्यूंकी वो मेंटली प्रिपेर नही थी.
पता नही क्या सोच कर प्रीति ने एक झटके से अपने हाथ उसके लंड से हटा लिया और धीरे धीरे अपने लिप्स को भी उससे हटाने की कोशिश करती रही.
कुशल अपने लिप्स को उससे अलग करता है. आँखो ही आँखो मे कुशल उससे पुछ्ता है कि क्या बात है.
प्रीति के बूब्स उपर नीचे हो रहे है और उसकी साँसे भी तेज चल रही है.
प्रीति बिना कुच्छ रिप्लाइ किए स्माइल करती है और अपना हाथ उसके लंड पर रखती है. उसको पकड़ कर वो बाथरूम से बाहर आने लगती है, कुशल भी उसके पीछे खिंचा चला आता है.
" बाथरूम.... इस सब के लिए सही जगह नही है......" प्रीति बड़ी ही सेक्सी अदा मे बोलती है. कुशल को आइडिया मिल गया था कि प्रीति का प्लान कुच्छ और है
प्रीति उसे बाहर लाकर बेड पे बैठ जाती है. स्टाइल मे अपनी टाँग पे दूसरी टाँग रखने के बाद वो कुशल के लंड की तरफ देखती है और एक सेक्सी सी स्माइल देती है
" अब क्या...... " कुशल उससे क्वेस्चन मार्क स्टाइल मे पुछ्ता है.
" कुच्छ नही.... अच्छा लगता है तेरे पास रहना......" प्रीति फिर से मुस्कुराते हुए बोलती है
" देख फालतू की बाते ना बना और आज कोई चीटिंग नही चलेगी......" कुशल जैसे थोड़ा सा प्रीति की बातो से चिड रहा था
प्रीति खड़ी होती है.... फिर से कुशल के बहुत करीब आती है. अपना सीना लगभग कुशल के सीने से लगाती हुई उससे बोलती है -
" तुझसे कुच्छ बात करनी है......" प्रीति बहुत ही मादक अंदाज़ मे पूछती है
अगर प्रीति उसके इतनी करीब ना होती तो शायद वो पॉज़िटिव रिप्लाइ ना करता. लेकिन प्रीति की गोरे गोरे बूब्स जब अपने सीने से टच देखे तो कुशल के मूँह से ऑटोमॅटिक ही निकल गया -
" क्या बात करनी है......?" कुशल पूछता है.
प्रीति अब वहाँ से आगे की तरफ चलती है और पहले गेट को लॉक करती है. गेट को बंद करने के बाद वो फिर से पीछे मुड़ती है और धीमी चाल मे आकर फिर से कुशल का लंड पकड़ कर बेड पर फिर से बैठ जाती है. कुशल अभी भी खड़ा हुआ था और उसका लंड प्रीति के हाथ मे था.
दोनो की नज़रे मिलती है -" पुच्छ ना क्या बात है......?" कुशल थोड़ा गुस्से मे पुछ्ता है
" तेरा आराधना दीदी के साथ कोई अफेर है.......?" प्रीति बहुत ही प्यार से उसके लंड पे हाथ फिरती हुई पूछती है.
" क्या........ क्या कहाँ तूने अभी.......?" कुशल को यकीन नही होता कि उसने अभी क्या सुना
" क्या तेरा आराधना दीदी के साथ कोई अफेर है.......?" प्रीति उसकी आँखो मे देखती हुई फिर से अपनी बात को रिपीट करती है.
" पागल है क्या तू...... कोई अपनी बहन से भी कोई अफेर चलाता है क्या......." कुशल थोड़ा सा वाय्स को उँचा करता है
" अफेर ना सही, क्या फिज़िकल रीलेशन बन चुके है....." प्रीति फिर से अपनी बातो पे ज़ोर डालती है.
" देख प्रीति मेरा दिमाग़ खराब मत कर.... ओके. ये झुटे इल्ज़ाम मुझ पर मत लगा....... आराधना दीदी के बारे मे तो ऐसा कभी सोचा भी नही. लेकिन तू ऐसे बाते क्यू कर रही है........." कुशल फिर से पूछता है
प्रीति फिर से खड़ी होती है और बड़े प्यार से कुशल के लिप्स पे एक किस करती है. " तो तूने इतने टाइम से मुझे इग्नोर क्यू किया........ क्या मैं जवान नही या तुझे मेरी वर्जिनिटी पे शक है....... " प्रीति लिप्स को अलग करने के बाद पूछती है.
" ना ही तो मुझे तेरी जवानी पे शक है और ना ही तेरी वर्जिनिटी पे .... लेकिन तूने मुझे चीट किया था उस दिन तो मुझे भी उस बात का अहसास है...." कुशल अपने आप को एक्सप्लेन करता है
प्रीति फिर से कुशल के करीब जाती है और अपने मूँह को उसके कानो के पास ले जाते हुए बोलती है -" तो आज मेहरबानी का क्या रीज़न है..... और आज ही आराधना दीदी गयी है...... ?"
कुशल प्रीति को अपने इतने करीब पाकर फिर से अपने होश खो रहा था. उसकी जवाबी की खुसबु फिर से उसके दिमाग़ मे चढ़ रही थी.
" ये .... ये सिर्फ़ एक को इन्सिडेन्स है....." कुशल अपना हाथ प्रीति की गान्ड पर रख देता है.
" कुशल...... मैं कोई बच्ची नही हू. स्कूल मे कोई जवान लड़की किसी की तरफ हँसती है तो उसका रेप हो जाता है. और मैने तो..... मैने तो... तुझे अपनी पुसी तक भी दिखाई लेकिन फिर भी तूने मुझे छोड़ दिया..... कोई तो है जो तेरी ज़रूरते पूरी कर रहा है......" प्रीति थोड़ा सीरीयस होते हुए बोलती है
" तू आराधना दीदी पे ग़लत शक कर रही है. उन्हे तो इस बारे मे कोई जानकाती भी नही है....." कुशल प्रीति को समझाता है.
कुशल की इस बात का प्रीति पर नेगेटिव एफेक्ट होता है और वो कुशल से अलग होते हुए बोलती है -
" वाह वाह..... उन्हे तो इस बारे मे पता ही नही है. उसे.... घोड़ी बन चुकी है वो. मैने खुद देखा है कि कैसे चेंज आ रहे है उसमे. लेकर गयी है छोटे छोटे कपड़े, और उसे इस बारे मे कुच्छ नही पता है." प्रीति गुस्से मे बोलती है.
कुशल प्रीति के शोल्डर्स को पकड़ता है और फिर से अपने सीने से लगा लेता है -" तू क्यू टेन्षन लेती है....." वो प्रीति को शांत करा रहा था लेकिन कुशल के माइंड मे भी अब प्रीति की बाते घूम रही थी कि कैसे आराधना दीदी बदल रही है.
" चल ना दोनो साथ नहाते है..... मूड फ्रेश हो जाएगा......?" कुशल मुस्कुरा कर प्रीति से बोलता है
कुशल की मुस्कुराहट देख कर प्रीति भी हॅपी होती है और दोनो फिर से बाथरूम मे जाने लगते है. बाथरूम मे पहुँच कर कुशल दोनो हाथो से प्रीति की टीशर्ट उतारता है. अब प्रीति बस ब्रा मे थी और उसकी निगाहे नीची थी. कुशल अपने हाथ उसकी ब्रा की तरफ ले जाता है लेकिन प्रीति पहले उसे अपनी शर्ट उतारने को बोलती है.
कुशल अपनी शर्ट उतारता है और उसने नीचे कुच्छ नही पहना था. उसका चौड़ा सीना अब प्रीति के सामने था, प्रीति स्माइल के साथ दूसरी तरफ घूम जाती है और अब उसकी ब्रा का हुक कुशल के सामने था. कुशल ना टाइम लगाते हुए उसके हुक को एक झटके मे खोल देता है. प्रीति के दोनो मस्त बूब आज़ाद हो चुके थे.
कुशल अपने दोनो हाथो से अपनी जीन्स और अंडरवेर भी उतार देता है. अब कुशल बिल्कुल नंगा था लेकिन प्रीति ने नीचे अभी भी जीन्स पहनी हुई थी.
कुशल जैसे ही शवर ऑन करता है.... प्रीति के गरम बदन पे वो बूंदे ऐसे गिरती है जैसे किसी ने तेज़ाब गिरा दिया हो. वो ईमीडेटली कुशल के सीने से चिपक जाती है, उफफफफफ्फ़ दोनो नंगे सीने आपस मे मिल चुके थे........
कुशल ने अपने चौड़े और मजबूत सीने मे प्रीति के बूब्स को बहुत मजबूती से दबा दिया....
" आआहह........ कुशल.... तू...... अपनी चेस्ट पे इतने बाल क्यू रखता है.......????" प्रीति बेहद ही सेक्सी अंदाज़ मे कुशल की आँखो मे देखती हुई बोलती है. उसका राइट हॅंड कुशल की हेरी चेस्ट मे घूम रहा था
" क्यूँ तुझे पसंद नही है क्या......" कुशल अपने दोनो हाथ फिर से प्रीति की गान्ड पे ले जाता है और उसे आराम से दबाते हुए पुछ्ता है.
" नही..... ऐसा तो नही है..... बस.... आज कल लड़के इतने बाल रखते नही है ना......." प्रीति शरमाते हुए बोलती है.
कुशल प्रीति की आँखो मे देखता है और उसकी गर्दन पे किस करने के लिए अपने चेहरे को आगे बढ़ता है.
पानी की बोछारो ने दोनो बदन को बिल्कुल भीगा दिया था. पानी की बूंदे प्रीति के लिप्स पर भी विज़िबल थी, प्रीति के बूब्स कुशल की चेस्ट मे जैसे और अंदर घुसने को तैयार थे.
कुशल प्रीति की गर्दन पे किस करते करते उसके लिप्स के करीब आता है. प्रीति की आँखे बंद हो चुकी थी, कुशल धीरे धीरे अपने लिप्स उसके लिप्स से जो देता है. ये बात हमेशा प्रॅक्टिकल है कि किसी भी लड़की के लिप्स भीगने के बाद और भी जुवैसी हो जाते है तो ठीक वैसे ही कुशल ने भी पूरी जान से उसके लिप्स को चूसना शुरू कर दिया.
ये हालत सिर्फ़ कुशल की नही थी बल्कि प्रीति भी पूरी जान से अपने दोनो हाथ कुशल के चेहरे के दोनो तरफ लपेट कर उसे किस करने मे लगी हुई थी.
कुशल के दोनो हाथ अब प्रीति की पतली सी कमर पे थे. बेहद ही ज़्यादा रोमॅंटिक नज़ारा था ये.
पानी के गिरने की आवाज़ और दोनो के होंठो के मंथन की आवाज़ से बाथरूम और भी ज़्यादा गर्मी पैदा कर रहा था.
कुशल अब एक हाथ उसकी कमर से हटा कर उसकी जीन्स के बटन पर ले जाता है. जैसे ही वो खोलने की कोशिश करता है प्रीति अपने एक हाथ को उसके चेहरे से हटा कर नीचे ले जाती है और अपनी ही जीन्स के बटन को खोलने मे उसकी हेल्प करती करती है. पता नही कितनी टाइट जीन्स थी उसकी, पूरी ताक़त लगाने के बाद वो बटन खुला, और बटन खुलने के बाद ज़िप खोलने मे कुशल को ज़्यादा टाइम नही लगा.
नीचे ही नीचे आक्टिविटीस हो रही थी और वहीं उपर वो दोनो अभी भी होंठो को चूसने मे बिज़ी थे. कुशल अपने एक हाथ से उसकी जीन्स को नीचे करना चाहता है लेकिन स्लिम फिट टाइट फिट होने के कारण उससे ज़्यादा नीचे नही हो पाई.
प्रीति अपने होंठो को कुशल से अलग करती है और बिना टाइम वेस्ट करे अपनी जीन्स को उतारने लगती है. जैसे जैसे जीन्स नीचे जा रही थी, शवर का पानी उसकी पैंटी को और भी गीला करता जा रहा था.
कुच्छ ही सेकेंड मे प्रीति की जीन्स प्रीति के बदन से अलग थी. अब उसकी बॉडी पे बस एक थिन फ्लॉरल पैंटी थी, वो आगे बढ़ कर फिर से कुशल के सीने से चिपक जाती है.
कुशल अपना राइट हॅंड उसकी पैंटी पे ले जाता है और उसकी एलास्टिक को खींचते हुए बोलता है " इसे क्यू बचा दिया रानी..........."
प्रीति अपनी निगाहे नीचे करी रखती है लेकिन थोड़ी देर के बाद वो फिर से अपनी नज़रो को उठाती है और बोलती है " हर चीज़ क्या मैं खुद ही उतारुँगी......." और इसके बाद उसके फेस पे एक बेहद ही सेक्सी स्माइल थी.
कुशल टाइम वेस्ट ना करते हुए प्रीति को बाथरूम के गेट की तरफ घुमाता है यानी अब प्रीति की पीठ कुशल की तरफ थी. कुशल नीचे होते हुए उसकी पैंटी उतार देता है. प्रीति की स्लिम गदराई हुई गान्ड अब कुशल की आँखो के सामने थी. कुशल ने प्रीति को कमर से पकड़ा और उसे थोड़ा सा आगे को झुका देता है वो. प्रीति अपने दोनो हाथ बाथरूम के गेट पर टिका देती है और अब वो थोड़ा सा डॉगी स्टाइल मे आगे की तरफ झुक जाती है.
कुशल अपने घुटनो के बल फ्लोर पे बैठ जाता है. अब कुशल की आँखो के सामने प्रीति की कुँवारी चूत थी जो कि उसकी टाँगो के बीच क्लियर दिखाई दे रही थी. कुशल की उम्मीदो से भी ज़्यादा सुंदर थी उसकी चूत.
कुशल ने टाइम वेस्ट ना करते हुए अपने लिप्स उसकी टाँगो के बीच मे से होते हुए उसकी चूत पर पहुँचा दिए. प्रीति ने अपनी टांगे और भी फैला दी जिससे कि कुशल को आसानी हो.
" आआहह....... म्*म्म्ममममममममममम...........ओह..................." प्रीति की मोनिंग स्टार्ट हो चुकी थी.
कुशल अपनी जीभ को ठीक निशाने पर ले जाकर घूमने लगता है. प्रीति का तो जैसे बुरा ही हाल था, और उसकी चूत दबादब पानी छोड़ रही थी लेकिन कुशल को आक्चुयल पता भी नही चल रहा था कि प्रीति की चूत कितनी गीली हो चुकी है क्यूंकी उपर से खुद पानी बरस रहा था.
"म्*म्म्मममममह......... कुशालल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल.......... आइ........ लव.......... यू..........." प्रीति अपनी गान्ड को और कुशल के करीब ला रही जिससे कि कुशल और आसानी से उसकी चूत को चाट सके.
कुशल ने भी जैसे उसे जीभ से ही चोदना शुरू कर दिया था. अपनी जीभ को वो गोल घूमाकर बार बार उसकी उसकी चूत के थोड़ा सा अंदर ले जाकर बाहर ला रहा था.
" ईई आआईयईईई...... म्*म्म्मममममममम...... लव........... मी प्लीज़............. प्लीज़ भाई और......... प्लीज़..... प्रीति ने भी पूरी ताक़त से कुशल को इन्वाइट करना शुरू कर दिया था.
कुशल मे अपनी फिंगर को भी प्रीति की चूत मे घुसा दिया- " आआहह...... आराम से कर प्लीज़........." कुशल की उंगली और भी ज़्यादा कमाल कर रही थी.
अंदर बाहर और अंदर बाहर..... प्रीति की चूत का तो जैसे तार तार हिला दिया था कुशल ने -" ओह...... आआहह....... म्*म्म्मममममममममममममममममम...... आईसीई हीईीईईईईईईईईईईईईईईईईई.......... ईश्ह्ह्ह्ह्ह......"
काफ़ी देर तक ऐसे ही रहा लेकिन कुशल जानता था कि जो ग़लती पहले हुई वो आज नही होनी चाहिए यानी कि प्रीति की चूत से फाइनल पानी नही निकालना चाहिए. यही सोच कर वो अपने लिप्स को उसकी चूत से हटा कर सीधा खड़ा होता है और उसकी गान्ड पे एक चपत लगता है. प्रीति धीरे धीरे फिर से होश मे आती है और पंकज की तरफ घूमती है. घूमते ही उसका सर चकरा जाता है कुशल के मोटे लगडे लंड को देख कर लेकिन आज वो कुच्छ नही बोलती और चुप चाप घुटनो के बल बैठ कर अपने होठ कुशल के लंड पर रखती है. ठीक पहले की ही तरह उसे इस बार भी अच्छी ख़ासी मेहनत करनी पड़ी उसे अपने मूँह मे लेने के लिए लेकिन किसी भी तरीके से उसने उसके लंड को अपने मूँह मे लिया और उसे चूसना शुरू करती है और उसे आगे पीछे करना शुरू करती है.
जैसे ही कुशल की नज़रे नीचे की तरफ जाती है तो उसे तीन चीज़े बहुत सॉफ दिखाई देती है - प्रीति के लिप्स, लिप्स मे अपना विशाल लंड और उसके बूब्स. कुशल भी अच्छी तरीके से एग्ज़ाइटेड था लेकिन वो प्रीति को शो नही कर रहा था क्यूंकी आज वो बिना चूत मारे नही रह सकता था.
प्रीति अपनी सेक्सी आइज़ को उपर करके भी देखती है लेकिन कुशल उसे ऐसे शो नही करता कि वो ज़्यादा एग्ज़ाइटेड है.
" प्रीति.......????" कुशल के मूँह से आवाज़ निकलती है जिसकी वजह से प्रीति उपर की तरफ देखती है. अभी भी कुशल का लंड उसके मूँह मे ही था, इसी सिचुयेशन मे वो कुशल से पूछती है कि क्या बात है. ये बात भी वो इशारे मे पूछती है.
" आअज...... प्लीज़....... अपनी चूत दे दे.............." कुशल अपनी आँखे बंद करते हुए कहता है.
प्रीति चेहरे पर एक स्माइल आ जाती है. अब वो अपने लिप्स को उसके लंड से हटाती है.
बिना शरमाये वो बाथरूम की स्लॅप की तरफ चलती है और उस पर चढ़ कर बैठ जाती है. कुशल उसकी ये सब अदाए बड़ी बारीकी से देख रहा था. प्रीति अपनी एक टाँग को थोड़ा सा उठाती है और स्लॅप की दूसरी तरफ रखती है --- उफफफफफफ्फ़ अब प्रीति की चूत ठीक कुशल के सामने थी.
प्रीति एक स्माइल के साथ अपने एक हाथ को आगे लाकर उस पर थूक लगाती है और उसी हाथ को अपनी चूत पर ले जाकर मसलने लगती है जैसे कि कुशल को इन्वाइट कर रही हो कि आ और मार ले मेरी चूत.
कुशल आगे बढ़कर प्रीति को किस करता है प्रीति भी अपनी बाँहे कुशल के गले मे डाल देती है. कुशल उसका एक हाथ पकड़ कर नीचे ले जाकर अपने लंड पर रखता है लेकिन प्रीति उसे पकड़ने की बजाय उसे हटा लेती है.
" क्या हुआ........?" कुशल अपने सवाल को पुछ्ता है.
" अगर मैं....... इसे अब टच करूँगी तो शायद अंदर नही ले पाउन्गि. मेरी पुसी छोटी सी है और ये तो....... प्लीज़ अब देर मत कर......" प्रीति भी कुशल को इन्वाइट करती है
कुशल भी अपने हाथ पे थोड़ा सा थूक लगा कर अपने लंड पर मसलता है और उसे भिगा कर प्रीति की चूत पर लगाता है.
प्रीति अपनी आँखे बंद कर चुकी थी और अगले स्टेप के इंतेज़ार मे थी. कुशल अब अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ रहा था.......... खचह........ एक झटका लगाता है..... थोड़ा सा सुपाडा अंदर चला जाता है.
"आआआआआआआहह............." बाथरूम मे ऐसे साउंड हो जाता है जैसे कि कहीं आग लगी हो. ये साउंड पूरे घर को गूंजा देता है. ये साउंड किसी और का नही बल्कि प्रीति की चीख थी, प्रीति की आँखे तो जैसे उसकी बॉडी से बाहर आने को तैयार थी.
कुशल की खुद हालत खराब हो गयी थी इतनी टाइट चूत मे लंड जाने से. एक तरफ तो पेन और उपर से प्रीति का इतना तेज चिल्लाना........ कुशल खुद थोड़ा नर्वस हो चुका था लेकिन लंड बाहर नही निकाला था उसने...
सिमरन -" सुन, अब जब तू बस स्टॅंड पे अपने डॅड से मिलेगी तो वहीं पे उन्हे हिंट देना है कि तू शुवर नही है कि कॉलेज ने जो तेरे रहने की जगह अरेंज की है वो कैसी है. तो वो खुद ही तेरी जगह अपने होटेल मे करा देंगे......."
आराधना -" लेकिन यार अगर उन्होने कहा कि कॉलेज मे फोन मिलाओ और पता करो कि जगह कैसी है तो मैं क्या कहूँगी.......?" आराधना ने टेन्षन मे अपने माथे पे हाथ रखते हुए बोला
सिमरन -" तो इसका मतलब होगा क़ी उन्हे तुझमे इंटेरेस्ट ही नही है. फिर कुच्छ नही हो सकता मेरी रानी....."
आराधना -" यार ऐसा मत बोल प्लीज़...... मुझे टेन्षन हो रही है....."
सिमरन -" चल जो होगा देखा जाएगा.......... अभी तू कुच्छ सोच मत और देख कि बस स्टॉप पर क्या होता है.... सब सही ही होगा..... ठीक है"
आराधना -" चल ठीक है. वैसे भी बस अगले 5 या 10 मिनिट मे दिल्ली पहुँच जाएगी.... मैं फिर तुझे अपडेट करूँगी कि क्या हुआ...... ओके"
सिमरन -" ओके चल बाइ........" आंड कॉल डिसकनेक्ट हो जाता है.
आराधना का चेहरा विंडो की साइड था. वो बस सोचे जा रही थी कि क्या होगा, उसके हाथ थोड़ा काँप रहे थे और चेहरा भी थोड़ा लाल हो चुका था.
खैर अगले 10 मिनिट मे बस कश्मीरी गेट पहुँच जाती है और पॅसेंजर्स नीचे उतरने लगते है. आराधना बस से उतर कर अपनी नज़रे चारो तरफ दौड़ती है लेकिन उसे पंकज कहीं दिखाई नही देता. वो काफ़ी देर से बस मे बैठी थी तो उसे टाय्लेट भी काफ़ी तेज आ रहा था. उसने टाय्लेट जाने का फ़ैसला किया और कुच्छ ही देर मे उसे लॅडीस टाय्लेट का आइडिया मिल गया.
वो टाय्लेट मे जाती है, गेट बंद करती है. टाइट पयज़ामी को नीचे करके पेशाब करने लगती है, पता नही कब्से रोक के रखा था कि इतने प्रेशर से बाहर आ रहा था. खैर अब वो खड़े होकर अपनी पयज़ामी को बंद करती है. जैसे ही वो गेट खोलने वाली थी उसके दिमाग़ मे एक आइडिया आता है.
वो अपने सूट के राइट शोल्डर को थोड़ा सा नीचे की तरफ करती है जिससे कि उसकी ब्रा का स्ट्रीप सॉफ दिखाई देने लगता है. अपनी चालाकी पर मुस्कुराते हुए वो बाहर आ जाती है. मिरर मे देख कर फिर से अपने लिप्स पर लाइट शेड लिपस्टिक लगाती है. और बाहर जाने लगती है.
बाहर आने पर वो फिर से बस की तरफ जाने लगती है क्यूंकी वो ही बस स्टॉप था और उसे पता था कि पंकज ज़रूर उसका वेट वहीं कर रहा होगा.
उसके जगह पर पहुँचने से पहले ही उसे पंकज दिखाई दे जाता है और वो शायद आराधना को ढूंड रहा था. इस टाइम पंकज की पीठ आराधना की तरफ थी.
आराधना की दिल की धड़कने बढ़ जाती है लेकिन प्लान के अकॉरडिंग वो रिक्ट करती है.
" डॅडीयीई............" आराधना पंकज को पुकारती है.
पंकज पलट कर देखा है और आराधना उसे हाथ हिला रही थी. प्लान के अकॉरडिंग आराधना पंकज की तरफ चलती है. दूसरी तरफ पंकज भी आराधना की तरफ चलता है.
थकककककक...... आराधना की हील्स आपस मे टकरा जाती है जिससे वो बस गिरने को होती है. ओह माइ गॉड........ क्या सीन था. उसका दुपट्टा नीचे गिरता है और उसके गोरे गोरे और मोटे मोटे बूब्स बस बाहर आने को तैयार हो जाते है. अपने हाथो से वो अपने दुपट्टे को उठाती है और उठाते उठाते एक नज़र पंकज पे डालती है जो बस मूँह खोल कर इस सीन को देख रहा था.
आराधना ने पहला शॉट मार दिया था. वो जानती थी कि पंकज को स्मृति की भी याद सताती होगी तो ऐसे कामुक सीन उसे किस सिचुयेशन मे ला सकते है.
खैर आराधना अपने आप को संभालती है और फिर से भाग कर पंकज को हग कर लेती है. पंकज भी अपनी बाँहे उसकी पीठ पे ले आता है.
आराधना ने तो जैसे पूरी ताक़त से अपने बूब्स पंकज के सीने मे गढ़ा दिए थे. पंकज की बॉडी लॅंग्वेज फिर भी नॉर्मल थी.
" कहाँ चली गयी थी...." पंकज ने आराधना से अलग होते हुए बोला. आराधना अपना बॅग उठाते हुए हँस कर उसे टाय्लेट वाली फिंगर दिखा देती है. फिर आराधना से बॅग लेकर पंकज पार्किंग की तरफ चल देता है.
बॅग को बॅक सीट पर रख कर पंकज ड्राइविंग सीट पे आता है और उसके अदर साइड मे डोर खोल कर आराधना आ जाती है. कार स्टार्ट होती है और पंकज उसे बस स्टॅंड से बाहर निकालने लगता है.
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कुशल एक झटके से खड़ा हो जाता है " मोम आपने पहले तो कभी नही बताया...."
स्मृति ( स्माइल करते हुए)-" तो अब बता दिया ना..... उन्हे आज ईव्निंग आना है."
कुशल की तो आँखो मे जैसे ज्वाला आ जाती है. " साले की मा चोद कर ना भगाया तो नाम नही" कुशल अपने मन मे सोचता है.
कुच्छ सेकेंड्स के लिए तो वहाँ शांति हो गयी थी कि तभी स्मृति के फोन की बेल बजती है ट्रिंग ट्रिंग.... स्मृति फोन पिक करती है -
" हेलो सिस्टर......" ये फोन उसकी बहन का था
अदरसाइड - कैसी है?
स्मृति - मैं बिल्कुल बढ़िया... तू बता कैसी है.
अदरसाइड- मैं अच्छी हू... थॅंक यू.
स्मृति - और बता बच्चे कब तक आ रहे है?
अदरसाइड - यार यही बताने के लिए फोन किया है. रीमा के पीरियड्स हो गये है और वो ट्रॅवेल करने के मूड मे नही है. नीतीश तो तेरे यहाँ आने के लिए एग्ज़ाइटेड है लेकिन रीमा की वजह से वो भी अभी नही आ रहा है..."
स्मृति -" ओह्ह्ह शिट......." स्मृति का मूड ऑफ हो गया था क्यूंकी उसका ये प्लान तो फैल हो गया था.
अदरसाइड - टेन्षन ना ले, जैसे ही साइकल ख़तम होंगे वो वैसे ही आ जाएगी....
स्मृति - चल ठीक है. जब उन्हे बेहतर लगे तब आ जाएँ वो. चल फिर अपना ख्याल रख....
अदर साइड - चल ठीक है... तू भी अपना ख्याल रख बाइ....
फोन डिसकनेक्ट हो जाता है. और स्मृति के चेहरे पर परेशानी के भाव साफ दिखाई दे रहे थे.
" मोम क्या हुआ...?" कुशल जानते हुए भी सब कुच्छ पुछ्ता है.
" कुच्छ नही वो बच्चे अब नही आ रहे..." स्मृति अपने माथे पे हाथ रखते हुए बोलती है.
" ओह नो मोम.... ये तो एक बॅड न्यूज़ है. मैं तो एग्ज़ाइटेड था कि फ्रेंड्स आ रहे है...." कुशल भी नो 1 ड्रामा मेकर था. लेकिन वो मन ही मन ऐसे खुश था जैसे उपर वाले ने उसकी सुन ली हो.
प्रीति भी हॅपी थी क्यूंकी वो नही चाहती थी कि नीतीश कुशल के रूम मे आकर रहे.
स्मृति को समझ नही आ रहा था कि वो क्या करे. उसको पता था कि कुशल अब हर रात कुच्छ ना कुच्छ खुराफात करता रहेगा. वो जवानी को अच्छे तरीके से समझ सकती थी तो ये भी जानती थी कि कुशल को अगर चूत का रस मिल चुका है तो उसे लिए बिना वो नही मानेगा और अगर स्मृति ने स्मार्ट्ली माइंड यूज़ नही किया तो कुशल कुच्छ ग़लत कदम भी उठा सकता है.
खैर सभी लोग चाइ ख़तम करते है. और स्मृति फिर से किचन मे चली जाती है. कुशल को तो ऐसे लग रहा था कि जैसे आज एक और गोलडेन नाइट है. आज वो अच्छे से तैयारी करना चाहता था, वो अपने रूम की तरफ चलने लगता है. प्रीति तो कुशल के पीछे एक मॅगनेट की तरह घूम रही थी.
कुशल अभी कुच्छ सीढ़ियाँ ही चढ़ पाया था कि प्रीति भी धीरे उपर की तरफ चल देती है. स्मृति किचन से आराम से बाहर की तरफ देखती है और थोड़ा रिलॅक्स हो जाती है कि कुशल उपर जा रहा है.
कुशल अपने रूम मे पहुँच जाता है और आयिल की बॉटल लेकर बाथरूम मे पहुच जाता है. अपने दोनो हाथो पे वो आयिल गिरता है और अपने लंड की मालिश शुरू कर देता है. उसको तो अहसास था कि लंड के रियल पर्फॉर्मेन्स का टाइम अब आ चुका है. इस ख्याल से उसका लंड और भी विकराल होता जा रहा था. आयिल की मालिश से उसके लंड की नसे और भी क्लियर दिखाई दे रही थी. ऐसा लंड जिसे देख कर शायद कोई ही लड़की अपने आप को रोक पाए. कुशल अपने हाथ तेज़ी से चला रहा था कि तभी -
" कुशल...... कुशल......" इस आवाज़ से कुशल चोंक पड़ता है क्यूंकी उसने एक्सपेक्ट नही किया था प्रीति फिर से रूम मे आ जाएगी.
" क्या है, क्या काम है तुझे....." कुशल चिल्ला कर बोलता है. लेकिन फिर भी अपने लंड की मालिश चालू रखता है. प्रीति आवाज़ को क्लियर सुन सकती थी वो समझ गयी कि बाथरूम के अंदर कुच्छ तो चल रहा है-
" क्या सिमरन को याद करके कुच्छ कर रहा है क्या......" प्रीति बाथरूम के बाहर से ही बोलती है
" हाँ सपने मे उसकी चूत मार रहा हू..... तुझसे मतलब......" कुशल अंदर से ही रिप्लाइ करता है.
" हाए मर जाउ तेरे मर्दाना स्टाइल पे.... लेकिन टेस्ट अच्छा नही है तेरा.... सिमरन जैसी रंडी ही पसंद आई तुझे....." प्रीति उसके बेड पे बैठते हुए बोलती है
" साली प्रॉस्टिट्यूट तो होगी.... देखी नही क्या मस्त बॉडी है उसकी......." कुशल फिर से तीखा जवाब देता है.
" कुशल अगर मैं प्रॉस्टिट्यूट होती तो इस टाइम तेरे रूम मे ना होती. पता नही तुझमे कैसा प्राउड है ये. तुझे क्या हो गया है आख़िर...." प्रीति अन सीरीयस थी.
" तुझे क्या हो गया था तब तेरे से तेरी चूत की रिक्वेस्ट की थी मैने.... तब क्यू नखरे दिखा दिए तूने....." कुशल उसे जवाब देता है
" एक लड़की की लाइफ ऐसी ही होती है...... बहुत सोच समझ के डिसीजन लेना होता है........" प्रीति बोलते बोलते बाथरूम के गेट के करीब जाती है.
" गेट खोल ना प्लीज़......" प्रीति फिर से रिक्वेस्ट करती है.
झटककक.... एक झटके से गेट खुलता है और सामने कुशल अपने लंड को एक हाथ मे लेकर खड़ा होता है. क्या विशाल लंड था उसका......
" उफफफफफ्फ़............" प्रीति अपना चेहरा फिरा लेती है.
" मैने ऐसे तो गेट खोलने के लिए नही कहा था......" प्रीति अपने चेहरे को दूसरी साइड करे हुए बोलती है
कुशल बाथरूम के गेट से आगे बढ़ता है और प्रीति को एक झटके मे पकड़ कर अपने से चिपका लेता है... अब प्रीति का सीना कुशल की पीठ से चिपका हुआ था... और कुशल का खड़ा लंड प्रीति की गान्ड से टकरा रहा था.......
प्रीति के पाँव तो जैसे ज़मीन पर ही नही थे, पता नही अपने डॅड के जाने के बाद और आराधना के जाने के बाद उसके प्लान क्या थे लेकिन उसने एक्सपेक्ट नही किया था कि वो इतनी जल्दी कुशल की बाँहो मे होगी.
लेकिन वो शुवर नही थी कि आख़िर क्यूँ कुशल ने उसे अपनी बाँहो मे जाकड़ लिया है.
" कुशल छोड़ ना...... ये क्या कर रहा है....... अपना.... अपना अंडरवेर तो उपर कर ले........." प्रीति ने ऐसे ही कुशल की बाँहो मे रहते हुए ये ड्रामा किया.
" क्यूँ...... तुझे मेरा लंड पसंद नही.......?" कुशल ने फिर से प्रीति के नेक पे किस करते हुए कहा
" मुझे..... मुझे नही पता..... प्लीज़ छोड़ दे...... कोई आ जाएगा...... गेट भी खुला हुआ है......." प्रीति ने उसे हिंट दिया कि गेट को बंद कर लिया जाए
कुशल अपना एक हाथ आगे की तरफ ले जाता है जहाँ प्रीति के बूब्स थे. वो अपनी हथेली को प्रीति के राइट बूब्स पर रख देता है और उसे कस कर दबा देता है.
" आआईयईईईईईई......... कुशल तमीज़ से पेश नही आ सकता........" प्रीति ने भी एक्सपेक्ट नही किया था कि कुशल उसके साथ ऐसे पेश आ सकता है.
" प्रीति...... यू आर सो हॉट...." कुशल भी धीरे धीरे ऐसे पेश आ रहा था जैसे वो होश मे ही नही है.
" रियली.......?" प्रीति अपनी गान्ड को फिर से कुशल के लंड पे रगड़ते हुए बोलती है.
" प्रीति.......... आज कुच्छ..... ड्रामा नही होना चाहिए प्लीज़........ आज तो अपने इस दीवाने को खुश कर दे........ आआअहह....." कुशल की आँखे बंद हो चुकी थी.
" दीवाना........ और तू.......? कमाल है........." प्रीति को लग रहा था कि आज अचानक कुशल का बिहेवियर कैसे चेंज हो गया.
लेकिन कुशल ने उसकी सुने बिना प्रीति का चेहरा अपनी तरफ घुमाया और आवने तपते होंठ उसके होंठो पर रख दिए......... कुशल ने कुछ सेकेंड ही उसके लिप्स को किस किया होगा कि प्रीति भी उसे सपोर्ट करने लगती है. अभी भी प्रीति का जिस्म सामने की तरफ है लेकिन उसका चेहरा पीछे की तरफ घुमा हुआ है. बाथरूम मे ऐसी आवाज़े आ रही थी जैसे कोई किसी वॉटर रिवर मे पानी पी रहा हो. होंठो का जबरदस्त मंथन चल रहा था.
प्रीति ने किस करते करते ही अपना हाथ उसके लंड पर रख दिया था.
प्रीति होंठ ऐसे थे जैसे वाकई मे रस टपक रहा हो उनमे से. बहुत ही सॉफ्ट, क्रिस्पी आंड पिंक...... लाइट लिपस्टिक शेड से और ज़्यादा टेस्टी भी बन गये थे वो.
प्रीति ने अपने हाथ से कुशल के लंड की खाल को आगे पीछे करना शुरू कर दिया था. प्रीति फिर से बॅकग्राउंड मे जा रही थी जहाँ पहले भी उनके बीच ये सब हो चुका था. उसे याद आया कि पहले सब कुच्छ अधूरा रह गया था क्यूंकी वो मेंटली प्रिपेर नही थी.
पता नही क्या सोच कर प्रीति ने एक झटके से अपने हाथ उसके लंड से हटा लिया और धीरे धीरे अपने लिप्स को भी उससे हटाने की कोशिश करती रही.
कुशल अपने लिप्स को उससे अलग करता है. आँखो ही आँखो मे कुशल उससे पुछ्ता है कि क्या बात है.
प्रीति के बूब्स उपर नीचे हो रहे है और उसकी साँसे भी तेज चल रही है.
प्रीति बिना कुच्छ रिप्लाइ किए स्माइल करती है और अपना हाथ उसके लंड पर रखती है. उसको पकड़ कर वो बाथरूम से बाहर आने लगती है, कुशल भी उसके पीछे खिंचा चला आता है.
" बाथरूम.... इस सब के लिए सही जगह नही है......" प्रीति बड़ी ही सेक्सी अदा मे बोलती है. कुशल को आइडिया मिल गया था कि प्रीति का प्लान कुच्छ और है
प्रीति उसे बाहर लाकर बेड पे बैठ जाती है. स्टाइल मे अपनी टाँग पे दूसरी टाँग रखने के बाद वो कुशल के लंड की तरफ देखती है और एक सेक्सी सी स्माइल देती है
" अब क्या...... " कुशल उससे क्वेस्चन मार्क स्टाइल मे पुछ्ता है.
" कुच्छ नही.... अच्छा लगता है तेरे पास रहना......" प्रीति फिर से मुस्कुराते हुए बोलती है
" देख फालतू की बाते ना बना और आज कोई चीटिंग नही चलेगी......" कुशल जैसे थोड़ा सा प्रीति की बातो से चिड रहा था
प्रीति खड़ी होती है.... फिर से कुशल के बहुत करीब आती है. अपना सीना लगभग कुशल के सीने से लगाती हुई उससे बोलती है -
" तुझसे कुच्छ बात करनी है......" प्रीति बहुत ही मादक अंदाज़ मे पूछती है
अगर प्रीति उसके इतनी करीब ना होती तो शायद वो पॉज़िटिव रिप्लाइ ना करता. लेकिन प्रीति की गोरे गोरे बूब्स जब अपने सीने से टच देखे तो कुशल के मूँह से ऑटोमॅटिक ही निकल गया -
" क्या बात करनी है......?" कुशल पूछता है.
प्रीति अब वहाँ से आगे की तरफ चलती है और पहले गेट को लॉक करती है. गेट को बंद करने के बाद वो फिर से पीछे मुड़ती है और धीमी चाल मे आकर फिर से कुशल का लंड पकड़ कर बेड पर फिर से बैठ जाती है. कुशल अभी भी खड़ा हुआ था और उसका लंड प्रीति के हाथ मे था.
दोनो की नज़रे मिलती है -" पुच्छ ना क्या बात है......?" कुशल थोड़ा गुस्से मे पुछ्ता है
" तेरा आराधना दीदी के साथ कोई अफेर है.......?" प्रीति बहुत ही प्यार से उसके लंड पे हाथ फिरती हुई पूछती है.
" क्या........ क्या कहाँ तूने अभी.......?" कुशल को यकीन नही होता कि उसने अभी क्या सुना
" क्या तेरा आराधना दीदी के साथ कोई अफेर है.......?" प्रीति उसकी आँखो मे देखती हुई फिर से अपनी बात को रिपीट करती है.
" पागल है क्या तू...... कोई अपनी बहन से भी कोई अफेर चलाता है क्या......." कुशल थोड़ा सा वाय्स को उँचा करता है
" अफेर ना सही, क्या फिज़िकल रीलेशन बन चुके है....." प्रीति फिर से अपनी बातो पे ज़ोर डालती है.
" देख प्रीति मेरा दिमाग़ खराब मत कर.... ओके. ये झुटे इल्ज़ाम मुझ पर मत लगा....... आराधना दीदी के बारे मे तो ऐसा कभी सोचा भी नही. लेकिन तू ऐसे बाते क्यू कर रही है........." कुशल फिर से पूछता है
प्रीति फिर से खड़ी होती है और बड़े प्यार से कुशल के लिप्स पे एक किस करती है. " तो तूने इतने टाइम से मुझे इग्नोर क्यू किया........ क्या मैं जवान नही या तुझे मेरी वर्जिनिटी पे शक है....... " प्रीति लिप्स को अलग करने के बाद पूछती है.
" ना ही तो मुझे तेरी जवानी पे शक है और ना ही तेरी वर्जिनिटी पे .... लेकिन तूने मुझे चीट किया था उस दिन तो मुझे भी उस बात का अहसास है...." कुशल अपने आप को एक्सप्लेन करता है
प्रीति फिर से कुशल के करीब जाती है और अपने मूँह को उसके कानो के पास ले जाते हुए बोलती है -" तो आज मेहरबानी का क्या रीज़न है..... और आज ही आराधना दीदी गयी है...... ?"
कुशल प्रीति को अपने इतने करीब पाकर फिर से अपने होश खो रहा था. उसकी जवाबी की खुसबु फिर से उसके दिमाग़ मे चढ़ रही थी.
" ये .... ये सिर्फ़ एक को इन्सिडेन्स है....." कुशल अपना हाथ प्रीति की गान्ड पर रख देता है.
" कुशल...... मैं कोई बच्ची नही हू. स्कूल मे कोई जवान लड़की किसी की तरफ हँसती है तो उसका रेप हो जाता है. और मैने तो..... मैने तो... तुझे अपनी पुसी तक भी दिखाई लेकिन फिर भी तूने मुझे छोड़ दिया..... कोई तो है जो तेरी ज़रूरते पूरी कर रहा है......" प्रीति थोड़ा सीरीयस होते हुए बोलती है
" तू आराधना दीदी पे ग़लत शक कर रही है. उन्हे तो इस बारे मे कोई जानकाती भी नही है....." कुशल प्रीति को समझाता है.
कुशल की इस बात का प्रीति पर नेगेटिव एफेक्ट होता है और वो कुशल से अलग होते हुए बोलती है -
" वाह वाह..... उन्हे तो इस बारे मे पता ही नही है. उसे.... घोड़ी बन चुकी है वो. मैने खुद देखा है कि कैसे चेंज आ रहे है उसमे. लेकर गयी है छोटे छोटे कपड़े, और उसे इस बारे मे कुच्छ नही पता है." प्रीति गुस्से मे बोलती है.
कुशल प्रीति के शोल्डर्स को पकड़ता है और फिर से अपने सीने से लगा लेता है -" तू क्यू टेन्षन लेती है....." वो प्रीति को शांत करा रहा था लेकिन कुशल के माइंड मे भी अब प्रीति की बाते घूम रही थी कि कैसे आराधना दीदी बदल रही है.
" चल ना दोनो साथ नहाते है..... मूड फ्रेश हो जाएगा......?" कुशल मुस्कुरा कर प्रीति से बोलता है
कुशल की मुस्कुराहट देख कर प्रीति भी हॅपी होती है और दोनो फिर से बाथरूम मे जाने लगते है. बाथरूम मे पहुँच कर कुशल दोनो हाथो से प्रीति की टीशर्ट उतारता है. अब प्रीति बस ब्रा मे थी और उसकी निगाहे नीची थी. कुशल अपने हाथ उसकी ब्रा की तरफ ले जाता है लेकिन प्रीति पहले उसे अपनी शर्ट उतारने को बोलती है.
कुशल अपनी शर्ट उतारता है और उसने नीचे कुच्छ नही पहना था. उसका चौड़ा सीना अब प्रीति के सामने था, प्रीति स्माइल के साथ दूसरी तरफ घूम जाती है और अब उसकी ब्रा का हुक कुशल के सामने था. कुशल ना टाइम लगाते हुए उसके हुक को एक झटके मे खोल देता है. प्रीति के दोनो मस्त बूब आज़ाद हो चुके थे.
कुशल अपने दोनो हाथो से अपनी जीन्स और अंडरवेर भी उतार देता है. अब कुशल बिल्कुल नंगा था लेकिन प्रीति ने नीचे अभी भी जीन्स पहनी हुई थी.
कुशल जैसे ही शवर ऑन करता है.... प्रीति के गरम बदन पे वो बूंदे ऐसे गिरती है जैसे किसी ने तेज़ाब गिरा दिया हो. वो ईमीडेटली कुशल के सीने से चिपक जाती है, उफफफफफ्फ़ दोनो नंगे सीने आपस मे मिल चुके थे........
कुशल ने अपने चौड़े और मजबूत सीने मे प्रीति के बूब्स को बहुत मजबूती से दबा दिया....
" आआहह........ कुशल.... तू...... अपनी चेस्ट पे इतने बाल क्यू रखता है.......????" प्रीति बेहद ही सेक्सी अंदाज़ मे कुशल की आँखो मे देखती हुई बोलती है. उसका राइट हॅंड कुशल की हेरी चेस्ट मे घूम रहा था
" क्यूँ तुझे पसंद नही है क्या......" कुशल अपने दोनो हाथ फिर से प्रीति की गान्ड पे ले जाता है और उसे आराम से दबाते हुए पुछ्ता है.
" नही..... ऐसा तो नही है..... बस.... आज कल लड़के इतने बाल रखते नही है ना......." प्रीति शरमाते हुए बोलती है.
कुशल प्रीति की आँखो मे देखता है और उसकी गर्दन पे किस करने के लिए अपने चेहरे को आगे बढ़ता है.
पानी की बोछारो ने दोनो बदन को बिल्कुल भीगा दिया था. पानी की बूंदे प्रीति के लिप्स पर भी विज़िबल थी, प्रीति के बूब्स कुशल की चेस्ट मे जैसे और अंदर घुसने को तैयार थे.
कुशल प्रीति की गर्दन पे किस करते करते उसके लिप्स के करीब आता है. प्रीति की आँखे बंद हो चुकी थी, कुशल धीरे धीरे अपने लिप्स उसके लिप्स से जो देता है. ये बात हमेशा प्रॅक्टिकल है कि किसी भी लड़की के लिप्स भीगने के बाद और भी जुवैसी हो जाते है तो ठीक वैसे ही कुशल ने भी पूरी जान से उसके लिप्स को चूसना शुरू कर दिया.
ये हालत सिर्फ़ कुशल की नही थी बल्कि प्रीति भी पूरी जान से अपने दोनो हाथ कुशल के चेहरे के दोनो तरफ लपेट कर उसे किस करने मे लगी हुई थी.
कुशल के दोनो हाथ अब प्रीति की पतली सी कमर पे थे. बेहद ही ज़्यादा रोमॅंटिक नज़ारा था ये.
पानी के गिरने की आवाज़ और दोनो के होंठो के मंथन की आवाज़ से बाथरूम और भी ज़्यादा गर्मी पैदा कर रहा था.
कुशल अब एक हाथ उसकी कमर से हटा कर उसकी जीन्स के बटन पर ले जाता है. जैसे ही वो खोलने की कोशिश करता है प्रीति अपने एक हाथ को उसके चेहरे से हटा कर नीचे ले जाती है और अपनी ही जीन्स के बटन को खोलने मे उसकी हेल्प करती करती है. पता नही कितनी टाइट जीन्स थी उसकी, पूरी ताक़त लगाने के बाद वो बटन खुला, और बटन खुलने के बाद ज़िप खोलने मे कुशल को ज़्यादा टाइम नही लगा.
नीचे ही नीचे आक्टिविटीस हो रही थी और वहीं उपर वो दोनो अभी भी होंठो को चूसने मे बिज़ी थे. कुशल अपने एक हाथ से उसकी जीन्स को नीचे करना चाहता है लेकिन स्लिम फिट टाइट फिट होने के कारण उससे ज़्यादा नीचे नही हो पाई.
प्रीति अपने होंठो को कुशल से अलग करती है और बिना टाइम वेस्ट करे अपनी जीन्स को उतारने लगती है. जैसे जैसे जीन्स नीचे जा रही थी, शवर का पानी उसकी पैंटी को और भी गीला करता जा रहा था.
कुच्छ ही सेकेंड मे प्रीति की जीन्स प्रीति के बदन से अलग थी. अब उसकी बॉडी पे बस एक थिन फ्लॉरल पैंटी थी, वो आगे बढ़ कर फिर से कुशल के सीने से चिपक जाती है.
कुशल अपना राइट हॅंड उसकी पैंटी पे ले जाता है और उसकी एलास्टिक को खींचते हुए बोलता है " इसे क्यू बचा दिया रानी..........."
प्रीति अपनी निगाहे नीचे करी रखती है लेकिन थोड़ी देर के बाद वो फिर से अपनी नज़रो को उठाती है और बोलती है " हर चीज़ क्या मैं खुद ही उतारुँगी......." और इसके बाद उसके फेस पे एक बेहद ही सेक्सी स्माइल थी.
कुशल टाइम वेस्ट ना करते हुए प्रीति को बाथरूम के गेट की तरफ घुमाता है यानी अब प्रीति की पीठ कुशल की तरफ थी. कुशल नीचे होते हुए उसकी पैंटी उतार देता है. प्रीति की स्लिम गदराई हुई गान्ड अब कुशल की आँखो के सामने थी. कुशल ने प्रीति को कमर से पकड़ा और उसे थोड़ा सा आगे को झुका देता है वो. प्रीति अपने दोनो हाथ बाथरूम के गेट पर टिका देती है और अब वो थोड़ा सा डॉगी स्टाइल मे आगे की तरफ झुक जाती है.
कुशल अपने घुटनो के बल फ्लोर पे बैठ जाता है. अब कुशल की आँखो के सामने प्रीति की कुँवारी चूत थी जो कि उसकी टाँगो के बीच क्लियर दिखाई दे रही थी. कुशल की उम्मीदो से भी ज़्यादा सुंदर थी उसकी चूत.
कुशल ने टाइम वेस्ट ना करते हुए अपने लिप्स उसकी टाँगो के बीच मे से होते हुए उसकी चूत पर पहुँचा दिए. प्रीति ने अपनी टांगे और भी फैला दी जिससे कि कुशल को आसानी हो.
" आआहह....... म्*म्म्ममममममममममम...........ओह..................." प्रीति की मोनिंग स्टार्ट हो चुकी थी.
कुशल अपनी जीभ को ठीक निशाने पर ले जाकर घूमने लगता है. प्रीति का तो जैसे बुरा ही हाल था, और उसकी चूत दबादब पानी छोड़ रही थी लेकिन कुशल को आक्चुयल पता भी नही चल रहा था कि प्रीति की चूत कितनी गीली हो चुकी है क्यूंकी उपर से खुद पानी बरस रहा था.
"म्*म्म्मममममह......... कुशालल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल.......... आइ........ लव.......... यू..........." प्रीति अपनी गान्ड को और कुशल के करीब ला रही जिससे कि कुशल और आसानी से उसकी चूत को चाट सके.
कुशल ने भी जैसे उसे जीभ से ही चोदना शुरू कर दिया था. अपनी जीभ को वो गोल घूमाकर बार बार उसकी उसकी चूत के थोड़ा सा अंदर ले जाकर बाहर ला रहा था.
" ईई आआईयईईई...... म्*म्म्मममममममम...... लव........... मी प्लीज़............. प्लीज़ भाई और......... प्लीज़..... प्रीति ने भी पूरी ताक़त से कुशल को इन्वाइट करना शुरू कर दिया था.
कुशल मे अपनी फिंगर को भी प्रीति की चूत मे घुसा दिया- " आआहह...... आराम से कर प्लीज़........." कुशल की उंगली और भी ज़्यादा कमाल कर रही थी.
अंदर बाहर और अंदर बाहर..... प्रीति की चूत का तो जैसे तार तार हिला दिया था कुशल ने -" ओह...... आआहह....... म्*म्म्मममममममममममममममममम...... आईसीई हीईीईईईईईईईईईईईईईईईईई.......... ईश्ह्ह्ह्ह्ह......"
काफ़ी देर तक ऐसे ही रहा लेकिन कुशल जानता था कि जो ग़लती पहले हुई वो आज नही होनी चाहिए यानी कि प्रीति की चूत से फाइनल पानी नही निकालना चाहिए. यही सोच कर वो अपने लिप्स को उसकी चूत से हटा कर सीधा खड़ा होता है और उसकी गान्ड पे एक चपत लगता है. प्रीति धीरे धीरे फिर से होश मे आती है और पंकज की तरफ घूमती है. घूमते ही उसका सर चकरा जाता है कुशल के मोटे लगडे लंड को देख कर लेकिन आज वो कुच्छ नही बोलती और चुप चाप घुटनो के बल बैठ कर अपने होठ कुशल के लंड पर रखती है. ठीक पहले की ही तरह उसे इस बार भी अच्छी ख़ासी मेहनत करनी पड़ी उसे अपने मूँह मे लेने के लिए लेकिन किसी भी तरीके से उसने उसके लंड को अपने मूँह मे लिया और उसे चूसना शुरू करती है और उसे आगे पीछे करना शुरू करती है.
जैसे ही कुशल की नज़रे नीचे की तरफ जाती है तो उसे तीन चीज़े बहुत सॉफ दिखाई देती है - प्रीति के लिप्स, लिप्स मे अपना विशाल लंड और उसके बूब्स. कुशल भी अच्छी तरीके से एग्ज़ाइटेड था लेकिन वो प्रीति को शो नही कर रहा था क्यूंकी आज वो बिना चूत मारे नही रह सकता था.
प्रीति अपनी सेक्सी आइज़ को उपर करके भी देखती है लेकिन कुशल उसे ऐसे शो नही करता कि वो ज़्यादा एग्ज़ाइटेड है.
" प्रीति.......????" कुशल के मूँह से आवाज़ निकलती है जिसकी वजह से प्रीति उपर की तरफ देखती है. अभी भी कुशल का लंड उसके मूँह मे ही था, इसी सिचुयेशन मे वो कुशल से पूछती है कि क्या बात है. ये बात भी वो इशारे मे पूछती है.
" आअज...... प्लीज़....... अपनी चूत दे दे.............." कुशल अपनी आँखे बंद करते हुए कहता है.
प्रीति चेहरे पर एक स्माइल आ जाती है. अब वो अपने लिप्स को उसके लंड से हटाती है.
बिना शरमाये वो बाथरूम की स्लॅप की तरफ चलती है और उस पर चढ़ कर बैठ जाती है. कुशल उसकी ये सब अदाए बड़ी बारीकी से देख रहा था. प्रीति अपनी एक टाँग को थोड़ा सा उठाती है और स्लॅप की दूसरी तरफ रखती है --- उफफफफफफ्फ़ अब प्रीति की चूत ठीक कुशल के सामने थी.
प्रीति एक स्माइल के साथ अपने एक हाथ को आगे लाकर उस पर थूक लगाती है और उसी हाथ को अपनी चूत पर ले जाकर मसलने लगती है जैसे कि कुशल को इन्वाइट कर रही हो कि आ और मार ले मेरी चूत.
कुशल आगे बढ़कर प्रीति को किस करता है प्रीति भी अपनी बाँहे कुशल के गले मे डाल देती है. कुशल उसका एक हाथ पकड़ कर नीचे ले जाकर अपने लंड पर रखता है लेकिन प्रीति उसे पकड़ने की बजाय उसे हटा लेती है.
" क्या हुआ........?" कुशल अपने सवाल को पुछ्ता है.
" अगर मैं....... इसे अब टच करूँगी तो शायद अंदर नही ले पाउन्गि. मेरी पुसी छोटी सी है और ये तो....... प्लीज़ अब देर मत कर......" प्रीति भी कुशल को इन्वाइट करती है
कुशल भी अपने हाथ पे थोड़ा सा थूक लगा कर अपने लंड पर मसलता है और उसे भिगा कर प्रीति की चूत पर लगाता है.
प्रीति अपनी आँखे बंद कर चुकी थी और अगले स्टेप के इंतेज़ार मे थी. कुशल अब अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ रहा था.......... खचह........ एक झटका लगाता है..... थोड़ा सा सुपाडा अंदर चला जाता है.
"आआआआआआआहह............." बाथरूम मे ऐसे साउंड हो जाता है जैसे कि कहीं आग लगी हो. ये साउंड पूरे घर को गूंजा देता है. ये साउंड किसी और का नही बल्कि प्रीति की चीख थी, प्रीति की आँखे तो जैसे उसकी बॉडी से बाहर आने को तैयार थी.
कुशल की खुद हालत खराब हो गयी थी इतनी टाइट चूत मे लंड जाने से. एक तरफ तो पेन और उपर से प्रीति का इतना तेज चिल्लाना........ कुशल खुद थोड़ा नर्वस हो चुका था लेकिन लंड बाहर नही निकाला था उसने...
सिमरन -" सुन, अब जब तू बस स्टॅंड पे अपने डॅड से मिलेगी तो वहीं पे उन्हे हिंट देना है कि तू शुवर नही है कि कॉलेज ने जो तेरे रहने की जगह अरेंज की है वो कैसी है. तो वो खुद ही तेरी जगह अपने होटेल मे करा देंगे......."
आराधना -" लेकिन यार अगर उन्होने कहा कि कॉलेज मे फोन मिलाओ और पता करो कि जगह कैसी है तो मैं क्या कहूँगी.......?" आराधना ने टेन्षन मे अपने माथे पे हाथ रखते हुए बोला
सिमरन -" तो इसका मतलब होगा क़ी उन्हे तुझमे इंटेरेस्ट ही नही है. फिर कुच्छ नही हो सकता मेरी रानी....."
आराधना -" यार ऐसा मत बोल प्लीज़...... मुझे टेन्षन हो रही है....."
सिमरन -" चल जो होगा देखा जाएगा.......... अभी तू कुच्छ सोच मत और देख कि बस स्टॉप पर क्या होता है.... सब सही ही होगा..... ठीक है"
आराधना -" चल ठीक है. वैसे भी बस अगले 5 या 10 मिनिट मे दिल्ली पहुँच जाएगी.... मैं फिर तुझे अपडेट करूँगी कि क्या हुआ...... ओके"
सिमरन -" ओके चल बाइ........" आंड कॉल डिसकनेक्ट हो जाता है.
आराधना का चेहरा विंडो की साइड था. वो बस सोचे जा रही थी कि क्या होगा, उसके हाथ थोड़ा काँप रहे थे और चेहरा भी थोड़ा लाल हो चुका था.
खैर अगले 10 मिनिट मे बस कश्मीरी गेट पहुँच जाती है और पॅसेंजर्स नीचे उतरने लगते है. आराधना बस से उतर कर अपनी नज़रे चारो तरफ दौड़ती है लेकिन उसे पंकज कहीं दिखाई नही देता. वो काफ़ी देर से बस मे बैठी थी तो उसे टाय्लेट भी काफ़ी तेज आ रहा था. उसने टाय्लेट जाने का फ़ैसला किया और कुच्छ ही देर मे उसे लॅडीस टाय्लेट का आइडिया मिल गया.
वो टाय्लेट मे जाती है, गेट बंद करती है. टाइट पयज़ामी को नीचे करके पेशाब करने लगती है, पता नही कब्से रोक के रखा था कि इतने प्रेशर से बाहर आ रहा था. खैर अब वो खड़े होकर अपनी पयज़ामी को बंद करती है. जैसे ही वो गेट खोलने वाली थी उसके दिमाग़ मे एक आइडिया आता है.
वो अपने सूट के राइट शोल्डर को थोड़ा सा नीचे की तरफ करती है जिससे कि उसकी ब्रा का स्ट्रीप सॉफ दिखाई देने लगता है. अपनी चालाकी पर मुस्कुराते हुए वो बाहर आ जाती है. मिरर मे देख कर फिर से अपने लिप्स पर लाइट शेड लिपस्टिक लगाती है. और बाहर जाने लगती है.
बाहर आने पर वो फिर से बस की तरफ जाने लगती है क्यूंकी वो ही बस स्टॉप था और उसे पता था कि पंकज ज़रूर उसका वेट वहीं कर रहा होगा.
उसके जगह पर पहुँचने से पहले ही उसे पंकज दिखाई दे जाता है और वो शायद आराधना को ढूंड रहा था. इस टाइम पंकज की पीठ आराधना की तरफ थी.
आराधना की दिल की धड़कने बढ़ जाती है लेकिन प्लान के अकॉरडिंग वो रिक्ट करती है.
" डॅडीयीई............" आराधना पंकज को पुकारती है.
पंकज पलट कर देखा है और आराधना उसे हाथ हिला रही थी. प्लान के अकॉरडिंग आराधना पंकज की तरफ चलती है. दूसरी तरफ पंकज भी आराधना की तरफ चलता है.
थकककककक...... आराधना की हील्स आपस मे टकरा जाती है जिससे वो बस गिरने को होती है. ओह माइ गॉड........ क्या सीन था. उसका दुपट्टा नीचे गिरता है और उसके गोरे गोरे और मोटे मोटे बूब्स बस बाहर आने को तैयार हो जाते है. अपने हाथो से वो अपने दुपट्टे को उठाती है और उठाते उठाते एक नज़र पंकज पे डालती है जो बस मूँह खोल कर इस सीन को देख रहा था.
आराधना ने पहला शॉट मार दिया था. वो जानती थी कि पंकज को स्मृति की भी याद सताती होगी तो ऐसे कामुक सीन उसे किस सिचुयेशन मे ला सकते है.
खैर आराधना अपने आप को संभालती है और फिर से भाग कर पंकज को हग कर लेती है. पंकज भी अपनी बाँहे उसकी पीठ पे ले आता है.
आराधना ने तो जैसे पूरी ताक़त से अपने बूब्स पंकज के सीने मे गढ़ा दिए थे. पंकज की बॉडी लॅंग्वेज फिर भी नॉर्मल थी.
" कहाँ चली गयी थी...." पंकज ने आराधना से अलग होते हुए बोला. आराधना अपना बॅग उठाते हुए हँस कर उसे टाय्लेट वाली फिंगर दिखा देती है. फिर आराधना से बॅग लेकर पंकज पार्किंग की तरफ चल देता है.
बॅग को बॅक सीट पर रख कर पंकज ड्राइविंग सीट पे आता है और उसके अदर साइड मे डोर खोल कर आराधना आ जाती है. कार स्टार्ट होती है और पंकज उसे बस स्टॅंड से बाहर निकालने लगता है.
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