hotaks444
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सोनिया नीचे देखे जा रही थी. वो ना रोने की जी तोड़ कोसिस कर रही थी.. सोनिया ने अरुण के बेड के पास स्टूल पर बैठ कर उसका हाथ थाम लिया...अरुण ने दूसरा हाथ भी उसके हाथ के उपर रख कर हल्के से दबा कर कहा..
"वाउ..आज भैया..वैसे टेन्षन क्यू ले रही है..ठीक हो जाउन्गा मैं. कुछ हुआ थोड़ी ना है.." अरुण ने सोनिया का हाथ दबाकर कहा..
बस सोनिया से अब नही संभाला गया..उसके आँसुओं का बाँध टूट गया और उसका हर दर्द हर गम हर ग्लानि उसके आँसुओं के ज़रिए उसके मन से बाहर आने लगी और वो रोते रोते ही "सॉरी भाई.. सॉरी..आइ'म रियली सॉरी..सॉरी..." कहते कहते अरुण के हाथ पर अपना सिर रख के रोने लगी. अरुण ने भी उसे रोका नही वो जानता था कि सोनिया का रोना इस समय ज़रूरी है. अरुण ने 2 मिनिट बाद उसका सिर अपने हाथ से उठाया और उसे अपने कंधे पर रख लिया..अब तो सोनिया और ज़्यादा रोने लगी.. और वो अरुण को बहुत ज़ोर से गले लगाने लगी..
अरुण के बॉडी मे पेन तो हुआ लेकिन एक खुशी भी हुई जो उसने आज से पहले कभी मशसूस नही की थी.
अरुण ने भी एक हाथ से उसका सिर धीरे धीरे सहलाना शुरू कर दिया.. सोनिया के आँसुओं से उसका पूरा कंधा भीग गया.. और बेडशीट भी..
"आइ आम सॉरी भाई आंड आइ लव यू भाई. मैं जानती हूँ मैं बहुत ही बुरा बिहेव करती हूँ आपके साथ आंड आज तक आपको भाई तो कभी कहा ही नही..आइ'म सॉरी. लेकिन मैं ये कभी नही भूलना चाहती कि आप मेरे भाई हो आंड आइ लव यू..आइ लव यू.." सोनिया ये कह के रोती रहती है..
अरुण थोड़ी देर के लिए चुप रहता है. उसकी आँखें भी हल्की सी नम हो जाती हैं..
"आइ नो सोनिया.. आइ लव यू टू..अब शांत हो जाओ.. कुछ नही हुआ.. मैं ठीक हूँ. और तुम क्यू सॉरी बोल रही हो. तुम्हारी ग़लती थोड़ी ना थी..चलो चुप हो जाओ..ष्ह..आंड बाइ दा वे ऐसे मुझे दर्द हो रहा है काफ़ी.आह.." अरुण ने उसे शांत करते हुए कहा..
दर्द की बात सुन सोनिया तुरत ही पीछे हटी और उसका कंधा सहलाने लगी..
"सॉरी भाई..अगेन पेन देने के लिए..सुबुक" अब भी उसके 2 3 आँसू निकल ही रहे थे..
अरुण ने अपने अंगूठे से उसके आँसू सॉफ किए और एक हल्की सी थपकी दे दी उसके गाल पर.. तब तक पीछे से आरोही ने आके सोनिया को हग किया आंड बोली "कोई नही सोनी.. भाई तुझे ऐसे ही माफ़ कर रहा है तो क्या मैं तुझे पनिशमेंट दूँगी बाद मे..ओके" और एक बार उसके दोनो गालों पर किस कर देती है..
"आइ'म सॉरी दी..मैने आप के साथ भी कभी अच्छे से बिहेव नही किया.." सोनिया उसे भी हग करते हुए बोलती है..
"वैसे वहाँ हुआ क्या था सोनिया..??" अरुण दोबारा सोनिया का हाथ पकड़कर पूछता है..
सोनिया कस के उसका हाथ पकड़ती है.."पहले तो सॉरी मैने उस साले विकी की बात पर भरोशा कर लिया कि आप ने मेरे बारे मे वो बोला था.." इस लाइन के निकलने पर सुप्रिया के कान खड़े हो गये और वो अरुण की तरफ सवालिया नज़रों से देखने लगी लेकिन अरुण ने इशारे से बाद मे बताने को कहा.."आइ'म सॉरी. मुझे समझना चाहिए था कि आप कभी भी मेरे, मेरे क्या किसी के बारे मे ऐसी गंदी बात नही कह सकते. फिर जब आप चले गये तो मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था आप पर. सो मैं बाथरूम से आके डॅन्स करने लगी. थोड़ी देर मे विकी आया. वो अपनी वही चिकनी चुपड़ी बातों से मुझे कॉन्सोल और अच्छा फील कराने लगा. फिर बोला कि सिग्गरेट पिओगी तो थोड़ा अच्छा लगेगा..लेकिन उपर है सिगरेट..मैं भी थोड़ा ड्रंक थी और मुझे गुस्सा वैसे भी आ रहा था तो मैं उस के साथ उपर चल दी. उपर उसने मुझे कहा चेंबर 4 मे है तुम चलो मैं पीछे से जॉइंट ले कर आता हूँ. मैने जैसे ही उस चेंबर का गेट खोला तो उन लोगो ने मुझे ज़बरदस्ती अंदर खींच लिया और मुझे कुछ सुन्घाया भी था फिर आपको पता ही है.." इतना कहते कहते फिर उसके आँसू स्टार्ट होने वाले थे लेकिन अरुण ने उसका हाथ दबा दिया और आरोही ने अपनी बाहें उसके चारों ओर कस दी..
"कोई नही..छोड़ो उसे..मैं खुश हूँ कि ऐटलिस्ट मैं टाइम पर वहाँ पहुँच गया.."
"आप पता नही कर सकते भाई. कि मैं कितनी खुश और शुक्रगुज़ार हूँ की आप वहाँ टाइम पर पहुँच गये. आप जो बोलोगे मैं वो करने को तय्यार हूँ.."
"ओके.. जैसी तुम्हारी मर्ज़ी..हाउ अबाउट टू स्टार्ट वित भाई.. तुम्हारे मूह से सुनने मे बड़ा क्यूट लगता है. अब जाके मुझे पता चल रहा है मेरी एक छोटी बहेन भी है जिसे मैं प्यार कर सकता हूँ.." अरुण ने मुस्कुरा कर कहा..
"ऐज यू से, भाई.." सोनिया भी हल्का सा मुस्कुरा के बोली..
"अच्छा चलो..भूक किसे किसे लगी है.." सुप्रिया सबसे पूछती है..
"मुझे नही है.." सोनिया बोलती है..
"हां तुझे सबसे कम लगी है. कल रात से कुछ नही खाया है. चुपचाप खा लेना..मैं अरुण की फॅवुरेट चीज़ें बनाने जा रही हूँ.. तब तक उसे आराम करने दो सब." सुप्रिया रूम से चली जाती है..
"मैं भी दी की हेल्प करने जा रही हूँ..टके सी बोथ ऑफ यू.." स्नेहा भी पीछे से चली जाती है..
"अच्छा मैं तो चलती हूँ..तुम दोनो अपना काम निपटाओ..टेक केयर.." आरोही दोनो के माथो पर एक किस कर के रूम से जाने लगती है लेकिन गेट पर पहुँच कर एक बार दोनो को हाथ पकड़े देखती है और मुस्कुरकर रूम का गेट बंद करके चली जाती है..
"सोनिया.." अरुण उसका हाथ दबाकर अपनी ओर खेंचता है तो सोनिया उसकी ओर स्टूल खिसका कर अपना चेहरा उसके कंधे के पास ले जाती है.."देखो माना कि पहले हम दोनो काफ़ी लड़े झगड़े हैं. और मैं भी कभी आइडीयल भाई की तरह नही रहा. लेकिन आइ थिंक यू शुड नो दट आइ रियली लव यू नो मॅटर व्हाट. यू आर माइ लिट्ल सिस. चाहे कुछ भी हो जाए मैं तुम्हारे बारे मे कभी कुछ ग़लत नही सोच सकता और ना ही तुम्हे किसी तकलीफ़ मे देख सकता हूँ. मुझे भी ये चीज़ें कल ही रियलाइज़ हुई. हां इस बात से मैं थोड़ा हर्ट ज़रूर हुआ था कि तुमने एक दम से उस हरामजादे विकी की बात का भरोसा कर लिया कि मैने तुम्हारे बारे मे ऐसी बात कही है.. लेकिन अब मैं जानता हूँ तुम आगे से ध्यान रखोगी.." अरुण एक हाथ से उसके बाल सहलाते हुए बोला
"भाई. आइ'म रियली सॉरी. मुझे एक दम से रिएक्ट नही करना चाहिए था. मैं सही मे शर्मिंदा हूँ आंड आइ टू रियली लव यू. मुझे भी कल ही रियलाइज़ हुआ. यू आर आ लाइफ सेवर..माइ लाइफ सेवर..आंड आइ विल नेवेर डू एनितिंग टू हर्ट यू अगेन. आइ प्रॉमिस. आइ स्वेर.." सोनिया अपने आँसू पोछते हुए बोली..
"अगर मुझे पता होता तुम मेरे मार खाने से चेंज हो जाओगी तो मैं तो कबका मार खा लेता..हीही.." अरुण ने मज़ाक मे कहा..
"भाई प्लीज़ आगे से कभी ऐसा मत कहना.." सोनिया ने उसे टोकते हुए कहा उसे और कस के हग करने लगी..
"सोनिया.."
"हां भाई.."
"दर्द हो रहा है.." अरुण थोड़ा घुटि आवाज़ मे बोला..
"ओह सॉरी भाई..सॉरी.." सोनिया ने अपनी पकड़ ढीली करके बैठते हुए कहा..
और फिर दोनो हल्के से हँसने लगे..
"तुम रात भर सोई नही हो जाओ थोड़ा सो लो..." अरुण ने उसकी आँखों मे देखते हुए कहा..
" भाई..एक बात कहूँ.." सोनिया थोड़ा हिचकिचाते हुए बोली..
"यू कॅन टेल मी एनितिंग..ओके.." अरुण उसका हाथ दबाकर कर बोलता है.
"कल रात से मुझे रीयलाइज़ हुआ कि जब मैं आपके साथ होती हूँ. आइ फील सेफ. मुझे ऐसा लगता है जैसे मुझे कोई कुछ नही कर सकता. यू मेक मे फील सेफ.. थॅंक यू.. आंड बाइ.." सोनिया उसके गालों और माथे पर किस करती है और जाने लगती है..
अरुण कुछ नही बोलता बस उसे जाते हुए देखता रहता है. और उसकी बातों पर गौर करने लगता है. ऐसे ही धीरे धीरे उसे नींद आ जाती है..
एक घंटे बाद सुप्रिया उसे जगाने आती है. तो सबसे पहले वो उसके फोर्हेड पर एक किस करती है फिर हल्के से उसे उठाती है. सुप्रिया को सामने देख कर उसके चेहरे पर स्माइल आ जाती है और वो उसे अपने पास खींचने की कोशिश करता है तो थोड़ा दर्द होता है लेकिन फिर भी खींच के उसके होंठो पर अपने होंठ रख देता है.
फिर थोड़ी देर बाद उपर से कदमों की आवाज़ आती है तो दोनो अलग हो जाते हैं आरोही और सोनिया दोनो रूम मे आकर ही बोलते हैं और तीनो लोग अरुण को सहारा देकर डाइनिंग टेबल पर बिठाते हैं. उसके मनपसंद राजमा चावल बनाए गये हैं. और सब लोग खाना खाने लगते हैं. तो अरुण अपना हाथ दुखने की आक्टिंग करता है. वो भी इस चीज़ का पूरा फ़ायदा उठाता है. तो सब लोग बरी बरी उसे अपने हाथों से खाना खिलाते हैं. ऐसे ही हसी मज़ाक करते करते सब लोग खाना खा लेते हैं. इस बार सिर्फ़ सोनिया ही उसे सुप्रिया के रूम तक लेकर जाती है. और रूम का दरवाजा बंद कर देती है. उसे बेड पर लिटाने के बाद खुद स्टूल पर बैठ जाती है और उसका हाथ पकड़ लेती है.
"भाई.."
"हुन्ह..."
अरुण को इस समय सोनिया बहुत ही क्यूट लग रही है..
"मुझे आपके पास रहना अच्छा लगता है. आइ डोंट वान्ट टू बे अलोन फॉर सम्टाइम. ऐज आइ सेड अर्लीयर यू मेक मी फील सेफ. प्रॉमिस करो कि आपके ठीक होने के बाद हम लोग ज़्यादा टाइम साथ मे स्पेंड करेंगे. मुझे ध्यान है तो जब हम लोग छोटे थे तभी साथ खेला करते थे. वो आक्सिडेंट के बाद तो...." इतना कहते कहते सोनिया के आँसू निकलने लगे जैसे उसे कुछ याद आ गया हो..
"ष्ह इधर आओ.." अरुण बेड के थोड़ा साइड मे हो जाता है और सोनिया को अपने साइड मे लिटा लेता है और दोनो के उपर चादर डाल लेता है. सोनिया एक हाथ अरुण के सीने पर रखती है और सिर कंधे पर रख कर अपने आँसू पोछती है..
"क्या हुआ अब..??" अरुण उसके आँसू पोन्छकर उसका चेहरा उठाते हुए पूछता है..
"वो.मुझे कल वाली बात याद आ गयी..जब मैने कहा था कि आप से मेरा भाई ही नही होता...आंड आपको भी आक्सिडेंट मे..ओ माइ गॉड.. ये मैने क्या कह दिया.. मैं सही मे बहुत बुरी हूँ..." वो और तेज़ी से रोने लगी..
"कोई नही गुड़िया.. तू गुस्से मे थी तो कह दिया. चलता है. लेकिन आगे से मत कहना ओके. आइ डोंट वान्ट टू लीव माइ सिस्टर. अब रोना बंद कर नही तो मैं भी रोने लगूंगा.." अरुण हंसकर उसे अपने और करीब खींचता है..
तो सोनिया रोना बंद करके उसे स्माइल करती है..
"लेकिन भाई प्रॉमिस. प्रॉमिस क्या आइ स्वेर मैं आज के बाद आपके साथ कभी झगड़ा नही करूँगी.."
"ऐसे फिर हमारा घर कैसे चलेगा..ओह नो" अरुण उसे चिढ़ाते हुए कहता है..
"भाई..." सोनिया हल्के से उसकी सीने पर मारती है..तो अरुण कराह उठता है.
"ओह...सॉरी भाई..." सोनिया अपनी जीभ बाहर निकालकर कहती है. और फिर उसके कंधे को किस करके लेटी रहती है.
"ठीक होने तक बहुत दर्द सहना पड़ेगा यार..." अरुण मज़ाक मे कहता है और सोनिया को पकड़े पकड़े लेटा रहता है..
थोड़ी देर बाद स्नेहा कॉफी लेकर उनके रूम मे आती है. अरुण के टाइम पूछने पर पता चलता है शाम के 4 बजे हैं. स्नेहा के कॉफी लाने पर सोनिया उसके पास से उठकर स्टूल पर बैठ जाती है और उसकी शक्ल ऐसी हो जाती है जैसी उससे बहुत ही कीमती चीज़ छीन ली गयी हो.. अरुण एक बार उसकी ओर देखता है फिर जल्दी जल्दी कॉफी ख़त्म कर के मेडिसिन खा लेता है. जैसे ही स्नेहा बाहर जाके दरवाजा बंद करती है. अरुण सोनिया की तरफ अपनी बाहें खोल देता है और अपनी तरफ आने का इशारा करता है. सोनिया झट से स्टूल छोड़कर उसके बेड पर लेट जाती है. इस बार दोनो स्पूनिंग पोज़िशन मे आ जाते हैं और अरुण की चिन सोनिया के बालों मे लग रही होती है और उसका एक हाथ सोनिया के पेट पर होता है जिसे सोनिया अपने हाथ से पकड़कर पहले चूमती है फिर वापस उसे पकड़े पकड़े लेटी रहती है.
"वाउ..आज भैया..वैसे टेन्षन क्यू ले रही है..ठीक हो जाउन्गा मैं. कुछ हुआ थोड़ी ना है.." अरुण ने सोनिया का हाथ दबाकर कहा..
बस सोनिया से अब नही संभाला गया..उसके आँसुओं का बाँध टूट गया और उसका हर दर्द हर गम हर ग्लानि उसके आँसुओं के ज़रिए उसके मन से बाहर आने लगी और वो रोते रोते ही "सॉरी भाई.. सॉरी..आइ'म रियली सॉरी..सॉरी..." कहते कहते अरुण के हाथ पर अपना सिर रख के रोने लगी. अरुण ने भी उसे रोका नही वो जानता था कि सोनिया का रोना इस समय ज़रूरी है. अरुण ने 2 मिनिट बाद उसका सिर अपने हाथ से उठाया और उसे अपने कंधे पर रख लिया..अब तो सोनिया और ज़्यादा रोने लगी.. और वो अरुण को बहुत ज़ोर से गले लगाने लगी..
अरुण के बॉडी मे पेन तो हुआ लेकिन एक खुशी भी हुई जो उसने आज से पहले कभी मशसूस नही की थी.
अरुण ने भी एक हाथ से उसका सिर धीरे धीरे सहलाना शुरू कर दिया.. सोनिया के आँसुओं से उसका पूरा कंधा भीग गया.. और बेडशीट भी..
"आइ आम सॉरी भाई आंड आइ लव यू भाई. मैं जानती हूँ मैं बहुत ही बुरा बिहेव करती हूँ आपके साथ आंड आज तक आपको भाई तो कभी कहा ही नही..आइ'म सॉरी. लेकिन मैं ये कभी नही भूलना चाहती कि आप मेरे भाई हो आंड आइ लव यू..आइ लव यू.." सोनिया ये कह के रोती रहती है..
अरुण थोड़ी देर के लिए चुप रहता है. उसकी आँखें भी हल्की सी नम हो जाती हैं..
"आइ नो सोनिया.. आइ लव यू टू..अब शांत हो जाओ.. कुछ नही हुआ.. मैं ठीक हूँ. और तुम क्यू सॉरी बोल रही हो. तुम्हारी ग़लती थोड़ी ना थी..चलो चुप हो जाओ..ष्ह..आंड बाइ दा वे ऐसे मुझे दर्द हो रहा है काफ़ी.आह.." अरुण ने उसे शांत करते हुए कहा..
दर्द की बात सुन सोनिया तुरत ही पीछे हटी और उसका कंधा सहलाने लगी..
"सॉरी भाई..अगेन पेन देने के लिए..सुबुक" अब भी उसके 2 3 आँसू निकल ही रहे थे..
अरुण ने अपने अंगूठे से उसके आँसू सॉफ किए और एक हल्की सी थपकी दे दी उसके गाल पर.. तब तक पीछे से आरोही ने आके सोनिया को हग किया आंड बोली "कोई नही सोनी.. भाई तुझे ऐसे ही माफ़ कर रहा है तो क्या मैं तुझे पनिशमेंट दूँगी बाद मे..ओके" और एक बार उसके दोनो गालों पर किस कर देती है..
"आइ'म सॉरी दी..मैने आप के साथ भी कभी अच्छे से बिहेव नही किया.." सोनिया उसे भी हग करते हुए बोलती है..
"वैसे वहाँ हुआ क्या था सोनिया..??" अरुण दोबारा सोनिया का हाथ पकड़कर पूछता है..
सोनिया कस के उसका हाथ पकड़ती है.."पहले तो सॉरी मैने उस साले विकी की बात पर भरोशा कर लिया कि आप ने मेरे बारे मे वो बोला था.." इस लाइन के निकलने पर सुप्रिया के कान खड़े हो गये और वो अरुण की तरफ सवालिया नज़रों से देखने लगी लेकिन अरुण ने इशारे से बाद मे बताने को कहा.."आइ'म सॉरी. मुझे समझना चाहिए था कि आप कभी भी मेरे, मेरे क्या किसी के बारे मे ऐसी गंदी बात नही कह सकते. फिर जब आप चले गये तो मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था आप पर. सो मैं बाथरूम से आके डॅन्स करने लगी. थोड़ी देर मे विकी आया. वो अपनी वही चिकनी चुपड़ी बातों से मुझे कॉन्सोल और अच्छा फील कराने लगा. फिर बोला कि सिग्गरेट पिओगी तो थोड़ा अच्छा लगेगा..लेकिन उपर है सिगरेट..मैं भी थोड़ा ड्रंक थी और मुझे गुस्सा वैसे भी आ रहा था तो मैं उस के साथ उपर चल दी. उपर उसने मुझे कहा चेंबर 4 मे है तुम चलो मैं पीछे से जॉइंट ले कर आता हूँ. मैने जैसे ही उस चेंबर का गेट खोला तो उन लोगो ने मुझे ज़बरदस्ती अंदर खींच लिया और मुझे कुछ सुन्घाया भी था फिर आपको पता ही है.." इतना कहते कहते फिर उसके आँसू स्टार्ट होने वाले थे लेकिन अरुण ने उसका हाथ दबा दिया और आरोही ने अपनी बाहें उसके चारों ओर कस दी..
"कोई नही..छोड़ो उसे..मैं खुश हूँ कि ऐटलिस्ट मैं टाइम पर वहाँ पहुँच गया.."
"आप पता नही कर सकते भाई. कि मैं कितनी खुश और शुक्रगुज़ार हूँ की आप वहाँ टाइम पर पहुँच गये. आप जो बोलोगे मैं वो करने को तय्यार हूँ.."
"ओके.. जैसी तुम्हारी मर्ज़ी..हाउ अबाउट टू स्टार्ट वित भाई.. तुम्हारे मूह से सुनने मे बड़ा क्यूट लगता है. अब जाके मुझे पता चल रहा है मेरी एक छोटी बहेन भी है जिसे मैं प्यार कर सकता हूँ.." अरुण ने मुस्कुरा कर कहा..
"ऐज यू से, भाई.." सोनिया भी हल्का सा मुस्कुरा के बोली..
"अच्छा चलो..भूक किसे किसे लगी है.." सुप्रिया सबसे पूछती है..
"मुझे नही है.." सोनिया बोलती है..
"हां तुझे सबसे कम लगी है. कल रात से कुछ नही खाया है. चुपचाप खा लेना..मैं अरुण की फॅवुरेट चीज़ें बनाने जा रही हूँ.. तब तक उसे आराम करने दो सब." सुप्रिया रूम से चली जाती है..
"मैं भी दी की हेल्प करने जा रही हूँ..टके सी बोथ ऑफ यू.." स्नेहा भी पीछे से चली जाती है..
"अच्छा मैं तो चलती हूँ..तुम दोनो अपना काम निपटाओ..टेक केयर.." आरोही दोनो के माथो पर एक किस कर के रूम से जाने लगती है लेकिन गेट पर पहुँच कर एक बार दोनो को हाथ पकड़े देखती है और मुस्कुरकर रूम का गेट बंद करके चली जाती है..
"सोनिया.." अरुण उसका हाथ दबाकर अपनी ओर खेंचता है तो सोनिया उसकी ओर स्टूल खिसका कर अपना चेहरा उसके कंधे के पास ले जाती है.."देखो माना कि पहले हम दोनो काफ़ी लड़े झगड़े हैं. और मैं भी कभी आइडीयल भाई की तरह नही रहा. लेकिन आइ थिंक यू शुड नो दट आइ रियली लव यू नो मॅटर व्हाट. यू आर माइ लिट्ल सिस. चाहे कुछ भी हो जाए मैं तुम्हारे बारे मे कभी कुछ ग़लत नही सोच सकता और ना ही तुम्हे किसी तकलीफ़ मे देख सकता हूँ. मुझे भी ये चीज़ें कल ही रियलाइज़ हुई. हां इस बात से मैं थोड़ा हर्ट ज़रूर हुआ था कि तुमने एक दम से उस हरामजादे विकी की बात का भरोसा कर लिया कि मैने तुम्हारे बारे मे ऐसी बात कही है.. लेकिन अब मैं जानता हूँ तुम आगे से ध्यान रखोगी.." अरुण एक हाथ से उसके बाल सहलाते हुए बोला
"भाई. आइ'म रियली सॉरी. मुझे एक दम से रिएक्ट नही करना चाहिए था. मैं सही मे शर्मिंदा हूँ आंड आइ टू रियली लव यू. मुझे भी कल ही रियलाइज़ हुआ. यू आर आ लाइफ सेवर..माइ लाइफ सेवर..आंड आइ विल नेवेर डू एनितिंग टू हर्ट यू अगेन. आइ प्रॉमिस. आइ स्वेर.." सोनिया अपने आँसू पोछते हुए बोली..
"अगर मुझे पता होता तुम मेरे मार खाने से चेंज हो जाओगी तो मैं तो कबका मार खा लेता..हीही.." अरुण ने मज़ाक मे कहा..
"भाई प्लीज़ आगे से कभी ऐसा मत कहना.." सोनिया ने उसे टोकते हुए कहा उसे और कस के हग करने लगी..
"सोनिया.."
"हां भाई.."
"दर्द हो रहा है.." अरुण थोड़ा घुटि आवाज़ मे बोला..
"ओह सॉरी भाई..सॉरी.." सोनिया ने अपनी पकड़ ढीली करके बैठते हुए कहा..
और फिर दोनो हल्के से हँसने लगे..
"तुम रात भर सोई नही हो जाओ थोड़ा सो लो..." अरुण ने उसकी आँखों मे देखते हुए कहा..
" भाई..एक बात कहूँ.." सोनिया थोड़ा हिचकिचाते हुए बोली..
"यू कॅन टेल मी एनितिंग..ओके.." अरुण उसका हाथ दबाकर कर बोलता है.
"कल रात से मुझे रीयलाइज़ हुआ कि जब मैं आपके साथ होती हूँ. आइ फील सेफ. मुझे ऐसा लगता है जैसे मुझे कोई कुछ नही कर सकता. यू मेक मे फील सेफ.. थॅंक यू.. आंड बाइ.." सोनिया उसके गालों और माथे पर किस करती है और जाने लगती है..
अरुण कुछ नही बोलता बस उसे जाते हुए देखता रहता है. और उसकी बातों पर गौर करने लगता है. ऐसे ही धीरे धीरे उसे नींद आ जाती है..
एक घंटे बाद सुप्रिया उसे जगाने आती है. तो सबसे पहले वो उसके फोर्हेड पर एक किस करती है फिर हल्के से उसे उठाती है. सुप्रिया को सामने देख कर उसके चेहरे पर स्माइल आ जाती है और वो उसे अपने पास खींचने की कोशिश करता है तो थोड़ा दर्द होता है लेकिन फिर भी खींच के उसके होंठो पर अपने होंठ रख देता है.
फिर थोड़ी देर बाद उपर से कदमों की आवाज़ आती है तो दोनो अलग हो जाते हैं आरोही और सोनिया दोनो रूम मे आकर ही बोलते हैं और तीनो लोग अरुण को सहारा देकर डाइनिंग टेबल पर बिठाते हैं. उसके मनपसंद राजमा चावल बनाए गये हैं. और सब लोग खाना खाने लगते हैं. तो अरुण अपना हाथ दुखने की आक्टिंग करता है. वो भी इस चीज़ का पूरा फ़ायदा उठाता है. तो सब लोग बरी बरी उसे अपने हाथों से खाना खिलाते हैं. ऐसे ही हसी मज़ाक करते करते सब लोग खाना खा लेते हैं. इस बार सिर्फ़ सोनिया ही उसे सुप्रिया के रूम तक लेकर जाती है. और रूम का दरवाजा बंद कर देती है. उसे बेड पर लिटाने के बाद खुद स्टूल पर बैठ जाती है और उसका हाथ पकड़ लेती है.
"भाई.."
"हुन्ह..."
अरुण को इस समय सोनिया बहुत ही क्यूट लग रही है..
"मुझे आपके पास रहना अच्छा लगता है. आइ डोंट वान्ट टू बे अलोन फॉर सम्टाइम. ऐज आइ सेड अर्लीयर यू मेक मी फील सेफ. प्रॉमिस करो कि आपके ठीक होने के बाद हम लोग ज़्यादा टाइम साथ मे स्पेंड करेंगे. मुझे ध्यान है तो जब हम लोग छोटे थे तभी साथ खेला करते थे. वो आक्सिडेंट के बाद तो...." इतना कहते कहते सोनिया के आँसू निकलने लगे जैसे उसे कुछ याद आ गया हो..
"ष्ह इधर आओ.." अरुण बेड के थोड़ा साइड मे हो जाता है और सोनिया को अपने साइड मे लिटा लेता है और दोनो के उपर चादर डाल लेता है. सोनिया एक हाथ अरुण के सीने पर रखती है और सिर कंधे पर रख कर अपने आँसू पोछती है..
"क्या हुआ अब..??" अरुण उसके आँसू पोन्छकर उसका चेहरा उठाते हुए पूछता है..
"वो.मुझे कल वाली बात याद आ गयी..जब मैने कहा था कि आप से मेरा भाई ही नही होता...आंड आपको भी आक्सिडेंट मे..ओ माइ गॉड.. ये मैने क्या कह दिया.. मैं सही मे बहुत बुरी हूँ..." वो और तेज़ी से रोने लगी..
"कोई नही गुड़िया.. तू गुस्से मे थी तो कह दिया. चलता है. लेकिन आगे से मत कहना ओके. आइ डोंट वान्ट टू लीव माइ सिस्टर. अब रोना बंद कर नही तो मैं भी रोने लगूंगा.." अरुण हंसकर उसे अपने और करीब खींचता है..
तो सोनिया रोना बंद करके उसे स्माइल करती है..
"लेकिन भाई प्रॉमिस. प्रॉमिस क्या आइ स्वेर मैं आज के बाद आपके साथ कभी झगड़ा नही करूँगी.."
"ऐसे फिर हमारा घर कैसे चलेगा..ओह नो" अरुण उसे चिढ़ाते हुए कहता है..
"भाई..." सोनिया हल्के से उसकी सीने पर मारती है..तो अरुण कराह उठता है.
"ओह...सॉरी भाई..." सोनिया अपनी जीभ बाहर निकालकर कहती है. और फिर उसके कंधे को किस करके लेटी रहती है.
"ठीक होने तक बहुत दर्द सहना पड़ेगा यार..." अरुण मज़ाक मे कहता है और सोनिया को पकड़े पकड़े लेटा रहता है..
थोड़ी देर बाद स्नेहा कॉफी लेकर उनके रूम मे आती है. अरुण के टाइम पूछने पर पता चलता है शाम के 4 बजे हैं. स्नेहा के कॉफी लाने पर सोनिया उसके पास से उठकर स्टूल पर बैठ जाती है और उसकी शक्ल ऐसी हो जाती है जैसी उससे बहुत ही कीमती चीज़ छीन ली गयी हो.. अरुण एक बार उसकी ओर देखता है फिर जल्दी जल्दी कॉफी ख़त्म कर के मेडिसिन खा लेता है. जैसे ही स्नेहा बाहर जाके दरवाजा बंद करती है. अरुण सोनिया की तरफ अपनी बाहें खोल देता है और अपनी तरफ आने का इशारा करता है. सोनिया झट से स्टूल छोड़कर उसके बेड पर लेट जाती है. इस बार दोनो स्पूनिंग पोज़िशन मे आ जाते हैं और अरुण की चिन सोनिया के बालों मे लग रही होती है और उसका एक हाथ सोनिया के पेट पर होता है जिसे सोनिया अपने हाथ से पकड़कर पहले चूमती है फिर वापस उसे पकड़े पकड़े लेटी रहती है.