bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी - Page 10 - SexBaba
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bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी

आरोह नीचे आई तो स्नेहा को अपनी टीशर्ट नीचे करते हुए देख हँसने लगी. 

उधर सुप्रिया अरुण को टेबल तक ले आई थी. स्नेहा ने आरोही को देख आँख मार दी और खाने को टेबल पर लगाने लगी.

"इस पर कब तक बैठना पड़ेगा?" अरुण ने व्हील्चैर की तरफ इशारा करते हुए पूछा.

उसकी बहनें उसको जवाब दिए बगैर उसको पानी खाना देने लगी. सोनिया ने तो पहला नीवाला अपने हाथ से उसे खिलाया. जब सभी ने अपना काम कर दिया तो अरुण खाने पर ऐसे टूटा जैसे जन्मो का भूखा हो.

"आराम से," सुप्रिया बोली.

अरुण उसकी ओर देख कर मुस्कुरा दिया और स्नेहा की ओर देखा तो उसका खाना गले मे ही अटक गया. स्नेहा आगे झुककर सलाद उठा रही थी तो उसकी लूस टीशर्ट मे से बिना ब्रा के दूध सॉफ सॉफ झलक रहे थे. अरुण सॉफ सॉफ उसके निपल और पेट देख रहा था. उसने बड़ी मुश्किल से अपनी नज़रें नीचे प्लेट पर जमाई.

सभी बहने एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा दी.

खाते वक़्त सभी काफ़ी खामोश थे, जिससे अरुण को काफ़ी परेशानी हो रही थी. "अच्छा अब तुम लोग मुझे बता क्यूँ नही देते क्या क्या चेंज हुआ है इस साल. सोनिया और मेरी इतनी तो कभी भी नही बनी."
"यू'आर माइ ब्रदर," सोनिया दुखी आवाज़ से बोली.

"शिट," उसने सोचा. "सोनिया, मेरा वो मतलब नही थी. मुझे बस कुछ याद नही आ रहा कि इससे पहले हम दोनो ने बिना लड़े कभी बात भी करी हो,"

सोनिया ने सिर हिलाकर उसकी बात का साथ दिया. "थिंग्स हॅव चेंज्ड."

"अभी कुछ महीने पहले.." आरोही बोलने को हुई तो सोनिया ने उसका हाथ दबा कर रोक दिया.

"मैं खुद बताउन्गी," उसने कहा. "आइ' ओके, दी," उसने सबको दिलासा देते हुए कहा.

फिर एक घूँट पानी का लेकर वो बोलने लगी.

"अभी कुछ महीने पहीले, हमारी लड़ाई हुई लेकिन शाम को मैं, आप और आरू दी साथ मे क्लब गये थे. वहाँ वो कमिने विकी की बात मानकर मैने..(गल्प)..आपको चाँटा मारा था. सॉरी. आप गुस्से मे बाहर चले गये उसके बाद मुझे उस विकी ने कोई ड्रिंक दी ये कहकर कि कोक थी. उसमे कुछ मिला हुआ था जिसकी वजह से मुझे कुछ होश नही रहा. मैं जानबूझकर आरू से छुप रही थी, क्यूकी मुझे पता था ये मुझे बाहर जाने को कहेगी. मैं बाथरूम की ओर जा रही थी कि एक लड़का मुझे अपने साथ दूसरी तरफ ले जाने लगा," सोनिया की आवाज़ काँपने लगी थी.

"सोनिया.." आरोही बोली.

सोनिया ने हिम्मत करके अपने चेहरे पर मुस्कान लाई लेकिन एक आसू उसके गाल से नीचे आ रहा था.

"वो लोग मुझे एक रूम मे ले गये. जहाँ उसने मेरे साथ ज़बरदस्ती करने की कोशिश की."

अरुण चुप था लेकिन उसका चेहरा गुस्से से भरा हुआ था. उसका मूह गुस्से से बंद था और उसका हाथ खुल वा बंद हो रहे थे. 

"अरुण, जस्ट लिसन. कुछ नही हुआ.." सुप्रिया बोली.

"आरू ने आपको फोन किया तो आप तुरंत ही वापस आ गये. आप ढूढ़ते हुए उस रूम मे पहुचे और उस लड़के को बहुत मारा. मुझे तो होश भी नही था पर जैसा कि आपने और आरू दी ने बताया कि मेरी स्कर्ट कमर से उपर थी और बस वो पैंटी उतारने ही वाला था जब तक आप आ गये." सोनिया के चेहरे पर आसू लगातार बहने लगे.

"थॅंक गॉड, बस ये बताओ कि मैने उसे अच्छे से मारा." अरुण थोड़ा रिलॅक्स होते हुए बोला.

"यॅ, काफ़ी मारा. लेकिन फिर भी वो नीचे आया और जब आप मुझे और आरू दी को लेकर बाहर निकलने ही वाले थे कि उसके दोस्तों ने पीछे से आपके सिर पर मारा और आप बेहोश हो गये. तब तक जैसा कि दी ने बताया उन लोगो ने आपको काफ़ी मारा लेकिन सेक्यूरिटी ने सब कुछ ख़त्म करवा दिया. अगले दिन जब आपकी आँख खुली तो आप सुप्रिया दी केबेड पर थे. आपको काफ़ी चोट आई थी तो हम लोग आपका ख़याल रखते रहे. जब आरू दी ने मुझे सब बताया तो मैं आपसे दूर नही होना चाहती थी. मेरे लिए जैसे ये कल की ही बात हो. एक दिन मैं आप पर गुस्सा थी क्यूकी आप मेरी लाइफ कंट्रोल कर रहे थे और अगले दिन मैं बस आपके पास रहना चाहती थी."

अरुण काफ़ी देर तक चुप रहकर उसकी कही हुई बातों के बारे मे सोचता रहा. फिर उसने सोनिया की ओर देखा. "तुम अब ठीक हो?"

उसने मुस्कुरा कर सिर हिला दिया. "यही बात तो हम लोग बताने वाले थे. उसके बाद पहली रात तो मुझ नींद ही नही आई. मैं सोने की कोशिश करती तो मेरे मन मे उसी के बुरे सपने आने लगते. मैं जब रात मे पानी पीने आई तो आप भी वही थे. आप मेरे बारे मे काफ़ी परेशान थे और मैं यही सोच रही थी कि मेरी वजह से क्या से क्या हो गया होता. उसी टाइम मुझे समझ मे आया दट आइ लव यू और मैं कभी आपसे नही झगड़ सकती. यू ओपंड युवर आर्म्स टू मे आंड आइ फेल इंटो यू. आपने मुझे जब अपने पास सुलाया तब जाके मुझे नींद आई." सोनिया ने अपने आसू पोछते हुए कहा.

"आपके साथ मुझे वो सुकून मिला जो कहीं और नही. इट'स लाइक कोई भी बुरी चीज़ मेरे पास फटक तक नही सकती. तबसे मैं आपके साथ ही सोती आई हूँ."

अरुण ने सिर हिलाकर उसकी बात समझी. "तो उस लड़के का क्या हुआ?"

"मैं बताती हूँ," आरोही ने सोनिया को शांत हो जाने का इशारा करते हुए कहा. "अभी कुछ दिन पहले तुम और मैं कुछ दोस्तों के साथ एक डबल डेट पर थे. वहाँ तुमने उस लड़के को देखा तो कुछ झड़प हुई थी. उसके बाद अभी आक्सिडेंट वाली रात हम सब क्लब गये थे और वो दोबारा हमे दिखा. हम सब बाहर जा ही रहे थे कि उसने मुझे पकड़कर दीवार से सटा दिया.."

"आरू, तूने हम लोगो ये क्यू नही बताया?" सुप्रिया चौंकते हुए बोली.

"दी, वो कुछ नही कर पाया. और वैसे भी मैने उसे कस के मारा था."

"फिर भी." सुप्रिया चिंतित स्वर मे बोली.

"एनीवेस, तो डबल डेट पर तो तुमने उसकी अच्छी धुनाई की थी. और क्लब मे बाहर लड़ाई होने वाली थी तो मैने उसके थोबदे को कस के एक मारा उसके बाद वो चला गया. 

बारिश हो रही थी तो हम लोग घर जाने लगे, वही रास्ते मे उसने अपनी कार के साइड मे कार करके गोली टाइयर मे मार दी जिसकी वजह से कार पलट गयी."

"और उसका क्या हुआ?" अरुण ने पूछा.

"पोलीस ने उसे अरेस्ट कर लिया है. वो हम सबको मारने की धमकी दे रहा है तो उसे जमानत तो मिलने से रही." उसने बताया.

अरुण ने एक चैन की सास ली.

"लुक, अभी तुम्हे सब बातें समझने मे टाइम लगेगा. और तब तक तुम घर पर ही रहोगे तो ज़्यादा अच्छा रहेगा." आरोही बोली.

"और मेरी स्टडीस?" अरुण ने पूछा.

"अगर तुम्हारी इच्छा है तो तुम ये सेमेस्टर जाय्न कर सकते हो लेकिन अगर नही इच्छा है तो आइ'म श्योर डीन तुम्हारी प्राब्लम समझ जाएँगे." सुप्रिया बोली.

अरुण सोचते हुए अपने बाल खुजाने लगा. "दिन भर तो यहाँ बोर हो जाउन्गा. और शायद स्कूल से और बातें याद आ जाएँ." अरुण बोला फिर कुछ सोचकर आरोही की ओर देखने लगा. "सिर्फ़ तुमने ही उसे मारा?"

"यहा, आंड इट वाज़ सो गॉड." आरोही हंसते हुए बोली.

अरुण भी हंसा और कुर्सी को पीछे किया तो दर्द से कराह गया. तुरंत ही चारो उसे सुनाने लगी और कुछ देर बाद चारो ने उसे उसके बेड मे आराम से लिटा दिया. उसके बाद उसे लेक्चर पिलाना चालू किया.

"दी, प्लीज़, आइ'म गुड, ओके." उसने बार बार कहा.

"ओके." सुप्रिया बोली. "मैं नीचे बर्तन सॉफ करने जा रही हूँ. अगर तुम्हे कुछ चाहिए तो हम मे से किसी को भी आवाज़ दे देना." सुप्रिया आगे झुककर बोली. अरुण मुस्कुरा दिया लेकिन तुरंत ही खांसने लगा क्यूकी सुप्रिया के झुकने से उसके दूध अरुण की आँखो के सामने झूलने लगे जो एप्रन के कारण और मस्त दिख रहे थे. अरुण ने नज़रे हटाने की नाकाम कोशिश की तब तक सुप्रिया उसका सिर चूम चुकी थी.

"बहेन है, बहेन है,...." उसने खुद को बताया.

सुप्रिया फिर बाहर चली गयी तो स्नेहा आगे आई.

"हे भगवान, आज पक्का मैं पागल हो जाउन्गा." वो सोचने लगा.

सुप्रिया की तरह ही स्नेहा के दूध भी उसकी आँखो के आगे झूल रहे थे. इस बार भी अरुण की नज़रे वही गढ़ी रही.
 
आरोही ने आगे बढ़कर उसे गले लगा लिया. "आइ'म ग्लॅड यू'आर ओकया," उसने उसके गाल को चूमते हुए कहा फिर सोनिया ने भी उसके गाल को किस किया और आरोही के पीछे पीछे जाने लगे.

"तुम कहाँ जा रही हो?" उसने पूछा.

सोनिया बड़ी आँखो से उसे देखने लगी.

"मुझे लगा तुमने कहा था कि हम लोग साथ सोते हैं?"

सोनिया मुस्कुराते हुए आगे आ गयी. "आर यू श्योर?"

अरुण ने हां मे सिर हिला दिया. "तुम लोगो की बातों से तो यही लगता है कि वी आर मच क्लोज़र नाउ. आंड आइ'म प्रेटी श्योर कि ये नई वाली सोनिया पक्का रात मे मेरी जान लेने की कोशिश नही करेगी."

"मेबी." सोनिया आँख मार कर बोली.

"और उपर से मुझे किसी को बार बार नीचे भी तो भेजना पड़ेगा मेरी सेवा के लिए." अरुण ने आँख मार कर कहा.

सोनिया ने हल्के से उसके हाथ पर मारा तो वो फिर कराह उठा तो सोनिया हंसते हुए बाहर जाने लगी. "मैं चेंज करके आती हूँ."

"ओके." अरुण पास मे पड़ी नॉवेल उठाते हुए बोला.

सोनिया कुछ ही देर मे वापस आ गयी. अरुण ये दिखाने की पूरी कोशिश करने लगा कि वो नॉवेल मे ध्यान लगाए हुए है लेकिन कनखियों से उसको अपने बाल संवारते हुए देखता रहा. वो पैंटी और एक पुरानी टीशर्ट मे थी जिसमे से उसकी गोरी काया चमक रही थी.

"मुझे टाइम मिलते ही मूठ मारनी पड़ेगी," उसने दूसरी बार ये बात मन मे सोची.

सोनिया और आगे झुक गयी तो उसकी कमर भी अरुण को दिखने लगी. काफ़ी देर तक उसे ऐसे ही अपनी गोरी काया दिखाने के बाद वो वापस मूडी तो अरुण ने झट से आँखें नॉवेल मे कर दी.

सोनिया मुस्कुराते हुए बेड के पास आई और उसके पास ध्यान से लेट गयी.

"सो....हाउ डू वी डू...दिस?" अरुण ने पूछा.

सोनिया अपनी हँसी रोकने लगी. "नॉर्मली हम लोग स्पूनिंग करते हैं. लेकिन आपको फिकर करने की ज़रूरत नही है. यू जस्ट रिलॅक्स."

अरुण ने हां कहकर नॉवेल की तरफ आँखें कर ली. सोनिया ने एक हाथ उसकी सीने पर रखा धीरे से और सट कर उससे लेट गयी. कुछ ही मिनट बाद अरुण ने नॉवेल को साइड टेबल पर रख कर लाइट ऑफ करदी और आँखें बंद कर ली.

"भाई?" सोनिया की आवाज़ आई.

"हूँ,"उसने जल्दी से कहा. उसके बाद काफ़ी सेकेंड्स तक सिर्फ़ नीचे से पानी चलने की हल्की हल्की आवाज़ आती रही.

"आइ....आइ लव यू."

"आइ लव यू टू," उसने कहा और खुद ही हैरान हो गया कि ये शब्द उसके होठों से बड़ी आसानी से निकल गये और इनको बोलकर दिल को कितना सुकून मिला.

उसके बाद उसने सोनिया की गहरी होती सासो को सुना और फिर वो भी साथ मे सो गया.

**********

आरोही भी थक गयी थी तो जल्दी सोने चली गयी. सुप्रिया भी सोने जाना चाहती थी लेकिन उससे पहले तो बर्तन धोने का काम ख़तम करने पर उतारू थी. स्नेहा शवर लेकर बाहर आई तो उसकी टीशर्ट उसके शरीर पर जगह जगह चिपकी हुई थी.

"ओह्ह, अब मुझे भी पता चल गया कि अरुण तुझ पर बाथरूम मे क्यू कुद्ता रहता है." सुप्रिया कुछ देर उसे देखने के बाद बोली.

स्नेहा मुस्कुराते हुए उसके पास आकर हेल्प करने लगी.

"दी, आपको वो दिन याद है, वो जिस दिन मैं, आप और अरुण वॉशरूम मे..?" स्नेहा ने पूछा तो सुप्रिया हँसने लगी.

"कैसे भूल सकती हूँ, स्वीटी? यू वर सो...हॉर्नी." सुप्रिया मुस्कुरा कर बोली.

स्नेहा हंस पड़ी. "येप," फिर कुछ देर बाद बोल पड़ी. "मुझे कभी कभी समझ नही आता कि मैं ऐसी कैसे हो गयी?"

सुप्रिया उसकी तरफ देखने लगी और प्यार से उसके बाल चेहरे से हटाकर पीछे कर दिए. "हम सभी कभी कभी ऐसे ही हो जाते हैं, स्वीटी."

कुछ देर फिर दोनो बिना बात किए साथ मे खड़ी रही.

"तो आप पहले भी लड़कियों के साथ...?" स्नेहा ने अचानक से पूछा तो सुप्रिया अपना सिर हिलाने लगी.

"तुम और तुम्हारे ये सवाल?" सुप्रिया बात को बदलते हुए बोली.

"कम ऑन दी, प्लीज़..." स्नेहा बच्चे की तरह ज़िद करके बोली.

ये देखकर की स्नेहा अब नही मानेगी तो सुप्रिया सिर हिलाने लगी. "नही, सिर्फ़ आरोही और उससे पहले श्रुति और फिर तू."

"ओह.." स्नेहा बोली. "सो वाज़ आइ...गुड?"

सुप्रिया फिर हँसने लगी. "ऑफ कोर्स स्वीटी."

"तो क्या आप मुझे बता सकती हो कि मैं किन जगहो पर अच्छी थी और किन जगहो पर मुझे और काम की ज़रूरत है?"

सुप्रिया उसे असमंजस से देखने लगी. "स्वीटी, बताया ना इट वाज़ ऑल गुड."

स्नेहा सिर हिलाने लगी. "ये तो वो आप ऐज आ बड़ी बहेन बता रही हो. मुझे एक लड़की का जवाब चाहिए. मैं जब वो पुसी को चाट रही थी तो मुझे लगा कि मैं ढंग से नही कर रही थी?"

सुप्रिया अपने मूह पर हाथ रख के बड़ी तेज़ी से हँसने लगी और काउंटर का सहारा लेने लगी.

स्नेहा हल्के गुस्से से उसे देखती रही. "दी, आइ'म सीरीयस." 

सुप्रिया हँसी रोक कर बोली. "मैं बस तेरे मूह से पुसी लिकिंग सुन कर...मुझसे रहा नही गया. इट वाज़ टू फन्नी..हाहः.."

स्नेहा भी हल्के से हंस दी. "हां तो जो किया वही बताया ना. एनीवे, तो क्या मैं जल्दी कर रही थी? सही कर रही थी? और जब..." उसने सवालो की लड़ी लगाना शुरू की.

"स्वीटी," सुप्रिया ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए खा. "मुझे अभी भी याद है कि उस दिन मैने जाने कितनी बार 'ओह माइ गॉड' कहा था. इन फॅक्ट जब तुम" सुप्रिया उसके बिल्कुल करीब आ गयी,"मेरी पुसी चाट कर रही थी जब अरुण मुझे चोद रहा था, तो मैने अपनी लाइफ के बेस्ट ऑर्गॅज़म्स मे से एक एक्सपीरियेन्स किया."

स्नेहा मुस्कुरा दी और हल्के से उसके होठों को चाट लिया. सुप्रिया ने भी उसका साथ देकर उसके होठों को चूम लिया.

"गुड नाइट, दी." 


"गुड नाइट, स्वीटी."

*************
 
हेड लाइट्स से आँखें चौंधिया देने वाली रोशनी चमकी, और तेज़ी से घूमती हुई एक पेल से टकरा गयी...एक धमाका हुआ और अंदर से चीखने की आवाज़ आई. उसके चारो ऑर आग फैलने लगी लेकिन वो खुद को ज़रा सा भी हिलाने मे असमर्थ था, उसकी आँखो के सामने आग उसके पैरो को अपने अंदर समेटने लगी.

अरुण एक दम से बेड पर सीधा बैठकर उस आग को बुझाने की कोशिश करते हुए चीखने लगा जो थी ही नही.

"भाई, शांत हो जाओ..भाई..अरून्न्ञन्...सपना है..भाई..अरुंण...बेबी...प्लीज़."

अरुण ने चारो तरफ देखा तो आग कहीं नही थी और कार का नामोनिशान नही था. वो बहुत तेज़ी से सासें ले रहा था और कोई उसे पकड़े हुए था.

उसने उसकी ओर देखा और अपनी आँखें बंद कर ली, एक आसू उनमे से निकलकर गालों पर आ गया.

"थॅंक गॉड.." उसने कहा.

सोनिया के नाज़ुक हाथ उसे अब भी सहला रहे थे. "ष्ह्ह..बेबी.." वो बार बार कह रही थी.

अपने बुरे सपने पर गुस्सा होकर उसने उसके हाथो को हटाया और पैरो को ज़मीन पर रखकर खड़ा होने की कोशिश की तो दर्द की बड़ी तेज सिहरन उसके जिस्म मे दौड़ गयी. 

"फक!" वो तेज़ी से चीखा. "थक गया हूँ मैं इन सपनो से!" उसने इस बार थोड़ा धीमे कहा लेकिन अंदर उसे लगा कि ऐसा सपना उसे काफ़ी टाइम बाद दिखा.

पीछे से सोनिया ने उसकी पीठ सहलानी शुरू कर दी.

"आइ'म सॉरी सोनिया," उसने कहा.

सोनिया ने अपना दूसरा हाथ उसकी कमर मे डाल दिया और सिर पीठ पर रख दिया. "इट'स ओके," वो बस उसके होठों को अपनी ओर करके चूमना चाह रही थी. ये सब उसके लिए 

अब बहुत ज़्यादा हो रहा था. लेकिन उसे खुद पर काबू भी रखना था जिससे वो उसके पास वापस आ जाए.

अरुण ने अपनी कमर पर रखे उसके हाथ को पकड़कर धीरे से दबा दिया और फिर खड़े होने की कोशिश की तो पता चला कि अभी भी काफ़ी दर्द बाकी था.

"भाई, लेट मी हेल्प," सोनिया ने धीरे से कहा और उतर कर सामने खड़ी हो गयी और खड़े होने मे मदद करने के लिए हाथो के नीचे हाथ डाल कर उठाने की कोशिश करने लगी.

अरुण वही बेड पर बैठे हुए उसे मसक्कत करते हुए देखता रहा.

"ज़ोर लगाओ मेरे पहेलवन!" अरुण ने सीरीयस टोन मे कहा.


"अगर थोड़ी हेल्प कर दोगे तो कुछ बिगड़ नही जाएगा, आलसी." सोनिया ने मुस्कुराते हुए कहा.

अरुण हंस दिया और उसे जहाँ सबसे ज़्यादा गुदगुदी लगती थी वही पर उंगली से गुदगुदाने लगा, जिससे वो छटपटाने लगी ऑर चीखने लगी.."नो...नही...प्लीज़..स्टॉप," उसने कंधे पर मार कर कहा. तो अरुण करहकर उसे देखने लगा.

"अववव, बेबी ब्रदर..." उसने आगे बढ़कर उसका माथा चूमते हुए कहा. "यू डिज़र्व्ड दट."

फिर अरुण ने उसे अपना हाथ दिया और उसकी मदद से खड़ा हो गया. 

"कहाँ जाना है?" वो दरवाजे की तरफ चलते हुए बोली.

"शवर आंड बाथरूम." उसने कहा.

"ओके, लेकिन मैं अब नहलाने वाली नही हूँ" सोनिया हंसते हुए बोली.

"हो हो," अरुण उसका सहारा लेकर चलते हुए बोला.

बाथरूम पहूचकर उसने अरुण को स्टूल पर बिठाया और अरुण टीशर्ट को सिर से उपर निकालने लगा तो फिर कराहने लगा.

"लेट मी हेल्प,"

"नही मैं कर लूँगा."

"सॅंडल से मारू या हाथो से?" 

अरुण तो शांत हो गया तो वो आगे बढ़ी और जैसे ही उसकी उंगलियाँ उसकी कमर से छुई तो अरुण के मन मे चिंगारी फूटने लगी.

"मत सोचना, मत सोचना..." वो खुद से कहने लगा.

सोनिया दोनो तरफ से पकड़कर टीशर्ट उतार रही थी लेकिन तभी उसे एक आइडिया आया और उसने पहले एक हाथ को बाहर निकाल दिया फिर दोबारा उसकी पसलियों को छूते हुए दूसरे हाथ को भी निकालने लगी. ये करते वक़्त उसने देखा कि अरुण ने आँखें बंद कर रखी हैं.

टीशर्ट उतार कर उसकी जीभ खुद ही उसके होठों को भीगा गयी जब उसने फिरसे उसकी नंगी बॉडी देखी.

"लो हो गया," वो वापस जाते हुए बोली.

"थॅंक्स," अरुण बोला और अपने शॉर्ट्स को उतारने लगा तब तक सोनिया आगे रुक गयी.

"क्या हुआ?" उसने पूछा.

"डॉन'ट वरी, मैं मुड़ने नही वाली. मैं बस पूछ रही हूँ कि कुछ और चाहिए क्या?"

अरुण ने मना कर दिया और उसके जाने के बाद वो धीरे धीरे शवर के नीचे पहुचा और गर्म पानी के नीचे खड़ा हो गया.

"मैं कपड़े लेकर आती हूँ," सोनिया की आवाज़ आई.

"ओके," उसने कहा और दर्द होते हुए भी साबुन लगाने लगा.

वो शवर से बाहर निकला तो बाहर सोनिया आँखें बंद किए खड़ी थी और उसके हाथ मे टवल थी. टवल लपेटकर उसने आँखें खोलने को कह दिया.

सोनिया दूसरी टवल से उसे पोछने लगी. फिर उसके बॉक्सर्स जो वो अभी रूम से लेकर आई थी वो लेकर सामने बैठ गयी.

अरुण खुद को रोक नही पाया उसे इस पोज़िशन मे देखकर इमॅजिन करने से.

"छोटी बहेन है, छोटी बहेन है...नही नही.."

बॉक्सर्स पहनाते समय सोनिया की इच्छा तो बहुत हुई की धोखे से लंड को छू ले लेकिन उसने खुद पर काबू रखा और ढंग से उसे बॉक्सर्स पहना दिए और कुछ देर बाद दोनो साथ मे उपर जाने लगे.

"कल मम्मी पापा की वेड्डिंग आनिवर्सयरी है" सुप्रिया उसे ऑम्लेट देते हुए बोली.

"ओके." अरुण ने कहा. "कल वैसे वेडनेसडे है ना?"

आरोही ने हां कह दी.

फिर कुछ देर बाद आरोही उसकी तरफ देखने लगी. "और मेरे चोटिल शेर, कुछ याद आया?"

अरुण ने हल्के गुस्से से उसे देखा फिर हंस दिया.

"नही अभी कुछ भी नही."

"वैसे आज चाहो तो अपने लोग तुम्हारी गाड़ी लेने चल सकते हैं?" आरोही बोली.

तभी एक दम से अरुण के मन मे एक तस्वीर सामने आ गयी, जिसमे आरोही उसके सामने झुक कर उसकी पॅंट को नीचे कर रही थी और लंड को मूह मे रख के चूसने लगी.

अरुण तुरंत ही सिर हिलाकर उस पिक्चर को मन से निकालने की कोशिश करने लगा. "हो क्या रहा है मेरे साथ?"

"नही लेनी?"

"नही नही, लेनी है ना." अरुण ने तुरंत ही कहा.

उसके बाद ऐसे ही हल्की फुल्की बातचीत होती रही टेबल पर. उसके बाद अरुण सोफे पर जाके बैठ गया. वो अभी जस्ट बैठ ही पाया था कि एक और तस्वीर उसके मन मे उभर आई, वो सोनिया और आरोही एक साथ सोफे पर लेटे हुए थे. और वो और आरोही कंबल के अंदर एक दूसरे के गुप्तांगो के साथ खेल रहे थे. सीन केवल 2 सेकेंड्स के लिए आया तो अरुण ने उसे ऐसे ही बेकार ख़याल समझ कर इग्नोर कर दिया.

कुछ देर टीवी देखने के बाद वो अपने रूम मे चला गया. पूरा दिन ऐसे ही नॉर्मली गुज़र गया. शाम को कुछ देर के लिए रोहित आया फिर वो भी चला गया. उसके बाद रात मे वो सोने चला गया. कल काफ़ी इंपॉर्टेंट दिन था उनके लिए. और थोड़ा टफ भी. 

जल्दी ही उसे नींद ने अपने आगोश मे ले लिया, जब सोनिया उसके पास आके लेटी तो उसे थोड़ा बहुत ही होश था. उसने उसकी महक को ढंग से अपने अंदर समेटा और हल्की आवाज़ के साथ और गहरी नींद मे चला गया.

सोनिया ने उसके हाथ को पलटकर अपनी तरफ घुमाया तो उसने नींद मे ही उसे अपनी बाहों मे भर लिया और कस के खुद से चिपका लिया. सोनिया ने बड़ी मुश्किल से खुद को आगे बढ़ने से रोका. उसकी इच्छा तो हो रही थी कि बस इसी वक़्त उसके कपड़े उतार कर उसके साथ एक हो जाए. अरुण की टीशर्ट पर उसका एक आसू धीरे से गिरा और वो उसके सीने मे सिर रखे रखे सो गयी.

अरुण अचानक से चीखते चिल्लाते हुए उठा रात मे.

सोनिया तुरंत ही उसे दिलासा देने लगी. "ष्ह्ह बेबी, श्ह्ह." ऐसा लग रहा था कि उनका ये डेली का काम हो गया था. धीरे धीरे अरुण शांत हुआ और उसके साथ ही सो गया.

********
 
अगले दिन कॉलेज से आने के बाद सभी नहा धो कर तय्यार हुए. हर साल उनके मम्मी पापा की आनिवर्सयरी पर घर मे पूजा होती थी जिसमे उनके सभी दोस्त आते थे. तो आज भी सभी आए थे. पूजा होने के बाद वो लोग खाने के लिए बैठे तो माहौल को हल्का करने के लिए रोहित ने अपनी बातें शुरू कर दी.

"मुझे अभी भी ध्यान है एक बार मैं सुप्रिया दी के कमरे मे झाँक रहा था और आंटी ने पकड़ लिया था. कसम से ऐसा लगा जैसे उस दिन तो आंटी मुझे सूली पर ही टाँग देंगी." रोहित बोला तो सभी हँसने लगे. ऐसे ही हंसते हुए पुरानी बातें याद करते हुए सभी खाना खाने लगे. खाने के बाद सभी बाइ बोलकर चले गये.

अरुण सोनिया के साथ अपने रूम मे चला आया. वो तो बिस्तर पर लेट गया लेकिन सोनिया सिर्फ़ स्पोर्ट्स ब्रा और पैंटी मे आके उसके साथ लेट गयी. उसे थोड़ा ऑड लगा अपनी बहेन के साथ ऐसे लेटना लेकिन आज वो थोड़ा ज़्यादा थक गया था और उसे लगा कि वो भी थक गयी होगी तो इस विचार को मन से निकाल दिया.

जल्दी ही फिर वो नींद की गहराइयों मे जाने लगा. अंधेरा उसे अपने अंदर समेटने लगा. उसे दिखा कि वो रोड के साइड मे खड़ा है और तभी एक ट्रक बहुत तेज़ी से दूसरी कार से टकराने वाली है. सोनिया उसके साथ ही खड़ी मुस्कुरा रही है. जैसे ही कार की टक्कर होने को हुई सोनिया ने आगे बढ़कर उसे अपने पास खीच लिया और उसके सिर को सहलाने लगी. दोनो फिर से साथ मे अंधेरे मे खोने लगे. इस बार जब अंधेरा छटा तो दोनो फूलो के बगीचे मे एक साथ लेटे हुए थे. सोनिया ने अपना सिर उठाया और बहुत ही प्यार से उसके होठों को चूम लिया, दोनो के शरीर मे करेंट दौड़ता चला गया. उसने मुस्कुराते हुए उसे लिटा दिया और खुद उसके उपर चढ़ गयी. उसे तुरंत ही आभास हुआ कि उन दोनो के कपड़े गायब हो चुके थे, और उसका खड़ा लंड उसकी चूत पर दस्तक दे रहा था.

सोनिया ने मुस्कुराते हुए अपने पैरो को चौड़ा किया और उसके लंड पर बैठकर अपनी आँखें बंद कर के सिसकी लेना शुरू कर दिया.

अरुण तुरंत ही कूद कर बिस्तर पर बैठ गया, उसका हाथ उसके तेज़ी से धड़कते दिल पर था और वो उस सपने को समझने की कोशिश कर रहा था. अभी अभी उसने अपनी बहेन के बारे मे सपना देखा, वो भी एक सेक्स ड्रीम! आख़िर हो क्या रहा है? उसने साइड मे देखा तो सोनिया उसे शांति से देख रही थी.

"यू ओके?" उसने धीरे से पूछा.

अरुण ने सिर हिला दिया और उसके दूसरी तरफ मूह करके लेट गया.

**********

स्नेहा किचन मे खाना बना रही थी जब उसके भाई बहेन नीचे सुस्ताते हुए आए. 

अरुण की हिम्मत नही हो रही थी किसी की तरफ देखने की. वो बस कल रात के उस शर्मनाक सपने के बारे मे सोच रहा था. उसने एक हाथ अपने चेहरे पर फेर लिया.

सुप्रिया ने इशारे से सोनिया से पूछा तो उसने इशारे से ही बता दिया कि पता नही.

"सब ठीक तो है ना, अरुण?" सुप्रिया ने कुछ पल बाद पूछा.

अरुण ने उसकी तरफ देख कर चेहरे पर मुस्कान लाई. "कुछ नही दी..बस एक सपना,"

सुप्रिया ने ने उसके कंधे को धीरे से दबा दिया और आगे झुककर उसके गालो को चूमते हुए गले से लगा लिया.

ब्रेकफास्ट के बाद अरुण बाकी सब के साथ तय्यार होके कॉलेज के लिए निकल पड़ा. अरुण आरोही के साथ बैठा था और गाड़ी मे दोनो के बीच अजीब से खामोशी थी.

"आरू?" उसने अचानक पूछा. "क्या हम दोनो ने..कभी मेरे ये सपनो के बारे मे बात की है?"

आरोही क्यूरियस होकर उसे देखने लगी. "हां, कभी कभी. लेकिन अभी काफ़ी टाइम से तुम्हे वो सपने दिखने बंद हो गये थे, एक्सीडेंट से पहले तक आइ गेस. क्यूँ पूछा?"

अरुण ने कंधे उचका दिए, उसे खुद नही पता था कि वो इन सपनो के बारे मे उसे कैसे बताए. उसे ये भी पता था अगर वो दुनिया मे किसी से इस बारे मे बात कर सकता है तो सिर्फ़ आरोही से.

"कल थोड़ा अलग तरह का सपना था. और ये भी नही कहा जा सकता थे कि ये कोई डरावना सपना था. मैं बस ये नही चाहता कि तुम मेरे बारे मे कुछ ग़लत सोचो..तो.."

"अरुण, आइ लव यू, यार. और तुम्हारे सपना देखने से तो मैं कभी भी नाराज़ नही हो सकती. आंड सिन्स वी आर ट्विन्स तो हो सकता है कि हम दोनो एक जैसे ही सपने देखते हों"

उसकी बातें सुन अरुण को थोड़ा अच्छा लगा, "ओके, इट वाज़..काइंड ऑफ..डर्टी," उसने नीचे देखते हुए कहा.

आरोही आइब्रो उपर करके उसे देखने लगी. "नाइस," उसने हंसते हुए कहा. "माइ फॅवुरेट."

अरुण मुस्किल से अपने चेहरे पर मुस्कान ला पाया. "अरे पागल, वैसा नही..इट वाज़..स्टिल डिफरेंट."

तब तक वो लोग कॉलेज पहुच गये तो आरोही ने गाड़ी पार्क कर दी और उसकी ओर देखने लगी.

"ओके, हाउ डिफरेंट? क्या इस बार जोकर ने रेप कर दिया?"

अरुण हंस पड़ा. तभी उसका ध्यान घड़ी की तरफ गया तो क्लास का टाइम हो गया था. वो धीरे से कार से उतरा और बॅग को पकड़कर चलने लगा.

"बाद मे."

आरोही ने भी ये जताया कि वो उसके सपने के बारे मे जानने के लिए मरी नही जा रही थी और धड़कते दिल के साथ उसके पीछे पीछे धीरे धीरे चलने लगी.

वो लोग ऐसे ही कोर्स की बात कर रहे थे कि आरोही एक दम से किसी की ओर देख रही थी. अरुण ने उसकी नज़रो का पीछा किया तो उसे एक झटका लगा. 

"एश" उसके मूह से निकला.

अरुण धीरे धीरे उसी की ओर चलने लगा. "एश"

एश मूडी और अरुण को देखकर तुरंत ही मुस्कुराने लगी. "अरुण! आरोही."

वो तुरंत ही आगे बढ़ी और दोनो को गले लगाने लगी. "हाउ आर यू नाउ?" उसने पीछे हटकर अरुण को देखते हुए पूछा.

अरुण के मन मे तुरंत ही बीती बातें आने लगी. उन दोनो ने जो अच्छा वक़्त साथ मे बिताया था. अब वो थोड़ी सी बड़ी लग रही थी लेकिन अब भी वो वही थी जिसे वो पहले जानता था.

"आइ'म ओके," उसने कह दिया.

"****** का क्या हुआ?" अरुण ने पूछा और तुरंत ही पछताने लगा कि उसने क्यू पूछा.

उसके मूह से शब्द निकलते ही एसा का चेहरा उतर गया. उसे देखकर सॉफ सॉफ पता चल रहा था कि वहाँ वो ठीक नही थी.

"अरे, कुछ टाइम तक तो ठीक था लेकिन फिर काफ़ी कुछ चीज़े हुई तो मैं वापस आ गयी. कभी फ़ुर्सत मे बताउन्गी."

"आइ'म हॅपी यू'आर बॅक." आरोही उछलते हुए बोली.

अरुण ने उसके हाथ पर मारा. "तुमने बताया क्यूँ नही कि ये मुझे हॉस्पिटल मे मिलने आई थी?"

आरोही उसको वापस मारने ही जा रही थी कि हाथ रोक लिया. "तुम बस ठीक हो जाओ फिर इसका बदला लूँगी. और मैने इसलिए नही बताया क्यूकी एक तो तुम सदमे मे थे उपर से वो मम्मी पापा की आनिवर्सयरी."

"कोई नही, अरुण," एश बोली. "मैं वैसे भी ज़्यादा देर तक नही रुकी थी."

अरुण याद करने लगा कि हॉस्पिटल मे उसे सपने मे एश के पर्फ्यूम की महक आई थी.

"तुम अब भी ******** यूज़ करती हो?"

एश मुस्कुरा दी. "इट ऑल्वेज़ डिड वियर्ड थिंग्स टू यू." वो खिलखिलाते हुए बोली.

"यॅ, जब तुम वो लगती हो देन इट'स हार्ड टू कॉन्सेंट्रेट. मैं तो उसके कारण बिल्कुल बेवकूफो की तरह हरकत करने लगता था."

आरोही हँसने लगी. "तो अब कौनसा कुछ अलग करते हो."

अरुण गुस्से से उसे देखने लगा.

"चलो अच्छा, क्लास के लिए देर हो जाएगी"

"हे, अपना नंबर दो सो वी कॅन टॉक लेटर," अरुण एश से बोला तो आरोही तुरंत ही खुद को समझाने लगी कि वो अभी सिर्फ़ बहेन है और कुछ नही.

एश ने उससे उसका फोन माँगा तो देखा की कॉंटॅक्ट लिस्ट मे अभी भी उसका पुराना नंबर था तो उसने मुस्कुराते हुए नंबर अपडेट कर दिया.

"टेक्स्ट मी," उसने दूसरी तरफ जाते हुए कहा.

"इट वाज़ गुड टू सी यू," अरुण ने चलते हुए कहा.

आरोही अपनी जलन को दबाने लगी. "अपनी आँखें और ज़बान संभाल के रखो, समझे." आरोही गुस्से से बोली.

अरुण ने उसे इग्नोर कर दिया तो आरोही गुस्से से उससे निकलने के चक्कर मे उससे टकरा गयी तो अरुण गिरते गिरते बचा. "क्या हुआ?" अरुण कराहते हुए बोला तो आरोही का चेहरा का गुस्सा तुरंत ही गायब हो गया.

"सॉरी, कुछ नही बस मैं नही चाहती कि तुम फिर से एश के चक्कर मे परेशान हो."

फिर दोनो क्लास मे चले गये. कॉलेज के बाद अरुण ने एश को एसएमएस किया कि घर पर आ जाए.

"आइ'ड लव टू, बट यू श्योर?" उधर से रिप्लाइ आया.

"ऑफ कोर्स, एक घंटे बाद घर पर मिलते हैं." अरुण ने टाइप कर दिया.

"ओके, सी यू देन."

********
 
घर पहुचते ही आरोही ने गर्ल्स मीटिंग बुला ली और उन सबको एश के बारे मे पूरी बात बता दी. वो लोग सोच रही थी कि अरुण को उसके बारे मे याददाश्त वापस आने के बाद ही बताएँगे. लेकिन अब तो चीज़े कॉंप्लिकेट हो रही थी.

अरुण अपने रूम से चेंज करके आया तो उन सबको आवाज़ देकर बॅकयार्ड मे जाने लगा.

"एश आ रही है," उसने कहा.

"ओके," सुप्रिया अपनी आवाज़ को नॉर्मल रख के बोली.

सोनिया ने अपना सिर धड़ से टेबल पर रख दिया. "अब हमें कभी भाई वापस नही मिलने वाले."

स्नेहा ने उसके कंधे पर हाथ रख दिया. "किसने सोचा था.." स्नेहा वही अपनी रहस्यमई अंदाज़ मे बोली.

"क्या सोचा?" सुप्रिया उसकी तरफ देखते हुए जवाब के इंतेज़ार मे बोली.

स्नेहा मुस्कुरा कर सोनिया की ओर देखने लगी. "एक साल पहेले किसी को अंदाज़ा भी नही था कि सोनिया अरुण के अटेन्षन के लिए इतना परेशान होगी. पुरानी सोनिया तो पैसे देकर उससे पीछा छुटाना चाहती थी."

सोनिया दुखी स्माइल के साथ उनकी ओर देखने लगी. "शायद मुझे उस पुरानी सोनिया को ही वापस लाना होगा और अरुण की खैर खबर लेनी पड़ेगी."

सभी हंस पड़े. हँसी ख़तम होने के बाद सुप्रिया बोल पड़ी.

"सो अब हमें क्या करना है? एश का कोई भाई भी नही है जिसे हम उसके साथ सेट कर दे. और उससे ज़्यादा प्यूर लड़की मैने तो कभी नही देखी, मुझे तो डाउट है कि वो अभी तक वर्जिन ही है." सभी कुछ देर के लिए सोचने लगे.

"क्यू ना हम अरुण को सब कुछ बता दे. आज सुबह ही वो मुझे बता रहा था कि कल उसने एक डर्टी सपना देखा. मेबी सोनिया के बारे क्यूकी वो पास मे सो रही थी," वो सोनिया के बाल से खेलते हुए बोली.

सोनिया आशा भरी नज़रो से उसकी ओर देखने लगी. "सच्ची?"

आरोही उससे चिपक गयी. "मेबी. तो शायद अब वो तय्यार हो सब कुछ सुनने के लिए," उसने कहा लेकिन उसे खुद इस बात पर यकीन नही था. उसका कहने का ढंग ही ये बता रहा था.

"लेकिन सुबह तो वो बड़ा परेशान लग रहा था इस सपने की वजह से," स्नेहा बोली.

आरोही ने हां मे सिर हिला दिया. "च.."

"नही, हम लोग ऐसे नही बता सकते. अगर भाई सिर्फ़ सपने के कारण इतना अपसेट हैं तो सोचो जब पता चलेगा कि वो हम सबके साथ सेक्स करते हैं तो क्या होगा?" सोनिया बोली.

"वैसे एश के साथ भी पिछले साल काफ़ी कुछ हुआ है, तो मुझे नही लगता वो अभी किसी सीरीयस रिलेशन्षिप के लिए तय्यार है." आरोही अपनी बात रखते हुए बोली.

इससे बाकी तीनो को थोड़ी तसल्ली हुई.

"वी कॅन ऑल्वेज़ टॉर्चर हिम, थौघ," स्नेहा आँख मारते हुए बोली. "आज वैसे भी थोड़ी ज़्यादा गर्मी है तो क्यू ना हम लोग बाहर बिकिनी मे चले और लोशन लगाते हैं एक दूसरे के." 

सुप्रिया हँसने लगी और सिर हिलाने लगी. "अन्बिलीवबल."

लगभग एक घंटे बाद डोरबेल बजी तो सोनिया ने मुस्कुराते हुए गेट खोला. "हाई, हाउ आर यू?"

"आइ'म ओके," एश ने उसे गले लगाने के बाद सुप्रिया को भी गले लगाया.

"हे एश," सुप्रिया मुस्कुराते हुए बोली. "अरुण बॅकयार्ड मे है, शायद तुम्हारे लिए कसरत कर रहा होगा,"

एश हंस दी.

अरुण की फर्स्ट डेट की पिक्चर सुप्रिया के दिमाग़ मे चलने लगी. सुप्रिया ही दोनो को थियेटर छोड़ के आई थी.

स्नेहा तब तक अपने रूम से बाहर निकली तो सुप्रिया का हाथ खुद ही उसके मूह पर चला गया. स्नेहा ने ब्लू बिकिनी पहनी थी जो बड़ी मुस्किल से उसको दूधो को छुपा पा रही थी. और सुप्रिया मन ही मन उसे थॅंक्स कहने लगी कि उसने कम से कम नीचे शॉर्ट्स तो पहने थे.

एश भी उसे देखकर चौक गयी और उससे गले मिलने लगी.

"वाउ, दी, आप पक्का बहुत बदल गयी हो!"

स्नेहा मुस्कुरा दी. "टाइम बेबी, टाइम. मेरा पास इसी से मिलता जुलता दूसरा सेट भी है, ट्राइ करोगी?"

एश उसके बिकिनी टॉप को देखने लगी. "नही, मेरी हिम्मत नही है, थॅंक यू थौघ."

स्नेहा हंसते हुए बॅकयार्ड मे जाने लगी.

"अरुण, एश आई है!" स्नेहा चिल्ला के बोली.

अरुण पीछे पलटा तो गिरते गिरते बचा. उसकी आँखें बाहर आने लगी स्नेहा को इस रूप मे देख कर.

स्नेहा ने ये देखा तो हल्के से हंस दी. अरुण बिना शर्ट के था तो जल्दी से शर्ट को पहेन कर एश की तरफ चलने लगा.

"हे," वो उससे गले मिलते हुए बोला.

एश जैसे उसकी बाहों मे पिघलती चली गयी. और अरुण मे माइंड मे यादें वापस आने लगी. जब उन दोनो ने डेटिंग स्टार्ट की थी तब उसे पता था कि ये प्यार नही है लेकिन ऐसा भी नही था कि अरुण उसकी केयर नही करता था. काफ़ी खामोशी के बाद जब उसकी बहनों के बैठने की आवाज़ आई तो दोनो अलग हुए और पूल की तरफ चलने लगे.

अरुण तो बस अपनी चारो बहनो को देखना ही रह गया. सोनिया ने ट्यूब उठाकर आरोही को दिया तो वो स्नेहा के पास गयी और क्रीम को उसके पैरो पर लगाते हुए उपर की ओर बढ़ने लगी.

अरुण ने अपना ध्यान मुस्किल से एश की ओर किया और दोनो जाके चेर्स पर बैठ गये. अरुण अंदर ही अंदर खुद को कोसने लगा वहाँ बैठने के लिए जहाँ से वो चारो को सॉफ सॉफ देख पा रहा था. तभी उसके मन मे एक तस्वीर आई जिसमे वो खिड़की से उन सभी को ऐसे ही देख रहा था. लेकिन आरोही की हरकत ने उसे वहाँ से वापस लाकर उसका ध्यान अपनी ओर खिच लिया. आरोही की उंगलियों स्नेहा की अंदरूनी जाँघो को मसल रही थी.

सुप्रिया ने ट्यूब लेकर सोनिया की बॉडी पर लोशन लगाना शुरू कर दिया.

"तो क्या चल रहा है आजकल लाइफ मे?" एश ने पूछा, उसे पीछे की हरकते नही दिख रही थी क्यूकी वो उधर की ओर पीठ करके बैठी थी.

"कुछ ख़ास नही," अरुण ने कहा और पीछे देखा तो आरोही की उंगलियाँ स्नेहा की पैंटी के बिल्कुल नज़दीक ही थी.

"वैसे कर क्या रहे हो कॉलेज मे?" 

"ओह, बिज़्नेस स्टडीस. उसके बाद का अभी कुछ पता नही."

आरोही की उंगलियाँ स्नेहा के गुप्तांगो के बिल्कुल नज़दीक पहुचि और अरुण ने चैन की साँस तब ली जब वो दोबारा वापस हट गयी. 
लेकिन उसका चैन कुछ ही पल का था क्यूकी तुरंत ही आरोही ने थोड़ा और लोशन हाथ मे लिया और सीधे उसके चुतड़ों पर लगाना शुरू कर दिया.
 
अरुण ने अपनी दूसरी बहनो की ओर देखना चालू कर दिया खुद को शांत करने के लिए. सुप्रिया अभी भी सोनिया के पैरो पर ही थी. उसके नज़र इधर से उधर पहुचि तो आरोही का हाथ थोड़ा नीचे बढ़ा और स्नेहा की जाँघो के अंदर चला गया.

अरुण ने थूक को निगला और शुक्र मनाया कि उसने शॉर्ट्स के अंदर टाइट अंडरवेर पहना है.

"आरू ने बताया कि तुम सेकेंड ईयर होने के वाबजूद फर्स्ट ईयर की क्लासस ले रही हो?" उसने पूछा.

"******. मैं क्लासस छोड़ दी थी बीच मे. लंबी कहानी है," उसने कहा.

अरुण ने मुस्कुरा कर सिर हिला दिया. उसका ध्यान अपनी जुड़वा बहेन की ओर गया तो उसे अपनी आँखो पर विश्वास नही हुआ. आरोही के हाथ स्नेहा की अंदरूनी जाँघो को सहलाते हुए उपर बढ़े और वो वहाँ अपनी उंगली रगड़ने लगी जहाँ उसे नही लगानी चाहिए. फिर उसने पैंटी को थोड़ा साइड किया और उंगली को वही पर हल्के हल्के वही हिलाने लगी. स्नेहा तो जैसे इस बात पर ध्यान ही नही दे रही थी.

अपना हाथ वापस खीच कर उसने स्नेहा को पलटने को कहा और फिर थोड़ा और लोशन लेकर फिरसे उसके पैरो से ही शुरू हो गयी.

अरुण और एश पुरानी यादों के बारे मे बात कर रहे थे. आरोही के हाथ नीचे से होते हुए उसकी चूत पर पहुचे और आरोही ने जानबूझकर दो तीन पर अपना हाथ उसकी चूत पर रगड़ दिया. फिर उपर बढ़कर उसने उसके दूधो पर हाथ रख दिए और उन पर लोशन लगाने लगी. लोशन लगाते वक़्त उसने टॉप को थोड़ा साइड किया तो स्नेहा का निपल बाहर निकल आया. उसे रगड़ कर उसने टॉप को सही कर दिया और दूसरे दूध की तरफ बढ़ गयी.

जब आरोही का काम ख़तम हुआ तो स्नेहा ने उसके हाथ से बॉटल ले ली, उधर सोनिया ने भी उठकर सुप्रिया को लेटने के लिए कह दिया.

अरुण मन मे खुद को कंट्रोल करने को कहा और एश से बोल दिया कि वो पूल मे जा रहा है. 

टीशर्ट निकाल कर वो जल्दी से पूल मे कूद पड़ा. एश ने भी अपना टॉप निकाल दिया, तो अंदर उसकी ब्लॅक बिकिनी जो उसकी बहनो के कंपॅरिज़न मे तो काफ़ी सही थी दिखने लगी. उसने भी पानी मे छलाँग लगा दी और तैरकर अरुण की ओर चलने लगी.

"सो..." अरुण बोला.

एश जाके पूल की बाउंड्री पर बैठ गयी और पानी मे पैर चलाने लगी. अरुण धीरे धीरे उसकी ओर आया और उसके पैरो को हाथ से हिलाने लगा.

"यू नो, यू कॅन टेल मी एनितिंग," उसने कहा.

एश नीचे देखने लगी. "अरुण, ये मेरे लिए इतना आसान नही होगा और ना ही तुम्हारे लिए उतना ईज़ी होगा."

अरुण ने सिर हिलाकर उसे अस्वासन दिया कि वो सुनने को तयार है.

"ये सब मेरे ******* पहुचने के बाद हुआ. वेल मोस्ट ऑफ इट. थोड़ी सी शुरुआत यही से हुई थी. यहाँ से जाने के बाद मैं बहुत अकेली हो गयी थी और वहाँ पहुच कर मैं एक लड़के से मिली जो मेरी ही क्लास मे था."

अरुण ने सिर हिला दिया, और खुद को समझाने लगा कि वो अब दूर जा चुकी है. लेकिन जेलसी का एक खंजर उसके सीने मे फिर भी धंसता चला गया.

"उसका नाम स्टीव था. वो मुझे एक अच्छा लड़का लगा और था भी. अट लीस्ट शर मी. एनीवेस, हम लोगो ने कुछ महीने तक डेटिंग की और मुझे लगा कि मैं सच मे उसे पसंद करती हूँ. आंड ही वाज़ माइ फर्स्ट."
एश ने ये बोलकर अरुण की आँखो मे झाँका उसका रियेक्शन देखने के लिए.

"डिड ही ट्रीट यू वेल?" अरुण ने चिंतित स्वर मे पूछा.

एश ने मुस्कुरा कर सिर हिला दिया. "हां पहली बार तो सही से. लेकिन टाइम के साथ वो अजीब होता चला गया. वो बार मुझे कहता कि उसके दोस्तो को भी देखने दो, और वो हम लोगो के साथ दूसरी लड़कियों को भी शामिल करने लगा. एक बार तो उसने मुझसे ये भी पूछा कि क्या उसका दोस्त मेरे साथ सेक्स कर सकता है. मुझे लगा कि वो मज़ाक कर रहा था."

अरुण को अंदर ही अंदर गुस्सा आने लगी.

"मुझे उससे रिलेशन्षिप एंड कर देनी चाहिए थी लेकिन वहाँ सिर्फ़ वही अकेला था जिसे मैं ढंग से जानती थी और अंजान जगह मैं अकेले नही रहना चाहती थी."

अरुण उसके पैरो को हल्के से दबाकर आगे बोलने के लिए इशारा करने लगा और बताने लगा कि वो समझ रहा है.

"मैने..मैने उसकी बातें माननी स्टार्ट कर दी, और हर दिन चीज़े बढ़ती ही रही. कुछ चीज़े अच्छी थी लेकिन कुछ मुझे बिल्कुल पसंद नही आई. वो क्लास से, जिम से लड़कियों को साथ मे लाने लगा और हम लोग सब साथ मे सेक्स करते. धीरे धीरे उसने मुझे अपने फ्रेंड्स के साथ शेरिंग के लिए भी मना लिया. मुझे शर्म आती है बताते हुए कि मुझे उसमे मज़ा आया." वो आँखें नीची करके बोली और अपने चेहरे को हाथो से छुपा लिया. 

"एशू," अरुण ने उसके चेहरे को उपर करते हुए कहा. "तुम्हे इसकी ज़रूरत नही है."

एश ने सिर हिलाते हुए चेहरे को उपर किया और अपने हाथ से अंगूठे के नाख़ून को कुरेदने लगी. वो जब भी नर्वस होती थी यही करती थी. "तो, मुझे चिंता होने लगी कि कब ये चीज़े कम होगी लेकिन वो बस आगे बढ़ता ही रहा. उसने मुझे उस के लिए भी मना लिया...अनल. कॉलेज मे मेरे बारे मे सभी कहने लगे कि मैं कुछ भी करने को तय्यार हो सकती हूँ. मुझे खुद नही पता कि मैं क्यू उसकी बातें मानती गयी. मैने कॉलेज जाना छोड़ दिया और मेरे मन मे हर वक़्त बस सेक्स के बारे मे ही ख़याल आते रहते."

अरुण को ये सब सुनके काफ़ी तक़लीफ़ हो रही थी. कि एश जैसी मासूम सी लड़की जिसे गाली सुनना तक पसंद नही था उसके साथ ये सब हो जाएगा.

"एक दिन मैं उसके साथ एक पार्टी मे गयी, वहाँ मैने जिंदगी मे पहली बार वोड्का पी. जब मुझे थोड़ा होश आया तो काफ़ी लड़के मेरे साथ थे. स्टीव किसी और लड़की के साथ सामने था और उसके दोस्त मेरे जिस्म के साथ खेल रहे थे. आइ हॅड आ गाइ इन एवेरी होल इमॅजिनबल," उसकी आँखो से दो आसू नीचे टपकने लगे. "और वर्स्ट पार्ट ये था कि मुझे उसमे मज़ा आया और मैने उनको रोकने की कोशिश भी नही की. जब मैं अगली सुबह जागी तो मैं पूरी नंगी थी, मेरी बॉडी पर जगह जगह निशान थे और पूरा बदन दर्द कर रहा था. किसी ने मेरे कपड़े बाहर फेक दिए थे, सिर्फ़ एक ब्रा और पैंटी पड़ी थी किसी और की. मुझे कॅंपस से उसी मे बाहर निकलना पड़ा."

अरुण उसके घुटने को सहलाते हुए देखने लगा.

"यहाँ घर मे, मम्मी पापा की खुद की प्रॉब्लम्स बढ़ गयी थी. मम्मी पापा को धोखा दे रही थी. और सबसे बेकार बात वो इस बात को छुपा भी नही रही थी. तो एवेंच्युयली उन दोनो ने डाइवोर्स ले लिया है. और तुम तो जानते ही हो मेरे पापा कैसे हैं." उसने उसकी ओर देखते हुए कहा. उसे देखकर ऐसा लग रहा था कि ये वाला पार्ट उसे उस वाले पार्ट से ज़्यादा तक़लीफ़ दे रहा था. "डाइवोर्स के बाद पापा बिल्कुल टूट गये. उन्होने डबल काम करना शुरू कर दिया लेकिन मेरी कॉलेज की फीस को बंद नही होने दिया. जब मुझे पता चला तो मैं खुद टूट गयी."

"मैने उस दिन के बाद आज तक मम्मी से बात नही की है. वो अभी भी इसी शहेर मे हैं अपने दूसरे हज़्बेंड के साथ. अगर वो मर भी जाएँ तो मुझे फ़र्क़ नही पड़ता. 

एनीवेस, तो मैं वापस आ गयी सब कुछ छोड़ के. उन्होने मुझसे कभी नही पूछा कि मैं वापस क्यूँ आई शायद उन्हे लगता है कि उनकी और मम्मी की वजह से. और मुझे नही लगता कि मैं उन्हे सच बता सकती हूँ."

अरुण ने उसे पूल मे खिच कर गले लगा लिया और कस कर खुद से सटा कर रखा.

"मुझे लगा कि जब तुम ये सुनोगे तो तुरंत ही मुझ पर चीखोगे और घर से निकल जाने को कहोगे, और शायद मुझे कभी बात भी ना करो."

"ष्ह्ह, एशू. तुम जानती हो मैं ऐसा नही हूँ."

अरुण ने जब उसे छोड़ा तो वो साइड मे खड़ी हो गयी. "तुम्हे मुझ पर गुस्सा नही आ रहा जो कुछ मैने किया?"

अरुण ने कंधे उचका दिए. "मैं कभी तुमसे ये सब करने को नही कहता और मुझे नही लगता कि इसमे तुम्हारी ग़लती है. डू यू रिग्रेट इट?"

एश कुछ पल सोचती रही. "मुझे उस पार्टी और पार्टी के बाद जो कुछ हुआ उसको लेकर पछतावा है, लेकिन उससे पहले जो कुछ हुआ वो मेरा खुद का डिसिशन था. आइ हेट टू अड्मिट बट मोस्ट ऑफ इट वाज़ फन."

"देयर यू गो. वी कॅंट जड्ज एनिवन."

"अरुण, मेरी जिंदगी मे सिर्फ़ तुम ही मेरी बाय्फ्रेंड रहे हो. आंड आइ केयर अबाउट यू मोर दॅन एनिवन एक्सेप्ट माइ फादर. वहाँ भी मैं बस तुम्हारे बारे मे ही सोचती रही कि मेरी इन हर्कतो से तुम्हे कितनी डिसपायंटमेंट होगी."

"कोई बात नही एशू, वी कॅन अल्वस्त बेगिन अगेन. आज मेरे साथ डिन्नर पर चलोगि?"

एश मुस्कुरा दी. "श्योर. मैं खुद यही सोच रही थी."

अरुण ने मुस्कुराते हुए पीछे मुड़कर देखा तो तुरंत ही चार सिर एक दम से नीचे देखने लगे.

स्नेहा तभी आरोही को आँख मार खड़ी हुई और पानी मे कूद पड़ी. पानी के अंदर ही उसने अपने बिकिनी टॉप को थोड़ा साइड मे कर दिया तो दोनो दूधो के निपल फ्री हो गये. 

जब वो पानी से बाहर आई और अपने बालो को पीछे करने लगी तो अरुण मूह खोले उसे देखता रहा फिर सिर हिलाकर मूड गया. 

"दी," उसके मूह से निकला.

स्नेहा ने मासूम से शक्ल बनाई और नीचे देखा. "ओह्ह्ह," उसने कहा और जल्दी से टॉप ठीक कर लिया. "सॉरी."

आरोही, सुप्रिया और सोनिया अपनी हँसी दबाने की कोशिश करने लगी.


उसके बाद सब लोग पूल मे आ गये और एश के साथ बातें करते हुए मस्ती करने लगे. 

बाद मे एश अपने घर चली गई शाम का इंतजार करते हुए.

**********
 
उस शाम को जब अरुण डेट के लिए तय्यार हो रहा था तो घर मे काफ़ी दुख भरी शांति थी. सोनिया घर के बाहर जाके बैठ गयी और दूर डूबते सूरज को देखते हुए अपने लॉकेट को हाथ मे घुमाने लगी. ये वही लॉकेट था जो अरुण ने उसे गोआ मे दिया था. उसने पेंडेंट को खोला तो उसमे दो फोटो थी, एक जो अरुण ने उसकी खीची थी और एक जो उसने अरुण की खीची जब वो अपनी जेन्यूवन स्माइल के साथ उसे देख रहा था.

आरोही बिना आवाज़ के उसके पास आकर बैठ गयी. दोनो सूरज को डूबते देखती रही फिर साथ मे अंदर चल दी.

**********

जैसा कि प्लान था वैसे ही अरुण एश के घर गया और उसे लेकर अच्छे से रेस्टौरेंट ले गया. खाना ख़त्म करने के बाद अरुण कुछ पूछने को हुआ लेकिन पूछ नही पाया.

"व्हाट?" एश ने उससे पूछा.

"आइ वाज़ थिंकिंग वुड यू लाइक टू स्टार्ट डेटिंग अगेन?" अरुण ने पूछा. एश ने एक गहरी सास ली तो अरुण को लगा कि उसने जल्दी कर दी है.

"अरुण, मुझे नही लगता कि अब मैं डेटिंग के लायक हूँ."

अरुण उसे ऐसे देखने लगा जैसे कि वो एलीयन हो. "आइ वाज़'न्ट एक्सपेक्टिंग दट आन्सर."

"नही, आइ मीन इट. मैने तुम्हे अपने बारे मे सब कुछ बता दिया जो कुछ मैने किया जो कुछ हुआ. तब भी तुम..?"

अरुण अपना सिर हिलाने लगा. "एश, जो कुछ तुमने वहाँ किया, तुमने खुद कहा कि वो तुम्हारी चाय्स थी. मैं जानता हूँ तुम एक अच्छी इंसान हो. तुमने वो चाय्सस ली क्यूकी एक तो तुम अकेली थी उपर से इट वाज़ फन ऐज यू सेड. मेरे लिए बस इतना ही काफ़ी है आंड ट्रस्ट मी. आइ'म नोट दट गाइ. मैं कभी तुमसे ऐसा कुछ करने के लिए नही कहने वाला."

एश उसकी ओर देखती रही. "अरुण, आइ ओन्ली रिग्रेट ओन्ली वन थिंग, मैने वो सब चीज़े उस सुअर के साथ की तुम्हारे साथ नही. यू शुड हॅव बीन माइ फर्स्ट," उसने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा.

अरुण ने मुस्कुरा कर दूसरा हाथ उसके हाथ पर रख दिया. "लेट'स जस्ट टेक इट स्लो. हम लोग ट्राइ कर के देखते हैं इफ़ वी स्टिल हॅव दट स्पार्क बिट्वीन अस."

फिर वेटर बिल ले आया तो पे करके वो लोग बाहर निकले.

"आइ हॅड आ लव्ली ईव्निंग," एश बोली अपने घर के बाहर खड़ी होकर.

"मी टू," उसने कहा और आगे बढ़कर उसके सिर के पीछे हाथ रख दिया और उसके गाल को सहलाने लगा फिर अपने होंठो को उसके गाल पर रखा और साइड मे करते हुए उसके होठों को चूम लिया. एश ने भी काँपते होठों से उसे चूम लिया.

किस तोड़ने के बाद एश मुस्कुराते हुए अलग हुई. "आइ'ल्ल टेक्स्ट यू," उसने कहा.

"बाइ," अरुण कार की तरफ जाते हुए बोला.

एश मुस्कुराते हुए हाथ हिलाती रही और अपने रूम मे जाने लगी. उसके पापा अपने रूम मे सो रहे थे वो चुपचाप अपने रूम मे चली गयी.

रात मे अजीब सी आवाज़ के कारण एश जाग उठी. उसने कमरे से बाहर निकलकर ध्यान दिया तो उसके पापा के रूम से आवाज़ आ रही थी. उसने उनके रूम का दरवाजा खोला तो वो नींद मे इधर उधर होकर "क्यूँ क्यूँ?" चिल्ला रहे थे. उसका दिल बैठ गया. वो उनके बेड के पास गयी और धीरे से उनके सिर को सहलाने लगी. जब वो शांत हो गये तो वो अपने रूम मे आकर लेट गयी लेकिन उसे नींद नही आ रही थी.

वो अरुण के बारे मे सोचने लगी. उसे खुद कन्फ्यूषन था कि वो अरुण के बारे मे किस तरीके से सोचती थी. उसने जो किस किया था दट वाज़ वंडरफुल लेकिन उसे अभी भी गिल्टी फीलिंग हो रही थी. उसे लग रहा था कि वो अरुण के साथ नाइंसाफी कर रही थी. वो दिल का इतना अच्छा था. और कोई होता तो शायद ही उससे ढंग से बात करता. 

लेकिन उसने तो उसे फिर भी आक्सेप्ट किया. बस इन्ही ख़यालो ने उसे नींद की गहराइयों मे भेज दिया.

*********

उसी शाम जब अरुण एश के साथ बाहर गया हुआ था, सुप्रिया वॉशरूम मे थी तो पीछे से स्नेहा आई.

"हे," उसने वॉशिंग मशीन की ओर मुड़ते हुए कहा. "क्या हुआ?"

स्नेहा कुछ देर चुप रही. उसने गला सॉफ किया और कुछ बोलने की कोशिश करी लेकिन फिर चुप हो गयी. "आइ वाज़ थिंकिंग.."

सुप्रिया पलटकर उसकी ओर देखने लगी. "कुछ हुआ क्या?" स्नेहा ने कोई जवाब नही दिया. "स्नेहा, कुछ हुआ क्या?" सुप्रिया चिंता करते हुए बोली.

स्नेहा ने नर्वस होकर उसकी ओर देखा. "दी...आइ'म.."

"इट'स ओके, स्नेहा, बोल ना."

"आइ'म हॉर्नी," उसने तपाक से बोला तो सुप्रिया तुरंत ही बड़ी तेज हँसने लगी.

"थॅंक्स फॉर बीयिंग सो सीरीयस," स्नेहा गुस्से बोली और जाने लगी.

सुप्रिया ने हान्फते हुए उसका हाथ पकड़लिया और अपनी साँस संभालने लगी.

"आइ'म..हाहः..सॉरी, स्वीटी," उसने हंसते हुए कहा. "आइ'म सॉरी, रुक तो."

स्नेहा अपने हाथ फोल्ड करके खड़ी हो गयी.

"मैं बस..हह...पिछली बार तूने इतना स्ट्रघटफ़ोर्वर्ड होके सब कह दिया. और अब तू इतना शरमा रही है."

"ये सब मेरे लिए थोड़ा नया है ना. कभी कभी मुझे पता होता है कि मुझे क्या कहना है, क्या करना है. लेकिन कभी कभी मुझे समझ नही आता कि...और उपर से मुझे वो...करना.." उसने हिचकिचाते हुए कहा.

"क्या करना है?"

"म्त्रुयेट," स्नेहा ने बुदबुदा दिया.

"क्या?" सुप्रिया आगे आकर पूछने लगी.

"मास्टरबेट," स्नेहा थोड़ी तेज बोल पड़ी.

सुप्रिया फिरसे हँसने लगी. "आइ'म सॉरी..हाहः.."

स्नेहा फिरसे मुड़कर वापस जाने लगी.

"स्वीटी, सुन तो. मैं तुझे सिखाउन्गी, लेकिन तेरे पास दूसरे ऑप्षन्स भी हैं."

स्नेहा ने सिर हिला दिया. "आइ नो. मैने बस सोचा कि अभी जब अरुण को कुछ ध्यान नही है तो ज़्यादा कुछ करना सही नही होगा. और मुझे लगा कि आप बिज़ी होगी.."

"अववव," सुप्रिया ने स्नेहा को गले लगाते हुए कहा. "आइ'म नेवेर बिज़ी फॉर यू. और अगर मैं थी भी तो आरू तो थी ना. और उपर से वो है भी अरुण की जुड़वा,"

स्नेहा हंस दी और उसकी हिचकिचाहट ख़तम हो गयी. उसने शिद्दत भरी आँखो से उसे देखा.

"वो," सुप्रिया उसकी आँखो को देखकर बोली. "तेरे अंदर दोबारा वो दूसरी वाली स्नेहा आ गयी ना?"

स्नेहा हंसते हुए सुप्रिया को पकड़ लिया. "अब मुझे पता है कि मुझे क्या करना है." ये कहके उसे सुप्रिया को दीवार से सटा दिया.

"स्नेहा!" सुप्रिया चौंक कर बोली. स्नेहा के चेहरे पर एक सेक्सी स्माइल आ गयी. सुप्रिया ने उसके हाथ अपनी टीशर्ट के अंदर जाते महसूस किए और तुरंत ही स्नेहा ने उसकी टीशर्ट एक झटके मे निकाल दी.

"ओह माइ.." सुप्रिया बोली. तब तक स्नेहा ने हाथ बढ़ाकर ब्रा को भी खीच कर नीचे कर दिया. उसके बाद स्नेहा ने तेज़ी से उल्टा किया और उसकी गर्दन को चूमने लगी. 

सुप्रिया के लोवर को नीचे करके वो जल्दी से नीचे बैठी और उपर की ओर उसकी जाँघो को चाटने लगी. जाँघो से बढ़ते हुए वो उसकी चूत की ओर बढ़ने लगी. "मुझे लगा...ओह्ह्ह...तुझे..इसकी ज़रूरत थी...ओमम्म" सुप्रिया बोली.

"आइ टोल्ड यू. अब जब आपने ऑफर दिया है तो मैं मना कैसे करू, डोंट वरी. अरुण के आने से पहले ही हमारा काम ख़तम हो जाएगा." स्नेहा ने उसके एक पैर को अपने कंधे पर रख के उंगली से उसकी पैंटी साइड मे करदी और अपनी जीभ को वहीं रगड़ने लगी. "मुझे बताना कि मैं आपकी चूत अच्छे से चाट रही हूँ कि नही," 

"ओह माइ गॉड," सुप्रिया ने नीचे देखते हुए बोला और अपने बालो को पीछे कर दिया जिससे उसे स्नेहा का सिर दिखता रहे.

"ओमम्म्ममम...स्लुरप्प्प.." स्नेहा बड़ी तेज़ी से उसकी चूत को चाट रही थी.

"फक्क्क्क..यस..." सुप्रिया खड़े होने की कोशिश करते हुए बोली. उसकी सास उखड़ रही थी. "यॅ, इट्स बेस्ट, स्वीटी..." उसने बड़ी तेज़ी से कहा. "ओह्ह्ह्ह..आह.." सुप्रिया ने अपने हाथ से उसका सिर अपनी चूत पर दबा दिया.

"ओह माइ गॉड," सुप्रिया बड़ी तेज़ी से बोली, और झड़ने लगी, झाड़ते हुए जब वो आगे गिरने लगी तो स्नेहा ने उसे सहारा देकर ज़मीन पर बिठा दिया और पैर खोलकर दोबारा उसकी चूत मे जीभ घुसा दी. 

जब सुप्रिया की साँस थमी तो उसने स्नेहा का सिर पकड़कर उसे उठा लिया और किस करने लगी. सुप्रिया ने भी जल्दी से उसका टॉप उतार दिया और उसके बाद शॉर्ट्स और पैंटी भी. स्नेहा ने सुप्रिया के बालो को पकड़कर उसका सिर अपनी चूत के पास कर दिया.

"दी, चाटो इसे," उसने गुर्राते हुए कहा. तो सुप्रिया ना मे सिर हिलाने लगी. स्नेहा ने कस के उसका सिर पीछे खीच दिया तो सुप्रिया हंस दी और उसकी बात मान कर तुरंत ही उसकी चूत पर टूट पड़ी. अच्छे से उसके होठ चाटने के बाद उसने जीभ को गोल करके छेद मे डाल दिया. कुछ ही देर मे स्नेहा भी झड़ने लगी.

"फक, फक, फक, फक, फक, फक, फक, फक!" स्नेहा बोले जा रही थी और उसके पैर काँपने लगे, फिर वो काँपते हुए ज़मीन पर लेट गयी. कुछ मिनट बाद सुप्रिया उपर उठी और उसके मूह मे जीभ डालकर उसे उसके ही रस का स्वाद देने लगी.

"आइ'म सॉरी," स्नेहा बोली.

"ऑ, स्वीटी, कोई बात नही. बिसाइड दट, आइ हॅड फन."

"स्टिल," स्नेहा बोली.

"कोई बात नही," सुप्रिया बोली तब तक स्नेहा ने उसके निपल को मूह मे रख लिया था. कुछ देर तक ऐसे ही चूसने के बाद वो बोली. "दी, चलो टीवी देखते हैं."
 
अरुण ने गैराज मे कार बंद की. बाहर की लाइट बंद थी लेकिन अंदर से रोशनी आ रही थी. वो अंदर गया तो टीवी ऑन थी और सुप्रिया और स्नेहा एक साथ बैठे देख रहे थे. स्नेहा सुप्रिया की गोद मे सिर रखे हुए थी.

वो गया और उनके साथ बैठ गया.

"हे स्वीतू," सुप्रिया ने धीरे से कहा. स्नेहा उसकी गोद मे सिर रखे सो रही थी. "हाउ वाज़ युवर डेट?"

"वेल, अब वो पहले वाली एश तो नही रही." अरुण ने कहा

"वो कैसे?"

"उसके साथ ******* मे काफ़ी कुछ हुआ, और उसके मम्मी पापा का डाइवोर्स हो गया. वहाँ स्कूल मे वो फैल हो गयी तो वापस यहाँ आ गयी है."

"बेचारी. एनी आइडिया क्यूँ फैल हो गयी?"

"बाय्फ्रेंड प्रॉब्लम्स," अरुण ने पूरी बात बताना ठीक नही समझा. "मैं तो चला सोने, गुड नाइट."

"अरे एक सेकेंड," सुप्रिया आराम से उठाते हुए बोली. "मैं सोच रही थी, हम लोग कल चल सकते हैं तुम्हारे लिए नयी कार देखने."

अरुण मुस्कुरा दिया. "ओके."

वो उपर जाने लगा लेकिन फिर मूड गया. "दी को रूम तक पहुचाने मे हेल्प चाहिए?" उसने स्नेहा को देखकर कहा तो सुप्रिया ने मना कर दिया.

"गुड नाइट, दी."

"गुड नाइट, स्वीतू."

जैसे जैसे वो अपने कमरे की ओर बढ़ता गया टीवी की आवाज़ कम होती चली गयी. अपने कमरे के बाहर पहूचकर उसे कुछ याद आया तो वो आरोही के कमरे की ओर बढ़ गया. वो अंदर गया तो आरोही बस शॉर्ट्स ओर स्पोर्ट्स ब्रा मे थी. कंप्यूटर पर कुछ कर रही थी. अरुण के आने पर वो मुस्कुरा कर उसे देखने लगी. "हाउ वाज़ दा डेट?"

"फाइन." अरुण ने बेड पर बैठकर जवाब दिया.

कुछ देर तक दोनो एक दूसरे को देखते रहे.

"पुछोगे कि नही?" आरोही ने कहा.

अरुण ने हंसते हुए एक आह भरी. यही बात उसे आरोही के इतना करीब करती थी. वो हमेशा उसकी हर बात समझ जाती थी.

"मैं सोनिया के साथ....सो नही पाउन्गा." अरुण ने अपनी बात कही. तो आरोही उसे देखने लगी और उसे थोड़ी उम्मीद भी जागने लगी.

"मतलब, यार पता नही लेकिन उसके साथ मुझे थोड़ा अजीब लग रहा है...और ये नाइटमेर्स भी बढ़ गये हैं. आइ थिंक आइ नीड सम अलोन टाइम, लेकिन अब उसे ये बात नही बता पा रहा हूँ.." अरुण ने अपने हाथ जोड़ते हुए कहा.

"हुह?" आरोही बोली. अजीब लग रहा है तब तो बढ़िया है लेकिन उसे फोर्स भी तो नही किया जा सकता.

"सो आइ वाज़ वंडरिंग, इफ़ यू कुड हेल्प इन सम वे. क्या कहूँ उससे कि उसे बुरा भी ना लगे. आइ नो शी नीड सम्वन टू स्लीप लेकिन आइ कॅंट बी दट पर्सन राइट नाउ.." अरुण अपना सिर अपने हाथ मे करते हुए बोला.

"देखो, ये बात ठीक है कि तुम्हे अलोन टाइम की ज़रूरत है लेकिन उसके लिए तुम्हे बात खुद ही करनी पड़ेगी. बीते साल मे तुम और सोनिया काफ़ी करीब आए हो तो आइ थिंक यही बेटर होगा कि ये बात तुम ही बताओ. बाकी उसके साथ सोने की बात, तो वो मेरे साथ सो सकती है." आरोही उसका हाथ सहलाते हुए बोली.

"यू श्योर?" 

"यप."

अरुण मुस्कुराते हुए उसके गाल पे किस करने को आगे बढ़ा तो आरोही को लगा कि बस एक बार वो अपने होठ उसके होंठो पर रख दे. बड़ी मुश्किल से खुद की गर्दन को सीधा रखा उसने. उसके बाद अरुण अपने कमरे की ओर चल दिया.

अंदर गया तो सोनिया जाग ही रही थी और दरवाजे की ओर ही देख रही थी. अरुण ने मुस्कुराते हुए हाथ हिला दिया और उसके पास आके बैठ गया. उसे समझ नही आ रहा था कि बात कैसे शुरू करे तो अपने मोबाइल को हाथ मे ही घुमाने लगा. उसने एक बार उसकी ओर देखा तो तुरंत ही उसके मन मे एक तस्वीर उभर आई जिसमे सोनिया ने एक सेक्सी सी नेग्लिजी पहनी थी और उसके हाथ मे कॅमरा है जिसे वो उसकी ओर बढ़ा रही थी. वो तुरंत ही अपना सिर हिलाने लगा.

"क्या हुआ?" सोनिया ने पूछा.

"नही नही कुछ नही...लिसन गुड़िया, आइ वान्ट टू अस्क सम्तिंग."

सोनिया उसे प्यार से देखने लगी. "भाई, व्हाटेवेर यू वान्ट जस्ट टेल मी."

अरुण ने थूक निगला और उसकी आँखो मे ही देखते हुए कहा. "ऐसा नही है मुझे तुम्हारे साथ टाइम स्पेंड करना अच्छा नही लग रहा बट आइ नीड सम अलोन टाइम अट नाइट. 

मुझे ये नाइटमेर्स आ रहे हैं..आंड आइ नीड टू सॉर्ट आउट सम्तिंग्ज़ ऑन माइ ओन...आइ लव यू..आंड आइ नो कि तुम्हे ज़रूरत है किसी के साथ की लेकिन अभी मैं उस कंडीशन मे नही हूँ...तो मैने आरू से पूछा है..उसे कोई दिक्कत नही है तुम्हारे साथ सोने से. आइ होप यू अंडरस्टॅंड."

सोनिया के चेहरे का रंग फीका पड़ गया लेकिन वो बस हां मे सिर हिलाती रही. फिर एक स्माइल फोर्स्फुली अपने चेहरे पर ले आई. 

"क्या भाई, इतनी सी बात के लिए इतना लंबा चौड़ा डिस्क्रिप्षन. आप सीधे कह देते ना कि मेरे साथ सोने मे अभी अनकंफर्टबल हो आंड यू नीड टाइम. आप टेन्षन मत लो, मुझे बुरा नही लगेगा. ओके, बाइ, स्वीट ड्रीम्स और वो डरावने बाले नही. ओके." उसने जल्दी से अरुण के गाल चूमे और तुरंत ही कमरे से निकल गयी.
अरुण पीछे बैठा उसे देखता रहा. फिर कुछ देर बाद कपड़े बदलकर सोने लगा.

********** 

सोनिया उसके रूम से निकलकर दौड़ते हुए गयी और आरोही की गोद मे सिर रख के सिसकी लेने लगी. आरोही ने कुछ नही कहा बस उसका सिर सहलाती रही. दोनो को पता था कि क्या हुआ. कुछ देर बाद जब उसकी सिसकियाँ कम हो गयी तो आरोही ने उसके सिर को चूमा और उसके साथ ही सो गयी.

**********

अरुण सोने की कोशिश करते हुए सोचने लगा कि क्या उसने सही किया. कम से कम वो अपनी फीलिंग्स से ऑनेस्ट तो था. उसके मन मे सोनिया के साथ होते वक़्त ना जाने कैसे गंदे गंदे ख़याल आ रहे थे. इसीलिए उसे लगा कि कहीं कुछ ग़लत ना हो जाए उससे नींद मे. वो किसी को भी खास कर अपनी बहनों को उसकी वजह से तक़लीफ़ मे नही देखना चाहता था. और आख़िर हैं क्या ये तस्वीरें. क्या उसका दिमाग़ इतना गंदा हो गया है कि उसी की बहनों की ऐसी हरकते उसके मन मे आती हैं. माना कि ये चीज़े उसे उततेज़ीत करती हैं लेकिन फिर भी..

यही सब सोचते सोचते उसे नींद आने लगी और वो आँखें बंद करके नींद की गहराइयों मे चला गया.

***********

सूरज की किर्ने सुबह की हवा की चीरते हुए आरोही के कमरे मे दाखिल हुई. आरोही ने धीरे धीरे आँखें खोली तो उसकी आँखो के सामने गुलाबी होठ दिखे.

"सोनिया," उसने सोचा. सोनिया उससे कस्के चिपटी हुई थी, उसके होठ उसके होंठो से एक ही इंच की दूरी पर थे, दोनो के दूध एक दूसरे के बदन से चिपके हुए थे, दोनो की साँसें एक साथ उपर नीचे हो रही थी. सोनिया के होठ हल्के से खुले थे और उनकी गर्म साँसें आरोही के मूह से टकरा रही थी. उसने एक बार गहरी साँस ली तो अंदर एक भीनी मीठी खुसबू समेटने लगी. उधर उसके हिलने से सोनिया के सरीर मे भी हलचल हुई और वो उससे और चिपकते हुए अपने होठ आगे लाने लगी. आरोही ने भी मना नही किया और दोनो के होठ एक दूसरे के नज़दीक आते चले गये और कुछ ही पॅलो मे वो दूरी ख़तम हुई तो एक पल के लिए सब रुक गया. दो सेकेंड तक तो दोनो के होठ एक दूसरे के होंठो मे फसे रहे लेकिन तुरंत ही दोनो एक दूसरे को कस के चूमने लगे. सोनिया का हाथ आरोही के सिर के पीछे चला गया और वो कस के उसके सिर को खुद पर दबाने लगी. आरोही ने भी उसके गाल पर हाथ रख लिया और कस्के उसकी जीभ को चूसने लगी.

थोड़ी देर बाद जब दोनो साँस लेने के लिए अलग हुए तो दोनो के चेहरे पर हल्की स्माइल थी. "गुड मॉर्निंग," आरोही उसे छेड़ते हुए बोली. तो सोनिया ने नज़रे नीची कर दी, फिर दोबारा उसकी ओर देखने लगी. उसे आरोही की आँखे अरुण की याद दिलाने लगी. आरोही भी एक टक उसे देखे जा रही थी. अचानक आरोही ने दोबारा अपने होठ आगे बढ़ाए और उसके होंठो पर दबाती चली गयी. सोनिया के हाथ इस बार घूमते हुए उसके दूध पर पहुच गये और हल्के से दबा दिया. आरोही की आह निकल गयी. उसने होंठो को छोड़ कर उसकी गर्दन को चूम लिया. लेकिन फिर रुक गयी.

सोनिया उसे चौंक कर देखने लगी.

"आर यू ओके?" आरोही ने उसके गाल को सहलाते हुए पूछा.

सोनिया ने हां मे सिर हिला दिया और उसके सीने मे अपना सिर रख दिया. "आइ जस्ट मिस हिम." उसने कहा.

"मी टू," आरोही बोली और उसका सिर सहलाने लगी.

"दी," कुछ देर बाद सोनिया बोली.

"हां?"

"मुझे फिरसे किस करो ना," 

तो आरोही ने उसके सिर के पीछे हाथ रखा और उसके होंठो से अपने होठ जोड़ दिए.
 
सुबह जागने के बाद अरुण कपड़े पहने हुए ब्रेकफास्ट कर रहा था जब आरोही और सोनिया नीचे आई. आरोही ने योगा पॅंट्स और एक टी-शर्ट पहनी थी और सोनिया ऐसे ही सिंपल टी-शर्ट और शॉर्ट्स मे थी. आरोही उसके सामने मटकते हुए फ्रिड्ज के आगे झुकी तो अरुण ने थूक को जल्दी से निगला.

सिंक के पास खड़ी सुप्रिया अपनी हँसी को रोकने लगी.

"गान्ड,"

अरुण एक दम से चारो ओर देखने लगा. "ये क्या था?"

चार सिर उसकी ओर देखने लगे.

"तुम लोगो ने नही सुना?" उसने पूछा. उनके चेहरे के एक्सप्रेशन्स ने उसका जवाब दे दिया. "नेवेर माइंड," उसने प्लेट की तरफ ध्यान देते हुए कहा. "मेरा दिमाग़ खराब हो गया है," उसने सोचा. उसे पक्का लग रहा था कि उसने कुछ सुना. लेकिन जैसे कि कोई बहुत दूर से बोला हो.

"तो, आज शॉपिंग डे है?" आरोही बोली.

"हुहम?" अरुण बोला.

"कार की." आरोही ने बात समझाई.

"एप. क्लास के बाद." अरुण खाते हुए बोला.

"कॉन सी?" स्नेहा ने मिल्कशेक पीते हुए पूछा.

"वही जो पहले थी." अरुण ने नॉर्मली कहा.

"कलर?" सुप्रिया ने पूछा.

"आइ डोंट नो. सेम, आइ गेस."

"ओह कम ऑन ड्यूड, कम से कम कलर तो चेंज करो," आरोही उसके सिर पर धीरे से मारते हुए बोली.

अरुण ने उसके हाथ पर मार दिया तो दोनो हल्के से कराह दिए. "ओके, कलर चेंज कर देंगे."

"कॉन्सा?" स्नेहा ने पूछा.

"वहीं चल के देखते हैं."

उसके बाद वो आरोही की कार मे जाके बैठ गया. तब तक सेब खाते हुए आरोही भी आ गयी और आधा बचा हुआ उसे दे दिया.

"तो डेट कैसी थी?" आरोही ने कार स्टार्ट करते हुए पूछा.

"उम्म्म, फाइन, लेकिन एश..बदल गयी है." 

"यॅ, मुझे भी लगा. बट यू स्टिल लाइक हर?"

अरुण ने सिर हिला दिया. "******* उसे सूट नही हुआ. इट वाज़ लाइफ चेंजिंग फॉर हर."

"कैसे?"

अरुण चुप रहा लेकिन आरोही भी शांत रही. उसे पता था कि अरुण उसे बता ही देगा, आख़िरकार उन दोनो के बीच कभी कोई बात नही छुपी थी, मोस्ट्ली. उसने सोचा.

"उसे वहाँ एक लड़का मिला," उसने कहा.

"डज़ दट बॉदर यू?" आरोही ने उसका रियेक्शन जानने के लिए पूछा.

अरुण ने सिर हिलाकर मना कर दिया. "नही, मीन्स ये तो होना ही था. और वैसे भी मैने बताया था कि वी'आर नेवेर रियली इन लव. आइ जस्ट लाइक्ड हर."

आरोही सिर हिलाकर आगे देखती रही.

"आंड ही वाज़ हर फर्स्ट, और उससे भी मुझे कोई प्राब्लम नही है. यहाँ तक जो कुछ उसने मुझे बताया मुझे उसकी किसी बात से कोई प्राब्लम नही आई. बस ये थोड़ा अजीब है. 

मतलब जो कुछ उस लड़के ने उससे करवाया..उसके बारे मे सोचकर मुझे गुस्सा आती है...लेकिन मैं उसे जड्ज नही कर सकता."

आरोही उसे सवालिया नज़रो से देखने लगी तब अरुण को समझ आया कि आधी बात उसे पता ही नही थी.

"ओह सॉरी. मैं मुझे याद नही रहा कि तुम्हे पता नही है. एश ने बताया की वो लड़का थोड़ा अजीब था. शुरुआत मे तो ठीक रहा, जैसे कि शुरू मे उसकी केयर करना वग़ैरह वग़ैरह लेकिन बाद मे वो उन दोनो के साथ दूसरी लड़कियाँ शामिल करने लगा. एश ने भी सोचा कॉलेज है तो ट्राइ करने मे क्या हर्ज़ है. आंड शी लव्ड इट और वो भी साथ देती रही. लेकिन बाद मे वो अपने दोस्तो को भी साथ मे लाने लगा और थ्रीसम फोरसम होने लगे, जिससे उसके कॉलेज मे एश की रेप्युटेशन बन गयी कि वो कुछ भी कर सकती है."

"एसा?" आरोही चौंकते हुए बोली. "वो तो गाली तक नही सुन पाती थी. कितनी बार उसने मुझे इस बात पर लेक्चर पिलाए?"

अरुण ने सिर हिला दिया. "आइ नो. तो एक बार वो एक पार्टी मे गयी और वहाँ पहली बार वोड्का ट्राइ की. तो आब्वियस्ली होश खोना ही था, जब वो जागी तो वो काफ़ी लड़को के बीच थी और सामने उसका बाय्फ्रेंड किसी और लड़की के साथ था. और उसे दुख इस बात का है कि उसे ये सब पसंद आया."

आरोही ने कॉलेज की तरफ वाली रोड पर गाड़ी मोड़ दी.

"उसी दौरान उसके पेरेंट्स का डाइवोर्स हो गया क्यूकी उसकी मम्मी उसके पापा के साथ चीट कर रही थी. उसके बाद वो वापस आ गयी, फॉर गुड आइ गेस."

"थॅंक गॉड. वैसे भी दिस ईज़ हर होम. आइ'म ग्लॅड शी'स बॅक." जब उसने ये कहा तो उसे रियलाइज़ कि वो सच मे इन शब्दो को मानती थी. उसे अब एश से डर नही लग रहा था.

"मी टू," अरुण बोला. "अगर हम दोनो ने डेटिंग स्टार्ट नही करी फिर भी मैं कम से कम उसका ध्यान तो रख ही सकता हूँ."

आरोही मुस्कुरा दी. "जब तक तुम ये नही भूलते कि घर मे चार बहनों को भी तुम्हारे ध्यान की ज़रूरत है तब तक सब ठीक है."

अरुण उसकी तरफ स्माइल करने लगा. "ऑल्वेज़. यू गर्ल्स आर ऑल्वेज़ माइ टॉप प्राइयारिटी. वैसे सोनिया ने कुछ कहा क्या?"

सोनिया का नाम सुनते ही आरोही की चूत हल्की सी गीली हो गयी, उसे उन दोनो का किस और उसके निपल का ध्यान आने लगा.

"नही. मैं हूँ ना, वो मेरे पास सो गयी थी. आइ'ल्ल टेक केर ऑफ हर." आरोही बोली.

तब तक वो लोग कॉलेज आ गये और आरोही उतरकर आगे जाने लगी तो अरुण उसकी गान्ड को ही देखता रहा.

"मेरी चबन्नी गिर गयी है, पक्का." उसने सोचा.

*******

जब दोनो घर पहुचे तो सुप्रिया तय्यार होके सोफे पर ही बैठी थी.

"चले?" उसने पूछा.

कुछ घंटे बाद उनके गराज मे नयी गाड़ी खड़ी थी सेम कलर के साथ. आरोही के लाख मनाने के बाद भी उसने गाड़ी का कलर वही रखा. 

गाड़ी देखने के बाद सभी अंदर आए और वही रुटीन हुआ जो रोज होता था. खाना, टीवी फिर नींद.

अरुण ने नीचे चेक किया कि लॉक पड़ा है फिर अपने रूम का गेट खोला फिर एक दम से बंद कर दिया. अंदर सोनिया सिर्फ़ पैंटी पहने दूसरी तरफ मूह करके उसके कपबोर्ड मे कुछ ढूँढ रही थी. अरुण ने जैसी ही उसकी नंगी पीठ देखी तुरंत ही दरवाजा बंद कर दिया. फिर धीरे से नॉक किया. 

"कम इन," सोनिया की मीठी सी आवाज़ आई.

अरुण अंदर आया और उसकी पीठ को देखते हुए बेड पर बैठ गया. सोनिया अभी भी उसके क्लॉज़ेट मे कुछ ढूँढ रही थी. कुछ देर बाद वो पलटी,"तुम्हारी कोई पुरानी शर्ट नही है जो मैं पहेन सकूँ?"

अरुण ने अपनी आँखो पर हाथ रख लिए. "सोनिया, कपड़े तो पहेन लेती."

"हिहीही, भाई आप इतना क्यू शर्मा रहे हो. पहले भी तो आपने मुझे ऐसे ही देखा है. और मैं वही तो ढूँढ रही हूँ. एक तो आप के पास लेटने को नही मिल रहा तो सोचा कि कम से कम आपकी शर्ट ही मिल जाएगी, प्लीज़. दे दो ना कोई." सोनिया अपनी बात समझाते हुए बोली. अंदर ही अंदर वो थोड़ा खुश भी हो रही थी.

अरुण ने आँखो पर हाथ रखे हुए ही दूसरे ड्रॉयर से शर्ट निकाली. "नही ये नही," तभी वो उसे वापस रखने लगा क्यूकी उस शर्ट मे दो तीन छेद थे.

"नही," उसने आगे बढ़कर वो शर्ट छीन ली. "दिस इस फाइन," उसने जल्दी से कहा. अरुण दूसरी तरफ पलट गया तो सोनिया ने वो टी-शर्ट पहेन ली. "डन, भाई."

अरुण ने पलटकर देखा तो बस देखता ही रहा. उसकी टी-शर्ट और सिर्फ़ पैंटी मे वो बहुत हॉट लग रही थी. एक छेद तो शर्ट मे जस्ट दूध के नीचे था तो थोड़ा सा अंदर बूब भी दिख रहा था. अरुण का लंड जो पहले से ही हल्का सा खड़ा था और कठोर होने लगा.

"पक्का तुम्हे यही पहनना है?"

"यॅ, इट्स सो सॉफ्ट." उसने शर्ट को सहलाते हुए कहा.

"फटी हुई है." अरुण ज़बान संभालते हुए बोला.

सोनिया हँसने लगी. "कुछ ही जगह तो छेद है भाई."

"हां, दूध के नीचे," उसने सोचा.

सोनिया फिर उसके पास आई और उसके गाल पर किस कर दिया. "लव यू भाई, गुड नाइट. हॅपी निन्नी."

अरुण ने भी उसके दूधो को सीने पर नज़रअंदाज करके गाल पर चूम लिया. फिर वो वहाँ से चली गयी.

उस रात उसके सपने सोनिया के बारे मे ही थे. सोनिया उसके कपड़े फाड़ रही थी और अपने नाख़ून उसकी खाल पर चला रही थी और उसके लंड पर मूह रख रही थी.

********

अगली सुबह अरुण जल्दी उठा और सीधे बाथरूम चला गया. वहाँ वो शेव कर ही रहा था कि दरवाजे पर नॉक हुआ. दरवाजा खुला और स्नेहा का चेहरा अंदर आया. उसने भी अरुण की ही पुरानी शर्ट पहनी हुई थी लेकिन आगे से खुली होने के कारण उसकी ब्रा पैंटी दिख रही थी.

अरुण शेव करते हुए कटते कटते बचा.

"दी..." अरुण अपनी नज़रे फेरते हुए बोला.

स्नेहा मासूमियत से खुद को देखने लगी. "क्या हुआ? मैं तो नहाने आई थी."

"नही,...दी..अभी नही.." अरुण जब तक उसको रोकता तब तक वो शवर के नीचे खड़ी हो गयी और पानी चालू कर दिया. उसने शर्ट को निकाल कर दूसरी तरफ मूह कर दिया और ब्रा के हुक को खोल दिया तो अरुण ने जल्दी से अपनी नज़रे फेरी और जल्दी से जैसे तैसे शेव करके अपने रूम मे चला गया. कपड़े पहनने के बाद उसने एश को एसएमएस किया कि क्या वो आज रात को बाहर चलेगी तो उधर से हां मे जवाब आ गया.

अरुण ने रिप्लाइ कर दिया कि बाद मे कॉल करेगा उसके बाद नीचे चला गया. बाकी की सुबह नॉर्मल ही थी. आज छुट्टी थी तो वो बॅकयार्ड मे चला गया. बाहर से थोड़ी मेहनत करके वो अंदर आया ही था कि आरोही रन्निंग करके आ रही थी. उसने अरुण को बाथरूम मे जाते देखा तो तुरंत ही वो भी पीछे चल दी.

अरुण दरवाजा बंद ही करने वाला था कि तब तक आरोही ने हाथ बढ़कर खोल दिया और अंदर आ गयी.

"मैं हेल्प कर दूं, शर्ट उतारने मे."

"नही,"

आरोही ने उसकी बात नही सुनी और आगे बढ़ने लगी. अरुण भी जानता था कि मना करने का कोई फ़ायदा तो था नही तो वो भी शवर के नीचे बढ़ने लगा. उसने आरोही के कोमल हाथो का स्पर्श अपनी कमर के उपर महसूस किया, जहाँ उसने शर्ट को उपर उठाया और उसके हाथो से निकालकर साइड मे बास्केट मे डाल दी. अरुण ये सोचकर पलटा कि अब वो चली जाएगी लेकिन तब तक आरोही के हाथ उसके शॉर्ट्स पर पहुच चुके थे. 

अरुण ने तुरंत ही उसकी कलाई पकड़ ली. "आरू, मैं कर लूँगा."

"ईडियट, मैं कर रही हूँ ना."

अरुण जब तक मना करता तब तक आरोही ने उसके शॉर्ट्स को बॉक्सर्स के साथ ही नीचे खीच दिया तो अरुण जल्दी से मुड़कर अपना लंड छुपाने लगा.

"आरू, व्हाट दा फक?"

"कम ऑन, अरुण, रिमेंबर वी आर ट्विन्स, कितनी बार तुम्हे नंगा देखा है. रिलॅक्स. और जल्दी नहाना." ये कहकर वो शवर से बाहर चली गयी. अरुण खुद को कोस्ता हुआ पानी के नीचे खड़ा हो गया.

आरोही ने अपने शॉर्ट्स को निकाल दिया था और अब वो अपनी स्पोर्ट्स ब्रा और पैंटी मे खड़ी थी. पसीने के कारण उसका शरीर बाथरूम की रोशनी मे चमक रहा था. अरुण ने एक गहरी साँस ली और दूसरी ओर देखने लगा.

अरुण शवर बंद करके टवल उठाने लगा.

"हे भगवान, ढंग से तो नहा लो. वहीं रूको, मैं आती हूँ." आरोही चिल्लाते हुए बोली.

अरुण कुछ बोलने को हुआ लेकिन तब तक उसके शरीर मे दर्द होने लगा. "शायद अभी मेरी बॉडी काम करने लायक नही है," उसने सोचा.

तब तक आरोही शवर के नीचे आ गयी थी और उसके हाथ मे वॉशक्लॉत था.

"पलट चिकने," उसने कहा तो अरुण लंड को छुपाए हुए दूसरी तरफ मूड गया. आरोही ने लिक्विड सोप को वासक्लॉत पर लिया और उसकी पीठ पर लगाने लगी. अरुण उसे मन ही मन थॅंक यू कहने लगा कि कम से कम उसने खुद के कपड़े तो नही उतारे. आरोही के हाथ उसकी गर्दन कंधे से होते हुए उसके चूतड़ पर पहुच गये.

"लो, अब इसे तुम खुद ही सॉफ करो," उसने उसको वॉशक्लॉत देते हुए चुतड़ों की तरफ इशारा कर दिया और खुद दूसरा उठाने के लिए वापस जाने लगी.

अरुण ने जल्दी से अपने चूतड़ रगडे और कपड़े को साइड मे बास्केट मे डाल दिया. "थॅंक्स फॉर हेल्प."

"इतनी जल्दी नही, ईडियट," वो दोबारा शवर के नीचे आते हुए बोली. अरुण फिर मन ही मन खुद को गाली देने लगा. आरोही नीचे बैठी और उसके पैरो को सॉफ करने लगी.

"पलटो," उसने कहा तो अरुण लंड के उपर हाथ रखे रखे ही उसकी ओर मूड गया.

"एक सेकेंड इसे पकड़ना," उसने कपड़े को अरुण को दिया तो उसने एक हाथ से उसे पकड़ लिया और मन मे ही अपना सिर पीटने लगा. तब तक आरोही अपने टॉप को उतारने लगी.

"आरू, ये क्या...." उसने कहा.

"अरे ये भीग गया है ना तो बड़ी दिक्कत हो रही है. और तुमने मुझे पहले भी नंगे देखा है." उसने जवाब दिया.

अरुण ने आँखें बंद कर ली लेकिन जब खोली तो उसकी आँखो के सामने उसके पर्फेक्ट साइज़ के दूध थे जिनके निपल बिल्कुल खड़े हुए थे. आरोही झुककर अपनी पैंटी भी उतारने लगी.

"आह, सो गुड," आरोही बोली और उसके हाथ से कपड़ा छीन लिया.

अरुण अपनी आँखो को बंद करने की या साइड मे देखने की कोशिश करने लगा लेकिन नाकाम रहा. आरोही ने देखा भी लेकिन उसने कुछ नही कहा.

आरोही सामने से उसके सीने, हाथो पेट को सॉफ करने लगी.

"हाथ उपर करो," उसने आदेश दिया और उसकी बगल सॉफ करने के लिए. जब अरुण ने हाथ उपर नही किए तो वो थोड़ा ज़ोर से बोली. "उपर!"

अरुण ने एक गहरी साँस ली और अपने आधे खड़े लंड को छोड़कर हाथ उपर कर दिए. आरोही अपनी हँसी पर काबू करते हुए उसे सॉफ करती रही. सॉफ करते करते जितना उससे हो सकता था वो उसके उतना पास बढ़ गयी. फिर बैठकर उसने दोबारा उसके पैरो को सॉफ करना शुरू कर दिया. अरुण का लंड उसके सामने ही झूल रहा था, अरुण ने अपने लंड को छुपाने के लिए हाथ नीचे किए तो आरोही ने उसके हाथ झटक दिए और कपड़े को लंड पर रगड़ने लगी. सॉफ करने के चक्कर मे उसने 2 तीन बार उसे आगे पीछे कर दिया फिर उसके टेस्टेस सॉफ करने लगी.
 
अरुण मस्ती और शर्म के बीच मे पिसा जा रहा था. उसे समझ ही नही आ रहा था कि क्या सही है क्या ग़लत. आरोही खड़े होते हुए भी हल्के हल्के उसके लंड को रगड़ती रही फिर उसके हाथ मे कपड़ा दे दिया.

"मेरी बारी," वो मुड़कर खड़ी हुई तो उसके चूतड़ लंड को छुने लगे. जब कुछ देर तक कुछ भी नही हुआ तो वो पलटी और अरुण को समझाने लगी. "साबुन, कपड़ा, पानी और फिर सफाई. मैने इतना किया कम से कम तुम फेवर रिटर्न तो कर ही सकते हो ना."

अरुण कुछ भी सोचना चाहता था बस ये नही कि अभी आरोही का हाथ उसके लंड पर था और उसका चेहरा बस उसके लंड से 2 इंच की दूरी पर ही था. उसने जल्दी से साबुन को कपड़े पर डाला और उसकी पीठ रगड़ने लगा. उसके चूतड़ पर कुछ ज़्यादा ही देर उसके हाथ चलते रहे तो आरोही खिलखिलाने लगी.

"मुझे लगता है कि वो सॉफ हो गये," ये बोलकर वो पलट गयी. 

अरुण को कुछ भी समझ नही आ रहा था. वो साबुन उठाने को आगे बढ़ा तो उसका लंड आरोही की चूत से हल्के से टकरा गया. अरुण वही जम गया.

"आज ही नहाना है." आरोही बोली.

तो अरुण खुद को इसी दुनिया मे लाया और उसके कंधे, हाथ और पेट को सॉफ करने लगा. उसने दूधो की तरफ उंगली तक नही की.

आरोही कुछ कहने को थी लेकिन फिर कुछ नही बोली. उससे खुद खुद पर काबू नही हो रहा था जब उसका लंड उसकी चूत के इतना करीब था. जब आरोही ने हाथ बढ़ाकर कपड़े को उसके हाथ से लिया तो अरुण ने आँखें बंद कर ली. साइड मे कपड़ा रखकर उसने बहेन अपने भाई के गले मे डाल दी और उसे अपने पास खीच लिया, जिससे उसका लंड उसके पैरो के बीच आ गया.

"आइ लव यू, अरुण," उसने अपने सिर को अरुण के कंधे पर रखते हुए कहा. दोनो के शरीर पर पानी बहता जा रहा था.

दोबारा अरुण के मन मे 2 पल के लिए एक तस्वीर आई और चली गयी. इस बार ये तस्वीर थोड़ी अलग थी इसमे वो एक कमरे मे बंद था जिसमे चारो ओर शीशे ही शीशे थे.

अरुण बड़ी मुश्किल से "मी टू," कह पाया कि आरोही अचानक से दूर हो गयी और पलटकर टवल लपेट कर बाहर चली गयी.

अरुण अपने खड़े लंड के साथ वही पानी के नीचे सोचने लगा कि अभी जस्ट हुआ क्या. काफ़ी देर बाद उसे लगा कि उसे नींद की ज़रूरत है तो बाथरूम से निकलकर अपने रूम मे चला गया.

शाम को जगकर उसने दोबारा शवर लिया और एश के साथ डेट के लिए तय्यार होने लगा. उसने ब्लू जीन के उपर लाइट ब्लू शर्ट पहनी और बाल सही करने लगा. वो पिछले कुछ दिनो के बारे मे सोचने लगा. उसकी बहने नॉर्मल से कुछ ज़्यादा ही उसका ख़याल रख रही थी. या तो वो पागल हो रहा था या फिर वो लोग उसके साथ जानबूझकर सेक्षुयल हो रही थी. लेकिन अगर ऐसा है तो क्यूँ?

अरुण एक ठंडी आह भरकर नीचे जाने लगा. वो लोग ये सब करके हाँसिल क्या करना चाहती थी? माना कि इसमे मज़ा आया लेकिन क्या सच मे उसके साथ कुछ करना चाहती थी या फिर सिर्फ़ उसे परेशान कर रही थी? फिर उसे ध्यान आया कि वो क्या सोचरहा है तो इन थॉट्स को मन से निकाल दिया.

वो वॉशरूम की तरफ मूड गया सुप्रिया को बाइ बोलने के लिए.

"हॅव फन," सुप्रिया ने बोल दिया.

"थॅंक्स, जल्दी आ जाउन्गा." वो बाहर जाते हुए बोला.

अरुण अपनी कार मे बैठा और रेडियो ऑन करके एश के घर की ओर चल दिया. दोबारा उसके मॅन मे एश की जगह अपनी बहनों के ख़याल आने लगे. वो सोचने लगा कैसे स्नेहा इतनी आसानी से उसके सामने नंगी हो गयी थी, सोनिया का प्यार, और सेक्सी आरोही.

ठंडी आह लेते हुए अरुण ने अपना ध्यान गाड़ी चलाने पर लगाया. वहाँ पहुचने पर डोरबेल बजाई तो एसा बाहर आई रेड टॉप मे. अरुण उससे गले मिला फिर उसे लेकर कार तक आया और दरवाजा खोलकर उसे अंदर बिठा दिया. फिर खुद पॅसेंजर सीट मे बैठकर रेस्टौरेंट की ओर चल दिया. इस बार रेस्टौरेंट एश की पसंद का था, और वो लोग डिन्नर के दौरान पुरानी बातें ही करते रहे, एश ने अपनी बात बता दी कि वो भी डेटिंग के लिए तय्यार है.

डिन्नर के बाद जब वो दोनो कार के पास पहुचे तो अरुण चौंक गया जब एश खुद ही किस के लिए आगे बढ़ी. उसके होठ बिल्कुल सॉफ्ट, गर्म थे लेकिन कुछ छूट रहा था. जब उसने उसे किस किया तो कुछ ग़लत लगा. जो कुछ था वो समझ से परे था जैसे उसका जमीर उसे इस बात की इज़ाज़त नही दे रहता. वो सोचने लगा कि पहले भी तो कितनी बार उसने एश को किस किया है लेकिन सिर्फ़ आज ही क्यूँ. अरुण ने हाथ उसकी पीठ पर रखकर उसे अपने पास खिचा और उसका सिर थोड़ा तिरछा करके उसकी जीभ को चूसने लगा.

"आइ रियली विश की मेरा फर्स्ट टाइम तुम्हारे साथ हुआ होता," एश ने किस टूटने के बाद उसकी आँखो मे देखते हुए कहा.

अरुण ने मुस्कुराते हुए सिर हिला दिया. "आइ नो. मी टू."

"अरुण, एक बात और कहना चाहूँगी. मैं अब वो मासूम पवित्र सी लड़की नही रही जिसे तुम पसंद करते थे लेकिन मैं कोई स्लट भी नही हूँ. अगर तुम्हे कोई प्राब्लम ना हो तो क्या हम लोग इसे धीरे धीरे आगे बढ़ा सकते हैं? मैं अभी तक अपने आप को फिज़िकली तय्यार नही कर पाई हूँ और ना ही पूरे तरीके से मेंटली. मैने कहा तो है कि मैं स्लट नही हूँ...लेकिन क्या पता..शायद मैं हो भी सकती हूँ. मीन्स सेक्षुयली, आइ डॉन'ट थिंक व्हाट आइ'ल्ल डू. आंड आइ'म सॉरी ये पागलो जैसे बातें तुम्हे सुनाने के लिए."

"तुम जितना धीरे चाहो हम लोग उतना ज़्यादा टाइम ले सकते हैं," अरुण ने जवाब दिया. "और तुम्हारी बाते पागलो वाली नही है. इन फॅक्ट, मुझे ख़ुसी है कि तुमने अपनी मन की बात मुझ से कही. और इस बात से एक बात तो कन्फर्म है कि जो कुछ हुआ हो लेकिन वो पहली वाली एशू अभी भी कही मौजूद है."

"विल यू किस मी अगेन?" उसने धीरे से पूछा.

मुस्कुराते हुए अरुण आगे बढ़ा और अपने होठ उसके होंठो से जोड़ दिए.

तुरंत ही उसके सिर मे एक तस्वीर उभर आई, वो एक कमरे मे बंद है. इस बार लेकिन ये तस्वीर गायब नही हुई. उसने इस बार ध्यान देने की कोशिश की लेकिन कोई फ़ायदा नही हुआ. वो तस्वीर बदली और इस बार वो खिड़की की तरफ बड़ी तेज़ी से दौड़ रहा था. जैसे ही वो खिड़की से टकराया उसके सिर मे दर्द की लहर उठाने लगी, उसने किस तोड़ कर अपने सिर को पकड़ लिया. "आउच," उसने आँखें बंद करते हुए कहा.

"अरुण, यू ओके?" एसा ने घबराते हुए पूछा.

अरुण ने सिर हिला दिया. "यॅ, बस थोड़ा सा दर्द हुआ सिर मे," उसने बताया. फिरसे उसके मन मे वही किस की तस्वीर आने लगी.

उसने दर्द को इग्नोर करते हुए दोबारा एश को किस किया फिर उसे कार मे बिठाकर दूसरी ओर से खुद बैठ गया. एश ने उसका हाथ पकड़कर अपना सिर उसके कंधे पर रख दिया. अरुण ने भी उसे अपनी बाहों मे ले लिया और दोनो फिर किस करने लगे.

उसे दिमाग़ मे दोबारा उस तस्वीर ने खिड़की पर हमला किया तो खिड़की मे एक क्रॅक आ गया. अरुण के सिर मे दोबारा एक तेज लहर दौड़ गया लेकिन इस बार उतनी तेज दर्द नही था. अरुण ने अपना हाथ उसके कंधे पर रख दिया. वो लोग कुछ देर तक किस करते रहे. अरुण का हाथ नीचे उसके दूधो की ओर जा ही रहा था कि उस तस्वीर ने कस के खिड़की पर अपना सिर मारा तो खिड़की टूटती चली गयी और वो आवाज़ अपनी क़ैद से आज़ाद हो गयी. पिछले साल की सारी यादें एक बाढ़ की तरह उसके मन मे आती चली गयी.

"ओह माइ गॉड....मेरी तो जान ही जाने वाली थी..!" आवाज़ ने चिल्ला कर उसके मन मे कहा.
अरुण मे मन मे जैसे हज़ार सूइयां एक साथ चुभने लगी. सभी यादें वापस आ गयी. सोनिया, सुप्रिया, आरोही, स्नेहा उसे सब कुछ याद आने लगा.

"ओह, माइ गॉड," उसके मूह से निकला. एश ने उसे थोड़ा घबरा कर देखा.

"अरुण, क्या हुआ?" वो थोड़ा डर गयी थी उसकी हालत देखकर.

"मुझे याद आ गया," उसने दाँत पीसते हुए कहा दर्द से.

एश उसके कंधे सहलाने लगी. "दट'स गुड. लेकिन ये दर्द.."

उसे याद आया कैसे वो सोनिया के साथ प्यार करता था, आरोही का सेक्स को लेकर पागलपन. सुप्रिया के साथ वॉशरूम मे मस्ती. शवर मे स्नेहा के साथ प्यार, उसे अब समझ मे आया कि पिछले दिनो से उसकी बहनें उसे ऐसे क्यूँ सता रही थी.

"आख़िर मैं ये सब कैसे भूल सकता हूँ?" उसने तेज़ी से पूछा.

"कॅन आइ हेल्प?" एसा ने पूछा.

अरुण ने गहरी साँस लेते हुए मना कर दिया. जब दर्द कुछ कम हुआ तो उसने उसकी ओर देखा. "वाउ," उसने कहा.

वो समझने की कोशिश करने लगा कि आख़िर अभी हुआ क्या और उसे ये सब याद कैसे आया. और जब अपनी बहनो के बारे मे सोचा तो उसे थोड़ा खराब भी लगा कि उन लोगो को कितनी तक़लीफ़ हो रही होगी.

"एशू, आइ'म रियली सॉरी लेकिन मुझे अभी थोड़े आराम की ज़रूरत है," उसने गाड़ी स्टार्ट करते हुए कहा.

"यॅ, तुम ठीक हो जाओ पहले."

"थॅंक यू फॉर दिस ग्रेट ईव्निंग," उसने कहा. "यू नो ना आइ कुड हॅव किस्ड यू ऑल नाइट लोंग. लेकिन अभी एक दम से मेरे दिमाग़ मे ये सब बातें आ गयी हैं...और मुझे थोड़ी बेचैनी हो रही है और उपर से ये सिर दर्द...आइ'म अनेबल टू थिंक स्ट्रेट राइट नाउ."

एश ने उसके होंठो को हल्के से चूम लिया. "नो प्राब्लम, हनी." उसने कहा.

अरुण को पता था कि एश उसकी चिंता करती है और वो भी करता था लेकिन उसकी बहनें और उसकी लाइफ मे अब एसा कैसे फिट हो सकती है?

अरुण ने मुस्कुरा कर उसका सिर चूम लिया और घर की ओर चल दिया. उसे जल्दी ही कुछ सोचना होगा. घर पहूचकर एश उसके करीब आ गई किस के लिए तो अरुण ने उसकी अपनी बाहों मे ले लिया.

"आइ'म रियली हॅपी टू बी बॅक वित यू," उसने कहा.

"आइ मिस्ड यू, एशू." अरुण ने कहा.

एश ने अपने होठ खुद ही उसके होंठो पर रख दिए तो अरुण से उसका दिल तोड़ा नही गया उसने भी हल्का सा किस कर दिया फिर वो दरवाजा खोलकर अंदर जाने लगी. "थॅंक यू फॉर डिन्नर, टेक्स्ट मी." उसने अंदर जाते हुए कहा.

"मैं तुझे कभी नही समझ पाउन्गा. मेरा मतलब है, कि हमें हफ़्तो से एक भी चूत नही मिली क्यूकी तूने तो मुझे क़ैद करके रखा था और जब पहला मौका मिला चोदने का तो तूने ऐसे ही जाने दिया."

"वेलकम बॅक, बडी. आंड शी'स माइ गुड फ्रेंड, मैं उसे धोखा नही दे सकता आंड सेकेंड शी'स नोट रेडी."

"ओके. तो अब जल्दी घर चल और किसी को, अरे किसी को क्यू सबको चोद चलके. अब बदला लेने का वक़्त है."

"बदला?" अरुण ने पूछा.

"और क्या, बदला..हाहः."

अरुण घर की ओर चल दिया.

"तुम्हे बदला क्यूँ चाहिए?"

"हमें," आवाज़ ने उसे सही किया. "हमें उस टॉर्चर के लिए बदला चाहिए जो कि उन्होने पिछली बार हमें दिया था और अभी इतने दिनो से दे रही थी. तुझे आज का शवर याद है? तेरी जुड़वा को तो अच्छी स्पॅंकिंग की ज़रूरत है. आइडिया, हम लोग अभी ये बात अपने तक ही रखेंगे की हमारी याददाश्त वापस आ गयी है फिर उन्हे अच्छा मज़ा चखाएँगे."

"तुम्हे एक बात बताऊ नॉर्मली तुम्हारी बातें एक ईडियट की बातों से कम नही होती," अरुण ने कुछ देर सोच कर कहा. "लेकिन इस बार..यू हॅव आ पॉइंट, मॅन."

"यॅ, तू ये बात नोट कर लियो."

"तो बॅक टू सिचुयेशन, हुआ क्या था तुम्हे और मेरी याददाश्त को?"

"आक्सिडेंट बेटा, आक्सिडेंट. तेरे दिमाग़ मे कोई चोट लग गयी थी. और मैं कोई साइंटिस्ट नही हूँ, मैं तो चुदाई के लिए परेशान एक आवाज़ हूँ, मुझे क्या पता. शायद तेरा दिमाग़ ठीक होने के लिए ये सब कर रहा था."

अरुण कुछ देर चुप रहा. "हो सकता है," तब तक वो घर पहुच चुका था.

"ओके, बडी, तूने हफ़्तो से मूठ भी नही मारी है और तेरा खून उबाल मार रहा है. सोनिया घर मे ही होगी कहीं, उसकी गीली चूत हम लोगो के लिए तय्यार. तो बस घुस पड़."

"यॅ." अरुण बोला.

"बस दूसरो को खबर मत होने देना कि तू वापस आ गया है."

"यस सर."

"थॅंक्स..आसू आ गये मेरे ये बात सुन के. अब जा और चोद डाल."

"लेकिन शुरू किससे करू?"

"सोचने दे. आइडिया. देख शुरुआत बड़ी वाली से कर. सोनिया को सबसे बाद मे बताना वैसे भी उसे तो तेरे साथ भरपूर टाइम मिलता ही है."

"ओके ऐज यू से."

अरुण जल्दी से कार से निकला और घर के अंदर घुस गया. सुप्रिया के रूम की ओर बढ़के उसने दरवाजा खोला तो अंदर वो सो रही थी. अरुण चुपचाप अंदर गया और दरवाजा लॉक करके जल्दी से अपने कपड़े उतारने लगा. 

सुप्रिया अंधेरे मे पलटी और एक पल के लिए डर गयी, तब तक अरुण की आवाज़ अंधेरे को चीरते हुए उसके कानो मे पड़ी. "इट'स मी लवर," उसने कहा.

"एम्म्म, गुड," उसने सोते हुए कहा. "तुमने तो डरा ही दिया था." वो एक पल के लिए रुकी फिर एक दम से बैठ कर उसकी ओर देखने लगी. "तुमने मुझे अभी क्या कहा?"

अरुण हंसते हुए उसके उपर कूद पड़ा अपने होठ उसके होंठो से जोड़ते हुए और उसकी टी-शर्ट को फाड़ने लगा.

"ओह..स्वीतू..तुम्हे याद आ गया!" सुप्रिया तेज़ी से बोली. अरुण हंस दिया और जो टी-शर्ट अभी फाडी उसे उठा लिया.

"आज जो कुछ मैं करने वाला हूँ, वो हम दोनो के बीच ही रहेगा और आपको शांत रहने की ज़रूरत है," उसने शर्ट को उसके मूह पर बाँधते हुए कहा.

"मुझे नही लाफद मैं कद क्ति उन्न." उसने हंसते हुए जवाब दिया.

"तभी तो मूह बंद किया है," अरुण ने कहा और उसकी गर्दन को चूमते हुए धीरे धीरे नीचे बढ़ने लगा. उसने उसके कंधे के हर हिस्से को चूमा और नीचे हाथ बढ़ाकर उसकी पैंटी को खिचने लगा.

"यू सी," उसने कहा."मैं उन तीनो से इतने दिनो के टॉर्चर का ढंग से बदला लेने वाला हूँ. और पिछले वाले टॉर्चर का भी," उसने एक निपल को काटते हुए कहा. सुप्रिया कपड़े के साथ ही आह भरने लगे.

"फक," उसके मूह से घुटि आवाज़ आई.

"अवव, यू मस्ट बी सो हॉर्नी, बेबी," उसने कहा. "डोंट वरी. आपका भाई है ना ख़याल रखने के लिए," उसने उसके पेट को चाट कर कहा, बिना जल्दबाज़ी के धीरे धीरे नीचे बढ़ रहा था. वो बस उसे अब तक का सबसे जबरदस्त ऑर्गॅज़म देना चाहता था.

धीरे धीरे नीचे बढ़ते हुए उसने उसकी कमर को चूमा फिर जाँघ पर बढ़ गया. सुप्रिया आने वाले पॅलो के इंतेज़ार मे कुलबुलाने लगी, और उसके सिर को अपनी चूत पर दबाने की कोशिश करने लगी.

"प्लीज़.." उसने आवाज़ दी.

अरुण ने मुस्कुराते हुए उस पर रहम किया और अपनी जीभ से पेट से लेकर चूत तक एक लकीर खीच दी और जीभ को पट करके चूत पर रख दिया. 

"ओह...अहः...म्म्म्मनम." सोनिया अपनी कमर को बहुत तेज़ी से हिलाते हुए बोली. अरुण ने हाथो से उसकी जाँघ को पकड़ लिया और जीभ को को अंदर करके छेद के अंदर डाल दिया फिर क्लाइटॉरिस पर जीभ रगड़ने लगा.

सुप्रिया का एक हाथ उसके सिर को चूत पर और दबाने लगा.

"एम्म...कम्म्मरन्नग," उसने आवाज़ सुनी और तुरंत ही सोनिया बहुत तेज़ी से हिलने लगी.

"ओह माइ गॉड," उसने धीमे से आवाज़ दी.

अरुण जल्दी से उसके उपर चढ़ गया और अपने लंड को छेद पर रख के हल्का सा लंड उसकी गीली चूत मे दे दिया.

"आअहम्म" उसने अरुण के लंड को अपने अंदर महसूस करके कहा. "आइ नीड...डाट."
 
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