hotaks444
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वीरेंदर: साली छीनाल, यहाँ मेरा लोड्ा फटने को है और तुझे साली बातें चोदने की पड़ी है. जल्दी से लोड्ा चूस कर माल निकाल दे वरना तेरी चूत और गान्ड यहीं मार के तुझे किसी कोठे में फैंक दूँगा.
रागिनी को अपने सारे दाव उल्टे पड़ते हुए नज़र आने लगे.
वीरेंदर:साली बार बार अपनी गंदी ज़ुबान से आशना का नाम ना ले, वो मेरी ज़िंदगी है और उसकी जगह कोई नहीं ले सकता.
रागिनी(यह बात सुनकर तैश में आते हुए): आपने मुझे समझ क्या रखा है सर????
वीरेंदर: रांड़ है तो रांड़ की तरह लोड्ा चूस और अपनी मेहनत ले. चूत और गान्ड देगी तो इतने पैसे दूँगा कि तू गिनते गिनते बूढ़ी हो जाएगी लेकिन पैसे ख़तम नहीं होंगे.
रागिनी:ओह तो अपने मुझे बाज़ारु समझा है.
वीरेंदर: तो और क्या है तू. साली एक ही दिन में कंपनी को टेंडर दिलवाने के लिए तू उस मेजर से चुदने को तैयार हो गई. यह तो भला हो उपेर वाले का कि वो सला नामर्द निकला नहीं तो तू तो मेरे पीछे ही पड़ जाती.
रागिनी का सर चकराने लगा यह सब सुनकर. वो सिर्फ़ विराट के लिए यह सब बर्दाश्त कर रही थी. उसकी आँखें नम हो गई.
वीरेंदर: देख, आँसुओ से पिघलने वालों में से नहीं हूँ मैं. ज़्यादा नाटक ना कर और जल्दी से मेरा लोड्ा ठंडा कर दे. घर पर आशना मेरा इंतज़ार कर रही है.
रागिनी ने देखा कि वीरेंदर उसके हाथ से निकलता चला जा रहा है. उसने पैंतरा बदलते हुए कहा:सर, आप मेरे बारे में ऐसा सोचेंगे, मैने तो यह सपने में भी नहीं सोचा था. उस मेजर के पास तो मैं आपकी खुशी के लिए गई थी. आप ने मुझ ग़रीब को सहारा देकर मुझ पर बहुत बड़ा एहसान किया है. उसी एहसान के तले मैं आपको शुक्रिया अदा करना चाहती थी. अगर मुझे यह पहले पता होता तो मैं कभी आपका ऑफीस जाय्न नहीं करती. हम छोटे शहर की लड़कियाँ यह जानती हैं कि बड़े शहरों में तरक्की के लिए पाने बदन का सहारा लेना पड़ता है. मुझे लगा था कि अगर मैं किसी मुसीबत मे फस भी गई तो आप मुझे बचा लेंगे. आप पर अपने से ज़्यादा भरोसा हो गया था मुझे लेकिन मैं ग़लत थी. आप तो मुझे एक बाज़ारु रांड़ समझ बैठे जो कुछ पैसो की खातिर अपनी इज़्ज़त बेच दे. हम ग़रीब ज़रूर हैं सर लेकिन इज़्ज़त दार लोग हैं.
रागिनी की बातें सुनकर वीरेंदर के दिमाग़ की गर्मी पिघलती चली गई. वो धडाम से सोफे पर बैठ गया और बोला: आइ आम सॉरी रागिनी, लेकिन यू नो आइ कॅन'ट मॅरी यू. मैं आशना के सिवा किसी और से शादी का सोच भी नहीं सकता.
रागिनी: आइ नो सर आंड मैं दीदी को कभी भी नहीं बताउन्गी कि आपने मेरे साथ क्या किया है, ट्रस्ट मी. आपकी जोड़ी हमेशा सलामत रहे सर और यह कहकर रागिनी अपनी जॅकेट की तरफ बढ़ी.
वीरेंदर: रागिनी अभी तुम्हे तुम्हारा जाय्निंग लेटर नहीं मिला है, तुम्हारा इंटरव्यू अभी अधूरा है.
रागिनी: नहीं करनी मुझे उस जगह नौकरी जहाँ मेरी कदर ही ना हो.
वीरेंदर: तुम्हारी कितनी कदर है यह मेरे इस खड़े लोड्े से पूछो.
रागिनी(मुँह फेरते हुए): सर प्लीज़.....
वीरेंदर:अभी भी नाराज़ हो, यह लो लोड्ा पकड़ कर माफी माँगता हूँ.
रागिनी ने देखा कि ट्रेन पटरी पर आ गई है तो उसने इस बार देर करना उचित नहीं समझा. वो झट से पलटी और वीरेंदर के सीने से चिपक गई. दोनो के नंगे सीने मिलते ही दोनो के होंठो से एक गरम आह निकली और वीरेंदर का लोड्ा रागिनी की नाभि मे चुभ गया.
रागिनी: ऊउच.
वीरेंदर: अभी तो यह सिर्फ़ नाभि में चुबा है, जब तुम्हारी चूत में जाएगा तो क्या होगा????
रागिनी: मुझे पता है कि आप मुझे ज़्यादा पेन नहीं करेंगे.
वीरेंदर: लेकिन अभी तो इसकी पेन दूर करने का इंतज़ाम करो यार नहीं तो यह फट जाएगा.
रागिनी: किसी की चूत फाड़ने से तो अच्छा है कि यह फट ही जाए.
रागिनी के मुँह से चूत शब्द सुनकर वीरेंदर एक बार फिर से मचल उठा. रागिनी को कस कर अपने साथ भींचते हुए वीरेंदर बोला: ओह रागिनी, आइ आम सॉरी इफ़ आइ हर्ट यू.
रागिनी ने अपने हाथ वीरेंदर के होंठों पर रख दिए और बोली: बॉस डज़न'ट सात सॉरी टू हिज़ पर्सनल सेक्रेटरी.
वीरेंदर(खुशी से): सच.
रागिनी ने आँखो से हां मे हामी भरी.
वीरेंदर: तो चलो तुम मुझे अपनी चूत चटवाओ और मैं तुम्हे अपना लोड्ा खिलाता हूँ.
रागिनी: अभी नहीं, प्लीज़ चूत आप रात को घर पर चाट लेना, यहाँ बहुत रोशनी है, मुझे शरम आती है.
वीरेंदर: ओके डार्लिंग, देन सक माइ कॉक.
यह कह कर वीरेंदर ने अपनी जॉकी घुटनो से सरका कर दूर फैंक दी. वीरेंदर: कम ऑन यू लिट्ल टीज़र, सक माइ बिग हार्ड कॉक.
रागिनी: जस्ट लाइ डाउन आंड लीव युवर डिक ऑन माइ मर्सी. आइ विल सक इट टिल दा लास्ट ड्रॉप केम आउट फ्रॉम युवर बिग टेस्टीएस.
वीरेंदर सोफे पर लेट गया. उसने एक टाँग मोड़ कर सोफे पर रख दी और एक टाँग नीचे फरश पर.
रागिनी को अपने सारे दाव उल्टे पड़ते हुए नज़र आने लगे.
वीरेंदर:साली बार बार अपनी गंदी ज़ुबान से आशना का नाम ना ले, वो मेरी ज़िंदगी है और उसकी जगह कोई नहीं ले सकता.
रागिनी(यह बात सुनकर तैश में आते हुए): आपने मुझे समझ क्या रखा है सर????
वीरेंदर: रांड़ है तो रांड़ की तरह लोड्ा चूस और अपनी मेहनत ले. चूत और गान्ड देगी तो इतने पैसे दूँगा कि तू गिनते गिनते बूढ़ी हो जाएगी लेकिन पैसे ख़तम नहीं होंगे.
रागिनी:ओह तो अपने मुझे बाज़ारु समझा है.
वीरेंदर: तो और क्या है तू. साली एक ही दिन में कंपनी को टेंडर दिलवाने के लिए तू उस मेजर से चुदने को तैयार हो गई. यह तो भला हो उपेर वाले का कि वो सला नामर्द निकला नहीं तो तू तो मेरे पीछे ही पड़ जाती.
रागिनी का सर चकराने लगा यह सब सुनकर. वो सिर्फ़ विराट के लिए यह सब बर्दाश्त कर रही थी. उसकी आँखें नम हो गई.
वीरेंदर: देख, आँसुओ से पिघलने वालों में से नहीं हूँ मैं. ज़्यादा नाटक ना कर और जल्दी से मेरा लोड्ा ठंडा कर दे. घर पर आशना मेरा इंतज़ार कर रही है.
रागिनी ने देखा कि वीरेंदर उसके हाथ से निकलता चला जा रहा है. उसने पैंतरा बदलते हुए कहा:सर, आप मेरे बारे में ऐसा सोचेंगे, मैने तो यह सपने में भी नहीं सोचा था. उस मेजर के पास तो मैं आपकी खुशी के लिए गई थी. आप ने मुझ ग़रीब को सहारा देकर मुझ पर बहुत बड़ा एहसान किया है. उसी एहसान के तले मैं आपको शुक्रिया अदा करना चाहती थी. अगर मुझे यह पहले पता होता तो मैं कभी आपका ऑफीस जाय्न नहीं करती. हम छोटे शहर की लड़कियाँ यह जानती हैं कि बड़े शहरों में तरक्की के लिए पाने बदन का सहारा लेना पड़ता है. मुझे लगा था कि अगर मैं किसी मुसीबत मे फस भी गई तो आप मुझे बचा लेंगे. आप पर अपने से ज़्यादा भरोसा हो गया था मुझे लेकिन मैं ग़लत थी. आप तो मुझे एक बाज़ारु रांड़ समझ बैठे जो कुछ पैसो की खातिर अपनी इज़्ज़त बेच दे. हम ग़रीब ज़रूर हैं सर लेकिन इज़्ज़त दार लोग हैं.
रागिनी की बातें सुनकर वीरेंदर के दिमाग़ की गर्मी पिघलती चली गई. वो धडाम से सोफे पर बैठ गया और बोला: आइ आम सॉरी रागिनी, लेकिन यू नो आइ कॅन'ट मॅरी यू. मैं आशना के सिवा किसी और से शादी का सोच भी नहीं सकता.
रागिनी: आइ नो सर आंड मैं दीदी को कभी भी नहीं बताउन्गी कि आपने मेरे साथ क्या किया है, ट्रस्ट मी. आपकी जोड़ी हमेशा सलामत रहे सर और यह कहकर रागिनी अपनी जॅकेट की तरफ बढ़ी.
वीरेंदर: रागिनी अभी तुम्हे तुम्हारा जाय्निंग लेटर नहीं मिला है, तुम्हारा इंटरव्यू अभी अधूरा है.
रागिनी: नहीं करनी मुझे उस जगह नौकरी जहाँ मेरी कदर ही ना हो.
वीरेंदर: तुम्हारी कितनी कदर है यह मेरे इस खड़े लोड्े से पूछो.
रागिनी(मुँह फेरते हुए): सर प्लीज़.....
वीरेंदर:अभी भी नाराज़ हो, यह लो लोड्ा पकड़ कर माफी माँगता हूँ.
रागिनी ने देखा कि ट्रेन पटरी पर आ गई है तो उसने इस बार देर करना उचित नहीं समझा. वो झट से पलटी और वीरेंदर के सीने से चिपक गई. दोनो के नंगे सीने मिलते ही दोनो के होंठो से एक गरम आह निकली और वीरेंदर का लोड्ा रागिनी की नाभि मे चुभ गया.
रागिनी: ऊउच.
वीरेंदर: अभी तो यह सिर्फ़ नाभि में चुबा है, जब तुम्हारी चूत में जाएगा तो क्या होगा????
रागिनी: मुझे पता है कि आप मुझे ज़्यादा पेन नहीं करेंगे.
वीरेंदर: लेकिन अभी तो इसकी पेन दूर करने का इंतज़ाम करो यार नहीं तो यह फट जाएगा.
रागिनी: किसी की चूत फाड़ने से तो अच्छा है कि यह फट ही जाए.
रागिनी के मुँह से चूत शब्द सुनकर वीरेंदर एक बार फिर से मचल उठा. रागिनी को कस कर अपने साथ भींचते हुए वीरेंदर बोला: ओह रागिनी, आइ आम सॉरी इफ़ आइ हर्ट यू.
रागिनी ने अपने हाथ वीरेंदर के होंठों पर रख दिए और बोली: बॉस डज़न'ट सात सॉरी टू हिज़ पर्सनल सेक्रेटरी.
वीरेंदर(खुशी से): सच.
रागिनी ने आँखो से हां मे हामी भरी.
वीरेंदर: तो चलो तुम मुझे अपनी चूत चटवाओ और मैं तुम्हे अपना लोड्ा खिलाता हूँ.
रागिनी: अभी नहीं, प्लीज़ चूत आप रात को घर पर चाट लेना, यहाँ बहुत रोशनी है, मुझे शरम आती है.
वीरेंदर: ओके डार्लिंग, देन सक माइ कॉक.
यह कह कर वीरेंदर ने अपनी जॉकी घुटनो से सरका कर दूर फैंक दी. वीरेंदर: कम ऑन यू लिट्ल टीज़र, सक माइ बिग हार्ड कॉक.
रागिनी: जस्ट लाइ डाउन आंड लीव युवर डिक ऑन माइ मर्सी. आइ विल सक इट टिल दा लास्ट ड्रॉप केम आउट फ्रॉम युवर बिग टेस्टीएस.
वीरेंदर सोफे पर लेट गया. उसने एक टाँग मोड़ कर सोफे पर रख दी और एक टाँग नीचे फरश पर.