hotaks444
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भीमा इस हमले को तैयार नहीं था वह गिर जाता अगर कामया के दोनों हाथों ने उसके बालों को पकड़ ना रखा होता तो वो भी अपने एक हाथ को पीछे लेजाकर अपने आपको सहारा दिए हुए और दूसरे हाथ से कामया की जाँघो को पकड़े हुए लगातार उसकी योनि को चूसे जा रहा था और उसे शांत करने की कोशिश कर रहा था पर कामया का शरीर इस तरह से आगे पीछे की ओर हो रहा था कि उसे अपना संतुलन बनाए रखना मुश्किल हो रहा था उसने एक बार जोर लगा के कामया को पीछे की ओर धकेलने की कोशिश की पर कामया तो जैसे उसपर हावी हो चुकी थी लगातार आगे की ओर बढ़ते हुए उसे लिटाने की कोशिश में थी भीमा जानता था की अगर वो लेट गया तो कामया उसके ऊपर बैठी तो उसका सांस लेना दूभर हो जाएगा इसलिए वो भी लगातार कोशिश मे था कि वो किसी तरह से बैठा ही रहे पर कामया के अंदर का शैतान एक बार फिर उसपर हावी हो गया था कामया अपने आपको मोड़ चुकी थी और आगे झुकते हुए भीमा चाचा के सिर को टेबल के किनारे पर टिका दिया था
अब वो फ्री थी अपने आप ही भीमा का सिर टेबल पर टिके होने से पीछे जाना उसके लिए दूभर हो गया था कामया की कमर की गति बढ़ गई थी और लग रहा था की अब वो भीमा का कचूमर निकाल कर ही दम लेगी भीमा का सिर टेबल के किनारे से टिका हुआ था और कामया की कमर किसी एंजिन की तरह से चलने लगी थी आगे पीछे की ओर टांगों को फैलाकर वो जिस तरह से भीमा को रौंद रही थी उससे उसके अंदर की ज्वाला का अंदाज़ा भर ही लगाया जा सकता था उसकी कमर के हिलने का तरीका किसी प्रोफेशनल से क़म नहीं था एक के बाद एक झटके जो वो लगा रही थी उससे उसके अंदर की आग का अंदाज़ा ही लगाया जा सकता था
भीमा का सिर कई बार पीछे टेबल के कार्नर पर जम कर लगा था पर मजबूर था कुछ नहीं कर सकता था अपने होंठों को और जीब को हटा नहीं सकता था एक वहशी रूप में वो कामया को देख रहा था कामया निरंतर अपने मुख से आवाज निकाल कर भीमा को और करने को कहे जा रही थी
कामया- और अंदर तक डालो चाचा उंगली भी डालो होने ही वाला है रूको मत नहीं तो मार डालूंगी करो और करो अंदर तक डालो उंगली उूुुुुुुउउफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ आआआआआआआआह्ह
और सट कर भीमा को टेबल के कार्नर में दबा दिया था कामया ने ताकि वो हिल भी ना सके
कामया- आआआआह्ह गई ईईईईईईईईईईईईईईईईईई करते रहो चाचा करते रहे छोड़ूँगी नहीं आज करो और करो
हान्फते हुए कामया के मुख से ना जाने क्या क्या निकल रहा था भीमा अब भी टेबल पर टिका हुआ अपने आपको कामया की जाँघो के बीच में पा रहा था चेहरा पूरा कामया के कम से भीगा हुआ था सांसें भी नहीं लेते बन रहा था पर हिम्मत नहीं थी कामया को अपने ऊपर से हटाने की सो वो वैसे ही पड़ा हुआ कामया के हटने की राह देखता हुआ अपनी जीब और उंगलियों को और भी तेजी से चलाता रहा
कामया भी थोड़ी देर तक सहारा लिए खड़ी रही टेबल का और फिर धीरे से हान्फते हुए भीमा के चहरे से अलग हुई और थोड़ा सा ल्ड़खड़ाती हुई सी खड़ी हुई और नीचे पड़े हुए भीमा चाचा की ओर एक नजर डाली उसके सिथिल पड़े हुए लिंग पर भी और अपने पैर के अंगूठे से उसके लिंग को छुआ था और मुस्कुराती हुई पलटकर फ़्रीज के पास पहुँच गई थी
कामया- क्या हुआ चाचा बस क्या तुम तो कहते थे की मेरी सेवा के लिए हो बस हाँ…
पानी पीते हुए कामया ने पलटकर भीमा की ओर देखते हुए कहा था भीमा वैसे ही नीचे बैठा हुआ अपने चहरे पर कामया की योनि के निकले पानी से भीगा हुआ अपने आपको साफ करने की कोशिशभी नहीं कर पाया था भीगी बिल्ली की तरह से कामया की ओर देखता हुआ
भीमा- नहीं बहू वो तो बहुत दिनों बाद था ना इसलिए
हकालाता हुआ सा जो जबाब सूझा था दे दिया था
कामया- अच्छा हाँ… तो ठीक है चलो कमरे में देखती हूँ कितना दम है बहुत दम है ना आओ
और कामया ने बढ़ कर अपना कपड़ा उठा लिया और वो रोप भी और नंगी ही अपने कंधे पर वो सब रखकर आगेकी ओर बढ़ गई थी भीमा झट से अपनी धोती को उठाकर अपना चहरा पोछते हुए अंडरवेर का नाड़ा बाँधते हुए किसी कुत्ते की तरह कामया के पीछे-पीछे लपका था किचेन की लाइट बंद करके अपने आगे चलती हुई कामया की ओर देखता हुआ किसी संगमरर की मूरत की तरह उसका बदन हल्की सी रोशनी में नहाया हुआ था पीछे से उसके गोल गोल चूतड़ और उसपर हल्की दरार को देखते ही भीमा लगभग दौड़ता हुआ सा उस अप्सरा के पीछे-पीछे चल दिया था
सीढ़ियो से चलते हुए उसके कूल्हे जिस तरह से मटक रहे थे वो एक शानदार सींन था भीमा धीरे-धीरे उन नज़रों को देखता हुआ अपने आपको संभलता हुआ कामया के पीछे-पीछे सीढ़िया चढ़ता जा रहा था
जिस तरह से कामया सीढ़िया चढ़ रही थी और जितना मटक मटक कर अपने जिश्म को लहरा रही थी वो शायद कोई औरत कपड़ों में भी नहीं कर पाएगी पर कामया तो बिना कपड़ों के ही बिल्कुल बिंदास चल रही थी कही भी कभी नहीं लगा था की वो नंगी थी इतना कान्फिडेन्स था उसकी चाल में कि भीमा देखता ही रह गया था अपने घर की बहू को चलते हुए कब कमरे के अंदर आ गये थे भीमा जान भी नहीं पाया था
कमरे में घुसते ही .............
कामया- डोर बंद कर दो
और कहते हुए बाथरूम में घुस गई थी भीमा डोर बंद करके खड़ा था अपनी धोती से अपने चहरे को पोछते हुए थकान उसके चेहरे पर साफ दिख रही थी नज़रें इधर-उधर करते हुए साइड टेबल पर रखे हुए पानी के बोतल पर पड़ी थी जल्दी से टेबल तक पहुँचकर पानी के दो घुट ही मारे थे कि बाथरूम का डोर खुला और कामया वैसे बिना कपड़ों के बाहर आई थी मुस्कुराती हुई
कामया- प्यास लगी है चाचा हाँ…
भीमा जल्दी से पानी की बोतल रखकर खड़ा हो गया था धोती अभी तक बाँधी नहीं थी उसने अंडरवेर बाँधा नही था कमर के चारो ओर बस लपेटा हुआ था और बाकी का हाथ में था ऊपर फटुआ पहने हुआ था
कामया- उधर उस अलमारी के अंदर है तुम्हारी चीज जाओ और जितना पी सको पिलो
एक ओर अपने हाथों को उठाकर कामया ने इशारा किया था भीमा नहीं जानता था कि क्या है वहाँ पर इशारे की ओर बढ़ा था अलमारी के अंदर तरह तरह की इंग्लीश दारू की बोतल रखी थी एक बार पलटकर कामया की ओर देखा था कामया के इशारे पर ही उसने एक बोतल उठा ली थी और बिना पीछे देखे ही बोतल पर मुँह लगा लिया था एक साथ उसने कई घूँट भरे थे और पलटकर कामया की ओर देखा था
कामया .. क्यों अच्छी है ना कभी पी है
भीमा- जी नहीं बहू पहली बार ही इतनी महेंगी पी रहा हूँ
और फिर एक साथ थोड़ी बहुत और उतार ली थी अपने अंदर एक नई जान अपने अंदर भरते हुए पाया था उसने कामया जो की अभी भी बेड के किनारे पर खड़ी थी भीमा की ओर देखती हुई धीरे-धीरे बेड पर लेट गई थी जैसे उसे निमंत्रण दे रही है लेट-ते ही उसने अपनी एक जाँघ को उठा कर दूसरे जाँघ पर रख लिया था और सिर के नीचे एक हाथ रखकर भीमा की ओर देखती रही थी और अपनी हथेली को धीरे-धीरे जाँघो से लेकर कमर से लेते हुए अपनी चुचियों पर ले आई थी
और नजर उठाकर फिर से एक बार भीमा की ओर देखा था उूउउफफफ्फ़ क्या नज़ारा था शानदार नरम बेड पर एक हसीना बिल्कुल नंगी और इस तरह का आमंत्रण दो तीन घूँट और अंदर जाते ही भीमा के अंदर एक पुरुष फिर से जाग गया था धोती तो नीचे गिर गया था पर फटुआ और अंडरवेयर अब भी उसके शरीर में था एकटक वो कामया देख रहा था जागा तब जब कामया की आवाज उसके कानों में टकराई थी
कामया- क्या देख रहे हो चाचा देखते ही रहोगे
भीमा क्या जबाब देता जल्दी से बेड की ओर बढ़ा था
कामया- यह ठीक नहीं है चाचा में तो इधर कुछ नहीं पहने हूँ और आप सबकुछ पहेने हुए हो हाँ…
भीमा जल्दी से बेड के साइड में खड़ा हुआ अपने कपड़ों से लड़ने लगा था एक साथ ही उसने अपने दोनों कपड़ों को शरीर से अलग कर दिया था और लगभग कूदता हुआ सा बेड पर चढ़ गया था कामया वैसे ही उसकी ओर कमर को उँचा करके लेटी रही थी एकटक उसकी ओर देखती हुई भीमा जल्दी से पीछे की ओर से उसके शरीर को अपनी बाहों में लेने की कोशिश करने लगा था उसके उठे हुए नितंब उसे एक अनौखा निमंत्रण दे रहे थे पीछे से देखने में गजब का लग रहा था दोनों जाँघो के जुड़े होने के बाद भी एक गहरी सी गहराई उसे दिख रही थी ना चाहते हुए भी भीमा अपनी हथेली उस जगह में ले गया था और धीरे से कामया को अपनी बाहों मे भर लिया था वो अपनी बाहों को नीचे से लेजाकर उसकी चुचियों को धीरे-धीरे दबाने लगा था और अपनी एक हथेली से उसके नितंबों को सहलाता हुआ ऊपर से नीचे की ओर जा रहा था कामया इंतजार में ही थी कि कब भीमा जागे और आगे बढ़े वो अपने आपको पूरा बेड से लगाकर लेट गई थी और भीमा को पूरी आ जादी दे-दी थी भीमा भी अपनी आजादी का पूरा लुफ्त उठाने को तैयार था विदेशी शराब के अंदर जाते ही वो एक बार फिर से जवान हो उठा था
अब वो फ्री थी अपने आप ही भीमा का सिर टेबल पर टिके होने से पीछे जाना उसके लिए दूभर हो गया था कामया की कमर की गति बढ़ गई थी और लग रहा था की अब वो भीमा का कचूमर निकाल कर ही दम लेगी भीमा का सिर टेबल के किनारे से टिका हुआ था और कामया की कमर किसी एंजिन की तरह से चलने लगी थी आगे पीछे की ओर टांगों को फैलाकर वो जिस तरह से भीमा को रौंद रही थी उससे उसके अंदर की ज्वाला का अंदाज़ा भर ही लगाया जा सकता था उसकी कमर के हिलने का तरीका किसी प्रोफेशनल से क़म नहीं था एक के बाद एक झटके जो वो लगा रही थी उससे उसके अंदर की आग का अंदाज़ा ही लगाया जा सकता था
भीमा का सिर कई बार पीछे टेबल के कार्नर पर जम कर लगा था पर मजबूर था कुछ नहीं कर सकता था अपने होंठों को और जीब को हटा नहीं सकता था एक वहशी रूप में वो कामया को देख रहा था कामया निरंतर अपने मुख से आवाज निकाल कर भीमा को और करने को कहे जा रही थी
कामया- और अंदर तक डालो चाचा उंगली भी डालो होने ही वाला है रूको मत नहीं तो मार डालूंगी करो और करो अंदर तक डालो उंगली उूुुुुुुउउफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ आआआआआआआआह्ह
और सट कर भीमा को टेबल के कार्नर में दबा दिया था कामया ने ताकि वो हिल भी ना सके
कामया- आआआआह्ह गई ईईईईईईईईईईईईईईईईईई करते रहो चाचा करते रहे छोड़ूँगी नहीं आज करो और करो
हान्फते हुए कामया के मुख से ना जाने क्या क्या निकल रहा था भीमा अब भी टेबल पर टिका हुआ अपने आपको कामया की जाँघो के बीच में पा रहा था चेहरा पूरा कामया के कम से भीगा हुआ था सांसें भी नहीं लेते बन रहा था पर हिम्मत नहीं थी कामया को अपने ऊपर से हटाने की सो वो वैसे ही पड़ा हुआ कामया के हटने की राह देखता हुआ अपनी जीब और उंगलियों को और भी तेजी से चलाता रहा
कामया भी थोड़ी देर तक सहारा लिए खड़ी रही टेबल का और फिर धीरे से हान्फते हुए भीमा के चहरे से अलग हुई और थोड़ा सा ल्ड़खड़ाती हुई सी खड़ी हुई और नीचे पड़े हुए भीमा चाचा की ओर एक नजर डाली उसके सिथिल पड़े हुए लिंग पर भी और अपने पैर के अंगूठे से उसके लिंग को छुआ था और मुस्कुराती हुई पलटकर फ़्रीज के पास पहुँच गई थी
कामया- क्या हुआ चाचा बस क्या तुम तो कहते थे की मेरी सेवा के लिए हो बस हाँ…
पानी पीते हुए कामया ने पलटकर भीमा की ओर देखते हुए कहा था भीमा वैसे ही नीचे बैठा हुआ अपने चहरे पर कामया की योनि के निकले पानी से भीगा हुआ अपने आपको साफ करने की कोशिशभी नहीं कर पाया था भीगी बिल्ली की तरह से कामया की ओर देखता हुआ
भीमा- नहीं बहू वो तो बहुत दिनों बाद था ना इसलिए
हकालाता हुआ सा जो जबाब सूझा था दे दिया था
कामया- अच्छा हाँ… तो ठीक है चलो कमरे में देखती हूँ कितना दम है बहुत दम है ना आओ
और कामया ने बढ़ कर अपना कपड़ा उठा लिया और वो रोप भी और नंगी ही अपने कंधे पर वो सब रखकर आगेकी ओर बढ़ गई थी भीमा झट से अपनी धोती को उठाकर अपना चहरा पोछते हुए अंडरवेर का नाड़ा बाँधते हुए किसी कुत्ते की तरह कामया के पीछे-पीछे लपका था किचेन की लाइट बंद करके अपने आगे चलती हुई कामया की ओर देखता हुआ किसी संगमरर की मूरत की तरह उसका बदन हल्की सी रोशनी में नहाया हुआ था पीछे से उसके गोल गोल चूतड़ और उसपर हल्की दरार को देखते ही भीमा लगभग दौड़ता हुआ सा उस अप्सरा के पीछे-पीछे चल दिया था
सीढ़ियो से चलते हुए उसके कूल्हे जिस तरह से मटक रहे थे वो एक शानदार सींन था भीमा धीरे-धीरे उन नज़रों को देखता हुआ अपने आपको संभलता हुआ कामया के पीछे-पीछे सीढ़िया चढ़ता जा रहा था
जिस तरह से कामया सीढ़िया चढ़ रही थी और जितना मटक मटक कर अपने जिश्म को लहरा रही थी वो शायद कोई औरत कपड़ों में भी नहीं कर पाएगी पर कामया तो बिना कपड़ों के ही बिल्कुल बिंदास चल रही थी कही भी कभी नहीं लगा था की वो नंगी थी इतना कान्फिडेन्स था उसकी चाल में कि भीमा देखता ही रह गया था अपने घर की बहू को चलते हुए कब कमरे के अंदर आ गये थे भीमा जान भी नहीं पाया था
कमरे में घुसते ही .............
कामया- डोर बंद कर दो
और कहते हुए बाथरूम में घुस गई थी भीमा डोर बंद करके खड़ा था अपनी धोती से अपने चहरे को पोछते हुए थकान उसके चेहरे पर साफ दिख रही थी नज़रें इधर-उधर करते हुए साइड टेबल पर रखे हुए पानी के बोतल पर पड़ी थी जल्दी से टेबल तक पहुँचकर पानी के दो घुट ही मारे थे कि बाथरूम का डोर खुला और कामया वैसे बिना कपड़ों के बाहर आई थी मुस्कुराती हुई
कामया- प्यास लगी है चाचा हाँ…
भीमा जल्दी से पानी की बोतल रखकर खड़ा हो गया था धोती अभी तक बाँधी नहीं थी उसने अंडरवेर बाँधा नही था कमर के चारो ओर बस लपेटा हुआ था और बाकी का हाथ में था ऊपर फटुआ पहने हुआ था
कामया- उधर उस अलमारी के अंदर है तुम्हारी चीज जाओ और जितना पी सको पिलो
एक ओर अपने हाथों को उठाकर कामया ने इशारा किया था भीमा नहीं जानता था कि क्या है वहाँ पर इशारे की ओर बढ़ा था अलमारी के अंदर तरह तरह की इंग्लीश दारू की बोतल रखी थी एक बार पलटकर कामया की ओर देखा था कामया के इशारे पर ही उसने एक बोतल उठा ली थी और बिना पीछे देखे ही बोतल पर मुँह लगा लिया था एक साथ उसने कई घूँट भरे थे और पलटकर कामया की ओर देखा था
कामया .. क्यों अच्छी है ना कभी पी है
भीमा- जी नहीं बहू पहली बार ही इतनी महेंगी पी रहा हूँ
और फिर एक साथ थोड़ी बहुत और उतार ली थी अपने अंदर एक नई जान अपने अंदर भरते हुए पाया था उसने कामया जो की अभी भी बेड के किनारे पर खड़ी थी भीमा की ओर देखती हुई धीरे-धीरे बेड पर लेट गई थी जैसे उसे निमंत्रण दे रही है लेट-ते ही उसने अपनी एक जाँघ को उठा कर दूसरे जाँघ पर रख लिया था और सिर के नीचे एक हाथ रखकर भीमा की ओर देखती रही थी और अपनी हथेली को धीरे-धीरे जाँघो से लेकर कमर से लेते हुए अपनी चुचियों पर ले आई थी
और नजर उठाकर फिर से एक बार भीमा की ओर देखा था उूउउफफफ्फ़ क्या नज़ारा था शानदार नरम बेड पर एक हसीना बिल्कुल नंगी और इस तरह का आमंत्रण दो तीन घूँट और अंदर जाते ही भीमा के अंदर एक पुरुष फिर से जाग गया था धोती तो नीचे गिर गया था पर फटुआ और अंडरवेयर अब भी उसके शरीर में था एकटक वो कामया देख रहा था जागा तब जब कामया की आवाज उसके कानों में टकराई थी
कामया- क्या देख रहे हो चाचा देखते ही रहोगे
भीमा क्या जबाब देता जल्दी से बेड की ओर बढ़ा था
कामया- यह ठीक नहीं है चाचा में तो इधर कुछ नहीं पहने हूँ और आप सबकुछ पहेने हुए हो हाँ…
भीमा जल्दी से बेड के साइड में खड़ा हुआ अपने कपड़ों से लड़ने लगा था एक साथ ही उसने अपने दोनों कपड़ों को शरीर से अलग कर दिया था और लगभग कूदता हुआ सा बेड पर चढ़ गया था कामया वैसे ही उसकी ओर कमर को उँचा करके लेटी रही थी एकटक उसकी ओर देखती हुई भीमा जल्दी से पीछे की ओर से उसके शरीर को अपनी बाहों में लेने की कोशिश करने लगा था उसके उठे हुए नितंब उसे एक अनौखा निमंत्रण दे रहे थे पीछे से देखने में गजब का लग रहा था दोनों जाँघो के जुड़े होने के बाद भी एक गहरी सी गहराई उसे दिख रही थी ना चाहते हुए भी भीमा अपनी हथेली उस जगह में ले गया था और धीरे से कामया को अपनी बाहों मे भर लिया था वो अपनी बाहों को नीचे से लेजाकर उसकी चुचियों को धीरे-धीरे दबाने लगा था और अपनी एक हथेली से उसके नितंबों को सहलाता हुआ ऊपर से नीचे की ओर जा रहा था कामया इंतजार में ही थी कि कब भीमा जागे और आगे बढ़े वो अपने आपको पूरा बेड से लगाकर लेट गई थी और भीमा को पूरी आ जादी दे-दी थी भीमा भी अपनी आजादी का पूरा लुफ्त उठाने को तैयार था विदेशी शराब के अंदर जाते ही वो एक बार फिर से जवान हो उठा था