hotaks444
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धीरज ने अपनी रिसर्च को याद करते हुए, और एक घुटने पर से हाथ हटाते हुए, जिस से वो तान्या की चूत के दाने को मसल सके, बोला, "ऐसा करने से तुमको आराम मिलेगा.” चूत के दाने पर अपने अंगूठे को लगाते हुए, वो चूत के दाने को गोल गोल घिसने लगा, और अपने लंड को थोड़ा सा गान्ड के छेद में से बाहर निकालने लगा. जब लंड तान्या की गान्ड में से आधा बाहर निकल आया, तो धीरज ने अपने अंगूठे को चूत में घुसा दिया, और हथेली को हल्की हल्की झान्टो के त्रिकोण पर रख दिया, जिस से चूत का दाना अब उसके अंगूठे और हथेली की बीच था. चूत के दाने को अपनी हथेली से सहलाते हुए, धीरज ने फिर से अपना पूरा लंड तान्या की गान्ड में घुसा दिया.
तान्या अपने आप को बेहद असहाय महसूस कर रही थी, गठरी बने हुए, अपने पति के जीजा से अपनी गान्ड मरवा रही थी. तान्या कुछ सोच रही थी, वो बिल्कुल हिलडुल भी नही पा रही थी, उसकी गान्ड में आग लगी हुई थी, और वो धीरज की दया के उपर निर्भर थी. लेकिन तभी उसको महसूस हुआ कि उसकी चूत में मानो आग लग गयी थी, धीरज उसकी चूत के दाने को सहला रहा था, और चूत को अपने अंगूठे से चोद रहा था. तान्या अपनी चूत को उसके अंगूठे के उपर उछालने लगी, लेकिन ऐसा करने से धीरज का लंड उसकी गान्ड में और ज़्यादा अंदर तक घुसना शुरू हो गया. बेहनचोद! इस से अच्छा तो तभी था जब उसने अपने घुटनों को मोड़ कर टाँगों को उठा रखा था. तान्या ने फिर से अपने घुटनों को पकड़ लिया, और अपनी गान्ड को धीरज के झटकों से निपटने के लिए उपर उठा लिया.
धीरज बड़े आराम आराम से धीरे धीरे तान्या की गान्ड में लंड और और चूत में अंगूठा घुसा के मार रहा था. जब उसका लंड गान्ड में से बाहर निकलता तो वो तान्या की चूत में अनूठा घुसा देता, और जब चूत में से अंगूठा बाहर निकालता तो गान्ड में लंड पेल देता. कुछ ही देर में तान्या भी गान्ड उठा उठा के उसकी ताल से ताल मिलाने लगी.
"हे भगवान!" तान्या कराही, वो चूत और गान्ड दोनो पर हो रहे दोहरे हमले से झडने के बेहद करीब पहुँच चुकी थी. उसकी गान्ड का छेद भी अब फैल कर चौड़ा हो गया था, जिस की वजह से दर्द भी पहले से कम हो रहा था, और चूत में घुसा हुआ धीरज का अंगूठा उसकी चूत से निकल रहे रस में डूबा हुआ था.
तान्या को गान्ड मरवाने का मज़ा लेते देख धीरज ने भी एक संतुष्टि भरी गहरी साँस ली. धीरज नही चाहता था कि तान्या को किसी प्रकार का कष्ट हो, लेकिन वो उसकी गान्ड मारे बिना मानने वाला भी नही था. अब वो दोनो गान्ड मारने और मरवाने का भरपूर मज़ा ले रहे थे, और तान्या अपनी गान्ड उठा उठा के धीरज के लंड को अपने अंदर घुस्वा रही थी.
धीरज को विश्वास नही हो रहा था, कि वो सच में अपनी सलहज तान्या की गान्ड मार रहा है.
तान्या की चूत झडते हुए धीरज के अंगूठे के गिर्द ऐंठने लगी, और वो खुद काँपने लगी. अगली बार जब धीरज ने उसकी चूत में से अंगूठा निकाला और गान्ड में लंड को पेला तो तान्या ने उसका गान्ड उछाल कर साथ नही दिया. धीरज ने तान्या की गान्ड में लंड के दो चार झटके और लगाए और फिर ढेर सारा वीर्य का पानी उसकी गान्ड में पिचकारी मार मार के उंड़ेल दिया, आज उसके गोलाईयों ने कुछ ज़्यादा ही पानी छोड़ा था.
"बेहनचोद!" कहते हुए धीरज ने एक गहरी साँस ली, और फिर अपने ढीले हो रहे लंड को तान्या की गान्ड में से बाहर खींच लिया, और तान्या की टाँगों को बेड पर सीधा होने दिया. धीरज निढाल होकर तान्या के पास लेट गया, और हान्फते हुए तान्या की तरफ देखकर मुस्कुराने लगा.
"तुम ठीक हो ना?" धीरज ने चुप्पी तोड़ते हुए झेन्पते हुए पूछा.
"हां," तान्या ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया. "मैने नही सोचा था कि ये सब होगा," वो मुस्कुराइ, "लेकिन मैं आज बहुत अच्छा वाली हुई हूँ! अब मुझे पता चला औरतों को ऐसा करवाना क्यों पसंद है, लेकिन एक बार तो ऐसा लगा रहा था जैसे तुम मेरी गान्ड को फाड़ ही दोगे."
"आइ'म सॉरी," धीरज बोला.
"ये मेरा ही आइडिया था, लेकिन जिस तरह से तुमने मेरी गान्ड छील दी है, इसको ठीक होने में थोड़ा समय लगेगा." तान्या ने कहते हुए धीरज को किस कर लिया. "तुमको सॉरी फील होने की कोई ज़रूरत नही है." तान्या ने बातों का सब्जेक्ट चेंज करते हुए पूछा, “और डॉली दीदी के साथ कैसा चल रहा है?"
धीरज ने उसको बताया कैसे पहले तो डॉली ने नया नाइट्गाउन पहना था, और कल रात तो पूरी नंगी होकर ही बेड पर आ गयी थी.
"मुझे कुछ सूझ ही नही रहा था कि मुझे क्या करना चाहिए था," धीरज बोला.
"हे भगवान, धीरज क्या हो गया है तुम को!" तान्या ने उसको झिड़कते हुए कहा. "क्या तुम डॉली दीदी को चुदाई की पहल करते हुए नही देख सकते हो? कहीं इतनी देर मत कर देना कि डॉली दीदी को तुम्हारा लंड पकड़कर अपनी चूत में घुसाना पड़े!"
"मेरा कल मूड ही नही था," धीरज ने करवट लेते हुए कहा. "मैं अगले दिन यानी आज तुम्हारे साथ करने के बारे में सोच रहा था..." तान्या बेड से उतर कर खड़ी हो गयी और धीरज की तरफ घूर कर देखा.
"ओह नो!" तान्या चीख कर बोली, और अपनी एक उंगली धीरज को दिखाने लगी. “ये सब ऐसे नही चलने वाला, मैं तुम्हारी गर्ल फ्रेंड या कोई कॉलगर्ल या रंडी नही हूँ. ये तुम ग़लत कर रहे हो. मुझको तुम्हारा अपनी बीवी के प्रति ऐसा बर्ताव बिल्कुल पसंद नही है.” तान्या ने उसको प्लैन सिंपल भाषा में समझाने की कोशिश की. “तुम अपनी बीवी के साथ बर्ताव के लिए मुझे किसी तरह का एक्सक्यूस नही बना सकते हो,” तान्या वहीं पर खड़ी रहकर धीरज को खरी खोटी सुना रही थी. गुस्से में ज़ोर ज़ोर से बोलने के कारण, और बार बार मुट्ठी भींचने की वजह से उसकी चूंचियाँ उपर नीचे हो रही थी.
"मैं तुमको किसी चीज़ के लिए एक्सक्यूस नही बना रहा हूँ," धीरज धीरे से बोला, "और मुझे मालूम है कि जो कुछ मैं कर रहा हूँ वो सही है!" धीरज ने तान्या को सफाई देने की कोशिश की. "बस मेरा कल रात को मूड नही था, दट'स ऑल."
"ठीक है, लेकिन आज तुम्हारा मूड ज़रूर रहेगा," तान्या बेड के किनारे पर बैठते हुए बोली. जितनी जल्दी उसको गुस्सा आया था उतना ही जल्दी वो शांत भी हो गयी. “आज मैं तुमको तुम्हारे घर बिल्कुल तय्यार, और सेक्सी मूड में भेजूँगी,” तान्या ने सख़्त लहजे में कहा. “चलो, आओ अब शवर में नहा कर फ्रेश हो जाते हैं. तुम्हारा ये लंड बहुत शैतान है,” तान्या हंसते हुए बोली और धीरज के हिप्स पर एक चपत लगा दी, और फिर बाथरूम में घुस गयी.
धीरज भी उसके पीछे पीछे शवर लेने के लिए बाथरूम में घुस गया, अगले आधे घंटे तक दोनो एक दूसरे के नंगे शरीर पर साबुन लगाते रहे. तान्या बहुत देर तक धीरज के लंड और टट्टों पर साबुन मालती रही, और खड़े हो चुके लंड पर हाथ फिराती रही, और नाखूनों से टट्टों और गोलियों को छेड़ती रही. जब दोनो ने साबुन को पानी से धो लिया, तान्या बाथरूम के फर्श पर बैठ गयी, और धीरज उसकी साँसों को अपने खड़े लंड पर महसूस करने लगा, तान्या ने लंड को एक हाथ से पकड़ा और लंड के निचले हिस्से को पूरी लंबाई तक अपनी जीभ से चाट लिया.
"म्म्म्मम," धीरज ने अपनी आँखें बंद कर ली, जैसे ही तान्या की जीभ ने उसके लंड के सुपाडे को छूआ, और सुपाडे के मूँह पर बने छोटे से छेद को अपनी जीभ को नोकदार बनाकर छेद दिया. फिर लंड को अपने मूँह में लेते हुए, तान्या ने पहले लंड को अपने गालों में घुसाया और फिर अपने गले की तरफ ले गयी. बेहनचोद! वो उसको गले में घुसा रही थी! धीरज ने तान्या के बालों को पकड़ लिया और फिर से पूरी तरह खड़े हो चुके लंड को तान्या के मूँह में पेलने लगा.
"ओह तान्या!" धीरज बोला, उसको अपनी गोलियों में फिर से टेन्षन महसूस होने लगी थी, और वो अपनी उंगलियों को अपनी सलहज के बालों में फँसा कर खींच रहा था.
"हुह उः!" अपने बालों में से उसके हाथ को, और मूँह में से उसके लंड को बाहर निकालते हुए तान्या मुस्कुरा कर बोली, "डॉली के लिए भी कुछ बचा लो."
"कम ऑन, तान्या!" धीरज गिडगिडाते हुए बोला. "मैं बस झड़ने ही वाला था!"
अपनी चूंचियों को उसकी छाती से दबाते हुए और अपनी चूत को उसके लंड पर रगड़ते हुए तान्या ने अपनी बाहें धीरज के गले में डाल दी.
"मुझे मालूम है, पर डॉली दीदी का भी कुछ हक़ है, धीरज," तान्या उसकी गान्ड की गोलाईयों को अपनी हथेलियों में भरते हुए और उसके लंड पर सवार होने की कोशिश करते हुए बोली. “चलो अब तुम यहाँ से चले जाओ, वो धीरज से जैसे ही दूर हुई, उसी समय दोनो जांघों में से लंड किसी स्प्रिंग की तरह बाहर निकल आया.
धीरज बस तान्या की तरफ देखता रह गया. तान्या वहीं पर शवर के नीचे नंगी खड़ी थी, उसके खड़े हुए निपल्स धीरज को चिढ़ा रहे थे, और उसकी हल्की हल्की झान्टो से धकि चूत उसको अपने पास बुला रही थी. हे भगवान! शायद तान्या सही कह रही थी, लेकिन वो सब इस वक़्त इतना इंपॉर्टेंट नही था.
"ओके," धीरज एक गहरी साँस लेते हुए बोला. "मैं डॉली को आज ज़रूर चोदुन्गा, लेकिन वो तो देर रात में होगा ना," वो दलील देते हुए बोला. "क्या हम अभी बस एक बार कर लें? तुमको मालूम है जब तक तो मैं फिर से तय्यार हो जाउन्गा."
"धीरज, ध्यान से सुनो" तान्या उसके पास आकर उसका हाथ पकड़ते हुए बोली. "इसको छू कर देखो?" तान्या ने उसको पूछा, और धीरज की उंगलियों को पानी गीली गीली चूत पर घिस कर उसको एहसास करवाया. "मेरा भी तुम्हारी तरह बहुत मन कर रहा है, और मुझे ये भी मालूम है कि अगर हम अभी कर लेंगे फिर भी तुम डॉली दीदी को चोद दोगे..."
"तो फिर क्या प्राब्लम है..." धीरज ने दलील देते हुए पूछा.
"लेकिन अगर हम अभी नही करते हैं तो तुम और ज़्यादा जोश के साथ डॉली दीदी के साथ कर पाओगे," तान्या उसका हाथ हटाते हुए और शवर के नीचे से बाहर आते हुए बोली. "नेक्स्ट वीक के लिए कार्ड्स निकालोगे?" तान्या ने पूछा.
"हां क्यों नही," धीरज मायूसी के साथ तान्या के पीछे पीछे शवर से बाहर आते हुए बोला.
"हे, चियर अप," तान्या बोली. "तुमने आज तीनों जगह मेरी चूत में, मेरी गान्ड में और मेरे मूँह में अपना लंड घुसाया है, मैने किसी के लिए तुमको मना नही किया,” वो अपनी पैंटी को उठाते हुए और कपड़े पहनते हुए धीरज को किस करते हुए बोली.
"तुम सही कह रही हो," धीरज भी अपने कपड़े पहनते हुए और नेक्स्ट वीक के लिए कार्ड निकालते हुए बोला. तान्या ने 69 पोज़ वाला, और धीरज ने डॉगी स्टाइल में गान्ड मारने वाला कार्ड निकाला. अपनी नज़रें उँची करे हुए धीरज ने तान्या की तरफ देखा, तान्या ने भी अपने कंधे उँचका दिए.
"तुम्हारी बीवी तुम्हारा इंतेजार कर रही होगी," तान्या मुस्कुरा कर बोली, और फिर दोनो ने एक दूसरे को प्यार से किस किया, और फिर रूम से बाहर निकल गये.
"तुम्हारी बीवी तुम्हारा इंतेजार कर रही होगी," तान्या मुस्कुरा कर बोली, और फिर दोनो ने एक दूसरे को प्यार से किस किया, और फिर रूम से बाहर निकल गये.
धीरज जब घर लौट कर आया, तब तक डॉली ने डिन्नर रेडी कर रखा था.
तान्या अपने आप को बेहद असहाय महसूस कर रही थी, गठरी बने हुए, अपने पति के जीजा से अपनी गान्ड मरवा रही थी. तान्या कुछ सोच रही थी, वो बिल्कुल हिलडुल भी नही पा रही थी, उसकी गान्ड में आग लगी हुई थी, और वो धीरज की दया के उपर निर्भर थी. लेकिन तभी उसको महसूस हुआ कि उसकी चूत में मानो आग लग गयी थी, धीरज उसकी चूत के दाने को सहला रहा था, और चूत को अपने अंगूठे से चोद रहा था. तान्या अपनी चूत को उसके अंगूठे के उपर उछालने लगी, लेकिन ऐसा करने से धीरज का लंड उसकी गान्ड में और ज़्यादा अंदर तक घुसना शुरू हो गया. बेहनचोद! इस से अच्छा तो तभी था जब उसने अपने घुटनों को मोड़ कर टाँगों को उठा रखा था. तान्या ने फिर से अपने घुटनों को पकड़ लिया, और अपनी गान्ड को धीरज के झटकों से निपटने के लिए उपर उठा लिया.
धीरज बड़े आराम आराम से धीरे धीरे तान्या की गान्ड में लंड और और चूत में अंगूठा घुसा के मार रहा था. जब उसका लंड गान्ड में से बाहर निकलता तो वो तान्या की चूत में अनूठा घुसा देता, और जब चूत में से अंगूठा बाहर निकालता तो गान्ड में लंड पेल देता. कुछ ही देर में तान्या भी गान्ड उठा उठा के उसकी ताल से ताल मिलाने लगी.
"हे भगवान!" तान्या कराही, वो चूत और गान्ड दोनो पर हो रहे दोहरे हमले से झडने के बेहद करीब पहुँच चुकी थी. उसकी गान्ड का छेद भी अब फैल कर चौड़ा हो गया था, जिस की वजह से दर्द भी पहले से कम हो रहा था, और चूत में घुसा हुआ धीरज का अंगूठा उसकी चूत से निकल रहे रस में डूबा हुआ था.
तान्या को गान्ड मरवाने का मज़ा लेते देख धीरज ने भी एक संतुष्टि भरी गहरी साँस ली. धीरज नही चाहता था कि तान्या को किसी प्रकार का कष्ट हो, लेकिन वो उसकी गान्ड मारे बिना मानने वाला भी नही था. अब वो दोनो गान्ड मारने और मरवाने का भरपूर मज़ा ले रहे थे, और तान्या अपनी गान्ड उठा उठा के धीरज के लंड को अपने अंदर घुस्वा रही थी.
धीरज को विश्वास नही हो रहा था, कि वो सच में अपनी सलहज तान्या की गान्ड मार रहा है.
तान्या की चूत झडते हुए धीरज के अंगूठे के गिर्द ऐंठने लगी, और वो खुद काँपने लगी. अगली बार जब धीरज ने उसकी चूत में से अंगूठा निकाला और गान्ड में लंड को पेला तो तान्या ने उसका गान्ड उछाल कर साथ नही दिया. धीरज ने तान्या की गान्ड में लंड के दो चार झटके और लगाए और फिर ढेर सारा वीर्य का पानी उसकी गान्ड में पिचकारी मार मार के उंड़ेल दिया, आज उसके गोलाईयों ने कुछ ज़्यादा ही पानी छोड़ा था.
"बेहनचोद!" कहते हुए धीरज ने एक गहरी साँस ली, और फिर अपने ढीले हो रहे लंड को तान्या की गान्ड में से बाहर खींच लिया, और तान्या की टाँगों को बेड पर सीधा होने दिया. धीरज निढाल होकर तान्या के पास लेट गया, और हान्फते हुए तान्या की तरफ देखकर मुस्कुराने लगा.
"तुम ठीक हो ना?" धीरज ने चुप्पी तोड़ते हुए झेन्पते हुए पूछा.
"हां," तान्या ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया. "मैने नही सोचा था कि ये सब होगा," वो मुस्कुराइ, "लेकिन मैं आज बहुत अच्छा वाली हुई हूँ! अब मुझे पता चला औरतों को ऐसा करवाना क्यों पसंद है, लेकिन एक बार तो ऐसा लगा रहा था जैसे तुम मेरी गान्ड को फाड़ ही दोगे."
"आइ'म सॉरी," धीरज बोला.
"ये मेरा ही आइडिया था, लेकिन जिस तरह से तुमने मेरी गान्ड छील दी है, इसको ठीक होने में थोड़ा समय लगेगा." तान्या ने कहते हुए धीरज को किस कर लिया. "तुमको सॉरी फील होने की कोई ज़रूरत नही है." तान्या ने बातों का सब्जेक्ट चेंज करते हुए पूछा, “और डॉली दीदी के साथ कैसा चल रहा है?"
धीरज ने उसको बताया कैसे पहले तो डॉली ने नया नाइट्गाउन पहना था, और कल रात तो पूरी नंगी होकर ही बेड पर आ गयी थी.
"मुझे कुछ सूझ ही नही रहा था कि मुझे क्या करना चाहिए था," धीरज बोला.
"हे भगवान, धीरज क्या हो गया है तुम को!" तान्या ने उसको झिड़कते हुए कहा. "क्या तुम डॉली दीदी को चुदाई की पहल करते हुए नही देख सकते हो? कहीं इतनी देर मत कर देना कि डॉली दीदी को तुम्हारा लंड पकड़कर अपनी चूत में घुसाना पड़े!"
"मेरा कल मूड ही नही था," धीरज ने करवट लेते हुए कहा. "मैं अगले दिन यानी आज तुम्हारे साथ करने के बारे में सोच रहा था..." तान्या बेड से उतर कर खड़ी हो गयी और धीरज की तरफ घूर कर देखा.
"ओह नो!" तान्या चीख कर बोली, और अपनी एक उंगली धीरज को दिखाने लगी. “ये सब ऐसे नही चलने वाला, मैं तुम्हारी गर्ल फ्रेंड या कोई कॉलगर्ल या रंडी नही हूँ. ये तुम ग़लत कर रहे हो. मुझको तुम्हारा अपनी बीवी के प्रति ऐसा बर्ताव बिल्कुल पसंद नही है.” तान्या ने उसको प्लैन सिंपल भाषा में समझाने की कोशिश की. “तुम अपनी बीवी के साथ बर्ताव के लिए मुझे किसी तरह का एक्सक्यूस नही बना सकते हो,” तान्या वहीं पर खड़ी रहकर धीरज को खरी खोटी सुना रही थी. गुस्से में ज़ोर ज़ोर से बोलने के कारण, और बार बार मुट्ठी भींचने की वजह से उसकी चूंचियाँ उपर नीचे हो रही थी.
"मैं तुमको किसी चीज़ के लिए एक्सक्यूस नही बना रहा हूँ," धीरज धीरे से बोला, "और मुझे मालूम है कि जो कुछ मैं कर रहा हूँ वो सही है!" धीरज ने तान्या को सफाई देने की कोशिश की. "बस मेरा कल रात को मूड नही था, दट'स ऑल."
"ठीक है, लेकिन आज तुम्हारा मूड ज़रूर रहेगा," तान्या बेड के किनारे पर बैठते हुए बोली. जितनी जल्दी उसको गुस्सा आया था उतना ही जल्दी वो शांत भी हो गयी. “आज मैं तुमको तुम्हारे घर बिल्कुल तय्यार, और सेक्सी मूड में भेजूँगी,” तान्या ने सख़्त लहजे में कहा. “चलो, आओ अब शवर में नहा कर फ्रेश हो जाते हैं. तुम्हारा ये लंड बहुत शैतान है,” तान्या हंसते हुए बोली और धीरज के हिप्स पर एक चपत लगा दी, और फिर बाथरूम में घुस गयी.
धीरज भी उसके पीछे पीछे शवर लेने के लिए बाथरूम में घुस गया, अगले आधे घंटे तक दोनो एक दूसरे के नंगे शरीर पर साबुन लगाते रहे. तान्या बहुत देर तक धीरज के लंड और टट्टों पर साबुन मालती रही, और खड़े हो चुके लंड पर हाथ फिराती रही, और नाखूनों से टट्टों और गोलियों को छेड़ती रही. जब दोनो ने साबुन को पानी से धो लिया, तान्या बाथरूम के फर्श पर बैठ गयी, और धीरज उसकी साँसों को अपने खड़े लंड पर महसूस करने लगा, तान्या ने लंड को एक हाथ से पकड़ा और लंड के निचले हिस्से को पूरी लंबाई तक अपनी जीभ से चाट लिया.
"म्म्म्मम," धीरज ने अपनी आँखें बंद कर ली, जैसे ही तान्या की जीभ ने उसके लंड के सुपाडे को छूआ, और सुपाडे के मूँह पर बने छोटे से छेद को अपनी जीभ को नोकदार बनाकर छेद दिया. फिर लंड को अपने मूँह में लेते हुए, तान्या ने पहले लंड को अपने गालों में घुसाया और फिर अपने गले की तरफ ले गयी. बेहनचोद! वो उसको गले में घुसा रही थी! धीरज ने तान्या के बालों को पकड़ लिया और फिर से पूरी तरह खड़े हो चुके लंड को तान्या के मूँह में पेलने लगा.
"ओह तान्या!" धीरज बोला, उसको अपनी गोलियों में फिर से टेन्षन महसूस होने लगी थी, और वो अपनी उंगलियों को अपनी सलहज के बालों में फँसा कर खींच रहा था.
"हुह उः!" अपने बालों में से उसके हाथ को, और मूँह में से उसके लंड को बाहर निकालते हुए तान्या मुस्कुरा कर बोली, "डॉली के लिए भी कुछ बचा लो."
"कम ऑन, तान्या!" धीरज गिडगिडाते हुए बोला. "मैं बस झड़ने ही वाला था!"
अपनी चूंचियों को उसकी छाती से दबाते हुए और अपनी चूत को उसके लंड पर रगड़ते हुए तान्या ने अपनी बाहें धीरज के गले में डाल दी.
"मुझे मालूम है, पर डॉली दीदी का भी कुछ हक़ है, धीरज," तान्या उसकी गान्ड की गोलाईयों को अपनी हथेलियों में भरते हुए और उसके लंड पर सवार होने की कोशिश करते हुए बोली. “चलो अब तुम यहाँ से चले जाओ, वो धीरज से जैसे ही दूर हुई, उसी समय दोनो जांघों में से लंड किसी स्प्रिंग की तरह बाहर निकल आया.
धीरज बस तान्या की तरफ देखता रह गया. तान्या वहीं पर शवर के नीचे नंगी खड़ी थी, उसके खड़े हुए निपल्स धीरज को चिढ़ा रहे थे, और उसकी हल्की हल्की झान्टो से धकि चूत उसको अपने पास बुला रही थी. हे भगवान! शायद तान्या सही कह रही थी, लेकिन वो सब इस वक़्त इतना इंपॉर्टेंट नही था.
"ओके," धीरज एक गहरी साँस लेते हुए बोला. "मैं डॉली को आज ज़रूर चोदुन्गा, लेकिन वो तो देर रात में होगा ना," वो दलील देते हुए बोला. "क्या हम अभी बस एक बार कर लें? तुमको मालूम है जब तक तो मैं फिर से तय्यार हो जाउन्गा."
"धीरज, ध्यान से सुनो" तान्या उसके पास आकर उसका हाथ पकड़ते हुए बोली. "इसको छू कर देखो?" तान्या ने उसको पूछा, और धीरज की उंगलियों को पानी गीली गीली चूत पर घिस कर उसको एहसास करवाया. "मेरा भी तुम्हारी तरह बहुत मन कर रहा है, और मुझे ये भी मालूम है कि अगर हम अभी कर लेंगे फिर भी तुम डॉली दीदी को चोद दोगे..."
"तो फिर क्या प्राब्लम है..." धीरज ने दलील देते हुए पूछा.
"लेकिन अगर हम अभी नही करते हैं तो तुम और ज़्यादा जोश के साथ डॉली दीदी के साथ कर पाओगे," तान्या उसका हाथ हटाते हुए और शवर के नीचे से बाहर आते हुए बोली. "नेक्स्ट वीक के लिए कार्ड्स निकालोगे?" तान्या ने पूछा.
"हां क्यों नही," धीरज मायूसी के साथ तान्या के पीछे पीछे शवर से बाहर आते हुए बोला.
"हे, चियर अप," तान्या बोली. "तुमने आज तीनों जगह मेरी चूत में, मेरी गान्ड में और मेरे मूँह में अपना लंड घुसाया है, मैने किसी के लिए तुमको मना नही किया,” वो अपनी पैंटी को उठाते हुए और कपड़े पहनते हुए धीरज को किस करते हुए बोली.
"तुम सही कह रही हो," धीरज भी अपने कपड़े पहनते हुए और नेक्स्ट वीक के लिए कार्ड निकालते हुए बोला. तान्या ने 69 पोज़ वाला, और धीरज ने डॉगी स्टाइल में गान्ड मारने वाला कार्ड निकाला. अपनी नज़रें उँची करे हुए धीरज ने तान्या की तरफ देखा, तान्या ने भी अपने कंधे उँचका दिए.
"तुम्हारी बीवी तुम्हारा इंतेजार कर रही होगी," तान्या मुस्कुरा कर बोली, और फिर दोनो ने एक दूसरे को प्यार से किस किया, और फिर रूम से बाहर निकल गये.
"तुम्हारी बीवी तुम्हारा इंतेजार कर रही होगी," तान्या मुस्कुरा कर बोली, और फिर दोनो ने एक दूसरे को प्यार से किस किया, और फिर रूम से बाहर निकल गये.
धीरज जब घर लौट कर आया, तब तक डॉली ने डिन्नर रेडी कर रखा था.