hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
मैने खुश होकर, उसको अपनी बाहों में उठा लिया, और नीचे लिटाते हुए उसको अपने उपर ले लिया. एक दम ऐसा करने से तान्या की हल्की सी चीख निकल गयी, और फिर उसने अपने शरीर से मेरे बदन को ढक लिया. इस पोज़ में दीदी को मैं अपने सामने कर्टन के पीछे से देखते हुए देख सकता था, लेकिन तान्या की पीठ दीदी की तरफ थी, इसलिए कोई ख़तरा नही था. तान्या ने मेरे चेहरे को अपनी आतूरता, जल्दी और जोरदार किस्सस से भर दिया, और बोली, “अगर हम फिर से तुरंत अभी करें तो कैसा रहेगा?”
"आह नही बाबा" मैने एक गहरी साँस लेते हुए कहा, और उसकी गान्ड पर एक हल्की सी चपत लगा दी, और बोला, “पुरुषों का शरीर इतना जल्दी दोबारा चुदाई के लिए तय्यार नही होता, उनको थोड़ा रेस्ट लेने की ज़रूरत पड़ती है." मैं सोच रहा था, कहीं धीरज उठ ना जाए, मैं चाहता था कि दीदी अपने रूम में चली जायें उसके बाद तान्या को घोड़ी बना के चोदुन्गा.
"कितना रेस्ट, मैं टाय्लेट में फ्रेश होकर आती हूँ, फिर देखती हूँ तुम कितना रेस्ट कर पाते हो?" उसने मेरे कान के निचले हिस्से को अपने दाँतों से काटते हुए पूछा.
"कुछ दिनों में सब पता चल जाएगा," मैं मुस्कुराते हुए बोला.
तान्या मेरी छाती पर अपने हाथ फिराते हुए बोली, “सच में राज बहुत मज़ा आया. तुम बहुत अच्छा चोदते हो.”
"ओह क्या करूँ मेरी बीवी है ही इतनी ज़्यादा सेक्सी."मेरी बात सुनकर, तान्या मंद मंद मुस्कुरा उठी.
मैने कर्टन के पीछे छुपी दीदी की तरफ देखा, वो भी मुस्कुरा रही थी.
जैसे ही तान्या टाय्लेट में घुसी, मैने दीदी कर्टन के पीछे से बाहर निकल आई और धीरे से चुपचाप डोर खोल कर अपने रूम की तरफ चली गयी. मैने अपने हनिमून सूयीट का डोर फिर से लॉक कर लिया.
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
वर्तमान में .....................
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
पायल- क्या बात है राज तुमने तो अपनी दीदी के सामने ही अपनी सुहागरात मना ली थी
रजनी- अरे यार तू थोड़ी देर चुप नही रह सकती थी कितना मज़ा आ रहा था राज की कहानी में तूने सारा मज़ा खराब कर दिया
पायल - भाभी मैं क्या करती देखो मेरी चूत का क्या हाल हो गया है कितना पानी छोड़ रही है मेरी चटमेन आग लगी हुई है पहले इस की प्यास बुझवाओ वरना मैं पागल हो जाउन्गी
रजनी- रंडी अभी कुछ देर पहले ही तो तूने चूत में लंड लिया था
भाभी प्लीज़ मेरी चूत में आग लगी हुई है इतना कहकर मैने राज के लंड को अपने हाथों मे लिया और मैं प्यार से राज के विशाल लंड पे आगे पीछे हाथ फेरने लगी. मेरी उंगलिओ के घेरे में तो उसका लंड आ नहीं रहा था. राज ने मुझे बाहों में भर लिया और मेरे होंठों को चूमने लगा. एक हाथ उसने मेरी टाँगों के बीच डाल दिया और मेरी चूत को अपनी मुट्ठी में भर लिया. धीरे धीरे वो मेरी चूत हाथ फेर रहा था और कभी कभी चूत की दोनो फांकों के बीच उंगली रगड़ देता. फिर उसने दोनो हाथों से मेरे विशाल चुतड़ों को सहलाना शुरू कर दिया और उसका लंड मेरी चूत से टकराने लगा. मैने पंजों के बल ऊपर हो कर उसके लंड को अपनी टाँगों के बीच में ले लिया. ऐसा लग रहा था जैसे मैं किसी पेड़ की मोटी टहनी पे टाँगें दोनो तरफ किए लटक रही थी. राज का उतावलापन बढ़ता जा रहा था. मेरे चुतड़ों को मसलता हुआ बोला, रंडी तेरे चूतड़ भी बहुत सेक्सी हैं.” मैं वासना की आग में बुरी तरह जल रही थी. राज फिर बोला,
“ अब चोदु मेरी रांड़?”
“ हुउँ, चोद ले”. राज ने मुझे अपनी बाहों में उठा के बिस्तेर पर चित लिटा दिया. उसने मेरी टाँगों को चौड़ा किया और मोड़ के मेरी छाति से लगा दिया. इस मुद्रा में मेरी फूली हुई चूत और भी ज़्यादा उभर आई और उसका मुँह ऐसे खुल गया जैसे बरसों से लंड की प्यासी हो. राज गौर से मेरी चूत के खुले हुए छेद को देख रहा था. फिर अचानक उसने मेरी टाँगों के बीच मुँह डाल दिया. वो जीभ से मेरी चूत के खुले हुए होंठों को चाटने लगा.
आ….अया राज ये क्या कर रहे हो ? एयाया………..” बहुत मज़ा आ रहा था. राज चूत के कटाव में और कभी चूत के अंदर जीभ पेलने लगा. वो मस्त होकर मेरी चूत चाट रहा था . उसने मेरी चूत को अच्छी तरह चाटा और जितनी अंदर जीभ डाल सकता था उतनी अंदर जीभ को घुसेड़ा. मेरी चूत बुरी तरह रस छोड़ रही थी. मेरे मुँह से “ …एयेए, …. ऊ उवई माआअ…. अयाया” जैसे वासना भरे शब्दों को सुन कर उसका जोश और भी बढ़ गया था. मैने भी जोश में आ कर उसका मुँह अपनी चूत पे मसल दिया. मेरी चूत तो गीली थी ही, राज का चेहरा मेरे रस से सन गया. मुझ से और नहीं सहा जा रहा था. एक बार तो झाड़ भी चुकी थी. मैं राज के मुँह को अपनी चूत पे रगड़ते हुए बोली,
“ बस करो राज, अब चोद अपनी रांड़ को.” राज ने उठ कर अपने मोटे लंड का सुपाड़ा मेरी चूत के छेद पर टीका दिया,
“ इज़ाज़त हो तो पेल दूं मेरी रंडी?”
“ ऊओफ़ मेरे मालिक ! अब तंग मत करो. इतनी देर से टाँगें चौड़ी कर के अपनी चूत तुम्हारे हवाले क्यों की हुई है? अब चोद भी दो मेरे राजा.”
“ तो ये ले मेरी रंडी.” ये कहते हुए राज ने एक ज़ोर का धक्का लगा दिया.
“ ओउइ मया…….आ…..आआआः धीरे, तुम्हारा बहुत मोटा है.” राज का लंड फ़च से मेरी चूत को चीरता हुआ 4 इंच अंदर घुस गया. उसने एक बार फिर लंड को बाहर खींच के एक और ज़ोर का धक्का लगाया.
“ आआआअ……हह….ऊऊओह.” लॉडा 7 इंच घुस चुका था और मुझे ऐसा लग रहा था की अब मेरी चूत में और जगह नहीं है. मेरी वासना के साथ मेरे दिल की धड़कन भी बढ़ती जा रही थी. अभी तो 3 इंच और अंदर जाना बाकी था. इससे पहले कि मैं कुच्छ कहती राज ने पूरा लॉडा बाहर खींच के पूरी ताक़त से एक भयंकर धक्का लगा दिया.
“ आआआआआआईयईईईईईईईईई………ओईईई… म्म्म्माआआअ मरररर गाइिईईई आआहह. एयेए…….आआआहह ……ऊओह छोड़ो मुझे आ.एयेए…..आआआआः मैं मर् जाउन्गि” इस भयंकर धक्के से वो मोटा ताना 10 इंच अंडर घुस गया था. उस मोटे लंड ने मेरी चूत इतनी फैला दी की बस फटने को हो रही थी. अंदर जाने की तो बिल्कुल जगह नहीं थी. हाई राम! मैं तो मर पाउन्गि?
“ राज बस करो मेरे राजा अब जल्दी से चुदाई शुरू करो वरना मैं मर जाउन्गि. तुम्हारा बहुत बड़ा है.”
"आह नही बाबा" मैने एक गहरी साँस लेते हुए कहा, और उसकी गान्ड पर एक हल्की सी चपत लगा दी, और बोला, “पुरुषों का शरीर इतना जल्दी दोबारा चुदाई के लिए तय्यार नही होता, उनको थोड़ा रेस्ट लेने की ज़रूरत पड़ती है." मैं सोच रहा था, कहीं धीरज उठ ना जाए, मैं चाहता था कि दीदी अपने रूम में चली जायें उसके बाद तान्या को घोड़ी बना के चोदुन्गा.
"कितना रेस्ट, मैं टाय्लेट में फ्रेश होकर आती हूँ, फिर देखती हूँ तुम कितना रेस्ट कर पाते हो?" उसने मेरे कान के निचले हिस्से को अपने दाँतों से काटते हुए पूछा.
"कुछ दिनों में सब पता चल जाएगा," मैं मुस्कुराते हुए बोला.
तान्या मेरी छाती पर अपने हाथ फिराते हुए बोली, “सच में राज बहुत मज़ा आया. तुम बहुत अच्छा चोदते हो.”
"ओह क्या करूँ मेरी बीवी है ही इतनी ज़्यादा सेक्सी."मेरी बात सुनकर, तान्या मंद मंद मुस्कुरा उठी.
मैने कर्टन के पीछे छुपी दीदी की तरफ देखा, वो भी मुस्कुरा रही थी.
जैसे ही तान्या टाय्लेट में घुसी, मैने दीदी कर्टन के पीछे से बाहर निकल आई और धीरे से चुपचाप डोर खोल कर अपने रूम की तरफ चली गयी. मैने अपने हनिमून सूयीट का डोर फिर से लॉक कर लिया.
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
वर्तमान में .....................
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
पायल- क्या बात है राज तुमने तो अपनी दीदी के सामने ही अपनी सुहागरात मना ली थी
रजनी- अरे यार तू थोड़ी देर चुप नही रह सकती थी कितना मज़ा आ रहा था राज की कहानी में तूने सारा मज़ा खराब कर दिया
पायल - भाभी मैं क्या करती देखो मेरी चूत का क्या हाल हो गया है कितना पानी छोड़ रही है मेरी चटमेन आग लगी हुई है पहले इस की प्यास बुझवाओ वरना मैं पागल हो जाउन्गी
रजनी- रंडी अभी कुछ देर पहले ही तो तूने चूत में लंड लिया था
भाभी प्लीज़ मेरी चूत में आग लगी हुई है इतना कहकर मैने राज के लंड को अपने हाथों मे लिया और मैं प्यार से राज के विशाल लंड पे आगे पीछे हाथ फेरने लगी. मेरी उंगलिओ के घेरे में तो उसका लंड आ नहीं रहा था. राज ने मुझे बाहों में भर लिया और मेरे होंठों को चूमने लगा. एक हाथ उसने मेरी टाँगों के बीच डाल दिया और मेरी चूत को अपनी मुट्ठी में भर लिया. धीरे धीरे वो मेरी चूत हाथ फेर रहा था और कभी कभी चूत की दोनो फांकों के बीच उंगली रगड़ देता. फिर उसने दोनो हाथों से मेरे विशाल चुतड़ों को सहलाना शुरू कर दिया और उसका लंड मेरी चूत से टकराने लगा. मैने पंजों के बल ऊपर हो कर उसके लंड को अपनी टाँगों के बीच में ले लिया. ऐसा लग रहा था जैसे मैं किसी पेड़ की मोटी टहनी पे टाँगें दोनो तरफ किए लटक रही थी. राज का उतावलापन बढ़ता जा रहा था. मेरे चुतड़ों को मसलता हुआ बोला, रंडी तेरे चूतड़ भी बहुत सेक्सी हैं.” मैं वासना की आग में बुरी तरह जल रही थी. राज फिर बोला,
“ अब चोदु मेरी रांड़?”
“ हुउँ, चोद ले”. राज ने मुझे अपनी बाहों में उठा के बिस्तेर पर चित लिटा दिया. उसने मेरी टाँगों को चौड़ा किया और मोड़ के मेरी छाति से लगा दिया. इस मुद्रा में मेरी फूली हुई चूत और भी ज़्यादा उभर आई और उसका मुँह ऐसे खुल गया जैसे बरसों से लंड की प्यासी हो. राज गौर से मेरी चूत के खुले हुए छेद को देख रहा था. फिर अचानक उसने मेरी टाँगों के बीच मुँह डाल दिया. वो जीभ से मेरी चूत के खुले हुए होंठों को चाटने लगा.
आ….अया राज ये क्या कर रहे हो ? एयाया………..” बहुत मज़ा आ रहा था. राज चूत के कटाव में और कभी चूत के अंदर जीभ पेलने लगा. वो मस्त होकर मेरी चूत चाट रहा था . उसने मेरी चूत को अच्छी तरह चाटा और जितनी अंदर जीभ डाल सकता था उतनी अंदर जीभ को घुसेड़ा. मेरी चूत बुरी तरह रस छोड़ रही थी. मेरे मुँह से “ …एयेए, …. ऊ उवई माआअ…. अयाया” जैसे वासना भरे शब्दों को सुन कर उसका जोश और भी बढ़ गया था. मैने भी जोश में आ कर उसका मुँह अपनी चूत पे मसल दिया. मेरी चूत तो गीली थी ही, राज का चेहरा मेरे रस से सन गया. मुझ से और नहीं सहा जा रहा था. एक बार तो झाड़ भी चुकी थी. मैं राज के मुँह को अपनी चूत पे रगड़ते हुए बोली,
“ बस करो राज, अब चोद अपनी रांड़ को.” राज ने उठ कर अपने मोटे लंड का सुपाड़ा मेरी चूत के छेद पर टीका दिया,
“ इज़ाज़त हो तो पेल दूं मेरी रंडी?”
“ ऊओफ़ मेरे मालिक ! अब तंग मत करो. इतनी देर से टाँगें चौड़ी कर के अपनी चूत तुम्हारे हवाले क्यों की हुई है? अब चोद भी दो मेरे राजा.”
“ तो ये ले मेरी रंडी.” ये कहते हुए राज ने एक ज़ोर का धक्का लगा दिया.
“ ओउइ मया…….आ…..आआआः धीरे, तुम्हारा बहुत मोटा है.” राज का लंड फ़च से मेरी चूत को चीरता हुआ 4 इंच अंदर घुस गया. उसने एक बार फिर लंड को बाहर खींच के एक और ज़ोर का धक्का लगाया.
“ आआआअ……हह….ऊऊओह.” लॉडा 7 इंच घुस चुका था और मुझे ऐसा लग रहा था की अब मेरी चूत में और जगह नहीं है. मेरी वासना के साथ मेरे दिल की धड़कन भी बढ़ती जा रही थी. अभी तो 3 इंच और अंदर जाना बाकी था. इससे पहले कि मैं कुच्छ कहती राज ने पूरा लॉडा बाहर खींच के पूरी ताक़त से एक भयंकर धक्का लगा दिया.
“ आआआआआआईयईईईईईईईईई………ओईईई… म्म्म्माआआअ मरररर गाइिईईई आआहह. एयेए…….आआआहह ……ऊओह छोड़ो मुझे आ.एयेए…..आआआआः मैं मर् जाउन्गि” इस भयंकर धक्के से वो मोटा ताना 10 इंच अंडर घुस गया था. उस मोटे लंड ने मेरी चूत इतनी फैला दी की बस फटने को हो रही थी. अंदर जाने की तो बिल्कुल जगह नहीं थी. हाई राम! मैं तो मर पाउन्गि?
“ राज बस करो मेरे राजा अब जल्दी से चुदाई शुरू करो वरना मैं मर जाउन्गि. तुम्हारा बहुत बड़ा है.”