hotaks444
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मैने कहा, चुप करो तुम. तुम मेरे बारे में ऐसा कैसे कह सकते हो. ये सब तुम लोगो की चालाकी थी.
वो बोला सच हमेशा कड़वा होता है. तुझे अगर लगता था कि तूने कुछ ग़लत किया है तो अपने पति को सब कुछ बता कर माफी माँग लेती. तेरा पति बहुत अछा इंसान है तुझे माफ़ कर ही देता. पर तू तो अपने किए पर परदा डालना चाहती थी इश्लीए मेरे घर आ गयी.
मैने कहा ऐसा कुछ नही है. ये तुम भी जानते हो.
वो बोला अगर ऐसा नही है तो तूने अशोक को क्यो कहा कि तू जो वो कहेगा करेगी.
मैने कहा मुझे नही पता था कि वो अशोक है वरना ऐसा नही कहती.
वो बोला, अछा कोई और तेरी ले लेता तो ठीक था पर बेचारे अशोक ने ले ली तो तेरा ईमान जाग गया.
मैने कहा, बंद करो ये बकवास तुम क्या जानो कि ईमान क्या होता है.
वो बोला तो ठीक है अगर तेरे अंदर हिम्मत है तो अपने पति को सब कुछ बता दो. उसने तुझे माफ़ कर दिया तो ठीक है वरना मैं तुझे अपना लूँगा.
मैने कहा अपना लूँगा मतलब ? अपनी औकात में रहो.
वो बोला, मेरी औकात क्या बस तेरी गांद मारने तक थी, क्या मैं तुझे अपने साथ नही रख सकता, तुम अमीर लोग एक नंबर के कामीने हो.
मैं उसे कोई जवाब नही दे पाई.
वो बोला, अगर तुम कहो तो मैं तेरे पति को हमारे बारे में सब कुछ बता देता हू, तू तो लगता है कुछ कह नही पाएगी.
मैने पूछा क्या ये ब्लॅकमेल है ?
वो बोला, फिर वही बात, मैने तुझे तेरी मर्ज़ी से पाया था. तुझे ब्लॅकमेल नही किया था, और आगे भी मेरा ऐसा कोई इरादा नही है. मैं कितनी बार तुझे सम्झाउ. तेरी मर्ज़ी होगी तब ही मैं तेरे साथ करूँगा. मैं तो बस ये कह रहा था कि अगर तुझ में हिम्मत ना हो अपने पति को बताने की तो मैं बता देता हू. अगर तू नही चाहती तो ठीक है. वैसे भी उसे ना ही पता चले तो ठीक है, हम आराम से मज़े कर सकते है. तू मेरे साथ रिस्ता मत तोड़. बाकी रही उस साइकल वाले की बात, तू उसकी चिंता मत कर मैं उसकी अकल ठिकाने लगाता हूँ.
मैने कहा, मेरा तुम्हारे साथ कोई रिस्ता नही है.
वो बोला अछा तो क्या बस गांद और लंड तक ही सब कुछ था. मज़े लिए और चलते बने.
मुझे समझ नही आ रहा था कि मैं उसे क्या जवाब दू.
मैने कहा, तुम अब ऐसी बाते मत करो और मेरा पीछा छोड़ दो.
वो बोला, ठीक है जैसी तेरी मर्ज़ी, मैं अब तुझे परेशान नही करूँगा. तू अपनी जिंदगी में खुस रह. मेरा यकीन कर मैं कोई ब्लॅकमेल नही करूँगा. ज़बरदस्ती नमर्दो का काम है, मैं तो सेडक्षन में विस्वास करता हू.
ये कह कर उसने फोन रख दिया.
वो बोला सच हमेशा कड़वा होता है. तुझे अगर लगता था कि तूने कुछ ग़लत किया है तो अपने पति को सब कुछ बता कर माफी माँग लेती. तेरा पति बहुत अछा इंसान है तुझे माफ़ कर ही देता. पर तू तो अपने किए पर परदा डालना चाहती थी इश्लीए मेरे घर आ गयी.
मैने कहा ऐसा कुछ नही है. ये तुम भी जानते हो.
वो बोला अगर ऐसा नही है तो तूने अशोक को क्यो कहा कि तू जो वो कहेगा करेगी.
मैने कहा मुझे नही पता था कि वो अशोक है वरना ऐसा नही कहती.
वो बोला, अछा कोई और तेरी ले लेता तो ठीक था पर बेचारे अशोक ने ले ली तो तेरा ईमान जाग गया.
मैने कहा, बंद करो ये बकवास तुम क्या जानो कि ईमान क्या होता है.
वो बोला तो ठीक है अगर तेरे अंदर हिम्मत है तो अपने पति को सब कुछ बता दो. उसने तुझे माफ़ कर दिया तो ठीक है वरना मैं तुझे अपना लूँगा.
मैने कहा अपना लूँगा मतलब ? अपनी औकात में रहो.
वो बोला, मेरी औकात क्या बस तेरी गांद मारने तक थी, क्या मैं तुझे अपने साथ नही रख सकता, तुम अमीर लोग एक नंबर के कामीने हो.
मैं उसे कोई जवाब नही दे पाई.
वो बोला, अगर तुम कहो तो मैं तेरे पति को हमारे बारे में सब कुछ बता देता हू, तू तो लगता है कुछ कह नही पाएगी.
मैने पूछा क्या ये ब्लॅकमेल है ?
वो बोला, फिर वही बात, मैने तुझे तेरी मर्ज़ी से पाया था. तुझे ब्लॅकमेल नही किया था, और आगे भी मेरा ऐसा कोई इरादा नही है. मैं कितनी बार तुझे सम्झाउ. तेरी मर्ज़ी होगी तब ही मैं तेरे साथ करूँगा. मैं तो बस ये कह रहा था कि अगर तुझ में हिम्मत ना हो अपने पति को बताने की तो मैं बता देता हू. अगर तू नही चाहती तो ठीक है. वैसे भी उसे ना ही पता चले तो ठीक है, हम आराम से मज़े कर सकते है. तू मेरे साथ रिस्ता मत तोड़. बाकी रही उस साइकल वाले की बात, तू उसकी चिंता मत कर मैं उसकी अकल ठिकाने लगाता हूँ.
मैने कहा, मेरा तुम्हारे साथ कोई रिस्ता नही है.
वो बोला अछा तो क्या बस गांद और लंड तक ही सब कुछ था. मज़े लिए और चलते बने.
मुझे समझ नही आ रहा था कि मैं उसे क्या जवाब दू.
मैने कहा, तुम अब ऐसी बाते मत करो और मेरा पीछा छोड़ दो.
वो बोला, ठीक है जैसी तेरी मर्ज़ी, मैं अब तुझे परेशान नही करूँगा. तू अपनी जिंदगी में खुस रह. मेरा यकीन कर मैं कोई ब्लॅकमेल नही करूँगा. ज़बरदस्ती नमर्दो का काम है, मैं तो सेडक्षन में विस्वास करता हू.
ये कह कर उसने फोन रख दिया.