Chodan Kahani छोटी सी भूल - Page 7 - SexBaba
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Chodan Kahani छोटी सी भूल

उसने फिर से सर उपर उठा कर कहा, प्लीज़ खोल दो ना.

मैने अपनी आँखे बंद कर ली और अपना नाडा खोलने के लिए अपने हाथ नाडे पर रख दिए.

मैं घबरा भी रही थी और मदहोश भी हो रही थी.

एक पल के लिए मैं गहरी चिंता मैं डूब गयी.

मेरे हाथ मेरे नाडे पर थे और बिल्लू बेसब्री से इंतेज़ार कर रहा था कि मैं नाडा खोल कर अपनी योनि बेपर्दा कर के उशके हवाले कर दू.

फिर वो पल आ ही गया जिसका कि बिल्लू को इंतेज़ार था.

मैने नाडा खोल दिया और अपने हाथो में अपना चेहरा छुपा लिया.

उसने कहा, ये हुई ना बात, जवानी का मज़ा ऐसे ही लिया जाता है.

उसने मेरी सलवार नीचे सरका दी और मेरी पॅंटी को देख कर बोला, तुझे एक काम और करना पड़ेगा, ये पॅंटी भी सरका दो तो मेरा काम बन जाए.

मैने कहा, अब तुम खुद करलो जो करना है, मेरे बस में जो था मैने कर दिया.

वो गिड़गिदते हुवे बोला, नही प्लीज़ सरका दो ना इसे भी, मुझ पर रहम करो मैं सारी रात तेरे लिए तडपा हूँ, अब और मत तद्पाओ

मैने कहा तो तुम खुद क्यो नही सरका लेते ?

उसने कुछ नही कहा और मेरी पॅंटी के उपर से ही मेरी योनि को चूमने लगा.

मैं और ज़्यादा बेचन हो उठी.

उसने कहा कब तक यू ही तड़पोगी सरका लो ना ये पॅंटी.

अब मैने बिना सोचे समझे अपनी पॅंटी नीचे सरका दी और वो मेरी योनि पर झट से टूट पड़ा.

उसने मुस्कुराते हुवे कहा, तू सच में बहुत अछी है.

मैने कोई जवाब नही दिया और आँखे बंद कर ली.

बिल्लू ने मेरी योनि की पंखुड़ियो को फैलाया और फैला कर मेरी योनि को चाटने लगा, उसके थूक से मेरी पूरी योनि गीली हो गयी.

मैं सोच रही थी कि बिल्लू ने ये सब कहा से सीखा.

बिल्लू ने मेरी योनि की फन्खुदियो को होंटो में दबा लिया और उन्हे बेतहासा चूमने लगा.

मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि मैने कल की तरह फिर से उशके सर को थाम लिया.

उसने मेरी योनि पर से मूह हटा कर पूछा, अछा लग रहा है ना तुझे ?

मैने कहा, मुझे नही पता तुम जल्दी से ये सब करके चले जाओ, कोई आ जाएगा.

उसने कहा, तू कैसी बात करती है, अभी तो मज़ा आने लगा है, और तू कहती है कि जल्दी से कर के चले जाओ, मेरे लंड का क्या होगा जो कब से तेरी चूत में घुस्सने की राह देख रहा है.

ये सब सुन कर मेरी साँसे और ज़्यादा तेज हो गयी.

मैने कहा, बिल्लू कोई आ जाएगा, तुम्हे यहा से जल्दी जाना होगा.

वो बोला, तो चल ना मेरे घर चलते है

मैने कहा, नही मैं दुबारा वाहा नही जाना चाहती.

उसने कहा, कोई बात नही, यही रहते है, कोई आएगा तो मुझे एलेक्ट्रीशियन बता देना, किशी को शक नही होगा.

ये कह कर वो फिर से मेरी योनि पर मूह लगा कर उशे बेतहासा चूमने लगा.

उसकी जीभ मेरी योनि पर यहा वाहा फिसल रही थी, और मैं अजीब सी बेचानी में खोती जा रही थी. मुझे कल से भी ज़्यादा मज़ा आ रहा था.

मैं बाहर से तो गीली थी ही अंदर से भी तर बतर हो गयी थी.

अचानक वो रुक गया और मेरे सामने खड़ा हो गया और अपनी ज़िप खोलने लगा.

मैने आँखे झुका कर देखा तो पाया कि उसका लिंग बिल्कुल मेरी योनि के सामने झूल रहा था.

मैं चाह कर भी उशके लिंग से अपनी नज़र नही हटा पाई.

वो बोला, मुझ से अब रुका नही जा रहा, देख मेरा लंड कैसे खड़ा है तेरे लिए, बता देगी क्या अपनी चूत ?

मैने कहा, चुप रहो ऐसी बाते मत करो, जाओ यहा से, हम यहा ये सब नही कर सकते.

वो मेरे करीब आ गया और अचानक उसका लिंग मेरी योनि से टकरा गया, मैं हड़बड़ा कर पीछे हट गयी.

वो बोला, मेरे लंड को भी तेरी चूत चूम लेने दो इसका भी थोड़ा मन बहल जाएगा, पूरी रात ये तेरे लिए तडपा है.

मैने पूछा, तुम कैसी बाते करते हो, ज़रा भी शरम नही करते.

वो बोला, शरम करता तो तेरी जैसी हसीना को कैसे पाटाता.

वो ये कह कर फिर से मेरे करीब आ गयाउसका लिंग अब मेरी योनि की पंखुड़ियो से टकरा रहा था.

मैं घबरा कर फिर से पीछे हट गयी.
 
मैने कहा समझा करो, कोई आ गया तो, मैं कही की नही रहूंगी.

उसने मुझे गोदी में उठा लिया और बोला, मुझे बस एक बात समझ आ रही है कि आज तेरी आछे से लेनी है, बता तेरा बेडरूम कहा है.

मैने कहा, नही रूको, मुझे नीचे उतारो मैं तुम्हारे साथ वाहा नही जा सकती.

पर वो मुझे गोदी में लेकर बेडरूम ढूनदने निकल पड़ा.

बेडरूम कही छुपा नही था, बेडरूम का दरवाजा खुला होने के कारण वो उसे झट से पहचान गया और बोला, मिल गया ?

मैने कहा, बिल्लू वो सिर्फ़ मेरे और मेरे पति का कमरा है तुम वाहा नही जा सकते.

उसने कहा, ये अजीब बात है यार, मैं तेरी गांद मार सकता हू, तेरी चूत चाट सकता हू पर तेरे बेडरूम में नही जा सकता, क्या मज़ाक है ये ?

मैने कहा कुछ भी हो पर तुम वाहा नही जाओगे.

पर वो नही माना और मुझे गोदी में उठाए हुवे मेरे बेडरूम में घुस्स गया

मैं उसे नही रोक पाई.

उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी सलवार उतारने लगा.

मैने पूछा, ये क्या कर रहे हो ?

उसने जवाब दिया, तुझे पूरी नंगी कर के चोदुन्गा.

मेरे हाथ पाँव काम करना बंद कर चुके थे.

मैं इस बात के कारण थर, थर काँप रही थी कि मैं बिल्लू के साथ अपने बेडरूम में थी अगर कोई आ गया तो मैं बुरी तरह फँस जाउन्गि.

बिल्लू ने एक झटके में मेरी सलवार उतार कर एक तरफ फेंक दी और पॅंटी को उतारने लगा.

मैं चाह कर भी उसका विरोध नही कर पा रही थी.

एक पल में मेरी आँखो में वो दिन घूम गया जब उसने मेरे घर के पीछे की झाड़ियो में मेरे साथ एनल सेक्स किया था. ये सब याद करके मेरी धड़कन इतनी तेज हो गयी की मेरी साँसे फूलने लगी.

ये सोच कर कि अब वो क्या करने जा रहा है मैं और भी ज़्यादा बेचन हो उठी.

उसने एक झटके में मेरी पॅंटी भी उतार कर दूर फेंक दी.

अचानक मेरी नज़र उशके लिंग पर गयी, वो अभी भी उसकी ज़िप से बाहर था और पूरी मजबूती से खड़ा हुवा था.

मुझे अचानक ख़याल आया कि, ये इतना बड़ा क्यो है, आज फिर मुझे दर्द होगा.

मैं ये सोच रही थी कि अचानक मेरा ध्यान टूट गया. बिल्लू के हाथ मेरी कमीज़ को उपर सरका रहे थे.

मैने हड़बड़ाते हुवे कहा, बिल्लू इतना बहुत है, कोई आ गया तो मैं जल्दी में सारे कपड़े कैसे पहनूँगी.

उसने बड़ी बेशर्मी से कहा, तेरी जैसी हसीना की तो नंगी कर के ही लूँगा, तुझे क्या पता तेरे अंग, अंग में कैसा नशा है. एक भी कपड़ा मज़ा कराब कर देगा.

ये कह कर उसने मेरी कमीज़ भी उतार दी.

अब मेरे बदन पर सिर्फ़ ब्रा थी.

उसने बड़ी बेशर्मी से कहा, अब इन मोटे-मोटे संतरों को भी आज़ाद कर दो देंखु तो सही इन में कितना रस है.

मैं शर्मा उठी.

मैने कहा तुम खुद उतार दो.

उसने कहा, यार मुझे ब्रा उतारनी नही आती तू खुद उतार दे ना.
 
मैने थोडा गुस्से में कहा तुम एक नंबर के कामीने हो.

पर वो ये सुन कर मुस्कुरा दिया, और बोला, जैसा भी हू तेरा दीवाना हूँ, प्लीज़ मेरे लिए ये ब्रा भी उतार दो.

मैने आँखे बंद कर के अपनी ब्रा उतार कर एक तरफ रख दी.

पर रह रह कर बार बार मुझे ये चिंता सता रही थी कि मुझे बिल्लू के साथ अपने बेडरूम में नही होना चाहिए.

मैं सोच रही थी कि अछा होता अगर में उसके साथ उसके घर ही चली जाती.

बिल्लू ने आगे बढ़ कर मेरे उभरो को थाम लिया और उन्हे बेरहमी से कुचलने लगा.

संजय भी मेरे उभरो को बहुत मसालते थे, पर बिल्लू कुछ अलग ही ढंग से उन्हे कुचल रहा था.

उसने अचानक बहुत ज़ोर से मेरे उभरो को दबाया, मेरे मूह से चीन्ख निकल गयी…आआहह आराम से

वो बेशर्मी से बोला, आराम से कुछ नही होगा, तुझे मज़ा लेना है तो थोड़ा ज़ोर से तो दब्वाना पड़ेगा ही.

मैने गुस्से में कहा मुझे कोई मज़ा नही लेना हट जाओ.

वो बोला, रुक तो सही तुझे सच में अछा लगेगा.

वो अलग अलग ढंग से मेरे उभरो को दबाता रहा.

दबाते हुवे वो बोला, आज तक मैने ऐसे बूब्स नही दबाए, सच बहुत सेक्सी है तेरे बूब्स.

मैने कुछ नही कहा, मैं गुस्सा भूल कर अब और ज़्यादा बहकति जा रही थी.

सच में मुझे मज़ा आने लगा था, मुझे मेरे उभरो में अजीब सी बेचनि हो रही थी, जैसी की मैने आज तक महसूस नही की थी.

ऐसा लग रहा था जैसे की मेरे उभार उशके हाथो का खिलोना बन कर खुद को ख़ुसनसीब महसूष कर रहे थे.

उसने मेरा एक निपल होंटो में दबा लिया और उसे चूसने लगा, मेरी साँसे और ज़्यादा भड़क गयी और मैने उसके सर को दोनो हाथो से थाम लिया.

वो मेरे निपल को मूह से निकाल कर बोला, ये हुई ना बात तू ऐसे ही मज़ा ले चिंता की कोई बात नही है.

मैने फॉरन उसके सर से हाथ हटा लिए.

उसने हंसते हुवे कहा अरे क्या हुवा पकड़ लो ना मुझे भी अछा लग रहा था.

पर मैने फिर से उशके सर पर हाथ नही रखा,

मैं फिर से उशे मुझ पर हँसने का मोका नही देना चाहती थी.

वो बारी बारी से मेरे निपल्स को चूस्ता रहा और मैं चुपचाप मदहोशी में वाहा पड़ी रही.

मेरे निपल्स से मूह हटा कर वो बोला, तेरे अंगूर बहुत मीठे है इन में ऐसा क्या भर रखा है.

मैं शर्मा कर रह गयी.

वो फिर से अपने काम में लग गया.

अचानक वो मेरे उभारो से हट गया और मेरी टाँगो के बीच आकर बैठ गया.

वो मेरी योनि पर झुक गया और फिर से मेरी योनि को चूसने लगा. मैं फिर से इतनी ज़्यादा मदहोश हो गयी कि मैने उशके सर को थाम लिया.

थोड़ी देर बाद बिल्लू हट गया और अपनी शर्ट उतारने लगा.

मैने कहा, ये क्या कर रहे हो तुम आज ज़रूर मुझे मरवाओगे.

वो हंसते हुवे बोला, तू घबरा मत तेरा कुछ नही बिगड़ेगा, पर बेचारी तेरी चिकनी चूत ज़रूर मारी जाएगी.

ये कह कर उसने एक झटके में अपनी शर्ट उतार का एक तरफ फेंक दी. उसकी छाती पर हल्के हल्के बाल थे, जिन्हे मैं टकटकी लगा कर देख रही थी.

फिर वो अपनी पॅंट उतारने लगा.

मैने अब उसे रोकना ठीक नही समझा, वैसे भी वो मेरी सुन-ने वाला तो था नही.
 
पॅंट उतार कर उसने एक तरफ़ फेंक दी.

वो कपड़े ऐसे फेंक रहा था जैसे कि दुबारा उनकी ज़रूरत ही ना हो

अब वो बस अपने अंडरवेर में मेरी टाँगो के बीच बैठा हुवा था और उसके अंडरवेर से उसका लिंग पहले की तरह बाहर लटक रहा था.

उसने कहा, मेरा कच्छा उतार दो.

मैने कहा मुझ से ये सब नही होगा, तुम बार बार मुझे परेशान मत करो.

ऐसा लगता था कि वो वक्त बर्बाद नही करना चाहता.

उसने मुझे दुबारा अपना अंडरवेर उतारने के लिए नही कहा और जल्दी से उसे उतार दिया.

उष्का लिंग अब मेरी आँखो के सामने बिल्कुल नंगा झूल रहा था जीशके नीचे उसकी बॉल्स लटक रही थी और मैं सहमी सहमी उसे देख रही थी.

मैं इतनी घबरा रही थी की मैने अपनी आँखे बंद कर ली

अब हम दोनो बेड पर बिल्कुल नंगे थे. मैं बेड पर लेटी हुई थी और वो मेरी टाँगो के बीच घुटनो के बल बैठा था.

मैं घबरा रही थी कि अगर इस वक्त कोई आ गया तो ?

बिल्लू ने अपने लिंग को अपने हाथ में पकड़ लिया और उसे सहलाते हुवे बोला, आज तो मेरे लंड को सबसे सुंदर चूत मिलेगी, सच खूब मज़ा आएगा.

मैने शर्मा कर अपना चेहरा अपने हाथो में छुपा लिया. मैने मन ही मन सोचा ये कभी नही सुधरेगा, पता नही कहा से ऐसी बाते ढूंड लाता है.

वो बोला, देख तो सही ये कैसे अपनी लार टपका रहा है तुझे नंगा देख कर.

मैने हल्की सी आँख खोल कर देखा तो पाया की उसके लिंग के मूह पर पानी की बूंदे सी उभर आई थी.

मैं इशके बारे में जानती थी, संजय के साथ भी अक्सर ऐसा होता था, पर वो ऐसी अश्लील बाते नही करते थे.

उसने कहा, एक बात पुंच्छू ?

मैने कहा, हां पूछो.

क्या तेरा मन मुझे अपनी चूत देने का कर रहा है ?

ये ऐसा सवाल था जिसका मैं किसी भी हालत में जवाब नही दे सकती थी, इतनी मदहोशी में भी नही.

मैं खामोसी से वाहा लेटी रही.

क्रमशः ..............................
 
गतांक से आगे ..............................

.....

वो फिर बोला, मेरा अपनी गांद में लेने के बाद क्या तेरा मन अपनी चूत में लेने का नही किया ?

मैं समझ नही पा रही थी कि बिल्लू को कैसे जवाब दू, ऐसे में कुछ भी कहना ठीक नही था. उसकी बेशर्मी बढ़ती जा रही थी.

उसने फिर से पूछा, बता ना अब तेरा मन क्या कह रहा है, क्या तू मेरा लंड अपनी चूत में लेना चाहती है.

मैने गुस्से में कहा में कुछ नही चाहती तुम यहा से चले जाओ.

वो मुस्कुरा कर बोला, तू झूट बोल रही है, तेरा मन मेरा लंड लेने के लिए मचल रहा है

मेरे मूह से अचानक निकल गया, तो फिर मुझ से क्यो पूछ रहे हो.

वो बेशर्मी से बोला, बस यू ही कन्फर्म कर रहा था.

मैने कहा, तो हो गया कन्फर्म.

वो बोला, अगर तेरा इतना मन है तो मैं तेरी मार लेता हूँ.

मैने गुस्से में कहा मुझ पर झुटे इल्ज़ाम मत लगाओ, मेरा कोई मन नही है.

वो हंसते हुवे बोला, अभी देख लेते है.

उसने अपनी एक उंगली अचानक मेरी योनि में गुस्सा दी, मैं हड़बड़ा कर रह गयी.

उसने अपनी उंगली निकाली और मुझे दिखाते हुवे बोला, ये देख तेरी चूत अंदर से कितनी चिकनी हो गयी है, अब बता किशका मन नही है.

मैने कहा, क्या तुम्हारा मन नही है.

वो बोला, है, मेरा तो तेरे से भी ज़्यादा मन है, मैं तो बस तेरी झीजक दूर कर रहा था.

अगर तुझे बुरा लग रहा है तो सॉरी.

मैं समझ नही पा रही थी कि आख़िर बिल्लू कैसा इंशान है, पर जब उसने मुझे सॉरी कहा तो मैं उशके लिए भावुक हो गयी.

पर वो फिर से शरारती अंदाज़ में बोला, जब तक तू नही कहेगी मैं तेरी चूत में नही डालूँगा.

मैं जानती थी कि वो डालने के लिए बिल्कुल तैयार था पर जानबूझ कर ऐसी बाते कर रहा था.

मैने कोई जवाब नही दिया.

वो बोला, जब तक तू नही कहेगी मैं यू ही बैठा रहूँगा.

मैने मन ही मन बिल्लू को ढेर सारी गालिया दी. मैं समझ नही पा रही थी कि आख़िर वो ऐसा क्यो करता है.

उसने पूछा, बताओ अब क्या करूँ. ?

मैने झीज़कते हुवे कहा, जैसा तुम चाहो कर लो मुझ से बार बार क्यो पूछते हो, कोई आ जाएगा, जल्दी करो जो करना है.

वो बोला, मैं तो तेरी चूत मारना चाहता हूँ.

मैने गुस्से में कहा “तो मार लो”

पर ये कहने के बाद मुझे ध्यान आया कि मैं क्या कह गयी. बिल्लू ने फिर से मुझे शरमाने पर मजबूर कर दिया था.
 
वो बड़ी बेशर्मी से बोला, जैसा तुम कहो, मैं मार लेता हूँ, पर वादा करो तुम खुल कर मज़ा लोगि, किसी बात की चिंता नही करोगी.

मैने पूछा, तुम्हे मेरी चिंता क्यो है ? तुम अपना काम करो.

वो बोला, एक सेक्स पार्ट्नर को खुद से ज़्यादा दूसरे की चिंता करनी चाहिए तभी सेक्स सुन्दर बन पाता है.

ये सुन कर मैं हैरान हो गयी.

ऐसा लग रहा था जैसे कि वो मुझे काम्सुत्र का कोई पाठ पढ़ा रहा हो.

पर ये सच था कि उसकी बात मुझे दिल में छू गयी.

मुझ से रुका नही गया और मैने बोल ही दिया, तुम शुरू करो मैं खुद खो जाउन्गि, मेरा खोना ना खोना मेरे बस में नही है.

मैं उसे कहना चाहती थी कि काश तुम मेरे पति होते तो मेरे खोने का सवाल कभी नही उठता

पर मैं ये सोच कर रुक गयी कि संजय ने भी तो मुझे खुश रखने में कोई कमी नही रखी है फिर में ऐसी बात क्यो सोचूँ.

बिल्लू ने अपने लिंग को मेरी योनि के होल पर रख दिया और बोला, देख कितने प्यार से किस कर रहें है दोनो.

मेरे शरीर में बीजली की ल़हेर दौड़ गयी.

मैं आँखे बंद कर के उस पल में खो गयी, उसका लिंग मेरी योनि के होल पर गरम गरम महसूष हो रहा था.

वो बोला, अरे वाह तू तो अभी से खो गयी, मुझे बहुत अछा लग रहा है तुझे यू खोते देख कर.

मैने कहा, ये सब तुम्हारे कारण है.

वो बोला, मैं तो तेरे हुश्न का गुलाम हू. मेरे कारण अगर तुम खो पाती हो तो इस से बढ़ कर मेरे लिए कुछ नही.

मैं बिल्लू से कहना चाहती थी की धीरे धीरे डालना, मुझे दर्द होगा, पर मैं समझ नही पा रही थी कि कैसे कहु.

पर मुझे कुछ कहने की ज़रूरत नही पड़ी.

बिल्लू ने बहुत धीरे धीरे मेरी योनि के अंदर अपना आधा लिंग सरका दिया.

मुझे दर्द तो हो रहा था पर इतना नही की मैं सह ना पाउ.

वो बोला, दर्द तो नही है.

मुझे ना जाने क्या हो गया, मैने उसकी और प्यार से देख कर कहा, नही, डाल दो, मैं सह लूँगी.

ये सुनते ही उसने एक झटके में पूरा लिंग मेरी योनि में घुस्सा दिया.

मैं अब दर्द से चीन्ख पड़ी आबीयेयायीयियीयैआइयैयियैयीयैआइयैआइयैआइयैआइयीयीयियी इतनी ज़ोर से डालने को नही कहा था.

वो बेशर्मी से बोला, पर तूने कहा था कि मैं सह लूँगी.

मैं शर्मा कर रह गयी.

मैने कहा, तुम बहुत बदमाश हो.

वो बोला, वो तो मैं हू, पर जैसा भी हूँ तेरा देवाना हूँ.

बिल्लू पूरा मेरे उपर झुक गया, और मेरे होंटो को अपने होंटो में ले कर चूसने लगा.

वो मेरे अंदर पूरा समाया हुवा था और उसी पोज़िशन में मेरे होंटो को चूस रहा था.

में भी मदहोशी में उसकी किस का जवाब दे रही थी.

वो पल मुझे बहुत प्यारा लग रहा था.

थोड़ी देर बाद बिल्लू मेरे होंटो को छोड़ कर बोला, मारना शुरू करूँ अब.

मैने कहा, तुम नही सुधरोगे.

वो बेशर्मी से बोला, तो बताओ ना, मारना शुरू करूँ क्या.

मैने शरमाते हुवे कहा, जल्दी करो जो करना है, कोई आ गया तो हम मुशिबत में फँस जाएँगे.

वो बोला, ठीक है.

ये कह कर उसने अपना पूरा लिंग बाहर खींच लिया.
 
मैने चोंक कर पूछा, क्या हुवा ?

वो बोला, कुछ नही ये एक प्यारा खेल है, पूरा निकाल कर अंदर डालूँगा, देखना तुझे बहुत अछा लगेगा.

मैने कहा, तुम एक दम पागल हो.

उसने एक झटके में पूरा लिंग मेरी योनि में घुस्सा दिया और बोला, तो देख पागल कैसे प्यार करता है.

मैं फिर से चीन्ख उठी, आबीयायेयीयियीयैआइयियैयीयियीयियी…अहह ज़रा धीरे से बिल्लू, मुझे दर्द हो रहा है.

वो बोला, सॉरी-सॉरी मुझे ध्यान ही नही रहा.

उसने फिर से लिंग बाहर निकाल कर धीरे से मेरे अंदर घुस्साया और बोला, इस तरह ठीक है.

मैने शरमाते हुवे कहा, मुझे नही पता.

थोड़ी देर तक बिल्लू यू ही करता रहा और मेरी बेचानी बढ़ती चली गयी.

मेरी साँसे इतनी तेज थी की मेरे पाशीने छूट रहे थे.

फिर अचानक बिल्लू अपना लिंग पूरा मेरे अंदर घुस्सा कर रुक गया और बोला, आआअहह कितना मज़ा आ रहा है, तुझे कैसा लग रहा है.

मैने कोई जवाब नही दिया, मैं बस उन पॅलो में खो गयी थी.

अचानक बिल्लू हल्के हल्के धक्के लगाने लगा, मेरी साँसे फूलने लगी.

उसने पूछा, अब कैसा लग रहा है ?

मैने झीज़कते हुवे धीरे से कहा, पता नही, तुम करते रहो ना, मुझ से क्यो पूछते हो.

वो रुक गया और बोला, अरे मुझे पता कैसे चलेगा कि तुझे मज़ा आ रहा है कि नही.

मैने पूछा, क्या तुम्हे मेरी हालत से नही लगता कि मुझे कैसा लग रहा है.

वो बोला, वो तो ठीक है पर एक बार बोल कर बता देगी तो तेरा क्या चला जाएगा.

मैने कोई जवाब नही दिया.

बिल्लू फिर से धक्के लगाने लगा, पर इस बार उसकी स्पीड थोड़ी बढ़ गयी थी.

थोडा रुक कर उसने मेरे एक निपल को मूह में दबा लिया और फिर उसे चूस्ते हुवे मेरी योनि में तेज़ी से धक्के मारने लगा.

मेरा मज़ा बढ़ता ही जा रहा था, अब मेरी योनि और मेरे उभार दोनो एक साथ बिल्लू के हाथो का खिलोना बने हुवे थे.

ऐसा लग रहा था जैसे कि बिल्लू के अंदर कामदेव उतर आए है, मैं इस कदर मदहोश हो रही थी.

अचानक बिल्लू मेरे उभारो से हट गया और मेरी योनि से भी लिंग बाहर निकाल लिया.

मैने धीरे से पूछा क्या हुवा ?

वो बोला, कुछ नही, थोडा घूम जाओ तेरी पीछे से डाल कर मारूँगा.

मैने दीवार पर टॅंगी घड़ी में देखा तो पाया कि 12:45 हो रहे थे.

मैने बिल्लू से कहा वक्त कम है तुम ऐसे ही कर लो ना.

पर सचाई तो ये थी कि मुझे उसके आगे फिर से ऐसी पोज़िशन लेने में झीजक हो रही थी.

घर के पीछे उस दिन भी मुझे बहुत शरम आ रही थी.

वो बोला, अरे सोच क्या रही है, चल घूम ना, तुझे और ज़्यादा मज़ा आएगा, तुझे पता है ना डॉगी स्टाइल इंशान की सेक्स करने की सबसे नॅचुरल पोज़िशन है.

मैने पूछा, तुम क्या मुझे काम्सुत्र पढ़ा रहे हो ?

वो बेशर्मी से बोला, नही तुझे चूत देने की सबसे सेक्सी पोज़िशन बता रहा हू.
 
ये पोज़िशन मेरे लिए नयी नही थी, संजय अक्सर मुझसे इस पोज़ीशन में करते थे, पर मुझे कभी कुछ केश नही लगा था.

बिल्लू बोला, चल ना यार वक्त बर्बाद मत कर, उस दिन झाड़ियो में भी तो कुछ ऐसी ही पोज़िशन में किया था, अब क्या प्राब्लम है तुझे.

मैं झीज़कते हुवे उसके आगे डॉगी स्टाइल में आ गयी.

उसने पीछे से मेरे नितंबो को थाम लिया और एक झटके में अपना पूरा लिंग मेरी योनि में घुस्सा दिया.

मेरे मूह से हल्की सी आआहह निकल गयी.

वो बोला, अभी भी दर्द है क्या.

मैने कहा, नही ठीक है, तुम जल्दी कर लो हमारे पास वक्त कम है.

उसने पूछा, कितना वक्त है.

मैने कहा, 1:30 बजे तक तुम्हे हर हाल में जाना होगा, चिंटू उसके बाद कभी भी आ सकता है.

वो बोला, ठीक है, तब तक तू आराम से मज़ा ले.

ये कह कर वो मेरी योनि में पीछे से धक्के मारने लगा.

मेरे उभार इस पोजीसन में बिल्लू के धक्को के कारण हवा में झूल रहे थे.

उसने पूछा, कैसा लग रहा है ?

मैने उसके सवाल का कोई जवाब नही दिया.

उसने मेरे कानो के पास आ कर पूछा, क्या आज फिर गांद मरवाना चाहोगी ?

मैने झीज़कते हुवे कहा, नही आज नही, तुम जल्दी से, जो कर रहे हो, वो ख़तम करो ना.

वो बोला, ठीक है, तुझे जल्दी का मज़ा चाहिए ना, ले संभाल फिर.

ये कह कर उसने बहुत तेज तेज मेरी योनि में अपना लिंग अंदर बाहर धकैलना शुरू कर दिया.

मैं इसके लिए बिल्कुल भी तैयार नही थी.

मैने कहा, रूको, थोडा धीरे से करो.

पर वो नही माना और बोला, जल्दी ऐसे ही तो होगा, अब क्या तकलीफ़ है तुझे, तू मज़ा ले ना.

थोड़ी ही देर में मुझे इतना मज़ा आने लगा कि मेरा मन और तेज़ी की चाहत करने लगा.

पर मैने बिल्लू से कुछ नही कहा.

मेरी साँसे और मेरी धड़कन बिल्लू के धक्को की तेज़ी के साथ कदम मिलाने की कोशिश कर रही थी

उसका लिंग मेरी योनि में इतनी तेज़ी से रगडे खा रहा था कि मुझ से होश संभालना मुस्किल हुवा जा रहा था, ऐसा लग रहा था जैसे में चक्कर खा कर गिर जाउन्गि.

बिल्लू की साँसे भी भड़क रही थी, उसने टूटे हुवे शब्दो में पूछा कैसा….. लग….. रहा…..है… अब.

इस बार मेरे मूह से निकल ही गया,

आ…आ….अक्चहाा……बहुत…आक्फया

वो बोला, तो यू ही मारता रहूं.

मैने कहा, जैसा तुम चाहो पर जल्दी करो.

बिल्लू बिना रुके थोड़ी देर तक यू ही उसी स्पीड में करता रहा.

बिल्लू का लिंग मेरी योनि की हर गहराई तक जा कर रगड़ लगा रहा था और मैं उसके हर धक्के का मज़ा ले रही थी.

उसने पूछा, बता कब तक मारु ?

मैने हड़बड़ाते हुवे कहा, अब जल्दी ख़तम करो, मुझे घर का काम भी करना है.

बिल्लू ने अपनी स्पीड और ज़्यादा बढ़ा दी.

मेरी साँसे भी और ज़्यादा रफ़्तार पकड़ने लगी.

मेरे आनंद की कोई शीमा नही रही, इतना मज़ा आ रहा था कि मुझ से बर्दास्त करना मुश्किल हो रहा था.

अचानक मेरे शन्यम का बाँध टूट गया और मेरी योनि ने पानी छोड़ दिया.

मैने हड़बड़ाते हुवे कहा, बिल्लू प्लीज़ रुक जाओ, अब सहा नही जा रहा.

वो फूलती हुई सांसो में बोला, बस थोड़ी देर और मारने दे.

मैने कहा, ठीक है पर जल्दी करो.

बिल्लू बहुत तेज तेज धक्के लगा कर अचानक रुक गया और मुझे अंदर से पूरा भिगो दिया.

मेरी योनि में इतना पानी इकट्ठा हो गया जैसे कि कोई समुंदर हो.

वो उशी हालत में मेरे उपर गिर गया.
 
वो उशी हालत में मेरे उपर गिर गया.

मैं भी लड़खड़ा कर नीचे लेट गयी.

उसका लिंग अभी भी मेरी योनि में घुस्सा हुवा था.

1:30 बजने ही वाले थे, मैने बिल्लू से कहा, अब निकाल लो.

वो बोला थोड़ी देर और अंदर रहने दे ना.

मैने कहा, नही बिल्लू अब तुम्हे हर हाल में जाना होगा. मुझे कपड़े पहन कर काम भी करना है.

वो बोला, ठीक है, जैसी तेरी मर्ज़ी.

उसने धीरे से अपना लिंग बाहर निकाल लिया.

थोड़ी देर मैं यू ही पड़ी रही. मेरे हाथ पाँव जैसे काम करना बंद कर चुके थे.

ऐसा लग रहा था कि मैं उठ नही पाउन्गि.

ऐसा मेरे साथ पहले कभी नही हुवा था.

हिम्मत कर के मैं जैसे तैसे उठ गयी.

मैने चारो तरफ नज़र डोदाई तो पाया की मेरे कपड़े यहा वाहा बीखरे पड़े है.

बिल्लू मेरी तरफ देख कर बड़ी बेशर्मी से मुस्कुरा रहा था.

मैने हड़बड़ाते हुवे कहा, तुम कपड़े पहन कर जल्दी जाओ ना यहा से.

मैने अपने कपड़े पहन लिए.

बिल्लू ने अपने कपड़े पहन कर पूछा, फिर कब मीलोगि.

मैने बिल्लू से पूछा, तुम मेरे साथ कोई खेल तो नही खेल रहे ?

वो बोला, तुझे क्या लगता है.

मैने कहा मुझे नही पता, हां पर तुमने मुझे अपने पति का गुनहगार बना दिया है, उन्हे पता चलेगा तो मैं क्या करूँगी, वो मुझे कभी माफ़ नही करेंगे.

वो बोला, तू चिंता मत कर जब वक्त आएगा तो देख लेंगे फिलहाल तू मज़ा कर.

मैने कहा, ये कोई मज़ाक नही है, तुम मेरे ही पीछे क्यो पड़े हो, इस सहर में क्या और लड़किया नही है.

वो बोला, लड़किया तो बहुत है पर तेरे जैसी कोई नही है, जो मज़ा तेरे साथ आता है वो किसी के साथ नही आ सकता.

मैने कहा, देखो अब तुम मेरा सब कुछ ले चुके हो, और तुम्हे क्या चाहिए, अब तुम मुझे भूल जाओ और किसी अछी से लड़की को देख कर शादी कर लो.

वो बोला, तू ऐसी बाते मत कर में तुझे नही भुला सकता.

मैने कहा, तुम समझते क्यो नही मैं शादी शुदा हूँ और अपने परिवार में खुश हूँ. मैं ये सब करके बहुत ज़्यादा गिल्ट से भर जाती हूँ, मैं घुट घुट कर नही जी सकती.

वो बोला, तुझे घुट कर जीने को कों बोल रहा है, तू खुल कर मज़े ले ना.

मैने कहा, तुम अब जाओ, तुम कभी नही समझोगे.

बिल्लू ने आगे बढ़ कर मेरे होंटो को चूम लिया और बोला, तो तुम समझा दो ना.

मैने कहा, तुम अब जाओगे या नही, या मुझे पूरी तरह बर्बाद करके जाओगे.

वो बोला, ठीक है मैं अभी जाता हू फिर कभी बात करेंगे.

मैने कुछ भी कहना ठीक नही समझा मैं उस वक्त उसे वाहा से भेजना चाहती थी, चिंटू की बस किसी भी वक्त आ सकती थी.
 
वो बोला, पहले तू बाहर झाँक कर देख ना कोई आस पास तो नही.

मैने बाहर देखा और बोली, कोई नही है, अब जाओ.

वो बाहर जाते हुवे बोला, आज तो मज़ा आ गया, तेरी बहुत याद आएगी.

मैने कोई जवाब नही दिया और दरवाजा बंद करके कुण्डी लगा ली.

मैं वापस बेडरूम में आकर अपने बेड पर गिर गयी.

मेरे तन बदन में अजीब सी घबराहट और बेचानी हो रही थी.
मैं इस कदर मदहोश हो कर बिल्लू के साथ खो जाउन्गि मैने सोचा भी नही था. वो पहली बार था कि मैं थोडा सा खुल कर बिल्लू के साथ खो पाई थी.

ना जाने ऐसी क्या बात थी बिल्लू में कि मैं अपनी शादी शुदा जिंदगी से खिलवाड़ कर बैठी थी. मुझे बार बार यही डर सता रहा था कि अगर कोई आ जाता तो मेरा क्या होता. मैं कहीं की ना रहती. कोई भी ये बात नही समझ सकता था कि मैने जो कुछ भी किया भावनाओ में बहक कर किया.

होशो हवाश में, मैं कभी बिल्लू के साथ ये सब नही कर सकती थी.

पर इतना ज़रूर था कि सेक्स का जो अनुभव मुझे बिल्लू के साथ हुवा था, वो मुझे बहुत अनमोल सा लग रहा था, क्योंकि मैने आज तक ऐसे सेक्स की कल्पना भी नही की थी.

बिल्लू मुझे सेक्स की अजीब सी गहराई में ले गया था. ऐसा लग रहा था जैसे की बिल्लू में साक्षात , कामदेव उतर आए हो.

दुख बस इस बात का था कि ये अनुभव मुझे अपने पति के साथ नही बल्कि बिल्लू के साथ हुवा था.

यही बात थी जो मुझे अंदर ही अंदर खाए जा रही थी. मुझे समझ नही आ रहा था कि जिस रास्ते पर मैं जाने अंजाने चल पड़ी हूँ वो मुझे कहा ले जाएगा. मुझे चारो तरफ अंधेरा ही अंधेरा नज़र आ रहा था.

मुझे बार बार यही डर सता रहा था कि अगर संजय को कही से ये सब पता चल गया तो मैं उन्हे कैसे समझा पाउन्गि. क्योंकि ये सब तो मेरी खुद की समझ से भी बाहर था. जो भी हो मुझे अपनी शादी शुदा जिंदगी ख़तरे में लग रही थी.

पर मेरी चिंता का कारण यही सब नही था. एक और बात थी जो कि शुरू से मुझे परेशान किए हुवे थी.

एक तरफ तो मेरे मन में ये सब करने के बाद गिल्ट और शर्मिंदगी की भावना उभर जाती थी, और एक तरफ दुबारा यही सब करने की इच्छा उभर आती थी, किस वक्त मुझ पर कौन सी बात हावी होगी मुझे कुछ पता नही था. सब कुछ एक माया जाल की तरह लग रहा था.

उस दिन बिल्लू के जाने के बाद मैं अपने बेड पर थोड़ी देर तकिये में मूह छुपाए पड़ी रही. मैं पड़े पड़े यही सोच रही थी कि सूकर है बिल्लू किसी के आने से पहले चला गया.

मेरी साँसे अभी भी उखड़ी हुई थी. और दिल की धड़कन तो जैसे थमने का नाम ही नही ले रही थी.

चिंटू आने वाला था इसलिए मैं जैसे तैसे बेड से उठ कर लड़खड़ते हुवे कदमो से बेडरूम से बाहर आ गयी. मेरा पूरा शरीर बिल्लू के कारण दुख रहा था.

जैसे ही मैं बाहर निकली चिंटू की स्कूल बस आ गयी.

2 बज चुके थे, इसलिए मैं लंच बनाने के लिए किचन में आ गयी. खाना बनाते वक्त अचानक मेरा ध्यान बंद खिड़की पर चला गया.

मैं सोचने लगी की ये खिड़की तो बंद है पर इसके कारण मेरी जींदगी में जो तूफान आया था, वो अभी भी चल रहा है, ना जाने मेरा क्या होगा.

खाना बनाने के बाद मैं नहाने चली गयी. नहाते हुवे मुझे ना चाहते हुवे भी अपने अंग अंग पर बिल्लू के हाथो की छुवन महसूष हो रही थी. मैने अपने अंग अंग को रगड़ रगड़ कर सॉफ किया कि कही बिल्लू का कोई निशान ना रह जाए, पर जो अहसास वो दे गया था उन्हे मिटाना मुस्किल था.

संजय ठीक 3 बजे आ गये और मैं लंच सर्व करने लगी.

मेरा कुछ भी खाने का मन नही था पर मैं फिर भी थोड़ा थोड़ा निगलने लगी

अचानक संजय ने कुछ ऐसा पूछा की मेरे गले में नीवाला अटक गया.

संजय ने पूछा, कोई आया था क्या घर में आज ?

मैने पूछा क्यो क्या हुवा ?

उन्होने कहा, नही यू ही शर्मा अंकल का फोन आया था कि उन्होने किसी लड़के को हमारे घर से निकलते हुवे देखा है , वो पूछ रहे थे कि कोई मेहमान आया है क्या आपके घर.

मैं डर तो बहुत गयी थी, पर मुझे अचानक बिल्लू की बात याद आ गयी कि मुझे एलेक्ट्रीशियन बता देना.

मैने अपनी सांसो को थामते हुवे कहा, अछा वो तो एक एलेक्ट्रीशियन को बुलाया था, वो वॉशिंग मशीन वाला प्लग अचानक खराब हो गया था, वही ठीक करने के लिए बुलाया था उशे.

मुझे ही पता है कि उस वक्त एक एक शब्द मैने कैसे कहा, मेरा गला डर के मारे सूखा जा रहा था.
 
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