hotaks444
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संजय ने कहा, अरे मुझे अपने क्लिनिक में भी एलेक्ट्रीशियन की ज़रूरत है, तुमने जिशे बुलाया था, उसका नंबर, या अड्रेस दे दो मैं उसे क्लिनिक बुला लूँगा.
मुझे समझ नही आ रहा था कि मैं क्या करूँ.
मैने कहा, अभी तो नंबर नही है एक कागज पर लिखा था, जाने कहा पड़ा होगा अब, मैं शाम को ढूंड कर दे दूँगी.
संजय ने कहा ठीक है शाम को दे देना मैं उशे कल बुला लूँगा.
जैसे तैसे मेरी जान में जान आई. पर अब मैं ये सोच रही थी कि अब शाम को क्या जवाब दूँगी.
संजय के जाने के बाद, मैं और ज़्यादा बेचन हो गयी.
बार बार मुझे यही डर सता रहा था की कही संजय को मुझ पर शक तो नही हो गया.
मैं अब सोच रही थी कि शायद अब वक्त आ गया है जब मुझे संजय को सब कुछ बता देना चाहिए. मुझे लग रहा था कि इस से पहले की संजय को ये सब कही और से पता चले मुझे खुद उन्हे सब कुछ बता कर उनसे माफी माँग लेनी चाहिए.
पर मुझ में संजय को कुछ बताने की हिम्मत नही हो पा रही थी.
मैं ये सब सोच ही रही थी कि अचानक फोन की घंटी बज उठी.
ये बिल्लू का फोन था.
मैने कहा, अछा हुवा तुमने फोन किया ?
उसने पूछा, क्यो क्या हुवा ?
मैने कहा, तुमने मुझे अजीब मुसीबत में फँसा दिया है.
उसने कहा, बताओ तो सही की बात क्या है.
मैने कहा, हमारे घर के सामने शर्मा अंकल रहते है, उन्होने तुम्हे मेरे घर से निकलते हुवे देख लिया और बातो बातो में संजय को फोन पर पूछ लिया कि आपके घर कोई आया है क्या ?
वो बोला, मुझे इसी बात का डर था, मैने भी उस अंकल को देख लिया था, तभी तो मैने तुझे फोन किया.
मैने कहा, मैने अपने पति को बता दिया कि एक एलेक्ट्रीशियन को बुलाया था, वॉशिंग मशीन का प्लग ठीक करने के लिए.
वो बोला, ये तूने अछा किया.
मैने गुस्से में कहा, क्या खाक अछा है, मेरे पति ने एलेक्ट्रीशियन का पता माँगा है, उन्हे अपने क्लिनिक में कुछ ठीक करवाना है.
वो बोला, तू इतनी चिंता क्यो करती है, मैं अभी अपनी एलेक्ट्रिक शॉप का नंबर दे देता हू.
मैने पूछा, तो तुम खुद जाओगे ना उनके क्लिनिक.
वो बोला, नही किसी और को भेजूँगा.
मैने कहा, अरे तुम पागल हो क्या, किसी और को तुम कैसे भेज सकते हो, मेरे पति ने मेरे घर की वॉशिंग मशीन के प्लग की प्राब्लम के बारे में उस से पूछा तो.
वो बोला, तो इस में क्या दिक्कत है, मैं जीशको भेजूँगा उसे सब कुछ समझा दूँगा, तू चिंता मत कर.
मैने कहा, क्या तुम किसी और को हमारे बारे में सब कुछ बता कर मुझे बदनाम करोगे.
वो बोला, ऐसा कर तू इस सब को छोड़, और अपने पति को सब कुछ सच सच बता दे, कब तक उसे धोका देगी, यही मोका है उसे सब कुछ बताने का.
मैने कहा, मज़ाक मत करो.
वो बोला, मैं मज़ाक नही कर रहा, जो हमारे बीच शुरू हुवा, वो कही ना कही तो ख़तम होगा ही ना. तो अभी सब ख़तम हो जाने दे.
एक पल को मैं गहरी चिंता में डूब गयी.
मुझे बिल्लू से ये सब सुन-ने की उम्मीद नही ही. मुझे तो अपने कानो पर विश्वास ही नही हो रहा था.
मैने पूछा, आख़िर तुम चाहते क्या हो.
वो बोला, मैं ये चाहता हूँ कि तू अपने पति को सब कुछ बता कर अपना मन हल्का कर ले कब तक यू ही सब कुछ छुपाटी रहेगी.
मैने गुस्से में पूछा, तुम्हे क्या लगता है, वो ये सब कुछ सुन कर मुझे ख़ुसी से गले लगा लेंगे और मुझ से खुश हो जाएँगे कि मैने सब सच-सच बता दिया. ये सब पाप करके तो मैं खुद अपने आप को माफ़ नही कर पा रही हूँ. उनकी तो बात ही दूर है.
वो बोला, कुछ भी बोल पर हमारे रिस्ते को पाप मत बोल, बड़ी गहराई से प्यार किया है मैने तुझे.
मुझे समझ नही आ रहा था कि मैं क्या करूँ.
मैने कहा, अभी तो नंबर नही है एक कागज पर लिखा था, जाने कहा पड़ा होगा अब, मैं शाम को ढूंड कर दे दूँगी.
संजय ने कहा ठीक है शाम को दे देना मैं उशे कल बुला लूँगा.
जैसे तैसे मेरी जान में जान आई. पर अब मैं ये सोच रही थी कि अब शाम को क्या जवाब दूँगी.
संजय के जाने के बाद, मैं और ज़्यादा बेचन हो गयी.
बार बार मुझे यही डर सता रहा था की कही संजय को मुझ पर शक तो नही हो गया.
मैं अब सोच रही थी कि शायद अब वक्त आ गया है जब मुझे संजय को सब कुछ बता देना चाहिए. मुझे लग रहा था कि इस से पहले की संजय को ये सब कही और से पता चले मुझे खुद उन्हे सब कुछ बता कर उनसे माफी माँग लेनी चाहिए.
पर मुझ में संजय को कुछ बताने की हिम्मत नही हो पा रही थी.
मैं ये सब सोच ही रही थी कि अचानक फोन की घंटी बज उठी.
ये बिल्लू का फोन था.
मैने कहा, अछा हुवा तुमने फोन किया ?
उसने पूछा, क्यो क्या हुवा ?
मैने कहा, तुमने मुझे अजीब मुसीबत में फँसा दिया है.
उसने कहा, बताओ तो सही की बात क्या है.
मैने कहा, हमारे घर के सामने शर्मा अंकल रहते है, उन्होने तुम्हे मेरे घर से निकलते हुवे देख लिया और बातो बातो में संजय को फोन पर पूछ लिया कि आपके घर कोई आया है क्या ?
वो बोला, मुझे इसी बात का डर था, मैने भी उस अंकल को देख लिया था, तभी तो मैने तुझे फोन किया.
मैने कहा, मैने अपने पति को बता दिया कि एक एलेक्ट्रीशियन को बुलाया था, वॉशिंग मशीन का प्लग ठीक करने के लिए.
वो बोला, ये तूने अछा किया.
मैने गुस्से में कहा, क्या खाक अछा है, मेरे पति ने एलेक्ट्रीशियन का पता माँगा है, उन्हे अपने क्लिनिक में कुछ ठीक करवाना है.
वो बोला, तू इतनी चिंता क्यो करती है, मैं अभी अपनी एलेक्ट्रिक शॉप का नंबर दे देता हू.
मैने पूछा, तो तुम खुद जाओगे ना उनके क्लिनिक.
वो बोला, नही किसी और को भेजूँगा.
मैने कहा, अरे तुम पागल हो क्या, किसी और को तुम कैसे भेज सकते हो, मेरे पति ने मेरे घर की वॉशिंग मशीन के प्लग की प्राब्लम के बारे में उस से पूछा तो.
वो बोला, तो इस में क्या दिक्कत है, मैं जीशको भेजूँगा उसे सब कुछ समझा दूँगा, तू चिंता मत कर.
मैने कहा, क्या तुम किसी और को हमारे बारे में सब कुछ बता कर मुझे बदनाम करोगे.
वो बोला, ऐसा कर तू इस सब को छोड़, और अपने पति को सब कुछ सच सच बता दे, कब तक उसे धोका देगी, यही मोका है उसे सब कुछ बताने का.
मैने कहा, मज़ाक मत करो.
वो बोला, मैं मज़ाक नही कर रहा, जो हमारे बीच शुरू हुवा, वो कही ना कही तो ख़तम होगा ही ना. तो अभी सब ख़तम हो जाने दे.
एक पल को मैं गहरी चिंता में डूब गयी.
मुझे बिल्लू से ये सब सुन-ने की उम्मीद नही ही. मुझे तो अपने कानो पर विश्वास ही नही हो रहा था.
मैने पूछा, आख़िर तुम चाहते क्या हो.
वो बोला, मैं ये चाहता हूँ कि तू अपने पति को सब कुछ बता कर अपना मन हल्का कर ले कब तक यू ही सब कुछ छुपाटी रहेगी.
मैने गुस्से में पूछा, तुम्हे क्या लगता है, वो ये सब कुछ सुन कर मुझे ख़ुसी से गले लगा लेंगे और मुझ से खुश हो जाएँगे कि मैने सब सच-सच बता दिया. ये सब पाप करके तो मैं खुद अपने आप को माफ़ नही कर पा रही हूँ. उनकी तो बात ही दूर है.
वो बोला, कुछ भी बोल पर हमारे रिस्ते को पाप मत बोल, बड़ी गहराई से प्यार किया है मैने तुझे.