hotaks444
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किस करते करते मैने थोड़ा प्रेशर अपने लंड पे डाला तो उनके मूह से ऊऊऊईईई म्म्म्माआआअ निकला उन्हो ने मुझे टाइट पकड़ लिया. मैं उनके ऊपेर ऐसे ही पड़ा रहा तो उन्हो ने मेरे कान मे धीमे से कहा राज आज चोद डाल यह रंडी की चूत को फाड़ डाल इसको. यह तेरे राइ साहेब तो चोदना भूल ही गये है उनको पैसे कमाने से फ़ुर्सत ही नही मिलती जो मुझे चोदेन्गे. ऐसे चोद ऐसे चोद के चूत का भरता बन जाए. मेरे ऊपेर कोई दया नही करना चाहे मैं जितना चिल्लाऊ तुम मुझे रगड़ रगड़ के चोदना. इतनी ज़ोर ज़ोर से चोदना के मैं बेहोश हो जाऊ. मैं ने धीरे से उनके होंठो को चूमते हुए कहा के तू आज से मेरी रंडी है अब देख मैं तुझे कैसे चोद्ता हू. उन्हो ने कहा के हा आज से मे तेरी रंडी हू और अब यह चूत सिर्फ़ तेरे लिए ही है. चोद डाल इस भेन्चोद को इसे चुदे हुए कई बरस हो गये है. यह चूत लंड का स्वाद ही भूल गई है. बरसो की प्यासी चूत है इसे चोद डाल मेरे राजा. चोद चोद के इस चूत का भोसड़ा बना दे. अब मैं समझ गया के यह दीपा राइ बोहोत बरस से नही चुदी है और आज यह मस्ती मे चुद्वयेगि. मैं समझ गया के यह बड़े घर की औरतें कितनी फ्रस्टरेटेड होती है और चुदवाने को उताओली हो रही है. अभी मेरा लंड का सूपड़ा उनकी चूत के सुराख मे ही अटका हुआ था. मैं थोड़ा सा ऊपेर उठ गया तो वो चोंक गई और बोली के क्या हुआ साले चोद डाल इस चूत को भेंचूऊऊऊऊ अभी वो यह सेंटेन्स पूरा भी कर पाई थी के मैं ने अपने लंड को उनकी चूत से पूरा
बाहर खेचा अपने हाथ मे लंड के डंडे को पकड़ा और पूरी ताक़त से सीधा चूत के अंदर तक घुसेड दिया. उनके मूह से चीख निकली आआआआआहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स म्माआआररररर द्दददाआाालल्ल्ल्लाआाआअ सस्स्साआाअल्ल्लीए ऊऊीीईई म्म्म्ममाआआअ और उन्हो ने मुझे टाइट पकड़ लिया. उनकी आँखें बाहर को निकल आई उनका चेहरा लाल होगया और पसीने की बूँदें उनकी पेशानी पे उभर के चमकने लगी. मुझे ऐसा लग रहा था के मैं किसी शादी शुदा औरत को नही बलके किसी छोटी उमर की कुँवारी लड़की की चूत को चोद रहा हू. और उनकी चूत मेरे लंड को टाइट पकड़े हुए थी.
दीपा राइ को मसाज टेबल पे चोद रहा हू. वो मस्ती मे चुदवा रही है.
अब मैं ने पूछा के मेडम कैसा फील कर रही हो तो उन्हो ने बोला के राज अब मैं तेरी रंडी हू मुझे मेडम नही रंडी बोल या दीपा बोल बट मेडम ना बोल.
मैं ने कहा ठीक है दीपा जान तो उसने अपने सर को थोडा ऊपेर उठा के मुझे किस किया और बोली के हा आज से मैं तुम्हारी जान हू और तुम मेरे जानम हो. इतनी देर मे दीपा की चूत के मसल्स मेरे लंड की मोटाई से अड्जस्ट हो चुकी थी. उनको अब दरद भी नही हो रहा था. जैसे ही दीपा ने अपनी गंद उचकाई मुझे आइडिया हो गया के अब चोदना शुरू करना चाहिए. मैं ने अपना लंड उनकी चूत से बाहर खेचा और फिर एक ही शॉट मे फिर से चूत की गहराईओं मे पहुचा दिया. एक बार फिर से दीपा का बदन अकड़ गया और वो मुझ से लिपट गई. मैं ने अब उनको चोदना शुरू किया. उनकी चूत की पंखाड़ियाँ मेरे लंड के डंडे के साथ अंदर जा रही थी और बाहर आ रही थी मैं. कस्स कस्स के चोद रहा था. पैर तो फ्लोर पे टीके हुए थे उसकी ही ग्रिप ले के चोद रहा था. पोज़िशन और हाइट भी ऐसी अड्जस्टेड थी के लंड की मार चूत के अंदर बहुत ज़ोर से लग रही थी. दीपा ने अपनी टाँगें मेरे बॅक से लपेट ली और मुझे अपनी ओर खेचने लगी और उनके हाथ मेरे पीठ पे थे और हम एक दूसरे की जीभ चूस्ते हुए किस कर रहे थे. मेरे एक एक झटके से दीपा के बूब्स डॅन्स कर रहे थे. अब मैं ने अपने दोनो हाथ उनकी बघल से निकाल के उनके शोल्डर्स को टाइट पकड़ लिया. एसी पोज़िशन मे चुदाई बोहोत पवरफुल और चूत की गहराई तक हो रही थी. मेरा लंड भी किसी पिस्टन की तरह से उनकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था. मस्त चुदाई हो रही थी दीपा राइ की जो के एक करोड़ पति की वाइफ थी और एक मामूली जिम ओनर के नीचे नंगी लेटी सिसकारियाँ लेती मस्ती मे और मज़े ले ले के चुदवा रही थी. दीपा का ऑर्गॅज़म आने लगा था तो उनकी साँसें तेज़ी से चलने लगी आँखें सॉकेट मे ऊपेर को च्चढ़ गई और मेरे बदन से टाइट लिपट गई. उनका बदन काँपने लगा और वो झड़ने लगी. जितनी देर ऑर्गॅज़म चलता रहा मैं अपने लंड को उनकी चूत की गहराइयों मे डाले बिना मूव्मेंट के दाब के लेटा रहा. उनका ऑर्गॅज़म 1 मिनिट तक चला और वो शांत हो गई, उनके हाथ पैर ढीले हो गये तो मैं ने मज़ाक किया के अरे दीपा रानी तुम तो झाड़ के खामोश लेट गई अब इस लौदे का क्या होगा. इस की मलाई तो अभी निकली ही नही तो उन्हो ने बोला के राज सच तुम्हारा लंड बोहोत ही मस्त है चोद डालो इस चूत को आज से यह चूत भी
तुम्हारे लंड की गुलाम हो गई है. जब चाहो जैसे चाहो जहा चाहो इसे चोद देना मैं अफ तक नही करूँगी. मैं धना धन पागलो की तरह से चोदने लगा. कमरे मे चुदाई का मधुर संगीत बज रहा था. पच पच की आवाज़ से कमरा गूँज रहा था. बहुत ही ताक़त से और तेज़ी से चोद रहा था. पता ही नही चल रहा था के लंड चूत से बाहर कब निकला और अंदर कब गया. इतनी देर मे दीपा फिर से गरम हो गई थी और एक बार फिर से उनके पैर मेरे बॅक पे लपेट लिए थे और मुझे टाइट पकड़ लिया था. मेरी स्पीड बोहोत तेज़ हो गई. बोहोत ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था और अब मेरा माल भी निकलने को रेडी था.
मेरे बॉल्स वज़नी हो गये थे और चूत के निचले भाग पे पटा पट मार रहे थे. मैं ने दीपा को टाइट पकड़ लिया और अपने लंड को पूरा बाहर तक निकाल के एक बोहोत ही पवरफुल शॉट मारा तो मेरा लंड उनकी चूत को चीरता हुआ चूत की गहराईओं मे बचे दानी से जा टकराया और लंड के सुराख से मोटी मोटी गाढ़ी गाढ़ी गरम गरम धारियाँ ऐसे शूट करने लगी जैसे पिस्टल से बुलेट. मेरी मलाई दीपा की चूत मे गिरते ही वो एक बार फिर मुझ से टाइट लिपट गई और मेरे साथ ही झड़ने लगी. मैं अपना लंड उनकी चूत की गहराईओं मे दफ़न कर, दीपा को टाइट पकड़ के बिना मूव्मेंट के लेटा रहा, उनकी चूत मेरे लंड से चिपकी लंड को निचोड़ निचोड़ के मलाई की एक एक बूँद अपने अंदर ले रही थी. मैं दीपा के नंगे बदन पे पड़ा रहा. दीपा ने मुझे किस करते हुए कहा के थॅंक्स राज मैं यह चुदाई कभी नही भूलूंगी. ऐसी शानदार चुदाई मेरी ज़िंदगी मैं आज तक नही हुई. राई साहेब तो बॅस अंदर डालते है और उनका लंड चूत की गर्मी पाते ही उल्टी कर देता है. मुझे आज तक कभी भी उनकी चुदाई का मज़ा नही आया. आज मुझे पता चला है के सही मानो मैं चुदाई किसे कहते है. वो यह सब कहती जा रही थी और मेरे मूह पे किस की बरसात करती जा रही थी.
क्रमशः........
बाहर खेचा अपने हाथ मे लंड के डंडे को पकड़ा और पूरी ताक़त से सीधा चूत के अंदर तक घुसेड दिया. उनके मूह से चीख निकली आआआआआहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स म्माआआररररर द्दददाआाालल्ल्ल्लाआाआअ सस्स्साआाअल्ल्लीए ऊऊीीईई म्म्म्ममाआआअ और उन्हो ने मुझे टाइट पकड़ लिया. उनकी आँखें बाहर को निकल आई उनका चेहरा लाल होगया और पसीने की बूँदें उनकी पेशानी पे उभर के चमकने लगी. मुझे ऐसा लग रहा था के मैं किसी शादी शुदा औरत को नही बलके किसी छोटी उमर की कुँवारी लड़की की चूत को चोद रहा हू. और उनकी चूत मेरे लंड को टाइट पकड़े हुए थी.
दीपा राइ को मसाज टेबल पे चोद रहा हू. वो मस्ती मे चुदवा रही है.
अब मैं ने पूछा के मेडम कैसा फील कर रही हो तो उन्हो ने बोला के राज अब मैं तेरी रंडी हू मुझे मेडम नही रंडी बोल या दीपा बोल बट मेडम ना बोल.
मैं ने कहा ठीक है दीपा जान तो उसने अपने सर को थोडा ऊपेर उठा के मुझे किस किया और बोली के हा आज से मैं तुम्हारी जान हू और तुम मेरे जानम हो. इतनी देर मे दीपा की चूत के मसल्स मेरे लंड की मोटाई से अड्जस्ट हो चुकी थी. उनको अब दरद भी नही हो रहा था. जैसे ही दीपा ने अपनी गंद उचकाई मुझे आइडिया हो गया के अब चोदना शुरू करना चाहिए. मैं ने अपना लंड उनकी चूत से बाहर खेचा और फिर एक ही शॉट मे फिर से चूत की गहराईओं मे पहुचा दिया. एक बार फिर से दीपा का बदन अकड़ गया और वो मुझ से लिपट गई. मैं ने अब उनको चोदना शुरू किया. उनकी चूत की पंखाड़ियाँ मेरे लंड के डंडे के साथ अंदर जा रही थी और बाहर आ रही थी मैं. कस्स कस्स के चोद रहा था. पैर तो फ्लोर पे टीके हुए थे उसकी ही ग्रिप ले के चोद रहा था. पोज़िशन और हाइट भी ऐसी अड्जस्टेड थी के लंड की मार चूत के अंदर बहुत ज़ोर से लग रही थी. दीपा ने अपनी टाँगें मेरे बॅक से लपेट ली और मुझे अपनी ओर खेचने लगी और उनके हाथ मेरे पीठ पे थे और हम एक दूसरे की जीभ चूस्ते हुए किस कर रहे थे. मेरे एक एक झटके से दीपा के बूब्स डॅन्स कर रहे थे. अब मैं ने अपने दोनो हाथ उनकी बघल से निकाल के उनके शोल्डर्स को टाइट पकड़ लिया. एसी पोज़िशन मे चुदाई बोहोत पवरफुल और चूत की गहराई तक हो रही थी. मेरा लंड भी किसी पिस्टन की तरह से उनकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था. मस्त चुदाई हो रही थी दीपा राइ की जो के एक करोड़ पति की वाइफ थी और एक मामूली जिम ओनर के नीचे नंगी लेटी सिसकारियाँ लेती मस्ती मे और मज़े ले ले के चुदवा रही थी. दीपा का ऑर्गॅज़म आने लगा था तो उनकी साँसें तेज़ी से चलने लगी आँखें सॉकेट मे ऊपेर को च्चढ़ गई और मेरे बदन से टाइट लिपट गई. उनका बदन काँपने लगा और वो झड़ने लगी. जितनी देर ऑर्गॅज़म चलता रहा मैं अपने लंड को उनकी चूत की गहराइयों मे डाले बिना मूव्मेंट के दाब के लेटा रहा. उनका ऑर्गॅज़म 1 मिनिट तक चला और वो शांत हो गई, उनके हाथ पैर ढीले हो गये तो मैं ने मज़ाक किया के अरे दीपा रानी तुम तो झाड़ के खामोश लेट गई अब इस लौदे का क्या होगा. इस की मलाई तो अभी निकली ही नही तो उन्हो ने बोला के राज सच तुम्हारा लंड बोहोत ही मस्त है चोद डालो इस चूत को आज से यह चूत भी
तुम्हारे लंड की गुलाम हो गई है. जब चाहो जैसे चाहो जहा चाहो इसे चोद देना मैं अफ तक नही करूँगी. मैं धना धन पागलो की तरह से चोदने लगा. कमरे मे चुदाई का मधुर संगीत बज रहा था. पच पच की आवाज़ से कमरा गूँज रहा था. बहुत ही ताक़त से और तेज़ी से चोद रहा था. पता ही नही चल रहा था के लंड चूत से बाहर कब निकला और अंदर कब गया. इतनी देर मे दीपा फिर से गरम हो गई थी और एक बार फिर से उनके पैर मेरे बॅक पे लपेट लिए थे और मुझे टाइट पकड़ लिया था. मेरी स्पीड बोहोत तेज़ हो गई. बोहोत ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था और अब मेरा माल भी निकलने को रेडी था.
मेरे बॉल्स वज़नी हो गये थे और चूत के निचले भाग पे पटा पट मार रहे थे. मैं ने दीपा को टाइट पकड़ लिया और अपने लंड को पूरा बाहर तक निकाल के एक बोहोत ही पवरफुल शॉट मारा तो मेरा लंड उनकी चूत को चीरता हुआ चूत की गहराईओं मे बचे दानी से जा टकराया और लंड के सुराख से मोटी मोटी गाढ़ी गाढ़ी गरम गरम धारियाँ ऐसे शूट करने लगी जैसे पिस्टल से बुलेट. मेरी मलाई दीपा की चूत मे गिरते ही वो एक बार फिर मुझ से टाइट लिपट गई और मेरे साथ ही झड़ने लगी. मैं अपना लंड उनकी चूत की गहराईओं मे दफ़न कर, दीपा को टाइट पकड़ के बिना मूव्मेंट के लेटा रहा, उनकी चूत मेरे लंड से चिपकी लंड को निचोड़ निचोड़ के मलाई की एक एक बूँद अपने अंदर ले रही थी. मैं दीपा के नंगे बदन पे पड़ा रहा. दीपा ने मुझे किस करते हुए कहा के थॅंक्स राज मैं यह चुदाई कभी नही भूलूंगी. ऐसी शानदार चुदाई मेरी ज़िंदगी मैं आज तक नही हुई. राई साहेब तो बॅस अंदर डालते है और उनका लंड चूत की गर्मी पाते ही उल्टी कर देता है. मुझे आज तक कभी भी उनकी चुदाई का मज़ा नही आया. आज मुझे पता चला है के सही मानो मैं चुदाई किसे कहते है. वो यह सब कहती जा रही थी और मेरे मूह पे किस की बरसात करती जा रही थी.
क्रमशः........