hotaks444
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कुछ देर बाद मैने दीदी के सर को उपर उठा दिया ऑर दीदी को सोफे की बॅक से लगा कर बिठा दिया,,,,दीदी के लिप्स
पर हल्का थूक लगा हुआ था वो मेरी तरफ देख रही थी ऑर तभी मेरा ध्यान दीदी के बूब्स की तरफ गया जहाँ
से ब्रा नीचे लटक रही थी ऑर बूब्स लगभग सारे नंगे हो गये थे,,,,,,मैने हाथ बढ़ा कर ब्रा को पकड़ा
ऑर तभी दीदी ने मेरे हाथ को पकड़ा लेकिन मैं नही रुका ऑर ब्रा को निकालने लगा दीदी अपने सर को इधर उधर
हिला कर मुझे मना कर रही थी कि मैं ऐसा ना करूँ लेकिन मैं उनकी कोई बात नही मान रहा था कुछ ही
देर मे ब्रा उतर गई ऑर नंगे बूब्स मेरे सामने आ गये मैने बिना कोई देर किए एक बूब को हाथ मे पकड़ा
ऑर प्यार से दबा दिया,,,दीदी ने मेरा हाथ अपने बूब्स से हटा दिया मैने भी दीदी से अपना हाथ छुड़ाया ऑर
अपने हाथ से दीदी के हाथ को पकड़ा कर साइड किया तभी दीदी ने अपने दूसरे हाथ से मुझे रोकने की कोशिस की
लेकिन मैं नही रुका ऑर दीदी के दूसरे हाथ को भी अपने हाथ मे पकड़ लिया ऑर दीदी को सोफे पर लेटा दिया,,मैं
पूरा नंगा था जबकि दीदी का उपर वाला जिस्म नंगा था,,,,,,,,,मैने दीदी की सोफे पेर लेटा दिया ऑर खुद थोड़ी
सी जगह पर बैठ कर दीदी के उपर की तरफ आ गया ऑर दीदी के दोनो हाथों को सोफे के साथ ज़ोर से दबा दिया,,,,
दीदी-सन्नी ऐसा मत करो प्लीज़,,,,,
,मैने कोई बात नही सुनी ऑर सीधा एक बूब को मूह मे भर लिया ऑर चूसने लगा,,,दीदी के बूब्स की घुंडीयाँ हार्ड हो चुकी थी इसका मतलब था दीदी भी हल्की मस्ती मे आ चुकी थी लेकिन फिर भी मुझे मना कर रही थी,,,मैने बूब को मूह मे भर लिया ऑर चूसने लगा ऑर कभी कभी घुंडी को दाँत से काटने लगा ,,दीदी बस बार बार मुझे ऐसा करने से रोकती जा रही थी ,,,,,,
सन्नी मत करो ये गल्त है रुक जाओ प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़,,,,,लेकिन जब भी मैं दीदी के बूब की घुंडी को दाँत से काट-ता तो दीदी की हल्की सी आहह निकल जाती,,,,,,,,,मैं समझ गया कि ना चाह कर भी दीदी को मस्ती चढ़ने लगी थी ,,,मैं भी
दीदी के दोनो बूब्स को बारी बारी से मूह मे भरके चूसने लगा ऑर कभी कभी दाँत से बूब्स की घुंडी को
हल्के से काट भी देता,,,,फिर मैने दीदी के एक हाथ को छोड़ दिया ऑर अपने फ्री हाथ को दीदी के एक फ्री बूब
पर रख दिया ऑर उस बूब को सहलाने ऑर दबाने लगा दीदी का हाथ वैसे ही सोफे पर पड़ा रहा जैसे मैने
रखा था लेकिन वो अभी भी मुझे ऐसा करने से मना कर रही थी,,,,,मैने दीदी के दूसरे हाथ को भी छोड़
दिया ऑर दोनो हाथों से बूब्स को मसल मसल कर चूसने लगा,,दीदी बस अपने सर को हिलाती रही ऑर तड़प कर
मुझे ऐसा करके से रोकती रही लेकिन दीदी के हाथ अपनी जगह पर ही थे,,,फिर मैने दीदी के एक बूब से अपना
हाथ हटा लिया ऑर बूब्स से नीचे होते हुए पेट को सहलाते हुए दीदी की कमर से फिराते हुए दीदी की चूत के
उपर पहुँच गया तभी दीदी ने मेरा हाथ पकड़ लिया लेकिन तब तक बहुत देर हो गई थी मेरा हाथ दीदी की चूत
पर पहुँचा गया था ऑर मैने हल्के से चूत को सहलाना शुरू कर दिया दीदी मेरे हाथ को पकड़ कर चूत
से दूर करने की नाकाम कोशिश करने लगी,,,मैने दीदी के हाथ को वापिस उपर किया ऑर अपने एक हाथ मे दीदी
के दोनो हाथों को कस्के पकड़ लिया,,,,,ऑर दूसरे हाथ को वापिस चूत पर ले गया ऑर सलवार ऑर पैंटी के उपर से
ही चूत को सहलाने लगा,,,,,,,,,,,
दीदी-;सन्नी ऐसा मत करो प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ तुमने बोला था कि तुमको सिर्फ़ लंड चुसवाना है अब ये सब मत करो ,,,,,,,,,,,
मैं कुछ नही सुन रहा था ऑर बूब्स को चूस्ता हुआ चूत को सहला रहा था
सलवार ऑर पैंटी के उपर से ही पता चल गया कि दीदी की चूत मे पानी आ गया था सलवार ऑर पैंटी गीली हो गई थी
ऑर चूत का पानी मेरे हाथ की उंगलियों मे लग गया था,,,,,,,,,,,,दीदी भी तैयार थी लेकिन फिर भी वो मना कर
रही थी,,,,,,,
मैने हाथ से दीदी के सलवार के नाडे को पकड़ा ऑर खींच दिया सलवार खुल गई मैने दीदी की तरफ देखा तो
उनके होश उड़ गये थे,,,,,,मैने एक हाथ से सलवार को उतारना शुरू कर दिया ऑर खुद सोफे पर दीदी के साथ
थोड़ी से जगह मे लेट गया कुछ सलवार तो हाथ से घुटने तक चली गई ऑर बाकी की सलवार को मैने अपने पैरो
से उतारना शुरू कर दिया दीदी ने अपने घुटनो को उपर करके मोड़ लिया ऑर मुझे सलवार उतारने से रोकने लगी
लेकिन दीदी की कोशिश नाकाम रही ऑर कुछ ही देर मे सलवार सोफे से होते हुए ज़मीन पर गिर गई थी,,,,अब दीदी
सिर्फ़ पैंटी मे थी,,,,,मैं दीदी के बूब्स को चूस्ते हुए पैंटी के उपर से दीदी की चूत को सहलाने लगा पैंटी
पूरी तरह गीली हो चुकी थी ऑर इसी बात से मेरी भी मस्ती कुछ बढ़ गई थी,,मैने दीदी के बूब्स से अपने फेस को
हटा लिया ऑर दीदी की पैंटी की तरफ हो गया ऑर हाथ से पैंटी को पकड़ कर उतारने लगा,,,,,,,,,,,,
दीदी-;सन्नी मत करो ऐसा पाल्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़,,,,,,,,
मैं-;दीदी मैं चुदाई नही कर रहा लेकिन हल्की सी मस्ती तो कर सकता हूँ ना ,,,,,,,,,,,,,,,
दीदी-;हल्की मस्ती के लिए मुझे नंगा क्यूँ कर रहे हो तुम,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं-;क्या करू दीदी जब तक 2 बदन नंगे नही होते मस्ती नही चढ़ती ऑर ना ही मज़ा आता है,इतना बोलकर मैने दीदी की पैंटी को भी उतार दिया अब दीदी मेरे सामने सोफे पर बिल्कुल नंगी थी,,,पैंटी उतर जाने के बाद मैने देखा कि दीदी की चूत पर एक भी बाल नही था ऑर चूत एक दम सॉफ ऑर चिकनी थी चूत का पानी चूत के बाहर की तरफ लगा हुआ था जिस से चूत एक दम काँच की तरह चमक रही थी,,,दीदी ने मुझे उनकी चूत को घूरते देखा तो दोनो टाँगो से चूत को मेरे
से छुपा लिया ऑर अपने सर को भी शरमा कर दूसरी तरफ पलट लिया,,,,,,मैं खड़ा हुआ ऑर दीदी को सोफे से अपनी
गोद मे उठा लिया दीदी एक दम से चोंक गई ऑर मुझे अजीब नज़रो से देखने लगी जबकि मैं मुस्कुराते हुए दीदी
को देख रहा था,,,,,,,मैं दीदी को उठाकर दीदी के रूम मे ले गया ऑर बेड पर लेटा दिया,,,,,,,,,ऑर खुद बेड पर
चढ़के दीदी की साइड मे लेट गया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
पर हल्का थूक लगा हुआ था वो मेरी तरफ देख रही थी ऑर तभी मेरा ध्यान दीदी के बूब्स की तरफ गया जहाँ
से ब्रा नीचे लटक रही थी ऑर बूब्स लगभग सारे नंगे हो गये थे,,,,,,मैने हाथ बढ़ा कर ब्रा को पकड़ा
ऑर तभी दीदी ने मेरे हाथ को पकड़ा लेकिन मैं नही रुका ऑर ब्रा को निकालने लगा दीदी अपने सर को इधर उधर
हिला कर मुझे मना कर रही थी कि मैं ऐसा ना करूँ लेकिन मैं उनकी कोई बात नही मान रहा था कुछ ही
देर मे ब्रा उतर गई ऑर नंगे बूब्स मेरे सामने आ गये मैने बिना कोई देर किए एक बूब को हाथ मे पकड़ा
ऑर प्यार से दबा दिया,,,दीदी ने मेरा हाथ अपने बूब्स से हटा दिया मैने भी दीदी से अपना हाथ छुड़ाया ऑर
अपने हाथ से दीदी के हाथ को पकड़ा कर साइड किया तभी दीदी ने अपने दूसरे हाथ से मुझे रोकने की कोशिस की
लेकिन मैं नही रुका ऑर दीदी के दूसरे हाथ को भी अपने हाथ मे पकड़ लिया ऑर दीदी को सोफे पर लेटा दिया,,मैं
पूरा नंगा था जबकि दीदी का उपर वाला जिस्म नंगा था,,,,,,,,,मैने दीदी की सोफे पेर लेटा दिया ऑर खुद थोड़ी
सी जगह पर बैठ कर दीदी के उपर की तरफ आ गया ऑर दीदी के दोनो हाथों को सोफे के साथ ज़ोर से दबा दिया,,,,
दीदी-सन्नी ऐसा मत करो प्लीज़,,,,,
,मैने कोई बात नही सुनी ऑर सीधा एक बूब को मूह मे भर लिया ऑर चूसने लगा,,,दीदी के बूब्स की घुंडीयाँ हार्ड हो चुकी थी इसका मतलब था दीदी भी हल्की मस्ती मे आ चुकी थी लेकिन फिर भी मुझे मना कर रही थी,,,मैने बूब को मूह मे भर लिया ऑर चूसने लगा ऑर कभी कभी घुंडी को दाँत से काटने लगा ,,दीदी बस बार बार मुझे ऐसा करने से रोकती जा रही थी ,,,,,,
सन्नी मत करो ये गल्त है रुक जाओ प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़,,,,,लेकिन जब भी मैं दीदी के बूब की घुंडी को दाँत से काट-ता तो दीदी की हल्की सी आहह निकल जाती,,,,,,,,,मैं समझ गया कि ना चाह कर भी दीदी को मस्ती चढ़ने लगी थी ,,,मैं भी
दीदी के दोनो बूब्स को बारी बारी से मूह मे भरके चूसने लगा ऑर कभी कभी दाँत से बूब्स की घुंडी को
हल्के से काट भी देता,,,,फिर मैने दीदी के एक हाथ को छोड़ दिया ऑर अपने फ्री हाथ को दीदी के एक फ्री बूब
पर रख दिया ऑर उस बूब को सहलाने ऑर दबाने लगा दीदी का हाथ वैसे ही सोफे पर पड़ा रहा जैसे मैने
रखा था लेकिन वो अभी भी मुझे ऐसा करने से मना कर रही थी,,,,,मैने दीदी के दूसरे हाथ को भी छोड़
दिया ऑर दोनो हाथों से बूब्स को मसल मसल कर चूसने लगा,,दीदी बस अपने सर को हिलाती रही ऑर तड़प कर
मुझे ऐसा करके से रोकती रही लेकिन दीदी के हाथ अपनी जगह पर ही थे,,,फिर मैने दीदी के एक बूब से अपना
हाथ हटा लिया ऑर बूब्स से नीचे होते हुए पेट को सहलाते हुए दीदी की कमर से फिराते हुए दीदी की चूत के
उपर पहुँच गया तभी दीदी ने मेरा हाथ पकड़ लिया लेकिन तब तक बहुत देर हो गई थी मेरा हाथ दीदी की चूत
पर पहुँचा गया था ऑर मैने हल्के से चूत को सहलाना शुरू कर दिया दीदी मेरे हाथ को पकड़ कर चूत
से दूर करने की नाकाम कोशिश करने लगी,,,मैने दीदी के हाथ को वापिस उपर किया ऑर अपने एक हाथ मे दीदी
के दोनो हाथों को कस्के पकड़ लिया,,,,,ऑर दूसरे हाथ को वापिस चूत पर ले गया ऑर सलवार ऑर पैंटी के उपर से
ही चूत को सहलाने लगा,,,,,,,,,,,
दीदी-;सन्नी ऐसा मत करो प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ तुमने बोला था कि तुमको सिर्फ़ लंड चुसवाना है अब ये सब मत करो ,,,,,,,,,,,
मैं कुछ नही सुन रहा था ऑर बूब्स को चूस्ता हुआ चूत को सहला रहा था
सलवार ऑर पैंटी के उपर से ही पता चल गया कि दीदी की चूत मे पानी आ गया था सलवार ऑर पैंटी गीली हो गई थी
ऑर चूत का पानी मेरे हाथ की उंगलियों मे लग गया था,,,,,,,,,,,,दीदी भी तैयार थी लेकिन फिर भी वो मना कर
रही थी,,,,,,,
मैने हाथ से दीदी के सलवार के नाडे को पकड़ा ऑर खींच दिया सलवार खुल गई मैने दीदी की तरफ देखा तो
उनके होश उड़ गये थे,,,,,,मैने एक हाथ से सलवार को उतारना शुरू कर दिया ऑर खुद सोफे पर दीदी के साथ
थोड़ी से जगह मे लेट गया कुछ सलवार तो हाथ से घुटने तक चली गई ऑर बाकी की सलवार को मैने अपने पैरो
से उतारना शुरू कर दिया दीदी ने अपने घुटनो को उपर करके मोड़ लिया ऑर मुझे सलवार उतारने से रोकने लगी
लेकिन दीदी की कोशिश नाकाम रही ऑर कुछ ही देर मे सलवार सोफे से होते हुए ज़मीन पर गिर गई थी,,,,अब दीदी
सिर्फ़ पैंटी मे थी,,,,,मैं दीदी के बूब्स को चूस्ते हुए पैंटी के उपर से दीदी की चूत को सहलाने लगा पैंटी
पूरी तरह गीली हो चुकी थी ऑर इसी बात से मेरी भी मस्ती कुछ बढ़ गई थी,,मैने दीदी के बूब्स से अपने फेस को
हटा लिया ऑर दीदी की पैंटी की तरफ हो गया ऑर हाथ से पैंटी को पकड़ कर उतारने लगा,,,,,,,,,,,,
दीदी-;सन्नी मत करो ऐसा पाल्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़,,,,,,,,
मैं-;दीदी मैं चुदाई नही कर रहा लेकिन हल्की सी मस्ती तो कर सकता हूँ ना ,,,,,,,,,,,,,,,
दीदी-;हल्की मस्ती के लिए मुझे नंगा क्यूँ कर रहे हो तुम,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं-;क्या करू दीदी जब तक 2 बदन नंगे नही होते मस्ती नही चढ़ती ऑर ना ही मज़ा आता है,इतना बोलकर मैने दीदी की पैंटी को भी उतार दिया अब दीदी मेरे सामने सोफे पर बिल्कुल नंगी थी,,,पैंटी उतर जाने के बाद मैने देखा कि दीदी की चूत पर एक भी बाल नही था ऑर चूत एक दम सॉफ ऑर चिकनी थी चूत का पानी चूत के बाहर की तरफ लगा हुआ था जिस से चूत एक दम काँच की तरह चमक रही थी,,,दीदी ने मुझे उनकी चूत को घूरते देखा तो दोनो टाँगो से चूत को मेरे
से छुपा लिया ऑर अपने सर को भी शरमा कर दूसरी तरफ पलट लिया,,,,,,मैं खड़ा हुआ ऑर दीदी को सोफे से अपनी
गोद मे उठा लिया दीदी एक दम से चोंक गई ऑर मुझे अजीब नज़रो से देखने लगी जबकि मैं मुस्कुराते हुए दीदी
को देख रहा था,,,,,,,मैं दीदी को उठाकर दीदी के रूम मे ले गया ऑर बेड पर लेटा दिया,,,,,,,,,ऑर खुद बेड पर
चढ़के दीदी की साइड मे लेट गया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,