hotaks444
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करीब 10-15 मिनट बाद फुल मस्ती मे लंड ने पिचकारी मारना शुरू कर दिया ऑर सारा पानी दीदी के मुँह मे निकाल दिया,,दीदी ने पानी गले से नीचे गटक लिया ऑर लंड को अच्छी तरह चाट कर सॉफ कर दिया,,,जो थोड़ा बहुत पानी दीदी के लिप्स से बहता हुआ उनकी चिन पर आ गया था दीदी ने उंगली से उसको भी मुँह मे भर लिया ऑर एक भी बूँद स्पर्म की जाया नही होने दी,,,,,
चल अब उठ जल्दी से,,,,,अब तो ये भी सो गया हल्का होके आराम से,,,दीदी ने मेरे लंड की तरफ इशारा करते हुए बोला ऑर खुद उठके रूम से बाहर चली गई,,,,,,,
मैं भी उठा ऑर बाथरूम जाके फ्रेश होके तैयार हो गया,,,,दीदी ने नाश्ता बना दिया था ऑर हम लोग बाहर बैठ कर नाश्ता करने लगे,,,,
भाभी कहाँ है दीदी,,,,,,,,,,मैने नाश्ता करते हुए दीदी से पूछा,,,,
वो तो सुबह जल्दी ही चली गई सन्नी,,,,दीदी ने भी कॉफी का सीप लेते हुए बोला,,,,
अब वापिस कब आएगी भाभी,,,मेरा मतलब है दोबारा कभी आएगी चुदाई करने के लिए,,
वो दोबारा नही आएगी सन्नी तुझे तो पता है वो मजबूरी मे यहाँ आई थी,,,अब नही आएगी कभी,,,,वैसे तू क्यू दोबारा मिलना
चाहता है भाभी को,,,,,मज़ा आया क्या उनकी चूत मार कर,,,,,
हाँ दीदी बहुत मज़ा आया चूत मार के,,,,,,लेकिन अभी उनकी गान्ड नही मारी इसीलिए बेताब हूँ उनकी गान्ड मारने के लिए ,,,एक दम टाइट गान्ड थी उनकी,,,,देख देख कर ही लंड मे पानी आने लगा था,,,,,
हां ये बात तो सही बोली तूने सन्नी,,,,,,,,लगता है सूरज ने कभी गान्ड मे उंगली भी नही डाली होगी कामिनी भाभी की,,,एक दम टाइटगान्ड थी उनकी,,,,नकली छोटा लंड भी बड़ी मुश्किल से अंदर घुसा था,,,,,,लेकिन अब दोबारा कब आएगी ये नही बता कर गई भाई,, ऑर मुझे लगता भी नही वो दोबारा आएगी,,क्यूकी जिस काम के लिए आई थी वो तो पूरा हो गया,,,,
क्या बोल रही हो दीदी,,,,भला ऐसा हुआ है कभी जो चूत सन्नी के लंड का स्वाद चख चुकी हो वो दोबारा नही तडपे सन्नी के लंड को चखने के लिए,,,,,
ये बात तो बिल्कुल सही बोली तूने सन्नी,,,,,,,,हो सकता है वो दोबारा फिर मस्ती करने चाहे तेरे साथ,,,,,,,,,,लेकिन अब इन बातों को छोड़ ऑर जल्दी कर मुझे कॉलेज भी जाना है,,,,ऑर तूने भी तो जाना है,,,,,, अभी घर जाके हमें चेंज भी करना है,,,,,
तू घर जाके माँ को बोलना कि तू करण के घर से आ रहा था तो रास्ते मे मुझे भी बुटीक से लेता आया है,,,,इतना बोलते ही दीदी ने कॉफी कप टेबल पर रखा जो खाली हो चुका था,,,,मैं भी नाश्ता कर चुका था,,,,,
हम दोनो वहाँ से घर चले गये ,,,,,,,,,
घर पर सोनिया नही थी वो शायद कविता के साथ कॉलेज चली गई थी,,,,शोबा दीदी भी अपने रूम मे चली गई तैयार होने
मैं भी तैयार होके कॉलेज जाने के लिए नीचे आया तो नीचे माँ ने मुझे नाश्ते के बारे मे पूछा,,,,,
बेटा नाश्ता तो करता जा ,,,,,माँ नाश्ते की प्लेट हाथ मे लेके खड़ी हुई थी,,,,
माँ मैं नाश्ता करके आया हूँ करण के घर से,,,
इतना बोलके मैं जाने लगा तो माँ फिर से बोली,,,,,,,,,,,,,,,,आज कॉलेज जाना ज़रूरी है क्या,,,छुट्टी नही कर सकता आज,,,,,,,,,
मैं समझ गया माँ ऐसा क्यूँ बोल रही थी,,,लेकिन मेरा मूड नही था,,,,,,,,क्यूकी रात भर की चुदाई से मैं थक गया था,,,,,
नही माँ आज कॉलेज जाना बहुत ज़रूरी है,,,,,लेकिन हो सका तो जल्दी आ जाउन्गा,,,,मैने माँ को आँख मार दी ऑर माँ भी मेरी बात समझ कर हँस के मुझे देखने लगी,,,,,,,
मैं वहाँ से निकला ऑर कॉलेज चला गया,,,,
रास्ते मे मैने देखा कि करण एक लड़की को बाइक पर लेके जा रहा था,,,,वो मेरे पास से गुजर गया लेकिन उसने मुझे नही देखा,,लेकिन मैने उसको देख लिया था ऑर उस लड़की को भी,,,,वो लड़की वही थी जो उस दिन शिखा दीदी के साथ कॉलेज मे थी,,,,जिसको अमित ने धक्का देके नीचे गिरा दिया था,,,,,पहले सोचा कि इसका पीछा करूँ देखु ये कहाँ जा रहा है ऑर पता करूँ ये लड़की कॉन है,,,लेकिन बाद मे सोचा कि करण खुद ही मुझे सब बता देगा क्यूकी मेरा अच्छा दोस्त है,,,इसलिए मैं सीधा कॉलेज चला गया,,,,,,,,
बहुत थक गया था इसलिए क्लास मे नही गया ऑर कॉलेज की पार्क मे जाके बैठ गया,,,पेड़ के नीचे लेट गया ऑर आराम करने लगा,,रात भर सोया जो नही था,,,,,
अभी कुछ ही टाइम हुआ था आराम करते हुए तभी किसी कमिने की आवाज़ से आराम हराम हो गया,,,,,,,,,
क्या सन्नी भाई हमारी नींद हराम करके खुद आराम से सो रहे हो,,,,,,ये साला वही कुत्ता था,,,सुमित,,,,अमित का चमचा,,,,
अबे तेरे आराम को क्या हुआ है,,,,चारपाई मे ख़टमल है क्या तेरी,,,,,,,
उसने हँसते हुए मुझे देखा,,,,,साला हँसता हुआ भी कितना बुरा लगता था,,,अरे भाई जबसे आपकी वजह से अमित से पंगा लिया है उसने जीना मुश्किल कर दिया है मेरा,,,,रोज किसी ने किसी बता पे पंगा करता है,,,उसके साले भडवे दोस्त भी जीना मुश्किल कर रहे है मेरा ,,,,,,,,,,,,
पहले तो सोचा कि साले तू भी तो भड़वा था कभी अमित का,,,,जाके मर अब उसके हाथों,,,,,,,,,,,,,
क्यू क्या कहते है वो लोग तुझे,,,,,,,,,,,,,
अरे भाई क्लास मे भी तंग करते है,,,,कॅंटीन मे भी,,,,कहीं जीने नही देते मुझे,,,,कल मिलकर सबने ने बहुत मारा मुझे,,,,उसने अपनी टी-शर्ट उपर की ऑर पीठ पर मार के निशान दिखाने लगा,,,ऑर रोने लगा,,,,,,,,,,
साला इतना बड़ा होके लड़की की तरह रोता है,,,,कुछ तो शरम कर,,,,,,,
क्या करूँ भाई ,,जबसे आपका साथ दिया अमित के खिलाफ तब से रोज मरते है मेरे को,,एक दिन भी ऐसा नही जब किसी बता पे पंगा नही करते मेरे साथ,,,,
चल आज के बाद कोई हाथ नही लगाएगा तेरे को,,,,,
वो कैसे भाई,,,,,
अभी मैं बात कर ही रहा था कि करण भी वहाँ आ गया,,,,,
तू आज लेट क्यूँ आया है करण,,,,,,,,कहीं गया हुआ था क्या,,,,,,
हाँ भाई वो घर का कुछ समान लेके आना था इसलिए लेट हो गया,,,,,,,
करण ने मेरे से झूठ बोला,,,अभी साला लड़की के साथ घूम रहा था ऑर बोलता है घर का समान लेने गया था,,,मुझे अभी सुमितकी बातें सुनके अमित पर इतना गुस्सा नही आया था जितना करण का झूठ सुनके उसपे आया था,,,लेकिन मैं गुस्सा पी गया ,,,,
अरे इसको क्या हुआ है लड़की की तरह रो क्यूँ रहा है ये,,,,करण ने सुमित की तरफ उंगली करते हुए हँसते हुए मज़ाक मे बोला,,,,
कुछ नही करण भाई ,,,अमित ऑर उसके चम्चे तंग करते है इसको,,,,रोज किसी ना किसी बात मे पंगा करते है इसके साथ,,,,
सन्नी भाई ये भी तो उनका चमचा था कभी,,,अब क्या हुआ,,,,,
मैने करण को उस दिन की बात बोली जब सुमित ने अमित के खिलाफ हम लोगो का साथ दिया था,,,,,
ओह अच्छा इसलिए इसके दोस्त अब इसके दुश्मन बन गये है,,,,तो क्या हल निकाला इसकी परेशानी का सन्नी भाई,,,,
देखते है करण क्या होता है,,,चल कॅंटीन मे चलते है वहीं बैठ कर बात करते है,,,,
हम लोग कॅंटीन की तरफ जा रहे थे तभी मैने देखा कि अमित अपने कुछ दोस्तो के साथ खड़ा हुआ था,,,,मैं जान भूज कर
करण ऑर सुमित के साथ उसके करीब से गुजरा,,,,वो हम लोगो की तरफ देख रहा था ऑर ख़ासकर सुमित को गुस्से से देख रहा था,,,,
देख सुमित भाई आज के बाद तू सन्नी ऑर करण की गॅंग मे शामिल हो गया है,,,,अब अगर तुझे किसी ने हाथ भी लगाया तो उसको बोल देना कि तू हमारी गॅंग का बंदा है,,,,ऑर अगर इसके बावजूद भी किसी ने तेरे से पंगा किया तो हमको बोल देना,,,ऐसी माँ चोदेन्गे उस कमिने की सारी उमर याद रखेगा,,,,,मैं इतना सब गुस्से मे बोल रहा था ऑर अमित मेरी तरफ देख रहा था लेकिन वो कुछ बोला नही क्यूकी वो मेरे गुस्से से अच्छी तरह वाकिफ़ था,,,,वो तो उल्टा अपने दोस्तो एक साथ वहाँ से चला गया,,,,जब सुमित ने देखा कि मेरी बात सुनके अमित वहाँ से भाग गया तो वो बहुत खुश हुआ,,,,
चल अब उठ जल्दी से,,,,,अब तो ये भी सो गया हल्का होके आराम से,,,दीदी ने मेरे लंड की तरफ इशारा करते हुए बोला ऑर खुद उठके रूम से बाहर चली गई,,,,,,,
मैं भी उठा ऑर बाथरूम जाके फ्रेश होके तैयार हो गया,,,,दीदी ने नाश्ता बना दिया था ऑर हम लोग बाहर बैठ कर नाश्ता करने लगे,,,,
भाभी कहाँ है दीदी,,,,,,,,,,मैने नाश्ता करते हुए दीदी से पूछा,,,,
वो तो सुबह जल्दी ही चली गई सन्नी,,,,दीदी ने भी कॉफी का सीप लेते हुए बोला,,,,
अब वापिस कब आएगी भाभी,,,मेरा मतलब है दोबारा कभी आएगी चुदाई करने के लिए,,
वो दोबारा नही आएगी सन्नी तुझे तो पता है वो मजबूरी मे यहाँ आई थी,,,अब नही आएगी कभी,,,,वैसे तू क्यू दोबारा मिलना
चाहता है भाभी को,,,,,मज़ा आया क्या उनकी चूत मार कर,,,,,
हाँ दीदी बहुत मज़ा आया चूत मार के,,,,,,लेकिन अभी उनकी गान्ड नही मारी इसीलिए बेताब हूँ उनकी गान्ड मारने के लिए ,,,एक दम टाइट गान्ड थी उनकी,,,,देख देख कर ही लंड मे पानी आने लगा था,,,,,
हां ये बात तो सही बोली तूने सन्नी,,,,,,,,लगता है सूरज ने कभी गान्ड मे उंगली भी नही डाली होगी कामिनी भाभी की,,,एक दम टाइटगान्ड थी उनकी,,,,नकली छोटा लंड भी बड़ी मुश्किल से अंदर घुसा था,,,,,,लेकिन अब दोबारा कब आएगी ये नही बता कर गई भाई,, ऑर मुझे लगता भी नही वो दोबारा आएगी,,क्यूकी जिस काम के लिए आई थी वो तो पूरा हो गया,,,,
क्या बोल रही हो दीदी,,,,भला ऐसा हुआ है कभी जो चूत सन्नी के लंड का स्वाद चख चुकी हो वो दोबारा नही तडपे सन्नी के लंड को चखने के लिए,,,,,
ये बात तो बिल्कुल सही बोली तूने सन्नी,,,,,,,,हो सकता है वो दोबारा फिर मस्ती करने चाहे तेरे साथ,,,,,,,,,,लेकिन अब इन बातों को छोड़ ऑर जल्दी कर मुझे कॉलेज भी जाना है,,,,ऑर तूने भी तो जाना है,,,,,, अभी घर जाके हमें चेंज भी करना है,,,,,
तू घर जाके माँ को बोलना कि तू करण के घर से आ रहा था तो रास्ते मे मुझे भी बुटीक से लेता आया है,,,,इतना बोलते ही दीदी ने कॉफी कप टेबल पर रखा जो खाली हो चुका था,,,,मैं भी नाश्ता कर चुका था,,,,,
हम दोनो वहाँ से घर चले गये ,,,,,,,,,
घर पर सोनिया नही थी वो शायद कविता के साथ कॉलेज चली गई थी,,,,शोबा दीदी भी अपने रूम मे चली गई तैयार होने
मैं भी तैयार होके कॉलेज जाने के लिए नीचे आया तो नीचे माँ ने मुझे नाश्ते के बारे मे पूछा,,,,,
बेटा नाश्ता तो करता जा ,,,,,माँ नाश्ते की प्लेट हाथ मे लेके खड़ी हुई थी,,,,
माँ मैं नाश्ता करके आया हूँ करण के घर से,,,
इतना बोलके मैं जाने लगा तो माँ फिर से बोली,,,,,,,,,,,,,,,,आज कॉलेज जाना ज़रूरी है क्या,,,छुट्टी नही कर सकता आज,,,,,,,,,
मैं समझ गया माँ ऐसा क्यूँ बोल रही थी,,,लेकिन मेरा मूड नही था,,,,,,,,क्यूकी रात भर की चुदाई से मैं थक गया था,,,,,
नही माँ आज कॉलेज जाना बहुत ज़रूरी है,,,,,लेकिन हो सका तो जल्दी आ जाउन्गा,,,,मैने माँ को आँख मार दी ऑर माँ भी मेरी बात समझ कर हँस के मुझे देखने लगी,,,,,,,
मैं वहाँ से निकला ऑर कॉलेज चला गया,,,,
रास्ते मे मैने देखा कि करण एक लड़की को बाइक पर लेके जा रहा था,,,,वो मेरे पास से गुजर गया लेकिन उसने मुझे नही देखा,,लेकिन मैने उसको देख लिया था ऑर उस लड़की को भी,,,,वो लड़की वही थी जो उस दिन शिखा दीदी के साथ कॉलेज मे थी,,,,जिसको अमित ने धक्का देके नीचे गिरा दिया था,,,,,पहले सोचा कि इसका पीछा करूँ देखु ये कहाँ जा रहा है ऑर पता करूँ ये लड़की कॉन है,,,लेकिन बाद मे सोचा कि करण खुद ही मुझे सब बता देगा क्यूकी मेरा अच्छा दोस्त है,,,इसलिए मैं सीधा कॉलेज चला गया,,,,,,,,
बहुत थक गया था इसलिए क्लास मे नही गया ऑर कॉलेज की पार्क मे जाके बैठ गया,,,पेड़ के नीचे लेट गया ऑर आराम करने लगा,,रात भर सोया जो नही था,,,,,
अभी कुछ ही टाइम हुआ था आराम करते हुए तभी किसी कमिने की आवाज़ से आराम हराम हो गया,,,,,,,,,
क्या सन्नी भाई हमारी नींद हराम करके खुद आराम से सो रहे हो,,,,,,ये साला वही कुत्ता था,,,सुमित,,,,अमित का चमचा,,,,
अबे तेरे आराम को क्या हुआ है,,,,चारपाई मे ख़टमल है क्या तेरी,,,,,,,
उसने हँसते हुए मुझे देखा,,,,,साला हँसता हुआ भी कितना बुरा लगता था,,,अरे भाई जबसे आपकी वजह से अमित से पंगा लिया है उसने जीना मुश्किल कर दिया है मेरा,,,,रोज किसी ने किसी बता पे पंगा करता है,,,उसके साले भडवे दोस्त भी जीना मुश्किल कर रहे है मेरा ,,,,,,,,,,,,
पहले तो सोचा कि साले तू भी तो भड़वा था कभी अमित का,,,,जाके मर अब उसके हाथों,,,,,,,,,,,,,
क्यू क्या कहते है वो लोग तुझे,,,,,,,,,,,,,
अरे भाई क्लास मे भी तंग करते है,,,,कॅंटीन मे भी,,,,कहीं जीने नही देते मुझे,,,,कल मिलकर सबने ने बहुत मारा मुझे,,,,उसने अपनी टी-शर्ट उपर की ऑर पीठ पर मार के निशान दिखाने लगा,,,ऑर रोने लगा,,,,,,,,,,
साला इतना बड़ा होके लड़की की तरह रोता है,,,,कुछ तो शरम कर,,,,,,,
क्या करूँ भाई ,,जबसे आपका साथ दिया अमित के खिलाफ तब से रोज मरते है मेरे को,,एक दिन भी ऐसा नही जब किसी बता पे पंगा नही करते मेरे साथ,,,,
चल आज के बाद कोई हाथ नही लगाएगा तेरे को,,,,,
वो कैसे भाई,,,,,
अभी मैं बात कर ही रहा था कि करण भी वहाँ आ गया,,,,,
तू आज लेट क्यूँ आया है करण,,,,,,,,कहीं गया हुआ था क्या,,,,,,
हाँ भाई वो घर का कुछ समान लेके आना था इसलिए लेट हो गया,,,,,,,
करण ने मेरे से झूठ बोला,,,अभी साला लड़की के साथ घूम रहा था ऑर बोलता है घर का समान लेने गया था,,,मुझे अभी सुमितकी बातें सुनके अमित पर इतना गुस्सा नही आया था जितना करण का झूठ सुनके उसपे आया था,,,लेकिन मैं गुस्सा पी गया ,,,,
अरे इसको क्या हुआ है लड़की की तरह रो क्यूँ रहा है ये,,,,करण ने सुमित की तरफ उंगली करते हुए हँसते हुए मज़ाक मे बोला,,,,
कुछ नही करण भाई ,,,अमित ऑर उसके चम्चे तंग करते है इसको,,,,रोज किसी ना किसी बात मे पंगा करते है इसके साथ,,,,
सन्नी भाई ये भी तो उनका चमचा था कभी,,,अब क्या हुआ,,,,,
मैने करण को उस दिन की बात बोली जब सुमित ने अमित के खिलाफ हम लोगो का साथ दिया था,,,,,
ओह अच्छा इसलिए इसके दोस्त अब इसके दुश्मन बन गये है,,,,तो क्या हल निकाला इसकी परेशानी का सन्नी भाई,,,,
देखते है करण क्या होता है,,,चल कॅंटीन मे चलते है वहीं बैठ कर बात करते है,,,,
हम लोग कॅंटीन की तरफ जा रहे थे तभी मैने देखा कि अमित अपने कुछ दोस्तो के साथ खड़ा हुआ था,,,,मैं जान भूज कर
करण ऑर सुमित के साथ उसके करीब से गुजरा,,,,वो हम लोगो की तरफ देख रहा था ऑर ख़ासकर सुमित को गुस्से से देख रहा था,,,,
देख सुमित भाई आज के बाद तू सन्नी ऑर करण की गॅंग मे शामिल हो गया है,,,,अब अगर तुझे किसी ने हाथ भी लगाया तो उसको बोल देना कि तू हमारी गॅंग का बंदा है,,,,ऑर अगर इसके बावजूद भी किसी ने तेरे से पंगा किया तो हमको बोल देना,,,ऐसी माँ चोदेन्गे उस कमिने की सारी उमर याद रखेगा,,,,,मैं इतना सब गुस्से मे बोल रहा था ऑर अमित मेरी तरफ देख रहा था लेकिन वो कुछ बोला नही क्यूकी वो मेरे गुस्से से अच्छी तरह वाकिफ़ था,,,,वो तो उल्टा अपने दोस्तो एक साथ वहाँ से चला गया,,,,जब सुमित ने देखा कि मेरी बात सुनके अमित वहाँ से भाग गया तो वो बहुत खुश हुआ,,,,