hotaks444
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करीब 5 मिनट तक हम ऐसे ही चुप चाप लेटे रहे फिर ,,माँ बीच मे थी एक तरफ मैं था ऑर एक तरफ शोभा
थी ,,,,तभी शोभा माँ के ऑर ज़्यादा करीब हो गई ,,माँ का हाथ बेड पर गिरा हुआ था तो शोभा अपने सर को माँ के हाथ
पर रख कर माँ के शोल्डर के उपर माँ के सर के करीब आ गई ,,,माँ ने उसकी तरफ देखा ऑर प्यार से अपने दूसरे
हाथ से उसको सर को सहलाया ऑर हल्की सी किस करदी फॉरहेड पर लेकिन शोभा ने जल्दी से खुद के लिप्स को थोड़ा उपर कर दिया जिस से माँ जब दोबारा शोभा को फॉरहेड पर किस करने लगी तो माँ के लिप्स शोभा के लिप्स से टच हो गये ऑर दोनो ने फिर से एक दूसरे के लिप्स को किस करना शुरू कर दिया मैने भी आगे बढ़ कर माँ के पेट पर हाथ रखते हुए हाथ को थोड़ा आगे ले जाके शोभा के बूब को पकड़ लिया ऑर सर को माँ के बूब पर रख कर माँ के एक बूब को मुँह
मे भर लिया ऑर चूसने लगा,,,,
माँ मज़ा आया आज,,,,,,,,शोभा ने अपने लिप्स माँ के लिप्स से हटा कर माँ से पूछा,,,,,,
हाँ बेटी बहुत मज़ा आया,,,,आज मेरे बेटा ऑर बेटी दोनो ने मिलकर बहुत मज़ा दिया मुझे,,,,लेकिन थोड़ी हैरत भी हुई
मुझे जब तुमको अपने रूम मे देखा था,,,,,
माँ ये सब शोभा दीदी का प्लान था,,,मैने माँ के बूब को मुँह से निकालते हुए बोला,,,,
चल झूठा कहीं का ,,ये सब तेरा प्लान था सन्नी झूठ मत बोल अब,,,,,,,शोभा ने हल्के से मेरे सर पर थप्पड़
मारा,,,,,,,,
अरे झगड़ा मत करो प्लान किसी का भी था मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता ,,,,सच बात तो ये है कि प्लान कामयाब हो गया
,,,,,इतना बोलकर माँ हँसने लगी,,,,,
माँ प्लान तो मेरा था बट दीदी का भी दिल कर रहा था हम दोनो के साथ मिलकर मस्ती करने को,,,,जब मैने इसको
पूछा कि ये आपके बड़े बड़े बूब्स को मुँह मे भरके चूसना चाहती है तो एक ही बार मे मान गई थी ये,,,,,
शोभा ने फिर से मेरे थप्पड़ मारा,,हल्का सा,,,,
माँ ने शोभा की तरफ देखा,,,,,,,,,,,,,,,क्या सच मे तेरा दिल कर रहा था मेरे बड़े बड़े बूब्स को चूसने का बेटी,,,,
माँ ने शोभा का वही हाथ पकड़ा जिस से वो मुझे थप्पड़ मांर रही थी ऑर पकड़ कर अपने बूब्स पर रख दिया,,,
हां माँ मेरा बहुत दिल कर रहा था,आपके बड़े बड़े बूब्स चूसने को,,,शोभा ने माँ के बूब्स पर हाथ रखते
ही कस्के दबा दिया ऑर जल्दी से दूसरे वाले को मुँह मे भर लिया,,,,,,
अब मेरे बड़े बूब्स चूसने के दिल कर रहा है क्यू क्या बात है अब गीता के बूब्स से दिल भर गया क्या तेरा,,,,,
शोभा दीदी ने माँ के बूब को मुँह से निकाला ऑर मुँह खोलके माँ की तरफ देखने लगी,,,,,वही हाल मेरा भी था,,,
हम दोनो हैरान होके माँ की तरफ देखने लगे,,,,,
अरे डरो मत बेटी मुझे इस बात से कोई गुस्सा नही है कि तुम गीता के साथ भी मस्ती करती हो ,मैं तो खुश हूँ
इस बात से कि तुम अब मेरे साथ भी मस्ती करने आ गई,,,,,
लेकिन माँ आपको कैसे पता मेरे ऑर बुआ के बारे मे,,,,,,,,,यही सवाल मैं भी करने ही वाला था माँ से,,,,
माँ हँसने लगी,,,,,,,
तुम लोग क्या समझते हो कि तुम लोगो को ही सब कुछ पता है,,,,,माँ फिर हँसने लगी,,,,
तभी शोभा दीदी समझ गई कि माँ को रेखा ने बताया होगा,,,,,,,
माँ आपको रेखा ने बताया था क्या,,,,,,,,,,,,दीदी ने माँ से पूछ ही लिया,,,,,,,,,,,
नही बेटी वो मेरे आगे मुँह नही खोलती ज़्यादा,,,,,,कुछ नही बताती मुझे वो अगर बताने चाहती भी है तो भी
नही बता पाती क्यूकी डरती है मेरे से,,,,,,,,,,,
फिर कैसे पता चला आपको,,,,,,,,,,,शोभा ने हैरान होके पूछा क्यूकी अगर रेखा ने नही बताया तो फिर कॉन बता
सकता है,,,,,,,,,,,मैं भी हैरान था क्यूकी मैने भी नही बताया था माँ को दीदी ऑर बुआ के बारे मे,,,,
तुम लोग क्या समझते हो कि घर की ड्यूप्लिकेट चाबी बनवाना तुम लोगो को ही आता है,,,,,,,,,
मैं ओर दीदी कुछ नही समझे,,,,,,,,,,,,,क्या बोला रही हो माँ मैं कुछ समझी नही,,,,,
बच्चो मैं तुम्हारी माँ हूँ तुम लोगो से कुछ कदम आगे रहती हूँ,,,,,,,,,,,जैसे तुम लोगो ने घर की दूसरी
चाबी बनवाई हुई है वैसे मेरे पास गीता के बुटीक की दूसरी चाबी है,,,,,माँ हँसने लगी
मैं ऑर शोभा को एक दम से हैरान हो गये,,,,,,
ज़्यादा हैरान मैं हुआ था क्यूकी मुझे नही पता था दीदी के पास भी घर की एक चाबी है,,,,फिर मेरा माथा
ठनका ,,मुझे याद आया कि जब शिखा को पहली बार करण से मैने अपने ही घर मे चुदवाया था तब शोभा
घर पे नही थी क्यूकी इसकी अक्तिवा नही थी घर मे,,,लेकिन बाद मे वो घर मे कैसे आ गई थी पक्का उस दिन ये दूसरी
चाबी से घर मे आई थी ऑर मुझे झूठ बोल रही थी कि वो घर मे ही थी,,,,,
मैं तेरे ऑर गीता के बारे मे नही ,,,,,तुम्हारे गीता ऑर तेरे बाप के बारे मे भी जानती हूँ ऑर उन दो लड़कियों के
बारे मे भी जानती हूँ जो गीता के बुटीक पर काम करती है,,,,,,
माँ अपने क्या वहाँ आके देखा था हमे वो सब करते ,,,,,,,,,,शोभा ने माँ से पूछा,,,,,,
नही बेटी मैं नही आती थी वहाँ,,,,,,,,,,वहाँ तो
माँ बोलने ही लगी थी तभी डोर बेल बजी,,,,,,,,,,,,,,,
हम सब डर गये कहीं सोनिया तो नही आ गई ,,,,,,,,,,
मैं ऑर शोभा जल्दी से माँ के बाथरूम मे चले गये ऑर माँ नाइटी पहन कर बाहर दरवाजा खोलने चली गई,,,,
माँ बाहर दरवाजा खोलने चली गई जबकि मैं ओर दीदी बाथरूम मे चले गये,,,,,
लगता है सोनिया आ गई,,मैने डरते हुए बोला,,,,,,,,,,,,,,,,
नही सोनिया नही होगी क्यूकी उसका फोन आया था वो कॉलेज से सीधा कविता के घर जाने वाली थी अब शाम को ही
वापिस आएगी वो,,,,,,,,
मेरी साँस मे साँस आ गई कि शूकर है सोनिया नही है वो,,,,तो फिर कॉन आया है ,,,,,,,,
तभी माँ रूम मे आ गई मैं ऑर शोभा बाथरूम के दरवाजे के पीछे से देख ने लगे,,,,
थी ,,,,तभी शोभा माँ के ऑर ज़्यादा करीब हो गई ,,माँ का हाथ बेड पर गिरा हुआ था तो शोभा अपने सर को माँ के हाथ
पर रख कर माँ के शोल्डर के उपर माँ के सर के करीब आ गई ,,,माँ ने उसकी तरफ देखा ऑर प्यार से अपने दूसरे
हाथ से उसको सर को सहलाया ऑर हल्की सी किस करदी फॉरहेड पर लेकिन शोभा ने जल्दी से खुद के लिप्स को थोड़ा उपर कर दिया जिस से माँ जब दोबारा शोभा को फॉरहेड पर किस करने लगी तो माँ के लिप्स शोभा के लिप्स से टच हो गये ऑर दोनो ने फिर से एक दूसरे के लिप्स को किस करना शुरू कर दिया मैने भी आगे बढ़ कर माँ के पेट पर हाथ रखते हुए हाथ को थोड़ा आगे ले जाके शोभा के बूब को पकड़ लिया ऑर सर को माँ के बूब पर रख कर माँ के एक बूब को मुँह
मे भर लिया ऑर चूसने लगा,,,,
माँ मज़ा आया आज,,,,,,,,शोभा ने अपने लिप्स माँ के लिप्स से हटा कर माँ से पूछा,,,,,,
हाँ बेटी बहुत मज़ा आया,,,,आज मेरे बेटा ऑर बेटी दोनो ने मिलकर बहुत मज़ा दिया मुझे,,,,लेकिन थोड़ी हैरत भी हुई
मुझे जब तुमको अपने रूम मे देखा था,,,,,
माँ ये सब शोभा दीदी का प्लान था,,,मैने माँ के बूब को मुँह से निकालते हुए बोला,,,,
चल झूठा कहीं का ,,ये सब तेरा प्लान था सन्नी झूठ मत बोल अब,,,,,,,शोभा ने हल्के से मेरे सर पर थप्पड़
मारा,,,,,,,,
अरे झगड़ा मत करो प्लान किसी का भी था मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता ,,,,सच बात तो ये है कि प्लान कामयाब हो गया
,,,,,इतना बोलकर माँ हँसने लगी,,,,,
माँ प्लान तो मेरा था बट दीदी का भी दिल कर रहा था हम दोनो के साथ मिलकर मस्ती करने को,,,,जब मैने इसको
पूछा कि ये आपके बड़े बड़े बूब्स को मुँह मे भरके चूसना चाहती है तो एक ही बार मे मान गई थी ये,,,,,
शोभा ने फिर से मेरे थप्पड़ मारा,,हल्का सा,,,,
माँ ने शोभा की तरफ देखा,,,,,,,,,,,,,,,क्या सच मे तेरा दिल कर रहा था मेरे बड़े बड़े बूब्स को चूसने का बेटी,,,,
माँ ने शोभा का वही हाथ पकड़ा जिस से वो मुझे थप्पड़ मांर रही थी ऑर पकड़ कर अपने बूब्स पर रख दिया,,,
हां माँ मेरा बहुत दिल कर रहा था,आपके बड़े बड़े बूब्स चूसने को,,,शोभा ने माँ के बूब्स पर हाथ रखते
ही कस्के दबा दिया ऑर जल्दी से दूसरे वाले को मुँह मे भर लिया,,,,,,
अब मेरे बड़े बूब्स चूसने के दिल कर रहा है क्यू क्या बात है अब गीता के बूब्स से दिल भर गया क्या तेरा,,,,,
शोभा दीदी ने माँ के बूब को मुँह से निकाला ऑर मुँह खोलके माँ की तरफ देखने लगी,,,,,वही हाल मेरा भी था,,,
हम दोनो हैरान होके माँ की तरफ देखने लगे,,,,,
अरे डरो मत बेटी मुझे इस बात से कोई गुस्सा नही है कि तुम गीता के साथ भी मस्ती करती हो ,मैं तो खुश हूँ
इस बात से कि तुम अब मेरे साथ भी मस्ती करने आ गई,,,,,
लेकिन माँ आपको कैसे पता मेरे ऑर बुआ के बारे मे,,,,,,,,,यही सवाल मैं भी करने ही वाला था माँ से,,,,
माँ हँसने लगी,,,,,,,
तुम लोग क्या समझते हो कि तुम लोगो को ही सब कुछ पता है,,,,,माँ फिर हँसने लगी,,,,
तभी शोभा दीदी समझ गई कि माँ को रेखा ने बताया होगा,,,,,,,
माँ आपको रेखा ने बताया था क्या,,,,,,,,,,,,दीदी ने माँ से पूछ ही लिया,,,,,,,,,,,
नही बेटी वो मेरे आगे मुँह नही खोलती ज़्यादा,,,,,,कुछ नही बताती मुझे वो अगर बताने चाहती भी है तो भी
नही बता पाती क्यूकी डरती है मेरे से,,,,,,,,,,,
फिर कैसे पता चला आपको,,,,,,,,,,,शोभा ने हैरान होके पूछा क्यूकी अगर रेखा ने नही बताया तो फिर कॉन बता
सकता है,,,,,,,,,,,मैं भी हैरान था क्यूकी मैने भी नही बताया था माँ को दीदी ऑर बुआ के बारे मे,,,,
तुम लोग क्या समझते हो कि घर की ड्यूप्लिकेट चाबी बनवाना तुम लोगो को ही आता है,,,,,,,,,
मैं ओर दीदी कुछ नही समझे,,,,,,,,,,,,,क्या बोला रही हो माँ मैं कुछ समझी नही,,,,,
बच्चो मैं तुम्हारी माँ हूँ तुम लोगो से कुछ कदम आगे रहती हूँ,,,,,,,,,,,जैसे तुम लोगो ने घर की दूसरी
चाबी बनवाई हुई है वैसे मेरे पास गीता के बुटीक की दूसरी चाबी है,,,,,माँ हँसने लगी
मैं ऑर शोभा को एक दम से हैरान हो गये,,,,,,
ज़्यादा हैरान मैं हुआ था क्यूकी मुझे नही पता था दीदी के पास भी घर की एक चाबी है,,,,फिर मेरा माथा
ठनका ,,मुझे याद आया कि जब शिखा को पहली बार करण से मैने अपने ही घर मे चुदवाया था तब शोभा
घर पे नही थी क्यूकी इसकी अक्तिवा नही थी घर मे,,,लेकिन बाद मे वो घर मे कैसे आ गई थी पक्का उस दिन ये दूसरी
चाबी से घर मे आई थी ऑर मुझे झूठ बोल रही थी कि वो घर मे ही थी,,,,,
मैं तेरे ऑर गीता के बारे मे नही ,,,,,तुम्हारे गीता ऑर तेरे बाप के बारे मे भी जानती हूँ ऑर उन दो लड़कियों के
बारे मे भी जानती हूँ जो गीता के बुटीक पर काम करती है,,,,,,
माँ अपने क्या वहाँ आके देखा था हमे वो सब करते ,,,,,,,,,,शोभा ने माँ से पूछा,,,,,,
नही बेटी मैं नही आती थी वहाँ,,,,,,,,,,वहाँ तो
माँ बोलने ही लगी थी तभी डोर बेल बजी,,,,,,,,,,,,,,,
हम सब डर गये कहीं सोनिया तो नही आ गई ,,,,,,,,,,
मैं ऑर शोभा जल्दी से माँ के बाथरूम मे चले गये ऑर माँ नाइटी पहन कर बाहर दरवाजा खोलने चली गई,,,,
माँ बाहर दरवाजा खोलने चली गई जबकि मैं ओर दीदी बाथरूम मे चले गये,,,,,
लगता है सोनिया आ गई,,मैने डरते हुए बोला,,,,,,,,,,,,,,,,
नही सोनिया नही होगी क्यूकी उसका फोन आया था वो कॉलेज से सीधा कविता के घर जाने वाली थी अब शाम को ही
वापिस आएगी वो,,,,,,,,
मेरी साँस मे साँस आ गई कि शूकर है सोनिया नही है वो,,,,तो फिर कॉन आया है ,,,,,,,,
तभी माँ रूम मे आ गई मैं ऑर शोभा बाथरूम के दरवाजे के पीछे से देख ने लगे,,,,