hotaks444
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साला खुद मे तो दम नही है लेकिन कुछ चम्चे साथ मे रख कर बड़ा दादा बनता है कॉलेज का,,,हाइट 5 फीट
से भी छोटी है ,,,,रंग एक दाम कोयले जैसा काला,,,,मुँह ऐसा है जैसे किसी ने दीवार पर गोब्बर पटक कर मारा होता
है,,,साला देखो तो उल्टी करने का दिल करता है,,,,किसी साउतइंडियन फिल्म का गुंडा लगता है,,,,लेकिन हाइट मे उनसे कहीं
छोटा है,,,,
उसकी धमकी से मैं ऑर करण तो नही डरे लेकिन बेचारा सुमित डर गया ,,क्यूकी उनलोगो ने बहुत मारा था उसको,,,उसका
एक हाथ तो पहले से टूटा हुआ था,,,,वो डर तो गया था लेकिन मेरे ऑर करण के साथ होते ही उसकी हिम्मत बढ़ गई थी,,,,
साले फिर कभी की बात क्या करते है आज ही फैंसला कर लेते है,,,,,आ अगर माँ का दूध पिया है,,लेकिन याद रखना
अब अगर मुझे हाथ भी ल्गया तो सोच लेना ,,,तेरे ऑर तेरे बाप अमित की वो सीडीज़ मेरे पास है,,,तेरा बाप भले ही वो
असली सीडीज़ अपने साथ ले गया लेकिन उन सीडीज़ की कॉपीस मेरे पास है,,,,दोबारा अगर मेरे रास्ते मे भी आया तो सीडीज़ की इतनी कॉपीस बना लूँगा कि पूरे कॉलेज मे बाँट दूँगा,,
सीडीज़ की बात सुनके सुरेश थोड़ा डर गया ओर बिना कुछ बोले वहाँ से चला गया लेकिन फिर से जाते जाते अपना गुस्सा वो
किसी ऑर पर उतार गया,,,,,,,,,सुरेश ने जाते जाते कॅंटीन के बाहर पड़ी कोल्ड्रींक्स की बोतटेल्स पर लत मरके उसको गिरा दिया
बेचारा कॅंटीन वाला भी कुछ नही कर सका,,,ऑर बस रोता रह गया,,,,अगर वो कुछ कहता तो उन लोगो ने उसको भी
मारना था,,,,
कॅंटीन वाला रो रहा था लेकिन सुमित खुश हो रहा था क्यूकी उसने देख लिया था कि सीडीज़ की बात सुनके वो लोग चुप चाप
वहाँ से चले गये थे,,,
वो लोग वहाँ से चले गये ,,,,भीड़ भी अपने अपने रास्ते चली गई ,,लेकिन भीड़ दूर होते ही मैने देखा कि सोनिया ऑर कविता
वहाँ खड़ी हुई मुझे ऑर करण को देख रही थी ,,,,लेकिन जैसे ही मेरी नज़ारे सोनिया से मिल्ली वो कामिनी वही हिट्लर वेल गुस्से
के अंदाज़ से मुझे देखती हुई कविता का हाथ पकड़ कर वहाँ से ले गई,,,,
मैं ऑर करण भी सुमित को कॉलेज के क्लिनिक पर ले गये ओर उसकी मरहम पट्टी करवके उसको घर छोड़के अपने घर
की तरफ चले गये,,क्यूकी हम लोगो को जल्दी थी ,,सोनिया ऑर कविता भी घर के लिए निकल गई थी,,अगर तो सोनिया कविता के
घर पर रुक जाती तो ठीक था वर्ना मेरा ऑर करण का मस्ती करने का प्लान बीच मे ही अटक कर रह जाता,,,,
वहाँ से जल्दी जल्दी बाइक चला कर मैं ऑर करण घर पहुँचे तो बेल बजाने के तुरंत बाद ही माँ ने दरवाजा
खोल दिया,,,
दरवाजा इतनी जल्दी खुलते ही मैं समझ गया कि अंदर कोई प्रोग्राम नही चल रहा है,,,उपर से माँ की हालत भी ठीक
थी ऑर उनका चेहरा भी उदास था,,,मैं उनका उदास चेहरा देख कर हँसने लगा,,,
क्या हुआ माँ इतनी उदास क्यूँ हो,,,,,मैने हँसते हुए माँ से पूछा,,,,
चल बदमाश ऐसे पूछ रहा है जैसे कुछ जानता ही नही,,,,तेरी हिट्लर सोनिया घर आ गई है ,,,सारा मज़ा खराब
कर दिया,,,,
कहाँ है सोनिया माँ,,,,,,,,,मैने माँ से पूछा,,,,
वो उपर है अपने रूम मे अभी कुछ देर पहले आई,,,सारा खेल बीच मे रोकना पड़ा हम सब को,,,,इतना मज़ा आ रहा
था कि क्या बताऊ,,,,इतना बोलते बोलते माँ एक साइड हट गई ,,,
मैं ऑर करण घर के अंदर आ गये,,,,
क्यू क्या हुआ माँ ,,,,,सारा मज़ा खराब क्यू हो गया,,,,,
अरे बेटा तेरा मामा मुझे तो देख ही नही रहा था,,,शोभा ऑर शिखा के पीछे ही पड़ा हुआ था,,मैं तो बस नकली
लंड से खुद को खुश करती रही ओर जब मेरी बारी आई शिखा के साथ मस्ती करने की तो अभी मैने उसकी चूत पर अपनी
ज़ुबान रखी ही थी तभी सोनिया आ गई,,,,सारा मज़ा किरकिरा हो गया,,,,,,
बाकी सब कहाँ है आंटी,,,,करण ने आगे होके माँ से पूछा,,,
वो सब तो मज़ा करने बुटीक पर चले गये बेटा,,,मुझे यहाँ अकेला छोड़ गये,,,
आप अकेली कहाँ हो आंटी,,,अब मैं ऑर सन्नी आ गये है ना,,,,,करण ने इतना बोलके माँ के बूब्स को हाथों मे
पकड़ लिया ऑर माँ को किस करने लगा,,,,
नही बेटा अभी नही ऑर यहाँ तो बिल्कुल नही,,,,सोनिया उपर है,,,अभी तुम दोनो बैठो कुछ चाइ कॉफी पिओ फिर देखते
है क्या करने है आगे ऑर कैसे करना है,,,,
मैं ऑर करण मुँह हाथ धो कर सोफे पर बैठ गये,,,,
अरे यार आज तो सच मे कलपद हो गया ,,,,,पहले सुबह घर पर ऑर फिर कॉलेज मे पंगा ऑर अब घर वापिस आके फिर
से कलपद ,,,,आज हम दोनो की किस्मत ही खराब है,,,
तेरी किस्मत नही सन्नी मेरी किस्मत खराब है तू तो जब चाहहे शोभा ऑर आंटी के साथ मस्ती कर सकता है लेकिन मेरा
क्या,,,,मैं तो शिखा दीदी के साथ तभी मस्ती कर सकता हूँ जब माँ घर पर नही होती,,,,या रात को जब वो सो रही होती
है लेकिन उस मे टेन्षन बहुत होती है ,,,हर टाइम डर लगा रहता है कि कहीं माँ ना आ जाए ,,,
क्या सही टाइम पर बात बोली तूने यारा,,,,आज अभी तेरे घर चलते है माँ को लेके फिर माँ अलका आंटी को पटाने मे
हम लोगो की मदद करेगी,,,,
मेरी बात सुनके करण सोफे से उछल पड़ा,,,,,ऑर मेरे को कस्के बाहों मे भर लिया,,,,जल्दी करो सन्नी भाई नैक
काम मे देरी नही होनी चाहिए,,,
इतने मे माँ कॉफी लेके आ गई,,,,,कॉन्सा नेक काम करने की सोच रहे हो तुम दोनो,,,,
कुछ नही माँ आपको तो पता ही है कि करण अपनी माँ को यानी अलका आंटी को भी चोदना चाहता है ऑर उनको भी अपने
ऑर शिखा दीदी के साथ खेल मे शामिल करना चाहता है,,,,
हाँ हाँ पता है मुझे उस दिन शोभा ने बोला था,,,,
ऑर ये भी बोला था कि आपको हम लोगो की मदद करनी होगी,,,,
हाँ बेटा ये भी बोला था शोभा ने ,,तो इसमे कोन्सि बड़ी बात है अलका को तो मैं चुटकी मे मना लूँगी,,,,
सच मे आंटी जी,,,आप मेरी माँ को मना लोगि क्या ,,,करण खुशी से उछल कर माँ के पास चला गया,,,ऑर माँ को
बाहों मे भर लिया,,,,करण सच मे पागल हुआ जा रहा था अपनी माँ के बारे मे सुन सुन कर,,,,
हाँ करण बेटा ,,,तेरी माँ को मनाना कोई मुश्किल काम नही है ,,,लेकिन फिर भी कोई जल्दबाज़ी करनी ठीक नही होगी,,,हमे
आराम से सब कुछ करना होगा,,,,
सही बोला माँ इसलिए मैं ऑर करण सोच रहे थे क्यू ना आज आप ऑर मैं इसके घर चले,,,आप आज से ही अपने प्लान को
आगे बढ़ाना शुरू करदो,,,,
हाँ ये बात तो ठीक है बेटा,,,,तुम लोग कॉफी पिओ तब तक मैं तैयार हो जाती हूँ,,,,
मैं ऑर करण कॉफी पीने लगे,,,,मैं तो आराम से पी रहा था लेकिन करण को तो जैसे बहुत जल्दी थी,,,जैसे मेरी माँ
इसके घर जाते ही इसकी माँ को चुदाई क लिए माना लेगी ओर जाते ही ये अपनी माँ की गान्ड मे लंड घुसा देगा,,,तभी तो
सला गर्म गर्म कॉफी को भी तेज़ी से पी रहा था,,
मैने ऑर करण ने जितनी देर मे कॉफी ख़तम की उतनी देर मे माँ तैयार हो गई ऑर बाहर आ गई,,,माँ ने ब्लॅक कलर का
तंग फिटिंग वाला सूट पहना हुआ था ,,जो उनके जिस्म से चिपका हुआ था,,,,उनके बड़े बड़े बूब्स आधे से भी ज़्यादा
बाहर निकले हुए थे,,,मैं तो माँ को देख कर ही दंग रह गया लेकिन करण जल्दी से सोफेसे उठकर माँ के करीब
चला गया,,,,,
अरे आंटी जी आज तो आप कयामत लग रही हो,,,कसम से अगर सोनिया घर नही होती तो अभी आपको यहीं हॉल मे नंगा
करके चोदना शुरू कर देता,,,,
चल बदमाश जब देखो मसखरी करता रहता है,,,,,,माँ ने हल्के हाथ से थप्पड़ मारा करण के ऑर हँसने लगी
मैं भी माँ के करीब चला गया,,,,,सच मे माँ आज तुम बहुत अच्छी लग रही हो,,,,करण सही बोल रहा है ऑर अगर
इसकी जगह मैं होता तो मैं भी ऐसा ही करता ,,,,बस 2 मिनट मे आपको नंगी करके यहीं चोदना शुरू कर देता
तुम दोनो भी ना,,कितनी झूठी तारीफ करते हो,,अब मैं बूढ़ी हो गई हूँ ,,,,थोडा रस भी नही बचा है मुझमे
जो तुम लोगो को पिला सकु,,जवान थी तो बात कुछ ऑर थी,,,
अरे आंटी आपको किसको कहाँ आप बूढ़ी हो ,,,आज भी आपकी मस्त मोटी गान्ड ऑर बड़े बड़े बूब्स देख कर 1000 लंड
खड़े हो जाते होंगे सलामी देने के लिए,,,,,,इतना बोलकर करण हँसने लगा,,,,
सही बोला माँ करण ने यकीन नही तो ये देखो,,,,मैने अपने लंड की तरफ इशारा किया जो माँ के बड़े बड़े बूब्स
देख कर पूरी ओकात मे आ गया था,,,,,
हाई राम क्या करूँ मैं इस लड़के का,,,,,एक ही पल मे लंड खड़ा कर लेता है,,,,वक़्त ऑर हालात भी नही देखता,,,,क्यू
बार बार तडपा रह है अपनी माँ को,,,,मैं भी सोनिया की वजह से चुप हूँ वर्ना तुम दोनो को ऐसा निचोड़ती की याद
रखते,,,
चलो अब ज़्यादा बातें नही करो करण के घर चलते है इसकी माँ को भी तो मनाना है,,,,
अपनी माँ ना नाम सुनते ही करण जल्दी से चलता हुआ दरवाजे की तरफ जाने लगा मैं ओर माँ पीछे से उसको जाते देख
कर हँसने लगे,,,,
करण अपने बिके पर चला ओर मैं अपने बाइक पर ,,,माँ मेरे साथ ही बैठी हुई थी,,,,,,
करण चाहता था कि माँ उसके साथ बैठे लेकिन माँ मेरे साथ बैठ गई थी,,,
से भी छोटी है ,,,,रंग एक दाम कोयले जैसा काला,,,,मुँह ऐसा है जैसे किसी ने दीवार पर गोब्बर पटक कर मारा होता
है,,,साला देखो तो उल्टी करने का दिल करता है,,,,किसी साउतइंडियन फिल्म का गुंडा लगता है,,,,लेकिन हाइट मे उनसे कहीं
छोटा है,,,,
उसकी धमकी से मैं ऑर करण तो नही डरे लेकिन बेचारा सुमित डर गया ,,क्यूकी उनलोगो ने बहुत मारा था उसको,,,उसका
एक हाथ तो पहले से टूटा हुआ था,,,,वो डर तो गया था लेकिन मेरे ऑर करण के साथ होते ही उसकी हिम्मत बढ़ गई थी,,,,
साले फिर कभी की बात क्या करते है आज ही फैंसला कर लेते है,,,,,आ अगर माँ का दूध पिया है,,लेकिन याद रखना
अब अगर मुझे हाथ भी ल्गया तो सोच लेना ,,,तेरे ऑर तेरे बाप अमित की वो सीडीज़ मेरे पास है,,,तेरा बाप भले ही वो
असली सीडीज़ अपने साथ ले गया लेकिन उन सीडीज़ की कॉपीस मेरे पास है,,,,दोबारा अगर मेरे रास्ते मे भी आया तो सीडीज़ की इतनी कॉपीस बना लूँगा कि पूरे कॉलेज मे बाँट दूँगा,,
सीडीज़ की बात सुनके सुरेश थोड़ा डर गया ओर बिना कुछ बोले वहाँ से चला गया लेकिन फिर से जाते जाते अपना गुस्सा वो
किसी ऑर पर उतार गया,,,,,,,,,सुरेश ने जाते जाते कॅंटीन के बाहर पड़ी कोल्ड्रींक्स की बोतटेल्स पर लत मरके उसको गिरा दिया
बेचारा कॅंटीन वाला भी कुछ नही कर सका,,,ऑर बस रोता रह गया,,,,अगर वो कुछ कहता तो उन लोगो ने उसको भी
मारना था,,,,
कॅंटीन वाला रो रहा था लेकिन सुमित खुश हो रहा था क्यूकी उसने देख लिया था कि सीडीज़ की बात सुनके वो लोग चुप चाप
वहाँ से चले गये थे,,,
वो लोग वहाँ से चले गये ,,,,भीड़ भी अपने अपने रास्ते चली गई ,,लेकिन भीड़ दूर होते ही मैने देखा कि सोनिया ऑर कविता
वहाँ खड़ी हुई मुझे ऑर करण को देख रही थी ,,,,लेकिन जैसे ही मेरी नज़ारे सोनिया से मिल्ली वो कामिनी वही हिट्लर वेल गुस्से
के अंदाज़ से मुझे देखती हुई कविता का हाथ पकड़ कर वहाँ से ले गई,,,,
मैं ऑर करण भी सुमित को कॉलेज के क्लिनिक पर ले गये ओर उसकी मरहम पट्टी करवके उसको घर छोड़के अपने घर
की तरफ चले गये,,क्यूकी हम लोगो को जल्दी थी ,,सोनिया ऑर कविता भी घर के लिए निकल गई थी,,अगर तो सोनिया कविता के
घर पर रुक जाती तो ठीक था वर्ना मेरा ऑर करण का मस्ती करने का प्लान बीच मे ही अटक कर रह जाता,,,,
वहाँ से जल्दी जल्दी बाइक चला कर मैं ऑर करण घर पहुँचे तो बेल बजाने के तुरंत बाद ही माँ ने दरवाजा
खोल दिया,,,
दरवाजा इतनी जल्दी खुलते ही मैं समझ गया कि अंदर कोई प्रोग्राम नही चल रहा है,,,उपर से माँ की हालत भी ठीक
थी ऑर उनका चेहरा भी उदास था,,,मैं उनका उदास चेहरा देख कर हँसने लगा,,,
क्या हुआ माँ इतनी उदास क्यूँ हो,,,,,मैने हँसते हुए माँ से पूछा,,,,
चल बदमाश ऐसे पूछ रहा है जैसे कुछ जानता ही नही,,,,तेरी हिट्लर सोनिया घर आ गई है ,,,सारा मज़ा खराब
कर दिया,,,,
कहाँ है सोनिया माँ,,,,,,,,,मैने माँ से पूछा,,,,
वो उपर है अपने रूम मे अभी कुछ देर पहले आई,,,सारा खेल बीच मे रोकना पड़ा हम सब को,,,,इतना मज़ा आ रहा
था कि क्या बताऊ,,,,इतना बोलते बोलते माँ एक साइड हट गई ,,,
मैं ऑर करण घर के अंदर आ गये,,,,
क्यू क्या हुआ माँ ,,,,,सारा मज़ा खराब क्यू हो गया,,,,,
अरे बेटा तेरा मामा मुझे तो देख ही नही रहा था,,,शोभा ऑर शिखा के पीछे ही पड़ा हुआ था,,मैं तो बस नकली
लंड से खुद को खुश करती रही ओर जब मेरी बारी आई शिखा के साथ मस्ती करने की तो अभी मैने उसकी चूत पर अपनी
ज़ुबान रखी ही थी तभी सोनिया आ गई,,,,सारा मज़ा किरकिरा हो गया,,,,,,
बाकी सब कहाँ है आंटी,,,,करण ने आगे होके माँ से पूछा,,,
वो सब तो मज़ा करने बुटीक पर चले गये बेटा,,,मुझे यहाँ अकेला छोड़ गये,,,
आप अकेली कहाँ हो आंटी,,,अब मैं ऑर सन्नी आ गये है ना,,,,,करण ने इतना बोलके माँ के बूब्स को हाथों मे
पकड़ लिया ऑर माँ को किस करने लगा,,,,
नही बेटा अभी नही ऑर यहाँ तो बिल्कुल नही,,,,सोनिया उपर है,,,अभी तुम दोनो बैठो कुछ चाइ कॉफी पिओ फिर देखते
है क्या करने है आगे ऑर कैसे करना है,,,,
मैं ऑर करण मुँह हाथ धो कर सोफे पर बैठ गये,,,,
अरे यार आज तो सच मे कलपद हो गया ,,,,,पहले सुबह घर पर ऑर फिर कॉलेज मे पंगा ऑर अब घर वापिस आके फिर
से कलपद ,,,,आज हम दोनो की किस्मत ही खराब है,,,
तेरी किस्मत नही सन्नी मेरी किस्मत खराब है तू तो जब चाहहे शोभा ऑर आंटी के साथ मस्ती कर सकता है लेकिन मेरा
क्या,,,,मैं तो शिखा दीदी के साथ तभी मस्ती कर सकता हूँ जब माँ घर पर नही होती,,,,या रात को जब वो सो रही होती
है लेकिन उस मे टेन्षन बहुत होती है ,,,हर टाइम डर लगा रहता है कि कहीं माँ ना आ जाए ,,,
क्या सही टाइम पर बात बोली तूने यारा,,,,आज अभी तेरे घर चलते है माँ को लेके फिर माँ अलका आंटी को पटाने मे
हम लोगो की मदद करेगी,,,,
मेरी बात सुनके करण सोफे से उछल पड़ा,,,,,ऑर मेरे को कस्के बाहों मे भर लिया,,,,जल्दी करो सन्नी भाई नैक
काम मे देरी नही होनी चाहिए,,,
इतने मे माँ कॉफी लेके आ गई,,,,,कॉन्सा नेक काम करने की सोच रहे हो तुम दोनो,,,,
कुछ नही माँ आपको तो पता ही है कि करण अपनी माँ को यानी अलका आंटी को भी चोदना चाहता है ऑर उनको भी अपने
ऑर शिखा दीदी के साथ खेल मे शामिल करना चाहता है,,,,
हाँ हाँ पता है मुझे उस दिन शोभा ने बोला था,,,,
ऑर ये भी बोला था कि आपको हम लोगो की मदद करनी होगी,,,,
हाँ बेटा ये भी बोला था शोभा ने ,,तो इसमे कोन्सि बड़ी बात है अलका को तो मैं चुटकी मे मना लूँगी,,,,
सच मे आंटी जी,,,आप मेरी माँ को मना लोगि क्या ,,,करण खुशी से उछल कर माँ के पास चला गया,,,ऑर माँ को
बाहों मे भर लिया,,,,करण सच मे पागल हुआ जा रहा था अपनी माँ के बारे मे सुन सुन कर,,,,
हाँ करण बेटा ,,,तेरी माँ को मनाना कोई मुश्किल काम नही है ,,,लेकिन फिर भी कोई जल्दबाज़ी करनी ठीक नही होगी,,,हमे
आराम से सब कुछ करना होगा,,,,
सही बोला माँ इसलिए मैं ऑर करण सोच रहे थे क्यू ना आज आप ऑर मैं इसके घर चले,,,आप आज से ही अपने प्लान को
आगे बढ़ाना शुरू करदो,,,,
हाँ ये बात तो ठीक है बेटा,,,,तुम लोग कॉफी पिओ तब तक मैं तैयार हो जाती हूँ,,,,
मैं ऑर करण कॉफी पीने लगे,,,,मैं तो आराम से पी रहा था लेकिन करण को तो जैसे बहुत जल्दी थी,,,जैसे मेरी माँ
इसके घर जाते ही इसकी माँ को चुदाई क लिए माना लेगी ओर जाते ही ये अपनी माँ की गान्ड मे लंड घुसा देगा,,,तभी तो
सला गर्म गर्म कॉफी को भी तेज़ी से पी रहा था,,
मैने ऑर करण ने जितनी देर मे कॉफी ख़तम की उतनी देर मे माँ तैयार हो गई ऑर बाहर आ गई,,,माँ ने ब्लॅक कलर का
तंग फिटिंग वाला सूट पहना हुआ था ,,जो उनके जिस्म से चिपका हुआ था,,,,उनके बड़े बड़े बूब्स आधे से भी ज़्यादा
बाहर निकले हुए थे,,,मैं तो माँ को देख कर ही दंग रह गया लेकिन करण जल्दी से सोफेसे उठकर माँ के करीब
चला गया,,,,,
अरे आंटी जी आज तो आप कयामत लग रही हो,,,कसम से अगर सोनिया घर नही होती तो अभी आपको यहीं हॉल मे नंगा
करके चोदना शुरू कर देता,,,,
चल बदमाश जब देखो मसखरी करता रहता है,,,,,,माँ ने हल्के हाथ से थप्पड़ मारा करण के ऑर हँसने लगी
मैं भी माँ के करीब चला गया,,,,,सच मे माँ आज तुम बहुत अच्छी लग रही हो,,,,करण सही बोल रहा है ऑर अगर
इसकी जगह मैं होता तो मैं भी ऐसा ही करता ,,,,बस 2 मिनट मे आपको नंगी करके यहीं चोदना शुरू कर देता
तुम दोनो भी ना,,कितनी झूठी तारीफ करते हो,,अब मैं बूढ़ी हो गई हूँ ,,,,थोडा रस भी नही बचा है मुझमे
जो तुम लोगो को पिला सकु,,जवान थी तो बात कुछ ऑर थी,,,
अरे आंटी आपको किसको कहाँ आप बूढ़ी हो ,,,आज भी आपकी मस्त मोटी गान्ड ऑर बड़े बड़े बूब्स देख कर 1000 लंड
खड़े हो जाते होंगे सलामी देने के लिए,,,,,,इतना बोलकर करण हँसने लगा,,,,
सही बोला माँ करण ने यकीन नही तो ये देखो,,,,मैने अपने लंड की तरफ इशारा किया जो माँ के बड़े बड़े बूब्स
देख कर पूरी ओकात मे आ गया था,,,,,
हाई राम क्या करूँ मैं इस लड़के का,,,,,एक ही पल मे लंड खड़ा कर लेता है,,,,वक़्त ऑर हालात भी नही देखता,,,,क्यू
बार बार तडपा रह है अपनी माँ को,,,,मैं भी सोनिया की वजह से चुप हूँ वर्ना तुम दोनो को ऐसा निचोड़ती की याद
रखते,,,
चलो अब ज़्यादा बातें नही करो करण के घर चलते है इसकी माँ को भी तो मनाना है,,,,
अपनी माँ ना नाम सुनते ही करण जल्दी से चलता हुआ दरवाजे की तरफ जाने लगा मैं ओर माँ पीछे से उसको जाते देख
कर हँसने लगे,,,,
करण अपने बिके पर चला ओर मैं अपने बाइक पर ,,,माँ मेरे साथ ही बैठी हुई थी,,,,,,
करण चाहता था कि माँ उसके साथ बैठे लेकिन माँ मेरे साथ बैठ गई थी,,,