hotaks444
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अहह उहह हहयययययययययईईईई वो सिसकियाँ लेती हुई अपने सर को
बेड पर इधर उधर हिला रही थी,,,,तड़प रही थी मचल रही थी,,,वो पूरी गर्म थी
कुछ देर चूत को चाटने और चूसने के बाद मैं उठकर खड़ा हुआ बेड पर और अपनी निक्केर
उतारने लगा अभी मेरी निक्केर पूरी तरह से उतरी नही थी कि कविता ने मेरे लंड को अपने
हाथों मे पकड़ लिया और मेरे लंड पर हल्की हल्की किस करने लगी,,,मैने उसकी तरफ
देखा तो वो शरमा गयी,,फिर आँखें बंद करके अपने मुँह को खोला और लंड को मुँह मे लेने
लगी,,,,उसका मुँह बहुत छोटा और क्यूट था ,,,उसका मुँह इतना नही खुल रहा था कि मेरा लंड
अंदर जा सके लेकिन वो कोशिश कर रही थी और कामयाब भी हो गयी थी,,,कुछ देर मे मेरा
3 इंच लंड उसके मुँह मे था,,उसको मुश्किल हो रही थी इसलिए उसने अपनी ज़ुबान को मुँह से
बाहर निकाल लिया जिस से ज़्यादा जगह बन गयी उसके मुँह मे और उसको लंड मुँह मे भरने मे
आसानी होने लगी,,,,वो मेरा 3-4 इंच लंड मुँह मे लेके चूस रही थी और मैं बेड पर खड़ा
हुआ उसकी तरफ देख रहा था,,,,उसकी आँखें बंद थी,,,
फिर उसने अपनी आँखें खोली और जब मुझे अपनी तरफ देखते हुए पाया तो जल्दी से आँखें
बंद करली,,,मैं उसकी इस हरकत से खुश हो गया,,,,,,वो करीब 5-7 मिनिट मेरा लंड
चुस्ती रही फिर मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बेड पर लेटा दिया और खुद मेरे उपर आ गयी
और मेरे उपर आते ही मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर रखा और मेरे लंड पर बैठने
लगी जिस से मेरा लंड उसकी चूत मे घुस गया,,,,उसने अपने दोनो हाथ मेरी छाती पर
रखे और अपनी कमर को हल्के हल्के उपर नीचे करने लगी और मेरे लंड पर उपर नीचे होके
अपनी चुदाई करवाने लगी,,,,मैने भी अपने हाथ उसके बूब्स पर रख दिए और हल्के हल्के
मसल्ने लगा,,,,,,
क्या हुआ आज बड़ी मस्ती मे हो कविता,,,,,,,,
पत्ता नाहहिि सुउन्नयी बॉयाड्डया डिल्ल्ल्ल कारर राहहा था मस्स्त्तीी कररननी कूओ इसलिए
टूऊ तुुझहही आपपंनी सात्तह सुउल्ला रहहीी त्ीईिइ,,अहह उहह
हययइईईईईईई पपाटता नाहहिईिइ ससुउबबाहह सीईए भ्हुत्त् डिल्ल्ल्ल त्ााआआअ
मीर्राआ आहह तुउउउ कूल्लग्ग्गी कच्छाल्ला ग्ययाअ औरर्र मैईन्न्न घहाआरररर पर
बूर्री होत्तीीई रहहिईिइ तुऊउ घहररर पीईएर हूत्ताअ तूओ सुउबब्बहह हिी मास्स्त्तिीई
कारर्र लेटटीीई टीररी सात्तह,,,,,,,ऊऊऊओह हहयइईईईईई क्कीिट्त्न्ना
माज्ज़जा र्रहहा हहाईईईई सुउन्न्ञनययययी अहह भ्हुत्त् ंमाज़्ज़जा आ र्राहहा हाीइ
सच मे मज़ा आ रहा है कविता,,,,,
हान्ं सुउन्न्णी भ्हुत्त्त माज्जा आ राहहा हाईईइ,,,तुंमहराअ ये भूत्त् बड्डा हाईईइ
भ्हुत्त्त मज्ज़जा डेटताअ हाई,,दर्रद्द भीइ देत्ता हाीइ लेकिन्न्न्न् एब्ब नाहहिि पहल्लीए
पहल्ली भ्हुत्त् दर्द्दद्ड देत्त्ता था ,,आब्ब्ब तूओ सिर्रफ़्फ़ माअज़्जा देत्ता हाीइ,,,,,
अच्छा अब मज़ा देता है,,कितना मज़ा देता है अब,,,,,
बहुत मज़ा देता हाइईइ सुउन्नयययी,,,प्लज़्ज़्ज़ आब बूल्ल्ल मॅट मज्जा दीए मुुझहही ,,अहह
ऊओह हयइईईईईईईईईई
मैने उसकी बात सुनी और जल्दी से उसकी बेड पर पीछे की तरफ झुका दिया और खुद उसकी
टाँगों के बीच मे बैठ गया,,,,,वो बेड पर लेट गयी और मैं उसकी टाँगों के बीच बैठ
कर उसके बूब्स पर हाथ रखकर उसकी चुदाई करने लगा,,,,कुछ देर ऐसे ही चुदाई करने
के बाद मैने उसको बेड पर झुका कर कुतिया बना दिया और खुद पीछे से उसकी चुदाई करने
लगा,,,,कुछ देर चूत मारने के बाद मैने लंड बाहर निकाला और उसकी गान्ड पर रखा ,,,
नही यहाँ मत्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त काररू दार्र्द्द हूटता हाीइ ,,,,,
मैने लंड को वापिस उसकी चूत मे डाल दिया क्यूकी मैं उसको दर्द नही देना चाहता था,प्यार
करता था उसको,,,इसलिए जैसा उसको मंजूर वैसा मुझे मंजूर,,,,
मैं पीछे से उसकी चूत मार रहा था और वो सिसकियाँ ले रही थी,,,,,अहह ऊहह
हयीईईईईईईईई ऊऊओह म्हममम्म्ममममममममममममम
वो सिसकियाँ लेती हुई मेरी पीठ पीछे दरवाजे की तरफ देख रही थी,,,,मैने भी उसकी
नज़र का पीछा किया और पीछे दरवाजे की तरफ देखा तो परेशान हो गया,,,,,वहाँ सोनिया
खड़ी हुई थी दरवाजे पर,,,,वो बस आँखें फाड़ फाड़ कर मुझे और कविता को देख रही थी,
मैं डर गया और रुक गया तभी कविता ने जल्दी से मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे उपर
आ गयी,,,,मेरा ध्यान सोनिया की तरफ था,,,,वो बस हम लोगो को देख रही थी,,,,ना तो वो
अपनी चूत को सहला रही थी ना बूब्स को,,,बस हम लोगो को देख रही थी,,,मैं तो डर के
रुक गया था लेकिन कविता नही रुकी,,,मुझे बेड पर लेटा कर वो मेरे उपर आके खुद अपनी
चुदाई करवाने लगी,,,,
सोनिया मेरी तरफ देख रही थी मेरी आँखों मे और मैं उसकी आँखों मे देख रहा था,और
कविता खुद अपनी चुदाई करवा रही थी,,,तभी कुछ देर बाद मेरे लंड ने पानी छोड़ना
शुरू कर दिया,,,कितने टाइम बाद ये तो पता नही क्यूकी मेरा ध्यान अब चुदाई पर नही
सोनिया की तरफ था,,,,,मेरे लंड ने पानी छोड़ना शुरू किया तो कविता मेरे उपर से उतर
गयी और साइड पर लेट गयी,,शायद उसका भी पानी निकल गया था,,,,,जैसे ही कविता मेरे जिस्म
से नीचे उतरी सोनिया वहाँ से चली गयी,,,,,
बेड पर इधर उधर हिला रही थी,,,,तड़प रही थी मचल रही थी,,,वो पूरी गर्म थी
कुछ देर चूत को चाटने और चूसने के बाद मैं उठकर खड़ा हुआ बेड पर और अपनी निक्केर
उतारने लगा अभी मेरी निक्केर पूरी तरह से उतरी नही थी कि कविता ने मेरे लंड को अपने
हाथों मे पकड़ लिया और मेरे लंड पर हल्की हल्की किस करने लगी,,,मैने उसकी तरफ
देखा तो वो शरमा गयी,,फिर आँखें बंद करके अपने मुँह को खोला और लंड को मुँह मे लेने
लगी,,,,उसका मुँह बहुत छोटा और क्यूट था ,,,उसका मुँह इतना नही खुल रहा था कि मेरा लंड
अंदर जा सके लेकिन वो कोशिश कर रही थी और कामयाब भी हो गयी थी,,,कुछ देर मे मेरा
3 इंच लंड उसके मुँह मे था,,उसको मुश्किल हो रही थी इसलिए उसने अपनी ज़ुबान को मुँह से
बाहर निकाल लिया जिस से ज़्यादा जगह बन गयी उसके मुँह मे और उसको लंड मुँह मे भरने मे
आसानी होने लगी,,,,वो मेरा 3-4 इंच लंड मुँह मे लेके चूस रही थी और मैं बेड पर खड़ा
हुआ उसकी तरफ देख रहा था,,,,उसकी आँखें बंद थी,,,
फिर उसने अपनी आँखें खोली और जब मुझे अपनी तरफ देखते हुए पाया तो जल्दी से आँखें
बंद करली,,,मैं उसकी इस हरकत से खुश हो गया,,,,,,वो करीब 5-7 मिनिट मेरा लंड
चुस्ती रही फिर मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बेड पर लेटा दिया और खुद मेरे उपर आ गयी
और मेरे उपर आते ही मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर रखा और मेरे लंड पर बैठने
लगी जिस से मेरा लंड उसकी चूत मे घुस गया,,,,उसने अपने दोनो हाथ मेरी छाती पर
रखे और अपनी कमर को हल्के हल्के उपर नीचे करने लगी और मेरे लंड पर उपर नीचे होके
अपनी चुदाई करवाने लगी,,,,मैने भी अपने हाथ उसके बूब्स पर रख दिए और हल्के हल्के
मसल्ने लगा,,,,,,
क्या हुआ आज बड़ी मस्ती मे हो कविता,,,,,,,,
पत्ता नाहहिि सुउन्नयी बॉयाड्डया डिल्ल्ल्ल कारर राहहा था मस्स्त्तीी कररननी कूओ इसलिए
टूऊ तुुझहही आपपंनी सात्तह सुउल्ला रहहीी त्ीईिइ,,अहह उहह
हययइईईईईईई पपाटता नाहहिईिइ ससुउबबाहह सीईए भ्हुत्त् डिल्ल्ल्ल त्ााआआअ
मीर्राआ आहह तुउउउ कूल्लग्ग्गी कच्छाल्ला ग्ययाअ औरर्र मैईन्न्न घहाआरररर पर
बूर्री होत्तीीई रहहिईिइ तुऊउ घहररर पीईएर हूत्ताअ तूओ सुउबब्बहह हिी मास्स्त्तिीई
कारर्र लेटटीीई टीररी सात्तह,,,,,,,ऊऊऊओह हहयइईईईईई क्कीिट्त्न्ना
माज्ज़जा र्रहहा हहाईईईई सुउन्न्ञनययययी अहह भ्हुत्त् ंमाज़्ज़जा आ र्राहहा हाीइ
सच मे मज़ा आ रहा है कविता,,,,,
हान्ं सुउन्न्णी भ्हुत्त्त माज्जा आ राहहा हाईईइ,,,तुंमहराअ ये भूत्त् बड्डा हाईईइ
भ्हुत्त्त मज्ज़जा डेटताअ हाई,,दर्रद्द भीइ देत्ता हाीइ लेकिन्न्न्न् एब्ब नाहहिि पहल्लीए
पहल्ली भ्हुत्त् दर्द्दद्ड देत्त्ता था ,,आब्ब्ब तूओ सिर्रफ़्फ़ माअज़्जा देत्ता हाीइ,,,,,
अच्छा अब मज़ा देता है,,कितना मज़ा देता है अब,,,,,
बहुत मज़ा देता हाइईइ सुउन्नयययी,,,प्लज़्ज़्ज़ आब बूल्ल्ल मॅट मज्जा दीए मुुझहही ,,अहह
ऊओह हयइईईईईईईईईई
मैने उसकी बात सुनी और जल्दी से उसकी बेड पर पीछे की तरफ झुका दिया और खुद उसकी
टाँगों के बीच मे बैठ गया,,,,,वो बेड पर लेट गयी और मैं उसकी टाँगों के बीच बैठ
कर उसके बूब्स पर हाथ रखकर उसकी चुदाई करने लगा,,,,कुछ देर ऐसे ही चुदाई करने
के बाद मैने उसको बेड पर झुका कर कुतिया बना दिया और खुद पीछे से उसकी चुदाई करने
लगा,,,,कुछ देर चूत मारने के बाद मैने लंड बाहर निकाला और उसकी गान्ड पर रखा ,,,
नही यहाँ मत्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त काररू दार्र्द्द हूटता हाीइ ,,,,,
मैने लंड को वापिस उसकी चूत मे डाल दिया क्यूकी मैं उसको दर्द नही देना चाहता था,प्यार
करता था उसको,,,इसलिए जैसा उसको मंजूर वैसा मुझे मंजूर,,,,
मैं पीछे से उसकी चूत मार रहा था और वो सिसकियाँ ले रही थी,,,,,अहह ऊहह
हयीईईईईईईईई ऊऊओह म्हममम्म्ममममममममममममम
वो सिसकियाँ लेती हुई मेरी पीठ पीछे दरवाजे की तरफ देख रही थी,,,,मैने भी उसकी
नज़र का पीछा किया और पीछे दरवाजे की तरफ देखा तो परेशान हो गया,,,,,वहाँ सोनिया
खड़ी हुई थी दरवाजे पर,,,,वो बस आँखें फाड़ फाड़ कर मुझे और कविता को देख रही थी,
मैं डर गया और रुक गया तभी कविता ने जल्दी से मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे उपर
आ गयी,,,,मेरा ध्यान सोनिया की तरफ था,,,,वो बस हम लोगो को देख रही थी,,,,ना तो वो
अपनी चूत को सहला रही थी ना बूब्स को,,,बस हम लोगो को देख रही थी,,,मैं तो डर के
रुक गया था लेकिन कविता नही रुकी,,,मुझे बेड पर लेटा कर वो मेरे उपर आके खुद अपनी
चुदाई करवाने लगी,,,,
सोनिया मेरी तरफ देख रही थी मेरी आँखों मे और मैं उसकी आँखों मे देख रहा था,और
कविता खुद अपनी चुदाई करवा रही थी,,,तभी कुछ देर बाद मेरे लंड ने पानी छोड़ना
शुरू कर दिया,,,कितने टाइम बाद ये तो पता नही क्यूकी मेरा ध्यान अब चुदाई पर नही
सोनिया की तरफ था,,,,,मेरे लंड ने पानी छोड़ना शुरू किया तो कविता मेरे उपर से उतर
गयी और साइड पर लेट गयी,,शायद उसका भी पानी निकल गया था,,,,,जैसे ही कविता मेरे जिस्म
से नीचे उतरी सोनिया वहाँ से चली गयी,,,,,