hotaks444
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मैं अपना पयज़ामा लेके बाथरूम मे घुस गया और पयज़ामा पहन कर रूम मे वापिस आ गया,,
सोनिया खुश थी,,उसको लगा शायद मैं उसकी वजह से बाथरूम मे जाके पयज़ामा चेंज करके
आया हूँ,,,,लेकिन उसको क्या पता की बात कुछ और ही थी,,,,
मैं आके बेड पर लेट गये,,,,,सोनिया भी जाके अपने बेड पे लेटने लगी,,,,तभी बोली
भाई तूने मेडिसिन खा ली क्या,,,,,
पार्टी के चक्कर मे मेडिसिन खाना भूल ही गया था,,,,,मैने ना मे सर हिलाया तो उसने
मुझे मेडिसिन दी और पानी का ग्लास भी और वापिस जाके बेड पर बैठ गयी,,,,मैने मेडिसिन
ली और बेड पर लेट गया,,,,,
सुबह जब उठा तो फ्रेश होके नीचे आ गया,,,,,सब लोग बैठकर टीवी देख रहे थे,,रेखा
और मनोहर गाँव वापिस जा चुके थे लेकिन मामा अब यहीं था,,क्यूकी डॅड ने मामा को माफ़
कर दिया था,,,,,लेकिन मामा ने ग़लती क्या की थी ये अभी तक पता नही चला था मुझे,,
सोनिया भी कॉलेज चली गयी थी,,,,अब उसके पास शोभा की अक्तिवा जो थी,,,,मुझे अभी
कुछ दिन रेस्ट करनी थी,,,,
कुछ टाइम बाद डॅड भी बॅंक चले गये,,,,भुआ बुटीक चली गयी और साथ मे माँ को भी ले
गयी,,,,,,मुझे नाश्ता बना दिया था पहले ही,,,,,अब घर पर मैं और मामा थे,,,,मैं
मामा से बात करना चाहता था कि आख़िर उस दिन गाँव मे क्या हुआ था,,,,,मामा मेरे साथ ही
बैठकर टीवी देख रहा था,,,,इस से पहले मैं कोई बात शुरू करता मामा वहाँ से उठकर
चला गया,,,,फिर मैं अकेला ही रह गया घर मे,,,,
कॉलेज से आते टाइम सोनिया माँ को साथ लेके आ गयी थी,,,,फिर दोपेहर का खाना खाया और
सो गया,,,,,आज रात मैं भुआ के रूम मे सोया था,,,,क्यूकी मुझे सोनिया के साथ और सोनिया
को मेरे साथ सोने मे डर जो लगता था,,,,,
फिर 3-4 दिन ऐसे ही निकल गये,,,,सब लोग घर से चले जाते,,,,,माँ भुआ के साथ,,,डॅड
बॅंक ,,,,मामा पता नही कहाँ जाता था,,,,और सोनिया भी कॉलेज,,,,,ना तो सोनिया से बात हो
रही थी मेरी,,,,,मैं उस से पूछना चाहता था कि आख़िर वो मेरी और कविता की शादी के
बात पर इतनी उदास क्यूँ हो जाती थी,,,,और ना ही मामा से पूच सका इतने दिन की गाँव मे
क्या पंगा हुआ था,,,,क्यूकी माँ ने तो सीधे सीधे बताने से ही मना कर दिया था,,बोला था
जब टाइम आएगा तब बता दूँगी,,,लेकिन साला टाइम आएगा कब,,,,,,
आज सब लोग शाम को टीवी देख रहे थे,,,,,,डॅड भी बॅंक से जल्दी आ गये थे,,,,भुआ भी
जल्दी आ गयी थी बुटीक से,,,,कोई 4-5 बजे का टाइम रहा होगा,,,,मैं भी वहीं बैठा
हुआ था और सोनिया भी,,,,,,
अशोक,,,,,,,,तो सरिता कुछ बात बनी कविता के भाई के साथ या नही,,,कब आ रहा है वो
शादी की बात करने,,,,,,या तुम बोलो तो हम लोग चलते है उनके घर बात करने,,,,,
सरिता,,,,,,,जी मैने उस दिन सूरज को बोला था,,,,उसने अपनी माँ से बात करके फिर उनको
साथ लेके आने को बोला था,,,,,देखते है 2-3 दिन फिर मैं बात करती हूँ सूरज से,
मैने सोनिया की तरफ देखा तो सोनिया फिर से उदास हो गयी थी,,,,,,मैं उसके उदास चहरे की
तरफ देख रहा था और भुआ मुझे सोनिया की तरफ देखते हुए देख रही थी
तभी सब लोग एक दम चुप हो गये,,,,टीवी पर अमित के केस की लाइव न्यूज़ आ रही थी,,,इधर
न्यूज़ शुरू हुई ही थी कि मेरा फोन बजने लगा,,,ये फोन था ख़ान भाई का,,,,
मैने फोन कान पर लगाया और थोड़ा दूर हटके बात करने लगा,,,मैने देखा कि पोलीस
वाले अमित और उसके दोस्तो को हथकड़ी लगा कर कोर्ट से बाहर ले जा रहे थे,,,,अमित के
साथ साथ अमित का बाप मिस्टर सेठी भी था,,,और उनके पीछे ही सुरेश का बाप भी था जिसको
हथकड़ी लगी हुई थी,,,,
ख़ान भाई फोन पर बहुत खुश थे,,,,उन्होने बताया कि अमित और उसके दोस्तो के खिलाफ जो
सबूत थे उनकी हेल्प से अमित और उसके दोस्तो को उमर क़ैद की सज़ा हुई है,,,,उन लोगो पर
लड़कियों के रेप की और लड़कियों को ख़ुदकुशी के लिए उकसाने की धारा लगी है,,,,जबकि
अमित के बाप पर सबूतों से छेड़खानी करने का और अपनी पॉवर का ग़लत इस्तेमाल करने
का आरोप लगा है और उसको 8 साल की सज़ा हुई है,,,,सुरेश का बाप सरकारी गवाह बन गया
था इसलिए उसको कम सज़ा हुई है,,,,,सुरेश के बाप को 3 साल की सज़ा हुई थी,,,,,
अमित के बाप को भले ही सज़ा 8 साल की हुई थी लेकिन एक बार सज़ा होते ही ख़ान भाई को
यकीन था कि अब सीबीआइ बाकी के पेंडिंग केस पर भी काम शुरू कर देगी जो सेठी पर दर्ज
है,,,,अब सेठी जल्दी जैल से बाहर आने वाला न्ही,,,,
मैं ख़ान भाई की बात सुनकर बहुत खुश हुआ,,,,,जो जंग मैने और ख़ान भाई ने शुरू की
थी वो हम लोग जीत गये थे,,,,
मैने फोन बंद किया और सोफे पर जाके बैठ गया,,,,सब लोग बहुत खुश थे,,,,टीवी पर अमित
और बाकी लोगो की न्यूज़ और उनकी सज़ा के बारे मे सुनकर घर वाले खुश हो गये थे,,,
तभी डॅड मेरे करीब आ गये और मुझे सोफे से खड़ा करके अपनी बाहों मे भर लिया और ज़ोर
से अपने सीने से लगा लिया,,,,,,मुझे हल्का दर्द हुआ और मेरी आह निकल गयी,,,,गोली का
जखम अभी इतनी जल्दी भरने वाला नही था,,,,और डॅड ने भी खुशी के मारे मुझे पूरी
जान लगा कर बाहों मे भर लिया था,,,,
ये हुई ना बात,,,,मेरा बेटा जंग जीत गया,,,,आज मुझे बहुत फक़्र है तुझ पर बेटा,,,,तेरी
वजह से ऐसे घटिया लोगो को सज़ा हुई है,,,सच मे बड़ी खुशी हो रही है आज मुझे
बेटा,,,,,अब लग रहा है मेरा बेटा बड़ा हो गया है,,,,,अब तो जल्दी से शादी करवा दूँगा
तेरी कविता से,,,,,बोल करेगा ना शादी कविता से,,,,
तभी माँ भी सोफे से उठी,,,,इसका बस चले तो आज ही शादी करले से कविता से लेकिन आप
इसकी जान निकालने पर क्यूँ तुले हुए हो,,,,,इतनी ज़ोर से सीने से क्यूँ लगा रहे हो,,,,दर्द हो
रहा होगा मेरे बचे को,,,,चलो छोड़ो अब,,,,,
माँ ने शायद मेरी दर्द से निकली हुई आह सुन ली थी जब डॅड ने मुझे बाहों मे भरा था
अरे सरिता शेर है मेरा बेटा शेर,,,,और इतनी छोटे छोटे जख़्मो से शेरो को दर्द नही
होता ,,,,क्यूँ सन्नी बेटा ठीक बोला ना मैने,,,,,
मैं कुछ नही बोला बस हां मे सर हिला दिया,,,,
सरिता अब तो जल्दी से बस सूरज से बात करो,,,,अब तो जितनी जल्दी हो इसकी शादी करवाओ
कविता के साथ,,,,डॅड खुशी मे बार बार मेरी और कविता की शादी की बात कर रहे थे
लेकिन सोनिया खुश नही थी,,,मेरी और कविता की शादी की बात सुनके,,,वो थोड़ी उदास थी,
तभी मेरे से उसकी उदासी देखी नही गयी,,,,और मैं डॅड को बोलने लगा,,,,,
डॅड शादी की बात बाद मे लेकिन उस से पहले मुझे आपसे एक ज़रूरी बात करनी है,,,जब
मैने ज़रूरी बात बोली तो मामा और भुआ मेरी तरफ देखने लगे,,,,और माँ भी कुछ परेशान
हो गयी,,,क्यूकी उनको लगा था मैं उनसे गाँव वाली बात पूछने लगा हूँ लेकिन मैं तो कोई
और बात करने वाला था,,,,
हां हां बेटा बोलो क्या ज़रूरी बात करनी है,,,,,,अब तो तुम कुछ भी बोल सकते हो बेटा
सोनिया खुश थी,,उसको लगा शायद मैं उसकी वजह से बाथरूम मे जाके पयज़ामा चेंज करके
आया हूँ,,,,लेकिन उसको क्या पता की बात कुछ और ही थी,,,,
मैं आके बेड पर लेट गये,,,,,सोनिया भी जाके अपने बेड पे लेटने लगी,,,,तभी बोली
भाई तूने मेडिसिन खा ली क्या,,,,,
पार्टी के चक्कर मे मेडिसिन खाना भूल ही गया था,,,,,मैने ना मे सर हिलाया तो उसने
मुझे मेडिसिन दी और पानी का ग्लास भी और वापिस जाके बेड पर बैठ गयी,,,,मैने मेडिसिन
ली और बेड पर लेट गया,,,,,
सुबह जब उठा तो फ्रेश होके नीचे आ गया,,,,,सब लोग बैठकर टीवी देख रहे थे,,रेखा
और मनोहर गाँव वापिस जा चुके थे लेकिन मामा अब यहीं था,,क्यूकी डॅड ने मामा को माफ़
कर दिया था,,,,,लेकिन मामा ने ग़लती क्या की थी ये अभी तक पता नही चला था मुझे,,
सोनिया भी कॉलेज चली गयी थी,,,,अब उसके पास शोभा की अक्तिवा जो थी,,,,मुझे अभी
कुछ दिन रेस्ट करनी थी,,,,
कुछ टाइम बाद डॅड भी बॅंक चले गये,,,,भुआ बुटीक चली गयी और साथ मे माँ को भी ले
गयी,,,,,,मुझे नाश्ता बना दिया था पहले ही,,,,,अब घर पर मैं और मामा थे,,,,मैं
मामा से बात करना चाहता था कि आख़िर उस दिन गाँव मे क्या हुआ था,,,,,मामा मेरे साथ ही
बैठकर टीवी देख रहा था,,,,इस से पहले मैं कोई बात शुरू करता मामा वहाँ से उठकर
चला गया,,,,फिर मैं अकेला ही रह गया घर मे,,,,
कॉलेज से आते टाइम सोनिया माँ को साथ लेके आ गयी थी,,,,फिर दोपेहर का खाना खाया और
सो गया,,,,,आज रात मैं भुआ के रूम मे सोया था,,,,क्यूकी मुझे सोनिया के साथ और सोनिया
को मेरे साथ सोने मे डर जो लगता था,,,,,
फिर 3-4 दिन ऐसे ही निकल गये,,,,सब लोग घर से चले जाते,,,,,माँ भुआ के साथ,,,डॅड
बॅंक ,,,,मामा पता नही कहाँ जाता था,,,,और सोनिया भी कॉलेज,,,,,ना तो सोनिया से बात हो
रही थी मेरी,,,,,मैं उस से पूछना चाहता था कि आख़िर वो मेरी और कविता की शादी के
बात पर इतनी उदास क्यूँ हो जाती थी,,,,और ना ही मामा से पूच सका इतने दिन की गाँव मे
क्या पंगा हुआ था,,,,क्यूकी माँ ने तो सीधे सीधे बताने से ही मना कर दिया था,,बोला था
जब टाइम आएगा तब बता दूँगी,,,लेकिन साला टाइम आएगा कब,,,,,,
आज सब लोग शाम को टीवी देख रहे थे,,,,,,डॅड भी बॅंक से जल्दी आ गये थे,,,,भुआ भी
जल्दी आ गयी थी बुटीक से,,,,कोई 4-5 बजे का टाइम रहा होगा,,,,मैं भी वहीं बैठा
हुआ था और सोनिया भी,,,,,,
अशोक,,,,,,,,तो सरिता कुछ बात बनी कविता के भाई के साथ या नही,,,कब आ रहा है वो
शादी की बात करने,,,,,,या तुम बोलो तो हम लोग चलते है उनके घर बात करने,,,,,
सरिता,,,,,,,जी मैने उस दिन सूरज को बोला था,,,,उसने अपनी माँ से बात करके फिर उनको
साथ लेके आने को बोला था,,,,,देखते है 2-3 दिन फिर मैं बात करती हूँ सूरज से,
मैने सोनिया की तरफ देखा तो सोनिया फिर से उदास हो गयी थी,,,,,,मैं उसके उदास चहरे की
तरफ देख रहा था और भुआ मुझे सोनिया की तरफ देखते हुए देख रही थी
तभी सब लोग एक दम चुप हो गये,,,,टीवी पर अमित के केस की लाइव न्यूज़ आ रही थी,,,इधर
न्यूज़ शुरू हुई ही थी कि मेरा फोन बजने लगा,,,ये फोन था ख़ान भाई का,,,,
मैने फोन कान पर लगाया और थोड़ा दूर हटके बात करने लगा,,,मैने देखा कि पोलीस
वाले अमित और उसके दोस्तो को हथकड़ी लगा कर कोर्ट से बाहर ले जा रहे थे,,,,अमित के
साथ साथ अमित का बाप मिस्टर सेठी भी था,,,और उनके पीछे ही सुरेश का बाप भी था जिसको
हथकड़ी लगी हुई थी,,,,
ख़ान भाई फोन पर बहुत खुश थे,,,,उन्होने बताया कि अमित और उसके दोस्तो के खिलाफ जो
सबूत थे उनकी हेल्प से अमित और उसके दोस्तो को उमर क़ैद की सज़ा हुई है,,,,उन लोगो पर
लड़कियों के रेप की और लड़कियों को ख़ुदकुशी के लिए उकसाने की धारा लगी है,,,,जबकि
अमित के बाप पर सबूतों से छेड़खानी करने का और अपनी पॉवर का ग़लत इस्तेमाल करने
का आरोप लगा है और उसको 8 साल की सज़ा हुई है,,,,सुरेश का बाप सरकारी गवाह बन गया
था इसलिए उसको कम सज़ा हुई है,,,,,सुरेश के बाप को 3 साल की सज़ा हुई थी,,,,,
अमित के बाप को भले ही सज़ा 8 साल की हुई थी लेकिन एक बार सज़ा होते ही ख़ान भाई को
यकीन था कि अब सीबीआइ बाकी के पेंडिंग केस पर भी काम शुरू कर देगी जो सेठी पर दर्ज
है,,,,अब सेठी जल्दी जैल से बाहर आने वाला न्ही,,,,
मैं ख़ान भाई की बात सुनकर बहुत खुश हुआ,,,,,जो जंग मैने और ख़ान भाई ने शुरू की
थी वो हम लोग जीत गये थे,,,,
मैने फोन बंद किया और सोफे पर जाके बैठ गया,,,,सब लोग बहुत खुश थे,,,,टीवी पर अमित
और बाकी लोगो की न्यूज़ और उनकी सज़ा के बारे मे सुनकर घर वाले खुश हो गये थे,,,
तभी डॅड मेरे करीब आ गये और मुझे सोफे से खड़ा करके अपनी बाहों मे भर लिया और ज़ोर
से अपने सीने से लगा लिया,,,,,,मुझे हल्का दर्द हुआ और मेरी आह निकल गयी,,,,गोली का
जखम अभी इतनी जल्दी भरने वाला नही था,,,,और डॅड ने भी खुशी के मारे मुझे पूरी
जान लगा कर बाहों मे भर लिया था,,,,
ये हुई ना बात,,,,मेरा बेटा जंग जीत गया,,,,आज मुझे बहुत फक़्र है तुझ पर बेटा,,,,तेरी
वजह से ऐसे घटिया लोगो को सज़ा हुई है,,,सच मे बड़ी खुशी हो रही है आज मुझे
बेटा,,,,,अब लग रहा है मेरा बेटा बड़ा हो गया है,,,,,अब तो जल्दी से शादी करवा दूँगा
तेरी कविता से,,,,,बोल करेगा ना शादी कविता से,,,,
तभी माँ भी सोफे से उठी,,,,इसका बस चले तो आज ही शादी करले से कविता से लेकिन आप
इसकी जान निकालने पर क्यूँ तुले हुए हो,,,,,इतनी ज़ोर से सीने से क्यूँ लगा रहे हो,,,,दर्द हो
रहा होगा मेरे बचे को,,,,चलो छोड़ो अब,,,,,
माँ ने शायद मेरी दर्द से निकली हुई आह सुन ली थी जब डॅड ने मुझे बाहों मे भरा था
अरे सरिता शेर है मेरा बेटा शेर,,,,और इतनी छोटे छोटे जख़्मो से शेरो को दर्द नही
होता ,,,,क्यूँ सन्नी बेटा ठीक बोला ना मैने,,,,,
मैं कुछ नही बोला बस हां मे सर हिला दिया,,,,
सरिता अब तो जल्दी से बस सूरज से बात करो,,,,अब तो जितनी जल्दी हो इसकी शादी करवाओ
कविता के साथ,,,,डॅड खुशी मे बार बार मेरी और कविता की शादी की बात कर रहे थे
लेकिन सोनिया खुश नही थी,,,मेरी और कविता की शादी की बात सुनके,,,वो थोड़ी उदास थी,
तभी मेरे से उसकी उदासी देखी नही गयी,,,,और मैं डॅड को बोलने लगा,,,,,
डॅड शादी की बात बाद मे लेकिन उस से पहले मुझे आपसे एक ज़रूरी बात करनी है,,,जब
मैने ज़रूरी बात बोली तो मामा और भुआ मेरी तरफ देखने लगे,,,,और माँ भी कुछ परेशान
हो गयी,,,क्यूकी उनको लगा था मैं उनसे गाँव वाली बात पूछने लगा हूँ लेकिन मैं तो कोई
और बात करने वाला था,,,,
हां हां बेटा बोलो क्या ज़रूरी बात करनी है,,,,,,अब तो तुम कुछ भी बोल सकते हो बेटा